लंड बाहर निकालकर उसने देखा की ढेर सारा खून भी उस रस में शामिल था...
जो कामिनी के कुंवारेपन का सबूत था.
दोनो बाथरूम में गये और अच्छे से एक दूसरे के अंगो को सॉफ किया..
करीब आधे घंटे बाद कामिनी के नंगे जिस्म को अपनी बाहों मे लेकर अपने बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ था
अब उसे अपने दिल में उठ रहे उन सभी सवालों के जवाब लेने थे जो उसे काफी समय से परेशान कर रहे थे
कुणाल : "मुझे एक बात समझ नही आ रही कामिनी...तुम मुझसे आज ही मिली हो....और पहली ही बार में तुमने अपने आप को मेरे सुपुर्द कर दिया...अपनी वर्जिनिटी मुझे सौंप दी''
कामिनी ने मुस्कुराते हुए उसे देखा और बोली : "किसने कहा की मैं तुमसे आज ही मिली हूँ .... मैने तो तुम्हे अक्सर उस बार में देखा है...एक कोने में आकर बैठ जाते हो अपने दोस्त के साथ और चुपचाप बियर पीकर निकल जाते हो....कभी ये देखने की कोशिश भी नही की की कोई तुम्हे भी देख रहा है...और सच कहूं मुझे तो तुम्हे देखकर पहली बार में ही लव हो गया था...मेरी सहेली है ना रजनी , वो जो मेरे साथ कार्ड गेम खेल रही थी, ये उसी का आइडिया था...उसके बर्थडे पर हमने शोर मचाकर तुम्हारा ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया....मुझे अपनी खूबसूरती का एहसास है और इतना कॉन्फिडेंस तो है ही की एक बार जो मुझे देख ले तो अपनी नज़रें मुझसे दूर नही रख सकता...इसलिए तुमने जब मुझे देखा तो बार-2 देखने लगे...और फिर हमने वो गेम प्लान की ताकि तुम्हे किस्स करके मैं रिझा सकूँ ...''
इतना कहकर वो चुप हो गयी..
कुणाल का चेहरा देखने लायक था उसके बाद...
यानी वो जिसे अभी तक इत्तेफ़ाक़ समझ रहा था वो उसकी सोची समझी चाल थी...
पर जो भी थी, उसे इस बात का ज़रा भी बुरा नही लग रहा था...
आख़िर एक लड़की ने अपनी भावना को व्यक्त करने का जो तरीका सही समझा उसने वो वही किया...
इस बात से साबित होता है की वो कितने खुले विचारो की है..
कामिनी : "और सच कहूं ..तुम्हे देखने से पहले मैने अपने आप को किसी से टच भी नही करवाया था...एक दो लड़कों ने गुस्ताख़ी की थी, पर उनके हाथ तोड़कर रख दिए थे मैने...उसके बाद किसी की हिम्मत नही हुई थी मुझसे पंगा लेने की...इनफॅक्ट मैने तो पहली बार किस्स भी आज ही किया...''
कुणाल ये सब सुनकर हैरान हो रहा था...
उसने तो उसे मन में चालू और ना जाने क्या-2 सोच लिया था...
और ये कामिनी तो अपने पहली नज़र के प्यार के लिए ये सब कर रही थी...
कुणाल : "पर...ये ये मेरे साथ ही क्यों...और ये फकिंग...इसकी क्या ज़रूरत थी...और वो भी पहली ही बार में ...''
कामिनी : "मैने तो मन में तुम्हे अपना सब कुछ मान लिया है..इनफॅक्ट मैं तो तुमसे शादी भी करना चाहती हूँ ..पर ... ये तुमपर डिपेंड करता है...मैं कोई दबाव नही बना रही तुमपर...और रही बात इस फकिंग की तो ये भी मैने आज गेम में हारकर ही करवाई है...तुम्हे याद है वो डेयरिंग वाली गेम ...जिसमें आज मैं हार गयी थी...वो इसलिए ही थी की मैं हारने के बाद तुमसे फकिंग करवाउंगी ...''
कुणाल हैरान रह गया...
की कैसे सिर्फ़ एक गेम के लिए उसने अपनी चूत की बाजी लगा दी ...
हालाँकि इसके पीछे उसका प्यार भी शामिल था, पर कोई लड़की अपना कुँवारापन भला कैसे दाँव पर लगा सकती है...
इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता था की ये जुआ उसकी लाइफ में कितना महत्व रखता है...
कामिनी ने उसके चेहरे के भाव पड़ लिए और बोली : "तुम इस बात को लेकर इतना परेशान मत हो जाओ....हमे एक दूसरे को सोचने और समझने के लिए अभी पूरी लाइफ पड़ी है....लेकिन आज जो मौका हमे मिला है पहले उसका अच्छे से इस्तेमाल तो कर ले...''
इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से कुणाल के लंड को अपनी गिरफ़्त में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया...
और कुणाल अपनी आँखे बंद करके कराहते हुए यही सोचने लगा की एक ही रात में इस लड़की ने उसके दिमाग़ के सारे फ्यूज़ उड़ा कर रख दिए है...
आगे पता नहीं और क्या-2 देखने को मिलेगा..
रात भर कामिनी वहीं रही...
और पूरी रात वो एक दूसरे के नंगे जिस्मों का आनंद लेते रहे...
जब मन करता चुदाई शुरू कर देते और जब मन करता सकिंग.
सुबह एक साथ नहाते हुए भी जोरदार चुदाई की उन्होने...
कामिनी को दीवार के सहारे खड़ा करके बाथरूम में उसकी चूत मारते हुए जब कुणाल ने उसकी बाहर निकली हुई गांड को देखा तो उसने उसे पकड़ कर ज़ोर से भींच दिया...
उसकी हमेशा से यही फेंटसी रही थी की ऐसी भरे कूल्हे वाली लड़की को वो नंगा करके चोदे और मौका मिले तो उसकी गांड भी मारे
कुणाल ने अपनी उंगली जैसे ही उसकी गांड के छेद पर लगाई वो उछल पड़ी और बोली : "ओये मिस्टर....इतनी जल्दी क्या है वो दूसरा दरवाजा खोलने की...पहले जी भरकर इस दरवाजे के तो मज़े ले लो...''
कुणाल मुस्कुरा दिया...
यानी कामिनी को कोई प्राब्लम नही थी अपनी गांड मरवाने में भी...
ऐसी मस्त गांड मारने में कितना मज़ा आएगा, ये सोचते हुए वो और ज़ोर लगाकर उसकी चूत का बेंड बजाने लगा..
नहा धोकर दोनो बाहर आए, कपड़े पहने और कामिनी ने दोनो के लिए नाश्ता बनाया जो सच में काफ़ी स्वादिष्ट था..
कुणाल को तो उसकी हर अदा पर उससे प्यार होता जा रहा था.उसने तभी डिसाईड कर लिया की वो शादी करने के लिए हर लिहाज से परफेक्ट है, इसलिए उसने भी अपनी तरफ से हाँ कर दी.
पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma
Re: पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma
ऑफीस जाते हुए उसने कामिनी को उसके घर छोड़ दिया...
रास्ते में उसने बताया की वो जयपुर की रहने वाली है और दिल्ली में एमबीए करने आई हुई है...
उसकी सहेली रजनी मिज़ोरम की रहने वाली है और दोनों ने एक फ्लॅट लिया हुआ था जहा वो मिलकर रहती थी.
शाम को फिर से मिलने का वादा करके कुणाल वहां से निकल आया.
दिन भर उन दोनो की मोबाइल पर बात भी होती रही...
शाम होते-2 एक जोरदार चुदाई का प्रोग्राम पहले से ही बन चुका था इसलिए ऑफीस से निकलते ही वो सीधा उसके घर पहुँच गया..
पर वो इस बात से अंजान था की एक के बाद दूसरे दिन भी उसे अपनी लाइफ का एक बहुत बड़ा झटका मिलने वाला है..
कामिनी के घर का दरवाजा खुला हुआ मिला उसे...
कामिनी को आवाज़ देता हुआ वो दरवाजा धकेल कर अंदर आ गया पर उसे कामिनी नही दिखी...
अंदर वाले बेडरूम से कुछ आवाज़ें आ रही थी जिनका पीछा करते हुए वो वहां पहुँचा...
और जैसे ही वो अंदर पहुँचा, उधर का नज़ारा देखकर उसकी आँखे फटी रह गयी.
कामिनी पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी..
उसके दोनो हाथ पलंग से बँधे थे और उसकी आँखो पर पट्टी थी.
और उसकी टाँगो के बीच एक दूसरी लड़की थी जो उसकी चूत को किसी सॉफ्टी की तरह चूस रही थी.
कुणाल को समझते देर नही लगी की वो रजनी है.
कुणाल के मुँह से सिर्फ़ यही निकला : "वॉट...वॉट द फ़क्क इस गोयिंग ओंन...''
उसकी आवाज़ सुनकर रजनी बड़े प्यार से उसकी तरफ पलटी और मुस्कुराते हुए बोली : "अब ये भी तुम्हे बताना पड़ेगा की क्या चल रहा है यहाँ....हे हे..''
कामिनी के तो हाथ बँधे थे और आँखो पर भी पट्टी थी..
पर कुणाल के आने का एहसास उसे भी हो चुका था और मज़े की बात ये थी की रजनी की तरह वो भी एकदम निश्चिंत थी...इस तरहा से पकड़े जाने का डर उसमे भी दिखाई नही दे रहा था.
वो बोली : "कुणाल डार्लिंग....आई थॉट हमारे रीलेशन में सब क्लियर होना चाहिए...इसलिए तुम्हे मैं अपना ये सीक्रेट भी शेयर कर रही हूँ ...आई एम बाईसेक्सुअल ....मुझे लड़के भी पसंद है और लड़किया भी...और यही दिखाने के लिए मैने तुम्हे आज यहां बुलाया है...अगर तुम्हे ये पसंद है तो ठीक वर्ना चॉयस इस योर्स...''
इतना कहकर उसने इशारा करके फिर से रजनी को अपनी चूत चाटने को कहा.
और बेचारा कुणाल , हक्का बक्का सा होकर उन दोनो का ये कारनामा देख रहा था..
वैसे उसे भी लेसबीएन सैक्स वाली गंदी मूवीस देखने का शोंक था...
पर वो उसे अपनी पहली गर्लफ्रेंड या यूँ कहलो की होने वाली पत्नी के द्वारा ही देखने को मिल जाएगी ये तो उसने सोचा भी नही था...
और ये सब दिखाने के लिए कामिनी ने पहले से ही दरवाजा खोल कर रखा था उसके लिए...
ताकि वो आए और कामिनी का ये चेहरा भी देख सके..
कितनी आसानी से कामिनी ने अपनी लाइफ का ये सच उसके सामने ला दिया था.
कुणाल ने सोचा की इसमे कोई बुराई तो है नही...
क्योंकि जब वो उससे चुदवा रही थी तो वो पूरी तरह से मज़े ले रही थी और अब अपनी सहेली के साथ भी वो उसी अंदाज में मज़े ले रही है जैसे कल रात भर उससे लिए थे...
इसलिए उसने सोचा की जब उसे मिलने वाले मज़े में कोई कमी नही थी तो उसे तो कोई प्राब्लम होनी ही नही चाहिए...
क्योंकि ये लेस्बियन वाला खेल तो उसे भी पसंद था..
रास्ते में उसने बताया की वो जयपुर की रहने वाली है और दिल्ली में एमबीए करने आई हुई है...
उसकी सहेली रजनी मिज़ोरम की रहने वाली है और दोनों ने एक फ्लॅट लिया हुआ था जहा वो मिलकर रहती थी.
शाम को फिर से मिलने का वादा करके कुणाल वहां से निकल आया.
दिन भर उन दोनो की मोबाइल पर बात भी होती रही...
शाम होते-2 एक जोरदार चुदाई का प्रोग्राम पहले से ही बन चुका था इसलिए ऑफीस से निकलते ही वो सीधा उसके घर पहुँच गया..
पर वो इस बात से अंजान था की एक के बाद दूसरे दिन भी उसे अपनी लाइफ का एक बहुत बड़ा झटका मिलने वाला है..
कामिनी के घर का दरवाजा खुला हुआ मिला उसे...
कामिनी को आवाज़ देता हुआ वो दरवाजा धकेल कर अंदर आ गया पर उसे कामिनी नही दिखी...
अंदर वाले बेडरूम से कुछ आवाज़ें आ रही थी जिनका पीछा करते हुए वो वहां पहुँचा...
और जैसे ही वो अंदर पहुँचा, उधर का नज़ारा देखकर उसकी आँखे फटी रह गयी.
कामिनी पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी..
उसके दोनो हाथ पलंग से बँधे थे और उसकी आँखो पर पट्टी थी.
और उसकी टाँगो के बीच एक दूसरी लड़की थी जो उसकी चूत को किसी सॉफ्टी की तरह चूस रही थी.
कुणाल को समझते देर नही लगी की वो रजनी है.
कुणाल के मुँह से सिर्फ़ यही निकला : "वॉट...वॉट द फ़क्क इस गोयिंग ओंन...''
उसकी आवाज़ सुनकर रजनी बड़े प्यार से उसकी तरफ पलटी और मुस्कुराते हुए बोली : "अब ये भी तुम्हे बताना पड़ेगा की क्या चल रहा है यहाँ....हे हे..''
कामिनी के तो हाथ बँधे थे और आँखो पर भी पट्टी थी..
पर कुणाल के आने का एहसास उसे भी हो चुका था और मज़े की बात ये थी की रजनी की तरह वो भी एकदम निश्चिंत थी...इस तरहा से पकड़े जाने का डर उसमे भी दिखाई नही दे रहा था.
वो बोली : "कुणाल डार्लिंग....आई थॉट हमारे रीलेशन में सब क्लियर होना चाहिए...इसलिए तुम्हे मैं अपना ये सीक्रेट भी शेयर कर रही हूँ ...आई एम बाईसेक्सुअल ....मुझे लड़के भी पसंद है और लड़किया भी...और यही दिखाने के लिए मैने तुम्हे आज यहां बुलाया है...अगर तुम्हे ये पसंद है तो ठीक वर्ना चॉयस इस योर्स...''
इतना कहकर उसने इशारा करके फिर से रजनी को अपनी चूत चाटने को कहा.
और बेचारा कुणाल , हक्का बक्का सा होकर उन दोनो का ये कारनामा देख रहा था..
वैसे उसे भी लेसबीएन सैक्स वाली गंदी मूवीस देखने का शोंक था...
पर वो उसे अपनी पहली गर्लफ्रेंड या यूँ कहलो की होने वाली पत्नी के द्वारा ही देखने को मिल जाएगी ये तो उसने सोचा भी नही था...
और ये सब दिखाने के लिए कामिनी ने पहले से ही दरवाजा खोल कर रखा था उसके लिए...
ताकि वो आए और कामिनी का ये चेहरा भी देख सके..
कितनी आसानी से कामिनी ने अपनी लाइफ का ये सच उसके सामने ला दिया था.
कुणाल ने सोचा की इसमे कोई बुराई तो है नही...
क्योंकि जब वो उससे चुदवा रही थी तो वो पूरी तरह से मज़े ले रही थी और अब अपनी सहेली के साथ भी वो उसी अंदाज में मज़े ले रही है जैसे कल रात भर उससे लिए थे...
इसलिए उसने सोचा की जब उसे मिलने वाले मज़े में कोई कमी नही थी तो उसे तो कोई प्राब्लम होनी ही नही चाहिए...
क्योंकि ये लेस्बियन वाला खेल तो उसे भी पसंद था..
Re: पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma
इसी बहाने एक और नंगी लड़की भी तो देखने को मिल रही थी..और उसमे होने वाली संभावनाओं को सोचकर वो मन ही मन खुश होने लगा.
इस बात का ख़याल आते ही उसका ध्यान रजनी की तरफ गया जो इस वक़्त पूरी नंगी थी...
और वो अपनी फेली हुई गांड उठा कर किसी बकरी की तरह कामिनी की चूत की घांस खा रही थी..
कुणाल को एक और शॉक तब लगा जब उसने टेबल पर ताश के पत्ते बिखरे देखे..
जिससे सॉफ जाहिर था की वहां कोई गेम भी चल रही थी...
और फिर कुणाल का दिमाग़ ठनका ...
कही ये सब भी कामिनी गेम की खातिर तो नही कर रही ...
जैसा की उसने कल पब में किया था और हारने के बाद अपनी चूत मरवा बैठी थी...
ऐसा ही कोई खेल शायद अभी कुछ देर पहले उनके बीच चल रहा था...
एक लड़की को ताश के खेल के ज़रिए मस्ती लूटने का इतना चस्का हो सकता है ये कुणाल को आज ही पता चला..
कुणाल चुपचाप बैठकर उनका खेल देखने लगा और इस बार उसका सारा ध्यान रजनी की तरफ था...
जो अपनी पहाड़ी गांड मटका कर उसकी गर्लफ्रेंड का दूध पी रही थी....
दूध पीने के बाद उसने कामिनी के हाथ और आँखो की पट्टी खोल दी और फिर वो दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गयी...
कामिनी के मुक़ाबले रजनी के बूब्स थोड़े छोटे थे...
होंठ एकदम रसीले..जैसे ज़्यादातर नॉर्थ ईस्ट की लड़कियो के होते है...
बदन पूरा कसावट लिए हुए था उसका और चूत एकदम सफाचत और कड़क..
कुणाल उसे देखकर ये जानने की कोशिश करने लगा की ये चुदी हुई है या नही...
पर बेचारा ये नही जानता था की दुनिया का ऐसा कोई भी इंसान या मशीन नही है जो ये बता सके की ये चूत पहले चुद चुकी है या नही..
कुणाल को रजनी की तरफ़ घूरता हुआ देखकर कामिनी बोली : "तुम्हे ये पसंद आ रही है तो आ जाओ...थोड़ा एंजाय कर लोगे तो मुझे बुरा नही लगेगा...''
बात तो उसने बड़ी लुभावनी की थी पर उसे डर लग रहा था की कहीं ये उसको परखने की चाल ना हो...
इसलिए वो कुछ नही बोला और अपनी नज़रें कामिनी पर लगाकर उसे ताड़ने लगा...
उसे देखते-2 कुणाल ने अपने लंड को मसलना शुरू कर दिया और जल्द ही वो पूरा अकड़ कर खड़ा हो गया...
पेंट में रखने में जब उसे दिक्कत हुई तो उसने जीप खोलकर उसे बाहर निकाल लिया..
इसी बीच रजनी ने अपनी चूत को कामिनी के मुँह पर रखकर उसपर कूदना शुरू कर दिया था...
और कामिनी की नुकीली जीभ का ही कमाल था की वो जल्द ही झड़ने के कगार पर पहुँच गयी..
और ज़ोर-2 से चिल्लाते हुए उसके चेहरे पर अपनी चूत से निकली क्रीम निकाल दी.
और एक तरफ लुढ़क कर गहरी साँसे लेने लगी..
कामिनी ने इशारा करके कुणाल को उपर बुलाया...
वो तो कब से इसी पल का इंतजार कर रहा था...
उसने तुरंत अपने कपड़े उतारे और नंगा होकर पलंग पर कूद गया...
कुणाल की नज़रें रजनी के चेहरे पर भी थी जो उसके लंड को देखकर अपने होंठो पर जीभ फेर रही थी..
कामिनी के रसीले होंठो को उसने ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया, उसके होंठ और चेहरे पर रजनी की चूत का रस अभी तक लगा हुआ था, जिसे चाटने में उसे एक अलग ही तरह का रोमांच महसूस हो रहा था...
कुणाल ने उसे उपर से नीचे तक चूस डाला...
ख़ासकर उसकी चूत को, जिसमें अपना लंड पेलकर उसने पहले के मुक़ाबले थोड़ा ढीला कर दिया था....
उसे देखते ही एक बार फिर से उसका लंड ज़ोर मारने लगा और कुणाल ने उसे घोड़ी बनाकर अपना लंड उसकी चूत पर टीका दिया...
वो अपना लंड अंदर डालने ही वाला था की लगभग तभी रजनी उठकर बैठी और उसने कुणाल का लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...
ये उसके लिए जितना हैरानी भरा था कामिनी के लिए नही था..
शायद दोनो में पहले से ही डिसाईड हो चुका था की वो भी इस खेल का हिस्सा बनेगी...
एक सहेली अपने बाय्फ्रेंड को उसके साथ बाँटे तो इससे अच्छी बात भला और क्या हो सकती है...
यानी कुछ देर पहले जो कामिनी ने रजनी के साथ मज़े लेने की बात कही थी वो उसके बारे में सीरियस थी....
वो बेकार में लल्लू की तरह इतनी देर तक ऐसे ही बैठा रहा..
इस बात का ख़याल आते ही उसका ध्यान रजनी की तरफ गया जो इस वक़्त पूरी नंगी थी...
और वो अपनी फेली हुई गांड उठा कर किसी बकरी की तरह कामिनी की चूत की घांस खा रही थी..
कुणाल को एक और शॉक तब लगा जब उसने टेबल पर ताश के पत्ते बिखरे देखे..
जिससे सॉफ जाहिर था की वहां कोई गेम भी चल रही थी...
और फिर कुणाल का दिमाग़ ठनका ...
कही ये सब भी कामिनी गेम की खातिर तो नही कर रही ...
जैसा की उसने कल पब में किया था और हारने के बाद अपनी चूत मरवा बैठी थी...
ऐसा ही कोई खेल शायद अभी कुछ देर पहले उनके बीच चल रहा था...
एक लड़की को ताश के खेल के ज़रिए मस्ती लूटने का इतना चस्का हो सकता है ये कुणाल को आज ही पता चला..
कुणाल चुपचाप बैठकर उनका खेल देखने लगा और इस बार उसका सारा ध्यान रजनी की तरफ था...
जो अपनी पहाड़ी गांड मटका कर उसकी गर्लफ्रेंड का दूध पी रही थी....
दूध पीने के बाद उसने कामिनी के हाथ और आँखो की पट्टी खोल दी और फिर वो दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गयी...
कामिनी के मुक़ाबले रजनी के बूब्स थोड़े छोटे थे...
होंठ एकदम रसीले..जैसे ज़्यादातर नॉर्थ ईस्ट की लड़कियो के होते है...
बदन पूरा कसावट लिए हुए था उसका और चूत एकदम सफाचत और कड़क..
कुणाल उसे देखकर ये जानने की कोशिश करने लगा की ये चुदी हुई है या नही...
पर बेचारा ये नही जानता था की दुनिया का ऐसा कोई भी इंसान या मशीन नही है जो ये बता सके की ये चूत पहले चुद चुकी है या नही..
कुणाल को रजनी की तरफ़ घूरता हुआ देखकर कामिनी बोली : "तुम्हे ये पसंद आ रही है तो आ जाओ...थोड़ा एंजाय कर लोगे तो मुझे बुरा नही लगेगा...''
बात तो उसने बड़ी लुभावनी की थी पर उसे डर लग रहा था की कहीं ये उसको परखने की चाल ना हो...
इसलिए वो कुछ नही बोला और अपनी नज़रें कामिनी पर लगाकर उसे ताड़ने लगा...
उसे देखते-2 कुणाल ने अपने लंड को मसलना शुरू कर दिया और जल्द ही वो पूरा अकड़ कर खड़ा हो गया...
पेंट में रखने में जब उसे दिक्कत हुई तो उसने जीप खोलकर उसे बाहर निकाल लिया..
इसी बीच रजनी ने अपनी चूत को कामिनी के मुँह पर रखकर उसपर कूदना शुरू कर दिया था...
और कामिनी की नुकीली जीभ का ही कमाल था की वो जल्द ही झड़ने के कगार पर पहुँच गयी..
और ज़ोर-2 से चिल्लाते हुए उसके चेहरे पर अपनी चूत से निकली क्रीम निकाल दी.
और एक तरफ लुढ़क कर गहरी साँसे लेने लगी..
कामिनी ने इशारा करके कुणाल को उपर बुलाया...
वो तो कब से इसी पल का इंतजार कर रहा था...
उसने तुरंत अपने कपड़े उतारे और नंगा होकर पलंग पर कूद गया...
कुणाल की नज़रें रजनी के चेहरे पर भी थी जो उसके लंड को देखकर अपने होंठो पर जीभ फेर रही थी..
कामिनी के रसीले होंठो को उसने ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया, उसके होंठ और चेहरे पर रजनी की चूत का रस अभी तक लगा हुआ था, जिसे चाटने में उसे एक अलग ही तरह का रोमांच महसूस हो रहा था...
कुणाल ने उसे उपर से नीचे तक चूस डाला...
ख़ासकर उसकी चूत को, जिसमें अपना लंड पेलकर उसने पहले के मुक़ाबले थोड़ा ढीला कर दिया था....
उसे देखते ही एक बार फिर से उसका लंड ज़ोर मारने लगा और कुणाल ने उसे घोड़ी बनाकर अपना लंड उसकी चूत पर टीका दिया...
वो अपना लंड अंदर डालने ही वाला था की लगभग तभी रजनी उठकर बैठी और उसने कुणाल का लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...
ये उसके लिए जितना हैरानी भरा था कामिनी के लिए नही था..
शायद दोनो में पहले से ही डिसाईड हो चुका था की वो भी इस खेल का हिस्सा बनेगी...
एक सहेली अपने बाय्फ्रेंड को उसके साथ बाँटे तो इससे अच्छी बात भला और क्या हो सकती है...
यानी कुछ देर पहले जो कामिनी ने रजनी के साथ मज़े लेने की बात कही थी वो उसके बारे में सीरियस थी....
वो बेकार में लल्लू की तरह इतनी देर तक ऐसे ही बैठा रहा..