Re: अनोखे परिवार
Posted: 16 Oct 2014 06:43
अनोखे परिवार--2
खाना ख़तम करके ललिता भाभी और सरोज सोने अपने
कमरे में चले गये आंटी नें मुझे ड्रॉयिंग रूम में
बुला लिया. मैं सोफे पर बैठ गया आंटी भी वहीं पास में
आकर बैठ गयी उन्होनें बात चीत करनी शुरू की मेरी
नज़रे उनकी चूचियों पर थी.
अचानक ही उन्होने पूछ दिया क्या देख रहे हो पंकज .
मैं सकपका गया उन्होनें कहा अछा है क्या. तेरे अंकल को
भी ये बहुत पसंद है. मैं कुछ समझ नही पाया.
उन्होनें कहा कि बेटा शर्मा मत ये ज़िंदगी बहुत छोटी
इसमे आदमी को हमेशा खुश रहना चाहिए और जितना हो सके
एंजाय करना चाहिए. मैं कुछ बोल नही पाया उन्होनें मेरे
हाथ पर अपना हाथ रख दिया. क्या नरम नरम हाथ थी
उनकी, मैने उनकी तरफ देखा उन्होनें मेरा हाथ उठाकर
अपने चूची पर रख दिया क्या सॉफ्ट चूची थी उनकी.
मैने डरते हुए हल्के से उनकी चूची दबा दी वो
सिहर गयी और उनके मूह से हल्की सी आह निकल गयी. उन्होनें
पूछा " पसंद आया बेटा यही देख रहा था ना" उन्होनें
फिर कहा देखेगा और कह कर उन्होनें अपनी एक चूची
अपने नाइटी से आज़ाद कर दिया. वा क्या मस्त चूची थी मैने
हल्के से उसका स्पर्श किया बड़ा अछा लगा लगा जैसे मैं
जन्नत में आ गया हूँ. ये सब मुझे सपने जैसा लग
रहा था एक सुंदर अधेड़ उमर की औरत मुझसे अपनी चूची
मालवा रही है ये देख कर लंड अपने पूरे औकात में आगेया
था.
मैने आंटी के आँखों में झाँकने की कोशिश की उनकी
आँखे एकदम नशीली हो चली थी. उन्होने धीरे से हाथ
बढाकर मेरे लंड को मेरे शॉर्ट्स के उपर से सहलाना शुरू
कर दिया.
उन्होनें कहा कि बेटा तेरा लंड तो बहुत बड़ा लग रहा है
ज़रा दिखा ना कि कैसा है तेरा लंड और उन्होनें पॅंट नीचे
सरका दी, पॅंट सरकते ही मेरा लंड बाहर आ गया वो फटी
फटी और ललचाई नज़रों से मेरे बड़े और मोटे लंड को देख
रही थी उन्होनें कहा कि बेटा तू इसमे क्या लगाता है इतना तगड़ा
लंड मैने आज तक नही देखा है ये तो किसी को भी तृप्त कर
देगा.
मैने पूछा आंटी अंकल का कैसा है तो उन्होनें कहा कि
बेटा उनका भी बड़ा और खूब मोटा है मगर तेरी तो बात ही
कुछ और है. वो मेरे और नज़दीक आ गयी थी उन्होनें मेरे
लंड को अपनी हथेली में लेकर सहलाना शुरू कर दिया मुझे
बहुत मज़ा रहा था दोस्तों मैं बताऊ मेरी क्या हालत हो रही
थी मैं अब एक दम बेकाबू हो गया था.
मैने कन्प्ति आवाज़ में पूछा आंटी अंकल से आप खुश नही
हैं क्या तो उन्होनें कहा ऐसा नही है बेटा वो तो मुझे रोज़
चोदते हैं और मैं ना झाड़ू वो नही झाड़ते मगर क्या
करू मुझे चुद्वाना बहुत अछा लगता है.
मेरी लंड की भूख बहुत ज़्यादा है, तेरे लंड को देख कर लग
रहा है कि अब मेरे दुख भरे दिन गये बेटा. तू मुझे
चोदेगा बेटा मैं इसी का तो इंतेज़ार कर रहा था मैने कहा
आंटी आपलोग बहुत अच्छे हो जब ज़रूरत होगी बोले देना.
आंटी खुश हो गयी और मेरा लंड अपने होंठो के पास
लाकर चूमने लगी धीरे धीरे उन्होनें मेरे लंड को
अपने मूह में भर लिया.
खाना ख़तम करके ललिता भाभी और सरोज सोने अपने
कमरे में चले गये आंटी नें मुझे ड्रॉयिंग रूम में
बुला लिया. मैं सोफे पर बैठ गया आंटी भी वहीं पास में
आकर बैठ गयी उन्होनें बात चीत करनी शुरू की मेरी
नज़रे उनकी चूचियों पर थी.
अचानक ही उन्होने पूछ दिया क्या देख रहे हो पंकज .
मैं सकपका गया उन्होनें कहा अछा है क्या. तेरे अंकल को
भी ये बहुत पसंद है. मैं कुछ समझ नही पाया.
उन्होनें कहा कि बेटा शर्मा मत ये ज़िंदगी बहुत छोटी
इसमे आदमी को हमेशा खुश रहना चाहिए और जितना हो सके
एंजाय करना चाहिए. मैं कुछ बोल नही पाया उन्होनें मेरे
हाथ पर अपना हाथ रख दिया. क्या नरम नरम हाथ थी
उनकी, मैने उनकी तरफ देखा उन्होनें मेरा हाथ उठाकर
अपने चूची पर रख दिया क्या सॉफ्ट चूची थी उनकी.
मैने डरते हुए हल्के से उनकी चूची दबा दी वो
सिहर गयी और उनके मूह से हल्की सी आह निकल गयी. उन्होनें
पूछा " पसंद आया बेटा यही देख रहा था ना" उन्होनें
फिर कहा देखेगा और कह कर उन्होनें अपनी एक चूची
अपने नाइटी से आज़ाद कर दिया. वा क्या मस्त चूची थी मैने
हल्के से उसका स्पर्श किया बड़ा अछा लगा लगा जैसे मैं
जन्नत में आ गया हूँ. ये सब मुझे सपने जैसा लग
रहा था एक सुंदर अधेड़ उमर की औरत मुझसे अपनी चूची
मालवा रही है ये देख कर लंड अपने पूरे औकात में आगेया
था.
मैने आंटी के आँखों में झाँकने की कोशिश की उनकी
आँखे एकदम नशीली हो चली थी. उन्होने धीरे से हाथ
बढाकर मेरे लंड को मेरे शॉर्ट्स के उपर से सहलाना शुरू
कर दिया.
उन्होनें कहा कि बेटा तेरा लंड तो बहुत बड़ा लग रहा है
ज़रा दिखा ना कि कैसा है तेरा लंड और उन्होनें पॅंट नीचे
सरका दी, पॅंट सरकते ही मेरा लंड बाहर आ गया वो फटी
फटी और ललचाई नज़रों से मेरे बड़े और मोटे लंड को देख
रही थी उन्होनें कहा कि बेटा तू इसमे क्या लगाता है इतना तगड़ा
लंड मैने आज तक नही देखा है ये तो किसी को भी तृप्त कर
देगा.
मैने पूछा आंटी अंकल का कैसा है तो उन्होनें कहा कि
बेटा उनका भी बड़ा और खूब मोटा है मगर तेरी तो बात ही
कुछ और है. वो मेरे और नज़दीक आ गयी थी उन्होनें मेरे
लंड को अपनी हथेली में लेकर सहलाना शुरू कर दिया मुझे
बहुत मज़ा रहा था दोस्तों मैं बताऊ मेरी क्या हालत हो रही
थी मैं अब एक दम बेकाबू हो गया था.
मैने कन्प्ति आवाज़ में पूछा आंटी अंकल से आप खुश नही
हैं क्या तो उन्होनें कहा ऐसा नही है बेटा वो तो मुझे रोज़
चोदते हैं और मैं ना झाड़ू वो नही झाड़ते मगर क्या
करू मुझे चुद्वाना बहुत अछा लगता है.
मेरी लंड की भूख बहुत ज़्यादा है, तेरे लंड को देख कर लग
रहा है कि अब मेरे दुख भरे दिन गये बेटा. तू मुझे
चोदेगा बेटा मैं इसी का तो इंतेज़ार कर रहा था मैने कहा
आंटी आपलोग बहुत अच्छे हो जब ज़रूरत होगी बोले देना.
आंटी खुश हो गयी और मेरा लंड अपने होंठो के पास
लाकर चूमने लगी धीरे धीरे उन्होनें मेरे लंड को
अपने मूह में भर लिया.