कमसिन कलियाँ--28
गतान्क से आगे..........
आभा: लीना… तनवी मेरी बड़ी बहन थी (राजेश की ओर देख कर) राजेश मै समझ सकती हूँ कि तुम करीना से क्यूँ इतना लगाव रखते हो… वाकई में चेहरे और शरीर की बनावट में हुबहू करीना बिल्कुल तनवी की कापी है…
राजेश: हाँ आभा…तुम सही कह रही हो। जब करीना को मैने पहली बार देखा था तो मुझे लगा था कि तनवी वापिस आ गयी है… यह तब मेरे ख्याल से आठ वर्ष की होगी… फिर जब भी यह टीना के साथ घर पर आती थी तो मेरी निगाह इस पर जा कर टिक जाती थीं… कई बार मुझे आत्मग्लानि होती थी…पर दिल था कि मानता नहीं…
करीना: अंकल… तनवी कौन थी…
आभा: उसी के बारे में तो बता रही थी…वह मेरी बड़ी बहन थी… लीना की मम्मी से छोटी… तुम्हारे प्रेमी की पहली पत्नी… बहुत सुन्दर और मिलनसार थी। तनवी और राजेश की प्रेम कहानी तब शुरु हुई थी जब राजेश स्कूल पास करके अमेरिका जाने से पहले अपने घर आया था। अमेरीका जाने की पूर्व रात को इन दोनों ने गाँव के मन्दिर में विवाह कर लिया था।
टीना: पापा… तनवी दीदी कैसी थी?
राजेश: बेटा…बिल्कुल तुम्हारी तरह थी… (एक पल के लिए राजेश अपने ख्यालों मे खो गया और अचानक राजेश जोरों से चीखता है जैसे कि उसे बिजली का करन्ट लगा हो)……अरे…अरे…(कहते हुए चक्कर खा कर बेहोश हो जाता है)
आभा: (उठ कर राजेश की ओर आती हुई) क्या हुआ राजेश…
(टीना और लीना भी राजेश की ओर बढ़ती हैं। सब मिल कर राजेश को उठाने की कोशिश करते है। करीना धीरे से अपनी जगह से उठ कर फ्रिज से एक ठंडे पानी की बोतल निकाल कर ले आती है।)
करीना: प्लीज आप लोग इनके इर्द-गिर्द से हट जाओ… (सारे राजेश को घेरे खड़े लोग हट जाते है)… आप लोग अपनी जगह पर जा कर बैठ जाइए…
(राजेश के चेहरे पर करीना ठंडे पानी के छीटें मारती है। राजेश को धीरे-धीरे होश आता है। जैसे ही राजेश अपनी आँखें खोलता है करीना से आँखें चार होती है…राजेश झपट कर करीना को अपने आगोश में लेकर रोने लगता है। लीना, टीना और आभा अवाक हो कर सारा दृश्य देख रहे हैं। करीना धीरे-धीरे राजेश को थपथपाती हुई सांत्वना देती है। थोड़ी देर के बाद जब राजेश का रोना कम होता है तो सब प्रश्नवाचक निगाहों से राजेश को घूरते है।)
लीना: पापा…आप को क्या हो गया था…
आभा: राजेश मैने कभी भी तुम्हारा यह रूप नहीं देखा था… क्या हुआ?
राजेश: (उनकी बात को अनसुना करते हुए) मुझे माफ कर दो।
करीना: अंकल आपको क्या हो गया है…?
राजेश: (हड़बड़ा कर करीना से लिपटते हुए) तनवी… मैनें तुम्हें पहचान नहीं पाया प्लीज मुझे माफ कर दो… (सब लोग हतप्रभ रह जाते है)
आभा: राजेश… तुम को क्या हो गया है…यह तनवी नहीं करीना है…
राजेश: (अपने आप को काबू में करते हुए) आभा… यह आज करीना है… पर यही तनवी है। पच्चीस साल पहले की कहानी हुबहू दोहराई गयी है… मुझे बात करते हुए अचानक ख्याल आया कि करीना की उम्र और तनवी की उम्र में कोई अन्तर नहीं था जब मैं उनके प्रेम कायल हो गया था। उस वक्त हमारा मिलन नहर के किनारे तारों की छाँव मे हुआ था और कुछ दिन पहले करीना के साथ मेरा मिलन भी रात को खुले आसमान के नीचे हुआ था… यह सब चीजों को मैने कैसे अनदेखा कर दिया…।
आभा: राजेश… यह इत्तेफ़ाक़ भी हो सकता है… कि उम्र, जगह और समय लगभग एक ही जैसा था… (टीना और लीना भी गरदन हिलाती हुई हामी भरती है)
राजेश: हाँ यह एक इत्तेफ़ाक़ हो सकता है… करीना प्लीज मेरे लिए तुम अपनी टी-शर्ट उतारो…
करीना: (झिझकती हुई टीना और आभा की ओर देखती है)…अंकल
राजेश: प्लीज उतारो… सालों से मेरे दिमाग में धूल की परत जमा थी और मुझे याद नहीं आ रहा था कि वह चिन्ह मैनें कहाँ देखा था…पर आज बात करते हुए सारी धूल हट गयी है और अब मुझे सब याद आ गया है… आभा यह तुम्हें अच्छी तरह याद होगा…तनवी के बाँये स्तन पर कहाँ पर तिल था…
आभा: हाँ, तनवी के बाँये स्तन के नीचे की ओर तिल था…।
राजेश: (खुशी में काँपता हुआ) करीना…प्लीज टी-शर्ट उतार कर दिखा दो…
(सब उत्सुकतावश करीना से दिखाने के लिए आग्रह करते हैं। करीना झेंपती हुई अपनी टी-शर्ट उतारती है। राजेश झपट कर करीना की ब्रा को हटा कर बाँये स्तन को हाथ में ले कर नीचे की ओर बने हुए तिल को दिखाता है।)
लीना: पापा… यह तो कमाल है। क्या करीना ही तनवी है…
राजेश: बेटा…यही तनवी है… आखिर मैने उस रात जो मैने करीना के साथ महसूस किया था वह मै बयान नहीं कर सकता…
टीना: पापा… मै इन सब बातों को नहीं मानती… मुझे लगता है कि यह सिर्फ इत्तेफ़ाक़ है…
राजेश: न बेटा… ऐसा मत कहो… अगर मै एक और चीज दिखा दूँ तो सब मेरी बात मान लोगे…करीना जरा इधर आओ…(करीना अपनी ब्रा को ठीक करते हुए टी-शर्ट पहनती हुई राजेश की ओर आती है)… एक और चीज दिखानी है…(कहते हुए स्कर्ट को उपर करता हुआ करीना की पैन्टी को नीचे सरका कर योनिमुख को दिखाता है। योनिमुख के बाँयी ओर नीचे की तरफ एक और तिल को दिखाता है)… याद है आभा मै हमेशा मजाक में कहता था कि तनवी बहुत ही कामुक, संवेदनशील और रोमांटिक प्रवऋत्ति की है जिसको सुन कर तुम्हारी बहन मेरे से नाराज हो जाती थी और मै तुमसे गुहार लगाता था कि प्लीज उसे मना कर ले आओ… याद है न… इसी जगह तिल की दुहाई दे कर मै तनवी को छेड़ता था और वह चिड़ जाती थी।
आभा: (आवाक खड़ी देखती हुई)…हुँम…हाँ…
करीना: अंकल… आपने मुझे भी उस रात को यही कहा था…
राजेश: करीना… सौरी मुझे यह सब खुदाई इशारे पहले क्यों नहीं याद आए…
टीना: पापा… यह करीना हो या तनवी… यह तो आप पर तो पहले दिन से फिदा है… तो क्या फर्क पड़ता है…
लीना: हाँ पापा… टीना ठीक कह रही है… आखिर करीना भी तो आप से प्यार करती है… क्यों करीना…
करीना: (शर्माते हुए) हाँ…
राजेश: भई… तुम लोगों को पा कर तो मै धन्य हो गया… लेकिन करीना तुम्हें मै आज से तनवी ही पुकारा करुँगा।
(सब लोग खिलखिला कर हँस पड़ते है। आज बहुत दिनों के बाद घर में खुशी का वातावरण है। सब के चेहरों पर खुशी की रौनक है। बस की मुमु की कमी खल रही है पर सब को विश्वास है कि जैसे तनवी वापिस आ गयी वैसे ही एक दिन मुमु भी वापिस आ जाएगी……)
(राजेश के घर का दृश्य। राजेश, आभा, टीना और करीना ड्राइंगरूम में बैठ कर गपशप में मशगूल है। एलन, डौली और स्वीटी का अभी-अभी कमरे में प्रवेश होता है।)
राजेश: हाय…
एलन: हैलो… राजेश कैसे हो
डौली: राजेश मुझे देख कर अच्छा लगा है कि तुम लोग खुश हो… क्यों आभा आज कल यह तुम्हारी सुध लेता है कि सिर्फ उनको खुश करने में लगा रहता है…
आभा: इन्होंने ने तो हद कर रखी है… किसी को भी खाली नहीं छोड़ते। तुम सुनाओ क्या हाल है… कौन सा महीना चल रहा है।
डौली: (झेंपती हुई) किस का…
आभा: क्या बात है… क्यों स्वीटी… कब से
स्वीटी: (मुस्कुराती हुई) पिछले महीने से…
एलन: लीना कब घर आ रही है… हम बहुत दिनों से पार्टी के इंतजार में बैठे है…
आभा: लीना कल तक आ जाएगी…
डौली: मै तो इसका अनुमान लगा रही हूँ कि पहले तुम जाओगी या टीना…
टीना: आन्टी… पहले दीदी का नम्बर है
राजेश: (सब को बात करते देख कर) भई मैनें तो निश्चय कर लिया है कि जब तक टीना और करीना की पढ़ाई पूरी नहीं होगी तब तक इन्हें इस सुख से वंचित रखा जाएगा…
करीना: यह नहीं हो सकता… अभी तो मेरी और टीना की पढ़ाई को खत्म होने में चार साल है…
टीना: पापा…प्लीज
राजेश: नो वे… वैसे ही मेडिसिन कि पढ़ाई बहुत कठिन है… और उस पर प्रेगनेन्सी… कभी नहीं।
टीना: दीदी ही अच्छी रही कि सिर्फ एक साल का फिल्म बनाने का डिप्लोमा किया और बस… करीना हमने गलती कर दी हमें भी कोई ऐसा ही कोर्स कर लेना चाहिए था…
एलन: यार… कभी मुझ को तुझ पर दया आती है।
राजेश: न यार मुझ पर दया न कर… मै बहुत लकी हूँ कि मुझसे प्यार करने वाले इतने सारे है…
एलन: (आँख मारते हुए) हाँ और एक से एक खूबसूरत और सेक्सी…
डौली: (आँख तरेरते हुए) अच्छा जी…क्या हम नहीं है…
एलन: मैने ऐसा कब कहा…
आभा: डौली… रहने दो। बेकार है इनसे बहस करना।
डौली: राजेश… फार्म हाउस पर कब शिफ्ट कर रहे हो…अब तक तो काम पूरा हो गया होगा…
राजेश: काम तो पूरा हो गया है… बस लीना और नये मेहमान की इंतजार है। जैसे ही घर आँएंगे… बस फिर शिफ्ट कर लेंगें।
आभा: आप लोग बातें करिए… तब तक मैं कुछ खाने पीने का प्रबन्ध करती हूँ (कह कर रूम से बाहर चली जाती है)
राजेश: एलन मै तुम लोगों का कैसे शुक्रिया अदा करूँ… अगर तुम न होते तो मुझे पता नहीं मै कैसे जी पाता… थैंक्स यार्।
डौली: राजेश हमारे ऊपर तुम्हारे इतने एहसान है… पहले तुम ने मुझे एलन से मिलवाया फिर हम दोनों को तुम ने पैसे से मदद करके काम शुरु करवाया… यह सब क्या मै भूल सकती हूँ परन्तु… मैं इसको तुम्हारी दोस्ती का फर्ज समझती हूँ और इस लिए मैनें आज तक तुमसे कभी एहसान और थैंक्स की बात नहीं करी है…
राजेश: सौरी डौली… तुम सही कह रही हो… गलती हो गयी।
(आभा सारी लड़कियों को आवाज दे कर अपने पास बुलाती है। टीना, करीना और स्वीटी उठ कर आभा का हाथ बटाने के लिए ड्राइंगरूम के बाहर जाती है।)
एलन: यार मुमु के जाने के बाद से… तू बिल्कुल कट गया… ठाकुर साहब का क्या हुआ…
राजेश: कुछ नहीं…उन्हें उम्र कैद की सजा हो गयी थी। एक बार मै आभा, करीना, लीना और टीना को लेकर उनसे जेल में मिलने गया था… तो उन्होंने कोई अच्छा रेस्पान्स नहीं दिया बस यह कह कर वापिस चले गये कि मेरी सारी छिनालों को तू ने अपनी बिस्तर की शोभा बना ली… पर शायद अन्दर से वह जानते थे कि उनकी बेटियाँ खुश हैं।
डौली: राजेश मुझे आज तक समझ नहीं आया कि वह तुम से इतना क्यों चिड़ते थे…
राजेश: यही सवाल मैनें उनसे पूछा था… तो उनका जवाब था कि जवानी में मेरी माँ को उनके शिकंजे से मेरे पिता ने छुड़ा लिया था… और फिर मैनें उनके शिकंजे से तनवी और मुमु को अपने साथ ले आया था… और उनकी बेटी आभा को मैनें उनके खिलाफ बरगला दिया था। यार मैने सिर्फ उन के बुरे व्यवहार के बदले में अच्छा ही किया जिसकी वजह से वह हमेशा मुझ से चिड़ा करते थे।
एलन: चल यार अंत भले का भला… तूने अपनी कसम भी पूरी कर ली…ठाकुर की सारी बेटियाँ को तूने अपनी पत्नी का दर्जा दिया और उनके बाप की दुश्मनी उनसे नहीं निकाली…यह तेरी अच्छाई उनकी बुराई के ऊपर हावी हो गयी…।
डौली: हाँ अब आगे सब को खुश रखो और खुशी-खुशी रहो…
(आभा, करीना, स्वीटी और टीना सारा खाने का सामान मेज पर सजा कर उनको बुलाते हैं। तीनों उठ कर ड्राइंगरूम से निकल कर डाईनिंग टेबल पर आ जाते हैं। सब हँसी खुशी बातें करते हुए)
चार साल बाद…
(फार्म हाउस का दृश्य। राजेश झरने के पास आर्मचेयर पर बैठ कर सामने का नजारा ले रहा है। पास ही टीना अपनी गोद में एक रोती हुई बच्ची को चुप कराने की कोशिश में लगी हुई है। उधर आउटहाउस से बाहर निकलती हुई आभा एक चार वर्षीय लड़के की उँगली थामे पूल की ओर आती दिखाई देती है। दो हमउम्र बच्चियाँ सामने घास में खेल रही है। उन सब पर एक दृष्टि डालते हुए राजेश को आत्मिक संतुष्टि का एहसास होता है। इधर लीना और करीना निर्वस्त्र हो कर पानी के साथ अठखेलियाँ करती हुई राजेश को पूल मे आने का निमंत्रण देती है। अब दोनों बेहत खूबसूरत नवयुवतियाँ हो चुकी है। दो बच्चों के बाद भी लीना के जिस्म में अभी वही सुहाग रात वाली कशिश है, बस सीना और नितंब थोड़े से भर गये है परन्तु कमर का कटाव और भी गहरा गया है। करीना के शरीर में हलका सा भी बदलाव नहीं आया है। एक बच्ची की माँ बनने के बाद भी उसके जिस्म में वही आकर्षण और छरहरापन, ऐसा मानो कि जैसे आसमान से अपसराएं धरती पर उतर आयीं है।)
राजेश: टीना… इस को मेरे को दे दो।
टीना: पापा… यह मेरी तरह जिद्दी है… मै इसका दूध छुड़ाने की कोशिश कर रही हूँ
राजेश: क्यों भई…
टीना: (आँखे नचाते हुए) आपके बाद इस के लिए कम पड़ जाता है… इसी लिए
राजेश: (मुस्कुरा कर) कोई बात नहीं आज की रात मैं अपनी गाय को फिर से हरी कर देता हूं जिससे इसके लिए दूध की कमी न रहे…
टीना: नहीं पापा… दो साल के बाद बच्चे को थोड़ा भारी आहार चाहिए… इस लिए इसका यह दूध छुड़ाना जरुरी है… उनको देखो…कैसी मस्ती छाई है…करीना और दीदी आपको सेड्यूस करने में लगी हुई है…ठीक भी है एक हफ्ते से दीदी बाहर गयी हुई थी और करीना की भी नाइट शिफ्ट चल रही है…
राजेश: तुम भूल रही हो… वह अपना कोटा लंच टाइम में पूरा कर लेती है…
टीना: (आभा की ओर आवाज देते हुए) दीदी इस शैतान को छोड़ दो…
राजेश: हाँ आभा… इसको छोड़ दो…गिर कर ही सँभलना सीखेगा।
आभा: (बच्चे की उँगली छोड़ते हुए) तुम पानी में नहीं जा रहे…
राजेश: तुम्हारा और टीना का इंतजार कर रहा था कि तुम लोग आ जाओ तो साथ चलते है… और थोड़ी देर लीना और करीना को भी तड़पने दो…
आभा: राजेश तुम भी… आओ टीना
टीना: इस का क्या करुँ…
राजेश: (अपने कपड़े उतारते हुए) इसको मुझे दे दो और जल्दी से कपड़े उतार कर पानी में आ जाओ… आओ आभा
(राजेश ने गोदी में बच्ची को उठा लिया और निर्वस्त्र टीना और आभा को अपने साथ ले कर कर पूल की ओर बड़ गया……)
समाप्त
कमसिन कलियाँ compleet
Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
Return to “Hindi Sex Story | Hindi Sex Stories”
Jump to
- ChitChat
- ↳ General Discussion
- ↳ Lifestyle, Personal Advice & Sex Tips
- ↳ Entertainment Video
- Novels (Hindi / English)
- Shero Shayries
- Urdu sex stories, poetry & shairy
- Stories
- ↳ Hindi Sex Story | Hindi Sex Stories
- ↳ English Sex Story | Sex Story in English
- ↳ Romantic Stories
- ↳ Thriller Stories
- ↳ Tamil Sex Story | Tamil Sex Stories | Tamilsex
- ↳ Malayalam Sex Story | Malayalam Sex Stories
- ↳ Marathi Sex Story | Marathi Sex Stories
- ↳ Bengali Sex Story | Bengali Sex Stories
- ↳ Punjabi Sex Stories
- ↳ Telugu sex stories
- ↳ Kannada Sex Stories
- ↳ Ghost Stories | Scary Stories