incest "खून का असर" compleet

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raj..
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Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 09:16

आगे आगे कमला अपने भारी भरकम मोटे मोटे चूतड़ हिलाती चल रही थी और पीछे

पीछे उसके दोनो बेटे राजू और बिरजू चले जा रहे थे, दोनो की कातिल निगाहे अपनी मा की

मस्तानी लचकति गंद पर थी और चलते चलते उनकी लूँगी से उनके डंडे सीधे खड़े नज़र

आ रहे थे, मा उनके जस्ट आगे थी इसलिए दोनो कुछ बोल नही रहे थे लेकिन अपनी मा के

मस्ताने चूतादो को देख देख कर दोनो मंद मंद मुस्कुराते हुए, उनकी नज़रे एक दूसरे

से बखूबी बाते कर रही थी, वह दोनो अपनी मा के मसल चुतदो को देखने मे इतना खोए

हुए थे कि उन्हे यह भी नही पता चला कि कमला ने पीछे मूड कर उनकी नज़र कहाँ है

देख लिया था और साथ ही दोनो के मोटे लंड जो लूँगी के अंदर सर उठाए खड़े है उन्हे भी

देख चुकी थी. आज जबसे कमला ने अपने दोनो बेटो के लंड को देखा तब से उसकी चूत भी एक

तगड़े लंड के लिए तड़पने लगी थी, इसीलिए कमला को अपने दोनो बेटो द्वारा उसकी मोटी गंद को

देखने पर एक अनोखा आनद प्राप्त हो रहा था और वह मन ही मन खुश होती हुई अपनी

मोटी गंद को जनभुज कर और मतकाते मतकाते चलने लगी, उसकी इस तरह की थिरकन और

मटकते चूतादो को देख कर दोनो भाई रस से भरे जा रहे थे और उन्ही अपनी मा घाघरे

के होते हुए भी नंगी नज़र आ रही थी और दोनो चलते चलते अपने मोटे लंड को मसल्ते जा

रहे थे, कमला बीच बीच मे अपने दोनो बेटो को उसकी गंद देख देख कर लंड मसलते

देखने परवह मस्त होने लगी और उसकी चूत भी काफ़ी सारा पानी छ्चोड़ने लगी और उसे अपनी

गंद देख कर अपने बेटो के लंड मसल्ने की हरकत ने सनसना दिया था और वो जानबूझ

कर चलते हुए अपनी गंद मे खुजली करने लगी जिसे देख कर एक पल को तो राजू और बिरजू को

लगा कि अभी पकड़ कर अपनी मा को पूरी नंगी करके यही चोद देते है, कमला थोड़ी थोड़ी देर

मे अपनी गंद के छेद मे खुजली करती हुई अपनी मोटी गंद ऐसे मटका रही थी जैसे कह रही

हो कि आजा और मेरी गंद मे लंड डालकर मुझे चोद दे.

जब कमला और उसके बेटो ने घर के सामने वाली पुलिया पार कर ली तब फिर आम के बगीचे

शुरू हो गये, तब कमला नीचे गिरे हुए आमो को उठाने के लिए जानबूझ कर झुकती और

अपनी मोटी गंद अपने बेटो को दिखा दिखा कर मज़े ले रही थी, आम का बगीचा क्रॉस करते ही

थोड़ा जंगल शुरू हो गया और तभी कमला के पैरो मे कोई काँटा चुबा जिससे वह आह

करती हुई झुक कर काँटा निकालने लगी दोनो भाई ऐसे मोके की हमेशा तलाश मे रहते थे उन

दोनो ने झट से अपनी मा की मोटी गंद पर हाथ फेरते हुए क्या हुआ मा, कमला अरे कुछ नही

बेटा ज़रा काँटा चुभ गया, कमला झुकी हुई काँटा निकाल रही थी और दोनो भाई प्यार से अपनी

मा के चूतड़ सहला रहे थे, घाघरा बिल्कुल पतला होने के कारण राजू ने बड़े प्यार से

पीछे से अपनी मा की फूली हुई चूत को अपने पूरे पंजे से सहलाते हुए -निकला मा, और कमला

सी आह अभी नही निकला रे, जब कि काँटा निकल चुका था तभी राजू ने चूत से हाथ हटाया तो

बिरजू ने इस बार अपना पूरी हथेली को सीधे अपनी मा की पूरी फूली हुई चूत पर रख कर दबा

कर पुंच्छा नही निकल रहा क्या मा, तब तक कमला की चूत से पानी आ गया और उसके घाघरे

से लगता हुआ बिरजू के हाथो मे लग गया, और कमला सीधी होकर चल दी, तब बिरजू अपने

हाथ पर लगे पानी को सूंघने लगा और राजू को भी सूँघाने लगा, कमला ने अपने दोनो बेटो

को अपनी चूत का पानी सूंघते देख लिया और उसकी चूत बुरी तरह लंड खाने के लिए

फड़फड़ाने लगी.

कमला की बुर गीली हो चुकी थी उससे रहा नही जा रहा था, इतने साल की

चुदास अचानक अपने दोनो बेटो के मोटे लंड को देख कर उसकी बुर पानी ही पानी फेक रही

थी.

जब जंगल मे थोड़ा आगे पहुचे तो कमला ने कहा बेटा मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी

है, यह सुन कर दोनो मस्त हो गये, कमला बेटा यहाँ कही जगह दिख नही रही है तुम

दोनो एक काम करो उधर मूह घुमा लो तो मैं पेशाब कर लू, अच्छा मा, और उन दोनो ने

अपना मूह दूसरी ओर घुमा लिया कमला जानती थी कि ये दोनो मूड कर ज़रूर देखेंगे इसलिए

उसने जानबूझ कर उन दोनो की तरफ पीठ करके बड़े आराम से खड़े खड़े अपना पूरा

घाघरा अपनी कमर तक उठा दिया, और दोनो भाइयो ने जल्दी से अपना सर घुमा कर जैसे ही देखा

उनका मूह खुला का खुला रह गया उनकी मा पूरी नंगी थी उसके मोटे मोटे फैले हुए भारी

चूतड़ और लंबी लंबी और काफ़ी ज़्यादा गदराई मोटी मोटी जाँघो को थोड़ा फैला कर

कमला धीरे धीरे अपनी गंद पीछे की ओर निकाल कर बैठने लगी, उसकी गंद का गहरा मोटा

छेद और पूरे एक बीते का फूला हुआ भोसड़ा और भोस्डे की फटी फांको के बीच गुलाबी

कलर का बड़ा सा छेद देख कर दोनो के लंड झटको पर झटके मारने लगा और लूँगी पूरी

तन कर खड़ी हो गई, और उनकी मा अपने भारी भरकम चूतादो को फैलाकर मूतने बैठ गई

दोनो भाई अपनी फटी फटी आँखो से अपनी मा की मोटी मोटी गंद को देखकर अपनाअपना लंड लूँगी

से निकाल कर मसल्ने लगे उनका मोटा काला लंड 10 इंच के लंबे और 3 इंच के मोटे डंडे

जैसे खड़ा था, दोनो भाई अपनी मा की मस्तानी गोरी गंद देखकर पागल हो गये उन्होने इतनी

मोटी और मस्तानी गंद पूरी नंगी आज तक नही देखी थी, घाघरे के उपर से जितनी बड़ी गंद

उनकी मा की नज़र आती थी उससे डबल उसके विशाल चूतड़ नंगे होकर उन्हे नज़र आ रहे थे

, तभी कमला की फूली हुई चूत से एक मोटी धार एक सीटी की आवाज़ के साथ निकलने लगी जिसे देख

कर दोनो भाई के तोपो का रंग लाल हो गया और दोनो आवने लंड को तेज़ी से झटके मारने लगे,

करीब 2 मिनिट तक कमला आराम से बैठी मुतती रही फिर जब खड़ी हुई तो अपने घाघरे से

अपनी चूत दोनो तंघे फैलाकर थोड़ा झुक कर पोछने लगी और फिर दोनो भाइयो ने अपना सर

वापस पीछे घुमा लिया, कमला मंद मंद मुस्कुराते हुए चलो बेटा मैने पेशाब कर

ली,

तभी बिरजू बोला मा हमको भी पेशाब करना है आप भी अपना मूह उधर घुमा लो, तो

कमला ने कहा ठीक है बेटा कर लो और दोनो भाई जानबूझ कर थोड़ा सा मुड़े ताकि उनकी मा

उनके लंड को आराम से देख सके और अपना सर नीचे झुककर दोनो ने जब अपने खड़े

काले काले लंड बाहर निकाले तो कमला उनका लंड देखती ही रह गई, उसकी आँखे फटी की फटी

रह गई क्यो कि उसने भी अपने जीवन मे इतने मोटे और बड़े लंड कभी नही देखे थे अपने

सामने एक नही दो दो मोटे काले डंडे और उस पर बड़ा सा कत्थे रंग का सूपड़ा देख कर

कमला के मूह मे पानी आ गया और उसकी बुर अपने बेटो के मोटे काले लंड देखकर

फड़कने लगी, दोनो भाई अपनी मा के लाल हुए चेहरे को देखने लगे, और अपने अपने लंड

को वापस अपनी लूँगी मे च्छूपा लिया, कमला ने जल्दी से अपना मूह आगे की ओर किया तब दोनो

भाई अपनी मा के पास पहुच कर दोनो ने एक एक हाथ से अपनी मा के चूतादो को हाथ लगा कर

आगे की ओर धकेलते हुए कहा चल मा हम पेशाब कर चुके, जब दोनो ने अपनी मा के

मोटे मोटे चूतादो को छुआ तो दोनो ही सिहर गये यह ऐसा एहसास था जैसे कोई जबरदस्त

कसी हुई गंद की औरत सिर्फ़ साडी पहने हो और उसके चूतादो को सहलाओ तो कैसा एहसास होता

है, क्योकि उनकी मा ने केवेल घाघरा पहना था और घाघरे का कपड़ा काफ़ी चिकना और

पतला था

कमला चलते हुए अपने बेटो के सामने अपनी गंद ऐसे मटका कर चल रही थी जैसे अभी

अपनी गंद मरवा लेगी, दोनो भाइयो के मोटे लंड बैठने का नाम नही ले रहे थे और उनकी

मा उन्हे नंगी नज़र आ रही थी और वह दोनो बड़े गोर से अपनी मा के मस्ताने चूतादो को

देखते हुए उसकी गंद के पीछे चले जा रहे थे, जंगल पहूचकर दोनो भाइयो ने अपनी

अपनी लूँगी को अपनी जाँघो तक मोड़ कर बाँध लिया और पेड़ पर चढ़ कर सुखी सुखी टहनिया

काटने लगे, कमला नीचे बैठ कर लकड़िया समेटने लगी, करीब दो घंटे तक लकड़िया काटने

के बाद कमला ने कहा अब तुम दोनो नीचे आ जाओ और खाना खा लो,

क्रमशः....................

raj..
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Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 09:19

"खून का असर"--3

गतान्क से आगे........................

फिर कमला ने अपने साथ लाई हुई रोटिया और साग निकालकर दोनो बेटो को दिया और खुद भी खाने लगी, खाना खाने

के बाद एक पेड़ की छाया के नीचे कमला लेट गई और दोनो बेटे उसके पैरो की ओर पेड़ से टिक

कर बैठ गये, कुछ देर पेड़ की छाँव मे लेटे लेटे कमला ने आँखे बंद करते हुए बेटा

मैं थोड़ा थक गई हू तो एक घंटा सो जाती हू तुम दोनो कही जाना नही, ठीक राजू बोला ठीक है

मा तुम सो जाओ हम यही बैठे है और कमला ने अपनी आँखे बंद कर ली, कमला की आँखो

मे नींद कहाँ थी वह आँखे बंद किए लेटी थी लेकिन उसकी आँखो के सामने तो अपने बेटो

के काले लंड लहरा रहे थे और उसकी बुर चिपचिपा रही थी.

कुछ देर अपने दोनो पैरो को मोड़ कर पीठ के बल लेटी हुई थी तभी राजू ने बिरजू की ओर इशारा

करते हुए जो कि कमला के पैरो के बिल्कुल पास बैठा था को अपनी मा के घाघरे की ओर इशारा

किया और बिरजू उसका इशारा समझते ही अपनी मा के दोनो पैरो के बीच मे लटके घाघरे को

धीरे से उठा कर उसके घुटनो पर चढ़ा देता है, जिससे कमला के पैरो के बीच की जगह से

पूरा घाघरा उठ जाता है अब दोनो भाई चुपके से एक एक कर के अपनी मूह अपनी मा की दोनो

टाँगो के बीच घुसा कर अपनी मा का फूला हुआ भोसड़ा देखने लगते है और उनका मूह

खुला का खुला रह जाता है उनकी मा का भोसड़ा बिल्कुल पाव रोटी की तरह और फूला हुआ

था जिसके बीच एक लंबी लकीर उसकी चूत को बीच से चीर कर गंद के छेद से मिल रही थी

यह सीन देख कर उनके लंड झटके मारने लगे और दोनो ने अपने अपने लंड अपनी लूँगी से

निकालकर अपने हाथ मे ले लिए और वही बैठे बैठे हिलाने लगे,

राजू धीरे से यार बिरजू अपनी

मा की चूत कितनी गदराई हुई है मेरा लंड देख अपनी मा की चूत को फाड़ने के लिए मचल

रहा है, जंगल के शांत वातावरण मे उन दोनो की कामुक बाते कमला को स्पस्ट सुनाई दे

रही थी और उसने धीर से अपनी आँखो को थोड़ा खोल कर देखा तो दोनो के काले काले मोटे

लंबे लंड देख कर कमला के मूह मे पानी आने लगा और उससे रहा नही गया वह अपनी

चूत खूब नंगी कर के अपने बेटो को दिखाना चाहती थी तभी उसने धीरे से अपनी जाँघो को

थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी फूली हुई चूत की फांके पूरी तरह खुल गई और उसकी चूत का

गुलाबी रस से भरा छेद दोनो भाइयो के सामने खुल गया जिसे देख कर दोनो भाइयो की

आँखो मे लाल डोरे तेरने लगे और उन दोनो ने अपने लंड को अपनी मा की फटी हुई चूत देख

कर तबीयत से मुठियाना चालू कर दिया, कमला उनके लंड देख देख कर बैचैन हो रही थी

और उसका मन कर रहा था कि अभी के अभी इन दोनो के मोटे लंड उसकी चूत को फाड़ फाड़ कर

खूब कस कस कर चोदे, तभी बिरजू ने धीरे से मा मा कहते हुए उसकी दोनो जाँघो को और

खोल दिया कमला ने भी अब अपने पैरो को पूरा फैला कर पसार दिया जिससे उसकी फटी फांके

बिल्कुल अलग हो कर अपनी चूत का पूरा गुलाबी कटाव और काफ़ी तना हुआ लहसुन अपने बेटो को

दिखाने लगी, उसकी जाँघो के बीच इतना गेप हो चुका था कि पूरा भोसड़ा साफ दिखाई दे रहा

था तभी राजू धीरे से अपने घुटनो के बल आकर अपनी मा के घाघरे मे अपना मूह डालता

हुआ अपनी नाक को अपनी मा की फूली हुई खुली चूत के बिल्कुल पास ले गया और बहुत तेज़ी से सास

खीच कर अपनी मा की फटी हुई चूत को सूंघने लगा और बिल्कुल मदहोश हो गया और खूब

ज़ोर ज़ोर से सास ले ले कर अपनी मा की फूली हुई चूत की मादक गंध को सूंघने लगा, राजू जब

अपनी नाक से सास लेकर अपनी मा की फूली हुई चूत सुन्घ्ता फिर जब उसकी सास भर जाती तो वह

अपनी नाक से सास छ्चोड़ता जिससे कमला की खुली हुई चूत पर जब गरम गरम सांसो की हवा

पड़ने लगी तो वह समझ गई कि उसका बेटा उसकी चूत के बिल्कुल नज़दीक अपनी नाक लगा कर उसकी

चूत की मादक गंध को सूंघ रहा है तो वह इतनी चुदासी हो गई कि उसकी चूत से पानी बह

बह कर उसकी गंद के छेद तक पहुच गया, फिर बिरजू ने पीछे से हाथ लगा कर राजू को

इशारा किया तो राजू ने अपनी मा के घाघरे से अपना मूह बाहर निकाल और फिर बिरजू ने अपना

मूह अपनी मा के घाघरे के अंदर डाल कर उसकी चूत की मादक गंध को अपनी नाक से

सूंघना शुरू कर दिया,

करीब आधे घंटे तक दोनो भाई बारी बारी से अपनी मा की चूत

सूंघ सूंघ कर उसे चोदने के लिए मरे जा रहे थे, और दोनो कहते जा रहे थे यार हमारी

मा की भोसड़ी कितनी मस्त और फूली हुई है अगर यह एक एक बार हम दोनो भाइयो का लंड अपनी

चूत मे घुसवाकर मरवा ले तो फिर हम इसे दिन रात अपने घर मे नंगी रख कर दिन रात इसकी

फूली हुई चूत मारेंगे, कमला अपने बेटो द्वारा खुद की चूत मारने की बात सुन कर सनसना

गई और उसे लगा जैसे पड़े पड़े ही उसकी चूत से पेशाब निकल जाएगा, दोनो भाई अपनी मा को

चोदने की खुली बाते कर कर के पागल हो रहे थे और फिर जब उनसे बर्दास्त नही हुआ तो वही

अपनी मा की फूली हुई बुर को देखते हुए दोनो भाइयो ने तबीयत से अपना लंड हिलाया और अपना

सारा माल छ्चोड़ कर हाफने लगे, जब कमला को एहसास हो गया कि दोनो ने उसकी चूत को देख

देख कर मूठ मार ली है तब थोड़ा कसमसा कर सोए से उठने का नाटक करती हुई उठ बैठी,

तुम दोनो कही गये तो नही थे नही मा हम दोनो तो तेरे पैरो के पास ही बैठे थे, अच्छा

चलो अब लड़किया रस्सी से बांधो और चलने की तैयारी करो फिर नही तो शाम हो जाएगी और

दोनो भाई अपनी लूँगी ठीक करते हुए लकड़ियो के गत्थे बनाने लगे और फिर सबसे छ्होटा

गत्था अपनी मा के सर पे लड़ दिया और बड़े बड़े गटते अपने सर पर लड़ कर अपनी मा को

आयेज चलने का कह कर पीछे पीछे चलते हुए अपनी मा के गदराए चूतादो को देखते

हुए घर की ओर चलने लगे.

रात को कमला अपनी खाट पर पड़ी पड़ी अपने बेटो की बातो को याद कर कर के अपनी चूत को सहला रही थी उसकी चूत खूब फूल चुकी थी, तभी उसका मन अपने बेटो की बाते सुनने का होने लगा और वह चुपचाप दरवाजे के पास कान लगा कर सुनने लगी, अंदर बिरजू और राजू अपना लंड अपने हाथ से सहलाते हुए यार क्या चूत है हमारी मा की इतनी फूली चूत देख कर मेरा लंड तो पागल हो रहा था हाँ यार राजू और अपनी मा की मोटी गंद देखी कितनी मस्तानी गंद है यार राजू अपनी मा की चूत और गंद मारने का मज़ा ही कुछ और होगा कितना पानी छोड़ती होगी हमारी मा की फूली हुई चूत, राजू मैने तो जब से उसकी मोटी गंद और पेशाब करते हुए उसकी चूत से निकलती पेशाब की मोटी धार देखी तब से मेरा लंड तो उसके मोटे गुलाबी चूत के छेद मे घुसने के लिए तड़प रहा है, हाँ यार राजू अपनी मा को पूरी नंगी करके देखने का इतना मन कर रहा है कितनी गदराई और मोटी जंघे है उसकी, और चूतड़ तो इतने मोटे है जब चलती है तो ऐसे मटकते है की सीधा जा कर अपना मोटा लंड उसकी मोटी गंद मे डाल दू और मार मार के उसकी गंद का छेद ढीला कर दू,

raj..
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Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 09:20

हाँ यार राजू मेरा दिल तो अपनी मा की चूत और गंद मारने के लिए तड़प रहा है एक बार हम दोनो भाइयो से अगर हमारी मा चुदवा ले तो उसे पूरी नंगी करके तू आगे से उसकी चूत मारना मैं पीछे से उसकी गंद मारूँगा जब हमारी मा की चूत और गंद मे हमारे मोटे मोटे काले लंड घुस कर उसे चोदेगे तो दोनो तरफ से ऐसे मोटे मोटे लंड के झटके खा खा कर वह भी मस्त हो जाएगी तू आगे से उसकी चूत अपने लंड से दबाना मैं पीछे से उसकी मोटी गंद मे अपना लंड दाबुँगा तब हमारी मा अपने दोनो बेटो के लंड पर झूला झूल कर खड़ी खड़ी मूतने लग जाएगी,

अब बाहर कमला अपने दोनो बेटो द्वारा उसे तरह तरह से चोदने की बात सुन सुन कर कमला से रहा नही जा रहा था और उसने अपना घाघरा उठा कर वही मूतने के अंदाज मे बैठ गई और अपने बेटो द्वारा उसे चोदने की बाते सुन सुन कर अपनी चूत को अपनी चारो उंगलियो से चोदने लगी और कल्पना करने लगी कि उसके बेटे कैसे पूरे नंगे होकर अपनी मा को पूरी नंगी करके कितने तगड़े झटके अपनी मा की चूत और गंद मे मार रहे है,

यार बिरजू कैसे भी करके हम दोनो को अपनी मा को चोदने के लिए पटाना होगा एक बार भोसड़ी अगर हमसे चुद गई तो फिर समझ लो हम दिन रात उसको घर पर नंगी ही रखेंगे और दिन रात उसको चोद्ते रहेगे, दोनो भाई दारू के नशे मे मस्त होकर अपनी मा की चूत मारने की बाते कर कर के अपना मोटा लंड हिलाते जा रहे थे, और उनके द्वारा खुद को चुदने की बात से कमला अपनी मोटी चूत को मसले जा रही थी, और कुछ देर के बाद अपना लंड हिलाते हुए दोनो ओह मा कितनी मादक गंध थी तेरी फूली हुई बुर की कितनी चौड़ी और फूली बुर है तेरी एक बार अपने बेटो को पूरी नंगी होकर अपने उपर चढ़ा ले मा तेरी ऐसी चूत मारेंगे कि तू खड़े खड़े ही मूते रह नही पाएगी, और अपनी मा का गदराया पेट देखा है जैसे किसी ने चूत मार कर उसे गर्भवती कर दिया हो मेरा तो मन करता है कि उसे इतना नंगी करके चोदु कि वह सच मे गर्भवती हो जाए यार राजू कल जब मा के साथ जंगल जाएगे तब जब वह सो जाएगी तब उसकी बुर को अपने हाथो से ज़रूर सहलाएगे वैसे भी वह थोड़ी गहरी नींद मे सोती है उसका घाघरा उठाकर उसकी चूत को पहले अच्छे तरह से सूँघेगे फिर उसकी चूत को हल्के हल्के अपने हाथो के पंजो मे लेकर उसे खूब दबोचेगे पर कही वह जाग गई तो अरे नही यार वह बड़ी पक्की नीद सोती है अगर थोड़ी बहुत उंगली भी उसकी चूत मे डाल देंगे तब भी उसकी नींद खुलेगी नही, और फिर दोनो भाई अपनी मा की नंगी चूत और गंद की कल्पना करके अपना लंड हिला कर अपना माल निकाल देते है उधर कमला अपने बेटो की बाते सुन कर अपनी चूत मे खूब कस कस कर उंगलिया चलाते हुए झाड़ जाती है, फिर तीनो मा बेटे सो जाते है

सुबह सुबह दोनो भाई अपनी प्लॅनिंग के हिसाब से आम के बगीचे के मे जाकर एक पेड़ से छुप जाते है और सुधिया काकी का उधर आना होता है सुधिया काकी जब उनसे सिर्फ़ 20 मीटर की दूरी पर आकर उनकी और अपनी मोटी गंद करके संडास को बैठती है

तब दोनो भाई उसके चूतड़ देख कर होश खो बैठते है और अपना अपना लंड निकाल कर उसकी मोटी गंद देख देख कर अपना लंड हिलाने लगते है और सुधिया काकी कि गंद देख देख कर वही खड़े खड़े अपना लंड हिलाकर मूठ मार देते है और जल्दी जल्दी अपने घर की और आ जाते हेई, दोनो बही हॅंडपंप पर बैठ कर दातुन करते हुए सुधिया काकी की मोटी गंद के बारे मे बाते करने लगते है, लेकिन उन्हे ध्यान नही रहता है कि सुधिया काकी आकर उनके पीछे खड़ी उनकी बात सुनने लगती है राजू यार सुधिया काकी के चूतड़ कितने भारी है मेरा तो उसकी गंद मारने का दिल कर रहा है, तभी सुधिया काकी हराम के जनो कुत्तो, कमिनो शर्म नही आती मेरी गंद मारने की बात करते हुए हरमियो जाकर अपनी अम्मा की गंद मारो मदर्चोदो उसकी गंद तो पूरे गाँव मे सबसे मोटी है जाकर अपनी मा की गंद पर चढ़ जाओ हरमियो, तुम कमिने कभी नही सुधरोगे आख़िर हरामी अपने बाप पर गये है उसने भी अपनी अम्मा की गंद मारी थी आख़िर खून का असर है तो वह कहाँ जाएगा, नीच कही के और इतना कह कर बड़बड़ाती हुई अपने घर मे घुस जाती है, दोनो भाइयो का मूड खराब हो जाता है और यार राजू इस मदर्चोद की गंद तो अब किसी भी हालत मे मारनी ही पड़ेगी मदर्चोद बहुत मा चुदवा रही है, अब हमे इसकी मोटी गंद मारे बिना चैन नही आएगा इस रंडी की गंद अगर मार मार के फाड़ ना दी तो हम भी अपने बाप की औलाद नही, कुतिया साली सुबह सुबह मा चुदवा के चली गई रंडी, और दोनो भाई अपने घर मे आ जाते है, कमला घर मे झाड़ू लगा रही थी और दोनो भाई चाय पीते हुए अपनी मा के मोटे मोटे चूतादो को थिरकते देख देख कर मज़ा ले रहे थे कमला भी समझ रही थी कि उसके बेटे उसकी मोटी गंद को देख देख कर मज़ा ले रहे है,

तभी कमला झाड़ू मारते हुए अपनी गंद के छेद को खुजलाने लगी जिससे उसके घाघरे मे एक गहरा सा गेप बन गया और दोनो भाइयो के लंड अपनी मा की मोटी मोटी गंद को देख कर खड़े हो गये, कमला झाड़ू मारते मारते अपने मोटे चूतादो को अपने बेटो के मूह के सामने लाकर नचा नचा कर झाड़ू मारने लगी दोनो भाइयो को लग रहा था कि अभी अपनी मा का घाघरा उठा कर उसकी गंद मे अपना मूह भर दे, और अपना लंड अपनी लूँगी से सहलाने लगे, तभी बिरजू खड़ा होकर अपने लंड को बाहर निकाल लेता है तब राजू उसका हाथ पकड़ कर वापस उसे बैठने को कहता है और धीरे से सबर कर यार तू तो मा की गंद मे लंड फसाने के लिए मरा जा रहा है, ये अपनी मा है ये इतनी आसानी से अपनी गंद नही मरवाएगी इसकी मोटी गंद चोदने के लिए हमे बड़े जतन और उपाय करने होंगे लेकिन तू चिंता मत कर एक दिन इसकी मोटी गंद हम दोनो भाई ही चोदेन्गे, कमला अपने बेटो की खुस्फुसाहट भरी बाते सुन लेती है और अपनी गंद का छेद सहलाते हुए घर के बाहर कचरा फेंकने चली जाती है, तब राजू यार एक बात देखी है तूने कुच्छ दिन से हमारी मा की गंद कुच्छ ज़्यादा ही खुजलाने लगी है मुझे लगता है कि हमारे मोटे काले लंड देख कर इसकी गंद और चूत मे खुजली बहुत बढ़ गई है यदि हम थोडा संयम से काम ले तो यह हमे अपनी गंद और चूत बड़े आराम से दे देगी बस थोड़ा इसकी चूत का पानी हमे कैसे भी करके बहाना पड़ेगा, तब बिरजू बोला मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया है राजू बोल बोल कॉन सा आइडिया आया है तेरे भेजे मे, बिरजू यार पहले एक बार यह पता चल जाए कि यह हमारे लंड के लिए तड़प रही है तभी मैं अपने आइडिया के बारे मे आगे सोच सकता हू, राजू अरे यह तो बड़ा आसान है पता करना कि यह हमारे लंड के लिए तड़प रही है कि नही, बिरजू वह कैसे, राजू अगली बार जब हम जंगल जाएगे तब मूतने के बहाने इसे फिर से लंड दिखाने की कोशिश करेंगे अगर यह हमारा लंड देखने की कोशिश करती है तो समझ लेना कि यह हमसे अपनी चूत और मोटी गंद मरवाने के लिए तड़प रही है, तभी कमला घर के अंदर आ जाती है और दोनो चुप हो जाते है,

क्रमशः....................

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