एक औरत की दास्तान compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: एक औरत की दास्तान

Unread post by rajaarkey » 14 Oct 2014 15:02

एक औरत की दास्तान--13

गतान्क से आगे...........................

"आए. उठो और चलो हमारे साथ. अदालत की सुनवाई का टाइम हो गया है." एक लेडी कॉन्स्टेबल ने आकर दरवाज़ा खोला तो स्नेहा अपनी सोच से बाहर आई. उसने एक नज़र इधर उधर डाली और फिर कॉन्स्टेबल को देख कर खड़ी हो गयी..

"आओ मेरे पीछे पीछे." कॉन्स्टेबल ने इशारा किया तो स्नेहा उसके पीछे चल दी.

उसके आस पास करीब 5 पोलीस वाले थे जिनमें दो लेडी कॉन्स्टेबल थी. उसे पोलीस स्टेशन से बाहर लाया गया और वहीं खड़ी एक पोलीस वॅन मे बैठा दिया गया और फिर वॅन चल पड़ी.

करीब आधे घंटे के सफ़र के बाद वो लोग कोर्ट के सामने खड़े थे.. कोर्ट के सामने लोगों की भारी भीड़ थी जिसे कंट्रोल करने मे पोलीस को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी. सब लोग ये जानने के लिए उतावले थे कि आख़िर कोर्ट क्या फ़ैसला करती है.

उसे वॅन से उतारकर कोर्टरूम मे ले जाया गया और वहीं एक कटघरे मे खड़ा कर दिया गया.

वो पूरा रूम लोगों की भीड़ के कारण पूरा भरा हुआ था. सब आपस मे यही बातें कर रहे थे कि आख़िर कोर्ट का फ़ैसला क्या होगा.

लोगों ने जहाँ तक सुना था उसके अनुसार कोर्ट को स्नेहा को बेकसूर मान कर रिहा कर देना चाहिए था.. मगर क़ानून की नज़रों मे एक खूनी तो खूनी ही है और स्नेहा ने वीर सिंग का खून किया था इसलिए उसे आज यहाँ खड़ा होना पड़ा था..

तभी जड्ज के अंदर आने की अनाउन्स्मेंट हुई और ये सुनकर सभी लोग खड़े हो गये.. कुछ देर बाद ही जड्ज भी अंदर आ गया..

वो एक 50 साल के करीब का नाटा सा आदमी था या यूँ कह लें कि बुद्धा था.. वो आते ही अपनी कुर्सी पर बैठ गया और सभी लोगों को बैठने का इशारा किया..

"अदालत की कारवाई शुरू की जाए.." उसने बुलंद आवाज़ मे एलान किया जिसे सुनकर दोनो पक्षों के वकील अपनी अपनी काली कोर्ट सीधी करने लगे..

"माइ लॉर्ड.." विपक्षी वकील ने खड़े होते हुए कहा..

"माइ लॉर्ड.. जैसा कि यहाँ खड़े सभी लोग जानते हैं कि कटघड़े मे खड़ी ये मासूम सूरत वाली लड़की देखने मे जितनी मासूम है उतनी है नही.. इसकी मासूम सूरत के पीछे एक खूनी छिपा हुआ है.." ये बोलकर वो कुछ देर रुका और फिर बोलना जारी रखा..

"जैसा कि सब जानते हैं.. इस लड़की ने अपने पति राज सिंघानिया का खून किया है और ऐसा करते हुए वहाँ खड़े नौकरोने ने देखा था..जो इस खून के चस्मदीद गवाह हैं..इसलिए मेरी अदालत से दरख़्वास्त है कि मुलज़िमा को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए.. थ्ट्स ऑल."

ये बोलकर वो वकील वापस अपनी सीट पर आकर बैठ गया..

"मेरे काबिल दोस्त ने बहुत कुछ बोल तो दिया माइ लॉर्ड.." स्नेहा के वकील ने खड़े होते हुए कहा..

"मगर ये नही बताया कि स्नेहा ने उसे क्यूँ मारा.. सच्चाई तो ये है माइ लॉर्ड की वो आदमी राज था ही नही बल्कि उसकी शकल मे छिपा वीर सिंघानिया था.." ये बात सुनकर पूरे कोर्ट रूम मे शोर होने लगा.. सब यही पूछ रहे थे एक दूसरे से की आख़िर ये हो क्या रहा है..

"ऑर्डर ऑर्डर" जड्ज ने सबको शांत करने के लिए बगल मे रखा हथोदा बजा दिया..

"इसका कोई सबूत है आपके पास कि वो राज नही था..?" जड्ज ने पूछा तो उस वकील के पास कोई जवाब नही था..

"विदाउट एविडेन्स, यू कॅन'ट डू एनितिंग मिस्टर. लॉयर" जड्ज ने मुस्कुराते हुए कहा..

"क्या मुलज़िमा को अपना गुनाह कबूल है..?" जड्ज ने अब अपना सर स्नेहा की तरह करते हुए कहा..

जिसके जवाब मे स्नेहा ने अपनी गर्दन हिलाकर हां का इशारा किया..

"एक मिनिट स्नेहा.. " सबकी नज़र उस आवाज़ की तरफ घूम गयी.. ये और कोई नही बल्कि रवि था और उसके पीछे पीछे रिया भी थी..

"जड्ज साहब मैं कुछ बोलने की इज़ाज़त चाहता हूँ.." रवि ने आगे आते हुए कहा जिसपर जड्ज ने सहमति दे दी..

"थॅंक्स माइ लॉर्ड" कटघड़े मे आते ही रवि ने जड्ज का धन्यवाद किया जिसे जड्ज ने गर्दन हिलाकर स्वीकार कर लिया..

"माइ लॉर्ड स्नेहा बिल्कुल बेकसूर है.. और इसके सारे सबूत मेरे पास हैं.." ये बोलकर रवि ने अपनी जेब से एक पेन ड्राइव निकाल ली..

"माइ लॉर्ड.. ये है वो सबूत है जो स्नेहा को बिल्कुल बेगुनाह साबित कर देगा.." जड्ज ने इशारा किया तो नीचे मे बैठे आदमी ने वो पेन ड्राइव रवि के हाथों से ले लिया..

rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: एक औरत की दास्तान

Unread post by rajaarkey » 14 Oct 2014 15:03

"जड्ज साहब, इस पेन ड्राइव मे एक वीडियो है जो स्नेहा को बिल्कुल बेकसूर साबित कर देगा.. ये वीडियो मैने तब लिया था जब उस दिन मैं राज के घर के आगे से गुज़र रहा था.. मैने वहाँ बहुत शोर शराबा सुना और उस तरफ चल पड़ा पर वहाँ पता चला कि अंदर राज पागल हो गया है और जग्गू काका को मार दिया है.. मैं अंदर जाने ही वाला था कि मुझे लगा कि कहीं मेरी जान पर ख़तरा ना हो जाए इसलिए मैने एक खिड़की से ये सब देखने का प्लान बनाया.. जब मैं खिड़की के पास गया तो पाया कि राज ने स्नेहा के ऊपर गुण तान रखी है और उसे अपने वीर होने की सच्चाई बता रहा है.. इसलिए मैने सोचा कि ये वीडियो ले लूँ क्यूंकी अगर स्नेहा मरती तो मैं वीर को ब्लॅकमेल करके पैसे ऐंठ सकता था.. पर वहाँ तो उल्टा वो ही मर गया था.." उसकी ये बात सुनकर फिर पूरे कोर्ट मे शोर होने लगा..

"मिस्टर. रवि.. क्या आप जानते हैं कि ब्लॅकमेलिंग करना क़ानूनन जुर्म है..?"जड्ज ने पूछा तो रवि ने हां मे गर्दन हिला कर माफी माँग ली.. इसके बाद जड्ज ने इशारा किया और वो वीडियो पूरे कोर्ट के सामने चलाया गया जिसमें राज अपने वीर होने की बात कबूल रहा था और स्नेहा पर गन ताने खड़ा था.

वो वीडियो देखकर एक बार फिर कोर्ट मे शोर होने लगा जिसे जड्ज को फिर शांत करवाना पड़ा..

"जैसा कि हम ने इस वीडियो मे देखा कि वीर ही राज था और उसने ऐसा प्लास्टिक सर्जरी के ज़रिए किया था मगर फिर भी इस वीडियो की टेस्टिंग करवानी ज़रूरी है क्यूंकी आजकल मार्केट मे बहुत से वीडियो एडिटिंग टूल्स आ गये हैं इसलिए ये आदेश दिया जाता है कि इस वीडियो को टेस्टिंग लॅब मे भेज दिया जाए और इस केस का फ़ैसला अगली तारीख तक के लिए टाला जाता है.." ये बोलकर जड्ज अपनी कुर्सी से उठ गया..

******************

"चियर्स !!" स्नेहा, रिया और रवि एक कमरे मे बैठे थे और तीनो के हाथों मे शराब के ग्लास थे.. आज ही स्नेहा की रिहाई हो चुकी थी इसलिए उसने इस ख़ुसी मे रवि और रिया को पार्टी दी थी..

कुछ देर पीने के बाद तीनो एक दूसरे की तरफ देखकर पागलों की तरह हस्ने लगे..

"अच्छा बेवकूफ़ बनाया दुनिया को तुमने स्नेहा.." रवि ने हस्ते हुए कहा..

"अरे ये दुनिया तो है ही बेवकूफ़.. और कितना बेवकूफ़ बनाना इसे..?" स्नेहा ने भी हस्ते हुए जवाब दिया.. फिर उसने शराब की ग्लास टेबल पर रख दी..और बोलने लगी..

"उस दिन जब रिया मेरे पास सारे प्लान लेकर आई थी तो पहले मुझे इसमें बहुत बड़ी बुराई नज़र आई मगर फिर काफ़ी सोचने के बाद मैने हां कर दी थी.." स्नेहा ने मुस्कराते हुए कहा..

"मेरी नज़र तो राज के पैसों पर काफ़ी दिनो से थी मगर उसके पास मेरे इतना प्रींगनेन्सी का नाटक करने के वाबजूद भी जब बात नही बनी तब मैं तुम्हारे पास आई थी" रिया ने कहा..

"अरे तुम दोनो अपनी छ्चोड़ो तुम दोनो ने तो मुझे भी इस प्लान मे शामिल कर लिया हाहाहा.." ये बोलकर रवि भी जानवरों की तरह हस्ने लगा..

"वो तो है... प्लान के अनुसार ही काम करते हुए मैने पहले राज से प्यार का नाटक किया और फिर उससे शादी कर ली.. उसके बाद मैने वीर को भी अपने चुंगुल मे फँसा लिया और फिर राज को उस मंदिर मे बुलवाकर उसका खून करवा दिया और उसकी लाश को जलवा दिया.. और इस सब मे मेरा साथ दिया मेरे एक मोहरे वीर ने.. वो बेचारा भी मेरे प्यार के जाल मे फँस गया और मेरे कहने पर ही उसने प्लास्टिक सर्जरी भी करवा ली.." इसके बाद स्नेहा रवि और रिया की तरफ देखने लगे जो कि अब भी हस रहे थे और फिर बोलना जारी रखा..

"इसके बाद मैने ज़हेर के द्वारा अपने बाप को भी मरवा दिया क्यूंकी वो मेरा प्लान जान चुका था और मुझे अपनी जायदाद से बेदखल करने की बात कर रहा था..

मैने धोखे से राज की कंपनी का सारा पैसा अपने अकाउंट मे ट्रान्स्फर करवा लिया और वीर की जयदाद भी अपने नाम करवा ली.. और वो बेवकूफ़ मेरे प्यार मे ऐसा पागल था कि उसने ऐसा कर भी दिया.." ये बोलकर स्नेहा एक बार फिर ज़ोरों से हस्ने लगी.. बड़ी मुश्किल से उसने हसी को काबू किया और फिर बोलना जारी रखा..

rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: एक औरत की दास्तान

Unread post by rajaarkey » 14 Oct 2014 15:03

"मगर उस कमीने को हमारे प्लान के बारे मे पता चल गया और उस दिन वो मुझे ही मारने घर आया था पर वो जग्गू बुद्धा भी मारा गया और उसके साथ साथ खुद वीर भी.. मैने जान बूझकर खुदको पोलीस से पकड़वाया और कोर्ट गयी ताकि दुनिया वालों का शक़ मुझ पर से हमेशा के लिए उठ जाए.. और पहले से बेवकूफ़ बन रही दुनिया को एक बार और बेवकूफ़ बनाया.." ये बोलकर तीनो हस्ने लगे और तबतक हंसते रहे जब तक उनकी आँखों मे आँसू ना आ गये...

"और इन सब कामों मे तुम लोगों ने मेरा बखूबी साथ दिया.." स्नेहा ने अपनी हसी रोकते हुए कहा..

"मगर एक बात समझ नही आई कि तुमने ठाकुर साहब को चाकू क्यूँ मरवाया जब तुमने उन्हें ज़हेर देकर मार ही दिया था..?" रिया ने पूछा तो स्नेहा मुस्करा दी..

"इसलिए ताकि उन्हे लगे कि उसे चाकू से मारा गया है मगर आजकल के ज़माने मे सच को छुपा पाना बहुत मुश्किल काम है इसलिए मुझे नौकरानी के मुह्न मे और पैसे ठूँसने पड़े ताकि वो मेरी जगह राज यानी कि वीर की नाम ले.." स्नेहा ने कहा और फिर खड़ी होकर इधर उधर घूमने लगी..

"और वो तुम्हारे पेट मे जो बच्चा पल रहा है उसका क्या..?" रिया ने पूछा तो स्नेहा ने फिर से उसकी तरफ मुस्कराते हुए देखा..

"तुम्हें क्या लगता है कि सिर्फ़ तुम्ही झूठी प्रेग्नेन्सी का नाटक कर सकती हो..?" स्नेहा ने उसी अंदाज़ मे कहा..

"अब आगे का क्या प्लान है..?" रवि ने पूछा तो स्नेहा के चेहरे पर फिर से एक शैतानी मुस्कान छा गयी..

"विदेश जाउन्गि घर खरिदुन्गि और आराम से जिंदगी बिताउन्गि" स्नेहा ने हस्ते हुए कहा..

"बाइ दा वे अब हमे भी चलना चाहिए.. तुम्हें हमारा हिस्सा तो याद है ना.." रिया और रवि ने खड़े होते हुए कहा..

"तुम्हारा हिस्सा तो अब राज ही दे पाएगा.." स्नेहा ने हंसते हुए कहा..

"इससे क्या मतलब है तुम्हारा..?" रवि ने अश्मन्जस से कहा... और इससे पहले कि वो कुछ समझ पाता दो गोली सीधे उसके सीने के आर पार हो गयी.. और उसने गिरते गिरते पाया कि रिया क़ी भी अब मौत होने वाली है..

उसने स्नेहा की तरफ नज़र डाली तो पाया कि वो जोरों से हंस रही है और इसके साथ ही वो मौत के मुह्न मे चला गया..

दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना तो फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा

दा एंड


Post Reply