Re: hindi sex story - जीवन की यादगार घटनाएँ
Posted: 14 Jul 2016 12:45
तब मैंने उसे इशारा किया कि इसके लिए उसे ही मेहनत करनी पड़ेगी और मैं कमरे के बीच में आँखें बंद करके खड़ी हो गई ! कमल उठ कर मेरे पास आया और मेरी नाइटी को ऊपर उठा कर उतार दिया। नाइटी के नीचे मुझे बिलकुल नग्न पा कर वह मेरी मंशा समझ गया कि मैं इस अवसर के लिए पहले से ही तैयार हो कर आई हूँ !
उसने मेरी नाइटी को वहीं फेंक कर मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया तथा मेरे करीब ही बैठ गया। वह अपने हाथ मेरी चूचियों पर फेरने लगा और अंगूठे तथा उंगली के बीच में घुंडियों को पकड़ कर मसलने लगा। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूत के बालों पर रखा और अपने एक उंगली से मेरे छोले को रगड़ने और बड़ी उंगली को मेरी चूत के अंदर डाल कर हिलाने लगा।
मैं तो लौड़ा चूसने के समय से गर्म थी, कमल की उँगलबाजी से मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई, मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने उसकी लुंगी खोल दी और उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी। एक मिनट में ही उसका लौड़ा तन कर फौलाद का हो गया, तब मैं ऊँची हो कर कमल के लौड़े को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी, यह देख कमल उल्टा हो कर लेट गया और मेरी चूत में मुँह रख कर छोले को चाटने लगा और जीभ को चूत की गली में घुसाने और निकालने लगा।
मैं भी उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी। पांच मिनट के बाद जब मैं बहुत गर्म हो गई और मेरे मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह… उहंह्ह… उहंह्ह्ह… आवाजें निकली और मेरी चूत ने सिकुड़ कर पानी छोड़ दिया। कमल ने सारा पानी पी लिया, चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।
क्योंकि मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए मैंने उसे मेरी चुदाई करने का आग्रह किया। तब वह उठ कर मेरी टांगों के बीच में बैठ गया और मेरी चूत को देखने लगा।
मैंने पूछा- तुम मेरी चूत को क्यों घूर रहे हो?
तो उसने बताया कि उसे मेरी चूत बिल्कुल अर्ची की चूत जैसी ही लग रही थी बल्कि उससे भी कुछ संकरी लग रही थी और उसके लौड़े के चुदाई से कहीं फट गई और खून निकलने लगा तो क्या करेंगे।
यह सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- अगर मेरी चूत अर्ची की चूत की जैसी है तो जैसे उसकी नहीं फटी वैसे मेरी भी नहीं फटेगी, और अगर अर्ची की चूत में उसका लौड़ा समां गया था तो उसी तरह मेरी चूत में भी समां जाएगा !
मैं उसके आठ इंच के लौड़े को अन्दर लेने के लिए बेताब थी इसलिए मैंने उसे चुदाई के लिए उकसाया तब उसने धीरे से मेरी चूत के मुँह पर लौड़े को रखा और एक ही झटके में सुपारा अन्दर घुसेड़ दिया !
उसके ढाई इंच मोटे सुपारे के लिए मेरी चूत काफी तंग थी, जैसे नई चूत हो और पहली बार चुद रही हो ! मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चीख उठी ऊईई ममाँआआ… म्म्म्मररर्र… गईई… हाएए… मेरीईइ… फटगईई… आहंहह्ह… उहंहह्ह… मार डाला !
मेरी चीखें सुन कर कमल रुक गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मुझे चुम्बन करता रहा !
जब मैं शांत हो गई तब उसने दूसरा झटका मारा और आधा लौड़ा मेरे अंदर घुसेड़ दिया, मुझे एक बार फिर बहुत ही तीखा दर्द हुआ और एक बार फिर मेरी चीखें निकलने लगी ऊई ईई ममाँआआ… म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीई ईइ… फटगईई… आहंह्ह… उहंह्ह्ह…! कमल थोड़ी देर फिर रुका और जैसे ही मेरी सांस में सांस आई उसने एक और झटका लगा कर लौड़े को पूरा मेरी चूत के अंदर पहुंचा दिया। इस बार तो मेरी चूत में अत्यंत ही तीखा दर्द हुआ और मैं दर्द के मारे तड़प उठी, मेरे पसीने छूटने लगे, मेरी आँखों में से पानी निकल आया, मेरा पूरा बदन कांपने लगा और मेरी चीखें पूरे कमरे में गूंजने लगी ! कमल झट से मेरे ऊपर लेट गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरी चीखों को चुप करा दिया !
पांच मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपने होश में आई और कमल से आगे बढ़ने को कहा, तब उसने धीरे धीरे हिलना शुरू किया और बहुत ही प्यार से लौड़े को चूत के अंदर बाहर करने लगा ! उसका लौड़ा मेरी कसी चूत में बुरी तरह से फंसा हुआ था इसलिए बहुत ही अच्छी रगड़ मार रहा था जिससे मुझे बहुत मज़े आने लगे थे !
जब मेरी चूत सिकुड़ने लगी तो मैं बोल उठी- कमल, मजा आ रहा है ज़रा तेजी से करो, ज़रा जल्दी जल्दी करो !
उसने मेरी नाइटी को वहीं फेंक कर मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया तथा मेरे करीब ही बैठ गया। वह अपने हाथ मेरी चूचियों पर फेरने लगा और अंगूठे तथा उंगली के बीच में घुंडियों को पकड़ कर मसलने लगा। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूत के बालों पर रखा और अपने एक उंगली से मेरे छोले को रगड़ने और बड़ी उंगली को मेरी चूत के अंदर डाल कर हिलाने लगा।
मैं तो लौड़ा चूसने के समय से गर्म थी, कमल की उँगलबाजी से मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई, मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने उसकी लुंगी खोल दी और उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी। एक मिनट में ही उसका लौड़ा तन कर फौलाद का हो गया, तब मैं ऊँची हो कर कमल के लौड़े को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी, यह देख कमल उल्टा हो कर लेट गया और मेरी चूत में मुँह रख कर छोले को चाटने लगा और जीभ को चूत की गली में घुसाने और निकालने लगा।
मैं भी उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी। पांच मिनट के बाद जब मैं बहुत गर्म हो गई और मेरे मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह… उहंह्ह… उहंह्ह्ह… आवाजें निकली और मेरी चूत ने सिकुड़ कर पानी छोड़ दिया। कमल ने सारा पानी पी लिया, चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।
क्योंकि मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए मैंने उसे मेरी चुदाई करने का आग्रह किया। तब वह उठ कर मेरी टांगों के बीच में बैठ गया और मेरी चूत को देखने लगा।
मैंने पूछा- तुम मेरी चूत को क्यों घूर रहे हो?
तो उसने बताया कि उसे मेरी चूत बिल्कुल अर्ची की चूत जैसी ही लग रही थी बल्कि उससे भी कुछ संकरी लग रही थी और उसके लौड़े के चुदाई से कहीं फट गई और खून निकलने लगा तो क्या करेंगे।
यह सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- अगर मेरी चूत अर्ची की चूत की जैसी है तो जैसे उसकी नहीं फटी वैसे मेरी भी नहीं फटेगी, और अगर अर्ची की चूत में उसका लौड़ा समां गया था तो उसी तरह मेरी चूत में भी समां जाएगा !
मैं उसके आठ इंच के लौड़े को अन्दर लेने के लिए बेताब थी इसलिए मैंने उसे चुदाई के लिए उकसाया तब उसने धीरे से मेरी चूत के मुँह पर लौड़े को रखा और एक ही झटके में सुपारा अन्दर घुसेड़ दिया !
उसके ढाई इंच मोटे सुपारे के लिए मेरी चूत काफी तंग थी, जैसे नई चूत हो और पहली बार चुद रही हो ! मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चीख उठी ऊईई ममाँआआ… म्म्म्मररर्र… गईई… हाएए… मेरीईइ… फटगईई… आहंहह्ह… उहंहह्ह… मार डाला !
मेरी चीखें सुन कर कमल रुक गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मुझे चुम्बन करता रहा !
जब मैं शांत हो गई तब उसने दूसरा झटका मारा और आधा लौड़ा मेरे अंदर घुसेड़ दिया, मुझे एक बार फिर बहुत ही तीखा दर्द हुआ और एक बार फिर मेरी चीखें निकलने लगी ऊई ईई ममाँआआ… म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीई ईइ… फटगईई… आहंह्ह… उहंह्ह्ह…! कमल थोड़ी देर फिर रुका और जैसे ही मेरी सांस में सांस आई उसने एक और झटका लगा कर लौड़े को पूरा मेरी चूत के अंदर पहुंचा दिया। इस बार तो मेरी चूत में अत्यंत ही तीखा दर्द हुआ और मैं दर्द के मारे तड़प उठी, मेरे पसीने छूटने लगे, मेरी आँखों में से पानी निकल आया, मेरा पूरा बदन कांपने लगा और मेरी चीखें पूरे कमरे में गूंजने लगी ! कमल झट से मेरे ऊपर लेट गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरी चीखों को चुप करा दिया !
पांच मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपने होश में आई और कमल से आगे बढ़ने को कहा, तब उसने धीरे धीरे हिलना शुरू किया और बहुत ही प्यार से लौड़े को चूत के अंदर बाहर करने लगा ! उसका लौड़ा मेरी कसी चूत में बुरी तरह से फंसा हुआ था इसलिए बहुत ही अच्छी रगड़ मार रहा था जिससे मुझे बहुत मज़े आने लगे थे !
जब मेरी चूत सिकुड़ने लगी तो मैं बोल उठी- कमल, मजा आ रहा है ज़रा तेजी से करो, ज़रा जल्दी जल्दी करो !