प्यार की खुजली compleet

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007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:36

प्यार की खुजली-2

आख़िर शादी से कुच्छ दिन पहले अकेले मे नीता जीतू से बोली ?जीतू ! मेरी
शादी के बाद मा का ख़याल रखना?. जीतू बोला ?आप बिल्कुल्ल फिकर ना करो.
मैं मा का हर तरह से ख़याल रखूँगा?. ?सिर्फ़ वैसे ही नही, हर तरह से?कहते हुए नीता ने उसे आँख मारी. ?मतलब?? कहते हुए जीतू हड़बड़ाया. ?मुझे सब पता है. दोपहर और रात का खेल मैं देख चुकी हूँ. मा को मत बताना.? नीता की ये बात सुनते ही जीतू लाल लाल हो गया और शर्मा कर भाग गया.इसी तरह वक़्त बीत गया और नीता की एक दिन शादी हो गयी.शादी की रात उसके पति रमेश ने उसकी सील तोड़ी. नीता ने बहुत कुच्छ देख लिया था. उसकी चूत पूरी तरह तय्यार थी लंड खाने के लिए. उसका पति रमेश हर रोज रात को उसको दो तीन बार चोद लेता था. नीता भी गंद उच्छाल उच्छाल कर अब चुदवाती. मौका मिलता तो दिन मे भी रमेश उसकी ले लेता.लेकिन दो तीन महीने बाद नीता थोड़ी बोर होने लगी. रमेश वेराइटी वाली चुदाई नही करता था जो उसकी मा और भाई करते थे. कभी कभी उसका मन करता अपने भाई के पास जा कर चुदवा ले?..

घर मे नौकरानी लता के होने के कारण उस को ज़्यादा काम नही करना पड़ता था इसलिए अपने कमरे मे ही ज़्यादा रहती थी. एक दिन जब उसकी सास मंदिर गई तो वो बाहर कमरे मे आ गई. ?लता ! पानी देना? उसने आवाज़ लगाई. लेकिन लता का कोई जवाब नही आया. वो किचन मे गई देखने पर उसे वहाँ कोई नही मिला. वो जैसे ही वापस मूडी लता अंदर आ गई. ?कहाँ थी?? नीता ने पुछा तो वो बोली ?टेरेस पे गई थी.?

कुच्छ दिन बाद फिर ऐसा ही हुआ. तब नीता को शॅक हुआ. वो एक दिन अपने कमरे का दरवाजा थोड़ा खोल कर इंतेजार करने लगी. लता किचन से निकली और उसके दरवाजे की तरफ देखने लगी. थोड़ा खुला देख कर वो दूसरी तरफ गई और कुच्छ सेकेंड बाद वापस किचन मे चली गई.

अगले दिन नीता ने दरवाजा बंद रखा पर कीहोल से देखती रही. लता धीरे से निकली और चली गई. नीता कुच्छ मिनिट के बाद धीरे से बाहर आई. धीरे धीरे घर मे उसे ढूँडने लगी. अचानक उसे कुच्छ आवाज़ आई अपने ससुर के कमरे से. वो डरते डरते गई और कीहोले से देखने लगी. अंदर का द्रश्य देख कर उसके होश उड़ गये. उसके ससुर खड़े थे और लता उनका लंड चूस रही थी.

फिर जब उनका लंड पूरी तरह तय्यार हो गया लता ने अपनी सारी उपर की और टेबल
का सहारा ले कर खड़ी हो गई. ससुर ने अपना मोटा लॉडा उसकी चूत मे पेल दिया
और धक्के मारने लगे. वो काफ़ी देर तक देखती रही और कब उसकी चूत से पानी टपकने लगा उसे पता ही नही चला. इतना तो उसे समझ आ गया था कि उसके ससुर
बड़ी देर तक चोद्ते थे. शायद तब तक जब तक लड़की दो तीन बार पनिया ना जाए?.फिर तो रोज वो चुपके चुपके उनकी चुदाई का खेल देखने लगी. सासूमा मंदिर जाती और लता ससुर के कमरे मे?..अब उसको अपनी चुदाई से बोरियत और बढ़ने लगी. कई बार कोशिश की पर रमेश सीधी चुदाई से ही खुश था.

अब वो अपने ससुर के लौदे को अलग नज़रों से देखती थी. जब चान्स मिलता पाजामा मे क़ैद उनके लंड को ध्यान से देखती और समझने की कोशिश करती कि वो टाइट है या सोया हुआ है.

उसकी वासना अब चरम सीमा पर आ रही थी. एक दिन जब वो अपने कमरे से निकली लता ससुर के कमरे से वापस आ गई और दोनो एक दूसरे को देख कर हड़बड़ा गये.नीता ने कुच्छ नही कहा इसलिए लता भी चुपचाप किचन मे चली गई. फिर कई बार इसी तरह लता ससुर के कमरे से निकलते हुए उसके सामने आ गई. शायद लता भी समझ गई कि नीता को पता चल गया है. उसने ससुर को एक दिन अपना शक़ बता दिया. ससुर सोच मे पड़ गये. सेक्स तो उन्हे चाहिए था पर बहू से बचना ज़रूरी था.

उनके शातिर दिमाग़ ने एक तरक़ीब ढूंड ली. वो अगले कुच्छ दिन तक दरवाज़ा थोडा सा खुला रख कर लता की लेने लेगे. लता डरती थी पर बाद मे उससे भी मज़ा आने लगा. अगले दो तीन दिन लता को सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट मे बाहर भेज देते ससुर.वो हाथ मे सारी लिए किचन मे भाग जाती. नीता ने एक दो बार देखा पर कुच्छ बोल ना पाई. अब उसके ससुर की समझ मे बात आ गई थी?..फिर उन्होने अपने प्लान का दूसरा आक्ट शुरू किया. अब वो नीता के कमरे मे जा कर उससे बातें करने लगे. नीता को भी समझ रहा था. उसने भी सोचा खेल बुरा नही है. अब वो भी अपने कपड़े उल्टे सीधे पहेन कर घूमती. जब ससुर कमरे मे आने वाले होते तो वो पतले से सी थ्रू कपड़े वाले सलवार कमीज़ पेहेन्ति और बिना ब्रा के अपनी चुचियों का प्रदर्शन करती. ससुर भी अब उसके आगे पिछे हाथ फेरने लगे. लता ने ये सब नोटीस किया पर चुप रही.

?चलो बाहर बैठ कर टीवी देखते हैं? ये कहते हुए उसके कुल्हों को सहलाते और उसे बाहर ले आते. नीता भी भोली बनते हुए उनका साथ देती.

अब जब उसकी सास मंदिर जाती तो ससुर लता को समान लाने भेज देते और नीता को पास बिठा कर बातें करते. बातें तो कम करते थे पर उसके शरीर को ज़्यादा सहलाते थे. नीता भी अब उनसे बेझिझक चिपक कर बैठ जाती. वो उसके कंधों पे हाथ रख कर उसे अपनी छाती पर दबोचते और वो भी सीधी बिल्ली की तरह उनकी छाती पर सर रख कर बात करती रहती. धीरे धीरे बात आगे बढ़ने लगी? एक दिन ससुर का हाथ फिसल कर उसकी पीठ पे आ गया और कमर पे चला गया. नीता की चूत अब रोज़ ससुर के स्पर्श के इंतेजार मे दाहाकति थी?.धीरे धीरे उसके कूल्हे दबाना आम बात हो गई. अब पास बैठने पर नीता का हाथ उनकी जाँघ पर चला जाता और उनका हाथ उसके मम्मो को साइड से दबाने लगता.नीता चुदाई की आग मे जल रही थी. एक दिन उसने बेशर्मी से अपने शरीर को टर्न कर दिया ताकि ससुर का हाथ उसके बूब्स को पकड़ सके?..ससुर को तो इसी लड्डू की चाह थी? उन्होने मौके का फयडा उठाया और उसके बूबे सहलाने लगे?..अगले दिन से तो मौका मिलते ही ससुर उसके बूब पकड़ लेते और वो शर्मा करअपना मुँह उनकी छाती पे रख देती?.. लेकिन चुदाई अभी बाकी थी?..

007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:37

ससुर समझ तो गये थे पर जल्दबाज़ी नही करना चाहते थे. अब उन्होने उसके
कूल्हे दबाते दबाते उसकी गांद के छेद मे उंगली रगड़ना शुरू कर दिया. नीता
गरम हो जाती पर शरमाने की आक्टिंग करते हुए उनके हाथ को हटा देती?.

एक दिन मौका देख कर ससुर उसके पीछे किचन मे चले गये. उसकी कमर मे हाथ डाल
कर बातें करने लगे. नीता इंतजार करने लगी कब उनका हाथ उपर जाकर उसके
मम्मे पकड़ेगा. पर ससुर ने हाथ उपर की बदले नीचे कर लिया और उसकी गांद
सहलाने लगे. जब नीता कुच्छ ना बोली तो उन्होने उसकी गांद की दर्रार मे एक
उंगली डाल दी. नीता ने आदत के मुताबिक उनका हाथ हटाना चाहा पर आज ससुर का
लंड पूरी गर्मी मे था. उन्होने उसके आगे आकर दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़
लिया.

धीरे से मुस्कुराते हुए उन्होने उसका हाथ दबाया और अपना शरीर उसके शरीर
से चिपका दिया. ?ऐसे मत किया कर? कहते हुए उन्होने अपनी उंगली उसकी गांद
की दरार मे और अच्छी तरह फिट कर दी और घिसने लगे. नीता अपने शरीर की
गर्मी से बहाल थी. कुच्छ ना बोली और चुपचाप खड़ी एंजाय करने लगी. ससुर ने
उसके गाल पे किस किया और उसे दबोच लिया. उनका टाइट लॉडा उसकी चूत से टकरा
गया. वो बिना सोचे थोड़ी उँची हुई और उनके लंड से अपनी चूत को भिड़ा
दिया.इतने मे आवाज़ आई और दोनो अलग हो गये. लेकिन लता की समझ मे आ गया कि
कुच्छ हो रहा था. वो स्माइल करते हुए ससुर को आँख मार कर चली गई.अब ससुर ने पक्का इरादा कर लिया था नीता को चोदने का.


लेकिन भगवान को ये मंजूर नही था.

उसी रात रमेश का छ्होटा भाई नितिन आ गया. ऑफीस के काम के सिलसिले मे वो
आया था और चार दिन रुकने वाला था. खाना खाने के बाद जब हाथ धोने गया तब
उसने नोटीस किया किस तरह उसके पिता ने नीता की गांद पर चालाकी से हाथ
फेरा था. वैसे तो वो नीता की सेक्सी बॉडी पे पहले से ही फिदा था और ये
देख कर तो उसका लंड तन तना गया.

अगले दिन सुबह बोला ?भाभी मुझे अपनी वाइफ रीना के लिए शॉपिंग करनी है. आप
साथ चलो.? नीता की चूत आज ससुर के लंड के लिए बेताब थी पर ना करना
मुश्किल हो गया जब रमेश ने भी उससे जाने को कहा.

शॉपिंग करते हुए नितिन ने अपना हाथ साफ करना शुरू कर दिया. नीता के
कुल्हों पर और कभी कमर पे हाथ रख देता. नीता तो वैसे ही तड़प रही थी
सेक्स के लिए और नितिन का हाथ उसे और गरम करने लगा.

ऑटो मे आते वक़्त नितिन ने सामान एक तरफ रख दिया और नीता के साथ चिपक कर
बैठ गया. नीता कुच्छ ना बोली. फिर क्या था, नितिन ने उसके कंधे पर हाथ रख
दिया और बातें करने लगा? आप खुश तो हो ना हमारे घर मे??. ?हां खुश तो
हूँ. तकलीफ़ किस बात की? सभी अच्छे हैं.? नीता बोली और एक प्यारी सी
मुस्कान दे दी. ?भैया कैसे हैं?? नितिन ने पुछा. ?वो भी अच्छे हैं. सीधे
साधे हैं. आपकी तरह शैतान नही हैं? नीता मुस्कुराते हुए बोली.

झट से नितिन ने अपना हाथ नीचे किया और उसकी बाँह और उरोजो के बीच डाल कर
उसे अपनी ओर दबोच लिया ?मैं शैतान हूँ?? . नीता को उसके शरीर की गर्मी ने
निढाल कर दिया. ?ऐसे क्या कर रहे हो, ड्राइवर देख रहा है.? वो धीरे से
फुसफुसा कर बोली. ?उसे थोड़े ही पता है कि हम हज़्बेंड वाइफ नही हैं.? ये
कहते हुए नितिन ने दूसरे हाथ से उसका एक बूब पकड़ लिया और उसके होठों पे
लंबी किस दे दी.

नीता का हाथ अपने आप उसके लंड पे चला गया. ?रमेश के साथ मज़ा नही आता लगता
है?? नितिन ने उसकी चूत को सहलाते हुए पूछा. ?मज़ा तो आता है पर हमारी
सेक्स लाइफ मे वेराइटी नही है.? शरमाते हुए नीता बोली और उसका लंड दबा
दिया.

?आज रात को एक बजे के करीब मेरे कमरे मे आना? नितिन ऑटो से उतरते हुए
बोला. नीता ने गर्देन हिला के हां कर दी पर बोली ?देखती हूँ, डर लगता
है???

खाना खाने के बाद सब बैठ कर बातें करने लगे. नितिन और नीता एक दूसरे को
आँखों ही आँखों मे इशारे करते रहे. ससुर को महसूस हुआ कुच्छ गड़बड़ है पर
क्या करता?

रात डेढ़ बजे तक जब नीता नही आई तो नितिन बेताब हो गया. वो दबे पाँव नीता
के कमरे के पास गया. जैसे ही दरवाजा धकेला नीता सामने खड़ी थी. दोनो
चुपचाप नितिन के कमरे की ओर चले गये.

अंदर आते ही दरवाज़ा बूँद करके एक दूसरे से लिपट गये. जब शोला आग मे बदल
गया तो नितिन ने अपना पाजामा उतार दिया और अपना लंड नीता के हाथ मे दे
दिया. नीता उत्तेजना से काँप रही थी. नितिन समझ गया कि वो समझ नही पा रही
क्या करे.

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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:38

प्यार की खुजली-3

नितिन ने हल्का दबाव डाल कर उसे बिठा दिया और अपना लंड उसके मुँह मे डाल
दिया. नीता को यही चाहिए था. उसने उसके लंड को मज़े ले कर चूसना शुरू कर
दिया. अपनी मा की हर हरकत याद कर रखी थी उसने. नितिन के आनंद का कोई एंड
नही था. वो ये सोच कर हैरान था की इतनी सेक्सी औरत को रमेश क्यों नही समझ
पाया.

जब उसका लंड लॉडा हो गया नितिन ने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
उसको नंगा करते हुए पुछा ?कैसे करना है??. नीता शर्मा गई ?कुच्छ नया करो?
कहते हुए अपनी आँखें बूँद कर ली. नितिन ने उसे उल्टा किया और उसकी गांद
पकड़ कर उसे उठाया ताकि उसका लंड उसकी चूत मे पेल सके.

फिर जो चुदाई उसने की और जो मीठा दर्द नीता को मिला वो बहुत कम लोगों को
नसीब होता है. नितिन कभी धीमा तो कभी तेज शॉट मारता और नीता कभी उसका लंड
लेने के लिए पीछे जाती तो कभी इंतजार करती?.

दो बार उसकी चूत से पानी निकल गया था पर नितिन ख़तम नही हुआ था. इतनी
बढ़िया गांद देख कर उसका लंड हार मानने से मना कर रहा था. आख़िर नीता थक
गई और नितिन भी. फिर नितिन बैठ गया और नीता उसके उपर चढ़ गई. नीता ने
अपनी मर्ज़ी मुताबिक कूद कूद कर हिला हिला कर नितिन के लंड के मज़े लिए.


नितिन ने उसके मम्मे चूस चूस कर सूखा दिए. उसकी निपल तो मानो उसके होंठ
छ्चोड़ना ही नही चाहते थे.
?आज मेरे काफ़ी सपने पूरे हो गये, लो इसको भी चूसो? कहते हुए नीता ने
अपना दूसरा निपल उसके मुँह मे थेल दिया.

उसी वक़्त ससुर अपने कमरे से बाहर आ गये क्योंकि उन्हे नींद नही आ रही
थी. नीता की गांद की याद कर कर के उनका हाल खराब था. उन्हे नितिन के कमरे
से कुच्छ आवाज़ आई. जब कीहोल से देखा तो उनका दिमाग़ खराब हो गया. उनकी
बहू नितिन के लंड पे सवारी कर रही थी. अंदर बाहर होते नितिन का लंड देख
कर उनको रोना आ गया?. मुर्गी पकाई किसने और खा रहा था कोई और??..

करीब एक घंटे तक वो चुदाई करते रहे और ससुर परेशान अपने कमरे मे सोचता रहा?

नितिन इसको सॉफ नही करोगे क्या?? नीता ने अपनी चूत दिखाते हुए नितिन से
कहा. नितिन स्माइल करते हुए उसकी लाल चूत पे अपनी जीभ चलाने लगा. जब तक
नीता थॅकी नही नितिन उसको ऑर्गॅज़म देता रहा.

अगले दिन भी दोनो साथ चले गये शॉपिंग के बहाने. बाहर होटेल मे जा कर तीन घंटे तक नितिन ने उसे ठोका. नीता ने भी अपनी हर तमन्ना पूरी की. सिर्फ़ अपनी गांद नही मरवाई?..आखरी दिन नितिन अपने काम से बाहर चला गया और घर मे कोई नही था तब ससुर नीता के कमरे मे पहुँच गया. नीता नितिन की याद मे अपने मम्मे सहला रही थी.आजकल हमारी बेटी हमसे बात ही नही करती? कहते हुए ससुर अंदर आए. नीता समझ
गई वो क्या कहना चाहते थे. वो जा कर उनके गले से लिपट गयी ?पापा ! ऐसा कुच्छ नही है. नितिन के साथ बाहर जाना पड़ा. आपको तो पता ही है.?.?बहुत मज़े किए नितिन के साथ लगता है.? कहते हुए ससुर ने उसके कूल्हे दबा दिए और अपने शरीर से चिपका दिया. ?बस शॉपिंग की उनके लिए? कहते हुए नीता ने अपनी एडी उपर उठाई और उनके लंड का एहसास अपनी चूत को दिया.

?रात को मेरी नींद खुली थी तब मैने कुच्छ देखा था...? कहते हुए ससुर ने
उसका एक गरम चुम्मा ले लिया.

यह सुनते ही नीता शर्मा और घबरा गई. वो भाग कर बिस्तर पर मुँह छुपा कर
लेट गई. ससुर भी उसके पिछे गये और उसकी गांद दबाते हुए बोले ?शरमाती
क्यूँ है? मुझे तो मालूम है सब.? और ससुर ने उसकी सलवार के उपर से उसकी
गांद की दरार मे उंगली घिसनी शुरू कर दी.

यह सुनते ही नीता शर्मा और घबरा गई. वो भाग कर बिस्तर पर मुँह च्छूपा कर
लेट गई. ससुर भी उसके पिछे गये और उसकी गांद दबाते हुए बोले ?शरमाती
क्यूँ है? मुझे तो मालूम है सब.? और ससुर ने उसकी सलवार के उपर से उसकी
गांद की दरार मे उंगली घिसनी शुरू कर दी.

?उन्न्ह..? के अलावा नीता के मुँह से कुच्छ नही निकला. ससुर ने धीरे से
उंगली उसकी चूत तक पहुँचाई और बोले ? नितिन के साथ कई बार किया लगता है.

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