marathi sex भैया का लंड बहुत आनंद

Discover endless marathi sex story and novels. Browse marathi sex stories,hindi adult, Marathi katha,erotic stories. Visit theadultstories.com
User avatar
Fuck_Me
Platinum Member
Posts: 1107
Joined: 15 Aug 2015 09:05

marathi sex भैया का लंड बहुत आनंद

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:32

हाय दोस्तों मैं पूजा आप सब के लिए अपने भैया के लंड की प्राप्ति की प्रसिद्ध और लंडवर्धक कहानी लेकर आई हूं। मैं शरमीली स्वभाव की एक छोटे शहर में रहने वाली लड़की हूं। पापा क्लर्क हैं और इसलिए घर में सिर्फ दो कमरे हैं। एक मम्मी पापा के और एक मेरे और मेरे भाई आकाश के। वो मुझसे दो साल बड़ा है और हम दोनों हम उम्र लगते हैं। इस बार मैं अठारह की हुई और वो बीस का हो गया था। मैं और वो एक छोटे से कमरे में सोते थे, अक्सर डबल बेड था उसमें पर बेड के अलावा कुछ और जगह ही नहीं थी। वो एक कोने पर और मैं दूसरे कोने पर।

एक दिन मेरी नींद खुली तो लाईट जलती छोड़ के वो सो गया था, उसके पैंट को मैने ऐसे तना हुआ पाया जैसे कि उसमे कोई सांप फन मारे खड़ा हो। पता है, मुझे इस सब का कोई पता न था कि उसमें क्या होता है। मैं लड़कों के फिजिओलाजी के बारे में कुछ नहीं जानती थी, इसलिए मैने अपने भाई की लुंगी हटाके सच में ये देखने की कोशिश की कि उसमें कुछ घुसा तो नहीं है। और जब मैने उसकी लुंगी उपर उठाई तो जो नजारा देखा वो मैं देखते ही रह गयी।
उसके टांगों के बीचो बीच सांप जैसा कुछ लगभग आठ इंच का मोटा सा, खड़ा था। मैं तो अपना जानती थी कि मेरी टांगो के बीच एकदम सुराख है, जिसकी बनावट मुझे बड़ी अजीब लगती थी क्योंकि मैने किसी और लड़की की बुर की बनावट न देखी थी। मैने अपनी स्कर्ट उठा कर पैंटी को बाहर निकाला और वहीं बेड पर बैठे बैठे उसके और अपने अंगों की तुलना करने लगी।
मैने देखा कि जहां मेरी टांगों के बीच सुराख था, वहीं उसके टांगों के बीच एक दम मोटा फनकार था। मैं तो दंग थी मैने पहले अपनी चूत सहलाई और फिर जब कुछ कुछ होने लगा, तो मैने अचानक से अपनी भगनाशा को दबा दिया। वो एकदम से कड़ी होकर बंदूक के घोड़े की तरह हो गयी।
चूत को सहलाया लंड को हिलाया
मैने धीरे से अपने चूत में एक उंगली घुसाई और भाई के लंड को पकड़ने की इच्छा में हल्के से एक हाथ से उसे दबोच लिया। आकाश खर्राटे ले रहा था और इसलिए मेरे को कोई दिक्कत नहीं थी। इस लिए मैने उसके लंड को पकड़ कर देखा। कितना सख्त और कितना अजीब था, वो लड़कियों को ये क्यों नहीं होता, ये सोच कर मैने उसको सूंघा, उससे अजीब खूश्बू आ रही थी, सोंधी सोंदी, मैने सोचा कि अगर मैं इसे अपने मुह में ले लूं तो कैसा रहेगा और बस मैने अपनी जीभ निकाल कर लंड के मुहाने की चमड़ी हटा, सुपाड़े के छेद पर अपनी जीभ लगाई।
मुझे अच्छा लगा, लंड की खूश्बू मेरे नथुनों में होती हुई मेरे दिमाग में उतरती हुई मुझे दीवाना कर रही थी। लंड के सुपाड़े पर जीभ फिराने के दौरान मुझे उसको आइसक्रीम की तरह अंदर लेने की इच्छा हुई और मैने पकड़े पकड़े अंदर कर लिया। आह्ह्ह!! मस्त लगा मुझे तो, कि तभी आकाश जग गया
“ ये क्या कर रही हो, आह्ह्ह!! बहन प्लीज ऐसा ना करो” आकाश ने कहा, पर मुझे तो चुदवास चढ चुकी थी, मुझे कुछ पता ना था कि मैं क्या कर रही हूं, तो मैने उसके लंड को और अंदर चूस लिया और उसके उपर बैठ गयी। मैने अपनी गांड उसके सीने पर रख कर अपना मुह उसके लंड की तरफ करके, बैठ गयी, जिससे कि उसके लंड को बिना रोक टोक चूस सकूं।
मैने नि: संकोच उसके लंड को अपने मुह में लेकर लालीपाप बना दिया और अब मेरे भाई को चढती चुदास के चलते वो एक हाथ से लेटे लेटे पीछे से हाथ लाकर मेरे चूंचों को दबोच लिया। अब मैने महसूस किया कि मेरे शरीर में 440 वोल्ट का करंट दौड़ रहा है। मैने अपनी गांड उसके मुह की ओर सरकाते हुए अपना पिछवाड़ा उठा कर उसके मुह पर रख दिया। माई गाड!! मैने ये क्या कर दिया।
जैसे ही मैने उसके मुह पर चूत और गांड रखी, ये परफेक्ट 69 पोजिशन हो गयी। उसने मेरे चूत के अंदर जीभ घुसा के उसकी हर इंच की शिनाख्त करी। आह्ह!! भैया, प्लीज करो ना मजा आ रहा है। और मैने उसके लंड समेत उसके अंडकोष को भी अपने मुह में ले लिया। वो एकदम चुदवास गया था कि मैने उसको कहा कि भाई अब मुझे पागलपन चढ रहा है।
उसने मुझे पलट दिया। मेरे उपर वो आ गया था, और अब उसके होट मेरे होटों को चूस रहे थे, पर मैं तो लगभग उनको काट रही थी, बिल्कुल फिल्मों की तरह से। भाई ने मेरी बिना बाल की बुर वाली सफाचट मैदान पर लंड को रगड़ते हुए सही पोजिशन पर किया। मुझे अपने दोनों हाथों से मजबूती से दबोचा और अपनी कमर को नचाते हुए अपना मोटा लंड मेरे छोटे छेद में डालने लगा।
वो मस्ती के साथ मेरे को चोदने जा रहा था पर मुझे अब डर लग रहा था, हाय अब मेरे इस छोटे से छेद मे इतना बड़ा लंड जाएगा क्या? मैं ये सब पहली बार कर रही थी, कि मुझे दर्द होने लगा। मैं चिल्लाई तो उसने उठ कर मेकप बाक्स से वैसलीन निकाल कर अपने लंड के सुपाड़े और मेरी चूत की फांकों पर मल दिया। फिर अपना लंड छेद पर साधते हुए जोरदार धक्के लगाते हुए उसने एक ही बार में मेरा मुह दब्बोच कर मेरी कंवारेपन को खतम कर दिया।
उसने मुझे कली से फूल बना दिया था, मुझे एक दम से एक नया रुप दे दिया था। मेरी कमर को पकड़ कर उपर उठाते हुए उसने अपने लंड से जोरदार धक्के मार ने शुरु किये और मैं आंखो को बंद किये इन पेलाई का मजा लेती रही। भैया ने मुझे उस रात चार बार चोदा और मैने चार बार उसके लंड को देसी मुखमैथुन का मजा दिया। इस बार वो आराम से पेलता हुआ मेरे तीनों छेदों को चोद रहा था।
.......................................

A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.

Post Reply