फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

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Jemsbond
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Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

Unread post by Jemsbond » 28 Dec 2014 09:42

The story is just awesomly described keep going mate

raj..
Platinum Member
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Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

Unread post by raj.. » 28 Dec 2014 17:10

Jemsbond wrote:The story is just awesomly described keep going mate

thanks brother

raj..
Platinum Member
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Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

Unread post by raj.. » 28 Dec 2014 17:12

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घर मे जाते ही मैने अपी को अपने सीने से लगा लिया और किस करने लगा

अपी ने खुद को मुझ से छुडवाया और कहा नसीर क्या करते हो डोर तो बंद करने दो और तुम जाओ रूम मे मैं आती हूँ

मैं अपी को छोड़ के रूम मे चला गया और कुछ ही देर मे अपी भी मेरे पास आ गईं और आते ही मुझ से लिपट गई

और हम किस करने लगे किस के दोरान मैं अपने एक हाथ से अपी के बूब्स को भी दबाने लगा जिस से अपी को मज़ा आने लगा और अपी अपने हाथ से मेरे हाथ को अपने बूब्स पे ज़ोर से पुश करने लगी

मैं समझ गया कि अपी को बूब्स दाबने मे मज़ा आ रहा है

मैने अपी को छोड़ा और पीछे हो के अपने कपड़े उतारने लगा कपड़े उतरे तो देखा कि अपी मेरे लंड को ही घूरे जा रही थी

मैं आगे हो के अपी के कपड़े भी उतार दिए और अपी से लिपट गया और किस और बूब्स को रब करने लगा अपी भी अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह मे घुसा के चुस्वा रही थी

कुछ देर के बाद मैने अपी को बेड पे लिटा दिया और उन की टाँगों को खोल के अपना मुँह सीधा अपी की फुद्दि पे रख दिया और अपी की फुद्दि को चूसने लगा

अपी के मौन से अहह हान्ंननणणन् भाईईईईईईईईईईईई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ इसी तरह ही बड़ााा मज़ाआआआ आ रहा हाईईईईईई

मैने अपनी ज़ुबान बाहर निकली और अपी की फुद्दि के सुराख मे घुसने की कोशिस करने लगा मेरी इस हरकत से तो अपी जैसे पागल ही हो उठी और

नसीर्र्र्र्र्र्र्र्ररर अहह ये क्या कर दियाआआ मेरे भाईईईईईईई खा जऊऊओ मेरी फुद्दि को मेरे भाईईईईईईईई उन्मह

मैं कुछ देर इसी तरह अपी की फुद्दि को चूस्ता और चाटता रहा और फिर मैं उठा और अपने लंड जो कि पूरा खड़ा हुआ था अपी के मुँह के पास कर दिया

लेकिन अपी ने मना कर दिया और कहा भाई नही प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझ से नही हो गा

मैने कहा अपी कोशिश तो करो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी खातिर

मेरे बार बार कहने पे अपी उठी और मेरे लंड को अपने मुँह मे लेने की ट्राइ करने लगी क्योकि के मेरा लंड थोड़ा मोटा भी था इस लिए अपी के दाँत मेरे लंड को रगड़ दे रहे थे

मैने अपी को कहा अपी बस ठीक है आप रहने दो आप से नही हो गा और अपी को लिटा कर अपी की टाँगे उठाने लगा तो अपी ने कहा नसीर आयिल

मैं उठा और साइड से आयिल ले के आपी की फुद्दि और अपने लंड पे लगा लिया और अपी की टाँगे उठा के अपने कंधों पे रख ली

और एक ज़ोर का झटका दिया अपी की फुद्दि पे जिस से मेरा लंड कोई 3 इंच अपी की फुद्दि मे घुस गया

जिस से अपी ने एक हल्की सी चीख मारी और मुझे रोक दिया कुछ देर के बाद अपी ने कहा नसीर जितना भी दर्द हो लेकिन तुम रुकना नही और एक ही बार मे अपना पूरा अंदर कर दो

मैने हां मैं सर हिलाया और एक दम पूरी ताक़त से झटका लगा दिया जिस से मेरा पूरा का पूरा लंड जड़ तक अपी की फुद्दि मे घुस गया

और अपी की चीख जो कि अपी ने अपने दुपट्टे को मुँह मे लेने की वजह से थोड़ी सी निकली लेकिन अपी की आँखों से आँसू निकलने लगे

और अपी काफ़ी ज़्यादा तड़प रही थी तकलीफ़ की वजा से

मैं कोई 2 3 मिंट इसी तरहा रुका रहा और और फिर स्लोली इन आउट करने लगी लेकिन अपी ने मेरे पेट पे हाथ रख कर मुझे रोकने को कहा

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