Re: Hindi Romantic, suspense Novel - ELove ( ई लव)
Posted: 12 Jan 2017 10:48
Elove ch-37 रेड
Inspirational thoughts -
If you can imagine it, you can achieve it; if you can dream it, you can become it.
William Arthur Ward
पुलिसकी एक गाडी आकर एक सायबर कॅफेके सामने रुकी. गाडीसे एक इन्स्पेक्टर चार पाच हवालदारोंको साथमें लेकर सायबर कॅफेकी तरफ चलने लगा. वे हवालदार उसके अगले आदेशकी राह देखते हूए उसके पिछे पिछे चलने लगे. इन्स्पेक्टर सायबर कॅफेमें घूस गया और उसके पिछे वे चार हवालदारभी कॅफेमें घुस गए. पहले वे रिसेप्शन काऊंटरपर रुके. रिसेप्शन काऊंटरपर बैठा स्टाफ एकदम इतने पुलिसको देखकर हडबडाकर उठ खडा हूवा.
'' यस सर... '' उस स्टाफके मुंहसे मुश्कीलसे निकला.
इन्स्पेक्टरने उससे कुछ ना बोलते हूए उसके सामने रखा लॉग रजिस्टर उठाया और उसमें वह कुछ खोजनेकी कोशीश करने लगा.
'' क्या हुवा साब?'' वह स्टाफ फिरसे हिम्मत करके बोला.
इन्स्पेक्टरने गुस्सेसे सिर्फ उसकी तरफ देखा, वैसे वह सहम गया और चुप होगया. इन्स्पेक्टर लॉगबुकमें एक एक एन्ट्री ठिकसे देखने लगा. एक जगह इन्स्पेक्टरकी रजीस्टरपर दौडती उंगली रुक गई और आंखोकी पुतलीयांभी स्थिर हो गई. उस एन्ट्रीमें नाम के रकानेमें 'विवेक सरकार' ऐसा लिखा हुवा था. इन्स्पेक्टर मन ही मन मुस्कुराया. उसे शायद ब्लॅकमेलरने सब सावधानी बरतनेके बावजुद वह अब पकडा जाने वाला है इस बातकी हंसी आ रही होगी. इन्स्पेक्टर उस एन्ट्रीके सामने दी सारी जानकारी पढते हूए बोला,
'' सतरा नंबर किधर है ?''
'' आवो मेरे साथ... मै तुम्हे उधर ले जाता हूं '' वह स्टाफ इन्स्पेक्टरको एक तरफ ले जाते हुए बोला. वह सायबर कॅफेका स्टाफ आगे आगे और इन्स्पेक्टर अपने साथीयोंके साथ उसके पिछे पिछे चल रहे थे.
चलते हूए एक जगह रुककर उस स्टाफने एक बंद कॅबिनका दरवाजा धकेलकर खोला. सब पुलिस अब गुनाहगारको पकडनेके तैयारीमें थे. लेकिन कॅबिन खोलतेही जब उन्होने कॅबिनके अंदर देखा, उनके चेहरे खुलेकी खुलेही रह गए. क्योंकी कॅबिन खाली थी. कॅबिनमें कॉम्प्यूटर शुरु था लेकिन कॅबिनमें कोई नही था. इन्स्पेक्टरने चारो हवालदारोंको कॅफेमें चारो तरफ उस गुनाहगारको ढुंढनेके लिए भेजा.
इन्स्पेक्टर और चारो हवालदारोंने काफी समय तक सारा कॅफे और कॅफेके आसपासका इलाका छान मारा . लेकिन कुछभी हाथ नही लगा. गुनाहगार अब उनके कब्जेमें आनेवाला नही है इसकी तसल्ली होतेही इन्स्पेक्टरने मोबाईल लगाया,
'' सर आय थींक वुई वेअर लेट बाय फ्यू सेकंड्स ... हि हॅज एस्केप्ड... आय ऍम सॉरी... हम उसे पकड नही पाए ''
इन्स्पेक्टर कंवलजीत मोबाईलपर बोल रहे थे और उनके आसपास अंजली, शरवरी और वे दो कॉम्प्यूटर एक्स्पर्टस बडी आशासे क्या हुवा यह सुननेका प्रयास कर रहे थे.
'' शिट ... एस्केप्ड... '' इन्स्पेक्टर झुंझलाए.
और कुछ पल कुछतो सोचनेजैसा करनेके बाद वह मोबाईलपर बोले,
'' अब एक काम करो ... वहांसे उसके फिंगर प्रिट्स लो ... जिस कॉम्प्यूटरपर वह बैठा था उसके फोटोग्राफ्स लो ... ऍन्ड सी द हिस्ट्री लॉग ऑफ द कॉम्प्यूटर''
'' यस सर '' उधरसे जवाब आया.
इन्सपेक्टरने मोबाईल डिस्कनेक्ट किया और निराशासे अंजलीकी तरफ देखते हूए उसे किस तरह कहां जाए यह सोचने लगे.
'' द ब्लडी बास्टर्ड हॅज एस्केप्ड...'' उन्होने कहा.
लेकिन उनके बातचित और हावभावसे कमरेमें उपस्थित सारे लोग यह बात पहलेही समझ चुके थे.
Inspirational thoughts -
If you can imagine it, you can achieve it; if you can dream it, you can become it.
William Arthur Ward
पुलिसकी एक गाडी आकर एक सायबर कॅफेके सामने रुकी. गाडीसे एक इन्स्पेक्टर चार पाच हवालदारोंको साथमें लेकर सायबर कॅफेकी तरफ चलने लगा. वे हवालदार उसके अगले आदेशकी राह देखते हूए उसके पिछे पिछे चलने लगे. इन्स्पेक्टर सायबर कॅफेमें घूस गया और उसके पिछे वे चार हवालदारभी कॅफेमें घुस गए. पहले वे रिसेप्शन काऊंटरपर रुके. रिसेप्शन काऊंटरपर बैठा स्टाफ एकदम इतने पुलिसको देखकर हडबडाकर उठ खडा हूवा.
'' यस सर... '' उस स्टाफके मुंहसे मुश्कीलसे निकला.
इन्स्पेक्टरने उससे कुछ ना बोलते हूए उसके सामने रखा लॉग रजिस्टर उठाया और उसमें वह कुछ खोजनेकी कोशीश करने लगा.
'' क्या हुवा साब?'' वह स्टाफ फिरसे हिम्मत करके बोला.
इन्स्पेक्टरने गुस्सेसे सिर्फ उसकी तरफ देखा, वैसे वह सहम गया और चुप होगया. इन्स्पेक्टर लॉगबुकमें एक एक एन्ट्री ठिकसे देखने लगा. एक जगह इन्स्पेक्टरकी रजीस्टरपर दौडती उंगली रुक गई और आंखोकी पुतलीयांभी स्थिर हो गई. उस एन्ट्रीमें नाम के रकानेमें 'विवेक सरकार' ऐसा लिखा हुवा था. इन्स्पेक्टर मन ही मन मुस्कुराया. उसे शायद ब्लॅकमेलरने सब सावधानी बरतनेके बावजुद वह अब पकडा जाने वाला है इस बातकी हंसी आ रही होगी. इन्स्पेक्टर उस एन्ट्रीके सामने दी सारी जानकारी पढते हूए बोला,
'' सतरा नंबर किधर है ?''
'' आवो मेरे साथ... मै तुम्हे उधर ले जाता हूं '' वह स्टाफ इन्स्पेक्टरको एक तरफ ले जाते हुए बोला. वह सायबर कॅफेका स्टाफ आगे आगे और इन्स्पेक्टर अपने साथीयोंके साथ उसके पिछे पिछे चल रहे थे.
चलते हूए एक जगह रुककर उस स्टाफने एक बंद कॅबिनका दरवाजा धकेलकर खोला. सब पुलिस अब गुनाहगारको पकडनेके तैयारीमें थे. लेकिन कॅबिन खोलतेही जब उन्होने कॅबिनके अंदर देखा, उनके चेहरे खुलेकी खुलेही रह गए. क्योंकी कॅबिन खाली थी. कॅबिनमें कॉम्प्यूटर शुरु था लेकिन कॅबिनमें कोई नही था. इन्स्पेक्टरने चारो हवालदारोंको कॅफेमें चारो तरफ उस गुनाहगारको ढुंढनेके लिए भेजा.
इन्स्पेक्टर और चारो हवालदारोंने काफी समय तक सारा कॅफे और कॅफेके आसपासका इलाका छान मारा . लेकिन कुछभी हाथ नही लगा. गुनाहगार अब उनके कब्जेमें आनेवाला नही है इसकी तसल्ली होतेही इन्स्पेक्टरने मोबाईल लगाया,
'' सर आय थींक वुई वेअर लेट बाय फ्यू सेकंड्स ... हि हॅज एस्केप्ड... आय ऍम सॉरी... हम उसे पकड नही पाए ''
इन्स्पेक्टर कंवलजीत मोबाईलपर बोल रहे थे और उनके आसपास अंजली, शरवरी और वे दो कॉम्प्यूटर एक्स्पर्टस बडी आशासे क्या हुवा यह सुननेका प्रयास कर रहे थे.
'' शिट ... एस्केप्ड... '' इन्स्पेक्टर झुंझलाए.
और कुछ पल कुछतो सोचनेजैसा करनेके बाद वह मोबाईलपर बोले,
'' अब एक काम करो ... वहांसे उसके फिंगर प्रिट्स लो ... जिस कॉम्प्यूटरपर वह बैठा था उसके फोटोग्राफ्स लो ... ऍन्ड सी द हिस्ट्री लॉग ऑफ द कॉम्प्यूटर''
'' यस सर '' उधरसे जवाब आया.
इन्सपेक्टरने मोबाईल डिस्कनेक्ट किया और निराशासे अंजलीकी तरफ देखते हूए उसे किस तरह कहां जाए यह सोचने लगे.
'' द ब्लडी बास्टर्ड हॅज एस्केप्ड...'' उन्होने कहा.
लेकिन उनके बातचित और हावभावसे कमरेमें उपस्थित सारे लोग यह बात पहलेही समझ चुके थे.