चाचा चाची की चुदाई compleet

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007
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Re: चाचा चाची की चुदाई

Unread post by 007 » 13 Dec 2014 20:26

अगले दिन चाचा गाओं से लौट आए। सूरज दिन भर तो पढ़ाई- लिखाई और घर के कामों में बिज़ी रहा. रात को जल्दी ही खाना खाने के बाद सूरज सोन एके लिए आया. चाचिजी उसके लिए दूध लाई. चाचजी तो पलंग पेर ही खाली लूँगी पहने लेते हुए थे. चाचिजी ने खुद सूरज को अपने हाथो से दूध पिलाया फिर उन्होने लाइट बुझाए बगैर ही अपने कापरे खोल कर नाइटी पहन ली. सूरज का ये द्रश्य देख कर लंड खरा हो गया उसकी लूँगी फिर तंबू बन रही थी और उसको चाचजी के सामने शरम आ रही थी. चाचिजी उसके पास आई और एक ही झटके में उसकी लूँगी उप्पेर कर चड्डी खिसका दी और लंड चूसने लगी. सूरज को शरम आअ रही थी. उधर चाचिजी ने अपनी नाइटी उतार दी थी. “ चाचजी देख रहे हेँ चाचिजी,’ सूरज बोला.” देखने दे बेटा उन्होने अब तक मेरी चूत में कई मोटे लंड जाते देखे हेँ,’ चाचिजी हस्ते हुए बोली. सूरज का बेकाबू लंड चाचिजी के मूह को चोद रहा था.

सूरज से ज़्यादा सब्र नहीं हो रहा था. उसको पता था पहली बार वो ज़्यादा कंट्रोल नहीं कर पाता है और चाचिजी जैसे मंजे हुए खिलाड़ी को ये बात पता थी. चाचिजी उसका मोटे लंड लॉलीपोप की तरह चूस रही थी और उसके चिकने आँड सहला रही थी. चाचा के डर से चुप बैठे सूरज का एक मिनिट मे पानी चाचिजी के मूह में छूट गया उसके मूह से एक ज़ोरदार चीख निकल. चाचिजी उसके पानी को रस की तरह चाट गयी. उसके लंड को वे तब तक दबाती रही जब तक सूरज के रस की आखरी बूँद खाली नही हो गयी. सूरज का लंड जैसे ही सुस्त पड़ा चाचजी कापरे खोल कर नीचे आ गये. उन्होने चाची को सीधा लिटाया और उसके उप्पेर उल्टे हो गये, यानी चाची की चूत चाचा के मूह में और चाचा का लंड चाची के मूह में. सूरज की नज़र चाचा के लंड पेर पड़ी तो उसको बड़ा असचर्या हुआ. चाचा का लंड किसी 4 साल के बच्चे जितना था, ज़्यादा से ज़्यादा दो इंच. नीचे तेली भी छ्होटी थी, ऐसा लग रहा था जैसे अंडकोष के ठेले में किसी ने मूँगफली के दो दाने भर दिए हो. मगर चाची उनके लंड को मज़े से चूस रही थी और चाचा किसी भूके कुत्ते की तरह चाची की चूत और उसकी गांद बारी बारी से चूसे जा रहे थे,’ बस करो में तुम्हारे मूह में झड़ने वाली हू, थोडा गहरा डालो जीभ को,,’ चाची बोली. चाचा की चाटने की आवाज़ें ज़ोर ज़ोर से आ रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे कोई बिल्ली कटोरे से दूध चट रही हो. कोई एक मिनिट बाद ही चाची की मोटी गांद शांत हुई , सूरज को पता चल गया चाची का पानी निकल गया. चाची अब बेथ गयी सूरज खड़ा हुआ था. वे उसके लंड को फिर से सहलाने लगी,’ बेटा अब तेरे इन अंडियीयो का रस मेरी बच्चेड़नी में दाल,’ ये कह के वी उसके अंडकोषों से खेलने लगी. सूरज जवान था दो मिनिट में ही उसका लंड तन गया और पूरा 7 इंच हो गया.

चाची ने सूरज की तरफ अपनी गांद कर दी, सूरज समझ गया चाची कुत्ति बन कर चुडवाएगी. सूरज ने अपने लंड का मूह चाची की गीली और फूली हुई चूत पेर रखा. एक झटके में उसने पूरा लंड अंडर पेल दिया. उधर सूरज ने देखा की चाचा चाची के नीचे सरक गये थे. उनका मूह चाची की चूत के पास था जबकि चाची वापस उनका छ्होटा लंड चूस रही थी. चाचा चाची के चूत की क्लाइटॉरिस चाट रहे थे साथ ही उनकी जीभ उसके आते जाते लंड को भी छ्छू रही थी. अब चाचा ने उसके आँड भी स्लर्प स्लर्प कर के चाटने शुरू कर दिए सूरज बेहाल था. थोड़ी देर बाद चाचा नीचे से हटे और सूरज के पीछे आ गये. चाचजी ने अब सूरज के कूद रहे आंडियीयो और उसकी गांद की च्छेद को चाटना शुरू कर दिया,’ चोद बेटा चोद अपने मोटे लंड से इस रांड को, तेरी चाची बेतचोद है इसको तेरे गरम पानी से ही ठंडक मिलेगी,’ वे बोले. अब चाचा उसके अंडकोषों पेर जीभ फिरने लगे और उनको हल्के हल्के मसालने लगे और थपकीया देने लगे,’ खाली कर्ट एरे इन मर्द वाले आण्दियों को इस रंडी के भोस्डे में,’ चाचा बोले.’ नहीं बेटा अभी तो मेरी चूत ही है तेरा बच्चा पैदा करने के बाद ही ये भोसड़ा बनेगी,’ ये कह आर चाची ने अपनी गांद सूरज के स्ट्रोक्स के साथ हिलनी शुरू कर दी. सूरज कोई 5 मिनिट चोद्ने के बाद तेज़ु से हांफता हुआ चाची की चूत में झाड़ गया. चाचा उसके आँड सहलाते रहे.


007
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Re: चाचा चाची की चुदाई

Unread post by 007 » 13 Dec 2014 20:27

सूरज को लगा को दो बार की चुदाई के बो सब सो जाएँगे लेकिन चाचा चाची का ख़याल कुछ और ही था. चाचिजी नारियल का तेल लाई और सूरज ने देखा चाचजी घोड़ी बन गये हेँ. चाचिजी ने चाचा की गांद के च्छेद पेर तेल लगाया और उसको सहलाने लगी, चाचा ऊओह आ करते रहे. थोड़ी देर में चाची ने अपनी एक उंगली चाचा की गांद मे सरका दी, और चाचा की चुदाई करने लगी. कोई दो मिनिट बाद चाची की तीन उंगलिया चाचा की गांद मे हुरदंग कर रही थी. कोई पाँच मिनिट की चुदाई के बाद चाची सूरज के पास आई और उसके लंड पेर तेल मलने लगी. उसका लंड जब फूल कर बड़ा हो गया तो वो बोली, बेटा अब तेरे चाचा को उनकी बीवी चुड़वाने का इनाम दे, अपना लंड इनकी गांद मे दाल और इसके पानी से इस हिजड़े की गांद की प्यास बुझा,’ ये कह कर उन्होने सूरज का लंड चाचा की गांद के प्रवेश द्वार पेर रख दिया. सूरज का लंड इतना चिकना था की एक झटके में आधा चाचा की गांद के च्छेद में सरक गया,चाचा काँपने लगे. सूरज ने एकक बड़ा झटका और लगाया और इस बार उसका पूरा लंड चाचा की गंद के अंडर था,’ मार बेटा मार, फाड़ तेरे चाचा की चूत, तू चाचा चाची का सांड है, चोद हम दोनो को ज़ोर ज़ोर से,’ चाचा बोले. चाची पास आकर सूरज को किस करने लगी,, चाची की गरम सांसो और चाचा की टाइट गांद ने सूरज को पागल कर दिया,’ डाल बेटा सूरज डाल अपना मर्डवाले बीज इस नपुंसक की गांद में, भर दे इसकी गांद भी,’ ये कह कर चाची सूरज की आंड मसालने लगी. सूरज 6-7 मिनिट में झाड़ गया. उस एक रात सूरज से चाचा चाची ने कोई डस बार चुडवाया.

चाचा चाची के घर में एक 40 साल की नौकरानी काम करती थी. कभी कभी उसके साथ उसका जवान बेटा और बेटी भी आते थे. उसका नाम गीता था. गीता एकद्ूम छ्होटी और मोटी थी. हाइट 5 फ्ट से भी कम थी और वज़न 75 किलो से भी ज़्यादा. उसके मुममे कोई 42 इंच की हिंज, थोडा पेट भी निकला हुआ था और गांद तो हाथी जैसी थी. वो जब झाड़ू पोछा करती तो सारी को उतार देती और सिर्फ़ ब्लाउस पेटिकोट में ही सब काम करती थी. उसकी गांद के दरार साआफ दिखाई देती थी और उसके बूब्स ब्लाउस से सॉफ झांतके थे. वो ब्रा पनटी नही पहनती थी.

उधर दो महीने बाद चाची को उल्टिया आने लगी. सूरज को उन्होने बता दिया अब वी अपने भतीजे के बच्चे की मा बनने वाली है. चाचा भी खूब खुश थे. मगरा ब चाची ने बच्चा गिर जाने के डर से सूरज की चुदाई बंड कर दी थी. वी उसकी मुहत्ती मारती थी या चूस लेती थी और चाचा की गांद मरवती थी. मगर चूत बिना सूरज का लंड परेशान था. एक दिन जैसे ही गीता घर आई चाची ने उसको ज़ोर से बोला,” गीता, सुन सूरज को बचपन से आज तक में नहलाती आई हू अब में तो नहला नहीं सकती आज से तू ही इसको नहलाया कर.’ गीता सूरज को बाथरूम में ले जबे आई,’ नहीं चाची में अब बड़ा हो गया हू खुद नहला लूँगा,’ वो बोला.” बेटा गीता भी तो देखे तू कितना बड़ा हो गया है,’ ये कह कर उन्होने दोनो को आँख मारी. गीता बोली,’ आओ बाबूजी और अपने कापरे उतरो.’

सूरज बाथरूम में खाली चड्डी में खड़ा हो गया. गीता ने उसके बॉल पीठ पेर साबुन लगाया उसके पावं पेर भी फिर न्नीचे बैठे बैठे ही एक ही सेकेंड में सूरज की चड्डी नीचे सरका दी. सूरज का लंड एकद्ूम सीधा खड़ा था और गीता को सल्यूट कर रहा था,’ वा बाबूजी तुम्हारा लंड तो मस्त है, ये तो एकद्ूम मुस्टंडा है,’ ये कह कर गीता ने साबुन मसलना शुरू किया. गीता इस ढंग से उसके औज़ार को मसल रही थी की सूरज का एक मिनिट में फव्वारा छ्छूट गया,’ क्या बाबूजी इतनी जल्दी पानी निकाल दिया?’ कोई बात नहीं हम आपको पानी कंट्रोल कर्मा सिखाएँगे और लंड भी इस से मोटा कर देंगे,’ ये कह कर गीता ने उसके लंड को पानी से धो दिया. सूरज नहा कर बाहर आ गया,’ क्यू गीता सूरज बड़ा हुआ है की नहीं?” चाची ने पूछा.’ “ हा बेषी बहुजी बड़े तो हो गये मगर अभी शस्त्रा कला में इनको पूरा माहिर कर्मा बाकी है,’ ये कह कर वो हन्स दी.

रात में चाची रोज़ सूरज की मूठ मारती थी और जब चाचजी से रहा नही जाता तो उनकी गांद भी मरवा देती थी. “ बेटा गीता की मा कल सुबह आएगी, तेरे चाचजी के जाने के बाद, तू शरमाना मत, वो बुधिया खूब सारे तरीके जानती हेल अंड को बड़ा करने और पानी को कंट्रोल करने के, तू बिना झिझक और शरमाये हुए उंसको सहयोग कर्मा वो तुझे सबसे बड़ा चुड़क्कड़ बना देंगी, ताकि तेरी टाँग के नीचे से कोई लर्की निकल जाए तो फिर किसी दूसरे लंड के पास नहीं जाएगी,’ चाची बोली. “ उनकी उमरा कितनी है चाची?” सूरज ने पूछा,’ बेटा है तो वो साथ की मगर तुझे उनकी उम्र से क्या, तुझे अपना हथियार मज़बूत कर्मा है बस,’ ये कह कर चाची ने सूरज का पानी निकाला और उसे पी गयी.

अगले दिन चाचजी के जाते वक़्त चाचिजी उनसे बोली,’ सुनोजी 10-12 दिन सूरज के लंड का इलाज चलेगा दिन में खाना बाहर खा लेना ये आपसे शरमाएगा,’ चाचिजी उनसे बोली. चाचा के जाते ही गीता और उसकी मा आ गये. गीता की मा थी तो बुद्धि मगर उसकी नज़रें बड़ी कातिल थी. घर के आँगन में बिछे पाट पेर सूरज बेथा था. “ चाचिजी उसके पास आआए और बोली बेटा तेरे कपड़े उतार और नंगा हो जाअ, मे तेरे पास ही बैठी हू,’ उन्होने कहा. सूरज शर्मा रहा था, मगर चाचिजी ने खुद उसका निक्केर उतारा, शर्ट और बनियान उतारे और चड्डी उतार कर उसको लेटा दिया,’ आओ गीता, आओ अम्मी अब इसका इलाज शुरू करो,’ उन्होने कहा और वे पास में ही कुर्सी पेर बेथ गयी.

गीता और उसकी मा ने अपना ब्लाउस खोल दिया और सिर्फ़ पेटिकोट पहन कर सूरज के पास आ गयी. गीता की मा के बूब्स भी मोटे मोटे थे, उम्र की वजह से ढीले ज़रूर दिख रहे थे मगर निपल्स ज़्यादा बड़े नहीं थे और ब्राउन कलर के थे. गीता के बूब्स तो तरबूज़ जैसे थे और निपल्स मोटे मोटे थे. लगता था जैसे गीता निपल्स चुसवाने की शौकीन है. दोनो औरतों ने सूरज की टाँगे चौरी कर दी. मारे उत्तेजना के सूरज का लंड आसमान की तरफ देख रहा था. “ बेटा ये एक र्वेडिक तेल की मालिश करेंगी जिस से तेरा औज़ार और ज़्यादा सख़्त और मोटा बनेगा,’ चाची बोली. गीत की मा ने एक शीशी से तेल निकाला और धीरे धीरे सूरज के लंड के सुपरे पेर मलने लगी. वो सुपरे की चमरी उप्पेर नीचे कर रही थी. सूरज की गांद मारे उत्तेजना के उप्पेर नीचे हो रही थी. उधर गीता ने अपनी हथेलियो में तेल लिया और उसके अंडकोषों की मालिश शुरू कर दी,’ सूरज बाबू, जैसे ही पानी आने को हो हुमको बताना,’ गीता की मा बोली. “ हा आंटीजी अब मेरा पानी निकालने वाला है,’ सूरज बोला. ये सुनते ही गीता की मा ने सूरज का सुपरा कस कर दबा दिया और हाथ हिलना छ्चोड़ दिया. गीता ने सूरज की गांद और अंडकोषों के बीच के हिस्से को ज़ोर से दबा दिया. सूरज का निकलता पानी रुक गया. कोई दो मिनिट रुकने के बाद दोनो ने फिर से मालिश शुरू कर दी. “बेटा पानी आने को हो तो पहले बता देना,’ गीता की मा बोली. सूरज का जैसे ही फव्वारा च्छुतने को होता दोनो औरते उसको दबा देती. ऐसे सूरज का पानी कोई दुस मिनिट तक उन्होने रोका. हर रोज़ तीन बार दोनो औरते ऐसा ही करती, छ्होते दिन सूरज अपने पानी को कोई 10 मिनिट तक रोक पाया , उसे समझ मे आ गया की पानी आने को हो तो रुक जाओ. पाछवे दिन सूरज खुद ही कंट्रोल करने लग गया,’ रुक जाओ, वो उनसे कहता, धीरे धीरे एक हफ्ते बाद सूरज अपने वीर्यापत पेर नियंत्रण सीख गया. चाची बड़ी खुश थी,’ गीता ये तूने बहुत अच्छा किया, बस पहला बच्चा हो जाए फिर दूसरा खूब चद्वा कर पैदा करूँगी,’ चाचिजी बोली.’ इस तेल में सांड़े का तेल भी मिला है 2-4 महीनों में इसका लंड ऑरा आंड दोनो मोटे हो जाएँगे,’ गीता की मया बोली.


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Re: चाचा चाची की चुदाई

Unread post by 007 » 13 Dec 2014 20:28

एक हफ्ते बाद गीता और उसकी मा ने सूरज से कहा,’ आज से चुदाई शुरू होगी इसमे कंट्रोल दिखाना परेगा बाबू,’ ये कह कर गीता और उसकी मा ने फिर से सूरज की मालिश शुरू कर दी. इस बार दोनो बिल्कुल नंगी हो गयी. गीता की चूत पेर बालों का गुच्छा था जबकि उसकी मा की चूत एकद्ूम चिकनी थी, गीता की चूत के होठ अंडर दबे हुए थे जबकि उसकी मा की चूत के हॉट फूले हुए थे. दोनो की गांद मोटी थी. कोई दो मिनिट तेल लगा ने के बाद गीता की मा सूरज के अप्पर आई और अपनी चूत का मूह उसके लंड के सुपरे पेर रखा और धीरे से उसका सुपरा अपने भोस्डे में सरका दिया. धीरे धीरे गीता की मा ने गांद फिर उप्पेर की और लंड को दबा दिया, सूरज का आधा गीला लंड उसकी मा के भोस्डे मे सरक गया. अब गीता की मा अपनी गांद को पूरे ज़ोर से नीचे लाई और इस बार उसने पूरा लंड खा लिया. लंड के पूरा सरकते ही गीता की मा सूरज को चोद्ने लगी और बड़बड़ाने लगी,’ हफ्ते भर की स्वेआ के बाद कोरा लंड मिला है मेरे भोस्डे को, आज इसका रस निचोड़ निचोड़ कर निकालूंगी इस मदारचोड़ का,’ ये कह कर वो ज़ोर ज़ोर से सूरज को चोद्ने लगी. सूरज भी नीचे से चूतड़ हिला रहा था. उधर गीता सूरज क ईक एक आँड को अपने एके क हाथ से अलग अलग मसल रही थी,’ बेटा पानी निकल रहा हो तो बताना,’ गीता की मा बोली. कोई 5 मिनिट की चुदाई के बाद सूरज बोला अब निकालने वाला है, ये सुनते ही गीता की मा तुरंत उसके लंड पेर बेथ गयी और अपनी चूत से उसको कस कर पकड़ लिया. गीता ने तुरंत आँड और गांद के बीच का हिस्सा दबा दिया. ऐसे ही कोई 10-12 मिनिट सूरज चला. पानी निकलते ही दोनो औरतों ने उसे चाट लिया. अगली बार गीता सूरज पेर चढ़ि. ऐसे ही अगले 5-6 दिन तक दोनो औरतें सूरज के अप्पर चढ़ कर उसको चोद्ति रही. 12वी दिन सूरज ने खुद अप्पर चढ़ कर चुदाई शुरू की. अब वो अप्पर भी कंट्रोल सीख गया था अब सूरज आसानी से 20- 25 मिनिट तक चोद सकता था. चाची बड़ी खुश थी.

15 दिन के बाद गीता के साथ एक नयी औरत आई. वो भी कोई 55 साल कीट ही मगर कसा हुआ बदन था. बूब्स छ्होटे थे कोई 32 के. गांद भी हाथ मे आ जाए जितनी ही थी. चाची, गीता और उसकी मा ने आपस मे कुछ बातें की उनके जाने के बाद चाची सूरज से बोली,’ बेटा इस औरत का बेटा पूरा मर्द नहीं है और ये चाहती है इसके पोटा हो, तू इसके घर जाकर सो जाया कर, 10-15 में ज़रूर गर्भ ठहर जाएगा फिर वापस आ जाना’ वो बोली.’ मगर चाची फिर आपको और चाचा को मेरे बगैर कैसे नींद आएगी?’ सूरज ने पूछा,’ कोई बात नही बेटा सांड का फ़र्ज़ है गायों को बच्चा दे,’ ये कह कर चाची ने उसे समझाया. शाम को खाना खाने एके बाद गीता और उसकी मा सूरज को लेन्ने आए साथ मे वो औरत भी थी,’ चलो बेटा ,’ ये कह कर सूरज उनके साथ चल दिया. उन लोगो का घर बड़ा था. सूरज सीधे बेडरूम मे गया. गीता वाहा पेर भी काम करती थी. “ गीता अब तुम और तुम्हारी मा जाओ मे हुमारे हिस्से में से तुम्हे कुछ नही दूँगी, ये कह कर उस औरत ने उनको 500 र्स दिए. दोनो औरतें चली गयीं. “ एटा कपड्रे खोल कर रिलॅक्स हो जाओ पलंग पेर,’ ये कह कर उस औरत ने सूरज के कपड़े उतारने शुरू कर दिए. सूरज अब बिल्कुल नंगा था. उसका जवान लंड खड़ा था. “ बेटा आज कितने सालों बाद असली लंड देखा है मैने, मेरी चूत की प्यास बुझा,’ ये कह कर उस औरत ने सूरज के लंड को किस किया. “ मगर आंटिजी आप तो मुझे अपनी बहू को मुझसे चुड़वाने लाई थी?” सूरज बोला.’ “ नही बेटा, बहू को तो सिर्फ़ तेरा वीरया चाहिए, उसको वो ही दूँगी, चोदेगा तू मुझे पिचकारी उसमे छ्चोड़ेगा,’ ये कह कर उसने अपने कपड़े उतार दिए और सूरज के मूह मे अपने निपल डाल दिए. सूरज उनको चूसने लगा. उसी वक़्त एक जवान औरत वाहा आई जिसके हाथ में दूध का ग्लास था. उमरा कोई 22-24 साल. एकद्ूम गोरी, गुलाबी होठ और कसा हुआ बदन. सास ने बहू के हाथ से दूध का ग्लास लिया और सूरज के होतो से लगा दिया. सूरज एक घूँट मे दूध पी गया. बहू भी पास बैठी थी,’ अब कपड़े उतार बहू, वीरया तो नंगी चूत में लेना पड़ेगा ना,’ यह कह कर सास ने बहू के कपड़े उतारने शुरू कर दिए. सूरज की आँखें फटी रह गयी. उस लेडी जितनी सनडर औरत उसने आज तक नही देखी थी, एकद्ूम गुलाबी निपल्स और वो भी छ्होटे छ्होटे, पतला सा पेट और एकद्ूम चिकनी गुलाबी चूत. गांद थोड़ी सी बाहर निकली हुई. सूरज का लंड एकद्ूम सीधा था, मगर उसको पता था बुधिया को संतुष्ट किए बगैर वो इस सनडर औरत को चोद नही पाएगा. बुधिया तुरंत अपनी टाँगे छोड़ी कर लेट गयी और सूरज को उप्पेर खेंच लिया. सूरज का कसा हुआ लॉडा सतत से उसकी गीली चूत में सरक गया. कोई दो- तीन झटको में उसका विशाल लंड बूढ़ी चूत की सेवा कर रहा था, बहू आश्चर्या से सास की एक जवान लौंदे से चुदाई देखी रही थी. चूड़ते चूड़ते ही सास को बहू का ख़याल आया,’ अब तू भी पास आकर लेट जा और अपनी चूत को गरम कर जैसी ही ये सांड झड़ने को होगा इसको तेरे उप्पेर भेज दूँगी तू इसका सारा पानी चूत में ले लेना,’ वो बोली. वो लर्की पास आकर लेट गयी, सास को चोद्ते चोद्ते ही सूरज ने उसके होठ मूह मे ले लिए और गुलाबी होठों को किस करने लगा, उधर सास चुद्ते चुद्ते बोले जा रही थी,’ चोद मुझे मेरे सांड, चोद फाड़ दे मेरा भोसड़ा मदारचोड़,’ सूरज को पता था बुधिया का पानी निकालने वाला है. किस करते करते सूरज का राइट हॅंड बहू के वक्ष पेर गया और वो उसकी केरियों को ज़ोर ज़ोर से मसालने लगा. बहू की हालत खराब थी. सूरज अब चुदाई का राजा था. बुधिया गाली बोलते बोलते झाड़ गयी. सूरज तुरंत उस पेर से हटा और बहू के उप्पेर आ गया वो तय्यार ही थी. सूरज को पता था कूम चूड़ी चूत में एंट्री थोड़ा टाइम लेगी. उसने धीरे धीरे अपना लॉडा अड्जस्ट किया और सरकने लगा सास की चूत क एरस से भरा लंड बहू की जवान चूत में सरक रहा था और उसकी चीखें बढ़ रही थी,’ थोडा धीरे करो भैया मेरी चूत फट जाएगी,’ बहू बोली. कोई 2 मिनिट बाद सूरज का पूरा लंड उसकी गुलाबी चूत की गिरफ़्त में था. सूरज ने अब रफ्तेर बढ़ा दी थी और उसकी गांद ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी. उधर बहू की साँस उप्पेर ही थी, भयानक चुदाई से उसके होश उड़ गये,’ क्यू आंटिजी अगर आपका बेटा मर्द नहीं तो फिर आपकी बहू की सील किसने तोड़ी?” सूरज ने सास से पूछा.’ बेटा ये तो मैने ही मोमबत्ती, गाजर, मूली से इसकी चूत को चोद चोद कर इसकी सील तोड़ी है,’ सास बोली. “ मगरा ब जल्दी इसकी चूत में अपने बीज डालो बेटा ये ज़्यादा चुदाई की अभ्यस्त नहीं है धीरे धीरे होगी,’ सास बोली और सूरज के पीछे आ कर उसके अमरूद के आकर के अंडकोष दबाने लगी,’ अब इन चिकुयों का रस इस गुलाबी चूत मे डालो बेटा,’ वो बोली. सूरज उतीज्न से पागल था. उधर बहू कोई दो बार झाड़ चुकी थी,’ हा भाय्या अब भर दो हुमारी चूत तुम्हारे मर्द के रस से, ह्यूम बच्चा दे दो जल्दी से,’ ये कह कर बहू ने सूरज को कस कर दबा दिया. एक ही मिनिट में सूरज ज़ोर से चीखा और पेड़ से गिरे पत्ते की तरह काँपने लगा. सास के हाथ में उसके चिकू पतहर जैसे कठोर हो गये थे. बहू की प्यासी चूत त्रप्त हो गयी. ऐसे ही कोई 15 दिन तक सूरज रोज़ रात सास बहू को चोद्ता रहा. प्रेग्नेन्सी टेस्ट में बहू पॉज़िटिव निकली, सास ने सूरज के चिकू को धन्यवाद दिया,’ हुमने इनकी मालिश कर के इनको इतना रसीला बनाया है, गीता और उसकी मा बोली.

साल भर के भीतेर भीतेर सूरज की चाची और उस बहू ने बिटो को जन्म दिया. इस से दोनो को संतुष्टि नही हुई. अगले साल दोनो ने एक एक बेटी को जन्म दिया. 20 साल का होते होते सूरज 4 बच्चों का बाप बन चुका था. उसका लंड अब पूरे 8 इंच का था और अंडकोष इतने भारी थे की उसके पॅंट से सॉफ दिखाई देते थे

दो बच्चो के बाद चाची ने ऑपरेशन करवा लिया था, अब सूरज उनको आराम से चोद्ता था. बच्चे हालाँकि छ्होटे थे लेकिन चाची उनके सामने ही आराम से सूरज को चोद्ति थी. सूरज जब 22 साल का हुआ तो चाचा- चाची ने उसके लिए एक सनडर सी लड़की ढूंढी और उस से उसकी शादी कर दी. शादी में हालाँकि सूरज के मा- बाप उसके घरवाले भी मौजूद थे लेकिन चाचा चाची सबसे ज़्याद खुश थे. चाचा चाची के दोनो बच्चे यानी सूरज के बच्चे अपने कज़िन या पिता की शादी में खूब मज़े कर रहे थे.


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