प्यार की खुजली compleet

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007
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प्यार की खुजली compleet

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:34

प्यार की खुजली-1

नीता की शादी दो महीने बाद फिक्स हो गई थी. वो मन ही मन मुस्कुराती रहती थी. दिन भर अपने होने वाले पति रमेश की यादों मे खोई रहती थी. बार बार
उसकी तस्वीर देखती और उसे चूमती.कई कई घंटों तक अपने कमरे से बाहर नही आती थी. अपनी होने वाली सुहागरातकी सोच सोच कर अपनी चूत सहलाती रहती.इधर उसकी मा कमला भी खुश थी. अपने पति के मरने के बाद पहली बार उसे पूरीखुशी का एहसास हो रहा था. नीता के कारण उसने अपनी सेक्स की भूख को दबा कररखा था. लेकिन क्या करती सेक्स को दबाना इतना आसान नही था.अब जब नीता का ब्याह पक्का हो गया था उसकी चूत की खुजली बढ़ने लगी थी.बाहर तो कम ही जाती थी. दो साल मे कभी उसका देवर आता तब मौका देख कर उससे चुदवा लेती.


आख़िर कुच्छ ऐसा हो गया कि उसकी आग और भड़क उठी. उसने एक दिन अपने 18 सालके लड़के जीतू को नंगा देख लिया ओर उसका लंड देख कर वो गरम हो गई. उसनेसोचा जीतू को तैयार कर लेती हूँ और नीता की शादी के बाद उसके साथ सोउंगी.अगले दिन जब नीता दोपहर को अपने कमरे मे चली गई तो उसने जीतू को बुलाया.?बेटा देख और बता कौन सी सारी मुझपे अच्छी लगती है? तेरी बहेन तो खुद मेही बिज़ी है.?. जीतू को औरतों की सारी मे कोई इंटेरेस्ट नही रहता था,लेकिन अपनी मा की बात सुन कर उसे रुकना पड़ा.ये वाली तीन अच्छी हैं.? जीतू बोला. ?मुझे डाउट है ये इतनी ठीक हैंक्या? रुक मैं पहेन कर देखती हूँ.? ये कह कर उसने अपना गाउन उतार दिया.अपनी मा को पहले भी वो पेटिकोट ब्लाउस मे देख चुका था. लेकिन आज जब उसनेगाउन उतारा तब उसके दो बटन खुले थे. उनमे से दिख रही ब्रा ने जीतू को एकबार परेशान कर दिया.कमला समझ गई जीतू की नज़र कहाँ है. उसने उस बात को इग्नोर किया और सारीपहेन्ने लगी. जान भुज कर उसने सारी अंदर डालते समय और ठीक करते समयपेटिकोट नाभि से नीचे खींच लिया. उसकी नाभि पर जीतू की नज़र पड़ते हीउसकी पॅंट मे करेंट दौड़ गया.



दो सारी पहेन्ने के बाद जीतू बोला ?इसका मॅचिंग ब्लाउस भी साथ पेहेन्ति
तो ज़्यादा अच्छा लगता.?. ?कल मिलेंगे सिल कर? ये कहते हुए उसने सारी
उतारी और उसी अवस्था मे बिस्तर पर लेट गई. आदमी को चूत का दरवाज़ा दिखाना
उसे अच्छी तरह आता था?.

?आ इधर ही सो जा.? कहते हुए वो थोड़ा खिसक गई. जीतू उसके उभरे हुए वक्ष
देख कर वैसे ही सुध बुध खो बैठा था, कुच्छ बोले बिना पास मे लेट गया.

कमला उसकी तरफ मूड कर उससे बातें करने लगी. लेकिन जीतू का ध्यान बातों मेकम और उसके बाहर झाँकते हुए बूब्स पे ज़्यादा था. ऐसा लग रहा था मानो वोकिसी भी पल ब्रा से बाहर निकल पड़ेंगे. उसकी ब्रा देख कर तो मानो जीतू केलंड मे आग लग रही थी.थोड़ी देर बाद दोनो सो गये. कमला की जब नींद खुली तो जीतू सो रहा था.कमला ने धीरे से उसके आधे सख़्त लंड पे हाथ रख दिया और आँख बूँद कर केजीतू के उठने का इंतजार करने लगी. जब जीतू की आँख खुली और उसने अपनी माका हाथ अपने लौदे पे पायातो उसका लंड तेज़ी से फूलने लगा. कमला को उसके कड़क होते लंड का एहसास बड़ा मीठा लगा. मन तो किया दबा डाले पर अपने आप को रोक लिया. जीतू भी आँख बूँद कर के सोने का नाटक करते हुए कमला के कोमल हाथों का स्पर्श एंजाय करता रहा?.अगले दिन फिर दोपहर को कमला ने जीतू को बुलाया. जीतू भाग कर आ गया. ?देख
आज ब्लाउस भी आ गये.? कहते हुए कमला ने एक ब्लाउस निकाला और उसे निहारनेलगी. फिर उसने कल की तरह गाउन उतारा.

आज उसने गाउन उतारते समय अपनापेटिकोट जांघों तक उठा कर गिराया. उसकी सुडोल और चिकनी जाँघ देख कर जीतूहड़बड़ा गया.'मैं ये पहेन कर देखती हूँ.' ये कहते हुए कमला ने गाउन अपने कंधों पर रखाऔर अपना ब्लाउस खोल दिया. जब जब वो अपने हाथ उपर करती जीतू को उसकी पतली
ब्रा दिखाती और उसे मे से झाँकते हुए उसके उरोज. जीतू के लॉड का हाल बुरा था. कमला की नज़र उस पर थी. वो समझ रही थी जीतू का ध्यान उसके वक्ष पर है. उसने सिर्फ़ एक उपर का बटन बूँद किया और फिर गाउन उठा कर बिस्तर पे फेंक दिया.बड़ी सरलता के साथ वो अपने बटन लगाने लगी पर चोर नज़रों से जीतू को देख लेती. जीतू का पूरा ध्यान उसकी ब्रा पर था. मानो वो उनमे च्छूपे लाल लाल हीरे ढूंड रहा था.कमला ने आज फिर सारी पेहेन्ते समय अपना पेटिकोट नीचे खींचा. आज पूरी तैयारी मे थी इसलिए पेटिकोट लूज बाँध रखा था. आज थोड़ा खींचने पर दो इंच
नीचे आ गया. जीतू बहाल हो गया??सारी चेक करने के बाद उसने अपना पुराना ब्लाउस पहना और इस बार बिना कोई बटन लगाए गाउन उतार दिया. फिर धीरे से दो बटन लगाए नीचे के, बाकी खुले रहने दिए. और बिस्तर पर लेट गई 'आज बहुत थक गई हूँ.' कहते हुए वो पेट के बल घूम गई. "आ, सो जा" कहते हुए उसने थोड़ी जगह बिस्तर पर बनाई. सिर्फ़
इतनी जगह की जीतू सो सके और उसका शरीर कमला के शरीर से टच हो जाए.कमला के शरीर को छुते ही उसका शरीर गरम हो गया.

कमला भी जान बूझ कर उसकी तरफ मूड कर बातें करने लगी. उसके आधे नंगे बूब देख कर जीतू का लंड चार गुना हो गया. उसकी ब्रा मे से निकलते बूब्स देख कर आज जीतू से रहा नही गया.उसने बात करते करते कमला की नंगी कमर पे हाथ रख दिया. कमला उसके स्पर्श से सिहर उठी. बड़ी चालाकी से जीतू ने अपना हाथ धीरे धीरे उपर कर दिया. अब
उसका हाथ कमला के उरोज का पास था. और कमला गरमा रही थी. उसका हाथ अपने आप जीतू के गाल पर चला गया और वो उसे सहलाने लगी. जीतू ने थोड़ी देर बाद सोने का नाटक करते हुए आँख बूँद कर ली.

कमला उसका हाथ अपनी चुचियों पर चाहती थी. वो धीरे से घूमी. सिर्फ़ इतना की जीतू का हाथ उसके उभार पर ठीक से आ जाए. और फिर वो उसके हाथ का स्पर्श एंजाय करते हुए सो गई.

जब वो उठी तो उसने पाया जीतू का हाथ उसकी चूत पर था. अगर उसका पेटिकोट का
नाडा आगे होता तो शायद आज जीतू उसकी नंगी चूत सहला लेता??

उस की उमीद से कहीं ज़्यादा तेज़ी से जीतू आगे बढ़ रहा था. कमला सोच मे
पड़ गई और उसने सोच लिया की अब थोड़ा स्लो करेगी. लेकिन अगले दिन फिर
उसकी चूत की आग ने उसकी सोच को जला दिया. आज उसने सिर्फ़ ब्रा पहेन ली और
पेटिकोट दो इंच नीचे. नाडा इतना खुला रखा की उसकी सफेद चड्डी के दर्शन हो
जाएँ?..

जैसे ही नीता अपने कमरे मे गई जीतू बिना बुलाए कमला के कमरे मे आ गया.
?वो नीली वाली सारी पहेन कर बताना ज़रा. शायद वो ज़्यादा अच्छी लगेगी?
जीतू बोला. कमला के मन मे लड्डू फूट रहे थे जीतू की बात सुन कर. उसने
फटाफट कपबोर्ड से सारी निकाली और गाउन उतार दिया. ?अर्री ! ब्लाउस तो
अंदर ही है.? कहते हुए कमला ब्रा मे ही गई और ब्लाउस निकल कार बेशर्मी से
उसके सामने पहनने लगी. जीतू का लंड उपर नीच होने लगा?..

?ज़रा खींच? कहते हुए कमला ने उसे बुलाया. जीतू उसके पास बैठ कर सारी को
खींचने लगा और इस बहाने उसका पेटिकोट और नीचे सरक गया. जीतू उसकी नाभि
देख कर और गरमा गया. ?ये पेटिकोट तो फट गया है. आप फटे कपड़े क्यों
पेहेन्ति हो?? कहते हुए जीतू ने उसका पेटिकोट थोड़ा उपर उठाया और कमला को
दिखाया. इस बहाने उसकी सुडोल कॅफ के दर्शन जीतू को हो गये.


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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:35


कमला उसके बर्ताव से खुश हो रही थी. उसने अपने मन को मजबूत किया और बोली
?ठीक कहता है तू बेटा. अभी बदल देती हूँ? ये कहते हुए उसने अपनी सारी
उतारी और नया पेटिकोट निकाल लिया. जीतू इंतजार मे ज़मीन पर ही बैठा रहा.
कमला ने नया पेटिकोट उपर से डाला और जब वो उसकी कमर तक आ गया तो उसने अपने पहने हुए पेटिकोट का नाडा खोल दिया और उसे गिरा दिया. कुच्छ पल के लिए जीतू को कमला की पॅंटी और उसमे से उसकी फूली हुई चूत के दर्शन हो गये. जैसे जैसे नया पेटिकोट नीचे आता गया उसकी आँखें भी नीच आती गयी और कमला की जांघों को निहारती रही. कमला सब समझ रही थी. उसने अपना नाडा बाँधा पर इस तरह की उसकी पॅंटी खुल कर दिखे. जीतू की आँखें वहाँ से हट नही रही थी?..चल अब सो जाते हैं? कहते हुए कमला बिस्तर पर लेट गई. आज उसने ब्लाउस पहने बिना ही सोने की सोच ली थी. दिखावे के लिए उसने अपना गाउन अपने वक्ष पर रख दिया और लेट गई. आज उसने सिर्फ़ इतनी जगह रखी कि जीतू आधा ही लेट पाए. जीतू भी तो यही चाहता था. वो चुपचाप उसके पास लेट गया और जगह कम होने की वजह से उसका लंड कमला की जाँघ को टच हो गया. कमला के शरीर मे आग लग गई गरम लॉडा टच होते ही. जीतू ने गिरने का बहाने करते हुए कमला के पेट पर हाथ रख दिया. जब जीतू को लगा कि उसकी मा उसके लंड से कंफर्टबल है तो उसने अपना हाथ उठा कर उसके कंधे पर रख दिया. इस तरह कमला का एक वक्ष उसके हाथ के नीचे दब गया. जीतू थोड़ा और चिपक गया उसके शरीर से.कमला अपनी हालत से परेशान थी. मन तो कर रहा था जीतू का लंड पकड़ ले पर
दिमाग़ ने रोक लिया. धीरे से उसने गाउन हटा कर अलग कर दिया? बड़ी गर्मी है?. अब बातें करते करते जीतू का हाथ कभी लेफ्ट तो कभी राइट बूब पर चला जाता. एक दो बार उसने धीरे से दबा भी दिया?..जब कमला उठी तो वो पेट के बल लेटी हुई थी और उसने अपनी ब्रा का हुक खुला
पाया. समझ गई उसकी नंगी पीठ सहलाई होगी जीतू ने और शायद उसकी गांद भी दबाई होगी?.. उसका मन खुशी से झूम रहा था. उसने हल्के से अपने सोए हुए बेटे का लंड सहलाया और उठ गई.

शाम को जीतू किचन मे आया. नीता के किचन से बाहर जाते ही पीछे से कमला को
पकड़ लिया. उसने बेफिकर हो कर अपना लंड उसकी गांद पर टीका दिया और उसके
बूबे पकड़ लिए. कमला की चूत से गरम लहर छूट गयी, लेकिन उसने अपने आप को
संभाला और जीतू को अलग किया. ?ये क्या कर रहा है?? वो गुस्सा दिखाते हुए
बोली. जीतू घबरा गया, हकलाते हुए बोला ?लेकिन आज दोपहर को तो आपने कुच्छ
नही कहा था?.?

?तो क्या दिन भर यही करेगा? और अपनी बहेन के सामने तो खबरदार !? उसने
आँखें फाड़ कर कहा तो जीतू समझ गया. ?ठीक है मम्मी? कहते हुए चला गया. मन
ही मन जीतू खुशी से पागल हो गया. उसे कमला की चूत का रास्ता दोपहर को सॉफ
दिखने लगा.

लेकिन इंतेजार किसे सहन होना था. रात को जीतू मा के कमरे मे पहुँच गया.
?मुझे नींद नही आ रही?. ?आजा इधर सो जा? कहते हुए कमला ने उसे जगह दी और
मूड कर लेट गई. जीतू ने अपना लंड उसकी गांद से टीकाया और हाथ डाल कर उसके
गाउन के उपर से ही मम्मे पकड़ लिए. धीरे धीरे आगे पिछचे करते हुए उसने
अपने लंड का पानी निकाला और कमला ने उसके टाइट लंड का लुत्फ़ उठाते हुए
अपनी चूत गीली की.

सुबह जल्दी उठ कर कमला ने जीतू को जगाया और उसके कमरे मे भेज दिया. जीतू
समझ गया और चुपचाप चला गया.

सुबह कमला ने ब्रा नही पहनी. सिर्फ़ ब्लाउस पहना और सारी टाइट बाँध ली.
इस तरह उसकी गांद उभार कर दिख रहा था. मौका मिलते ही सारी का पल्लू गिरा
कर अपने लटकते हुए आम दिखा दिखा कर जीतू के लंड को गरम सेक देती. जीतू का हाल बुरा था. पता नही कितनी बार उसने अपनी मा की उभरी हुई गांद देख कर अपना लंड दबा दबा कर मूठ मारी.

जैसे ही नीता अपने कमरे मे गई जीतू ने उसका दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और कमला के कमरे मे घुस गया. कमला भी तय्यार बैठी थी. अपना पल्लू गिरा कर उसने अपने ब्लाउस के चार बटन खोल दिए थे. बेड पर बैठ कर अपनी सारी जाँघो तक उठा रखी थी और अपने घुटने सहलाने की आक्टिंग कर रही थी. अपनी मा की आधी से ज़्यादा नंगी चुचियाँ देख कर जीतू का लॉडा टाइट हो गया.उसके पास जा कर कमला के घुटनों पे हाथ फेरने लेगा.?दर्द हो रहा है?? कहतेहुए उसने कमला के ब्लाउस मे झाँका और धीरे से हाथ उसकी जाँघ पे ले गया.हां, ज़रा दबा दे? कहते हुए कमला बिस्तर पर लेट गई. उसकी नंगी थाइस देखकर जीतू के होश उड़ गये. फिर उसका ध्यान उसके ब्लाउस मे से बाहर निकालते हुए उसके मम्मो पर गया. उसके पतले से ब्लाउस से उसकी निपल साफ दिख रही थी. जीतू सोच मे पड़ गया किधर दबाए.?आ लेट जा और दबा? कमला ने उसके पैर खींचे.जीतू उसके बगल मे लेट गया और उसके घुटनों को सहलाने लगा. उसका मुँह कमला के पैरों की तरफ था. कमला ने अपना हाथ धीरे से उसकी जाँघ पर रख दिया.जैसे जैसे उसका हाथ उपर आता गया वो सारी उपर करता गया. खुद भी धीरे धीरेउपर खिसकता गया. अब कमला की चूत पनिया रही थी. वो धीरे से मूडी और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच डाल दिया और सहलाने लगी. उसका हाथ बार बार जीतू
के लंड से टकरा जाता. पहले तो धीरे धीरे और फिर दबाव बढ़ने लगा.

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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:36

जीतू का हाथ भी उसकी चूत की फाँक तक पहुँच गया था. दोनो चुपचाप मज़े ले रहे थे. जब जीतू से सहन नही हुआ तो उसने मुँह उठा कर एक चुम्मि ले ली.


कमला का शरीर सिहर उठा. ?ये क्या कर रहा है?? वो बोली और जीतू घबरा कर
बैठ गया. ?पप्पी ले रहा था? वो शरमाते हुए बोला. कमला की सहन शक्ति के
बाहर हो चुकी थी उसकी चूत की गर्मी. उसने अपने घुटने मोड़ लिए जिस कारण
उसकी सारी कमर पे आ गयी. एक हाथ से उसका लंड दबाते हुए उसने दूसरे हाथ से
अपनी चूत को खोला. ?ऐसे खोल के पप्पी करते हैं. बुढ़ू? वो बोली और ललचाई नज़रों से उसकी ओर देखा.जीतू भी कम नही था. एक पैर उसके पेट पे रख दिया और सीधा मुँह उसकी चूत मे घुसा दिया. कमला ने भी उसका पाजामा खींच लिया धीरे धीरे और उसके गरम हथोदे को अपने हाथ मे ले कर निहारने लगी. उसकी लाल टोपी को देख कर उसका दिल सब कुच्छ भूल गया और उसने उसे चूम लिया.काफ़ी देर तक जीतू चाट ता रहा और कमला उसके लॉड को बार बार चूमती रही. जब उसका मुँह दुखने लगा तो वो उलट गया और कमला की टाँगों के बीच मे लेट गया.उसका लंड कमला की चूत पर टिका था. कमला ने हाथ नीचे किया और उसके लॉड को पकड़ कर अपनी चूत का दरवाज़ा दिखाया. धीरे धीरे जीतू उसे चोदने लगा और वो मज़े ले ले कर उसका लंड खाती रही.अचानक उसने रफ़्तार बढ़ा दी और पानी छूट ते ही अपनी मा पर निढाल हो कर
लेट गया. कमला ने उसे चूम लिया. वो तो पहले ही कई बार पानी छ्चोड़ चुकी थी

अगले दिन जीतू नीता का कमरा बंद करना भूल गया. नीता पानी पीने बाहर आई तो मा के कमरे से आवाज़ आई. वो परेशान हो गई. कीहोल से देखा तो उसका दिल बैठ गया. जीतू खड़ा था और कमला बिस्तर पर बैठ कर उसका लंड लॉलिपोप की तरह चूस रही थी. उसकी चूत तब गीली हो गई जब उसकी मा टाँगें फैला कर लेट गई और जीतू का लंड उसकी चूत की गहराई मे खो गया.अंदर बाहर होते हुए लॉड को देख कर उसका शरीर उत्तेजना से काँप उठा. जब दोनो चुदाई के बाद एक दूसरे से लिपट कर सो गये तो नीता अपने कमरे मे चली गई. बहुत सोचने पर वो इस नतीजे पर पहुँची कि उसे तो कुच्छ दिन बाद जाना है. क्यों मा बेटे के बीच आए. लेकिन सेक्स देखने की आतूरता वो रोक ना पाई.उसने मौका देख कर खिड़की खुली छ्चोड़ दी.फिर हर दोपहर और कभी कभी रात को वो उनका नंगा खेल देखती. कमला जीतू से तरह तरह से चुदवाती और चुस्वाति. लगता था मानो कमला ने काम शास्त्र मे पीएचडी करी हो. कभी वो घोड़ी बन जाती और जीतू उसके मम्मे पकड़ कर मसल्ते हुए उसको चोद्ता. कभी वो एक टाँग टेबल पर रख कर खड़ी रहती और जीतू खड़े खड़े उसको चोद्ता.कभी कभी वो शहद लगा लेती अपनी चूत और मम्मो पर और जीतू उनको घंटों चाटता. कभी वो उसकी गर्दन पर अपनी टाँगें रख कर चुदवाती और कभी उसकी कमर पकड़ के.नीता को असली मज़ा तो तब आने लगा जब जीतू ने कमला की गांद मे अपना लंड पेल दिया. फिर तो वो कई बार अपनी गांद मर्वाति और फिर उसी लंड से अपनी चूत को शांत करवाती.

जीतू तो पूरा चुड़क्कड़ खिलाड़ी बन गया था.


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