ससुराल में सुहागरात compleet

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raj..
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ससुराल में सुहागरात compleet

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:26

ससुराल में सुहागरात --1

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कहानी लेकर हाजिर हूँ . दोस्तो ये कहानी उस समय की है तब मैं 23 साल का था.ग्रॅजुयेशन के बाद मेरी नौकरी भी लग गई ओर मैं कमाने लगा.मेरे घरवालों ने मेरी शादी की बात चीत सुरू कर दी.मेरे परिवार मे मेरे अलावा मेरे माता पिता ओर मेरी बड़ी बहन जिसकी शादी हो चुकी थी ओर वो अपने पति के साथ बहोत खुस थी.मैं अपने बारे मे बता दूं. मेरी उँचाई करीब6.3? है ओर कसरती बदन का मालिक हूँ.मैने अपने लंड की भी खूब मालिश की है ओर मेरा लंड करीब 9 इंच लंबा ओर करीब 2 इंच मोटाई वाला है.मेरे दोस्तो ने मेरे लंड को देखा है ओर वो भी ताजुब करने लगते ओर कहते यार तेरा लंड बहोत ही मोटा ओर लंब है.पता नही तेरी पत्नी झेल भी सकेगी या नही.वैसे मैने बहुत ही सेक्सी हूँ. मेरा मन सेक्स करने को बहोत करता है पर मैने अब तक किसी से सेक्स नही किया था.हां ब्लू फ़िल्मे देखी थी ओर मम्मी पापा की चुदाई भी कई बार देख चुका था.मेरे पापा का लॉडा भी मेरे जैसा ही था.मेरी मा को वो अब तो वीक मे एक दो बार ही चोद्ते हैं पर जब भी वो चोद्ते हैं तो सुबह मम्मी ठीक से चल भी नही पाती.मुझे भी सेक्स की बहोत इच्छा होती थी पर किसीसे सेक्स नही किया था. मैं सोचता था जो मज़ा बीवी को चोद्ने मे है वो किसी मे नही है. इस लिए मैं मूठ मार कर ही काम चला ता था पर मेरा पानी भी बहोत देर मे छूटता था.मेरा हाथ तक दुखने लग जाता.मेरे घरवालोने दो तीन जगह लड़की देखने के बाद मेरे पापा के एक दोस्त के परिवार मे मेरा रिस्ता तय कर ही दिया.अब मेरे ससुराल वालों का परिचय करवा दूं.मेरे पापा के दोस्त जैनारायण अंकल का काफ़ी अच्च्छा कारोबार था.वो लोग यहीं पास नोएडा मे ही रहेते थे. जैनारायण अंकल की मौत करीब 5 साल पहेले हो चुकी थी.उनके परिवार मे उनकी पत्नी ओर दो लड़कियाँ थी.छ्होटी वाली ललिता उमर 17 साल ओर बड़ी डॉली उमर 20 साल.डॉली की शादी 2 साल पहेले हुई थी पर वो अपने पति से ओर सास से झगड़ा कर के आ गई थी.जैनारायण अंकल की पत्नी यानी ललिता की मम्मी की मौत तो 10 साल पहेले ही हो चुकी थी ओर जैनारायण अंकल ने रूपा नाम की एक टीवी मॉडेल से शादी कर ली थी.वो निहायती खूबसूरत ओर सेक्सी थी.बिल्कुल पारी जैसी. वैसे ललिता भी बहोत ही सुंदर थी. मैने देखते ही उसे पसंद कर लिया ओर तुरंत ही हमारी शादी कर दी गई. मेरी पहली रात बहुत ही खराब रही, मैने जैसी उसके कपड़े खोलने लगा उसने मुझे रोक दिया क्योंकि वो सेक्स के बारे में ज़्यादा कुछ जानती नही थी. वैसे मेरी बहन ने उसे पहेले ही सब बता दिया था कि मर्द अपना लंड उसकी फुददी मे डाल कर चोद्ता है.पर जब मैने अपना लॉडा उसे थमाया ओर उसने जब उसे देखा तो वो रोने लग गई ओर बोली इतना बड़ा डंडा भला मैं कैसे ले पाउन्गी.मेरी फॅट जाएगी. मैने उसे बहोत समझाया पर वो नही मानी.मुझे बड़ा गुस्सा आया,क्यूकी हर मर्द चाहता है कि उस की बीबी उस से प्यार से चुद्वाए. फिर भी मैने सोचा चलो धीरे धीरे प्यार से समझा लूँगा.दो दिन तक मैने बहोत प्यार से मनाया पर वो मान ने को तैयार नही थी.फ़िर मैने थोड़ी ज़बरदस्ती भी की पर वो तैयार नही हुई ओर मैं उस पर ज़्यादा ज़ोर ज़बरदस्ती नही करना चाहता था.मैं उसके शरीर का एक भी अंग नही देख पाया था हां उपर से ही उसकी चूत ओर बूब्स को सेह्लाया. तीसरे दिन ही वो तैयार हो कर कहेने लगी तुम बहोत परेशन करते हो मुझे अपने घर जाना है.मेरी बहन ओर मा ने उसे समझाया पर वो रोने लगी.मम्मी ने कहा बेटा इसे ले जा अपने ससुराल मे छोड़ दे ओर अपनी सास को समझा देना कि इसे कुछ सीखा कर भेजे.मा भी बहोत गुस्से मे थी.वो भी जान चुकी थी कि मैने अब तक सुहागरात नही मनाई है.मैं भी गुस्से मे था.मैं उसे लेकर अपने ससुराल नोएडा उसे छोड़ने के लिए चला गया. वहाँ उसकी सोतेली मा को देख कर वो उस से लिपट गई ओर रोने लगी.मैं अंदर आकर मेरी बड़ी साली डॉली से बातें करने लग गया.वो दोनो आपस मे क्या बातें कर रही थी वो तो नही जान पाया पर उसने अपने हाथ से नाप बताते हुए मेरी ओर इशारा किया तो मैं समझ गया मेरे टूल्स के बारे मे बता रही थी.मैं उसे छोड़ कर जाने लगा तो मेरी सास ने कहा दामाद जी दो दिन यहीं रुक जाओ. वैसे भी ऑफीस से तुमने छुट्टी ही ले रखी है.मैं तब तक ललिता को सब समझा दूँगी.ओर मेरी ओर अजीब नज़रों से देखते हुए मुस्कुरदी.मेरी सास की इस अदा से मैं हंस पड़ा ओर मेरा टूल्स अकड़ने लगा.वैसे भी वो अपने वक़्त की ब्य्टी क्विन थी.ओर अब भी उनकी उमर ही क्या थी सिर्फ़ 30 साल? पर देखने मे वो बिल्कुल मेरी साली डॉली की ही उमर की लगती थी.उस वक़्त ही मेरे मन मे आया कास इसे ही चोद्ने को मिल जाए तो इसकी चूत का भोसड़ा बना दूँगा. फिर उन्होने डॉली को बुलाया ओर कहा ले जा अपनी बहन को ओर इसे कुछ समझा.वो दोनो बहने अपने कमरे मे चली गई. मैं फ्रेश हो कर आया ओर फ्रिड्ज से जैसे ही बॉटल निकाली तो मैने देखा उसमे बीअर के टीन रखे हुए थे.मैं सोचने लगा ये कौन पीता होगा? कोई मर्द तो यहाँ है ही नही.पर ज़्यादा सोचे बगैर मैने रूपा देवी (मेरी सास) से कहा मैं अपने दोस्तों से मिल कर लौट आउन्गा.वो बोली ठीक है.मैं वहाँ से निकल कर अपने कुछ दोस्तो से मिलने चला गया.शाम करीब 8 बजे मैं लौट आया.साथ ही मैं बीअर के कुछ टीन ओर एक वॅट 69 की बॉटल ले आया.मैं जब वापस आया तब ललिता और डॉली घर पर नही थी. वो कही अपनी सहेली के घर गई हुई थी. मेरी सास रूपा मेरा इंतजार कर रही थी.मेरे आते ही उसने बीअर वग़ैरा ले लिया ओर बोली खाना खाओगे? मैने कहा ललिता ओर डॉली ने खा लिया? वो बोली वो दोनो अपनी सहेली के घर गई हुई हैं वहीं रुकेंगी.उसके भाई की शादी है.फिर बोली मैने फ्राइड चिकन ओर मटन बनाया है.कहो तो ले आउ.मैने कहा ले आओ.साथ मिल कर खा लेते हैं कुछ.उसने खाना लगाया ओर मेरे लिए ग्लास ले आई.मैने कहा रूपा जी आप को भी मेरा साथ देना होगा. वो मना करने लगी मेनियीयैयियी नाआ बाबा नाअ.मैने कहा अब बनो मत मैं फ्रिड्ज मे बीअर के टीन देख चुका हूँ.मेरे साथ पीने मे क्या हर्ज है.आओना मज़ा आएगा.फिर वो मान गई ओर बोली ठीक है मैं अभी आई.वो थोड़ी देर मे वापस आगाई. मगर अब नज़ारा बदल चुका था, उन्होने अपनी सारी निकल कर एक नाइटी पहन्लि थी. ससूजीका गोरा रंग उसमे बहुत ही खिल रहा था . उनकी चुचिया जिनकी साइज़ 36-38 है बड़े ही उभार के साथ दिखाई दे रही थी. उनकी नाइटी का गला काफ़ी बड़ा होने से उस्मेसे उनकी अंदर की काली ब्रा सॉफ नज़र आ रही थी.अब उस कमरे में सिर्फ़ में ओर मेरी सासू ही थी.मैने उनके लिए ड्रिंक बनाया ओर साथ खाना खाते हुए ड्रिंक करने लगे.करीब 3 टीन हम दोनो ने खाते हुए पूरे किए. खाने के बाद जैसे ही सासू मुझ से बाते करने लगी, मैने उनको पहली रात वाला किस्सा सुनाया तो वो दंग रह गयी. मेरी ससूजीकी उमर 30 साल है. वो बड़े ही प्यार से मुझ से बात कर रही थी.मैने उनको जब यह बात बताई तो पहले थोड़ी सी घबराई मगर बाद में हसने लगी. मुझे उनके बर्ताव पे बहुत ही गुस्सा आने लगा था.

raj..
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Re: ससुराल में सुहागरात

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:26

मैने दो पेग बनाए ओर उसमे 69 डाली.उन्होने पीते हुए धीरे से मेरा हाथ अपने हाथ में लिया ओर बोली ” जाने दो ना राज नयी कली है अभी तक किसी से चुद्वाइ नही है ना, एसीलिए लंड का मज़्ज़ा जानती नही है.मैने कहा पर उसकी बड़ी बहन तो शादी शुदा है.वो तो जानती थी. वो थोड़ा नर्वस हो कर बोली नही वो भी लंड का मज़ा लिए बगैर ही आ गई है .मैने कहा वो क्यों.तो वो बोली शादी की पहेली रात को ही उसका पति कारगिल चला गया है.अब तक नही आया.उसने सिर्फ़ उसे नंगा ही किया था ओर फोन आते ही वो चला गया. तुम चिंता ना करो में उसको समझा दूँगी.” उनकी खुली बातें सुन कर मैं तो दंग रह गया. उन्होने फिर मुझसे पुछा. “तुमने पहले कभी किसिको चोदा है?”. मैने कहा नही केवल मूठ मारी है. तो वो बड़े चाव से बोली “किस के लिए?”. मैने कहा “बहुतसी लड़कियों के लिए और औरतो के लिए”. ओर ओर्र्र्ररर वो बोली हां हाँ कहोना.आआआअ .मैने कहा तुम्हे याद करके भीईीई ओर मैने अपनी नज़रें झुका ली.मुझे लगा था वो शायद नाराज़ हो जाएगी, मगर वो खुश हो गयी. उनकी आँखों में मुझे नशा दिखाई दे रहा था.मेरा लॉडा अब अपने काबू मे नही था. वो पेंट से बाहर आने को मचलने लगा था. उन्होने मुझे और पास बुलाकर मेरा हाथ अपनी जाँघो पर रखा और बोली.”तुम्हारे लंड का साइज़ क्या है?” अब में भी मस्ती मे आगेया था मैने कहा “9 इंच” वो बोली “यकीन नही होता है”. तो मैने उनका हाथ लेकर सीधे अपने खड़े लंड पर रख दिया. ससूजी की सेक्सी बातो से मेरा लंड खड़ा हो गया था. उन्होने जैसे ही मेरे लंड को च्छुवा मेरे शरीर में एक अलग सा नशा छा गया. उनके हाथो से जैसे ही लंड का टच हुवा उन्होने अपना हाथ झटके से पीछे कर लिया. मैने कहा “क्या हुवा, ” वो घबराकर बोली. ” अरे ये तो वाकई बहुत बड़ा है”मैने अब तक इतना मोटा ओर लंबा लॉडा नही देखा. मैने फिरसे उनका हाथ लेकर अपने लंड पर रखा और धीरे से दबाया, उनको बहुत ही मज़ा आया. उन्होने भी मेरा हाथ अपनी चुचियों पर रखा और बोली “तुम एसे दबाओ”. मैने महसूस किया कि उनकी चुचिया बड़ी सख़्त हो गयी थी. थोड़ी देर तक हमारा यही दबाने का प्रोग्राम चल रहा था. अब मैने उनकी नाइटी के हुक खोल दिए. उन्होने भी मेरी पॅंट की चैन खोल दी. अब मुझ से रहा नही गया. मैने उनकी नाइटी पूरी उतार दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और निकर पे थी, में उनके नंगे बदन को देखने लगा.उनकी चुचियाँ आम के शेप मे थी और वो काफ़ी कड़क नज़र आ रही थी. उन्होने भी मेरे कपड़े उतार दिए. अब में भी सिर्फ़ अंडरवेर पर था. उसमे मेरा 9 इंच का लंड खड़ा हो के सबको दर्शन दे रहा था. उनकी नज़र उसपेसे हट नही रही थी.उनकी टाँगे काफ़ी गोरी और मस्त दिखाई दे रही थी. मैने उनकी ब्रा का हुक खोलना चाहा तो वो बोली.” में निकाल देतिहु” मेने कहा “नही”. क्योंकि मेरे शैतान दिमाग़ मे अजीबसा ख़याल आया. मैने उनको कहा कि आप मेरी अंडरवेर उतार दो लेकिन हाथो से नही बल्कि अपने मूह से. उनको बड़ा अचंभा लग. तो मे खड़ा हो गया और उन्होने मूह मेरी नाभि पर रखा. वो धीरे से मेरा अंडरवेर अपनी दात्तों मे पकड़ कर नीचे की तरफ खिसकाने लगी. हम दोनो को एक अजीबसा आनंद मिलने लगा. वो तो पूरी मस्त हो गयी, और बोली “मुझे आज तक इतना मज़ा कभी नही आया था” फिर मेरा खड़ा लंड मेने उनके मूह मे दे दिया पहले तो उन्होने थोड़ा मना किया फिर शुरू हो गयी. वो तो मेरे लंड को आइस्क्रीम की तरह चूस रही थी. मेरा लंड अब बिल्कुल तैयार हो गया था. फिर मेने उनको ज़मीन पर उल्टा लेटने को कहा और कहा “कि अब देखो में तुम्हारी ब्रा को कैसे उतारता हू?” मे उनकी पीठ पर बैठ गया और अपने ताने हुए लंड को उनकी पीठ पर रगड़ने लगा. फिर मैने उनकी ब्रा के हुक मे लंड को फासकार उसको निकालने की कोशिश करने लगा मगर उनकी ब्रा बहुत ही टाइट होने के कारण मुझे तकलीफ़ हो रही थी.मेरे लंड का स्पर्श अपने पीठ पर पाकर तो वो मेरी दीवानी हो गयी थी.फिर मेने अपने लंड को हुक में फासकार एक ऐसा झटक दिया की उनका हुक टूट गया. वो मेरे लंड की ताक़त देखकर दंग रह गयी. फिर मैने उनकी पॅंटी भी उतार दी. उनकी चूत बिल्कुल सॉफ थी. लगता था अभी अभी झांतें सॉफ की थी.उसके गुलाबी फाँक देख कर मेरा मन्खुशि से भर गया. जैसे ही मैने उनकी चूत मे अपनी उंगली डाली वो तडप गई उनकी मूह से आआआः…. आआआआआः की आवाज़े निकलनी शुरू हो गई.मैने महसूस किया क़ी वो पूरी मस्त हो गयी थी. मैने उसे बाहों मे भर लिया ओर चूमते हुए कहा रूपा मेरी जान क्योना अपनी बेटी की जगह तू ही मेरे साथ सुहागरात मनालें.वो कुछ बोली नही.मैं उसे चूमते हुए बेडरूम मे ले आया ओर बेड पर धकेल कर उसके जिस्म से खेलने लगा.मैं उस पर लेट कर उसकी चूंचियों को दबाते हुए चूम रहा था ओर वो बुरी तरह से सिसक रही थी. अब उनसे रहा नही गया उन्होने मेरा लंड हाथों में ले कर अपनी चूत पर रखा ओर अपनी गांद उच्छाल कर अंदर लेने की कोसिस करने लगी पर उसकी चूत 5 सालों से बंद पड़ी थी सूपड़ा अंदर घुसने की बजाए फिसल रहा था.उसकी चूत से . मैने उनकी टाँगे अपनी कंधो पर रखी ओर अपने लंड को चूत पर रख कर हल्के से पुश करके सूपड़ा फँसा दिया ओर एक करारा झटका दिया कि लंड करीब करीब 4इंच तक उसकी चूत मे घुस गया ओर वो बुरी तरह से चीख पड़ी.मैने फिर लंड थोड़ा खींचा ओर फिर एक धक्का दे मारा, मेरा करीब आधे से ज़्यादा लंड चूत मे घुस चुका था. लेकिन इस झटके से उनकी आँखों मे पानी भर आया. वो चिल्लाने लगी ” छोड़ दो में मर जाउन्गि, तुम्हारा लंड नही ख़ुंता है” मैने उनको कहा “ये तो अभी शुरूवात है” मेरी जान तू देखती जा अभी तेरी क्या हालत करता हूँ.उनकी आँखो मे डर दिखाई दे रहा था.मैने फिर थोड़ा संभाल कर अपने हाथो से उनकी चुचिया ज़ोर से मसली फिर उनके निप्प्ल को मुहमे लेकर दात्तों से काटने लग. तो वो फिर से लंड खाने को तैय्यार हो गयी. फिर मैने अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर फिर से एक ऐसा झटका मारा कि पूरा लंड चूत को फाड़ कर अंदर चला गया .वो झोर ज़ोर से चिल्लाने लगी नहियीईई छोडादूओ मेरी फट जाएगीइइई मैं मर जौंगिइइइ लेकिन मैने उनकी तरफ़ ध्यान नही दिया और अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर मे ही उसने पानी छोड़ दिया ओर उसका बदन कंम्पने लगा.अब उनका दर्द खुशी मे बदल गया. वो भी पूरे चाव के साथ मेरा लंड अपने अंदर लेने लगी. मेरी रफ़्तार तेज़ हो गयी. थोड़ी देर बाद वो फिर झार गयी. लेकिन मे पूरे ताव मे था. मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उनके मूह मे दिया, हम दोनो की शर्म तो शराब ने ख़तम कर ही दी थी.वो मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.वो चाहती थी मैं उसके मुँह मे ही झार जाउ इस लिए वो ज़ोर ज़ोर से मुठियाते हुए चूस रही थी .मगर मेरे मन मे तो कुछ और ही था. मैं पिछे से उसकी चूत को सहेलाने लगा तो वो कुछ देर मे ही गरम होने लगी. मैने अपना लंड मूह से निकाला ओर कहा रूपा रानी तेल ले आओ.वो बोली क्यों राज अब क्या ज़रूरत है.मैने कहा अब मैं तेल लगा कर चोद्ना चाहता हूँ.उस बेचारी को क्या मालूम मे क्या करने वाला हूँ.वो तेल ले कर आई तो मैने कहा अपने हाथों से लगा दो.उसने मेरे लंड को पूरी तरह तेल से रगड़ दिया.फिर उसे लेटा कर उसकी गांद के नीचे तकिया रख दिया ओर कहा मेरी प्यारी सासू जी अब मैं तुझे वो मज़ा दूँगा जिसे तू कभी नही भूलेगी.. मैने उनके दोनो हाथों को उठा कर सिर से लेटे हुए पलंग के छेद से बाँध दिया जिस से उनकी चूंचियों मे ओर भी कसाब आ गया ओर वो ओर भी टाइट हो गई.थोड़ी देर मे उन्हे बारी बारी चूस्ता रहा जिस से वो ओर भी ज़्यादा गरमा गई ओर बोली राजा अब ओर क्या करोगे चोदो ना मुझे. मैने दोनो टाँगो के बीच अपने हाथ डाल कर आंटी कीलेटे हुए चूत पर लंड टीकाया ओर एक ही धक्के मे पूरा का पूरा अंदर उतार दिया . तेल की वजह से उसे ज़्यादा तकलीफ़ तो नही हो पाई पर उसके मुँह से चीख ज़रूर निकल गई. कुछ ही देर मे वो बड़बड़ाने लगी ओराजाआ बड़ा मज़ा आयाआ मेरे लड़की के तो भाग खुल गईई क्या मजेदार लंड हाईईईईईईईई चोद्द फाड़ दे आआअज इसकी सारी खुजली मिटा दे.ओह आआआहस्स्स उसकी चूत से पानी बहने लगा. पूरा रूम पचपच की आवाज़ से गूँज रहा था. वो जैसे ही मस्ती मे झरने लगी मैने लंड निकाल कर फ़ौरन गांद के छेद पर रखा ओर जोरदार धक्का मार दिया.

क्रमशः…………………………….

raj..
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Re: ससुराल में सुहागरात

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:27

गतान्क से आगे……………………………….

वो अचानक हुए इस हमले से बिलबिला उठी.उसने मुझ से छूटने की कोसिस की पर उसके हाथ बँधे हुए थे ओर मेरी पकड़ काफ़ी मजबूत थी.उसका मुँह खुला का खुला रह गया. मैने जान भुज कर एक ओर करारा धक्का तो मेरा लंड उसकी गांद में जड़ तक समा गया. उसके मूह से ज़ोर दर चीख निकल गई ओह मा मर जाउन्गि ये क्या कर दिया निकाल ईसीई.मैं उसके उपर लेट गया ओर उसके होंठो को कस कर चूमते हुए ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा. मेरी सास की गांद इतनी टाइट लग रही थी जैसे के 18 साल की लड़की को चोद रहा हूँ. हमारी चुदाई के फटके पूरे कमरे में गूँज रहे थे. वो बिलबिला रही थी पर कुछ करनही पा रही थी.मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए गांद मरता रहा. और साथ साथ उसके दूध को मसल ने लगा, और कभी उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ ने लगा उसका चूत का पानी बह कर उसकी गांद की ओर आ गया जिस से मुझे लूब्रिकेट मिला और मेरा लंड रूपा की गांद में अब मक्खन जैसे चलने लगा. मेरे लंड में अब सनसनी सी होने लगी, हमारी चुदाई को करीब 20-25 मिनिट हो चुके थे. इतनी टाइट और गरम गरम गांद के सामने अब मेरे लंड ने जवाब दे दिया, मैने अपना लंड गांद से निकाला ओर चूत मे डाल दिया.करीब 5 6 धक्के मे ही मेरा ज्वालामुखी फॅट गया ओर वो बुरी तरह मुझसे चिपक गई.उसने भी साथ साथ पानी छोड़ दिया. मैने उसके होंठ अब जा कर छोड़े ओर पुछा कैसा लगा जान.वो रोते हुए बोली भला ऐसे भी कोई करता है? मैने उसके हाथ खोल दिए.मैं उसे प्यार से चूमने लगा कुछ देर मे वो नॉर्मल हो गई. वो बोली.” अच्छा हुवा कि तुमने मेरी बेटी को चोदा नही , वरना वो तो मर ही जाती. जब तक वो लंड लेने के लिए तैयार नही हो जाती तुम मेरे साथ सुहागरात मना सकते हो. घर मे आकर मेरे साथ सुहागरात मनाया करो.” मैं तो खुस हो गया था कि बेटी के साथ मे मा फ्री मिल गयी. उसे शायद अब भी काफ़ी दर्द हो रहा था.वो उठ कर बाथरूम जाने लगी पर वो ठीक चल नही पा रही थी.बाथरूम से लौट कर वो विस्की की बॉटल ले आई ओर दो पेग बनाकर हम दोनो ने पिए.वो बोली राज मज़ा तो बहोत आया पर दर्द भी बहोत हुवा.मेरी गंद तो तूने फाड़ दी है शायद.मैने कहा कहाँ फटी है.सलामत तो है.हां अब दर्द नही होगा.उस रात मैने उसे एक बार ओर खूब चोदा ओर एक बार गांद मारी. चोदते हुए कब सुबह होने को आई पता ही नही चला.हम एक दूसरे से लिपटे हुए कब सो गए पता नही चला.जब उठे तब 8 बज चुके थे.मेरी बड़ी साली आ चुकी थी ओर वो हम दोनो को नंगा एक दूसरे की बाहों मे नंगा देख चुकी थी., मेरी सास की चूत और गांद सूज कर पकोड़ा बन गयी थी. मैने फिर उसे किसी की परवा किए बिना एक बार ओर चोदा.वो उठ कर कपड़े पहेन कर जाने लगी तो ठीक से चल भी नही पा रही थी.बाहर निकली तो उसकी नज़र डॉली(मेरी साली ) पर पड़ी. वो एक दम सहेम गई.मैं भी बाहर आया.मैने सोचा चलो अच्च्छा है इसे पता चल गया.मेरा काम आसान हो जाएगा.हो सकता है साली की चूत भी मिल जाए.वो बोली डॉली क्या बात है ललिता कहाँ है.? वो हड़बड़ा कर बोली ओवऊूओ वूऊ आ रही है.फिर वो बोली मोम तुम जीजू के कमरे मे क्या कर रही थी.ओर ये लड़खड़ा कर क्यों चल रही है.वो हंसते हुए बोली कुछ नही गांद के पास फोड़ा निकल आई है इस लिए वो ऐसे चल रही है. डॉली हंस पड़ी ओर कुछ बोली नही.रूपा तुरंत बाथरूम चली गई.डॉली मेरे पास आई ओर बोली जब इनकी ये हालत है तो तुम ललिता की क्या हालत करोगे? फिर मेरे लंड को दबाते हुए अपने कमरे मे भाग गई.मैं बाथरूम फ्रेश हो कर आ गया.तब तक ललिता भी आ गई.वो रूपा से बातचीत कर रही थी ओर मुझे देख कर थोड़ा डर भी रही थी. मेरी सास ने मुझसे कहा मैने उसे समझा दिया है.धीरे धीरे वो समझ जाएगी कि शादी के बाद क्या होता है.मैने उन्हे खींच कर बाहों मे भर लिया ओर कहा समझ जाए तो ठीक वरना तुम तो ही ही.वो मुस्कुरा कर अलग हो गई ओर बोली दामाद जी समझा उन दोनो ने देख लिया तो गजब हो जाएगा.मैने कहा डॉली तो देख ही चुकी है अब डर काहेका.पर वो मुझसे अलग हो कर मुस्कुराते हुए बोली सबर कर्लो मेरे राजा आज तुम्हारी सुहागरात ज़रूर मनवाउंगी ललिता से, पर मुझे तुम भूलना मत.अब मैं तुम्हारे बिना नही रहे पाउन्गि.तुमने मेरी भावना को फिर जगा दिया है.मैने कहा कभी नही मेरी जान कहो तो अभी ही.वो अलग हो कर मुझसे चूम कर चली गई. मैं नाश्ता करने के बाद चला गया.अपने दोस्तों से मिला ओर हम बार मे व्क्स्की पी कर फिल्म देखने चले गए.फिल्म बहूत ज़्यादा सेक्सी थी. नग्न और संभोग के द्रश्यो की भरमार थी. फिल्म देखते हुए मैं कई बार उत्तेजित हो गया था सेक्स का बुखार मेरे सर पर चढ़ कर बोलने लगा था. घर लौटते समय मैं फिल्म के चुदाई वाले सीन्स को बार बार सोच रहा था और जब भी उन्हे सोचता, ललिता ओर डॉली का चेहरा मेरे सामने आ जाता.मैं बेकाबू होने लगा था.मैने आज फ़ैसला कर लिया था कि आज अगर ललिता अपनी मर्ज़ी से राज़ी नही होगी तो मैं उसका रेप कर दूँगा.मैने वाइग्रा ले ली ओर फिर अपने ससुराल जाने लगा. मैं बेकाबू होने लगा था. मैने मन बना लिया कि आज चाहे जो भी हो, अपनी पत्नी को या साली को चोदूगा ज़रूर.और अगर वो भी राज़ी नही हुई तो अपनी सास की चूत का भोसड़ा बनादुँगा.घर पहुचने पर डॉली ने दरवाजा खोला. मेरी नज़र सबसे पहले उसके भोले भाले मासूम चेहरे पर गयी फिर टी-शर्ट के नीचे धकी हुई उसकी नन्ही चूचियो पर और फिर उसके टाँगो के बीच चड्धी मे छुपी हुई छ्होटी सी मक्खन जैसी मुलायम बुर पे. मुझे अपनी ओर अजीब नज़ारो से देखते हुए डॉली ने पूच्छा, “क्या बात है जीजू, ऐसे क्यो देख रहे है?” मैने कहा, “कुछ नही . मैं थोड़ा लड़खड़ाते कदमो से अंदर आया. अंदर मेने देखा डॉली शायद बीअर पी रही थी.घर पर ओर कोई दिख नही रहा था.तीन बीअर के टीन खाली दिखाई दे रहे थे.मैने डॉली को देखा तो वो मस्त लग रही थी.नशे के खुमार मे थी. मैने कहा ललिता ओर मम्मी कहाँ है? वो बोली ममाजी के घर पर गए हुए हैं.देर से लौटेंगे.क्या बात है?डॉली..बस ऐसे ही…… तबीयत कुछ खराब हो गई है.हाथ पैर मे थोड़ा दर्द है.सोचा ललिता से कुछ ….डॉली बोली.. “अपने कोई दवा ली या नही? अभी नही.” मैने जबाब दिया और फिर अपने कमरे मे जा कर लूँगी पहन कर बिस्तर पर लेट गया. थोड़ी देर बाद डॉली आई और बोली, “कुछ चाहिए जीजू जी मन मे आया की कह दू.” “साली मुझे चोद्ने के लिए तुम्हारी चूत चाहिए.” पर मैं ऐसा कह नही सकता था. मैने कहा “. डॉली मेरे टाँगो मे बहुत दर्द है. थोड़ा तेल ला कर मालिश कर दो प्ल्ज़.”

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