ससुराल में सुहागरात compleet

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raj..
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Re: ससुराल में सुहागरात

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:30

.ललिता तभी आ गई.मुझे देखते ही वो शर्मा गई ओर रूपा से लिपट गई.पर उसे अब भी दर लग रहा था.वो उस से लिपट के बोली मम्मी आज थोड़ा सा उपर से ही प्लीज़.वो बोली देखते हैं मैं हूना.उन्होने मुझे उपर के कमरे मे जाने का इशारा किया.कुछ देर बाद वो वाइग्रा ओर गरम दूध ले आई. मुझे देते हुए बोली आज पूरी रात… इसे ले लो.हम अभी आते हैं.करीब 1 घंटे के बाद वो दोनो आ गई.मेरा लंड एक दम टत्टर हो चुका था.मैं लूँगी उतार कर नंगा ही अपने लंड को मसल रहा था.दोनो ने आते ही रूम बंद कर के कपड़े उतार दिए ओर एक दूसरे से लिपट कर चुम्मा चाती करने लगी.जब ललिता की नज़र मेरे लंड पर पड़ी तो वो बोली हाअ मम्मी देखो इनका लंड कितनी ज़ोर से खड़ा है? लगता है आज रात फिर तुम्हारी गांद मारने वाले हैं.रूपा हंस पड़ी कुछ बोली नही.रूपा ओर ललिता काफ़ी देर एक दूसरे की चूत चाटती रही.ललिता की कुँवारी कमसिन चूत देख कर मैं पागल हो रहा था.फिर रूपा हट गई ओर मैं उसकी सकरी कमसिन चूत को चूमने लगा.उसकी चूत चूस्ते हुए मन तो कर रहा था कि अभी लॉडा घुसा कर फाड़ दूं.फिर रूपा बोली जमाई जी अब ललिता को बाहों मे भर कर प्यार करो. मैं भी तो देखूं तुम दोनो की जोड़ी कैसी लग रही है.मैं उसे बाहों मे भर कर चूंचियों को दबाते हुए चूमने लगा.वो शर्मा रही थी पर बड़े प्यार से चुम्मा दे रही थी.वो काफ़ी गरमा चुकी थी ओर मेरे लंड को मुठिया रही थी.रूपा हमारे पास बैठ कर प्रेमलाप देखने लगी.मैने अब देर नही की ओर उठ कर उसकी गांद के नीचे तकिया रख दिया.अब वो थोड़ा घबरा गई ओर बोली ये क्या कर रहे हो?. रूपा ने जब उस से कहा अब उसकी चुदाई होगी तो वो नखरा करने लगी.रूपा बोली चल अब नखरे मत कर.फिर उन्होने प्यार से समझाया तो उसने जंघे फैला दी.मैं उसकी टाँगो के बीच अपना लंड संभाल कर बैठ गया.मैने फिर रूपा को आँख मारी ओर उन्होने उसके दोनो हाथ उसके सिर से उपर कर के कस लिए ओर उसके उपर बैठ गई. . ललिता घबरा कर रोने लगी ओर बोली ये क्या कर रही हो मम्मी छोड़ो मुझे.मैने सूपड़ा उसकी नाज़ुक चूत पर टीकाया ओर दबाना सुरू कर दिया.रूपा बोली थोड़ा दुखेगा बेटी तू ज़्यादा छ्ट पटा नही इस लिए तेरे हाथों को पकड़ा है.तू डरना मत.पहेली बार दर्द होगा पर मज़ा भी आएगा.मैने सूपड़ा फँसते ही मैने कस कर धक्का मार दिया.फॅस से सूपड़ा उसकी नाज़ुक चूत मे घुस गया ओर ललिता दर्द से बिलबिला उठी .वो चीखने वाली ही थी कि रूपा ने अपने हाथ से उसके मुँह को दबोच लिया. उसने मुझे आँख मारी ओर मैं तड़पति हुई ललिता की परवाह ना करते हुए फिर धक्का मारा.ललिता च्चटपटाते हुए बंद मुँह से गोंगियाने लगी.उस कुँवारी मक्खमली चूत ने मेरे लंड को ऐसे पकड़ रखा था जैसे किसी ने कस कर मुट्ठी मे पकड़ा हो.ललिता की आँखों से आँसू निकलने लगे.मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं उस से करीब 1 महीने के बाद सुहागरात मना रहा था ओर उसकी तड़प देख कर ओर भी उत्तेजित हो गया था.मैने उसे ओर तड़पाने के लिए जान बुझ कर कहा रूपा रानी मज़ा आ गया ललिता की चूत तो आज फट जाएगी मेरे मोटे लंड से.पर मैं छोडने वाला नही इसे, चोद चोद कर फुकला कर दूँगा इस नाज़ुक म्यान को.वो ओर भी च्चटपटाते हुए रोने लगी.रूपा बोली अब राज जैसी भी करो तुम्हे ही सारी उमर चोदनी है इसे . मैने भी सोचा ज़्यादा डराना ठीक नही होगा.अभी गांद भी मारनी थी इस लिए तडपा तडपा कर चोदना ठीक नही होगा. इस लिए झुक कर उसकी निपल मुँह मे भर ली ओर चूसने लगा.रूपा भी प्यार से उसकी दूसरी चूंची को मसल्ने लगी.धीरे धीरे ललिता नॉर्मल होने लगी.मेरा लंड अभी 4इंच ही घुसा था उसकी नाज़ुक चूत मे.कुछ देर मे वो बिल्कुल शांत हो गई.मैं अब भी रुका हुवा उसकी चूंची को बारी बारी चूस रहा था.रूपा ने अब हाथ उसके मुँह से हटा लिया तो वो रोते स्वर मे बोली ” मम्मी बहोत दर्द हो रहा है इनसे कहोना बस करें बाद मे .रूपा बोली तुम चोदो राज ये ज़रा ज़्यादा ही नाज़ुक है.देखना अभी किलकरियाँ भरेगी.ललिता के सिर पर हाथ फेरते हुए बोली ललिता बेटी अभी थोड़ा दर्द ओर होगा फिर बहोत मज़ा आएगा.देखा नही था डॉली कैसे चुदवा रही थी उस दिन.अब वो शांत हो चली थी. उसकी चूत भी थोड़ी गीली होने लगी थी.मैने बचा लंड धीरे धीरे करके पेलना सुरू कर दिया.करीब करीब 5इंच लंड चूत मे घुस गया.मैं आधे लंड से ही धीरे धीरे धक्के मारने लगा.उसे मज़ा आने लगा ओर वो सिसकारियाँ भरने लगी.रूपा बोली शाबास मेरी बिटिया अब मज़ा आ रहा हायनाआअ.वो शर्मा कर आँसू भरी नज़रों से मेरी ओर देखने लगी.वो मुझे आँख मारते हुए बोली राज तुम अपना काम पूरा करो मैं अपनी चूत की सेवा इस से करवाती हूँ.रूपा उठ कर मेरी ओर पीठ करके ललिता के मुँह पर अपनी चूत जमाकर बैठ गई ओर उसके मुँह पर चूत रगड़ने लगी.मैने धीरे धीरे पेल्ना सुरू कर ही दिया था.मेरा लंड बड़ी मुस्किल से अंदर बाहर हो रहा था.मैने उसकी क्लिट को पेलते हुए रगड़ना सुरू किया.उसकी चूत कुछ देर मे ही पसीज गई.फिर मैने रूपा की दोनो चूंचियों को कस लिया ओर ज़ोर से दबाया. वो समझ गई अब मैं पूरा लंड घुसा दूँगा.उसने अपने चूतड़ को उसके मुँह पर कस लिया ओर मैने करारा धक्का मार दिया.एक कट की आवाज़ के साथ मेरा पूरा लॉडा उसकी कमसिन चूत को फाड़ता हुवा जड़ तक पहुँच गया.वो हाथ पैर पचछाड़ते हुए तड़पने लगी.पर उसके मुँह पर तो रूपा की चूत का ताला पड़ा था.वो तड़पति रही ओर मैं ज़ोर ज़ोर से चोद्ता रहा.उसकी चूत अब झड़ने लगी तो मैने कहा सासू अब मुझसे रहा नही जाता तुम हट जाओ मैं ज़ोर ज़ोर से चोदना चाहता हूँ. वो हट गई ओर ललिता चीखने लगी ओह्ह्ह्ह मर जाउन्गि हटाओ इसे.मैं उस से लिपट गया ओर चूमते हुए ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.उसकी साँसे ज़ोर ज़ोर से चलने लगी.मैने ललिता की जीभ मुँह मे ले ली ओर कस कस कर चोदने लगा.आख़िर उसे कस कर मैने करारा धक्का मारा ओर अपना सारा वीर्य चूत मे उंड़ेल दिया.साथ साथ वो भी झरने लगी.उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड झरने के बाद भी कसा हुवा था. चूत लॅप लापाने लगी थी.मुझे झरने मे भी बड़ा मज़ा आया.पूरा झरने के बाद मैने उसे प्यार से चूमा ओर उठ कर लंड खींच लिया.उसके साथ ही जैसे चूत से वीर्य ओर खून की पिचकारी निकली हो.सारा बेड खून से लाल हो गया.रूपा ने मेरे लंड को पहेले सॉफ किया फिर उठ कर ब्रांडी की बॉटल ले आई ओर उसे चूत पर डालते हुए सॉफ करने लगी. फिर उसकी चूत सहेलाते हुए बोली क्यों मज़ा आया कि नही.

क्रमशः……………………….

raj..
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Re: ससुराल में सुहागरात

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:31

ससुराल में सुहागरात --5

गतान्क से आगे............……………………………….

ललिता का दर्द कम हो चुका था.वो बोली पहेले तो लगा कि मेरी फट ही जाएगी पर आख़िर मे मज़ा आया.वो बोली अब तुझे दर्द नही होगा सिर्फ़ मज़ा ही आएगा.कुछ 15 मिनिट तक हम ने आराम किया.ललिता काफ़ी रेलेक्ष हो चुकी थी.रूपा ने उसे ब्रांडी का पेग दीया ओर कहा इसे दवा समझ कर पी लो.दर्द पूरी तरह मिट जाएगा. तीन पेग के बाद वो मस्त होने लगी.वो उठ कर रूपा को चूमने लगी ओर फिर उसकी चूत चाटने लगी.रूपा ने भी ललिता की चूत को खूब चटा ओर चूसा.इस बीच ललिता फिर एक बार झाड़ गई.उसकी मस्ती बढ़ने लगी.ऱूप ने कहा ललिता अब तो अपने पति के लंड से डर नही लग रहा ना. वो शरमा ते हुए बोली नही अब नही लग रहा है.हां थोड़ा थोडा दर्द ज़रूर है.वो बोली दर्द भी जाता रहेगा फिर तो तू खुद चुदवाने के लिए बेचेन रहेगी.ललिता फिर से गरम हो चुकी थी. वो बोली राज जी आओ फिर मुझे चोदो अब मैं नही रोउंगी.रूपा ने मुझे आँख मारी.मेरा लंड तो वैसे ही टत्टर हो कर झूल रहा था.ललिता को नशा भी होने लगा था फिर भी रूपा ने एक ओर पेग दे दिया.मैने उसे लेटा दिया ओर उसकी चूत चाटने लगा.वो बोली बहोत गुद गुडी हो रही है छोड़ो नाआआआआ. मैने उठ कर उसको चूमा ओर फिर उठा कर पट लेटा दिया.उसे लगा शायद मैं पिछे से चोदने वाला हूँ जैसे डॉली को चोदा था . इस लिए वो कोहनी ओर घुटनो पर जमने लगी.ललिता के गोरे चिकने ओर कसे हुए चुतड खा जाने को मन कर रहा था.मैने एक तकिया लिया ओर उसकी चूत पर लगा दिया जिस से गुदा उपर उठ आए.फिर उसे पट लेटा दिया ओर उसके चुतड को चूमते हुए चाटने लगा ओर फिर उसकी गुदा के च्छेद को जीभ से चाटने लगा.उसके दिमाग़ तुरंत लाइट ऑन हो गई कि ख़तरा है. वो बोली ओह्ह्ह राजा क्या कर रहे हू छ्ह्ह्हीई मेरी गांद मत चूसो प्लीज़.नहिी ऐसा मत करो मैने तुम्हे चूत चोदने को कहा था अगर गांद मारनी हो तो मम्मी की मारलो.मैं मर जाउन्गी मम्मी समझाओ ना इन्हे .रूपा बोली मार लेने दे बएटााआआअ आख़िर एक दिन तो मारेगा ही.आज ही अपने सारे हॉल खुलवा ले.आख़िर इतने दिनो से प्यासा है.तेरे बदले वो इतने दिन हमारे साथ मज़ा कर रहा था ओर हर तरह से मन बहलाता रहा है. प्यारे जमाई जी मार तू इसके रोने पर मत जेया.सहयता की गुहार करती ललिता उल्टी डाँट पड़ने पर सकते मे आ गई .रूपा सिर पर प्यार से हाथ फेरता हुए उसे समझने लगी.रूपा झट जा कर मक्खन ले आई ओर मेरे लंड को माखन से तर कर दिया फिर ललिता की गांद पर लगाया.वो अब भी सिसक रही थी ओह मम्मी रोकूनाअ मैं मर जाउन्गि.वो बोली सारे मज़े ले ले आज. तुझे पूरी तरह तैयार करके ही ससुराल भेजने वाली हूँ मे.मैने मक्खन से लपेट कर गांद मे एक उंगली घुसादी.बहुत टाइट गांद थी उसकी.फिर मैने दूसरी उंगली भी घुसा दी तो वो दर्द के मारे रोने लगी.मुझे बहोत मज़ा आ रहा था.मैने उसे चिढ़ाने के लिए कहा ललिता रानी सच तेरी गांद तो तेरी मा ओर डॉली से भी टाइट है.बड़ा मज़ा आएगा.मैने अपना लाल सूपड़ा उसकी गुदा पर रखा ओर रूपा को इशारा किया. ऱूप ने ललिता का मुँह दबोच लिया ओर मैने तुरंत ही सूपड़ा पेल दिया.मेरा सूपड़ा आधे से ज़्यादा उसकी गांद के छेद को खोलता हुवा घँस गया.ललिता का सरीर एक दम कड़ा हो गया ओर वो च्चटपटाने लगी.रूपा मस्ती मे आ चुकी थी.उसे भी मज़ा आ रहा था.वो बोली जमाई राजा लगता है आज तो फट ही जाएगी इसकी.मैने कहा हां मेरी सासू जान आज तो फाड़ ही देता हूँ इसकी. बड़ा मज़ा आएगा.इसे भी तो पता चले गांद मारना क्या होता है.जब डॉली की मार रहा था तो कैसे मज़े लेकर देख रही थी.मैने ओर मक्खन लगाया और हल्का पुश किया तो सूपदे का अगला हिस्सा गांद मे फँस सा गया.ललिता मारे दर्द के अपने हाथ पैर पचछाड़ने लगी.उसके तड़प्ते सरीर को देख मुझे बड़ा मज़ा आने लगा.उसके दबे मुँह से सीत्कार निकल रहे थे.रूपा भी गरमा उठी उसकी तड़प देख कर वो भी सिसकारियाँ भरने लगी.मैने झुक कर रूपा को चूम लिया ओर ललिता के शांत होने का इंतजार करने लगा. मैने रूपा को अपने करीब किया ओर उसकी चूंचियों को दबाते हुए उसके होंठो को चूमने लगा.वो बोली रुक क्यों गए हो डाल दो ना पूरा अंदर? मैने कहा ऐसे तो उसका दर्द कम हो जाएगा.तुम उसके मुँह से हाथ हटा लो.मैने धीरे धीरे उसकी चीख सुनते हुए डालूँगा ओर पूरा मज़ालूँगा.वो हँसने लगी ओर बोली तू बड़ा मदर्चोद है जो करना हो कर ले.रुक तो ज़रा.उसने अपना हाथ ललिता के मुँह से हटा लिया ओर वो फिर चीखने लगी.ओह माँ मर रही हूँ मययेयिन्न्न निकालूओ ईसीए. रूपा ने उसके मुँह के नीचे से तकिया हटाया ओर अपनी चूत पर मुँह रख कर लेट गई ओर एक हाथ से उसके सिर को चूत पर दबोचने लगी.कुछ देर बाद मैने धीरे धीरे ललिता की गांद मे लंड पेलना सुरू कर दिया.कस कर फँसा होने के बाद भी मक्खन के कारण लंड फिसलकर गहराई मे इंच इंच कर के जा रहा था.वो च्चटपटती तो मैं रुक जाता.फिर लंड पिछे खींच कर पेल देता जिस से वो बुरी तरह कांप उठती.उसकी आँखों से आँसू की धारा बह रही थी. आख़िर मुझसे रहा नही गया ओर मैने लंड पूरा बाहर खींच कर बुरी तरह से धक्का मार दिया.मेरा लंड करीब करीब पूरा उसकी गांद के हॉल मे समा गया ओर वो बुरी तरह से चीख उठी ओह मम्मी मैं मर गई लूट गई मैं मर जौंगिइिईई.उठो देखूूओटो सहियीईई तुम भी मेरी दुश्मन मत बनो बहोत दर्द हो रहा हाीइ मेरी गांद फट रही हाईईईईईईईई .रूपा भी थोड़ा दर गई ओर उठ कर उसकी गांद देखने लगी.वो बोली नही बेटी अब पूरा लंड घुस चुका है.तेरी गांद नही फटी है. फिर उसका दर्द कम करने के लिए उन्होने उसकी चूत पर हाथ लेजाकार उसे सहेलाना सुरू कर दिया.धीरे धीरे उसका चीखना बंद होने लगा.रूपा ने अपनी उंगली उसकी चूत मे घुसा दी ओर अंदर बाहर करती रही.कुछ ही देर मे वो झाड़ ने लगी.उसकी चूत से रस बहने लगा.जब वो पूरी तरह शांत हो गई तो वो बोली तू ज़रा रुक ओर वो उठ कर वापस ललिता के मुँह को अपनी चूत पर लगा कर कस लिया ओर बोली अब मैं भी मज़ा कर लेती हूँ तू अब जी भर कर गंद मार ले.मैने झुक कर ललिता की दोनो चूंचियों को दबोच लिया कस कर ओर ज़ोर ज़ोर से उसकी गांद मारने लगा.वो फिर दर्द से बिल बिला उठी.उसका मुँह खुल कर चूत पर दब जाता ओर दाँत गाढ़ने से रूपा को बड़ा मज़ा आ रहा था.वो बोली राजा कस कस कर पेलो इसके मुँह के दबाव से बड़ा मज़ा आ रहा है.मैं बुरी तरह से उसकी गांद मारता रहा.आख़िर कर वो सिथिल हो गई.मेने एक करारा धक्का मारा ओर स्खलित हो गया. मैने देखा वो बेहोश हो चुकी थी नही तो मेरे उबलते वीर्य की धार से उसकी गांद की सिकाई होती उस से उसे आराम ज़रूर मिलता.रूपा भी झाड़ कर शांत हो चुकी थी.फिर मैने उसे सीधा पीठ के बल लेटा दिया.उसकी गांद भी चूत की तरह बुरी तरह से फूल चुकी थी.जिसे देखमेरा लंड फिर से तन्ना गया.मैं उसके होश मे आने का इंतजार करने लगा. रूपा बड़े प्यार से उसकी चूत ओर गांद को सहेला रही थी.जैसे ही वो होश मे आई मारे दर्द के सिसकने लगी.रूपा ने फिर मेरे लंड पर मक्खन लगाया ओर मैने उसकी दोनो टाँगे उठा कर फिर से उसकी गंद मे लंड पेल दिया.इस बार उसे चीखने दिया.वो बुरी तरह चीखते चीखते लस्त हो गई. रूपा बोली लगता है फिर बेहोश हो गई.बड़ी नाज़ुक है ये तो. तू परवाह मत कर.मार ज़ोर ज़ोर से मसल मसल कर.कुछ नही होगा.अगर होगा तो मैं उसे ले जाउन्गि डॉक्टर के पास.मैं उसके छोटे छोटे स्तन मसल्ते हुए बेहोश ललिता की बेरहेमी से गांद मारता रहा.जैसे वो लड़की नही रॅबर की गुड़िया हो.इस बार करीब 1 घंटे मैं बुरी तरह उसकी मारता रहा.फिर लस्त हो कर लेट गया.हम बुरी तरह थक चुके थे.रूपा भी वही लेट गई.ललिता अब भी बेहोश थी. हम दोनो भी वहीं बगल मे लेट गए.दूसरे दिन सुबह उसके सिसकने की आवाज़ से मेरी आँख खुल गई.वो उठ नही पा रही थी.उसकी हालत बुरी थी.गांद ओर चूत के दर्द के मारे वो लगातार रो रही थी ओर बिलख रही थी.मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा ओर जैसे ही मैं उस पर चढ़ने लगा रूपा ने रोक दिया ओर कहा नही अब अभी नही.उसे दो दिन आराम करने देना.अब जब ये खुद अपने आप को तुम्हारे लिए तैयार ना करले उसे आराम करने दो.तब तक मैं हूना. दो रात तक मैने सिर्फ़ रूपा की चुदाई की.ललिता ठीक चल नही पा रही थी.दो रात उसने हम दोनो की घमासान चुदाई देखी.तीसरी रात वो खुद हमारे कार्यक्रम मे शामिल हो गई.मैने उससे वायदा किया कि मैं उसकी गांद अब नही मारूँगा जब तक वो खुद नही कहेगी.उस रात मैने उसे बहोत सुख दिया ओर बड़े प्यार से चूत चाट चाट कर चोदा.उस रात मैने ललिता ओर रूपा दोनो को दो दो बार चोदा. ललिता को बहोत मज़ा आया.उसके बाद रूपा की माहवारी सुरू हो गई इस लिए वो हमारे खेल मे शामिल नही हो पाई.उस रात मैने ललिता को बहोत ही बुरी तरह से चोदा.आख़िर मे उसकी ज़बरदस्ती गांद मारी.वो रो रो कर बेहोश होकर लस्त पड़ गई.इस भयानक चुदाई के बाद ललिता की हालत दो दिन खराब रही.उसे डॉक्टर के पास भी ले जाना पड़ा.उसे बुखार आ गया ओर ठीक से चल फिर नही पा रही थी. तीन दिन के बाद जब वो संभली तो मैने उसे सिर्फ़ एक बार ही चोदा.धीरे धीरे वो गांद ओर चूत चुदवाने की आदि हो चुकी थी.अब उसे मज़ा आने लगा. था.उसके बाद मैने रूपा से अपने घर जाने की इजाज़त ली.वो बुरी तरह से बिलख पड़ी ओर बोली राज मैं भी अब तुम्हारे बिना नही रहे पाउन्गि.तुम यहीं पर रहे जाओ.मैने कहा मैं घर जमाई बन कर नही रह पाउन्गा.वो बोली तो मुझे तुम अपने साथ ले चलो. मैने उसे अस्वासन दिया ओर कहा मैं पिताजी से इजाज़त ले लूँगा ओर अलग घर ले कर तुम्हे बुलवा लूँगा.तब कही वो शांत हो गई.घर पहुँच कर मैने मम्मी पापा से इजाज़त ली.वो भी बोले बेचारी विधवा अकेली कहाँ रह पाएगी. मैने अलग फ्लॅट ले लिया रो उन्हे भी बुलवा लिया.बीच बीच मे डॉली भी आ जाती ओर हम जी भर कर चुदाई का आनंद लेते. तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा

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