Re: कलयुग की द्रौपदी
Posted: 16 Oct 2014 08:57
रानी को अपने नंगे पेट पर रंगा के साप का एहसास हो रहा था जो इस वक़्त लूँगी में था.
रंगा ने 2 मिनट तक तन्मयता से रानी का रस पीया और उससे अलग हट के बोला – बहुत रसीली है हम. लुगाई. पर हमारे में भी रस कम थोड़ी है.
अच्छा सुनो, जग्गा बाहर गया है शाम तक लौटेगा. नाश्ता टेबल पे रखा है. पहले नहा-धो लो फिर खा लेना. आज तुमको कोई काम करने की ज़रूरत नही है.
ये सुनकर रानी को अच्छा लगा की रसोई से तो कमसे कम छुट्टी है.
वो बाथरूम में आई और ब्रश से मूह धोने लगी.
रंगा उसके पीछे-पीछे आया और इशारे से टब दिखाते हुए बोला – मेरी चिड़िया, सुनो, ये टब में दवाई है जिसमे नंगा होके 20 मिनट बैठ लेना और चूत के अंदर बाहर अच्छे से मल लेना. इससे तुम्हारा दरद और थकान दूर हो जाएगा. और जब हो जाए तो हुमको बुला लेना.
रानी ज़मीन में नज़रें गड़ाई हुई “हां” में सर हिला दिया.
रंगा जानता था की चूत को रसदार और टाइट बनाए रखने के लिए ये ज़रूरी है.
आधे घंटे बाद रानी बाथरूम से चूत धोकर और नाहकार एक टवल लपेटा और दरवाज़ा खोलकर रंगा को आवाज़ दी – आए जी, सुनते हो? हमारा हो गया है.
रंगा झट से वहाँ पहुँचा और अंदर घुसकर दरवाज़ा बंद कर लिया.
उसने अपनी लूँगी निकाल ली और बोला – सुनो बूछिया! अब हम तुम्हारा दूसरा द्वार खोलेंगे और पूजा करेंगे.
रानी पलके झहापकती हुई असमंजस से उसे देखती रही.
रंगा ने बाथरूम के एक छ्होटे आल्मिरा में से एक तरल पदार्थ की बॉटल निकाली और बोला – ई 2 चम्मच पीने से तुम्हारा दूसरा दरवाज़ा खुल जाएगा और फिर हम अपने लंड से वहाँ पूजा करेंगे. इससे तुम्हारा पूरा पेट सॉफ हो जाएगा और मलद्वार यानी गांद का छेद अ भी.समझी!! पूजा करने के पहले पूजा स्थान साफ तो करना होगा ना???
रानी उसके बातों का मतलब समझ अंदर से थरतर्रा गयी. पर उसने तो अब अपना तन-मंन सब उनको समर्पित कर दिया था तो पूरे आस्था के साथ बोली - हमको तो भगवान के मूर्ति पूजने से ज़्यादा प्रताप आपको पूज के मिलेगा. अब तो आप ही मेरे मंदिर हैं और हम आपके भक्त जिसको अपपका प्रसाद प्राप्त होता है! आप जैसी पूजा चाहते है वैसे ही होगा.
ये सुनकर रंगा गदगद हो गया और दो स्पून लिक्विड रानी को पीला दिया. वो काफ़ी कड़वी थी इसलिए रानी ने मूह बनाते हुए पी लिया. करीब 1 मिनट में ही उसे प्रेशर बिल्ट-उप होता हुआ महसूस हुआ और वो झट से अपनी टवल उतार कमोर्ड पे बैठ गयी.
उसके पेट में दाने का अगर एक भी अंश होगा तो वो पूरा पानी बनकर बह गया.
जब उसका पेट पूरा सॉफ हो गया तो रंगा ने प्लास्टिक पीपे को नल से लगाया और उसके एंड पर एक प्लास्टिक टोटी लगाई जो 4” लंबी थी. उसने रानी को बाथ टब का सहारा लेकर झुकने को कहा.
रानी के झुकते ही उसका गोल नितंब उभर गया जिसमे वो डार्क ब्राउन गांद का च्छेद ऐसा लग रहा था मानो चेररी ओन ए केक.
रंगा ने एक हाथ की उंगली पर बेबी आयिल लगाते हुए रानी के च्छेद पर सुरसुराने लगा. रानी को गुदगुदी होने लगी. धीरे-धीरे उसने च्छेद के अंदर करीब 1“ उंगली घुसा कर पेलने लगा. ऐसा करने से रानी की गांद स्लिपरी होती जा रही थी पर उसे दर्द भी हो रहा था.
अब उस 1“ में रंगा ने टोटी घुसा दी और नाल ऑन कर दिया.
पानी पुर प्रेशर के साथ रानी को अपनी गांद में महसूस हुआ. वो ज़ोर से सीसीया उठी.
इसी प्रकार टोटी को धीरे-धीरे रंगा उसकी गांद में धकेलटा गया. 4” घुसने के बाद रानी को पानी अपने अंतडियों तक आता महसूस हुआ. हालाकी पानी उसकी गांद से बाहर भी निकल जा रहा था पर फिर भी उसे लग रहा था जैसे उसके अंदर कोई सागर बन रहा हो.
जब 3-4 मिनट बाद रंगा को तसल्ली हो गया की रानी का मलद्वार पूरी तरह खाली और क्लीन हो गया है तो उसने नल बूँद कर टोटी उसके गांद से निकाल ली. टोटी के निकलते ही रानी के गांद का च्छेद 1” साइज़ के ‘ओ’ सा दिख रहा था. अंदर अंधकार और च्छेद धीरे-धीरे फूल-पिच्छक रहा था.
थोड़ी देर में रानी का गांद सामान्या अवस्था में आ गयी.
अब रंगा ने अपनी लूँगी उतार दी और बाथ टब में बबल बाथ के लिए उतर गया और रानी को भी बुला लिया.
टब में रंगा ने रानी को अपनी ओर मूह करके जांघों पर बैठा लिया. रानी के चूतड़ रंगा के लंड के उपर थे और उसके दोनो पैर रंगा के कमर के दोनो तरफ.
रानी को रंगा का मोटा डंडा अपने गांद के दरारों में महसूस हो रहा था की इतने में रंगा के राइट हॅंड की मिड्ल उंगली रानी गांद पर सरसरने लगी. उसने रानी के होठों पे अपने होठ रख दिए और चूमने-चूसने लगा. हर पल उसकी उंगली रानी के च्छेद में आगे की ओर पेलते हुए बढ़ती जा रही थी. पानी साबुन से भरा था इसलिए उंगली और गांद की च्छेद में अच्छा फ्रिक्षन हो रहा था. कभी उंगली के दबाव से रानी को ऐसा लगता की उसका कलेजा मूह को आ रहा है तो रंगा उसकी चूची की घुंडीयों को मीस देता.
रंगा ने 2 मिनट तक तन्मयता से रानी का रस पीया और उससे अलग हट के बोला – बहुत रसीली है हम. लुगाई. पर हमारे में भी रस कम थोड़ी है.
अच्छा सुनो, जग्गा बाहर गया है शाम तक लौटेगा. नाश्ता टेबल पे रखा है. पहले नहा-धो लो फिर खा लेना. आज तुमको कोई काम करने की ज़रूरत नही है.
ये सुनकर रानी को अच्छा लगा की रसोई से तो कमसे कम छुट्टी है.
वो बाथरूम में आई और ब्रश से मूह धोने लगी.
रंगा उसके पीछे-पीछे आया और इशारे से टब दिखाते हुए बोला – मेरी चिड़िया, सुनो, ये टब में दवाई है जिसमे नंगा होके 20 मिनट बैठ लेना और चूत के अंदर बाहर अच्छे से मल लेना. इससे तुम्हारा दरद और थकान दूर हो जाएगा. और जब हो जाए तो हुमको बुला लेना.
रानी ज़मीन में नज़रें गड़ाई हुई “हां” में सर हिला दिया.
रंगा जानता था की चूत को रसदार और टाइट बनाए रखने के लिए ये ज़रूरी है.
आधे घंटे बाद रानी बाथरूम से चूत धोकर और नाहकार एक टवल लपेटा और दरवाज़ा खोलकर रंगा को आवाज़ दी – आए जी, सुनते हो? हमारा हो गया है.
रंगा झट से वहाँ पहुँचा और अंदर घुसकर दरवाज़ा बंद कर लिया.
उसने अपनी लूँगी निकाल ली और बोला – सुनो बूछिया! अब हम तुम्हारा दूसरा द्वार खोलेंगे और पूजा करेंगे.
रानी पलके झहापकती हुई असमंजस से उसे देखती रही.
रंगा ने बाथरूम के एक छ्होटे आल्मिरा में से एक तरल पदार्थ की बॉटल निकाली और बोला – ई 2 चम्मच पीने से तुम्हारा दूसरा दरवाज़ा खुल जाएगा और फिर हम अपने लंड से वहाँ पूजा करेंगे. इससे तुम्हारा पूरा पेट सॉफ हो जाएगा और मलद्वार यानी गांद का छेद अ भी.समझी!! पूजा करने के पहले पूजा स्थान साफ तो करना होगा ना???
रानी उसके बातों का मतलब समझ अंदर से थरतर्रा गयी. पर उसने तो अब अपना तन-मंन सब उनको समर्पित कर दिया था तो पूरे आस्था के साथ बोली - हमको तो भगवान के मूर्ति पूजने से ज़्यादा प्रताप आपको पूज के मिलेगा. अब तो आप ही मेरे मंदिर हैं और हम आपके भक्त जिसको अपपका प्रसाद प्राप्त होता है! आप जैसी पूजा चाहते है वैसे ही होगा.
ये सुनकर रंगा गदगद हो गया और दो स्पून लिक्विड रानी को पीला दिया. वो काफ़ी कड़वी थी इसलिए रानी ने मूह बनाते हुए पी लिया. करीब 1 मिनट में ही उसे प्रेशर बिल्ट-उप होता हुआ महसूस हुआ और वो झट से अपनी टवल उतार कमोर्ड पे बैठ गयी.
उसके पेट में दाने का अगर एक भी अंश होगा तो वो पूरा पानी बनकर बह गया.
जब उसका पेट पूरा सॉफ हो गया तो रंगा ने प्लास्टिक पीपे को नल से लगाया और उसके एंड पर एक प्लास्टिक टोटी लगाई जो 4” लंबी थी. उसने रानी को बाथ टब का सहारा लेकर झुकने को कहा.
रानी के झुकते ही उसका गोल नितंब उभर गया जिसमे वो डार्क ब्राउन गांद का च्छेद ऐसा लग रहा था मानो चेररी ओन ए केक.
रंगा ने एक हाथ की उंगली पर बेबी आयिल लगाते हुए रानी के च्छेद पर सुरसुराने लगा. रानी को गुदगुदी होने लगी. धीरे-धीरे उसने च्छेद के अंदर करीब 1“ उंगली घुसा कर पेलने लगा. ऐसा करने से रानी की गांद स्लिपरी होती जा रही थी पर उसे दर्द भी हो रहा था.
अब उस 1“ में रंगा ने टोटी घुसा दी और नाल ऑन कर दिया.
पानी पुर प्रेशर के साथ रानी को अपनी गांद में महसूस हुआ. वो ज़ोर से सीसीया उठी.
इसी प्रकार टोटी को धीरे-धीरे रंगा उसकी गांद में धकेलटा गया. 4” घुसने के बाद रानी को पानी अपने अंतडियों तक आता महसूस हुआ. हालाकी पानी उसकी गांद से बाहर भी निकल जा रहा था पर फिर भी उसे लग रहा था जैसे उसके अंदर कोई सागर बन रहा हो.
जब 3-4 मिनट बाद रंगा को तसल्ली हो गया की रानी का मलद्वार पूरी तरह खाली और क्लीन हो गया है तो उसने नल बूँद कर टोटी उसके गांद से निकाल ली. टोटी के निकलते ही रानी के गांद का च्छेद 1” साइज़ के ‘ओ’ सा दिख रहा था. अंदर अंधकार और च्छेद धीरे-धीरे फूल-पिच्छक रहा था.
थोड़ी देर में रानी का गांद सामान्या अवस्था में आ गयी.
अब रंगा ने अपनी लूँगी उतार दी और बाथ टब में बबल बाथ के लिए उतर गया और रानी को भी बुला लिया.
टब में रंगा ने रानी को अपनी ओर मूह करके जांघों पर बैठा लिया. रानी के चूतड़ रंगा के लंड के उपर थे और उसके दोनो पैर रंगा के कमर के दोनो तरफ.
रानी को रंगा का मोटा डंडा अपने गांद के दरारों में महसूस हो रहा था की इतने में रंगा के राइट हॅंड की मिड्ल उंगली रानी गांद पर सरसरने लगी. उसने रानी के होठों पे अपने होठ रख दिए और चूमने-चूसने लगा. हर पल उसकी उंगली रानी के च्छेद में आगे की ओर पेलते हुए बढ़ती जा रही थी. पानी साबुन से भरा था इसलिए उंगली और गांद की च्छेद में अच्छा फ्रिक्षन हो रहा था. कभी उंगली के दबाव से रानी को ऐसा लगता की उसका कलेजा मूह को आ रहा है तो रंगा उसकी चूची की घुंडीयों को मीस देता.