शबाना की गंद के नीचे से निकली हुई जगबीर के हाथों की वजह से उसकी चूत एकदम उठ गई थी और पैर हवा में लहरा रहे थे, एकदम फैले हुए. उसकी चूत में जगबीर की जीभ धँसती जा रही थी. जगबीर ने उसकी चूत में च्छूपे गुलाबी दाने को अपने होंठों में जाकड़ लिया और उसपर बेतहाशा अपनी जीभ रगड़ कर चूसने लगा. शबाना की सिसकारियाँ फूट गई और उसकी चूत में खलबली मच गई. उसका आनंद चरम पर था और वो हिल भी नहीं सकती थी. उसकी कलाईयों को जगबीर ने पूरी ताक़त से पकड़ रखा था और उसकी गंद हवा में पूरी उठी हुई थी. उसकी गंद ने एक ज़ोर का झटका दिया और उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया. अब जगबीर ने उसकी कलाईयों को छ्चोड़ा और अपने हाथ उसके पैरों के बीच से निकाल लिए. अब वो बिल्कुल धराशाई हो गई बिस्तर पर. "ओह गॉड...मज़ा आ गया जगबीर"
जगबीर ऊपर चढ़ गया और उसके होंठों को चूसने लगा. शबाना ने जगबीर की बालों से भरी छाती पर हाथ फिराने शुरू कर दिए. अच्च्छा लगता था जब जगबीर की बालों से भरी छाती उसके चिकने भरे हुए मम्मों को रगड़ती थी. अज़ीन तरह की गुदगुदी सी होती थी. अब शबाना बैठ गई और जगबीर की पॅंट के बटन खोले, और उसकी पॅंट और अंडरवेर निकाल कर फेंक दिए. उसने जगबीर के लंड को अपने हाथों में लिया और उसकी जड़ से टोपी तक ऊपर नीचे करने लगी. उसके लंड का सुपरा चमड़ी के पीछे होते ही उसका लाल, गोल सुपरा जैसे हमले की तैयारी में नज़र आता था. शबाना झुकी और जगबीर के लंड कोचूसना शुरू कर दिया. उसने जगबीर के लंड के सुपरे को मुँह में लिया और उसका स्वाद अपनी जीभ पर महसूस करने लगी. उसकी जीभ जगबीर के लंड पर बने छेद में घुसने की कोशिश कर रही थी. उसके सुपरे को अपनी जीभ में लपेट कर शबाना उसके हर हिस्से का मज़ा ले रही थी. जगबीर उसके सर पर हाथ रख कर उसे दबाने लगा. अब शबाना जगबीर के पूरे लंड को अपने मुँह में ले रही थी. जगबीर का लंड उसके गले तक जा रहा था और उसकी आँखें जैसे बाहर आने को थी. उसने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर थोड़ी कोशिश के बाद वो अब उसके लंड को अपने मुँह में अड्जस्ट कर चुकी थी. अब जगबीर को पूरा मज़ा मिल रहा था, शबाना बिल्कुल रंडी की तरह अच्छि तरह उसका लंड चूस रही थी, नीचे से ऊपर, ऊपर से नीचे. अब जगबीर ने उसे नीचे उतरने को कहा.
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Re: सबाना और ताजीन की चुदाई
शबाना नीचे खड़ी होकर झुक गई और अपने हाथ बेड पर रख दिए. अब वो बेड का सहारा लेकर गंद उठाए खड़ी थी. जगबीर उसके पीछे आकर खड़ा हो गया. शबाना ने अपनी गंद उठा दी और आराम से जगबीर के लंड का अपनी चूत में घुस जाने का इंतेज़ार करने लगी. जगबीर ने शबाना के पैरों को फैलाया और अपने लंड को पकड़कर और शबाना की उठी गंद पर रगड़ने लगा. वो उसके पीछे खड़ा होकर उसकी उठी हुई गंद से लेकर उसकी चूत तक अपने लंड को रगड़ रहा था. शबाना की सिसकारियों से कमरा गूँज रहा था. शबाना की चूत के मुँह पर उसने अपने लंड को अड्जस्ट किया और धीरे धीरे बड़े प्यार से लंड के सुपरे को उसकी चूत में पहुँचा दिया. शबाना ने मदहोश होकर अपनी गंद और उठा दी, और जगबीर ने अपना लंड एक झटके से पूरा का पूरा शाना की चूत में धकेल दिया. शबाना को एक झटका सा लगा और उसकी सिसकारियाँ फूट पड़ी. जगबीर ने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ा और नीचे से ज़ोर ज़ोर से झटके मारने शुरू कर दिए, और शबाना की कमर को पकड़ कर एक लय में उसके जिस्म को हिलाने लगा. शबाना का पूरा जिस्म हिल रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसकी चूत को कोई उठा उठा कर जगबीर के लंड पर पटक रहा था, और जगबीर का लंड उसकी चूत को चीरते हुए उसके पेट में घुस रहा था.
शबाना की सिसकारियाँ अब मदहोशी की चीखों में बदल चुकी थी, उसकी चूत के थपेड़े जगबीर के लंड पर बेतहाशा पड़ रहे थे. जगबीर ने उसकी कमर को कस कर पकड़ रखा था और शबाना की गंद से लेकर उसके कंधों तक के जिस्म को झकझोर कर रख दिया था. जगबीर भी उसे बुरी तरह चोदे जा रहा था, शबाना के पैर उठने लगे थे, जगबीर ने उसकी कमर को छ्चोड़ दिया और उसकी जांघों को अंदर की तरफ से पकड़ कर उसे उठा लिया. अब शबाना अपने हाथों को बेड पर टिकाए हवा में लहरा रही थी, और जगबीर उसकी चूत में बेतहाशा धक्के लगाए जा रहा था. जगबीर के धक्के एकदम तेज़ हो गये और शबाना की चूत में जैसे ज्वालामुखी फॅट गया. पता नहीं किसका पानी कब गिरा, दोनों के शरीर अब रुकने लगे. जगबीर ने शबाना के पैरो को ज़मीन पर रख दिया, शबाना घूमी और धदाम से बेड पर गिर गयी. "जगबीर मज़ा आ गया..लव यू डार्लिंग" . जगबीर उसकी बगल में लेट गया. शबाना ने उसके होंठों को चूम लिया. दोस्तो इस तरह जब जावेद घर पर नही होता था तब शबाना अपने यार प्रताप या जगबीर को बुला कर अपनी गर्मी शांत करती थी आपको कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
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