incest "खून का असर" compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:15

"खून का असर"--9

गतान्क से आगे........................

शाम को दोनो भाई संध्या का खेतो के पास आम के पेड़ के

पीछे इंतजार करने लगे तभी उन्हे संध्या आती हुई दिखाई दी

संध्या ने इधर उधर देखा और फिर अपना घाघरा उठा कर

संडास के लिए बैठ गई दोनो भाई उसके मोटे मोटे कसे हुए

चूतड़ देख देख कर अपना लंड मसलने लगे कुछ देर इंतजार

के बाद संध्या उठ कर जैसे ही जाने के लिए पलटी दोनो भाई

उसके सामने खड़े थे संध्या उन्हे देख कर डर गई तुम

दोनो यहाँ क्या कर रहे हो, अरे भाभी हम दोनो आप की मोटी

गंद देख रहे थे जब आप संडास कर रही थी संध्या तुम्हे

शरम नही आती ऐसा करते हुए मैं अभी सुधिया काकी से

जाकर तुम दोनो के बारे मे बताती हू, तभी बिरजू ने उसका हाथ

पकड़ लिया अरे मेरी रानी जाती कहाँ हो अभी तो हम दोनो भाई

तुम्हे चोदेगे, संध्या कमिनो छ्चोड़ दो मुझे नही तो

तुम्हारी खेर नही, बिरजू ने संध्या के एक दूध को दबोच

लिया तो संध्या कसमसा गई लेकिन वह ज़्यादा विरोध नही कर

रही थी देखो तुम दोनो अच्छा नही कर रहे हो तभी राजू ने

संध्या की चूत को उसके घाघरे के उपर से अपनी मुट्ठी मे

भर लिया अरे भाभी अब ज़्यादा नखरा मत करो, संध्या आह

छ्चोड़ो मुझे नही तो मई चिल्लाउन्गि, बिरजू देखो भाभी हम

भी जानते हैकि तुम्हारी चूत को लंड चाहिए फिर नखरा क्यो

कर रही हो ऐसा मोका बार बार नही मिलता है और जो तुम

सुधिया काकी की धमकी हमे दे रही हो तो वो क्या करेगी वो तो

खुद हमसे अपनी चूत और गंद तबीयत से मरवा चुकी है,

संध्या ने जब यह सुना तो शरम करो कामीनो एक बूढ़ी

औरत के बारे मे ऐसी झूठी बात कह रहे हो, अच्छा भाभी

आप को यकीन नही आता तो फिर बताओ सुधिया काकी जब खेत मे

दोपहर को गई थी तो वहाँ से शाम को लगदाती हुई आई थी यह तो

तुमने भी देखा था और तुम जो सुधिया काकी को बुढ़िया कह

रही हो वह इतनी तबीयत से अपनी गंद उठा उठा कर चुदवा

रही थी तुम देखती तो कहती, और एक बार तुम भी हम से अपनी

चूत मरवा लो फिर तुम देखना तुम्हारे घर मे ही सुधिया

काकी की चूत और गंद ना मारी तो कहना तब तक थोड़ा अंधेरा

होने लगा था और दोनो भाइयो ने अपनी अपनी लूँगी उतार कर

अपना अपना काला लंड जब संध्या को दिखाया तो वह सिहर गई

अब दोनो भाइयो ने उसे आगे से और पीछे से दबोच लिया और

उसके गाल गले होंठ सभी जगह चूमने लगे, संध्या की चूत

भी गीली होने लगी और उसका विरोध ना के बराबर हो गया,

देखो बिरजू यह ठीक नही है कोई देख लेगा तो, अरे भाभी तुम

कहे फिकर करती हो हम सब संभाल लेंगे और फिर यहाँ अब

रात को कॉन मा चुदवाने आएगा और संध्या का घाघरा उठा

देते है राजू संध्या की चुचिया को तबीयत से मसल्ने लग

जाता है और बिरजू संधा की मोटी गंद को दबोचने लगता है

अब संध्या अपने शरीर को उनके उपर ढीला छ्चोड़ देती है, और

दोनो संध्या को पकड़ कर आम के बगीचे मे ले जाते है,

राजू धीरे दबा कमिने बहुत दर्द हो रहा है अरे भाभी

तुम्हारी चुचियो और चूत को लगता है तुम्हारे पति ने कस

कर मसला नही है इसीलिए इतनी कठोर है हमे तो ऐसा लग रहा

है जैसे किसी कुवारि लोंड़िया की चुचि मसल रहे है, ऐसी

कठोर चुचिया तो शीला की भी नही है, संध्या आश्चर्या से

क्या तुमने शीला की चुचिया दबाई है, बिरजू संध्या की चूत

मे अपनी एक उंगली पेलते हुए अरे भाभी आप तो चुचिया

दबाने की बात करती है हम दोनो भाई तो शीला को दिन रात

चोद्ते रहते है उसकी गंद और चूत मार मार कर हम फाड़

चुके है और शीला भी दिन भर बस हमारे लंड से चुद्ती

रहना चाहती है, संध्या तुम दोनो तो बड़े कमिने हो रे अपनी

सग़ी बहन को भी नही छ्चोड़ा, राजू अरे भाभी शीला इतनी मस्त

तरीके से चुदवाती है कि क्या बताऊ और उन दोनो ने संध्या

को वही खड़ी करके एक उसकी गंद फैला फैला कर चाटने लगा

दूसरा उसकी बुर को फैला फैला कर चाटने लगा संध्या पागल

होने लगी थोड़ी ही देर मे संध्या कामुक सिसकारिया निकालने

लगी, आह आह बिरजू राजू जल्दी से चोद लो ज़्यादा देर मत लगाओ

शुधिया काकी इंतजार कर रही होगी, तभी बिरजू ने संध्या के

हाथ मे अपना लंड पकड़ा दिया संध्या उसके मोटे लंड को

अपने हाथो मे लेकर ज़ोर ज़ोर से भिचने लगी

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:16

राजू ने संध्या

को वही ज़मीन पर लेटा दिया और उसकी चूत मे अपना लंड लगा

कर एक कस के धक्का मारा तो उसका लंड संध्या की चूत मे

आधा फस गया और संध्या के मूह से हल्की सी चीख निकल

गई, राजू भाभी तेरी चूत तो बहुत टाइट है रे क्या भैया ने

तेरी चूत नही मारी, और फिर एक करारा धक्का मारा कि राजू का

पूरा लंड संध्या की चूत मे समा गया और संध्या

तड़पने लगी आह आह ओह ओह मार दिया रे कितना मोटा लंड है

तेरा हाय मैं तो मर गई रे आह आह राजू अब धीरे धीरे मगर

गहरे धक्के संध्या की चूत मे मारने लगा तभी बिरजू

संध्या के मूह के पास उकड़ू बैठ गया और उसके दूध

दबाने लगा संध्या ने बिरजू का लंड अपने हाथो मे पकड़

लिया और उसको कस कस कर दबाने लगी बिरजू ने अपने लंड को

संध्या के मूह मे दे दिया और संध्या उसे चाटने लगी,

संध्या राजू धीरे चोद रे मेरी पीठ मे और कमर मे

पत्थर चुभ रहे है, राजू के घुटनो मे भी दर्द होने लगा

तब उसने संध्या को उठा कर खुद लेट गया और आजा मेरी रानी

आज तुझे अपने लंड की सवारी करवाता हू और संध्या को अपने

लंड पर बैठा दिया संध्या पूरी मस्त होकर उसके लंड पर

कूदने लगी, बिरजू संध्या के पीछे बैठ कर उसके दूध को

दबाने लगा थोड़ी देर बाद राजू ने जल्दी जल्दी अपनी कमर

उच्छाल उच्छाल कर संध्या की चूत मे अपना पानी निकाल दिया

फिर बिरजू ने संध्या को घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी छूट

मई अपना लॅंड एक झटके मे अंदर कर दिया और संध्या को

हचक हचक कर चोदने लगा, लगभग 20 मिनिट तक

संध्या की चूत मारने के बाद संध्या की चूत मे ही झाड़

गया और फिर दोनो भाइयो ने अपनी अपनी लूँगी जल्दी से पहनी और

संध्या ने अपना घाघरा नीचे करते हुए कहा मैं जा रही

हू तभी बिरजू ने उसका हाथ पकड़ लिया और क्यो मेरी प्यारी

भाभी मज़ा आया की नही संध्या मुस्कुराते हुए चल छ्चोड़

अब मुझे जाने दे, बिरजू भाभी अब कब देगी, संध्या जब तुझे

चाहिए ले लेना अब हट और जाने दे मुझे और फिर संध्या

जल्दी जल्दी अपने घर की ओर आ गई, संध्या के चेहरे पर एक

अलग ही रोनक नज़र आ रही थी, फिर दोनो भाई दारू की दुकान

से एक देसी की बोतल लेकर पुलिया पर आकर बैठ गये और उनके

जाम चलने लगे,

रोज की तरह कमला ने रोटिया बाँधी और बिरजू और राजू को लेकर जंगल की ओर चल दी और शीला को घर पर रहने को कहा, शीला बोली मा तुम कहो तो मैं भी चलती हू, कमला नही बेटी ना जाने कब तेरा बाप घर आजाए तो उसे रोटिया भी देना होगी, वैसे तो वह दारू के ठेके पर ही मर रहा होगा पर कभी आ गया तो इसलिए तू यही रह और वैसे भी 4 दिन के लिए आई है कहाँ जंगल की ठोकर खाती फ़िरेगी और इतना कह कर कमला चल दी और उसकी मोटी गंद के पीछे दोनो भाई भी चल दिए, कमला चलते हुए अपने चूतड़ मतकती जा रही थी और दोनो भाइयो के लंड हरकत करने लगे थे, कमला चलते चलते उनसे बाते भी करती जा रही थी, अब लगता है तुम दोनो की शादिया करना पड़ेगी, अब तुम दोनो भी जवान हो चुके हो, क्यो रे बिरजू कुच्छ बोलता क्यो नही केसी बीबी लाना है तेरे लिए बिरजू अपनी मा के मोटे मोटे चूतादो के पाटो को देखता हुआ मा मुझे तो बिल्कुल तेरे जैसी बीबी चाहिए, और तभी राजू मा मुझे भी तेरे जैसी ही बीबी चाहिए, कमला मेरे जैसी वो भला क्यो, बिरजू मा हमे तो सारी गाँव की औरतो मे सबसे अच्छी तू ही लगती है इसलिए हमे तेरे जैसी बीबी ही चाहिए, कमला अच्छा ठीक है पर तुम्हारी बीबी आने के बाद तुम अपनी मा को घर से मत निकाल देना, राजू अरे कैसी बाते करती है मा हम तो तेरी दिन रात सेवा करेगे, भला घर से तुझे क्यो निकालेगे, कमला मुस्कुरा कर पीछे देखती हुई क्यो इतना चाहते हो अपनी मा को, हाँ मा दुनिया मे सबसे ज़्यादा, तीनो बाते करते करते जंगल पहुच गये और दोनो भाई लकड़िया काटने लगे और कमला उन लकड़ियो को उठा उठा कर एक जगह रखने लगी, थोड़ी देर बात कमला ने कहा चलो अब खाना खा लो फिर थोड़ी देर आराम करके फिर काम पर लग जाएगे, तभी बिरजू ने कहा मा वहाँ पास मे कुछ आम पके दिख रहे है मैं तोड़ कर लाता हू खाने के साथ खाएगे और बिरजू उठ कर आम के पेड़ की ओर चला गया, कमला एक पेड़ से टिक कर बैठी थी और राजू उसकी मोटी जाँघो पर अपना हाथ रख कर बैठा था, कमला क्यो रे राजू रात को शीला तेरे साथ ही सोई थी तूने उसे तंग तो नही किया, अभी वह पेट से है, क्या बात कर रही है मा हमे तो मालूम ही नही था कि वह मा बनने वाली है, कब मा बनेगी मा अरे बुद्धू अभी तो उसका तीसरा महीना शुरू हुआ है, अभी तो उसे काफ़ी समय लगेगा, बुद्धू कही का राजू की लूँगी मे बने तंबू को देखते हुए इतना बड़ा हो गया है पर इसे कुछ भी पता नही है, राजू अपनी मा की छातियो से चिपकता हुआ मा मुझे कैसे पता होगा अभी तो मेरी बीबी भी नही है, कमला बड़ा बीबी के लिए मरा जा रहा है क्या करेगा बीबी के साथ, राजू शरमाते हुए मा अब मैं इतना छ्होटा भी नही हू, कमला उसको अपने बाँहो मे लेकर चूमते हुए बेटा अब तू सचमुच का जवान हो गया है, इसी लिए तो मैं अपने बेटे से इतना प्यार करती हू, राजू नही मा तुम बिरजू से ज़्यादा प्यार करती हो और अपनी मा की मोटी जाँघो को सहलाने लगा, कमला भला वो क्यो इसलिए कि कल तूने बिरजू को अपने साथ सुलाया था मुझे तू कभी अपने साथ सुला कर प्यार नही करती, कमला देख रही थी कि राजू का लंड अब पूरी तरह लूँगी फाड़ने की पोज़िशन मे आगेया है, और राजू भी देख रहा था कि उसकी मा बार बार उसके मोटे लंड को देख रही है, कमला तो इतना बड़ा हो गया है फिर भी अपनी मा के साथ सोना चाहता है, मा बिरजू तो मुझसे भी बड़ा है फिर उसे तो तूने कल अपने साथ ही सुलाया त, कमला अरे बेटे उसे तो मैने अपने पैर दबाने के लिए बुलाया था फिर मैने उससे कह दिया था कि नींद आए तो यही सो जाना, मा तू मुझसे भी कह सकती थी मैं तो बिरजू से भी अच्छी मालिश करता हू, चाहे तो देख ले और राजू ने अपनी मा के घाघरे को उसके घुटनो तक सरकाकर उसकी गोरी पिंदलिया दबाने लगा, कमला बस बस अब अभी रहने दे आज रात को मैं तुझसे अपने पैरो की मालिश करवा लूँगी बस अब तो खुश , राजू हाँ मा लेकिन मैं आपके साथ सोउँगा भी, कमला बड़ा मरा जा रहा है अपनी मा के साथ सोने को क्या मैं तेरी बीबी हू, राजू मा तो क्या बीबी के साथ ही सो सकते है, मा के साथ नही सो सकते, कमला उसके गालो को खिचते हुए उसके लंड की ओर देख कर बेटा अब तू बड़ा हो गया है मेर साथ सोकर तू कुच्छ उल्टा सुलटा मत कर देना, राजू भोला बनते हुए उल्टा सीधा क्या मा, कमला मन ही मन बेटे तेरा लंड तो अपनी मा को देख कर खड़ा हो रहा है और फिर भोला बन रहा है, बहुत चूत मारने को मचल रहा है तेरा लंड, अरे बेटे उल्टा सीधा मतलब कही तू नींद मे अपने हाथ पैर मत मार देना अपनी मा को, राजू अरे नही मा मैं हाथ पैर नही मारता हू चाहे तो शीला से पुंछ लेना वह भी तो कल मेरे साथ सोई थी, कमला हाँ रे शीला तो सुबह सुबह बहुत खुश दिख रही थी ऐसा क्या कर दिया तूने, राजू मा रात को मैने शीला की अच्छी मालिश करदी थी ना इसलिए वह खुश लग रही थी, कमला तो बेटा जैसी मालिश तूने कल शीला की की थी वैसी ही मालिश मेरी भी आज कर देना, राजू अपना लंड मसल्ते हुए जिसे कमला देख रही थी और उसकी चूत मे ढेर सारा पानी बहने लगा था और उससे अब सहन नही हो रहा था और वह अपनी चूत का पानी अपने घाघरे से पोछ रही थी, मा तू फिकर मत कर मैं तेरी ऐसी मालिश करूँगा कि तू खुस हो जाएगी, तभी कमला बेटे ज़रा हट तो मुझे बहुत तेज पेशाब लगी है तू ज़रा अपना मूह उधर घुमा ले मैं पेशाब कर लू राजू ठीक है मा और कमला ने वही पास मे ही अपना घाघरा उठाया और थोड़ी देर नंगी ही राजू की ओर गंद कर के खड़ी रही, कमला आज पूरी चुदास से भरी हुई थी और उसने पूरा मन बना लिया था अपने बेटे को अपनी मोटी गंद दिखा कर उससे अपनी चूत मरवाने का, राजू अपनी मा के गदराए चूतादो को एक टक देखने लगा तभी कमाल ने अपना मूह राजू की ओर करके उसे पकड़ लिया क्यो रे मना किया था ना मैने क्या देख रहा है, अभी भी कमला ने अपना घाघरा नीचे नही किया था और पूरी राजू की ओर घूम गई उसकी नंगी चूत देख कर राजू का मूह खुला का खुला रह गया और कमला मंद मंद मुस्कुराते हुए अपना घाघरा आराम से नीचे करती हुई, राजू के पास आकर बैठते हुए क्यो रे मैने मना किया था ना फिर तूने क्यो देखा, वो मा वो, वो वो क्या कर रहा है क्यो देखा जब मैने मना किया तो मुझे तू मूतने भी नही दिया, मा माफ़ कर दे अब नही देखूँगा तू पेशाब करले, कमला उसके लंड को देख रही थी जो झटके मार रहा था लेकिन उसका मूह सफेद पड़ा हुआ था, कमला फिर उठी और जैसे ही वह खड़ी हुई राजू ने अपना मूह दूसरी ओर घुमा लिया तब कमला दो कदम चल कर राजू की ओर मूह करके अपना घाघरा उठाकर बैठ गई, तभी राजू से नही रहा गया और उसने सोचा मा दूसरी ओर मूह करके अपनी गंद मेरी तरफ करके मूत रही होगी तो उसने फिर से अपना मूह घुमाया और पहले उसकी नज़र अपनी मा की चूत पर पड़ी फिर अपनी मा से उसकी नज़र मिल गई कमला के चेहरे पर मुस्कान आगाई, क्यो रे शैतान कही का मेरे दुबारा मना करने के बाद भी क्यो देखा, राजू दूसरी ओर मूह घुमा कर वो मा मुझे लगा तुमने पेशाब कर लिया होगा, कमला अच्छा एक पल मे ही पेशाब निकल जाएगा क्या, और उठ कर राजू के पास आकर सच्सच बता क्या देख रहा था, राजू वो कुच्छ भी नही मा, कमला ने राजू के खड़े लंड को पकड़ लिया और ये क्या है और यह ऐसे क्यो खड़ा है, राजू एक दम झेप गया, कुच्छ नही मा , सच सच बता मुझे नंगी देखने का मन कर रहा है ना, राजू नही मा वो तो मैं ऐसे ही, कमला उसके लंड को दबाती हुई, ये तेरा लंड मुझे नंगी देख कर ही खड़ा हुआ है ना, राजू नही मा ये तो पहले से ही, कमला हाय राम मतलब तू मुझसे चिपक कर बैठा था तभी ये खड़ा हो गया था, राजू अपना सर नीचे झुका लेता है, उसका लंड अभी भी कमला के हाथ मे था, मतलब तेरा लंड अपनी मा को देख कर खड़ा होता है, और कमला ने राजू के लंड को एक बार दबा कर महसूस किया तो उसकी आँखे बंद हो गई, राजू समझ गया कि उसकी मा अब उससे फँस चुकी है और अपनी चूत उसे ज़रूर देगी, राजू मा क्या करू ये तो तब से खड़ा है जब से तू हमारे आगे चल रही थी, कमला हाय राम मतलब तेरा लंड अपनी मा के चूतादो को देख देख कर खड़ा होता है, और राजू का लंड मसल्ने लगी, राजू मा मेरा अकेले का नही बिरजू का लंड भी तेरे चूतादो को देख कर खड़ा हो जाता है, और मैने तो आज ही तेरे चूतादो को देखा बिरजू तो घर पर भी तेरे चूतादो को दिन भर देखता रहता है, कमला की चूत राजू के लन्ड़ को मसल मसल के पानी छ्चोड़ने लगी थी, कमला तो क्या तुझे मेरे चूतड़ इतने अच्छे लगते है कि तुम दोनो भाई मेरे चूतादो को घर पर भी दिन भर देखते हो, राजू कुछ नही बोला और कमला की उठी हुई छातियो को देख रहा था, कमला, अच्छा ज़रा दिखा तो तेरा लंड कितना बड़ा है और उसकी लूँगी हटा देती है अपने बेटे का काला और मोटा डंडे जैसा लंड देख कर कमला की आँखे फैल जाती है, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है रे, राजू मा तेरी गंद भी तो पूरे गाँव मे सबसे बड़ी है

क्रमशः....................


raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:17

"खून का असर"--10

गतान्क से आगे........................

कमला राजू का लंड मुठियाते हुए आह कितना मोटा डंडा लेकर घूमता है रे तू, मा तू भी तो इतनी मोटी गंद लेकर मटका मटका कर चलती है तेरी मोटी गंद देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा, कमला तुझे इतनी पसंद है मेरी गंद, और देखेगा राजू हाँ मा एक बार और दिखा दे ना, कमला वही झुक जाती है और अपना घाघरा उँचा करके अपनी कमर पर टांग देती है अपनी मा की इतनी बड़ी नगी गंद और पीछे से खुली हुई चूत की मोटी मोटी फांके देख कर राजू अपने आपको रोक नही पता है और अपना हाथ अपनी मा की मोटी गंद और चूत मे फेरता है जिससे कमला सिहर जाती है, आह बेटे क्या कर रहा है, तभी राजू अपना मूह अपनी मा की उठी हुई मस्तानी गंद पर लगा कर पागलो की तरह उसकी गंद और फूली हुई चूत की फांको को अपनी लंबी लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है, कमला की चूत पानी पानी हो जाती है और वह सीसियती हुई घोड़ी बनी अपने बेटे से अपनी मोटी गंद और चूत को चटवाने लगती है राजू अपने दोनो हाथो से अपनी मा की गंद और चूत की मोटी मोटी फांके फैला फैलाकर चूत के छेद जो कि बिल्कुल गुलाबी नज़र आ रहा था को कस कस कर चाटने लगता है, तभी उधर से बिरजू आता है और वह दूर से ही ये नज़ारा देख लेता है और दबे पाँव उनके पास आकर धीरे से राजू के कंधे पर हाथ रखता है राजू पीछे पलटकर बिरजू को अपने होंठो पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा करता हुआ हटता है और बिरजू को चाटने को कहता है बिरजू अपनी मा की मोटी गंद और फैली हुई मोटी मोटी चूत की गदराई फांके देख कर झट से अपना मूह अपनी मा की मोटी गंद और मस्तानी चूत मे लगाकर चाटने लगता है, कमला घोड़ी बनी सिसकिया लेती हुई ओह ओह ओह बेटा ऐसे ही ओह ओह आह आह, करीब आधे घंटे तक अपनी मा की मोटी गंद और चूत को चॅटा, कमला कम से दो बार मूत चुकी थी और अब उसके पैर दर्द करने लगे थे तभी वह सीधी हो गई और जब उसने बिरजू को देखा तो तू कब आया बेटे, अरे मा तेरी चूत और गंद मैं भी 20 मिनिट से चाट रहा हू, मेरा लंड देखेगी और फिर दोनो भाई ने अपने अपने लंड अपनी लूँगी से बाहर निकाल लिए, अपने दोनो बेटो के मोटे लंड देख कर कमला की चूत फिर से पानी छ्चोड़ने लगी, और उसने दोनो के लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपने मूह से पीने लगी और दोनो भाई कराहने लगे, कमला बारी बारी से दोनो का लंड चूसने लगी लगभग 20 मिनिट तक कमला दोनो का लंड चूस चूस कर लाल कर चुकी थी, दोनो भाई मा बस कर तेरे मूह मे निकल जाएगा, कमला निकाल दे बेटे मेरे मूह मे ही निकाल दे और फिर दोनो भाई अपना माल अपनी मा के मूह मे ही निकालने लगे और कमला दोनो का रस चाट चाट कर पूरा पी गई, दोनो भाई एक दम सुस्त होकर वही बैठ गये, फिर कमला ने कहा चलो अब तुम दोनो खाना खा लो फिर तीनो ने मिलकर खाना खाया, खाना खाने के बाद बिरजू ने कहा मा अपनी चूत खोल कर हमे दिखा ना, कमला अरे बेटा अभी काम कर लेते है फिर घर चल कर तुझे मैं पूरी नंगी होकर अच्छे से अपनी चूत और गंद दोनो दिखाउन्गि, फिर तीनो ने फटाफट कुच्छ और लकड़िया काटी और फिर गत्था बना कर अपने सर पर लाद कर घर आ गये,

शाम को दोनो भाई पुलिया पर बैठे दारू पीते हुए बीड़ी के

कस लगा रहे थे, यार राजू आज हम मा को चोदेन्गे कैसे,

घर पर शीला भी है, राजू एक काम करते है आज शीला के साथ

तू सो जा आज मैं मा को चोद लेता हू कल मैं शीला के साथ सो

जाउन्गा और तू मा को चोद लेना, बिरजू हाँ ये ठीक रहेगा पर

मैं चाहता था कि हम दोनो मा को एक साथ चोदे तभी तो मा

को मज़ा आएगा एक लंड से तो उसकी पूर्ति संभव नही है मा

को तो जब तक हम दोनो तरफ से नही ठोकेगे तब तक उसे

मस्ती ही नही आएगी, तभी उन्हे दूर से कोई आता हुआ दिखाई

दिया, पर थोड़ा अंधेरा होने की वजह से साफ साफ नही दिख

रहा था और फिर दोनो उसे आते हुए देखने लगे जब वह

कुछ पास आई तो दोनो उसे देख कर चौक गये वह कोई और

नही सुधिया काकी थी,

क्यो रे कामीनो एक बार चूत मे आग लगा

दी अब क्या अपनी मा पे चढ़ते हो जो सुधिया की याद नही आती,

मैं आमो के पीछे जा रही हू जल्दी से तुम दोनो अपनी दारू

ख़तम करके उसी तरफ़ आ जाओ, बिरजू क्यो काकी आज ज़्यादा खुजली हो

रही है क्या, कमिने खुजली वाला कीड़ा अंदर डाल चुका है तो

अब खुजली नही होगी तो क्या होगा चल जल्दी आ मैं जा रही हू और

सुधिया काकी अपनी मोटी मोटी गंद मतकते हुए पुलिया के

पीछे की ओर के आम के पेड़ की ओर चल दी.

Post Reply