प्यार की खुजली compleet

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007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:45

धीरे धीरे रमेश का हाथ उसकी जाँघ पर आ गया और पेटिकोट के उपर से उसकी
फूली हुई चूत को मसल्ने लगा. ?अब बस भी करो ना.? कहते हुए कमला ने उसके
हाथों पर अपने हाथ रख दिए.

?आप जैसी कोमल और कामुक मा पा कर तो कोई भी बेटा बेकाबू हो जाएगा? कहते
हुए रमेश उसके टाइट ब्लाउस मे हाथ घुसाने लगा. उसकी निपल का स्पर्श पाते
ही रमेश अपना लंड उसकी गांद पे चोदने की मुद्रा मे हिलने लगा. कमला उसका
साथ देती रही. उसकी भी पॅंटी गीली हो चुकी थी. कुछ देर के आक्रमण के बाद
रमेश के लंड से पानी छूट गया और निढाल होकर वो उसके शारीर से लिपट गया.

तभी घंटी बजी. ?आप किस्मेट वाले हो. पिक्चर के एंड मे ये लोग आए? कहते
हुए कमला मूड गई. ?अभी तो ट्रेलर था. पिक्चर बाकी है.? कहते हुए रमेश ने
उसके होंठ चूम लिए और उसकी चूत को अपने पंजों मे पकड़ कर दबा दिया. ?जाओ
दरवाज़ा खोलो. मैं कपड़े पेहेन्ति हूँ.? कहते हुए कमला अपने कपड़े लेकर
चली गई.

उधर जीतू और नीता ने रास्ते भर मे एक दूसरे की अनगिनत पप्पियाँ ली और
जीतू ने हर उस जगह पर नीता को दबाया जहाँ दबा सकता था. नीता पूरी गरम हो
गई थी जीतू के इस बर्ताव से.

जीतू खाना खा कर बाहर चला गया. कमला घर मे झाड़ू लगाने लगी. रमेश नहा कर
टवल लप्पेट कर बाहर आकर बैठ गया और उसके लटकते आम देख कर अपना लंड पकड़
रहा था. कमला ने नोटीस किया रमेश का हाल और उससे तड़पाने के लिए अपना
पल्लू पूरा खिसका दिया.

कमला ने जब रमेश को अपना लंड दबाते हुए देखा तो उसकी गर्मी भी बढ़ गई.
उसने मुस्कुराते हुए अपना पेटिकोट अपनी जाँघ के उपर खींच लिया और बैठ कर
झाड़ू लगाने लगी. अब रमेश उसकी टाँगों और वक्ष को देख रहा था और तड़प रहा
था. कमला भी उसके कड़क लंड को देख कर अंदर दहक रही थी.

?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए नीता अपने कमरे मे चली गई. जैसे ही नीता
बाथरूम मे गई रमेश कमला के सामने खड़ा हो गया. कमला घुटनों के बल बैठी थी
और झाड़ू लगा रही थी. रमेश ने उसका सर पकड़ा और अपने तने हुए लॉड से उसका
मुँह चिपका दिया.अपने आप को छुड़ाने की कोशिश मे रमेश का टवल नीचे गिर गया. उसकी फ्रेंचिए
मे से उसका कड़क गरम लंड देख कर कमला निढाल हो गई. वो आक्टिंग कर रही थी
छुड़ाने की पर अपने होंठ उसके लंड से हटा नही पा रही थी.

उसके हाथ रमेश की पॅंटी मे चले गये और उसकी गांद पकड़ ली. अपनी गांद पर
उसके कोमल पंजों का स्पर्श होते ही रमेश और उत्तेजित हो गया. उसने कमला
का मुँह और दबाया अपने लंड पे.

कमला किसी तरह बोली ?रूको ना? और धीरे से उसके लंड पे अपने होंठ रख दिए.
अंडरवेर के उपर से ही उसके लंड को वो अपने दातों से हल्के हल्के काटने
लगी. रमेश तो जैसे स्वर्ग भोग रहा था. काफ़ी देर तक कमला उसके लंड को
चूमती रही और रमेश मज़े लेता रहा.

जब वो उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँचने वाला था उसने अपना लंड बाहर खींच
लिया. कमला ने अपना सर उपर उठाए बिना उसके लंड को पकड़ लिया और उसकी लाल
टोपी को चूम लिया.

तभी बाथरूम खुलने की आवाज़ आई. कमला ने झट उसका टवल उठाया और बाहर निकले
उसके लंड को पकड़ा और अपने रूम की तरफ खींच कर ले गई. रमेश पालतू कुत्ते
की तरह चल दिया. अंदर पहुँच कर कमला ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.

तभी नीता के कमरे से आवाज़ आई ?रमेश !? और कमला ने उसके लंड को छ्चोड़
दिया. रमेश ने टवल लपेटा और नीता के पास भागा.

अंदर नीता को देख कर तो रमेश का लंड और पागला गया. नीता पेटिकोट पहेन कर
शीशे के सामने खड़ी थी और उसकी ब्रा उसके वक्ष पर लटक रही थी. हुक्स
लगाने के लिए उसने रमेश को बुलाया था.

रमेश ने दरवाज़ा बंद किया और सीधा जाकर अपना खड़ा लंड उसकी गांद पे चिपका
दिया. नीता उसके कड़क लंड का दबाव मिलते ही गरमा गई. ?आप तो पूरी तैयारी
मे हैं? कहते हुए नीता ने अपनी ब्रा उतार दी.

रमेश ने झट अपना टवल निकाला और अंडरवेर उतार दी. नीता का पेटिकोट उपर
उठाया और उसे झुका दिया. नीता को पता भी नही चला कब रमेश का डंडा उसके
बिल मे घुस गया और उसकी फुददी को फाड़ने लगा. आज तो रमेश जैसे हवस की आग
मे पागल हो गया था.

नीता के गांद के छेद को देख कर उसकी आग और बढ़ गई. उसने छेद मे उंगली डाल
दी. नीता को तो ऐसे ही मज़ा आता था. कुच्छ ना बोली. मन ही मन खुश हुई
रमेश के इस नये अंदाज़ से.

अचानक रमेश ने अपना लंड बाहर निकाल लिया. ?क्या हुआ?? कहते हुए नीता ने
शीशे मे उसे देखा. ?यहाँ डाल रहा हूँ.? कहते हुए रमेश मुस्कुरा दिया.
नीता ने एक शरारती मुस्कान दी और बोली ?मैं तो पूरी आपकी हूँ. जो करना है
करो??.

रमेश ने कोशिश की पर डाल ना पाया. नीता समझ गई. उसने सामने रखी वॅसलीन की
शीशी उठाई और मूड कर उसके लंड पे प्यार से लगाने लगी. ?अब मेरे छेद मे भी
लगा दो और घुसा दो.? मुस्कुराते हुए नीता उल्टी हो गई.

रमेश ने उसके च्छेद के आसपास और तोड़ा अंदर लगाया और अपना लंड डाल दिया.
किसी तरह वो अंदर घुस गया और रमेश का लंड उसके छ्होटे छेद के दबाव से और
कड़क और उत्तेजित हो गया.

फिर रमेश ने उसकी जो गांद मारी नीता बहाल हो गई. पहली बार किसी लंड को
गांद मे डलवाया था. अब उसे समझ आया उंगली मे और लंड मे क्या फरक है?

उधर कमला की चूत प्यासी रह गई थी. उसने अपने कपड़े उतारे और नंगी हो कर
बिस्तर पर लेट गई और उंगली डाल कर खुद को शांत किया.

दोपहर को आराम करने के बाद नीता पड़ोस मे अपनी सहेली से मिलने चली गई.
रमेश दरवाज़ा बंद करके सीधा कमला के कमरे मे घुसा.

कमला बेडशीट ओढ़ कर लेटी हुई थी. ?मुझे पता था आप सीधा यहाँ आएँगे? कहते
हुए कमला मुस्कुराइ. ?क्यों ऐसा क्यूँ लगा आप को?? कहते हुए रमेश ने अपने
कपड़े उतार दिए और उसके पास बिस्तर पे बैठ गया. चदडार जिस तरह कमला के
शरीर से चिपकी हुई थी रमेश को डाउट आया कि कमला नीचे नंगी है. उसका लंड
ये सोच कर ही डोलने लगा.

आप भी जानते हैं और मैं भी. आप तो मेरे जमाई हैं वरना अंदर भी नही आने
देती.? कहते हुए कमला मुस्कुराइ. रमेश धीरे से उसके पास लेट गया. ?कितना
अंदर नही आने देती?? कहते हुए अपने दाहिने पंजे से उसके गाल सहलाने लगा
और राइट हाथ से अपनी अंडरवेर उतार कर फेंक दी.

?पूरा? और ऐसे ही वो मुस्कुराती रही. रमेश का हाथ अब उसकी गर्दन से होता
हुआ उसके वक्ष पे आ गया. वो समझ गया उसकी सास नंगी है. उसने उसका निपल
पकड़ लिया और दबा दिया. तभी कमला का ध्यान गया की रमेश पूरा नंगा हो
चुक्का था.

?उ? ऐसे मत दबाओ. ये कोई काटने की चीज़ नही है और आप तो पूरे नंगे हो
गये?. ये सुनते ही रमेश बोला?पता है ये चूसने की चीज़ है? और उसका पूरा
मम्मा पकड़ कर सहलाने लगा. ?सब जानते हो फिर ऐसी हरकत क्यों करते हो??
कमला उसके पंजों के दबाव के मज़े लेने लगी थी.

आप रोक देती हो हर बार? कहते हुए रमेश ने एक टाँग उसकी टाँग पे रख दी और
उसके होठों को चूमने लगा. ?क्या करूँ, हमारा रिश्ता ही कुच्छ ऐसा है?
कहते हुए कमला
ने उसे चूमना शुरू कर दिया. दोनो एक दूसरे के होंठ गरम करते रहे. दोनो
नंगे थे पर चादर बीच मे थी. रमेश उपर नंगा दिख रहा था और कमला का शरीर
ढका हुआ था.

कमला ज़्यादा गरम थी इस वक़्त. उसने रमेश को धकेला और उसके उपर लेट गई.
अब भी चादर बीच मे थी पर कमला नंगी दिख रही थी और रमेश का शरीर चादर के
नीचे आ गया था.


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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:46

प्यार की खुजली-6

कमला उसे बेतहाशा चूमने और चूसने लगी. रमेश भी पागलों की तरह उसके शरीर
को सहलाने लगा. उसकी नंगी पीठ और गांद को जी भर कर सहलाया. पता ही नही
चला कब चादर बीच मे से निकल गई और रमेश का लंड उसकी चूत रगड़ने लगा.

अब कमला अपना कंट्रोल खो चुकी थी. उसने हाथ नीचे डाल कर रमेश का लंड
पकड़ा और धीरे से उसपर बैठ गई. एक बार मे ही वो रमेश का पूरा लॉडा अपनी
चूत मे डाल गई. रमेश उसके मम्मे मसल्ने लगा और वो आगे पीछे होने लगी.

?आप तो बोल रही थी अंदर नही आने देंगी?? रमेश उसका निपल दबाते हुए बोला.
? आप जमाई हैं इसलिए पूरा अंदर आने दिया है मेरे लाल? कहते हुए कमला ने
स्पीड बढ़ा दी.

रमेश बैठ गया और कमला के निपल मुँह मे ले लेकर चबाने लगा. हर दो धक्के के
बाद कमला निपल खींच लेती और दूसरा उसके मुँह मे डाल देती. रमेश तो जैसे
स्वर्ग की यात्रा कर रहा था.

फिर उसने अपनी एक उंगली पिछे उसकी गांद मे डाल दी. गांद मे उंगली घुसते
ही कमला और उत्तेजित हो गई. उसके धक्कों की रफ़्तार और बढ़ गई. रमेश का
लंड इन धक्कों से और कड़क हो रहा था.

मैं थक गई हूँ? कहते हुए कमला धीमी हो गई. ?ख़तम तो नही हुई ना?? कहते
हुए रमेश ने अपना लंड बाहर निकाले बिना उससे लिटा दिया. ?आप दिन भर
चोदोगे तब भी मेरी चूत ख़तम नही होगी.? कहते हुए कमला ने उसकी कमर अपनी
टाँगों मे जाकड़ ली.

?चोदना और चूत? जैसा शब्द अपनी सास के मूँह से सुनकर रमेश पागल हो गया.
फिर उसने धक्के मार मार कर कमला की छूट सेक दी और आख़िर जब वो झाड़ गया
तब अपना वीरया उसकी छूट मे डाल कर उसपर गिर गया.

कमला उठ कर उसके लंड को चाटने लगी. ये देख कर रमेश खुशी से झूम उठा. ऐसी
चुड़क्कड़ सास नसीब वालो को ही मिलती है??.

काफ़ी देर दोनो एक दूसरे को चूमते रहे और बाद मे रमेश टाय्लेट गया. पीछे
कमला भी आ गई और उससे पेशाब करते हुए देखने लगी. रमेश हक्का बक्का रह गया
अपनी सास को देख के.?सॉरी, मैं डोर बंद करना भूल गया.?. ?मैं जान बूझ के
आई हूँ? कहते हुए कमला ने उसका लंड पकड़ लिया और उसके लंड पे पानी डाल कर
उससे धो दिया.

रमेश का लंड फिर खड़ा होने लगा. कमला नीचे झुकी और उसके सुपरे को प्यार
से चूसने लगी. ?आइए? कहते हुए कमला कमरे मे गई. अंदर जा कर कमला बिस्तर
के किनारे लेट गई. उसने टाँगें ज़मीन पे रहने दी और अपनी चूत की फांकों
को उंगली मे पकड़ कर रमेश को गुलाबी चूत के दर्शन कराए. ?इसे चूसोगे??
कमला मुस्कुराते हुए बोली.

रमेश बिना कुच्छ बोले अपने घुटनों पर बैठ गया और उसकी चूत को प्यार से
चाटने लगा. कमला ने उसका मुँह अपनी चूत पे दबा दिया?आप कितने प्यार से
मेरी चूत को चूस्ते हो, काश आप मेरे बेटे या पति होते और रोज़ आप मुझे
चोद्ते?. रमेश ये सुन कर सोच मे पड़ गया. वो कुच्छ और सोचता इससे पहले ही
कमला ने अपनी टांगे घुटनों से मोड़ ली और अपनी गांद का छेद उसके मुँह के
सामने करते हुए बोली ?ये भी आपसे मीठा प्यार माँग रही है. दोगे?? रमेश ने
आज ही पहली बार नीता की गांद मारी थी और ये दूसरी गांद देख कार वो पागल
हो गया और उसके छेद को चाटने लगा. हाथ से उसकी चूत मसल्ने लगा.अब इन दोनो को आपका लंड खाना है. खिलाओगे? कमला ने धीरे से पुछा.अपना गरम हथोदा उसने कमला की चूत मे पेल दिया. ?अननह?? कहते हुए कमला ने
आँखें बूँद कर ली और उसके लंड के जादू मे खो गई.

जैसे ही रमेश ने स्पीड बढ़ाई कमला बोली ?दूसरे को भूल ना जाना.? रमेश समझ
गया और अपना लॉडा निकाल लिया. कमला ने झट से एक तकिया अपनी कमर के नीचे
डाला और. रमेश ने अपना लंड उसकी गांद मे पेल दिया. कमला के छेद मे बड़ी
आसानी से रमेश का लंड घुस गया. वो सोच मे पड़ गया की उसकी सास की गांद का
छेद इतना खुला हुआ कैसे था या उसका लंड ज़्यादा कड़क था कमला के नशे मे??

शाम को रमेश के साथ नीता और कमला को भी जाना पड़ा क्योंकि उसकी मा की
देअथ की खबर आई थी. जीतू नीता को चोद नही पाया???.

उसकी सास के क्रिया क्रम के अगले दिन कमला ने घर वापस जाने की बात कही तो
नीता ने उसे रोक लिया ये कह कर की उससे अकेला पन महसूस होगा.

कमला रमेश के आस पास मंडराती रहती और रमेश उसके साथ आँखों ही आँखों मे
चुदाई करता रहता. नीता के ससुर ने भी देखा की कमला अपना पल्लू गिरा देती
थी या सारका देती थी जब भी उससे रमेश के सामने मौका मिलता. उसके बूबे और
पेट देख कर उनकी भी लार टपकने लगी थी. बेटी से बढ़ कर मा?.

दो दिन बाद सभी चले गये और घर मे सिर्फ़ नीता, रमेश, कमला और नीता के ससुर रह गये.

ससुर सुबह ही किचन मे घुस गया जब नीता नहाने गई. कमला के पास से गुज़रने
के बहाने उन्होने उसके नितंब पे अपना हाथ फिराया. कमला ने महसूस किया पर
ये सोच कर मन को शांत किया की वो ग़लती से हो गया होगा.

वापस मुड़कर ससुर ने धीरे से उसकी कमर पे हाथ रख कर पुछा? क्या बन रहा है
आज?. ?बैंगन की सब्ज़ी? कहते हुए कमला दूसरी तरफ खिसकी. ससुर ने अपना हाथ
उसके शरीर से चिपकाए रखा और उसका हाथ कमर से होता हुआ पीठ पर आ गया.

?मैने सुना है आप खाना बहुत अच्छा बनाती हैं. देखते हैं आज आप के हाथ का
खाना खा कर? कहते हुए उनका हाथ खिसक कर उसके कुल्हों पे आ गया और ससुर
बाहर चले गये. कमला उनके इस व्याहार से हैरान भी थी और खुश भी हुई. एक
लॉडा और मिलेगा शायद?..

नाश्ता करते वक़्त ससुर कमला को ज़्यादा और नीता को कम देख रहे थे. नीता
ने भी ये नोटीस किया पर ध्यान नही दिया. दोनो मा बेटी अपने शरीर की
नुमाइश कर रही थी. उनकी नाभि और पेट देख कर रमेश और उसके पिता का लंड फूल
रहा था. नाश्ता करके रमेश ऑफीस चला गया.

नीता मा के साथ कुच्छ देर बातें करती रही फिर कमला अपने कमरे मे नहाने
ढोन चली गई. नीता ने झट अपना पेटिकोट नीचे खींचा और अपनी पॅंटी उतार दी.
अपने ब्लाउस के बटन खोल दिए और सारी से धक कर ससुर के कमरे मे चली गई.

ससुर सोफा पर बैठे कुच्छ पढ़ रहे थे. नीता उनसे चिपक कर बैठ गई और बोली
?पापा, आप अब अकेले महसूस कर रहे होंगे ना?. ससुर ने मॅगज़ीन रख दी और
नीता की सारी ब्लाउस से हटा दी ?तेरे होते हुए मैं कभी अकेलापन महसूस नही
करूँगा? और नीता की ब्रा का हुक आगे से खोल कर उसको सहलाने लगे. नीता ने
उनके लंड पे हाथ रख दिया और सहलाने लगी ?ये तो कितना कड़क हो गया है.
किसकी याद कर रहे थे??. ससुर बोले ?सच बताउ या झूठ??. ?सच बताओ. हमारे
बीच झूठ की जगह कहाँ रही है अब.? कहते हुए नीता ने उनका पाजामा नीचे किया
और लंड को हिलाने लगी.

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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:47

?तेरी खूबसूरत मा के बारे मे सोच रहा था. प्लीज़ बुरा मत मान ना.? ये
कहते हुए ससुर अपना हाथ उसके पेटिकोट मे डाल कर उसकी चूत दबाने लगे.

?कोई बात नही. ऐसा होता है. मेरी मा है ही इतनी खूबसूरत.? कहते हुए नीता
उनके टट्टों को सहलाने लगी.

?तू बाहर जाएगी तब उनको पटाने की कोशिश करूँगा.? कहते हुए ससुर ने झुक कर
उसका एक निपल मुँह मे ले लिया.

?प्लीज़ उन्हे फोर्स मत करना. वो मान जायें तो ठीक है.? कहते हुए नीता खड़ी हो गई.

?आओ ना. एक छ्होटा शॉट मारो ना.? कहते हुए नीता ने अपना पेटिकोट उपर
उठाया और टांगे फैला कर बिस्तर पर लेट गई.

ससुर उसकी टाँगों के बीच बैठ गये और उसकी चूत मे अपना लंड डाल कर धक्के
मारने लगे. ?कमला ! तेरी चूत कितनी प्यारी है? कहते हुए उन्होने आँख बंद
कर ली और नीता को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे.

?समधी जी आपका लंड भी तो उतना ही प्यारा है. इससे मेरी चूत मे ही रहने दो
ज़िंदगी भर? कमला बन कर कहते हुए नीता ने अपने चूतड़ उच्छाल दिए.

जल्द ही नीता निढाल हो गई. ?पापा आपको तो टाइम लगेगा. मुझे बाज़ार जाना
है. बाद मे पूरा करना? वो बोली.

ससुर जानते थे कि अगर उन्होने पूरा काम किया तो वापस लंड खड़ा करने मे
बहुत टाइम लगेगा और उनके लंड को तो कमला की चूत की प्यास थी. लेकिन बहू
की चूत भी निराली थी. बिना रस पिलाए उससे भी छ्चोड़ना मुश्किल था.
उन्होने चुदाई जारी रखी और आख़िर अपना वीर्य निकाल कर ही रुके.

?तू बाहर जा अब. दो घंटे तक मत आना.?

?दो घंटे?? इरादा नेक नही लगता आप का.? आँख मार कर नीता मुस्कुराते हुए
बोली और अपनी सारी से उनका लंड सॉफ किया और बाहर चली गई.

नीता के जाने के बाद ससुर ने अपना अंडरवेर उतार दिया और सिर्फ़ पिजामा और
बनियान पहन कर कमला के कमरे पे नॉक किया.

ससुर को देख कर कमला थोड़ा सोच मे पड़ गई. उससे पता था वो और ससुर अकेले
हैं घर मे. और उससे ससुर की नियत का भी आभास हो गया था सुबह?.

?अकेला था सोचा आप भी बोर हो रही होंगी इससलिए आ गया.? कहते हुए ससुर ने
उसके शरीर का मुआईना किया. उसके गोरे पेट को देखा और उसमे से हीरे की तरह
उभरी हुई उसकी नाभि.

कमला ने जब उन्हे घूरते हुए देखा तो धीरे से अपने पल्लू से अपना पेट ढक
लिया. ?ऐसे क्यों छुपाती हो अपनी खूबसूरती को? पूछते हुए ससुर उसकी और
बढ़े. कमला भी एक्सपर्ट थी. दो कदम पिछे हुई और टेबल के सहारे खड़ी हो
गई.

?ये तो औरत की लाज होती है.? कहते हुए उसने अपना पल्लू पूरा अपने हाथ मे
लिया और ठीक करने की आक्टिंग करते हुए अपना पूरा यौवन ससुर को दिखाया और
झट से फिर धक दिया.

?लाज तो औरत का गहना है. और गहना अगर कोई ना देखे तो किस काम का?? कहते
हुए ससुर सीधा उसके शरीर से चिपक गये. कमला का शरीर काँप गया ससुर के
अचानक इस तरह करने से. ?कोई आ जाएगा. थोड़ा दूर रहिए.? कहते हुए कमला ने
अपने हाथ उनकी छाती पे रख दिए.

कमला की आँखों मे देखते हुए ससुर ने उससे अपनी बाहों मे भर लिया. ?दूर ही
तो था अब तक.? कहते हुए उन्होने अपना लंड उसके पेट पे दबाया.

लंड का दबाव पड़ते ही कमला पागला गई. उसने अपने हाथ छाती से हटाए और ससुर
को आलिंगन मे ले लिया. ?लेकिन इतना पास आना भी ठीक नही है.?

?क्या ठीक और क्या ग़लत पता नही.? कहते हुए ससुर ने उसकी ठुड्डी को उपर
किया और उसके होठों से अपने होंठ मिला दिए. दोनो एक दूसरे को चूमने लगे.
दोनो खिलाड़ी थे इस खेल के. एक दूसरे को पूरा पूरा साथ देते हुए सहलाते
रहे एक दूसरे की गांद और चूस्ते रहे होंठ??.

ससुर कमला को सोफा पर ले गये और अपने पास बिठा दिया. दोनो एक दूसरे को
पकड़ कर फिर चुम्मा चाती करने लगे.

?और पास आने दोगि?? कहते हुए ससुर ने उसकी सारी हटाई और उसका एक बूब
सहलाने लगे. ?और कितना पास आओगे?? कहते हुए कमला ने अपना मुँह उनकी छाती
मे च्छूपा लिया.

?अभी तो बहुत कुच्छ बाकी है? कहते हुए ससुर ने उसकी पीठ से अपना हाथ डाला
और उसका एक बूब दबाने लगे. ?और क्या बाकी है?? कहते हुए कमला ने अपना सर
उनके लंड पे रख दिया.

लंड पे कमला का सर आते ही ससुर का लंड डोलने लगा. ससुर ने कमला को सीधा
किया और कमला ने अपने पैर सोफा पे रख दिए. ससुर झुक कर उसके होंठ चूसने
लगे और उसके ब्लाउस के हुक खोलने लगे.

आप मुझे नंगी कर रहे हैं. प्लीज़ ऐसा मत कीजिए.? कमला ने कह तो दिया पर
ससुर को नही रोका बल्कि उससे चूमने लगी.मैं देखना चाहता हूँ आपके नज़दीक आने से क्या होगा? कहते हुए ससुर ने
आखरी हुक खोल दिया और उसके ब्लाउस को साइड मे कर दिया. ब्रा मे से बाहर
निकलते उरोज देख कर ससुर मस्त हो गये. झट ब्रा की आगे लगे हुक को खोल
दिया.?ये क्यों निकाल रहे हो?? कमला शरमाते हुए बोली. ?देखना है क्या है यहाँ
जो आप इतना छुपाटी हो.? कहते हुए ससुर ने उसकी ब्रा भी साइड मे की और
उसके बूबे सहलाते हुए उन्हे ध्यान से देखने लगा.

?क्या देखा?? कमला ने थोडा शरमाते हुए पुछा. ?इससमे तो दो हीरे हैं जिनको
खुद भगवान ने तराशा है शायद? कहते हुए ससुर उसकी निपल्स को पकड़ कर दबाने
लगे.

?ये तो मेरे दूध हैं. इनको तो चूसा जाता है.? कमला मादक स्वर मे बोली.
ससुर उसका इशारा समझ गये और मुँह झुका कर उसका एक निपल मुँह मे ले लिया.
फिर दूसरा?.

?अब बस कीजिए. कोई आ जाएगा.? कहते हुए कमला उठने की आक्टिंग करने लगी.
ससुर ने उससे दबा दिया और उल्टा कर दिया.

कमला के होंठ अब उनके लंड पे थे. लंड अब काफ़ी बड़ा हो गया था. कमला को
उसका स्पर्श भा रहा था. ससुर ने धीरे से उसके ब्लाउस और ब्रा को उतारा.
कमला ने भी पूरा साथ दिया अपने कपड़े उतरवाने मे.


कमला की नंगी पीठ देख कर ससुर चकित रह गये. एकदम चिकनी और गोरी गोरी?..

वो उसकी पीठ सहलाते रहे और कमला उनके लंड को अपने होंठ और गालों से?.

ससुर को जब लगा की उनका लंड तय्यार हो रहा है तो उन्होने कमला की सारी
खींची. कमला ने बिना कुच्छ कहे अपने शरीर को उपर किया और खुद अपनी सारी
निकाल दी.

उसके महीन पेटिकोट मे से दिखती उसकी पॅंटी देख कर ससुर पागल हो गये. उनका
हाथ सीधा उसके नाडे पर गया. ?नही ऐसा मत करिए.? कहते हुए कमला बैठ गई.

?मुझे पूरा पता लगाना है पास आकर क्या होगा? कहते हुए ससुर ने उससे चूम लिया.

?शरमाओ मत? कहते हुए ससुर ने उसका एक नंगा बूब पकड़ लिया और उसके गालों
को चूमने लगे.

कमला इस हमले से उत्तेजित हो गई. लेकिन फिर उस ने अपने आप को रोका (खेल
अभी बाकी था) और खड़ी हो गई. ससुर तो वासना की आग मे जल रहे थे. वो भी उठ
कर उसके शरीर को अपनी बाहों मे लेने लगे.

आप ऐसे मत कीजिए? कहते हुए कमला ने अपनी पीठ उनकी तरफ कर दी. ससुर ने
सोचा अब और इंतजार करना मुश्किल होगा. उन्होने अपना पाजामा और बनियान
उतार दी और नंगे शरीर को कमला के आधे नंगे शरीर से पिछे से जोड़ दिया.

उनके तननाए हुए लंड का स्पर्श मिलते ही कमला की गांद मे गर्मी बढ़ गई.
?तुम कितनी सेक्सी हो? कहते हुए ससुर ने पिछे से उसके दोनो मम्मे पकड़
लिए. ?आप से तो कम ही हूँ. छ्चोड़िए ना? कहते हुए कमला ने उनका एक हाथ
खींचा.

ससुर ने उससी हाथ से उसके पेटिकोट का नाडा खोल दिया. कमला समझ गई की अब
उसका पेटिकोट नीचे गिरने वाला है. उसने अपना पेटिकोट पकड़ लिया और उपर
खींच लिया. इतना उपर की उसके मम्मे ढक जाएँ.


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