incest "खून का असर" compleet

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raj..
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Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:18

दोनो भाई जल्दी से अपनी दारू ख़तम करके सुधिया काकी के पास

जा पहुचे और दोनो ने उसे अपनी बाँहो मे आगे और पीछे

से दबोच लिया, एक उसकी मोटी गंद और चूत को अपने हाथो मे

भर रहा था तो दूसरा उसके मोटे मोटे दूध को दबोच रहा

था, हाय काकी तेरी गंद बड़ी मोटी है, काकी मुझसे मोटी तो तेरी

मा की गंद है तो क्या उसे भी ऐसे ही अपने हाथो से मसलेगा,

बिरजू अरे काकी मेरी मा अगर अपनी गंद हमसे मसळवती है तो

हमे मसल्ने मे क्या लगेगा हम तो उसकी भी चूत और गंद

फाड़ देंगे जैसे तेरी फाडी थी,

अरे लोडो जब तक किसी भोसड़ी की गंद दस बीस बार फाड़ ना दो उसे मज़ा नही आता तुम दोनो मेरी गंद फाड़ फाड़ कर लाल कर दो वैसे तुम दोनो बहुत अच्छा चोद्ते हो कही तुम घर पर अपनी मा पर तो नही चढ़ते हो एक बार उस पर चढ़ कर देखो बड़ा मज़ा देगी बहुत कसी कसाई गंद है साली की

बिरजू काकी का घाघरा उठा

कर उसकी चूत और गंद को दबोचता हुआ अरे काकी हमारी एसी

किस्मत कहाँ कि हमे गंद और चूत घर मे ही चोदने को मिल

जाए आ अबे उंगली मत कर अब सीधे लंड डाल दे, तभी बिरजू

काकी को थोड़ा झुका कर उसकी चूत मे पीछे से अपना लंड एक

ही झटके मे अंदर तक पेल देता है, सुधिया काकी आह

शाबाश बेटा राजू तू मेरी चुचिया कस के दबा रे, राजू काकी

की चुचिया को कस कस कर मसल्ने लगता है, और बिरजू उसकी

चूत कूटने लगता है, आह आह ओह ओह और तेज मार बिरजू फाड़ दे

बेटा अपनी काकी की चूत और मार आह आह और दे कस के दे और

तेज हाँ हाँ ऐसे ही आह आह, सुधिया काकी आम के पेड़ के तने को

पकड़े हुए झुकी झुकी बिरजू का लंड कस कस कर अपनी चूत मे

लेने लगती है, करीब 10 मिनिट के लगातार तगड़े धक्को के

साथ ही बिरजू झाड़ जाता है और जैसे ही अपना लंड काकी की चूत

से बाहर निकालता है, राजू अपना लंड उसकी चूत मे फसा कर

एक तगड़ा झटका मारता हैऔर सुधिया काकी अकड़ जाती है, राजू

एक उंगली सुधिया काकी की गंद मे डाल कर उसे चोदने लगता है

राजू धीरे धीरे लेकिन गहरे धक्के मारने लगता है और

सुधिया काकी अपना पानी रोके चुद्ती रहती है, और फिर जब

सुधिया काकी ज़ोर ज़ोर से कराहने लगती है तो राजू अपने लंड की

स्पीड बढ़ा देता है उसकी जंघे सुधिया काकी की मोटी जाँघो

से टकराती है और एक भयानक साउंड जंगल मे गूंजने

लगता है, और फिर बिरजू सुधिया काकी की चूत मे अपनी पिचकारी

मारने लगता है और सुधिया काकी की चूत भी पानी पानी हो जाती

है. तीनो थकान के मारे वही बैठ जाते है, दोनो

सुधिया काकी से लिपटे हुए उसके गदराए बदन को सहलाते

हुए बिरजू काकी तुझे चोद कर तो सचमुच मज़ा आ जाता है,

बेटा तुम दोनो बहुत मस्त चुदाई करते हो जो भी तुमसे एक बार

चुदवा लेगी वह बार बार तुम्हारा ही लंड चाहेगी, एक बार अपनी

मा को अपना अपना लंड खोल के दिखा दो वह तुम्हारे लंड को

खाने के लिए पागल हो जाएगी, उसकी चूत और गंद भी काफ़ी

मस्त है तुम दोनो मस्त हो जाओगे, पर काकी अपनी मा को कैसे

चोदे कही नाराज़ हो गई तो, सुधिया अरे कमिनो जैसे मुझे

बाँध के चोदा था वैसे ही अपनी मा को बाँध के पूरी नंगी

कर दो और फिर उसकी खूब कस के चूत मारो अगले दिन से वह

खुद ही तुम्हारा लंड अपनी चूत मे लेने को मचल जाएगी,

तभी उन्हे अपनी मा की आवाज़ सुनाई दी जो खाना खाने के लिए

दोनो भाइयो को आवाज़ लगा रही थी, बिरजू और राजू खड़े हो

गये और फिर सुधिया भी अपना घाघरा ठीक करती हुई जाओ

तुम्हारी रंडी तुम दोनो का लंड लेने के लिए आवाज़ लगा रही है

और फिर तीनो घर की ओर चल दिए.


raj..
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Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:18

राजू और बिरजू खाना खाकर बैठे रहते है और अपनी मा जो कि

घर की साफ सफाई कर रही होती है उसकी मोटी मोटी गंद को

घूरते रहते है और बीच मे अपना लंड मसल्ते रहते है,

लेकिन उन्हे पता नही होता है कि शीला दूसरे कमरे के खुले

हुए दरवाजे की आड़ से दोनो की इस हरकत को देख लेती है, शीला

मन मे सोचती है कि उसके दोनो भाई चूत के कितने भूखे

है अपनी मा को भी नही छ्चोड़ रहे है वह सोचने लगती है कि

ये दोनो मा को भी चोदना चाहते है, यह सोच कर उसका दिल

भी धड़कने लगता है कि मा इतनी गदराई हुई है कैसे कूद कूद

के अपनी मोटी गंद मरवाएगी और कैसी लगेगी चुद्ते हुए,

और फिर बाहर आकर बिरजू को इशारे से दूसरे रूम मे बुलाती

है, जैसे ही बिरजू उठ कर जाता है राजू अपनी मा के पास जाकर

उसकी झुकी हुई मोटी गंद पर हाथ फेरने लगता है, कमला

बेटे थोड़ा इंतजार कर अभी शीला देख लेगी, राजू अपनी मा के

मोटे मोटे दूध को दबोच कर अरे मा देख लेने दो शीला को

हम दोनो भाइयो ने उसकी चूत और गंद खूब मारी है अगर

वह देख भी लेगी तो कोई फ़र्क नही पड़ेगा, कमला अच्छा चल

मैं जल्दी से बिस्तेर लगा देती हू, ठीक है मा मैं शीला और बिरजू

से कह देता हू कि मैं मा के पास ही उनके पैर दबाने के लिए जा

रहा हू शीला तू बिरजू के साथ ही सो जाना और राजू दूसरे कमरे

मे जाकर देखता है कि शीला बिरजू की गोद मे बैठी थी और

बिरजू उसकी मोटी मोटी चुचियो को कस कस दबा रहा था, राजू

अरे तुम दोनो मज़े करो मैं मा के पैर दबाने जा रहा हू और

वही सो जाउन्गा शीला तू यही सो जाना, शीला ठीक है भैया, और

फिर राजू बाहर आ जाता है, बिरजू शीला के रसीले होंठो को

चूस्ता हुआ उसकी कठोर बड़ी बड़ी चुचियो को दबाने लगता है

तब शीला पानी जंघे खोल कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा

लेती है और बिरजू उसकी मोटी मोटी जाँघो और उसकी फूली हुई चूत

को सहलाने लगता है, शीला अच्छा भैया एक बात पुंच्छू, बिरजू

हाँ बोल, शीला भैया आपको औरतो मे सबसे ज़्यादा क्या अच्छा

लगता है, बिरजू शीला की मोटी मोटी गंद को अपने हाथो मे

भरता हुआ बोलता है मोटी मोटी गंद मुझे बहुत अच्छी लगती

है, शीला तुम्हे सबसे अच्छी गंद अपने गाँव मे किसकी

लगती है बिरजू शीला की चूत मे दो उंगलिया डाल देता है और एक

उंगली उसकी गंद के छेद मे डालता हुआ, मुझे सबसे अच्छी

गंद अपनी बहन की लगती है, शीला और किसकी अच्छी लगती है,

बिरजू अपनी सुधिया काकी की गंद भी मुझे बहुत पसंद है,

शीला तो फिर तुम्हे अपनी मा की गंद भी बहुत अच्छी लगती

होगी ना, बिरजू शीला की ओर देखते हुए, ऐसा क्यो पुंछ रही है

तू, शीला क्यो की मैने तुम दोनो को मा की गंद को घूर घूर

कर अपना लंड मसल्ते देखा था, बिरजू शीला के पेट को अपनी

ओर करके उसको अपनी छाती से चिपकाते हुए हाँ शीला मा की

गंद बहुत जबरदौस्त है मैं क्या करू जब मा की मोटी गंद

देखता हू तो मेरा लंड अपनी लूँगी फाड़ कर बाहर आने की

कोशिश करने लगता है, शीला तो क्या तुम मा को भी चोदना

चाहते हो, बिरजू शीला की दोनो मोटी जाँघो को फैला कर उसकी

चूत मे अपना लंड सेट करके उसकी चूत मे अपना मोटा लंड

फसा देता है शीला आह करते हुए बिरजू से पूरी चिपक जाती

है, और उसके मोटे लंड को अपनी चूत मे पूरा उतारते हुए उसे

अड्जस्ट करने लगती है, बिरजू शीला के रसीले होंठो को अपने

मूह मे भर के चूस्ता है और उसकी मोटी गंद दबाते हुए

शीला मा को पूरी नंगी करके चोदने का मेरा बड़ा मन करता

है, मा इतनी गदराई चूत है की उसको पूरी नंगी जो भी द्देख ले

उसका देखते ही पानी च्छुत जाए, शीला तुमने मा की छूट देखी

है, बिरजू अरे देखी क्या उसकी चूत को सूँघा भी है और बिरजू

खड़ा होकर शीला को खड़े खड़े अपने लंड पर टांग लेता है,

शीला भैया कैसी है मा की चूत, बिरजू एक दम कचोड़ी जैसी

फूली हुई और उसकी चूत की फांके का कटाव और फैलाव इतना

मस्त है कि देखते से ही उसकी गुलाबी बुर मे अपना मूह डालने

का करने लगता है, शीला और मा की गंद कैसी है, बिरजू मा की

गंद देख कर सीधे मन करता है कि इसको कुतिया बना कर

इसकी मोटी गंद मे इतने तगड़े शॉट अपने लंड के मारू कि पूरी

गंद मार मार के लाल कर डू, शीला बिरजू के जिस्म से चिपकी हुई

थी तभी बिरजू शीला को नीचे उतारता है और उसको पूरी नंगी

कर देता है और उसको झुका कर उसकी चूत को पीछे से चोदने

लगता है और उसकी मोटी गंद को सहलाते हुए उसकी गंद के

छेद मे उंगली डालने लगता है, शीला आह आह हाँ भैया ऐसे

ही थोड़ा और तेज से चोदो भैया, भैया तुम मा को कैसे

चोदोगे क्या वह तुमसे चुदवा लेगी, बिरजू अरे मा की चूत तो

मेरा लंड खाने के लिए तड़प रही है, और बिरजू अपनी मा की

फूली हुई चूत याद करके शीला की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर

देता है, शीला आह आह ओह ओह हाँ हाँ ऐसे ही हाँ भैया और ज़ोर

से और तेज खूब चोदो खूब चोदो अपनी बहन को और अभी

तुम्हे अपनी मा को भी चोदना है, खूब कस्के चोदना भैया

मा को उसकी चूत और गंद फाड़ देना खूब नंगी करके उसकी

गंद मारना भैया, और फिर शीला झाड़ जाती है बिरजू भी उसकी

चूत तेज तेज चोद्ता हुआ झाड़ जाता है, और दोनो बिस्तेर पर लेट

जाते है और एक दूसरे से चिपक जाते है,

क्रमशः....................


raj..
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Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:24

"खून का असर"--11

गतान्क से आगे........................

कुछ देर बाद बिरजू शीला के उठे हुए पेट पर हाथ फेरता हुआ

अपने हाथ को उसकी चूत के फूले हुए भाग पर ले जाता है और

शीला तेरा पेट और तेरी चूत लंड ले ले कर कितना उठ गया है,

शीला हाँ भैया तुमने कुछ ही दिन मे मुझे चोद चोद कर

अपनी मा जैसी चूत और गंद लाल कर दी है, बिरजू शीला सच सच

बता तुझे अपने भाइयो से चुदने मे मज़ा आता है कि नही,

शीला भैया तुम दोनो जब एक साथ मुझे चोद्ते हो ना तो

मुझे ऐसा लगता है कि मैं स्वर्ग की सेर कर रही हू मुझे

अपनी चूत और गंद मे इतना मज़ा आता है की ऐसा लगता है की

तुम दोनो दिन भर मेरी चूत और गंद मारते रहो, देखना

भैया जिस दिन तुम दोनो भाई ने मिल कर मा की चूत और गंद

मार दी उस दिन से मा तुम दोनो के सामने घर मे दिन भर

नंगी ही रहेगी बस एक बार तुम मा की बुर और गंद को कस कस

कर चोद दो, देखना तुम्हारा लंड खा कर मा की गंद और

मोटी हो जाएगी, मुझे तो अपने ससुराल जाना पड़ेगा पर तुम

दोनो भाई मा को दिन रात घर मे नंगी ही रखना और दिन रात

उसकी चूत और गंद को अपने इस मोटे लोदे से कूटना, बिरजू शीला

की बुर को चूमते हुए मेरी रानी तू फिकर क्यो करती है हम

दोनो भाई तेरे सामने ही मा को नंगी करके खूब चोदेगे बस

तू एक दो दिन रुक जा, फिर देखना हम दोनो भाई मा को बिल्कुल

रंडी की तरह चोद चोद कर उसकी चूत और गंद को लाल कर

देंगे वह खड़ी खड़ी ना मूतने लगे तो कहना और बिरजू शीला

की बुर के उठे हुए भज्नाशे को अपने मूह मे भर कर

चूसने लगता है और शीला अपनी चूत को पूरा फैला कर अपने

भाई के मूह पर लगा देती है,

उधर राजू जाते ही मा के गदराए बदन से चिपक जाता है और

जब अपनी मा के रसीले होंठो और फूले हुए गुलाबी गोरे गाल को

चूमता है तो उसका लंड झटके मारने लगता है, अपनी मा के

बदन से उठती भीनी भीनी खुश्बू उसे पागल करने लगती है

और वह खड़े खड़े ही अपनी मा की चोली को खोल देता है जैसे

ही उसके सामने उसकी मा के मोटे दो-दो किलो के पपितो जैसे

दूध सामने आते है तो वह अपना मूह अपनी मा के दूध मे

भर देता है और अपना हाथ अपनी मा की मोटी गंद पर लेजा कर

अपने दोनो हाथो से अपनी मा की गंद को पूरी ताक़त से भींच

भींच कर दबाने लगता है और उसकी गुदा मे अपनी उंगलियो का

दबाव देने लगता है, कमला की चूत पानी छ्चोड़ने लगती है और

वह राजू की लूँगी हटा देती है और राजू के काले मोटे लंड की

चॅम्डी को पीछे करके उसके सूपदे को बाहर निकालकर उसे

अपनी मुट्ठी मे भर कर आँखे बंद करके अपने बेटे के

मोटे लंड का एहसास करने लगती है, राजू अपनी मा के हाथो को

उपर उठाकर उसकी बालो से भरी कांख को सूंघने लगता है

उसकी मा की कांख की मादक गंध उसे पागल करने लगती है

और वह मा के मोटे दूध के निप्पल को मूह मे भर कर

उन्हे खूब चूस्ता है और अपने एक हाथ को घाघरे के उपर

ले जाकर अपनी मा की फूली हुई पूरी बुर को अपने हाथो मे भर

कर कस कर दबोचता है, कमला सीसियते हुए आह बेटा तेरा

लंड बहुत मोटा है और राजू के लंड को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए

उसे अपनी बाँहो मे भर लेती है, राजू अपनी मा के घाघरे का

नाडा खोल देता है और उसका घाघरा सरर से सरकता हुआ कमला

के पैरो मे गिर जाता है और कमला पूरी नंगी हो जाती है, राजू

कमला को अपने से थोड़ा दूर हटा कर अपनी मा को पूरी नंगी

खड़े हुए उसके गदराए बदन को देखने लगता है उसने इतनी

गदराई और मस्त नंगी औरत अपने जीवन मे कभी नही देखी

थी और वह सीधे जाकर अपनी नंगी मा से चिपक जाता है, मा

तू बहुत मस्तानी चूत है तेरी जैसी चूत देख कर दुनिया का

हर आदमी तुझे चोदने के लिए मरने लगे तेरे जैसी गदराई

मा जिसकी भी होगी वह कम से कम 4 बार रोज अपनी मा को नंगी

करके चोदेगा, तेरा पूरा बदन इतना भरा हुआ है कि हम दोनो

भाई तुझे अपने लंड पर उठा ही नही पाएगे तुझे को लिटा कर

या फिर घोड़ी बना कर ही तेरी चुदाई की जा सकती है, और अपनी

नंगी मा के बदन को पागलो की तरह चूमने लगता है,

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