दीदी की बुर की खुजाई से ले कर चुदाई तक
प्रेषक : राहुल शर्मा
मैं राहुल, 32 साल,मैं जब छोटा था, तब दीदी मुझसे पीठ खुजलाने के लिए बोला करती थी। हम एक ही कमरे में एक ही बिस्तर पर सोया करते थे। फिर कुछ दिनों बाद दीदी मेर हाथ अपने चुच्ची की तरफ आगे बढ़ाने लगी और बोली- यहां खुजलाओ !
मुझे थोड़ा अजीब लगा पर मैं दीदी को मना नहीं कर पाता था क्योंकि दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी। फिर दूसरे दिन रात को दीदी बोली- आज नीचे खुजला दे !
तो मैंने पूछा- कहां दीदी?
तो दीदी ने अपनी पैन्टी उतार दी और अपनी बुर की ओर इशारा करके बोली- यहां !
मैं बोला- दीदी, यहां से तो सु-सु करते हैं !
दीदी बोली- हां यहीं बहुत खुजली हो रही है।
फिर मैं दीदी की बुर खुजलाने लगा। फिर दीदी बोली- उसके अंदर जहां से सु-सु आता है ना, वहां उंगली डाल के खुजला ना !
फिर मैं दीदी की बुर में उंगली डाल के खुजलाने लगा। फिर इसी तरह कुछ दिन चलता रहा और फिर कुछ दिनों बाद दीदी मामा के घर आगे की पढ़ाई के लिये चली गई।
फिर हम कई बार बीच बीच में मिलते रहे, मामा के घर तो कभी हमारे घर, लेकिन कभी मौका नहीं मिला हमें वैसा मस्ती करने के लिये।
फिर दीदी अपनी पढाई पूरी करके लौटी तो दीदी 24 की हो गई थी। फिर कुछ दिनों बाद दीदी ने एक दिन मुझ से पूछा- बचपन की बातें याद हैं?
मैंने सर हिला के हां कहा, फिर दीदी बहुत खुश हो गई और मेरे गालों को चूम लिया। अब भी हम लोगों का कमरा एक ही था लेकिन पलंग अलग अलग था। और फिर जब रात को मैं अपने बिस्तर में बरमु्डा पहने गहरी नीन्द में सोया हुआ था तो दीदी ना जाने कब मेरे बिस्तर आ गई और मेरा लण्ड निकाल के सहलाने लगी, मुझे पता ही नहीं चला। मेरा लौड़ा अकड़ के जम के खड़ा हो गया था अचानक मेरा नीन्द खुली, देखा कि दीदी के हाथों में मेरा लौड़ा है और वो उसे कभी प्यार से देखती है, कभी सहलाती है और कभी मेरे झाटों से खेल रही है।
तो मैं दीदी से अचानक बोला- दीदी, ये क्या कर रही हो ?
दीदी बिल्कुल ही नहीं डरी और बोली- क्यों? तुझे अच्छा नहीं लग रहा है क्या ?
फिर मैं क्या बोलता, मुझे तो मज़ा ही आ रहा था, मैं यूं ही लेटा रहा, फिर मैंने दीदी को बोला- दीदी, इसे मुँह में ले लो ना !
दीदी बोली- क्यों? अभी तो तुझे बुरा लग रहा था ! अब कैसे मुँह में लेने के लिए बोल रहा है?
मैं बोला- दीदी प्लीज़ ले लो ना ! नाटक क्यों कर रही हो !
दीदी बोली- मुँह में क्या, सब जगह ले लूंगी, लेकिन पहले मेरे पूरे कपड़े खोल के जम के गरम तो करो !
फिर दीदी ने मेरा बरमुडा निकाल के अलग कर दिया, मैंने दीदी को बेड पे ही खड़ा कर दिया और दीदी का टी-शर्ट निकाला, फिर जीन्स !
अब दीदी ब्रा और पैन्टी में थी। दीदी पैन्टी-ब्रा में क्या गज़ब की मस्त लग रही थी, क्योंकि दीदी का फ़िगर 36 28 36 था, बड़े बड़े स्तन और गांड बड़ी बड़ी थी। दीदी को नंगी देख मैं बहुत खुश हो रहा था और सोच रहा था कि आज तो दीदी मस्त चुदाई करुंगा क्योंकि ये सब मैं जिन्दगी में पहली बार देख रहा था और इन सब चीज़ों के लिये कब से तड़प रहा था।
मैंने दीदी दे स्तनों को ब्रा के ऊपर से खूब दबाया। फिर मैंने दीदी की पैन्टी नीचे खिसका दी। दीदी की बुर तो देखते ही बनती थी क्योंकि दीदी की बुर बिल्कुल साफ़ और डबलरोटी की तरह फूली हुई थी।
फिर मैंने दीदी की बुर की फांकों को खोल के देखा- क्या बुर थी दीदी की, बिल्कुल गुलाबी-गुलाबी ! ऐसा लग रहा था जैसे किसी राजा के महल में गुलाबी परदे लगे हों !
मैं अब बिल्कुल रोमांच से भर गया था और ऐसा लग रहा था कि कहीं मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा हूँ। मैंने दीदी से बोला- अब तो मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लो !
दीदी भी बिल्कुल गरम हो चुकी थी, दीदी ने मुझसे बेड पे लेटने के लिये कहा और खुद मेरे टांगों के बीच में आ के बैठ गई। मेरा लण्ड बिल्कुल छत की ओर ऐसे खड़ा था जैसे कोइ झंडे का डंडा खड़ा हो। फिर दीदी बड़े प्यार से मेरे लण्ड को फिर से सहलाने लगी और अंडे को चाटने लगी। मैंने पहले कभी मुठ नहीं मारा था इसीलिये मेरे सील टूटी नहीं थी और ना ही मैंने कभी झांट साफ किये थे इसलिये मेरे बड़े बड़े झांट भी थे।
दीदी मेरे अंडों को चाटते हुए लण्ड की ओर बढ़ने लगी और फिर लण्ड की जड़ के चारों ओर चाटने और हल्का हल्का काटने लगी। मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था और इंतज़ार कर रहा था कि कब दीदी मेरे लण्ड को अपने मुँह में भरेगी !
दीदी से स्तन मेरी जांघों में रगड़ खा रहे थे, मैं तो बिल्कुल सातवें आसमान में था। दीदी मेरे लण्ड के चारों ओर से काटते, चाटते हुए सुपाड़े की तरफ धीरे धीरे बढ़ रही थी। ऐसा लग रहा था कि दीदी मुझे जानबूझ के तड़पा रही हो। फिर दीदी ने मेरे सुपाड़े के छेद में जीभ लगाई और धीरे धीरे जीभ से चाटने लगी और फिर थोड़ी देर बाद आखिर दीदी ने मेरे सुपाड़े को अपने मुँह में भर ही लिया। और जैसे दीदी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में भरा, मेरा पूरा शरिर ही झनझना गया, ऐसा लगा कि मेरा बरसों का इंतज़ार खत्म हुआ और बरसों की तमन्ना पूरी हुई। फिर दीदी लगी जम के लण्ड चुसाई करने।
थोड़ी देर बाद मुझे पेशाब लगी, मैं बोला- दीदी एक मिनट रुको ! मैं सु-सु करके आता हूँ !
दीदी बोली- नहीं यहीं करो सु-सु !
मैं बोला- दीदी यहां कहां करुँ सु-सु ?
दीदी बोली- मेरे मुँह में !
मैं बोला- दीदी मुझे बड़ी जोर से सु-सु लगी है और एक बार जो सु-सु करना शुरु होगा तो मैं बीच में नहीं रोक सकूंगा और फिर बिस्तर भी गीला हो जायेगा।
दीदी बोली- मैं नीचे बैठ जाती हूँ, मुझे एक बर थोड़ा सा स्वाद चखना है और अगर अच्छा लगा तो पूरा पी जाउंगी !
फिर दीदी नीचे बैठ गई, मैं दीदी के मुँह में लण्ड डाल लगा मूतने जोरों से !
दीदी दो चार घूंट पी गई लेकिन पूरा मुँह भर जाने के कारण पी नहीं सकी और फिर अपने चेहरे पर, वक्ष पर, बुर में गिराने लगी।
फ़िर मैंने पूछा- दीदी, कैसा लगा स्वाद ?
दीदी बोली- बहुत ही मज़ा आ रहा था, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करते तो मैं पूरा पी जाती !
मैं बोला- ठीक है, अगली बार धीरे धीरे करुंगा !
फिर दीदी ने कमरे में पोंछा लगाया और बोली- अब तुम थोड़ा स्वाद ले के देखो सु-सु का !
मैं बोला- नहीं मुझे नहीं करना है टेस्ट ! दीदी बोली- बिल्कुल थोड़ा सा ही करुंगी, अगर अच्छा नहीं लगा तो दुबारा नहीं बोलूंगी !
फिर मैं नीचे लेट गया और दीदी मेरे मुँह में बुर लगा के ऐसे बैठ गई जैसे बाथरुम में सु-सु करते हैं और लगी जोर लगाने सु-सु करने को।
लेकिन दीदी को तो सु-सु लगी ही नहीं थी इसलिये बहुत जोर लगाने से 4-5 बून्द सु-सु ही कर पाई मेरे मुँह में।
दीदी ने पूछा- कैस लगा टेस्ट?
मैं बोला- बहुत ही नमकीन, खटटा और थोड़ी बदबू भी !
दीदी बोली- मुझे तो अच्छा लगा !
मैं बोला- लेकिन दीदी आपकी बुर चाटने मज़ा आ रहा था !
तो दीदी बोली- तो फिर जम बुर ही चाट दो !
फिर हम बिस्तर में आ गये और मैं दीदी के होंटो पे चुम्बन करने और चूसने लगा। दीदी के होंटो को चूसते, चाटते हुए दीदी के कान पे जीभ फिराने लगा। दीदी बहुत ही गरम हो गई थी, कान को चाटते गले से होते हुए वक्ष को चाटने लगा लेकिन दीदी के चुचूकों के पास जा कर चुचूक को मुँह में लिये बगैर ही दूर हो जाता था। दीदी चुचूक चुसवाने के लिये तड़पने लगी और जबर्दस्ती मेरे मुँह में अपने चुचूक पकड़ के ठूंस दिए।
मैं दीदी का एक चुचूक चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने सहलाने लगा। फिर धीरे धीरे मैं दीदी की बुर की ओर बढ़ने लगा और बुर के चारों ओर चूस-चूस दीदी की बुर लाल कर दी। फिर दीदी बुर चटवाने के लिये छटपटाने लगी और मेरा सर पकड़ के जबर्दस्ती अपने बुर में धंसा दिया। मैं लगा दीदी की बुर और बुर के दाने चूसने-चाटने !
फिर थोड़ी देर में हम फिर 69 करने लगे। दीदी फिर से मेरा लण्ड जम चूसने लगी। फिर मैं बेड पे खड़ा हो गया और दीदी घुटनों के बल बैठ गई, मैंने दीदी का सर पकड़ के लौड़ा घुसा दिया। दीदी ओ-ओ करने लगी और दीदी की आंख से आंसू आ गये। मैं दीदी के मुँह को बड़े प्यार चोदने लगा। दीदी ने एक हाथ से मेरी गांड को सहलाते हुए मेरे गाण्ड के छेद में एक उंगली घुसेड़ दी। अब मुझे डबल मज़ा आने लगा। फिर दीदी दूसरे हाथ मेरे लण्ड को हिलाते हुए चूसने लगी। मेरे लण्ड में हल्का हल्का दर्द होने लगा। दीदी बड़े जोरों से मेरे लण्ड हिलाने और चूसने लगी और दूसरे हाथ की दो उंगलियाँ मेरी गांड में घुसेड़ के अंदर-बाहर करने लगी। मुझे बहुत मज़ा आने लगा और पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं दीदी के मुँह में ही झड़ गया।
दीदी मेरा पूरा लण्ड का रस चूस-चूस के पी गई।
मेरा लण्ड खड़ा तो था लेकिन थोड़ा ढीला पड़ गया था और दर्द भी होने लगा था। दीदी तो लौड़े का रस पी के बिल्कुल गरम हो चुकी थी और बोली- भाई, अब मुझे जम के चोद दो !
मैं बोला- दीदी लण्ड तो खड़ा है लेकिन इसमें दर्द बहुत हो रहा है मैं चोद नहीं सकूंगा !
फिर दीदी बोली- कोइ बात नहीं, जब तुम्हारा लण्ड सही हो जायेगा तब चोद देना ! लेकिन अभी तो इसे चूस-चाट के झड़ा दो !
मैं बोला- दीदी, हां ! मैं ये कर सकता हूँ !
फिर दीदी टांग फैला के लेट गई और मैं दीदी की चूत चाटने लगा। दीदी मेरा सर पकड़ के जोर जोर से चटवा रही थी। फिर दीदी मेरे मुँह पे ही झड़ गई।
इसी तरह रात भर में 5-6 बार मेरे मुँह में झड़ी और मैं दीदी का सारा माल चाट-चाट कर पी गया और जब घड़ी देखी तो सुबह के पांच बज रहे थे।
फिर हम दोनों थक के चूर हो गये थे और फिर हम लुढ़क के चिपक के सो गये।
बदनाम रिश्ते
Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
Return to “Hindi Sex Story | Hindi Sex Stories”
Jump to
- ChitChat
- ↳ General Discussion
- ↳ Lifestyle, Personal Advice & Sex Tips
- ↳ Entertainment Video
- Novels (Hindi / English)
- Shero Shayries
- Urdu sex stories, poetry & shairy
- Stories
- ↳ Hindi Sex Story | Hindi Sex Stories
- ↳ English Sex Story | Sex Story in English
- ↳ Romantic Stories
- ↳ Thriller Stories
- ↳ Tamil Sex Story | Tamil Sex Stories | Tamilsex
- ↳ Malayalam Sex Story | Malayalam Sex Stories
- ↳ Marathi Sex Story | Marathi Sex Stories
- ↳ Bengali Sex Story | Bengali Sex Stories
- ↳ Punjabi Sex Stories
- ↳ Telugu sex stories
- ↳ Kannada Sex Stories
- ↳ Ghost Stories | Scary Stories