फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

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raj..
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Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

Unread post by raj.. » 27 Dec 2014 14:28


काफ़ी देर अपनी अपी की फुद्दि चूस्ता और काटता रहा कि अचानक अपी ने मेरे सर को ज़ोर से पकड़ लिया और अहह भाईईईईईईईईईईई मैं गैिईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ ही अपना पानी छोड़ दिया जो कि सारा मेरे मुँह के अंदर और बाहर फैल गया क्योकि अपी मेरा सर नही छोड़ रही थी इस लिए मैं अपनी बाजी की फुददी का सारा पानी भी नही पी सका

फिर मैं उठा और उठ के अपी की टाँगों को खोल कर उन के दरमियाँ बैठ गया और अपने लंड को अपी की फुददी पे सेट कर दिया

लेकिन अपी नीचे से बड़ी ज़ोर से हिली और मेरे लंड को अपनी फुद्दि से हटा दिया

मैने कहा कि अपी क्या हुआ

तो अपी ने कहा नसीर यहाँ नही गाओं जा के

मैने कहा अपी आप का तो हो गया लेकिन मैं क्या करूँ

अपी ने कहा यहाँ आओ मैं तुम्हारा हिला के कर देती हूँ

मैने कहा चलो अपी मुँह मे ही ले लो

अपी ने कहा नही भाई जो भी करना है गाओं मे करेंगे यहाँ नही

मुझे गुस्सा तो बहुत आया लेकिन मैं चुप कर गया और कहा फिर मैं अपना हिला भी खुद ही लूँगा मुझे आप की ज़रूरत नही है और उठ के बाहर चला गया वॉशरूम मे और जा के मूठ लगाई

वापिस आया तो अपी ने कहा कि नसीर क्या बात है नाराज़ हो मुझ से

मैने कहा नही मैं नाराज़ नही हूँ

तो अपी ने कहा फिर यहाँ आओ मेरे पास लेटो

मैने कहा अपी प्लज़्ज़्ज़ मुझे नींद आ रही है सोने दो और मैं अपनी बर्थ पे लेट गया

कुछ देर तक अपी कुछ नही बोली तो मुझे नींद आ गई और मैं सो गया

जब आँख खुली देखा कि अपी विंडो के साथ सर टिका के बैठी थी और आँखे भी लाल हो रही थी जिस से साफ पता लग रहा था कि वो सारी रात नही सोई

मुझे अपने अप पर बौह्त गुस्सा आया मैने अपी को कहा अपी हम कहाँ पहुचे हैं तो अपी ने कहा कि अबी देहारकी स्टेशन से गुज़रे हैं

मैने कहा कि इस का मतलब् है कि हम पहुचने वाले हैं तो अपी ने कहा हां

मैने अपी को कहा कि अपी सॉरी तो अपी ने कहा किस बात के लिए सॉरी बोल रहे हो

तो मैने कहा कि अपी वो रात को जो मैने आप के साथ बदतमीज़ी की थी उस के लिए

तो अपी ने कहा कि मैं नाराज़ नही हूँ

मैने कहा अपी फिर आप सारी रात सोई क्यो नही

अपी ने कहा तुम्हे कोई मतलब कि मैं सो जाऊ या जागती रहूं

मैं उठा और जा के अपी के पावं पकड़ लिए और अपी के पेरो मैं सर रख के कहा कि अपी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सॉरी मुझे गुस्सा आ गया था

अपी मुझे अपने पेरो से उठाते हुए बोली भाई उठो ये क्या कर रहे हो सीधे हो के बैठो

मैने कहा नही अपी आप जब तक मुझे माफ़ नही करो गी मैं आप के पेरो से सर नही उठाउँगा आप की कसम

अपी ने कहा अभी मेरा बड़ा ख्याल आ रहा है रात को क्या हुआ था क्यो नही मेरी बात मानी

मैने कहा कि कॉन सी बात अपी

तो अपी ने कहा कि मैने जब कहा था कि यहाँ मेरे पास सो जाओ तो

मैने कहा अपी वो मुझे गुस्सा आया था ना उस वक़्त प्ल्ज़्ज़ माफ़ कर दो

अपी ने कहा अच्छा कर दिया माफ़ कमिने अब उठो तो सही

और मैं अपी के पैर छोड़ के अपी को हग कर के अपी के साथ ही बैठ गया

अपी ने कहा पता है मैं सारी रात नही सोई और रोती रही

मैने कहा अपी आप क्यो रोती रही हो

raj..
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Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

Unread post by raj.. » 27 Dec 2014 14:28



अपी मुझे एक हल्का सा थप्पड़ मार के प्यार से और बोली क्या तुझे नही पता कि तुम मेरे भाई भी हो और

मैने कहा अपी और क्या तो अपी ने शरमाते हुए कहा कि मेरी ज़िंदगी के मालिक भी अब तुम हो अब देखना मुझे कभी रुलाना नही

मैने अपी के होंठो पे एक लंबी सी किस की और कहा कि अपी मैं आप की हर ख्वाइश पूरी करूँगा और कभी भी आप की आँखों मे आँसू नही आने दूँगा

मेरी बात पे अपी ने मुझे एक किस किया और कहा आइ लव यू भाई

मैने भी अपी को कहा आइ लव यू टू अपी

फिर अपी ने कहा चलो अब तैयारी करो रोहदी स्टेशन आने वाला है समान पॅक कर लेते हैं

मैने कहा चलो ठीक है लेकिन जो काम रात को नही हुआ वो कब करेंगे

अपी ने कहा हां भाई याद आया कि रात को मामू के घर नही सोना है खाना खा के अपने घर मे चले जाएँगे फिर जो दिल करे गा

मैने कहा ओके अपी जैसे तुम कहो मैं तैयार हूँ

और फिर हम ने अपना समान पॅक किया और स्टेशन का वेट करने लगे स्टेशन पे मामू अकरम हमे लेने के लिए आए हुए थे

मामू हम से मिल के बहुत खुश हो और हम समान उठा के स्टेशन से बाहर आ गये मामू अपी को बड़ा घूर रहे थे मुझे अजीब सा लगा कि मामू अपनी भांजी को इस तरह क्यो घूर रहे हैं

लेकिन मैं कुछ बोला नही हम लोग रिक्शा मैं बैठने लगे तो अपी ने कहा नसीर तुम ड्राइवर के साथ बैठ जाओ और मामू को यहाँ बैठने दो

मैं चुप चाप ड्राइवर के साथ बैठ गया मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि आख़िर मामला क्या है

कुछ देर मे हम घर आ गये और समान को मामू अपने घर ले जाने लगे तो अपी ने कहा मामू समान हमारे घर मे रखना है

मामू ने कहा नैइला बेटी ये भी तो तुम्हारा ही घर है तो मैने कहा हां मामू ये भी हमारा ही घर है लेकिन आप नाराज़ ना हों समान इधर हमारे वाले मकन मे रखवा दें

मामू ने हमारा समान रखवा दिया और कहा चलो आज तो तुम अपने घर मे रह लो लेकिन कल मेरे पास ही रहना हो गा

अपी ने कहा मामू हम तो आज भी आप के पास हैं लेकिन कल रात आप हमारे साथ ही रहना हमारे घर मे

अपी की और मामू की बाते मुझे कुछ भी समझ नही आ रही थी और अभी टाइम भी नही था कि मैं अपी से कुछ पूछ सकूँ

फिर हम लोग समान अपने मकन मे रखवा के मामू के घर आ गये और नाश्ता किया मामी ने नाश्ते के बाद हमे कहा आराम कर लो सफ़र से काफ़ी थक गये हो गे

अपी ने कहा मामी अभी घर की सेटिंग भी करनी है दुपहर के खाने के बाद सो जाएँगे

raj..
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Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

Unread post by raj.. » 27 Dec 2014 14:29



मामी ने कहा क्यो क्या ये तुम्हारा घर नही है आपी ने कहा मामी ये बात नही है लेकिन घर को भी तो सेट करना है ना अभी

अपी की बात सुन के मम्मी चुप कर गई और हम लोग अपने घर आ गये

घर आते ही मैने कहा अपी आप का और मामू का क्या चक्कर है तो अपी मुस्कुराने लगी और कहा कुछ नही है

मैने कहा नही अपी प्लज़्ज़्ज़ सच बताओ मैं कोई बच्चा नही हूँ

अपी ने कहा हां मुझे पता है काफ़ी बड़ा हो गया है मैं अपी की बात का मतलब् समझ गया लेकिन कहा अपी आप नही बताओगे

अपी ने कहा आज जो कुछ हम दोनो करेंगे वो कल हम दोनो मामू के साथ मिल के करेंगे मुझे अपी की बात सुन के झटका लगा मैने कहा क्याआआआआआआआआआअ

अपी ने कहा नसीर क्या हो गया है तुम्हे इतना चिल्ला क्यो रहे हो

मैने कहा अपी आप को पता है कि आप क्या कह रही हो वो हमारे मामू हैं

अपी ने कहा तो फिर क्या मैं तुम्हारी बेहन नही हूँ क्या तुम मुझे नही करो गे रात को

अपी की बात सुन के मैं लाजवाब हो गया और कहा क्या अम्मी को पता है कि मामू के साथ भी तुम करो गी

अपी ने कहा अम्मी ने ही मुझे कहा था कि पहली बार तुम से कर्वाऊं लेकिन अगली रात मामू को भी करने दूँ

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था मैने कहा आख़िर हमारी ये रंडी मा चाहती क्या है

अपी ने कहा नसीर शरम करो तुम अपनी मा के बारे मे बात कर रहे हो

मैं चुप हो गया और हम घर की सॉफ सफ़ाई मे लग गये

हम ने अपने लिए दो रूम सेट किए और फिर मामू की तरफ आ गये वहाँ हम ने दोपहर का खाना खाया और सो गये

फिर शाम को 5 पे उठे और नहा धो के फ्रेश हो गये और बाहर आ के बैठ गये वहाँ मेरी 3 कजन थीं कजन भाई बाहर गया हुआ था खेलने अभी 15 का है रशीद नाम है

मेरी बड़ी कजन हड़िया मुझे बड़ा घूर रही थी मैने मज़ाक मे कहा क्या है हड़िया खाने का इरादा है क्या तो उस ने कहा आज नही कल खाउन्गि

मुझे उस की बात समझ नही आई तो मैने कहा क्या मतलब् तो उस ने कहा बाद मे बताउन्गि और हम लोग इसी तरह बाते करते रहे और रात के खाने का टाइम हो गया फिर हम ने खाना खाया और अपने घर की तरफ चल पड़े

उस वक़्त मेरा दिल बहुत ज़ोर से धड़क रहा था क्योकि मैं आज अपनी कुँवारी बेहन की चुदाई करने वाला था
क्रमशः.........................


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