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गतान्क से आगे.......
राज और रिया दोनो ने अपना चेहरा रोमा की क्रीम से भरी छाती पर
झुका दिया. उनेक होठों का स्पर्श पाते ही रोमा हंस पड़ी...रिया ने
थोड़ी सा केक उठा कर रोमा के मुँह मे ठूंस दिया... अब तीनो एक
दूसरे को केक खिलाने लगे... थोड़ी ही देर मे तीनो एक दूसरे को
चूम रहे थे.. एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे..
"मुझे माफ़ करना रोमा." रिया ने दिल से माफी माँगते हुए कहा, "सब
कुछ जानते हुए भी शायद में ज़बरदस्ती तुम दोनो के बीच आ गयी
सही मे तो मुझी...."
"मेरे भाई से पहले तक चुद्वाना चाहिए था..." रोमा ने थोड़ा गुस्से
मे कहा.. और तुमने वो किया भी लेकिन साथ ही तुमने इसे थोड़ी सी
अकल भी दे दी जिसके लिए मुझे शुक्रिया कहना चाहिए... लेकिन में
कहूँगी नही."
"में तो सिर्फ़ ये चाहती हूँ कि हम तीनो के बीच कभी झगड़ा ना
हो." रिया ने कहा.
"फिलहाल तो केक खाती रहो बाकी तुम्हे क्या चाहिए अपने आप पता चल
जाएगा."
रोमा रिया को देखती रही.. वो अपने मुँह मे केक भर खा रही थी..
वहीं राज अपने हाथों से अपनी बेहन को केक खिला रहा था.... थोड़ी
ही देर मे तीनो खेल के लिए तैयार थे.
रिया आगे बढ़ कर रोमा की जीन्स खोल उतारने लगी और राज खुद के
कपड़े उतार रहा था.. फिर रोमा ने रिया के कपड़े उतार उसे नंगा
कर दिया.. अब तीनो जान पूरी तरह नंगे थे.
थोड़ी ही देर मे सब कुछ पहले जैसा हो गया... रिया ने रोमा की
टाँगो को फैलाया और अपना चेहरा उसकी चूत पर रख दिया... जब
उसने देखा कि रोमा की चूत से बालों से घिरी हुई है तो उसने
कहा, "सुबह मुझे याद दिलाना.. में एक बार फिर इस जंगल को सॉफ
कर दूँगी."
रिया की हवा मे उठी गंद देख कर राज का दिल किया कि वो उसके पीछे
जाकर अपना लंड उसकी चूत मे घुसा दे.. लेकिन वो हिचकिचा कर रुक
गया... आज की रात रोमा के लिए थी.... उसे ऐसा नही लगना चाहिए
कि में फिर उसके साथ बेवफ़ाई कर रहा हूँ.. इसलिए वो रोमा की छाती
पर चढ़ गया और उसकी दोनो चुचियों को पकड़ अपना लंड उसकी
चुचियों के बीच दे दिया.
उसका लंड छाती पर लगी क्रीम की चिकनाहट से चिकना हो फिसल
कर आगे पीछे होने लगा.. रोमा ने अपनी जीब निकाल ली और जब भी
लंड उसके मुँह के पास आता वो अपनी जीब निकाल उसके लंड पर लगी
मीठी क्रीम को चाट लेती.
रिया अपनी प्यारी सहेली से एक बार फिर दोस्ती करने के लिए ज़्यादा
मूड मे थी... रोमा की टाँगों के बीच बैठ उसने उसकी चूत को
फैलाया और उसकी गरम चूत को चूसने लगी. उसकी चूत को चूस्ते
हुए उसने अपनी दो उंगलियाँ भी अंदर घुसा कर अंदर बाहर करनी
शुरू कर दी..
"ऑश हाआँ चूसो ऑश हाआँ अपनी जीब और अंदर घुसा दो..." रोमा
सिसक पड़ी.
रोमा नज़रे उठा कर अपने भाई को देखने लगी.. जो बड़े प्यार से उसकी
चुचियों के बीच अपने लंड को फँसाए उसकी चुचियों को चोद रहा
था... तभी राज के लंड के मुँह पर वीर्य की बूँद चमक पड़ी...
उसने तुरंत अपनी जीब निकाल उस बूँद को अपनी जीब से चाट लिया...
राज इसी तरह प्यार से कुछ देर तक अपनी बेहन की चुचियों को
चोद्ता रहा और रोमा उसके लंड से छूटी वीर्य की बूँदों को चाटती
रही.. जब राज को लगा कि अब रुकना मुश्किल है और उसका लंड पानी
छोड़ने के लिए तैयार है. तो वो उसकी छाती से उतार उन दोनो
लड़कियों के बगल मे बैठ गया... और अपने लंड को मसल्ते रहा
जिससे कि उसका लंड मुरझा ना जाए.
दो भाई दो बहन compleet
Re: दो भाई दो बहन
उसने देख कि रिया बड़ा मन लगाकर रोमा की चूत चूस रही थी..
उसके चूत चूसने की आवाज़ कमरे मे गूँज रही थी... साथ ही वो
उसकी बेहन को अपनी उंगलियों से चोद रही थी.. उसकी बेहन उन्माद मे
सिसक रही थी.
जब रोमा की चूत उबाल खाने लगी.. तो उसने रिया के सिर को पकड़
अपनी चूत पर जोरों से दबा दिया... रिया और ज़ोर से उसकी चूत को
चूसने लगी. और तेज़ी से अपनी उंगलियों को अंदर बाहर करने
लगी.... रोमा की चूत मे उत्तेजना और बढ़ने लगी.. शरीर अकड़ने
लगा..... और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
"ऑश रिया तुम कितनी अच्छी हो... मुझे आज इसकी ज़रूरत थी.." रोमा
ने खुश होते हुए कहा.
"रोमा तुम जानती हो तुम मेरी इकलौती और सबसे प्यारी सहेली हो
तुम्हारी खुशी के लिए में कुछ भी कर सकती हूँ." रिया ने जवाब
दिया.
"इस वक्त तो मुझे मेरे भाई की बहोत ज़रूरत है," कहकर रोमा ने
खिसक कर अपना सिर राज की गोद मे रख दिया.
"रिया यहाँ आओ" राज ने कहा.
रिया की आँखों मे चमक आ गयी.. वो राज से प्यार जो इतना करती
थी... वो सावधानी से अपने पावं को घसीटते हुए राज के पास आई जो
पलंग का सहारा लिए बैठा था.... वो अपनी टाँगो को फैला ठीक
राज के चेहरे के सामने खड़ी हो गयी... राज बड़े प्यार से उसकी
उत्तेजना मे फूली बालों बिना की चूत को देखने लगा.
राज ने उसके कूल्हे पकड़े और उसे अपने मुँह के नज़दीक खींच लिया...
फिर उसकी चूत पर अपनी जीब फिराने लगा.... उसकी पंखुड़ियों को
अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगा.... रिया का बदन कांप रहा
था..
वहीं रोमा राज की गोद मे अपना सिर रखे अपना खेल खेल रही थी...
वो अपने मुँह को उपर नीचे कर उसके लंड को तेज़ी से चूस रही
थी..... हालत से खुश हो वो ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को चूस रही
थी...आख़िर उन तीनो के बीच फिर से सब कुछ पहले जैसा हो गया
था..
उसके चूत चूसने की आवाज़ कमरे मे गूँज रही थी... साथ ही वो
उसकी बेहन को अपनी उंगलियों से चोद रही थी.. उसकी बेहन उन्माद मे
सिसक रही थी.
जब रोमा की चूत उबाल खाने लगी.. तो उसने रिया के सिर को पकड़
अपनी चूत पर जोरों से दबा दिया... रिया और ज़ोर से उसकी चूत को
चूसने लगी. और तेज़ी से अपनी उंगलियों को अंदर बाहर करने
लगी.... रोमा की चूत मे उत्तेजना और बढ़ने लगी.. शरीर अकड़ने
लगा..... और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
"ऑश रिया तुम कितनी अच्छी हो... मुझे आज इसकी ज़रूरत थी.." रोमा
ने खुश होते हुए कहा.
"रोमा तुम जानती हो तुम मेरी इकलौती और सबसे प्यारी सहेली हो
तुम्हारी खुशी के लिए में कुछ भी कर सकती हूँ." रिया ने जवाब
दिया.
"इस वक्त तो मुझे मेरे भाई की बहोत ज़रूरत है," कहकर रोमा ने
खिसक कर अपना सिर राज की गोद मे रख दिया.
"रिया यहाँ आओ" राज ने कहा.
रिया की आँखों मे चमक आ गयी.. वो राज से प्यार जो इतना करती
थी... वो सावधानी से अपने पावं को घसीटते हुए राज के पास आई जो
पलंग का सहारा लिए बैठा था.... वो अपनी टाँगो को फैला ठीक
राज के चेहरे के सामने खड़ी हो गयी... राज बड़े प्यार से उसकी
उत्तेजना मे फूली बालों बिना की चूत को देखने लगा.
राज ने उसके कूल्हे पकड़े और उसे अपने मुँह के नज़दीक खींच लिया...
फिर उसकी चूत पर अपनी जीब फिराने लगा.... उसकी पंखुड़ियों को
अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगा.... रिया का बदन कांप रहा
था..
वहीं रोमा राज की गोद मे अपना सिर रखे अपना खेल खेल रही थी...
वो अपने मुँह को उपर नीचे कर उसके लंड को तेज़ी से चूस रही
थी..... हालत से खुश हो वो ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को चूस रही
थी...आख़िर उन तीनो के बीच फिर से सब कुछ पहले जैसा हो गया
था..
Re: दो भाई दो बहन
राज अपनी बेहन की आवाज़ सुनकर चौंक पड़ा. उसने अपना मुँह उसके लंड
से हटा लिया था.. "अब बाकी सब कुछ रिया के साथ करना."
राज ने रिया को उसकी कमर से पकड़ा और अपनी जांघों पर नीचे
खींचने लगा... रिया ने उसकी जाँघ पर बैठते हुए रोमा के होठों
को चूम लिया... उसने रोमा के होठों पर लगे थूक और राज के वीर्य
को चाट लिया... "थॅंक्स रोमा तुमने मुझे आज जो दिया है उसे में
कभी नही भूल सकती."
राज ने अपने लंड को रिया की चूत पर लगाया और वो उसकी लंड पर
बैठ गयी.. उसका लंड उसकी चूत मे घुस गया.. थोड़ी ही देर मे
रिया उछल उछल कर धक्के लगा रही थी... राज को बहोत अछा लग
रहा था.. रिया की चूत उसे बहोत ही मज़ा दे रही थी...
रिया उछल उछल कर धक्के लगाने लगी... उसकी साँसे तेज हो गयी
थी और उसका शरीर पसीने से भीग गया था....
"हां राज चोदो मुझे ऑश और ज़ोर से चोदो ऑश हाआँ और ज़ोर से
ऑश और ज़ोर से"
राज अपनी पूरी ताक़त से नीचे से कमर उठा उसे चोदने लगा.. दोनो
के शरीर उछल रहे थे... रिया की चुचियाँ भी मचल रही
थी...दोनो एक दूसरे को खुश करने मे लगे हुए थे..
राज की नसों मे खून का उबाल और तेज हो गया.... उसका लंड झड़ने
के लिए मचलने लगा....उसने अपनी कमर को उपर उठा दिया और अपने
लंड को उसकी चूत की जड़ तक पेलते हुए अपना पानी छोड़ दिया.
राज ने कमर उठाई और वो समझ गयी कि वो झड़ने वाला है... उसकी
चूत खुद पानी छोड़ने वाली थी.. वो और जोरों से उछल उछल कर
उसके लंड को अपनी चूत मे लेने लगी...
"ओह राज प्लीज़ अपने लंड को खड़ा रखो... मेरा छूटने ही वाला
है..." रिया ने उछलते हुए कहा.
आख़िर रिया ने अपनी चूत मे उसके लंड को जाकड़ लिया और वो जोरों से
सिसकने लगी..
"श हाआँ ऑश में तो गयी राज..... ऑश"
रिया जब राज से अलग हुई तो रोमा ने उसे अपनी बाहों मे भर
लिया.... "मेरे भाई को खुश करने के लिए शुक्रिया."
"रोमा एक बात कहूँ राज जितना तुम्हारा है उतना ही मेरा है.. हम
दोनो राज के बिना नही जी सकते...." रिया ने कहा.
"हन ये तो में भी समझ रही हूँ." रोमा ने जवाब दिया.
"रोमा क्यों ना हम तीनो ये जिंदगी इसी तरह हंसते खेलते गुज़ारे..
तुम भी समझ रही हो. " रिया ने कहा.
"हां रिया तुम ठीक कह रही हो.. ये तो मेने भी समझ लिया..
में राज के बिना नही जी सकती और राज तुम्हारे बिना.. तो क्यों ना
हम तीनो साथ रहकर जिंदगी का लुफ्त उठाए और अपने भविस्य को
संवारे." रिया ने रोमा से कहा.
"हां रिया शायद भगवान भी चाहता है कि हम साथ साथ रहें"
राज खुश था.. उसे जिंदगी मे जो चाहिए था वो मिल गया था.. ना
वो रोमा को छोड़ सकता था और ना ही रिया को.. आख़िर भगवान ने उसकी
सुन ली थी.
दा एंड
समाप्त
से हटा लिया था.. "अब बाकी सब कुछ रिया के साथ करना."
राज ने रिया को उसकी कमर से पकड़ा और अपनी जांघों पर नीचे
खींचने लगा... रिया ने उसकी जाँघ पर बैठते हुए रोमा के होठों
को चूम लिया... उसने रोमा के होठों पर लगे थूक और राज के वीर्य
को चाट लिया... "थॅंक्स रोमा तुमने मुझे आज जो दिया है उसे में
कभी नही भूल सकती."
राज ने अपने लंड को रिया की चूत पर लगाया और वो उसकी लंड पर
बैठ गयी.. उसका लंड उसकी चूत मे घुस गया.. थोड़ी ही देर मे
रिया उछल उछल कर धक्के लगा रही थी... राज को बहोत अछा लग
रहा था.. रिया की चूत उसे बहोत ही मज़ा दे रही थी...
रिया उछल उछल कर धक्के लगाने लगी... उसकी साँसे तेज हो गयी
थी और उसका शरीर पसीने से भीग गया था....
"हां राज चोदो मुझे ऑश और ज़ोर से चोदो ऑश हाआँ और ज़ोर से
ऑश और ज़ोर से"
राज अपनी पूरी ताक़त से नीचे से कमर उठा उसे चोदने लगा.. दोनो
के शरीर उछल रहे थे... रिया की चुचियाँ भी मचल रही
थी...दोनो एक दूसरे को खुश करने मे लगे हुए थे..
राज की नसों मे खून का उबाल और तेज हो गया.... उसका लंड झड़ने
के लिए मचलने लगा....उसने अपनी कमर को उपर उठा दिया और अपने
लंड को उसकी चूत की जड़ तक पेलते हुए अपना पानी छोड़ दिया.
राज ने कमर उठाई और वो समझ गयी कि वो झड़ने वाला है... उसकी
चूत खुद पानी छोड़ने वाली थी.. वो और जोरों से उछल उछल कर
उसके लंड को अपनी चूत मे लेने लगी...
"ओह राज प्लीज़ अपने लंड को खड़ा रखो... मेरा छूटने ही वाला
है..." रिया ने उछलते हुए कहा.
आख़िर रिया ने अपनी चूत मे उसके लंड को जाकड़ लिया और वो जोरों से
सिसकने लगी..
"श हाआँ ऑश में तो गयी राज..... ऑश"
रिया जब राज से अलग हुई तो रोमा ने उसे अपनी बाहों मे भर
लिया.... "मेरे भाई को खुश करने के लिए शुक्रिया."
"रोमा एक बात कहूँ राज जितना तुम्हारा है उतना ही मेरा है.. हम
दोनो राज के बिना नही जी सकते...." रिया ने कहा.
"हन ये तो में भी समझ रही हूँ." रोमा ने जवाब दिया.
"रोमा क्यों ना हम तीनो ये जिंदगी इसी तरह हंसते खेलते गुज़ारे..
तुम भी समझ रही हो. " रिया ने कहा.
"हां रिया तुम ठीक कह रही हो.. ये तो मेने भी समझ लिया..
में राज के बिना नही जी सकती और राज तुम्हारे बिना.. तो क्यों ना
हम तीनो साथ रहकर जिंदगी का लुफ्त उठाए और अपने भविस्य को
संवारे." रिया ने रोमा से कहा.
"हां रिया शायद भगवान भी चाहता है कि हम साथ साथ रहें"
राज खुश था.. उसे जिंदगी मे जो चाहिए था वो मिल गया था.. ना
वो रोमा को छोड़ सकता था और ना ही रिया को.. आख़िर भगवान ने उसकी
सुन ली थी.
दा एंड
समाप्त