बदले की आग compleet

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rajaarkey
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Re: बदले की आग

Unread post by rajaarkey » 12 Dec 2014 22:16

बदले की आग (भाग - 10)

आप'नी बाद'ले की आग में मैं कामिनी की चाची रागिनी को आप'ने घर बुला आप'नी टाँगों के बीच ले चुका था. अब उस 45 साल की अधेऱ औरत को अच्च्ची तरह से चोद के आप'ने साथ बैठ के उसे खाना खिला रहा था. लेकिन दोस्तों जो मज़ा मुझे उस'की कुँवारी बेटी मधु को चोद'ने में आया वैसा ही मज़ा उस तंदूरस्त बदन की मालिका रागिनी को चोद'ने में आया. खाना खा'ने के बाद वह फिर मुझ से बोली,

अब बताओ विशाल की आख़िर तुम'ने ये सब क्यों किया. मेरी दोनों बेटी को चोद लिया और साथ में आज तूने मुझे भी चोद लिया पर मेरी दोनों बेटियों की नंगी फिल्म तूने क्यों बना रखी है? मैने कहा की,

क्या बताओन, चलो छोऱो इस विष'य को, तुम्हें बहुत जल्द पता चल जाएगा और मैं अपनी सीट से उठ कर उस'के पास गया. वह अब भी नंगी थी. मैने उसे उठाय और उसे सोफे पर ले गया. उसे अपनी गोद मैं बिताया और साथ ही उस'की चूचियाँ छूसा कर'ने लगा. उसे गरम कर'ने मैं मुझे कुच्छ ज़्यादा वाक़त नहीं लगा वह जल्द ही गरम हो गयी थी. वह आप'ने स्तन को हाथ मैं ले कर मेरे मूँ'ह में अंदर तेल रही थी.

चूस लो इन्हें,. चूसो मेरे मुममे बच्चे और चूसू. क्या मज़ा आ रहा है.. ऊह... ओह. मैने मोका से फ़ायडा उठा'ते हुए अपनी एक अंगुल उस'की गान्ड मैं अंदर तेल दी. उस'ने एक बहुत ज़ोर की कामुक सिस'कारी डियी.

उईईईईई..... विशाल बहुत मज़ा आ रहा है. मैं लग भाग 5 मिनिट तक उस'की चूचियों को मुख में भर चूसा. उस'की गान्ड को अंगुल से छोड़ा. वह बहुत गरम हो चुकी थी. . मेरे कान मैं बोली,

आ विशाल ट्तूम'से चुद'वा के तो मुझे ना जाने क्या हो गया है. मेरी चूत की प्यास बढ़ गई है. ना जाने कब से यह प्यास दबी हुई पऱी थी आज तुम'ने भऱ'का दी है. मुझे चोदो मेरे राजा, अब रहा नहीं जाता. मेरी चूत को आप'ने लौऱे से भर दो. मेरा जवाब सुने बिना वह अपनी जगह से उठि और अपनी चूत को मेरे लौऱे पे रखा और आहिस्ता आहिस्ता मेरे लौऱे पर फिर से बैठ'ने लगी. मेरा लंड उस'की चूत में घुस रहा था. मैं अब भी सोफे पर बैठ था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जैसे ही मेरा पूरा लंड उस'की चूत में घुस चुका तो उस'ने मेरे लंड पर उच्छालना शुरू कर दिया. साथ ही उस'के मूँ'ह से कामुक सिस'कारी जारी थी..

विशाल क्या लंड है.. सीधा मेरी छ्चाटी तक पाहूंछ गया. मज़ा आ गया. वह और ज़ोर से मेरे लौऱे पर उच्छल'ने लगी. फिर वह आगे को झुकी जिस'से अब मैं उस'की गान्ड देख सक'ता था. मेरा लंड कैसे उस'की चूत में आ जेया रहा था, यह भी दिख रहा था. अब उस'ने आप'ने दोनों हाथ ज़मीन पर रख दिए थे. अपनी गान्ड को मेरे लौऱे पर उच्छल रही थी. मैं बहुत ही मज़ा महसूस कर रहा था. वह भी मज़े मैं आ के अपनी गान्ड को ऊपर नीचे कर'ते हुए मेरे लौऱे पर चला रही थी. जैसे फिर सुबह नहीं होगी. या फिर उसे ऐसा लंड नसीब नहीं हो गा.

फिर अचानक वह पीच्चे की तरफ आई उस'की कमर मेरी छ्चाटी पर थी. मैने उस'की चूचियाँ पकऱ के दबेअना चालू कर दिया जिस'से वह और मस्त हो गयी. वह अब भी अपनी चूत को हिला रही थी. मेरे लौऱे पर वह एक दूं से अपनी जगह से उठि. मेरा लंड उस'की चूत से निकल गया लेकिन दूसरे ही लम्हे वह मेरी तरफ घूमी और सोफे पर आ गयी. अब उस'ने अपनी दोनों टाँगें मेरी कमर के साइड मैं की और फिर से मेरा लंड पकऱ के अपनी चूत में अंदर तेल दिया. अब उस'का मूँ'ह मेरी तरफ था. जैसे ही उस'ने फिर से उच्छालना शुरू किया तो उस'की चूचियाँ मेरी आँखों के साम'ने हिल'ने लगी. मैने उस'की चूचियों को हाथो मैं लिया और उन्हें दबाने लगा जिस'से वह और ज़्यादा सिस'कारी लेने लगी. लग भाग 5 मिनिट तक मैने उस'की चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाया और फिर वह झऱ'ने वाली हो गयी..

विशाल मैं झऱ'ने वाली हून और उस'ने आप'नी गान्ड को और ज़्यादा उच्छालना शुरू कर दिया. मुझे भी बहुत मज़ा मिल रहा था. पर मैं झऱ'ने के करीब भी नहीं था. फिर अचान्नक उस'ने अपनी चूत को ज़ोर से मेरे लौऱे पर गिरा दिया जिस'से मेरा लंड उस'की चूत की गहराइयों मैं उतार गया. साथ ही उस'ने एक ज़ोर दार कामुक सिस'कारी दी..

विशाल मैं झऱ गयी हून.. ऊह.. क्या मज़ा है.. तुम्हारा लंड मेरी चूत की गहरैईिओं मैं घूम रहा है.. मैने उस'के होठों पर चुंबन की बार'सात शुरू कर दी. कहा की,

मेरी रागिनी जानू अभी तुम'ने क्या देखा है. ऱन्डी अभी तो तुम्हें मैने आस'मान की शायर भी करनी है. अभी देखती जाऊ मेरी रन्डी और मैने उसे उठा के कार्पेट पे लिट दिया. फिर से अपना लंड उस'की चूत में डाल दिया. जैसे ही मेरा लंड उस'की चूत में गया तो वह फिर हर'काट में आ गई. साली पक्की चुदैल थी. मैं बहुत गरम हो चुका था. साली रन्डि बहुत मज़ा दे रही थी. इतना मज़ा तो उस'की कुँवारी बेटी को चोद के भी नहीं आया जितना यह उस'की मा दे रही थी.. मैने धुंवा धार तरीके से उसे चॉड्ना शुरू कर दिया था क्योंकि मैं अब झऱ'ने वाला था. साली मज़ा ही इतना दे रही थी की अब 1 या 2 मिनिट मैं झऱ ही जाता फिर मैने उस'की दोनों टाँगें आप'ने कंधों पर रखी और अब फिर से उसे चोद'ने लगा. अब उसे और मज़ा आ रहा था क्योंकि मेरा पूरा लंड उस'की चूत में आ जेया रहा था. वह उत्तेजना मैं चिल्ला'ने लगी..

विशाल क्या मज़ा है. बेटा बहुत मज़ा आ रहा है.. तुम्हारा लंड पूरा मेरी चूत में जेया रहा है..

हन साली रन्डी मुझे भी मज़ा मिल रहा है. साली तू तो अपनी बेटियों से भी ज़्यादा मस्त माल है. . साली पता होता तो पहले तेरे को मैं छोड़ता, चलो अब तो तू मेरे नीचे है. ही... आज का दिन मैं तेरी खूब मान लगा के चुदाई करूँगा साली, तुझे चल'ने के काबिल भी नहीं छोऱून्ग.

विशाल चल'ने के काबिल तो अब भी मैं नहीं हून. आज पहली बार इट'ने बऱे लौऱे से पाला परा है.. क्या मस्त लंड है.. आज के दिन तो मैं तेरी रन्डी हून, तेरी रखैल हून. मेरी चूत को फाऱ डाल रे आप'ने नाम के जैसे विशाल लौऱे से. साथ ही वह फिर से झऱ रही थी. औरतें जब झऱ'ना शुरू होती हैं तो लगातार झऱ'ती जाती है. अब मैं भी रोक नहीं पा रहा था. मैं बोला,

आआ... मेरी रागिनी रानी. मेरी रन्डीई मैं झऱ'ने वाला हून.. ऊह... ओह.. मैं तेरी चूत आप'ने माल से फिर से भर'ने वाला हून. तुम्हें आप'ने बच्चे की मा बनाओंगा जो तेरी टीस'री बेटी होगी और उस साली की भी चूत एक दिन मैं ही खोलूँगा और साथ ही मैने एक ज़ोर का झट्क दिया जिस'से मेरा लंड पूरा उस'की चूत में घुस गया. फिर अपना सारा माल मैने उस'की चूत में छोऱ दिया. उस'ने मुझे आप'ने बदन से दबा के पकऱ लिया.. जब तक मेरे लौऱे का आख'री कटरा तक उस'की चूत में नहीं गिर गया. फिर मैं उस'के ऊपर ही गिर गया. हम दोनों लंबी लंबी साँसें ले रहे थे. हमारी साँसों को नॉर्मल होने मैं कुच्छ मिनिट लगे फिर उस'ने मेरे होठों को चूमा और बोली,

विशाल तेरे लौऱे'ने इतना मज़ा दिया है की मैं तुम्हें बता नहीं सक'ती. बना दे रे मुझे आप'ने बच्चे की अम्मा. मैने कहा की,

चाची अभी क्या देखा है? मैने बहुत कुच्छ आप के लिए बचा के रखा है. फिर उस'ने उठ कर तौलिया लिया और मेरा लंड सॉफ किया. फिर उस'ने अपनी चूत को सॉफ किया. फिर वह मेरे पास बैठ गयी. 2 या टीन मिनिट के बाद ही दर'वाजे पर घन्टी हुई हम दोनों'ने एक दूसरे को देखा. मैं किसी को भी एक्सपेक्ट नहीं कर रहा था. मैं वहाँ से उठा और तौलिया लिया.. जिस'से उस'ने मेरा लंड और अपनी चूत सॉफ की थी. मैने उसे अपनी कमर पर बाँधा और दर'वाजे पर देख'ने गया की कौन है. मैने वक़्त देखा दिन के दो बाज रहे थे. इस वाक़त कौन आ सक'ता है. जब मैने दर'वाजे खोला तो. मैं हैरान हो गया. वह रूचि और मधु थी.

तुम दोनों इस वाक़त यहाँ क्या कर रही हो तो रूचि बोली,

हमें अंदर तो आ'ने दो फिर बताती हैं.. मैने मुऱ कर देखा क्योंकि बैठक मैं उस'की मा नंगी मेरा इंत'ज़ार कर रही थी. मैने सोचा की चलो जो प्लान मैने किसी और दिन के लिए रखा था आज ही पूरा कर दे'ते हैं. वह प्लान क्या था मैं आप को बताता हून. वह यह के मैं आप'ने दोस्तों के साथ मिल के इस पुर परिवार के साथ सामूहिक चुदाई करूँगा. मया को तो मैने खुद बुलाया था. Bएटियान खुद आ गयी. अब रहा उन का भाई उसे तो मेरे दोस्त मेरे फोन कर'ने पर साथ ले ही आएँगे. चलो अच्च्छा हुआ मैं दोनों को अंदर लाया और दर'वाजा बंद कर दिया. फिर बोला,

हन बताओ क्यों आई हो तुम दोनों? कॅसेट तो मैने तुम्हें दे ही दिया था. अब क्या लेने आई हो? तब रूचि बोली,

विशाल जब से तुम'ने हम दोनों को छोड़ा है, हम दोनों तुम्हारे लौऱे की गुलाम हो गयीं हैं. क्या आज आख'री बार हमें नहीं चोदो'गे प्लीज़. फिर हम तुम्हें कभी भी तंग नहीं करेंगी प्लीज़ सिर्फ़ आज के दिन हमें चोदो. मैने बैठक की तरफ देखा, मेरे ख़याल मैं उस'की मा को अभी नहीं पता चला था की उस'की दोनों बेटियाँ बाहर हाल मैं मुझ से कूदा की बातें कर रही हैं.. मैने कहा की,

चलो आज का दिन तुम्हारी फॅमिली के नाम. चलो बैठक मैं तुम्हें किसी से मिलवाता हून. रूचि फॉरन बोली,

क्या तुम किसी के साथ हो, कौन है वह? मैने उसे बाज़ू से पकऱ कर बैठक मैं ले गया. मधु चुप छाप हमारे पीच्चे चली आई. जब हम बैठक मैं पाहूंचे तो चाची सोफे से उठ कर बोली,

कौन था? विशाल क्या वह चला गया? मैं बोला,

नहीं चाची देख लो कौन है. रूचि की और मधु की हालत खराब थी. उन्हों'ने अपनी मा की आवाज़ पहचान ली थी. जब वह नंगी ही सोफे से उठि और मुझे अपनी दोनों बेटियों के साथ देखा तो उस'की भी हालत खराब हो गयी. वह सिर्फ़ यह ही बोल सकी,

तुम दोनों यहाँ कैसे आई और वह इट'ने सदमें मैं थी की उसे पता ही नहीं चला के वह अपनी बेटियों के साम'ने नंगी खऱि है. मैने रूचि को बाज़ू से पाक'रे हुए उस'की मा के पास छोड और फिर मधु को भी और उन'की मा से बोला की,

ये आज फिर मुझ से चुद'वाने आई हैं. तुम तो कह रही थी ना की मैं तेरी बेटियों को ब्लॅक मैल कर'के चोद रहा हून. अब पुच्च्ो इन से ये खुद चूत की खाज से मेरीयी मेरे पास आई है और बोल रही है की विशाल हमें जी भर के चोदो. चाची'ने मेरे को देखा फिर अपनी बेटियों को.

रूचि तुम'ने तो कहा था की तुम आप'ने ससुराल जा रही हो, कुच्छ दिनों के लिया और अब यहाँ चली आई और विशाल यह क्या कह रहा है. तुम इसे नहीं जान'ती, इस'ने तुम दोनों की नंगी फिल्म बना रखी है. इस'ने मुझे फिल्म दिखाई और तुम दोनों की इज़्ज़त बचाने के लिए यह सब कुच्छ कर रही थी. दोनों बहनें चुप थी. अब मा से क्या बोलती वह. मैने कहा की,

चलो मेरी रागिनी रानी कोई बात नहीं, हम तीनों ही मज़ा कर'ते हैं. फिर तुम सब चली जाना. यह सुन'के रूचि फ़ौरन बोली,

नहीं ऐसा नहीं हो सक'ता. मैं बोला की,

क्यों नहीं हो सक'ता, तुम दोनों बहनों को मैने एक साथ छोड़ा है. तुम्हारी मा को भी चोद चुका हून. वह अब भी तुम दोनों के साम'ने नंगी खऱि है. तब चाची को होश आया और उस'ने आप'ने हाथों से आप'ने स्तन और चूत को च्छूपा'ने की नाकाम कोशिश की. मैने चाची का हाथ पाक'रा और कहा की,

चलो मैं ही तुम्हारी झीजक निकालता हून. मैने चाची को सोफे पे धकेला वह ना ना करती रही. जब'की रूचि और मधु अपनी जगह पे ही खऱि रहीं. मैने उस'की टाँगों के बीच मैं हो गया. और एक ही धक्के में अपना 9 इंच का लंड उस'की चूत में अंदर तेल दिया. वह ना ना ही करती रही लेकिन लंड जब उस'की चूत में गया तो उस'के मूँ'ह से एक ज़ोर की कामुक सिस'कारी निकली.

उ.... ओह ... और मैने धुंवा धार तरीके से उसे उस'की बेटियों के साम'ने ही चॉड्ना शुरू कर दिया.. कुच्छ देर तक तो वह ना ना करती रही लेकिन फिर वह मस्त हो गयी..

विशाल शाबाश मेरे शेर बहुत मज़ा आ रहा है.. उ.... ओह और चोदो. तब रूचि और मधु'ने एक दूसरे को देखा और फिर उन'की नज़रें हम लोगों पर जाम गयी. अब मैं उन'की मा की जाम के चुदाई कर रहा था. वह सिसक रही थी. साथ साथ मुझे और ज़ोर से चोद'ने को बोल रही थी..

आह विशाल और तेज. बहुत मज़ा आ रहा है.. देखो मेरी दोनों रन्डि बेटियाँ अपनी मा की चुदाई देख रही हैं.. देखो रन्डियोन अपनी मा की चुदाई. विशाल देखो मेरी बेटियाँ फिर से चुद'वाने आई हैं.. विशाल तुम्हारे लंड की वह भी आशिक़ हो गयी हैं. जैसे के तुम'ने मुझे बना दिया है. .

ऊह... मेरी रन्डि चाची लेकिन तुम इन दोनों से अच्च्ची हो. तुम्हें चोद'ने मैं ज़्यादा मज़ा है. तुम्हारी चूत'ने मुझे तेरी कुँवारी बेटी की चूत से भी ज़्यादा मज़ा दिया है और मैने अपनी गति और बढ डियी . वह फिर से मज़े मैं चिल्ला'ने लगी..

विशाल क्या ताक़त'वॉर लंड है रे. ऊह.. देखो रन्डिओन तुम्हारा बाप तो किसी काम का नहीं, ना ही उस'का लंड लेकिन विशाल का लंड क्या मस्त लंड है. देख क्या रही हो चलो कप'रे उतारो और विशाल के लौऱे का स्वाद लो जैसे मैं ले रही हून. फिर दोनों बहनों'ने एक दूसरे को देखा और सोचा की जब मा ही कह रही है तो हमें क्या. उन दोनों'ने आप'ने कप'रे निकाल दिए. मैं अब भी उन'की मा की चूत चोद रहा था. रूचि की नज़र मेरे लौऱे पर थी. कैसे उस'की मा को चोद रहा था, उस'ने आप'ने होठों पर ज़ुबान फेरी.

rajaarkey
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Re: बदले की आग

Unread post by rajaarkey » 12 Dec 2014 22:16

बदले की आग (भाग - 11)

मैने मधु को बालों से पाक'रा और उस'के होठों को आप'ने होंठों मैं कस लिया और उस'के होठों को चूस'ने लगा. रूचि मेरी पीठ मैं आई और उस'ने मेरी पीठ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. कभी वह मेरे चुत्तऱ पर हाथ फेर'ती तो कभी मेरी पीठ पर. मैं उन'की मा को और जोश से चोद'ने लगा..

विशाल बेटा देख मेरी दोनों बेटी अपनी मा की चुदाई देख रही हैं.. ओह... विशाल राजा बेटियों के साम'ने मुझे तेरे हल्लाबी लंड से चुद'ने में और ज़्यादा मज़ा आ रहा है. मैं और नहीं ठहर सक'ती, मैं झऱ'ने वाली हून. हा... देखो मेरी रन्डी बेटियों तुम्हारी मा झऱ'ने वाली है और फिर वह झऱ'ने लगी. एक पल तक वह झऱ्ति रही. जब वह झऱ चुकी तो उस'की टाँगें नीचे गिर गयी. अब मैने भी उस'की चूत से अपना लंड निकाला और मधु के मूँ'ह में दे दिया.

यह ले साली चूस तेरी मा का माल लगा है इस पर, स्वाद ले आप'नी मा के माल का जिस'से तू बनी है, चल चूस इस मस्ताने लंड को और वह मेरे लौऱे को मूँ'ह में ले छाप छाप कर'ती चूस'ने लगी. ऊपर से ले कर मेरे आन्डोन तक उस'ने मेरे लंड से अपनी मा का सारा माल सॉफ कर दिया था. चाची की टाँगें अब भी मेरे दोनों तरफ थी. वह अपनी बेटी को मेरा लंड चूस'ते हुए देख रही थी. जब'की रूचि मेरे पीठ पे थी. वह अब पीठ से ही दोनों हाथ मेरे दोनों तरफ कर'के मेरी छ्चाटी को सहला रही थी. जब उस'ने मेरा लंड सॉफ कर दिया तो मैने रूचि को पीच्चे से पकऱ कर आगे लाया और उसे कुतिया की तरह किया.

अब रूचि अपनी मा के बाजू मैं कुतिया की तरह चोपाया बनी थी.. मैं उस'की मा की टाँगों से बाहर आया और रूचि के पीच्चे हो गया. अब मेरा लंड रूचि की गान्ड के पास था. मैने मधु से कहा की,

तबले से मक्खन लाओ वह समझ गयी की मैं रूचि की गान्ड मारूँगा. वह फॉरन मक्खन ले आई. रूचि'ने कहा की,

विशाल मेरी गान्ड मेरी मा के साम'ने मारो'गे, आह,,, क्या मज़ा आएगा? मैने मधु से कहा की,

मेरे लौऱे पर और रूचि की गान्ड के च्छेद पर मक्खन लगाओ. उस'ने वैसे ही किया. चाची अब भी अपनी बेटी को कुतिया की तरह बनी देख रही थी. जब मधु'ने मेरे लंड और रूचि की गान्ड में मक्खन लगा दिया तो मैं बोला,

अब मेरा लंड अपनी बहन के गान्ड के च्छेद पर रख. वह किसी दासी की तरह मेरा हर हुकाँ मान रही थी. उन'की मा देख रही थी.. के अब क्या होगा, जब मेरा लंड रूचि की गान्ड पर वह रख चुकी तो उस'ने मेरी तरफ देखा. मैने मधु की आँखों मैं देख'ते हुए अपना लंड रूचि की गान्ड मैं डालना शुरू किया. जैसे ही मेरे लौऱे का सुपारा उस'की गान्ड के च्छेद मैं गया उस'ने एक ज़ोर की दर्द भारी सिस'कारी दी,

ऊूुुुुुउउइईईई, बहुत दर्द हो रहा है. मैं रुका नहीं आप'ने लंड को आख़िर तक उस'की गान्ड मैं धकेल दिया. जब मेरा पूरा लंड उस'की गान्ड मैं चला गया तो मैने हल्के हल्के झट्के लगा'ने शुरू किया. उस'की मा अब भी अपनी बेटी को गान्ड मरवााती देख रही थी. रूचि को अब मुझ से गान्ड मरवा'ने मैं इतना दर्द नहीं हो रहा था क्योंकि मैं उस'की गान्ड काई बार ले चुका था. मधु अब भी मेरे पास बैठी थी. वह अपनी बहन के चुत्तऱ पर हाथ फ़ायर रही थी. रूचि मुझे अब तेज चोद'ने को बोल रही थी..

विशाल और चोदो मेरी गान्ड हान्ं और तेज मज़ा आ रहा है. आ मधु मेरे पास और रूचि आप'ने हाथ उस'की चूत पर ले गयी. रूचि'ने मधु की चूत सहलानी शुरू कर दी. बीच बीच में वह अपनी छोटी बहन की चूत में अंगुल भी कर देती. रूचि इस'से और मस्त हो गई. अब वह मेरे हर झट्के के साथ ही अपनी गान्ड को पीच्चे की तरफ धकेल रही थी और वह अब जोश मैं औऊल फ़ाऊल बक रही थी..

विशाल देख मेरी मा को कैसे रन्डी की तरह अपनी बेटी की चुदाई देख रही है.. देख मा तेरी बेटी की गान्ड मैं विशाल का लंड है.. विशाल क्या मा की गान्ड मारी थी तुम ने, साली बऱी मट'का मट'का के चल'ती है. तेज हाय माआआ क्या विशाल से गान्ड मरवाई है की नहीं. विशाल और तेजज़्ज़्ज. क्या मज़ा है रे तेरे लौऱे मैं देख ना मेरी मा भी तेरे लौऱे की आशिक़ हो गयी है. कैसे चूत उठा उठा के छुड़वा रही थी तुम से. ऊह और 2 या 3 मिनिट बाद ही वह झऱ गयी. .

और फिर अपनी मा के पास ही पेट के बाल गिर गयी. तेज तेज साँसें ले रही थी. मेरे झऱ'ने मैं बहुत वक़्त था. मैने मधु को पकऱ के आप'ने नीचे लिट दिया. उस'की टाँगों मैं आ गया. मेरा लंड पर अब भी मक्खन लगा था. मैने मधु की टाँगों को आप'ने कंधों पर रखा और लौऱे को उस'की चूत के च्छेद पर टीका एक ही झट्के में पूरा लंड उस'की चूत में धंसा दिया. उस'के मूँ'ह से चीख निकल गयी..

उईईईई.... मेरीए माआ इस'ने तेरी बेटी को मार डाला. मैने अब उसे धुंवा धार तरीके से चॉड्ना चालू कर दिया था. वह एक पल तक तो दर्द से चिल्लती रही फिर उसे भी मज़ा मिलना शुरू हो गया. अब वह दर्द से नहीं उत्तेजना से सिसक रही थी..

विशाल और चोद मुझे. Pहाऱ डाल मेरी चूत को. अब माआ को मेरे लिए किसी बऱे लौऱे वाले का रिश्ता देखना होगा क्योंकि अब छ्छो'ते लौऱे का मुझे मज़ा नहीं मिलेगा. विशाल काश तुम मेरे पति हो'ते हाअ. मैं सारी ज़िंद'गी तुम्हारे कदमों मैं गुज़ार देती हाअ. विशाल मार मेरी चूत और ज़ोर से. माआअ देख विशाल जैसा ही पति देखना मेरे लिए. ऊह.. लंड भी विशाल जैसा ही देखना, चाहे तो खुद चुद'वा के भी देख लेना. कितना मज़ा दे रहा है तेरी बेटी को और अब रूचि भी सीधी हो गयी थी. दोनों मा बेटी देख रही थी. मधु की चुदाई देख चाची अब फिर से गरम हो गयी थी क्योंकि वह अपनी चूत को मसल रही थी. मैने मधु को और जोश से चॉड्ना शुरू कर दिया जिस'से वह ज़ोर ज़ोर के कामुक सिस'कारी दे रही थी..

विशाल क्या लंड हाईईईई. मैं पागल हो जवँगी.. ऊह.. माआ देख अपनी बेटी को. ऊह.. कैसे छुड़वा रही है.. विशाल मैं झऱ'ने वाली हून. कुच्छ 10 मिनिट की चुदाइ के बाद वह झऱ'ने लगी.

हाय मेरी चुदैल माआ मैं झऱ रही हून.. देख तेरी बेटी झऱ रही है.. ऊह और वह शांत हो गयी झऱ'ने के बाद पर मैं अब भी नहीं झऱ था. अब मैने चाची पर तवाज्जू दी. मैने मधु की चूत से लंड निकाला और चाची के पास गया. मैने चाची को कुतिया की तरह होने को बोला वह फॉरन ही कुतिया की तरह चोपाया हो गयी. मैने रूचि से मक्खन माँगा तो उस'ने मुझे मक्खन दिया और बोली,

लगता है मा की गान्ड आज लौऱे का मज़ा लेगी. उस'ने आप'ने ही हाथों से अपनी मा की गान्ड के च्छेद पर मक्खन लगाया और मेरा लंड तो पहले से ही मधु की चूत के माल से भरा था. मैने चाची की गान्ड के च्छेद पर लंड रखा और एक झट्क मारा. वह दर्द से चिल्ला उठि.

मैं मार गयी.. मैने दूसरा झट्क दिया जिस'से वह फिर चिल्ला'ने लगी..

विशाल हा'य ! निकालो. बहुत दर्द हो रहा है. वी माआ. मैने एक और झट्क दिया जिस'से मेरा लंड चाची की सन्कऱी गान्ड मैं आधा तक उतार गया. आंटी की चीखें निकल गयी वह चिल्ला रही थी..

मैं मार गाइ. मेरी गान्ड फॅट गयी. ओई. मैं मार जवँगी. हा'य ! विशाल मेरे पर रहम कर. . मैं तो उस'की दर्द भारी चीखैईं सुन के और मज़े मैं आ गया. मैने झट्के पे झट्के देता रहा अब तक मेरा पूरा लंड उस'की गान्ड मैं नहीं चला गया. चाची की आँखों मैं आँसू थे. वह दर्द के मारे रो रही थी. मैं बिना रुके गान्ड मराई करता रहा और वह दर्द से चिल्लाटी रही. फिर मैने रूचि को कहा की,

रन्डी अपनी मा की चूत को सहला, उसे अंगुल कर, उस'ने अपनी मा को अंगुल चुदाई करनी चालू कर दी. एक या दो मिनिट के बाद ही उसे मज़ा आ'ने लगा अब चाची अपनी गान्ड को पीच्चे को मार रही थी. जिस'से मेरा लंड पूरा उस'की गान्ड मैं घुस रहा था. वह उत्तेजना मैं सिसक रही थी..

विशाल अब मज़ा आ रहा है. शाबास ! और तेज चोद मेरी गान्ड को. रूचि बेटी देख मैने भी आज अपनी गान्ड मैं लंड ले लिया है.. वह भी घोरे का लंड, कितना बऱ लंड है.. . इश्स दौरान मधु हमें देख रही थी. मैं पूरे जोश से चाची की गान्ड मार रहा था. फिर कुच्छ वक़्त के बाद ही चाची झऱ'ने लगी..

विशाल मैं झऱ रही हून.. तेजज मार. आह देख रूचि बेटी तेरी मा झऱ रही है. आ उः और वह झऱ गयी क्योंकि उस'की गान्ड बहुत सन्कऱी थी. मुझे भी पूरा मज़ा मिल रहा था. अब मैं भी झऱ'ने के करीब था. मैने कहा की,

मेरी रागिनी रानी मैं भी झऱ'ने वाला हून.. लेकिन तेरी गान्ड मैं नहीं झऱून्ग. मैं तो अपनी रानी रूचि के मूँ'ह में झऱून्ग. रूचि आ मेरे लौऱे को चूस और मैने अपना लंड चाची की गान्ड से निकाल के रूचि के मूँ'ह में दे दिया..

और उस'ने मेरे लौऱे को पूरा ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से चाट्न शुरू किया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उस'ने अपना मूँ'ह खोला और मेरे लौऱे को आप'ने मूँ'ह में ले कर चूस'ने लगी..

रूचि अपनी मा के गान्ड से निकाला हुआ लंड कैसे लगा तुम्हें स्वाद मैं. चूस इस मस्ताने लंड को.. रन्डी चूस इस मस्ताने लंड को.. ऊह.. तेरी मा की गान्ड से निकाला हुआ लंड है. मैं झऱ'ने लगा वह और जोश से छूसा कर रहही थी. मेरे सारा माल उस'के मूँ'ह में गायब हो रहा था. उस'ने एक बूँद भी ज़ाया नहीं किया. सारा पी गयी. जब मैं झऱ चुका तो उस'ने मेरा लंड आप'ने मूँ'ह से निकाला और आप'ने होंठों पर जीभ फेर'ने लगी. साथ ही अपनी मा और बहन को देख रही थी. मैं अब नीचे लेट था. उन तीनो'ने मुझे घेर रखा था. मैं सोच रहा था की आज तो मा और बेटियों की खूब ली मैने लेकिन अभी तो सुरुआत है. मैं अपनी जगह से उठा और बेड रूम मैं चला गया. मुझे आप'ने दोस्तों को फोन भी तो करना था प्लान के मुताबिक और फिर उन्हें चाची के घर जाके कौशल को भी पकऱ के साथ लाना था.

rajaarkey
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Re: बदले की आग

Unread post by rajaarkey » 12 Dec 2014 22:17

बदले की आग (भाग - (12)

आज मेरा बाद'ला काफ़ी हद तक पूरा हो गया था . मैं कामिनी की चाची रागिनी को उस'की दोनों बेटियों मधु और रूचि के साम'ने चोद चुका था. साथ ही उस'की बेटियों को भी उन'की मा के साम'ने चोद चुका था. परंतु अभी असली गुनाह'गार, कौशल बाकी था. मैने तीनों को घर से चलता किया और दूसरे दिन ठीक सुबह 10 बजे घर आ जाने का उन तीनों को कह दिया. तीनों आप'नी चुदी हुई चूत लेके वापस चली गई. मैं आप'ने काम में जुट गया.

मैने उन दोनों दोस्तों को फोन किया जिन'को मैने इस काम के लिए पह'ले ही तैयार कर रखा था. उन्हें सारा प्लान सम'झा दिया. मेरे दोस्त मेरे प्लान से बहुत खुश थे और वे जैसे मैं चाह'ता था उसे कर'ने के लिए पुर तैयार थे. होते भी क्यों ना उन्हें तो एक मस्त मा आप'नी दो जवान बेटियों के साथ चोद'ने के लिए मुफ़्त में मिल रही थी. कामिनी को उस'की मौसी के घर से वापस आने में अभी भी 6 दिन और बाकी थे और इन 6 दिनों में मैं घर में खुल के उस'के चाचा के पुर परिवार से मान चाहा बदला ले सकता था.

दूसरे दिन सुबह ठीक 10 बजे रागिनिजी आप'नी दोनों बेटियों के साथ मेरे घर पाहूंछ गई. मैने उन्हें लेके बैठक में आ गया. मैं जाके सोफे पे बैठ गया और तीनों को पूरी नंगी हो जाने के लिए कहा. साथ ही उन्हें हिदायत दे दी की यदि फिल्म वापस लेनी है तो बिना सवाल जबाब किए जैसे मैं कहूँ वैसे ही कर'ती जाएँ. तीनों उठी और आप'ने कप'रे एक एक कर'के खोल'ना शुरू किया. कुच्छ ही देर में तीनों मेरे साम'ने मोतेर्जात नंगी थी.

मैने मधु को आप'ने पास बुलाया वह अपनी मेरे पास आई. मैने उसे अपनी गोद मैं बिताया और उस'की चूचियाँ से खेल'ने लगा जब'की उस'की मा और बहन दोनों हमें देख रही थी. मैने रूचि से कहा की,

रूचि चलो हमें कॉफी बना के पिलाओ वह अपनी जगह से उठि और रसोई मैं चली गयी. जब'की मैं मधु के स्तन की अब छूसा कर रहा था. वह सिसक रही थी. चाची सोफे मैं बैठी हुई हमें देख रही थी. मैने मधु के टाँगें खोली और उस'की चूत पर हाथ फेर'ने लगा अब चाची अपनी जगह से उठि और हमारी टाँगों के पास आ गयी. मेरी अंगुल को अपनी छोटि बेटि की चूत में जाता देख रही थी. चाची को गरम होने मैं एक पल भी नहीं लगा वह फॉरन अपनी चूत को अंगुल कर'ने लगी. जब'की मधु मज़े मैं सिसक रही थी. मैने मधु की टाँगों को और खोला और चाची से कहा की,

चलो रन्डी आओ मेरे लौऱे को और साथ ही आप'नी बेटी की चूत को चूसो. वह तो जैसे इसी के लिए बैठी थी. मेरे कहा'ने की देर थी की वह फॉरन ही हमारी टाँगों मैं चली आई और मेरा लंड जो की मधु की चूत पर था, उसे हाथों मैं ले कर छूसा चालू कर दी. साथ ही वह अपनी ज़ुबान मधु की चूत पर भी चला रही थी. जिस के कारण मधु मज़े मैं आ गयी और मैं भी.

चाची क्या लौऱे को चूस'ती हो और चूसो. अहः... मधु देख अपनी रन्डी मा को कैसे छूसा कर रही है.. उ.... ओह और मधु नीचे अपनी मा को मेरे लौऱे की छूसा कर'ते हुए देखती रही. मैं बहुत ही मज़े मैं आ गया था. जिस के कारण मैं उसे रन्डी और कुट्टिया के नामों से पुकार रहा था. जब'की उस'की छोटि बेटी मेरी गोद मैं थी. फिर मैने मधु से कहा की,

अपनी मा के मूँ'ह को अपनी चूत पर रखो तुम्हें भी अपनी रन्डी मा की जीभ का मज़ा मिले. मधु'ने अपनी मा को सिर के बालों से पकऱ कर अपनी चूत पर उस'का मूँ'ह दबाना शुरू कर दिया. जैसे ही उस'की मा की जीभ उस'की चूत में गयी. उस'ने सिस'कारी ली..

माआ. और चूसो. विशाल अब तुम देखो मेरी मा मेरी चूत चाट रही है और उसी दौरान रूचि कॉफी की ट्रे ले कर बैठक मैं आई जब उस'ने अपनी मा को मधु की चूत चूस'ते हुए देखा तो उस'ने ट्रे तबले पर रख दी. हमें देख'ने लगी. मैने रूचि को भी ग़मे मैं शामिल किया. उसे आप'ने पास बुलाया और उसे कहा की,

चलो तुम मेरी रागिनी रानी की चूत को खूब चूसो और वह वहीं पे बैठ गयी. अपनी मा की चूत को चूस'ना चालू किया जिस'से उस'ने मधु की चूत से मूँ'ह हटाय और एक ज़ोर दार कामुक सिस'कारी डियी.

रूचि. उ.... ओह और फिर आप'ने काम मैं लग गयी. मैं तीनो को देख रहा था. मेरा लंड पूरा ताना हुआ था. कुच्छ 5 मिनिट के बाद ही दर'वाजा खुला और मेरे दोस्त कौशल को पाक'रे हुए अंदर आ गये. उसे कुत्ते की तरह घसीट'ते हुए बैठक मैं ला रहे थे. एक दोस्त ने उस'को घसीट'ते हुए उस'से कहा,

चल बे सेयेल यहाँ तक तो आ गया है अब चाँद कदमों के फ़ासले पर तेरा बाप तेरा इंत'ज़ार कर रहा है.

लेकिन यह तो विशाल का घर है. तुम मुझे पकऱ के यहाँ क्यों लाए हो.

चल बे सेयेल बहुत बोलता है. मुझे मेरे दोस्तों की आवाज़ आई और साथ ही एक'ने उसे इतनी ज़ोर का धक्का दिया की सीधा बैठक मैं आ के गिरा जबकि चाची और मधु और रूचि'ने आवाज़ें सुन'ते ही एक दूसरे को छोऱ के दर'वाजे पर नज़रें की हुई थी.. जैसे ही कौशल बैठक मैं गिरा तीनों'ने एक दूसरे को देखा फिर मुझे और फिर उन'की नज़रें कौशल पर गयी. अब चारो एक दूसरे को देख रहे थे. जब'की मेरे दोस्त दरवाज़े मैं खऱे उन्हें देख रहे थे. तब एक झट्के से कौशल अपनी जगह से उठा और उसे अब भी अपनी आँखों पर ऐट'बार नहीं आ रहा था. उस'की मा और बऱी बहन मेरे कदमों मैं नंगी बैठी थी और छोटि बहन मेरी गोदीई मैं बैठी थी. फिर उस'ने मुझे देखा, जब वह झट'का से बाहर निकला.

तो वह गुस्से मैं मेरी तरफ बढ लेकिन मुझ तक पाहूंछ'ने से पहले ही मेरे दोस्तों'ने उसे काबू कर लिया था. जब वह मेरी तरफ बढ तो मधु मेरी गोद से उतार कर भाग जाना चाह'ती थी. मैने उसे पकऱ के अपनी गोद मैं बिताया, वह फिर बैठ गयी. अब कौशल मुझे और अपनी मा और बहनों को गाली पे गाली दे रहा था.

साली रन्डियोन तुम तीनो यह क्या कर रही हो? मैं तुम सब को मार दूँगा. मेरे एक दोस्त'ने उसे पकऱ कर उस'के सारे कप'रे उतार दिए और उसे उसी'के कप'रों से सोफे पर बाँध दिया. वह अब नंगा बँधा था. हिल भी नहीं सक'ता था. मैने आप'ने दोस्तों को कहा की,

तुम ज़रा बाहर जाओ 5 मिनिट के लिए मैं ज़रा कौशल को ठंडा करूँ और दोनों बाहर चले गये. मैने कौशल से कहा,

क्यों बेटा क्या हाल हैं?

तुम मुझे क्यों पकऱ के लाए हो?

बताता हून. तेरी मा भी पुच्छ रही थी की मैने यह सब क्यों किया तो बेटा तुम'ने जो कामिनी के साथ किया था ना यह उस'का जवाब है. साले तुम उस'के भाई होके आप'नी रन्डी बहनों की मदद से उसे नींद की गोलियाँ खिलाके बार'बाद कर चुके हो.

क्या तुम्हें कैसे पता चला जो मैने कामिनी के साथ किया था. इस मैं मेरे घर वालों का क्या कसूर है.

बेटा बताता हून. फिर मैने उसे जो कुच्छ मैने उस दिन देखा और सुना था सब बता दिया. क्योंकि उस'के घर वालों ने भी किसी ना किसी तरह उस'का साथ दिया था इस'लिए यह भी मेरे बदले का निशाना बने. फिर कौशल'ने कहा की,

अब तुम क्या चाह'ते हो? मैने कहा की सबर करो तुम्हें सब पता चल जाएगा और मैने मधु को कहा की,

चलो भाई के पास जाओ और उस'के आन्डोन को हाथ मैं ले कर इतनी ज़ोर से दबाओ के मुझे उस'की दर्द भारी चीखें सुनाई दें. मधु कभी मुझे देख रही थी तो कभी मा और बहन को और कभी भाई को. मैने मधु से कहा की,

साली रन्डी की औलाद मैने तुम से क्या कहा है? चलो जल्दी करो वह दर'ते दर'ते कौशल के पास गयी.. कौशल उसे धाम'कियाँ दे रहा था की,

वह उसे मार देगा अगर उस'ने मेरा कहा माना तो पर मधु मेरी गुलाम हो चुकी थी. उस'ने आप'ने भाई के आन्डोन को हाथ मैं लिया और साथ ही हम सब को देखा और फिर उस'ने ज़ोर लगाया. जैसा जैसे वह ज़ोर लगा रही थी वैसे वैसे ही कौशल की चीखें निकल रही थी. फिर उस'ने उस'के आन्डोन को हाथों से छोऱ दिया. कौशल की आँखों मैं आँसू थे. वह दर्द के मारे चिल्ला रहा था. मैने मधु को वापिस अपनी गोद मैं बिता दिया. उस'के होठों को चूम लिया... फिर मैने कौशल से कहा की,

बेटा कैसा लग रहा है. तुम्हें ऐसा सबक दूँगा की तुम सारी ज़िंद'गी फिर किसी लऱ'की का बलात्कार नहीं कर सकोगे. मैने चाची से कहा की,

चलो रागिनी जानू मेरा लॉरा चूसो, तुम्हारा बैट भी तो देखे अपनी मा को छूसा कर'ते हुए. चल रन्डी बन जा फिर से वह मेरे लौऱे को हाथों मैं पाक'रा और फिर आप'ना मूँ'ह खोल के मेरा पूरा लंड ले लिया और किसी जन्म से भूखी औरत की तरह मेरा लंड चूस'ने लगी. मैने दोस्तों को आवाज़ दी. वह अंदर आए. मैने उन्हें कहा की,

तुम्हारा इनाम मधु और रूचि है, चलो मज़े करो. वह तो जैसे मेरे कह'ने का इंत'ज़ार कर रहे थे. दोनों ने कप'रे उतार'ने मैं एक पल भी नहीं लगाया. मैं तो आप को आप'ने दोस्तों के नाम बताना भूल गया. एक का नाम मुन्ना और दूसरे का नाम गजजू, तो गजजू और मुन्ना अब नंगे खऱे थे लेकिन जब हम सब की नज़रें मुन्ना के लौऱे पर गयी तो हम सब उस'के लंड को देख'ते ही रहे और मुझे अपना 9.5' ळौऱे को देख कर भी जलन हो रही थी. साले का आड़'मी का लंड था की वाक़ई घोरे का लंड, 10.5" से कम का नहीं होगा .

रूचि और मधु की नज़रें तो उस'के लौऱे से हट ही नहीं रही थी. जब'की मा के मूँ'ह में पानी आ गया था, इतना बऱ लंड देख के. गजजू के लौऱे का आकार भी अच्च्छा था. 9' का तो होगा ही पर मुन्ने का लंड ख़ौफ़'नाक था. मैने कहा की,

सेयेल नाम तो मुन्ना है और लंड घोरे का है. वह बोला,

क्या करूँ यार कभी कभी होता है ऐसे भी फिर दोनों रूचि और मधु की तरफ बढ़े गजजू'ने मधु को पाक'रा और मुन्ना'ने रूचि को और दोनों'ने उन्हें वहीं पे लिट दिया. मुन्ना'ने रूचि की चूत की छूसा करनी शुरू कर दी. जब'की गजजू'ने अपना लंड मधु के मूँ'ह में दे दिया.. कौशल अपनी बहनों को देख रहा था. खुद को आज़ाद कर'ने की कौशीष कर रहा था. चाची अब भी मेरे कदमों मैं बैठी थी. अपनी बेटियों को देख रही थी. जब'की रूचि अब सिसक रही थी. मुन्ना से कह रही थी..

खूब चूसो मेरी चूत. बहुत मज़ा आ रहा है. ओई और मधु किसी कुतिया की तरह गजजू के लौऱे को चूस रही थी. यह सब देख कर चाची भी गरम हो गयी. उस'ने मेरा लंड आप'ने मूँ'ह में ले लिया और छूसा चालू कर दी. साली अपनी बेटियों के मुक़ाबले मैं थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने चाची का सर आप'ने हाथों मैं लिया और आप'ने लौऱे को उस'के मूँ'ह में घुसेऱ'ने लगा अब मैं उस'के मूँ'ह को चोद रहा था. मैं आप'ने लौऱे को जितना हो सके उस'के मूँ'ह में दे रहा था. मैने मुन्ना को देखा उस'ने अब रूचि की चूत में अपनी जीभ डेडी. उसे अपनी जीभ से चोद रहा था. जब'की रूचि के मूँ'ह से कामुक सिस'कारी जारी थी. वह उसे और ज़ोर से कर'ने का कह रही थी. गजजू मधु के मूँ'ह में लंड दिया हुआ था. साथ ही उस'की चूत को अंगुल कर रहा था. मधु भी जोश मैं थी..

मैने चाची के मूँ'ह से लंड निकाला और उसे वहीं कुतिया की तरह होने को कहा और मैं उस'के पीच्चे आ गया. आप'ने लौऱे को उस'की चूत के होठों पर रख के एक ज़ोर का झट्क दिया. मेरा लंड आधे से अधिक उस'की चूत में चला गया. उस'ने एक ज़ोर की चीख मारी सब हमारी तरफ देख'ने लगे. जब'की गजजू बोला की,

यार क्या मा की चूत फाऱ के छोऱेग, साली को दर्द कर रहा है. मैं तो जोश मैं था. मैने एक और झट्क दिया. मेरा पूरा लंड उस'की चूत में घुस गया. उस'ने एक और चीख मारी अब मैं उस'की चूत धुंवा धार तरीके से चोद रहा था. अब वह सिसक रही थी. दर्द से नहीं यारो अब उसे मज़ा मिल रहा था. साथ ही उसे अपनी बेटियों को भी आक्षन मैं देख रही थी. जब'की अब गजजू'ने मधु के मूँ'ह से लंड निकाला और उसे 69 पोज़िशन मैं ले गया. अब वह एक दूसरे की छूसा कर रहे थे.

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