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मेरी चूत पसंद है compleet

Posted: 02 Nov 2014 23:39
by raj..
मेरी चूत पसंद है पार्ट--1

करिश्मा अपने मा-बाप की एकलौती लड़की है और देल्ही मे रहती
है. करिश्मा के पिताजी, मिस्टर. सुन्दीप वेर्मा देल्ही मे ही एल.आइ.सी. मे
ऑफीसर थे और पछले चार साल पहले स्वरगवसी हो गये थे और
करिश्मा की माताजी, स्म्ट. रजनी एक हाउस वाइफ है. करिश्मा के और
दो भाई भी है और उनकी शादी भी हो गयी है. करिश्मा ने पीछले
साल ही एम.ए. (इंग्लीश) पास किया है. करिश्मा का रंग बहुत गोरा
है और उसकी फिगर 36-25-38 है. वो जब चलती है तो उसकी कमर
एक अजीब सी बल खाती है और चलते वक़्त उसके चूतर बहुत हिलते
है. उसके हिलते हुए चूतर को देख कर परोस के कयी नवजवान,
और बूढ़े आदमी का दिल मचल जाता है और उनका लंड खड़ा हो जाता
है. परोस के कई लड़को ने काफ़ी कोशिश की लेकिन करिश्मा उनके
हाथ नही आई. करिश्मा अपनी पढ़ाई और यूनिवर्सिटी के सन्गी
साथी मे ही मुशगूल रहती थी. थोड़े दीनो के बाद करिश्मा की
शादी उसी सहर के रहने वाले एक पोलीस ऑफीसर से तय हो
गयी.उस लड़के के नाम रमेश था और उसके पिताजी का नाम
रसिकलाल था और सब उनको रसिकलाल जी कहकर बुलाते थे. रसिकलाल
जी अपने जवानी के दिनो मे और अपनी शादी के बाद भी हर औरत को
अपनी नज़र से चोद्ते थे और जब कभी मौका मिलता था तो उनको अपनी
लंड से भी चोद्ते थे. रसिकलाल जी की पत्नी का नाम स्नेहलाता है
और वो एक लेखिका है. अब तब गिरिजा जी करीब 8-10 किताबे लिख
चुकी है. रसिकलाल जी बहुत चोदु है और अब तक वो अपने घर
मे कई लड़की और औरतो को चोद चुके थे और अब जब कि उनका काफ़ी
उमर हो गया था मौका पाते ही कोई ना कोई औरत को पटा कर अपनी
बिस्तेर गरम करते थे. रसिकलाल जी का लंड की लंबाई करीब 8 1/2"
लंबा और मोटाई करीब 3 ½" है और वो जब कोई औरत की चूत मे
अपना लंड डालते तो करीब 25-30 मिनट के पहले वो झरते नही है.
इसीलिए जो औरत उनसे अपनी चूत चुदवा लेती है फिर दोबारा मौका
पाते ही उनका लंड अपनी चूत मे पिलवा लेती हैं.आज करिश्मा का
सुहागरात है. परसों ही उसकी शादी रमेश के साथ हुई थी.
करिश्मा इस समय अपने कमरे मे सज धज कर बैठी अपनी पति
का इन्तिजार कर रही है. उसका पति कैसे उसके साथ पेश आएगा, एह
सोच सोच कर करिश्मा का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा है. सुहागरात
मे क्या क्या होता है, ये उसको उसकी भाभी और सहेलिओ ने सब
बता दिया था. करिश्मा को मालूम है कि आज रात को उसका पति कमरे
मे आ कर उसको चूमेगा, उसकी चुचियो को दबाएगा, मसलेगा और
फिर उसके कपड़ो को उतार कर उसको नंगी करेगा. फिर खुद अपने
कपरे उतार कर नंगा हो जाएगा. इसके बाद, उसका पति अपने खड़े लंड
से उसकी चूत की चटनी बनाते हुए उसको चोदेगा.वैसे तो
करिश्मा को चुदवाने का तजुर्बा शादी के पहले से ही है.
करिश्मा अपने कॉलेज के दिनो मे अपने क्लास के कई लड़को का लंड
अपने चूत मे उतरवा चुकी है. एक लड़के ने तो करिश्मा को उसकी
सहली के घर ले जा कर सहेली के सामने ही चोदा था और फिर
सहेली की गंद भी मारी थी. एक बार करिश्मा अपने एक सहली के
घर पर शादी मे गयी हुई थी. वहाँ उस सहली के भाई, सुरेश,
ने उसको अकेले मे छेड़ दिया और करिश्मा की चूंची दबा दिया.
करिश्मा ने सिर्फ़ मुस्कुरा दिया. फिर सहली के भाई ने आगे बढ़ कर
करिश्मा को पकड़ लिया और चूम लिया. तब करिश्मा ने भी बढ़ कर
सहेली के भाई को चूम लिया. तब सुरेश करिश्मा के ब्लाउस के
अंदर हाथ डाल उसकी चूंची मसलने लगा और करिश्मा भी गरम
हो कर अपनी चूंची मसलवाने लगी और एक हाथ उसके पॅंट के
उप्पेर से उसके लंड पर रख दिया. तब सुरेश करिश्मा को पकड़
कर छत पर ले गया . छत पर कोई नही था, क्योंकी सारे घर के
लोग नीचे शादी मे ब्यस्त थे. छत पर जा कर सुरेश ने
करिश्मा को छत की दीवार से खड़ा कर दिया और करिश्मा से लिपट
गया . सुरेश एक हाथ से करिश्मा की चूंची दबा रहा था और
दूसरा हाथ सारी के अंदर डाल कर उसकी बुर को सहला रहा था.थोरी
देर मे ही करिश्मा गरमा गयी और उसकी मुँह से तरह तरह की
आवाज़ निकलने लगी. फिर जब सुरेश ने करिश्मा की सारी को उतारना
चाहा तो करिश्मा ने मना कर दिया और बोली, "नही सुरेश हमको
एकदम से नंगी मत करो. तुम मेरी सारी उठा कर, पीछे से
अपना गधे जैसा लंड मेरी चूत मे पेल कर मुझे चोद दो." लेकिन
सुरेश ना माना और उसने करिश्मा को पूरी तरह नंगी करके उसको
छत के मुंडेर से खड़ा करके उसके पीछे जा कर अपना लंड उसकी
चूत मे पेल कर उसको खूब रगड़ रगड़ कर चोदा. चोदते समय
सुरेश अपने हाथों से करिश्मा की चुचियो को भी मसल रहा
था. करिश्मा अपनी चूत की चुदाई से बहुत मज़ा ले रही थी और
सुरेश के हर धक्के के साथ साथ अपनी कमर हिला हिला कर सुरेश का
लंड अपनी चूत से खा रही थी. थोरी देर के बाद सुरेश
करिश्मा की चूत चोद्ते चोद्ते झार गया . सुरेश के झरते ही
करिश्मा ने अपनी चूत से सुरेश का लंड निकाल दिया और खुद
सुरेश के सामने बैठ कर उसका लंड अपने मुँह मे ले कर चाट चाट
कर साफ कर दिया. थोरी देर के बाद करिश्मा और सुरेश दोनो छत से
नीचे आ गये.आज करिश्मा अपनी सुहागरात की सेज पर अपनी कई बार की
चूदी हुए चूत ले कर अपने पति के लिए बैठी थी. उसकी दिल ज़ोर ज़ोर
से धड़क रही थी क्योंकी करिश्मा को डर था कि कहीं उसके
पति ये ना पता चल जाए कि करिश्मा पहले ही चुदाई का आनंद ले
चुकी है. थोरी देर के बाद कमरे का दरवाजा खुला. करिश्मा ने
अपनी आँख तिरछी करके देखा कि उसकी ससुरजी, रसिकलाल जी,
कमरे मे आए हुए हैं. करिश्मा का माथा ठनका, कि सुहागरात के
दिन ससुरजी का क्या काम आ गया है. खैर करिश्मा चुपचाप अपने
आप को सिकोर बैठी रही. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी सुहाग की
सेज के पास आए और करिश्मा के तरफ देख कर बोला,"बेटी मैं जानता
हूँ कि तुम अपने पति के लिए इन्तिजार कर रहीहो. आज की सब लड़किया अपने
पति का इंतिज़ार करती है. इस दिन के लिए सब लड़कियो को बहुत दीनो से
इंतिज़ार रहता है. लेकिन तुम्हारा पति, रमेश, आज तुमसे सुहागरात
मनाने नही आ पाएगा. अभी अभी थाने से फोन आया था और
वो अपनी यूनिफॉर्म पहन कर थाने चला गया . जाते जाते, रमेश
ये कह गया कि सहर के किसी भाग मे डकैती पड़ी है और वो
उसके छानबीन करने जा रहा है.

Re: मेरी चूत पसंद है

Posted: 02 Nov 2014 23:40
by raj..
लेकिन बेटी तू बिल्कुल चिंता मत करना.
मैं तेरा सुहागरात खाली नही जाने दूँगा." करिश्मा ने अपने
ससुरजी की बात सुन तो ली पर अपने ससुर की बात उसकी दीमाग मे
नही घुसी, और करिश्मा अपना चहेरा उठा कर अपने ससुर को
देखने लगी. रसिकलाल जी नेआगे बढ़ कर करिश्मा को पलंग पर से
उठा लिया और ज़मीन पर खड़ा कर दिया. तब रसिकलाल जी मुस्कुरा
कर करिश्मा से बोले, "घबराना नही, मैं तुम्हारी सुहागरात बेकार
जाने नही दूँगा, कोई बात नही, रमेश नही तो क्या हुआ मैं तो
हूँ." इतना कह कर रसिकलाल जी आगे बढ़ कर करिश्मा को अपनी
बाँहों मे भर कर उसकी होठों पर चुम्मा दे दिया.जैसे ही
रसिकलाल जी ने करिश्मा के होठों पर चुम्मा दिया, करिश्मा
चौंक गयी और अपने ससुरजी से बोली, "ये आप क्या कर रहें है.
मैं आपके बेटे की पत्नी हूँ और उस लिहाज से मैं आप की बेटी लगती हूँ
और मुझको चूम रहें है?" रसिकलाल जी ने तब करिश्मा से कहा,
"पागल लड़की, अरे मैं तो तुम्हारी सुहागरात बेकार ना जाए इसलिए तुमको
चूमा. अरे लड़किया जब शादी के पहले जब शिव लिंग पर पानी चढ़ाती
है तब वो क्या मांगती है? वो मांगती है कि शादी के बाद उसका
पति उसको सुहागरात मे खूब रगड़े. समझी? करिश्मा ने अपना
चहेरा नीचे करके पूछा, "मैं तो सब समझ गयी, लेकिन
सुहागरात और रगड़ने वाली बात नही समझी." रसिकलाल जी
मुस्कुरा कर बोले, "अरे बेटी इसमे ना समझने की क्या बात है? तू क्या
नही जानती कि सुहागरात मे पति और पत्नी क्या क्या करते है? क्या
तुझे ये नही मालूम की सुहागरात मे पति अपनी पत्नी को कैसे
रगड़ता है?" करिश्मा अपना सिर को नीचे रखती हुई बोली, "हां,
मालूम तो है कि पहली रात को पति और पत्नी क्या क्या करते और करवाते
हैं. लेकिन, आप ऐसा क्यों कह रहें है?" तब रसिकलाल जीने आगे
बढ़ कर करिश्मा को अपने बाहों मे भर लिया और उसके होठों को
चूमते हुए बोले, "अरे बहू, तेरी सुहागरात खाली ना जाए, इसलिए मैं
तेरे साथ वो सब काम करूँगा जो एक आदमी और औरत सुहागरात मे
करते हैं."करिश्मा अपने ससुर के मुँह से उनकी बात सुन कर शर्मा
गयी और अपने हाथों से अपना चहेरा ढँक लिया और अपने ससुर
से बोली, "हाई! ये क्या कह रहें है आप. मैं आपके बेटे की पत्नी हूँ
और इस नाते से मैं आपकी बेटी समान हूँ और मुझसे क्या कह रहें
है?" तब रसिकलाल जी अपने हाथों से करिश्मा की चुन्चिओ को
पकड़ कर दबाते हुए बोले, "हाँ मैं जानता हूँ कि तू मेरी बेटी समान
है. लेकिन मैं तुझे अपनी सुहागरात मे तड़पते नही देख सकता और
इसीलिए मैं तेरे पास आया हू." तब करिश्मा अपने चहेरे से अपना
हाथ हटा कर बोली, "ठीक है बाबूजी, आप मेरे से उमर मे बड़े
हैं. आप जो ही कह रहें है, ठीक ही कह रहें हैं. लेकिन घर मे
आप और मेरे सिबा और भी तो लोग हैं." करिश्मा का इशारा अपनी
सासू के लिए था. तब रसिकलाल जी ने करिश्मा की चूंची को
अपने हाथों से ब्लाउस के उपर से मलते हुए कहा, "करिश्मा तुम
चिंता मत करो. तुम्हारी सासू को सोने से पहले दूध पीने की
आदत है, और आज मैने उनके दूध मे दो नींद की गोली मिला कर उनको
पीला दिया है. अब रात भर वो आराम से सोती रहेंगी." तब करिश्मा
ने अपने हाथों से अपने ससुर की कमर पकड़ते हुए बोली, "अब आपको
जो भी करना है कीजिए, मैं मना नही करूँगी."तब रसिकलाल जीने
करिश्मा को अपनी बाहों मे भींच लिया और उसकी मुँह को बेतहाशा
चूमने लगे और अपने दोनो हाथों से उसकी चुन्चेओ को पकड़ कर
दबाने लगे. करिश्मा भी चुप नही थी. वो अपने हाथों से
अपने ससुर का लंड उनके कपड़े के उपर से पकड़ कर मुठिया रही
थी. रसिकलाल जी अब रुकने के मूड मे नही थे. उन्होने
करिश्मा को अपने से लग किया और उसकी सारी की पल्लू को कंधे से
नीचे गिरा दिया. पल्लू के नीचे गिरते ही करिश्मा की दो बड़ी बड़ी
चूंची उसके ब्लाउस के उपर से गोल गोल दिखने लगी. उन चूंचियो
को देखते ही रसिकलाल जी उन पर टूट परे और अपना मुँह उस पर
रगड़ने लगे. करिश्मा की मुँह से ओह! ओह! आह! क्या कर रहे की
आवाज़े आने लगी. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी ने करिश्मा की सारी
उतार दी और तब करिश्मा अपने पेटिकोट पहने ही दौड़ कर कमरे
का दरवाजा बंद कर दिया. लेकिन जब करिश्मा कमरे की लाइट बुझाना
चाही तो रसिकलाल जी ने मना कर दिया और बोले, "नही बत्ती
मत बंद करो. पहले दिन रोशनी मे तुम्हारी चूत चोदने मे बहुत
मज़ा आएगा." करिश्मा शर्मा कर बोली, "ठीक है मैं बत्ती बंद
नही कर ती, लेकिन आप भी मुझको बिल्कुल नंगी मत कीजिएगा." "अरे
जब थोड़ी देर के बाद तुम मेरा लंड अपनी चूत मे पिलवाओगी तब
नंगी होने मे शरम कैसी. चलो इधर मेरे पास आओ, मैं अभी
तुमको नंगी कर देता हूँ." करिश्मा चुपचाप अपना सर नीचे
किए अपने ससुर के पास चली आई.जैसे ही करिश्मा नज़दीक आई,
रसिकलाल जी ने उसको पकड़ लिया और उसके ब्लाउस के बटन खोलने
लगे. बटन खुलते ही करिश्मा की बड़ी बड़ी गोल गोल चूंचियाँ उसके
ब्रा के उपर से दिखने लगी. रसिकलाल जी अब अपना हाथ करिश्मा के
पीछे ले जाकर करिश्मा की ब्रा की हुक भी खोल दी. हुक खुलते ही
करिश्मा की चूंची बाहर रसिकलाल जी के मुँह के सामने झूलने
लगी. रसिकलाल जी तुरंत उन चुन्चियो को अपने मुँह मे भर लिया
और उनको चूसने लगे. करिश्मा की चुन्चियो को चूस्ते चूस्ते उन्होने
करिश्मा की पेटिकोट का नाडा खींच दिया और पेटिकोट करिश्मा के
पैर से सरकते हुए करिश्मा के पैर के पास जा गिरा. अब करिश्मा अपने
ससुर के सामने सिर्फ़ अपने पॅंटी पहने खड़ी थी. रसिकलाल जी ने
झट से करिश्मा की पॅंटी भी उतार दी और करिश्मा बिल्कुल नंगी हो
गयी. नंगी होते ही करिश्मा ने अपनी चूत अपने हाथों से ढक
ली और शरमा कर अपने ससुर को कनखियो से देखने लगी.
रसिकलाल जी नंगी करिश्मा के सामने ज़मीन पर बैठ गये
और करिश्मा की चूत पर अपना मुँह लगा दिया. पहले रसिकलाल जीने
अपने बहू की चूत को खूब सुघा. करिश्मा की चूत से निकलती
सौंधी सौंधी खुश्बू रसिकलाल जी के नाक मे भर गयी .
वो बड़े चाव से करिश्मा की चूत को सूंघने लगे. थोरी देर के
बाद उन्होने अपना जीव निकाल कर करिश्मा की चूत को चाटना सुरू
कर दिया. जैसे ही उनकी जीव करिश्मा की चूत मे घुसी, तो करिश्मा
जो की पलंग के सहारे खड़ी थी, पलंग पर अपने चूतर टीका दिए
और अपने पैर फैला कर अपनी चूत अपने ससुर से चटवाने लगी.
थोड़ी देर तक करिश्मा की चूत चाटने के बाद रसिकलाल जीने अपनी
जीव करिश्मा की चूत के अंदर डाल दी और अपनी जीव को घुमा
घुमा कर चूत को चूसने लगे. अपनी चूत चटाई से करिश्मा
बहुत गरम हो गयी और उसने अपने हाथों से अपने ससुर का सिर
पकड़ कर अपनी चूत मे दबाने लगी और उसकी मुँह से सी सी की
आवाज़े भी निकलने लगी.

Re: मेरी चूत पसंद है

Posted: 02 Nov 2014 23:41
by raj..

अब रसिकलाल जीने उठ कर करिश्मा को पलंग पर पीठ के बल लेटा दिया.
जैसे ही करिश्मा पलंग पर लेटी, रसिकलाल जी झपट कर करिश्मा
पर चढ़ बैठ गये और अपने दोनो हाथों से करिश्मा की चूंचियो
को पकड़ कर मसल्ने लगे. रसिकलाल जी अपने हाथों से करिश्मा की
चूंची को मसल रहे थे और मुँह से बोल रहे थे, "मुझे
मालूम था कि तेरी चूंची इतनी मस्त होगी. मैं जब पहली बार तुझको
देखने गया था तो मेरा नज़र तेरी चूंची पर ही थी और मैने
उसी दिन सोच लिया था इन चूंचियो पर मैं एक ना एक दिन ज़रूर अपना
हाथ रखूँगा और इनको रगड़ रगड़ कर दाबुँगा. "हाई! आह! ओह! एह
आप क्या कह रहें है? एक बाप होकर अपने लड़के के लिए लड़की
देखते वक़्त आप उसकी सिर्फ़ चुन्चिओ को घूर रहे थे.
क्रमशः.........................