नंबर वन माल compleet

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The Romantic
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Re: नंबर वन माल

Unread post by The Romantic » 14 Dec 2014 17:34

नंबर वन माल--7

मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ राशिद था. उस ने खाला अम्बरीन का पूछा. उन्होने उस से बात की और उनके चेहरे पर हवाइयाँ उररने लगीं. वो राशिद को डांट कर बोलीं के वो घर ही रुके वो वापस आ रही हैं. फोन रख कर उन्होने रो देने वाले अंदाज़ में बताया के नज़ीर ने उनके घर फोन कर के राशिद से बात की और उनके बारे में पूछा. जब राशिद ने कहा के तुम कौन हो तो वो बोला के में तुम्हारी माँ का यार हूँ उस से मेरी बात करवाओ. राशिद ने उससे गालियाँ दीं और अब मुझ से लड़ रहा था. ये ख़तरनाक बात थी. मैंने राशिद को फोन किया और उससे कहा के वो अपने घर के फोन की तार निकाल दे और फॉरन यहाँ आ जाए. इस सूरत-ए-हाल में राशिद को सारी बात बताय बिना कोई चारा नही था.

कुछ देर बाद राशिद हमारे घर आया तो में उससे सीधा अपने कमरे में ले गया और बिला-झीजक बताया के मुझे मालूम है के वो अम्मी को चोदता रहा है. ये सुन कर उस पर जैसे बिजली गिर पड़ी. मैंने कहा वो परेशां ना हो मैंने भी उस की माँ को चोदने की कोशिश की थी. वो फटी फटी आँखों से मुझे देखता रहा. मैंने उससे पिंडी वाला वक़ीया सुनाया और कहा के हमें सोच समझ कर नज़ीर से निमटना होगा. मेरी बातें सुन कर वो कुछ संभला और कहने लगा के शाकिर तुम मुझ से नाराज़ नही हो. उस वक़्त मेरे ज़हन में एक शैतानी ख़याल आया. मैंने कहा के राशिद अगर में खाला अम्बरीन की चूत एक दफ़ा मार लूं तो मेरा तुम्हारा हिसाब बराबर हो जाए गा लेकिन इस के बाद में और तुम एक दूसरे की माओं को नही चोदेंगे. वो खामोश रहा.

फिर हम अम्मी और खाला अम्बरीन के पास आए जहाँ ये फ़ैसला हुआ के नज़ीर से फिल्म ले कर देखी जा’य और इस के बाद आगे का सोचा जाए. कुछ देर बाद नज़ीर का फोन आया. मैंने उससे कहा के वो पहले मुझे फिल्म दिखाए फिर बात हो गी. वो बोला के में जहाँ कहूँ वो आ जाए गा. मै और राशिद उससे दाता दरबार के पास एक होटेल में मिले. उस के साथ एक दुबला पतला सा लंबा लड़का भी था जिस की उमर 20/22 साल हो गी. वो भी नज़ीर ही की तबक़े का लग रहा था. नज़ीर ने उस का नाम करामात बताया. उस ने मुझे एक DVD दी और कहा के इस को देख कर में उस से राबता करूँ वो बताय गा के वो किया चाहता है. उस ने मुझे एक मोबाइल फोन का नंबर भी दिया.

हम वापस घर आए और वो फिल्म देखी तो वाक़ई उस में में खाला अम्बरीन की क़मीज़ उतार कर उनके मम्मे पकड़ रहा था. पहले तो हम चारों एक दूसरे से नज़रें चुराते रहे मगर फिर ये झिझक भी ख़तम हो गई. अम्मी ने कहा के ये तो बहुत गड़बड़ है अगर नज़ीर ने ये फिल्म किसी को भेज दी तो किया होगा. खाला अम्बरीन बोलीं के इस का मतलब है नज़ीर ने जो मेरे साथ किया उस की भी फिल्म बनी हो गी. मैंने कहा के ऐसी फिल्म तो उससे भी फँसा दे गी वो ये नही कर सकता. राशिद ने मुझ से इतिफ़ाक़ किया. फिर मैंने नज़ीर के दिये हुए नंबर पर फोन किया और पूछा के वो किया चाहता है. उस ने हंस कर कहा के वो खाला अम्बरीन और अम्मी से मिलना चाहता है और उससे 50,000 रुपय भी चाहिए. मैंने कहा के वो खाला अम्बरीन और अम्मी की बात छोड़ दे पैसों का इंतज़ाम हो जाए गा. उस ने कहा के वो अम्मी और खाला अम्बरीन को चोदे बगैर नही माने गा.
मैंने सब को ये बात बताई. राशिद कहने लगा के वो खाला यासमीन को भी चोदना चाहता है. मैंने भी कहा के हाँ वो खाला अम्बरीन के साथ साथ अब अम्मी की चूत भी लेना चाहता है. ये कह कर मुझे एहसास हुआ के हमारे हालात कुछ ऐसे हो गए थे के हम अपनी माओं के सामने उनकी चूतों की ज़िक्र कर रहे थे और ना उन्हे कोई शरम महसूस हो रही थी और ना हमें. आसमान भी कैसे कैसे रंग बदलता है.

खैर हम सोचते रहे के किया करें. आख़िर अम्मी ने कहा के हम कोई ख़तरा मोल नहीं ले सकते हमें हर सूरत वो फिल्म हासिल करनी है चाहे इस के लिये हमें अपनी इज़्ज़तों का सौदा ही क्यों ना करना पड़े. पैसों का तो हम बंदोबस्त कर लें गे लेकिन मसला ये है के उस कुत्ते को कहाँ मिला जाए. मैंने कहा के अम्मी नज़ीर गंदा आदमी है हमें उससे घर ही बुलाना चाहिये क्योंके हमारे लिये बाहर जाना ज़ियादा ख़तरनाक हो सकता है. सब ने इस बात से इतेफ़ाक़ किया. मैंने नज़ीर को फोन कर के अपने घर का पता बताया और कहा के वो कल सुबह दस बजे आ जाए. उस ने कहा के ज़िंदाबाद मैंने फिल्म अपने एक दोस्त को दी है जब में फ़ारिग़ हो कर तुम्हारे घर से निकलूं गा तो तुम मेरे साथ चलना और फिल्म ले लाना. हमारे पास उस की बात मान लेने के अलावा कोई रास्ता नही था. इस के बाद खाला अम्बरीन और राशिद अपने घर चले गए.

अगले दिन में, अम्मी, खाला अम्बरीन और राशिद घर पर मोजूद थे. अम्मी ने बच्चों को सुबह ही नाना के घर भेज दिया था. उन्होने 50,000 रुपय भी मेरे हवाले कर दिये थे. ठीक दस बजे दरवाज़े की घंटी बाजी. मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने नज़ीर और करामात खड़े थे. मै उन्हे ले कर ड्रॉयिंग रूम में आ गया. अम्मी और खाला अम्बरीन कुर्सियों पर बैठी थीं और बड़ी मुजतरीब लग रही थीं . अम्मी ने तो नज़ीर को गौर से देखा लेकिन खाला अम्बरीन उस से नज़रें चुरा रही थीं . नज़ीर ने दोनो बहनो को देखा तो उस की आँखों में चमक आ गई.

अम्मी को घूरते हुए कहने लगा के अच्छा तुम इस की बहन हो. तुम भी इसी की तरह मजेदार हो. इस की फुद्दी मैंने पिंडी में मारी थी और आज तक उस का सवाद नही भूला. रोज़ इस की चिकनी फुद्दी को याद कर के दूसरी औरतों को चोदता था और मूठ मारता था. अम्मी ने उस की बातों का जवाब नही दिया और कहा के तुम पैसे ले लो और यहाँ से चले जाओ. नज़ीर ने कहा के अब तो में तुम दोनो को चोद कर ही जाऊं गा. इस काम में मेरा ये दोस्त करामात मेरी मदद करे गा. फिर बोला के यहाँ मुझे मज़ा नही आए गा ऐसे कमरे में चलो जहाँ बेड हो. हम सब उठ कर अम्मी के बेडरूम में आ गए.

बेडरूम में नज़ीर ने फॉरन कपड़े उतार दिये और उस का अजीब-ओ-ग़रीब मोटा लंड सब के सामने आ गया. उस के मोटे मोटे टट्टे दूर ही से नज़र आ रहे थे. करामात खामोश एक तरफ खड़ा रहा. खाला अम्बरीन तो नज़ीर का लंड अपनी चूत में ले चुकी थीं मगर अम्मी उससे देख कर वाज़ेह तौर पर हैरान हुई थीं . अम्मी ने खाला अम्बरीन की तरफ मानी-खैीज़ नज़रों से देखा. शायद वो सोच रही थीं के खाला अम्बरीन ने इतना मोटा और बड़ा लंड कैसे अपनी चूत में लिया होगा. फिर नज़ीर के कहने पर करामात ने भी अपने कपड़े उतार दिये. उस का लंड भी कम जानदार नही था. उस का लंड नज़ीर से पतला था लेकिन बे-इंतहा लंबा था. मैंने सिरफ़ फिल्मों में ही इतना लंबा लंड देखा था. करामात का लंड देख कर समझ में आता था के वो और नज़ीर क्यों दोस्त थे. मैंने नज़ीर से कहा के में और राशिद दूसरे कमरे में चले जाते हैं कुछ देर बाद आ जायें गे. नज़ीर बोला के तुम हमें अपनी अपनी माओं को चोदते हुए देखो गे क्योंके मुझे इन को तुम्हारे सामने चोदने में ज़ियादा मज़ा आए गा. हम चुप रहे.

फिर खेल शुरू हो गया. नज़ीर ने अम्मी का हाथ पकड़ा और उन्हे खैंच कर सीने से लगा लिया. अम्मी उस से काफ़ी लंबी थीं . उस ने अपने हाथ उनकी मज़बूत कमर में डाले और उन्हे सख्ती से अपने साथ चिपटा लिया. फिर अम्मी का दुपट्टा उतार कर फ़रश पर फैंका और उनका चेहरा नीचे कर के उनके होठों पर अपने होंठ मज़बूती से जमा दिये. वो बड़े भरपूर तरीक़े से अम्मी के सुर्ख होठों को चूम रहा था. उस ने एक हाथ से अम्मी के मम्मे पकडे और उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. अम्मी के मुँह के बोसे लेते हुए नज़ीर का एक हाथ मुसलसल उनके मम्मों से खेल रहा था. अम्मी उस के चुम्मियों का जवाब नही दे रही थीं . उस ने एक सेकेंड के लिये अम्मी के होठों से अपना मुँह हटाया और खाला अम्बरीन को अपने पास बुलाया.

खाला अम्बरीन ने कन-अखियों से राशिद को देखा और कुर्सी से उठ कर नज़ीर के पास चली गईं. उस ने एक हाथ से उन्हे भी खैंच कर अपने क़रीब कर लिया. अब वो अम्मी और खाला अम्बरीन दोनो के साथ चिपका हुआ था. दो गोरी, सेहतमंद और खूबसूरत औरतों के दरमियाँ वो बद-शकल बोना अपने मोटे तने हुए लंड के साथ एक अजूबा लग रहा था. उस ने अपना एक एक हाथ अम्मी और खाला अम्बरीन की गर्दनों में डाला और बारी बारी दोनो के मुँह चूमने लगा. वो दोनो उस के चुम्मियों का जवाब नही दे रही थीं . मैंने राशिद की तरफ देखा जिस का चेहरा लाल हो रहा था लेकिन इस लाली की वजह शरम नही थी बल्के वो अम्मी और खाला अम्बरीन को नंगा और इस हालत में देख कर गरम हो गया था. इस दफ़ा मेरी हालत भी पिंडी जैसी नही थी और मुझे अपने लंड में गुदगुदी होती महसूस हो रही थी.

नज़ीर अम्मी और खाला अम्बरीन को बेड के क़रीब ले आया और खुद उस पर लेट गया. उस ने अपना मोटा ताज़ा अकड़ा हुआ लंड हाथ में पकड़ लिया और करामात से कहा के इन दोनो गश्तियों के कपड़े उतार दो ताके इन के फुद्दे तो नज़र आयें. करामात ने आगे बढ़ कर अम्मी की क़मीज़ उनके चूतड़ों पर से उठाई और सर से उतार दी. फिर उनकी शलवार का नाड़ा हाथ आगे ले जा कर खोला और उनकी शलवार उनके पैरों में गिर पड़ी. करामात ने झुक कर उनकी शलवार उनके पैरों से निकाल ली. उस ने खाला अम्बरीन के गुन्दाज़ बदन को भी कपड़ों से इसी तरह आज़ाद कर दिया. अम्मी और खाला अम्बरीन अब सिरफ़ ब्रा पहने खड़ी थीं . बा-क़ॉल नज़ीर उनके फुद्दे तो उस ही की तरफ थे लेकिन मोटे मोटे चूतड़ राशिद और मेरी जानिब थे.

अम्मी और खाला अम्बरीन के चूतड़ों पर कई गहरे डिंपल नज़र आ रहे थे. मुझे उन दोनो के चूतड़ों के साइज़ में भी कोई फ़र्क़ महसूस नही हुआ. करामात ने अब बारी बारी अम्मी और खाला अम्बरीन के ब्रासियीस के हुक खोले और उनके मोटे मोटे मम्मों को नंगा कर दिया. फिर ना-जाने करामात को किया सूझी के उस ने अम्मी और खाला अम्बरीन के मोटे चूतड़ों पर अपना एक हाथ फेरा और उन्हे दबाने लगा जैसे चेक कर रहा हो. फिर वो अपना दूसरा हाथ आगे ले गया और शायद उनके मम्मों को मसला मगर ये हम देख नही सके.

ये सब कुछ हो रहा था और मेरी और राशिद की हालत खराब हो रही थी. मैंने अपनी अम्मी को सिरफ़ एक दफ़ा चोदा था जबके राशिद ने पता नही उनकी चूत कितनी बार ली थी. मैंने महसूस किया के उस वक़्त राशिद की सारी तवजो अपनी अलिफ नंगी माँ की तरफ थी जिससे उस ने अभी तक नही चोदा था. मै जान गया के वो खाला अम्बरीन को चोदना चाहता है. मै भी अम्मी और खाला अम्बरीन को नंगा देख कर बहुत गरम हो गया था लेकिन राशिद का हाल तो बहुत ही पतला था. वो अम्मी और खाला अम्बरीन को नंगा देख कर अपने ऊपर क़ाबू नही कर पा रहा था और उस का मुँह टमाटर की तरह लाल हो चुका था. अम्मी और खाला अम्बरीन के गोल और तवाना चूतड़ देख कर मेरा लंड टन गया था और उस में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी.

फिर नज़ीर ने अम्मी और खाला अम्बरीन दोनो को कहा के वो उस का लंड चूसें. अम्मी अपनी हथेली से अपने होंठ साफ़ करती हुई बेड पर चढ़ी और नीचे झुक कर नज़ीर का लंड अपने मुँह में ले कर उस के टोपे पर ज़बान फेरने लगीं. खाला अम्बरीन भी अपने भारी मम्मों और चूतड़ों को हरकत देती हुई बेड पर चढ़ गईं. अम्मी की चौड़ी गांड़ का रुख़ मेरे और राशिद की तरफ था. खाला अम्बरीन ने घुटनो के बल बैठ कर अपना मुँह नज़ीर के काले सियाह लंड के क़रीब कर लिया जिससे अम्मी अपने गोरे हाथ में पकड़ कर चूस रही थीं . खाला अम्बरीन ने जान बूझ कर अपना चेहरा हमारी तरफ नही किया था ताके राशिद से उनकी आँखें चार ना हूँ. लेकिन इस तरह करने से उनकी मोटी गांड़ हमारी तरफ हो गई थी.

दोनो बहनो के चूतड़ों को जिन के बीच में उनकी मोटी चूतें और गांड़ के सुराख नज़र आ रहे थे इस तरह हवा में उठा देख कर मेरे जिसम में खून की गर्दिश बढ़ गई. नज़ीर सही कहता था दोनो ही ज़बरदस्त माल थीं .

जब अम्मी नज़ीर का मोटा लंड चूसते चूसते तक गईं तो उन्होने उससे अपने मुँह से निकाल लिया. अब खाला अम्बरीन ने उस का लंड मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. नज़ीर ने अम्मी को बाज़ू से पकड़ कर अपने ऊपर गिरा लिया और उनके मुँह में मुँह दे कर उनकी ज़बान चूसने लगा. उस का एक हाथ बड़ी बे-दरदी से अम्मी के मम्मों के नरम उभारों को मसल रहा था. मैंने देखा के अब अम्मी अपनी ज़बान नज़ीर के मुँह में डाल रही थीं जिस से ज़ाहिर होता था के वो गरम हो गई थीं .

जब नज़ीर ने ज़ोर से अम्मी के नंगे मम्मे पर चुटकी काटी तो उनके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. अम्मी कुछ शर्मिंदा सी हो गईं और सख्ती से अपने होठों को बंद कर लिया. नज़ीर हँसने लगा. खाला अम्बरीन ने अब उस का मोटा लंड अपने मुँह से निकाला और उस की तरफ देखा. नज़ीर भी शायद अम्मी और खाला अम्बरीन से अपना लंड चुस्वा चुस्वा कर बहुत गरम हो गया था. उस ने करामात को ईशारा किया.

करामात किसी पालतू कुत्ते की तरह बेड के पास आ गया. चलते हुए उस का बहुत लंबा लंड हवा में हिचकोले ले रहा था. नज़ीर ने अम्मी और खाला अम्बरीन से कहा के देखो ज़रा मेरे यार का लौड़ा. किया तुम ने कभी ऐसा लौड़ा देखा है? अम्मी और खाला अम्बरीन ने मुड़ कर करामात को देखा और फॉरन नज़रें फेर लीं.

नज़ीर ने अम्मी और खाला अम्बरीन को बेड पर सीधा लिटा दिया. फिर उस ने अम्मी की टांगें खोलीं और उनकी चूत चाटने लगा. उस की लंबी ज़बान चपा-चप मेरी अम्मी की मोटी और उभरी हुई चूत पर तेज़ी से चलने लगी. उस ने अपने दोनो हाथ अम्मी के चूतड़ों के नीचे रखे और उन्हे थोड़ा ऊपर उठा दिया. वो उनकी गांड़ के सुराख से ले कर उनकी चूत के ऊपरी हिस्से तक अपनी ज़बान फेर रहा था. अम्मी अपनी चूत और गांड़ के छेद पर नज़ीर की ज़बान बर्दाश्त ना कर सकीं और उनके मुँह से आवाजें निकलनी शुरू हो गईं. खाला अम्बरीन उनके साथ ही लेतीं रहीं. करामात शायद अम्मी की हालत देख कर बे-क़ाबू हो रहा था.

वो नज़ीर से पूछे बगैर बेड पर चढ़ा और खाला अम्बरीन के ऊपर लेट गया. उस ने खाला अम्बरीन के मुँह की ज़ोर ज़ोर से बहुत सी पपियाँ लीं और उनके मुलायम मम्मों को हाथों में ले कर बुरी तरह चूसने लगा. खाला अम्बरीन ने भी ऊऊं ऊऊओं शुरू कर दी और उनकी टांगें खुद-बा-खुद खुल गईं. करामात खाला अम्बरीन पर चढ़ा हुआ था और जब उनकी टांगें खुलीं तो वो अपने बदन के दरमियाने हिस्से को पूरी तरह उनकी चूत के ऊपर ले आया. उस का लंड खाला अम्बरीन की चूत और गांड़ के सुराख से टकराता हुआ बेड की चादर से थोड़ा ऊपर आ गया.

खाला अम्बरीन के मम्मे अच्छी तरह चूसने के बाद करामात नीचे की तरफ खिसका और उनकी चूत चाटने लगा. खाला अम्बरीन बेड पर कसमसाने लगीं और उनके मुँह से एक तावातूर के साथ आवाजें बरामद होने लगीं. करामात उनकी चूत के कुछ हिस्से को मुँह में लेता तो उनके जिसम में जैसे करेंट दौड़ जाता. दोनो बहनो के मुँह से निकलने वाली आवाजें एक दूसरे में मदगम हो रही थीं .

करामात ने फिर उठ कर खाला अम्बरीन के मुँह में अपना लंड दे दिया. वो उस का लंबा लंड पूरा अपने मुँह में नही ले सकती थीं लेकिन बहरहाल वो उस का टोपा और टोपे से नीचे का कुछ हिस्सा चूसती रहीं. करामात के टट्टे इस दोरान पेंडुलम की तरह हिलते रहे.

खाला अम्बरीन उस के लंड के टोपे को बड़ी अच्छी तरह चाट रही थीं और वो खूब मज़े ले रहा था. करामात ने ज़बरदस्ती अपने लंड को खाला अम्बरीन के मुँह के अंदर करने की कोशिश की. शायद उस के लंड का टोपा उनके हलक़ में लगा और वो बुर्री तरह खांसने लगीं. नज़ीर ने करामात से कहा के एहतियात करे. करामात मुस्कुरा दिया.

नज़ीर ने अब अम्मी को अपने लंड के ऊपर बैठने को कहा. अम्मी ने अपनी चढ़ी हुई साँसों को क़ाबू करने की कोशिश की और नज़ीर के पेट पर बैठ गईं. फिर उन्होने अपने मोटे चूतड़ ऊपर उठाये और नज़ीर के थूक में लिथड़ी हुई अपनी चूत उस के लंड के बिल्कुल ऊपर ले आ’ईं. नज़ीर ने अपना लंड हाथ में पकड़ा और उससे अम्मी की चूत के अंदर करने लगा. उस के लंड का टोपा अम्मी की चूत को खोलता हुआ उस के अंदर घुस गया. अम्मी के चेहरे पर तक़लीफ़ नज़र आने लगी.

नज़ीर ने उनकी कमर को दोनो हाथों से पकड़ा और ज़ोर लगा कर उनके बदन को नीचे की तरफ दबाया. उस का लंड फँस फँस कर अम्मी की चूत में गायब हो गया. चंद सेकेंड रुक कर नज़ीर ने अम्मी की चूत में एक ज़बरदस्त घस्सा मारा. अम्मी के मुँह से ज़ोर की आवाज़ निकली. अब वो नज़ीर का पूरा लंड अपने अंदर ले चुकी थीं . नज़ीर ने अम्मी के मम्मे पकडे और उन्हे अपनी तरफ खैंचते हुए नीचे से उनकी चूत में घस्से मारने लगा. अम्मी उस के सीने पर झुक गईं और उस ने उनके होंठ अपने मुँह में ले लिये.

कुछ देर इस तरह अम्मी को चोदने के बाद नज़ीर ने अपने दोनो हाथ अम्मी के चूतड़ों के पीछे ला कर उन्हे मज़बूती से पकड़ लिया और उन्हे अपने लंड पर आगे पीछे करने लगा. अम्मी के गोरे चूतड़ों पर उस के काले हाथ ऐसे लग रहे थे जैसे दो सफ़ेद घर पर काले रंग से इंसानी हाथों के निशान बना दिये गए हूँ.

अम्मी भी मस्ती के आलम में नज़ीर के सीने पर हाथ रख कर अपने बदन को ऊपर उठा रही थीं ताके उस का लंड आसानी से उनकी चूत ले सके. नज़ीर के हर घस्से पर अम्मी का मुँह खुल जाता और वो ज़ोर ज़ोर से ऊऊं ऊऊं करने लगती थीं . नज़ीर ने कहा के तुम्हारी फुद्दी में भी बिल्कुल तुम्हारी बहन जैसा मज़ा है. अम्मी खामोशी से अपनी चूत मरवाती रहीं और कोई जवाब नही दिया. उनके लंबे और रेशमी बाल नज़ीर के एक कंधे पर पड़े हुए थे. कुछ ही देर में उस के लंड पर अम्मी के ताक़तवर चूतड़ों की उछल कूद तेज़ हो गई और वो अपने मोटे मम्मे हिला हिला कर ज़ोरदार आवाजें निकालते हुए खलास हो गईं. खलास होने की वजह से उनका सारा बदन थर्रा रहा था. रफ़्ता रफ़्ता नज़ीर के लंड पर उनके चूतड़ों की हरकत आहिस्ता होने लगी.

हमें अम्मी की गांड़ का सुराख साफ़ नज़र आ रहा था और उस से ज़रा नीचे नज़ीर का मोटा लंड भी जो आधा अम्मी की चूत के अंदर था. उस के लंड के ऊपर अम्मी की चूत से निकालने वाला पानी एक लकीर बनाता हुआ उस के टट्टों की तरफ आ रहा था. उस की बड़ी उंगली अम्मी की गांड़ के सुराख पर रखी हुई थी. कुछ देर अम्मी की चूत मारने के बाद नज़ीर ने रुक कर अपने लंड को एक हाथ में पकड़ा और दूसरे हाथ से अम्मी के चूतड़ों को हरकत देते हुए उससे उनकी चूत में सही जगह फिट कर के फिर घस्से मारने लगा. थोड़ी देर बाद उस ने अम्मी को सीधा लिटाया और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया. अब उस का लंड फिर अम्मी की चूत को फाड़ रहा था. वो अम्मी को चोदते हुए उनके कान में कुछ कह भी रहा था लेकिन हम सुन नही सकते थे.

करामात ने इस आसन में खाला अम्बरीन के बदन को अच्छी तरह चूमने और चाटने के बाद उन्हे बेड पर लिटा दिया था. उस ने उनके ऊपर आ कर उनकी चूत के अंदर एक ऐसा घस्सा मारा के उस का पूरा लंड एक झटके से खाला अम्बरीन के अंदर चला गया. जुब उस का लंबा लंड खाला अम्बरीन की चूत में घुसा तो बे-साख्ता उनकी चीख निकल गई. अम्मी ने नज़ीर के नीचे लेते लेते खाला अम्बरीन की तरफ देखा और फिर अपनी आँखें बंद कर के उस के मोटे लंड का मज़ा लेने लगीं.

कुछ ही देर में खाला अम्बरीन की चूत करामात का लंड ज़रा सहूलत से लेने लगी और वो उन्हे तेज़-रफ़्तारी से चोदने लगा. उस ने अचानक अपने लंड को खाला अम्बरीन की चूत में गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया. खाला अम्बरीन का मुँह खुल गया और वो अपने चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से ऊपर उठाने लगीं. अब करामात और खाला अम्बरीन दोनो ही घस्से मार रहे थे. खाला अम्बरीन करामात के लंड पर घस्से मार रही थीं और करामात खाला अम्बरीन की चूत में घस्से लगा रहा था. एक मिनिट बाद ही खाला अम्बरीन छूट गईं और उनके मुँह से निकालने वाली आवाजें पहले कुछ और तेज़ हुईं और फिर दम थर्राने लगीं.

करामात उनके खलास होने से और बिफर गया और उस के घस्सों में शिद्दत आ गई. उस का लंड खाला अम्बरीन की पानी से भारी हुई चूत में चपड़ चपड़ की आवाज़ों के साथ आ जा रहा था. चंद लम्हों के अंदर ही खाला अम्बरीन ने एक बार फिर तेज़ तेज़ ऊऊं आआअंह शुरू की और बड़े खौफनाक तरीक़े से दूसरी दफ़ा खलास हो गईं. उनकी चूत से निकालने वाले पानी ने बेड की नीली चादर पर काफ़ी बड़ा गोल सा निशान बना दिया था. करामात उनकी हालत से बे-नियाज़ उसी तरह अपने लंड से उनकी चूत का सत्यानास करता रहा और उस के टट्टे खाला अम्बरीन की गांड़ के सुराख से ठप ठप टकराते रहे.

कुछ देर में नज़ीर ने अम्मी की चूत से अपना लंड निकाला और करामात से कहा के वो अब खाला अम्बरीन की फुद्दी मारना चाहता है. करामात फॉरन खाला अम्बरीन के ऊपर से उठ गया और आ कर अम्मी के मोटे मम्मे चूसने लगा. नज़ीर ने पहले तो खाला अम्बरीन के आठ दस बोसे लिये और फिर उनके मम्मे मसलते हुए उनको अपने लंड पर बिठा लिया. उन्होने इस दफ़ा नज़ीर का मोटा लंड बड़ी आसानी से अपने चूत में ले लिया और उस पर ऊपर नीचे होने लगीं. कुछ देर तक खाला अम्बरीन के मम्मे हाथों में पकड़ कर नज़ीर उन्हे इसी तरह चोदता रहा.

फिर उस ने खाला अम्बरीन को कुतिया बनाया और पीछे से उनकी चूत में अपना लंड घुसा दिया. उस के घस्सों के ज़ोरदार झटकों से खाला अम्बरीन के मोटे मम्मे बे-क़ाबू हो कर ज़ोर ज़ोर से झूलने लगे. कोई आठ दस मिनिट तक उन्हे पीछे से चोदने के बाद नज़ीर ने उनकी चूत की जान छोड़ी और दो तकिये सर के नीचे रख कर बेड पर लेट गया. खाला अम्बरीन भी वहीं अपनी टांगें बंद कर के लेतीं रहीं.
करामात उस वक़्त अम्मी के चूतड़ों को खोल कर उनकी चूत और गांड़ के सुराख को चाट रहा था. नज़ीर ने अम्मी से कहा के वो उस का लंड चूसें और अपनी बहन की चूत के पानी का मज़ा लें. उस ने हंस कर कहा के आज वो उन्हे लंडन की सैर किराए गा. अम्मी करामात के पास से हट गईं. वो एक लम्हे के लिये रुकीं लेकिन फिर उन्होने घुटनो के बल बैठ कर नज़ीर का गीला लंड मुँह में लिया और उससे चूसने लगीं. करामात ने भी अपना लंड उनके मुँह के सामने कर दिया और अम्मी बारी बारी उन दोनो के लंड चूसती रहीं.


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Re: नंबर वन माल

Unread post by The Romantic » 14 Dec 2014 17:34

नंबर वन माल--8

थोड़ी देर तक अम्मी से अपना लंड चुसवाने के बाद करामात उनके चूतड़ों की तरफ आ गया और अपना लंबा लंड हाथ में पकड़ कर उनकी मोटी चूत में अपनी बड़ी उंगली डाल कर हिलाने लगा. अम्मी ने आहिस्ता से कहा के ऐसा मत करो अपना लंड अंदर डालो. इस पर करामात ने एक झटके से अपने लंड को अम्मी के अंदर घुसेड़ दिया. अम्मी उस वक़्त नज़ीर का लंड चूस रही थीं लेकिन जब करामात ने अपना लंड अचानक उनकी चूत में डाला तो नज़ीर का लंड उनके मुँह से निकल गया. करामात ने फॉरन ही अम्मी के चूतड़ों को पकड़ा और उनकी चूत में घस्से मारने लगा. उस का ताक़तवर लंड अम्मी की चूत को जैसे फाड़ता हुआ उस के अंदर जा रहा था. अम्मी के चेहरे पर शदीद तक़लीफ़ के आसार थे और वो अपनी चूत में लगने वाले हर घस्से पर आआआअ…..आआआ……..आआआ… …आआआअ…….आआआआआ कर रही थीं . करामात का लंड उनकी चूत में तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था. इसी तरह चीखें मारते मारते अम्मी फिर खलास हो गईं.

खाला अम्बरीन नज़ीर के बिल्कुल साथ जुड़ कर लेटी थीं और अम्मी की चीखें उन पर भी असर कर रही थीं . हम ने उनके मम्मों के निप्पल अकड़े हुए देखे. उन्होने अपने बाज़ू अपने नंगे मम्मों पर रख कर उन्हे छुपा लिया. वो लंड लेने के लिये बेताब दिखाई देती थीं लेकिन नज़ीर और करामात दोनो की तवजो अम्मी को चोदने पर मोरक़ूज़ थी. बिल-आख़िर नज़ीर ने अम्मी को करामात के हवाले किया और खाला अम्बरीन को अपने लंड पर बैठने को कहा. उन्होने वक़्त ज़ाया किये बगैर नज़ीर के ऊपर टाँग पलटाई और और उस का लंड अपनी चूत में ले लिया. दोनो बहनों को दो इंतिहा तजर्बकार मर्द बे-तहाशा चोद रहे थे.

खाला अम्बरीन नज़ीर के लंड पर बैठी ही थीं के फिर खलास हो गईं. नज़ीर हँसने लगा. उस ने खाला अम्बरीन को बेड पर लिटाया और खुद उनके ऊपर चढ़ गया. अभी उस ने उनकी चूत में दस घस्से ही लगाइय थे के उस के मुँह से अजीब भोंडी आवाजें निकालने लगीं. उस के काले चूतड़ अकड़ गए और उस ने खलास होते हुए खाला अम्बरीन की चूत में अपनी सारी मनी छोड़ दी. फिर उस ने अपना लंड उनके अंदर से निकाला और उनके साथ लेट गया.

जब नज़ीर और करामात ने अम्मी और खाला अम्बरीन को चोदने के बाद फ़ारिग़ किया तो उन्होने जल्दी जल्दी अपने कपड़े उठाये और बेडरूम से निकल गईं. मै और राशिद वहीं रहे.

अम्मी और खाला अम्बरीन को चोदने के बाद नज़ीर और करामात बारी बारी बाथरूम गए. मैंने नज़ीर को 50,000 रुपय दिये और कहा के अब वो फिल्म मुझे दे दे. उस ने कहा चलो. मैंने पूछा के इस की किया गरनटी है के उस ने फिल्म की और कॉपीस नही बना’ईं. वो बोला के वो मुल्क से बाहर जा रहा है उसे अब इस फिल्म की ज़रूरत नही है.

हम चारों घर से बाहर निकल कर सड़क पर आए तो नज़ीर ने अपनी क़मीज़ की साइड की जेब से एक DVD निकाल कर मुझे दी और कहा के ये लो मज़े करो. फिर वो और करामात एक रक्ष में बैठे और चलते बने. इस का मतलब था के फिल्म सारा वक़्त उस के पास थी लेकिन उस ने तुरप का ये पत्ता अपने पास ही रखा था. मै और राशिद बोझल क़दमों से घर वापस आ गए.

हम घर पुहँचे तो अम्मी और खाला अम्बरीन बेडरूम में उसी बेड की चादर बदल रही थीं जिस पर थोड़ी देर पहले नज़ीर और करामात ने उनकी फुद्दियों का हाशर नशर किया था. मै राशिद को ले कर अपने कमरे में आ गया. हम ने नज़ीर की दी हुई DVD को DVD प्लेयर में लगा कर चेक किया और फिर उससे तोड़ कर उस के कई टुकड़े कर दिये ताके वो दोबारा कभी इस्तेमाल ना हो सके.

एक बहुत बड़ा बोझ हमारे सर से उतर गया था. मेरे अन्दर की आवाज़ कह रही थी के नज़ीर अब हमारी ज़िंदगी से हमेशा के लिये निकल चुका है. अगर वो मुल्क से बाहर ना भी जाता तो बार बार यहाँ आ कर अपने आप को ख़तरे में नही डाल सकता था.

मुझे राशिद के चेहरे से अंदाज़ा हो रहा था के मेरी तरह उस के ज़हन में भी अम्मी और खाला अम्बरीन की चुदाई की फिल्म मुसलसल चल रही थी. वो भी शायद मेरी दिमागी कैफयत जान गया. कहने लगा के नज़ीर और करामात कैसे खौफनाक तरीक़े से अम्मी और खाला यासमीन को चोद रहे थे. काश हम भी कभी दो औरतों के साथ ऐसा कर सकैं. मेरा माथा ठनका. उस ने ये बात बगैर वजह के नही की थी. ज़रूर इस के पीछे कुछ था.

राशिद समझ रहा था के चूँके वो अम्मी को चोद रहा था इस लिए मैंने उस से बदला लेने की खातिर खाला अम्बरीन पर हाथ डाला जब के मुझे तो उस के और अम्मी के ता’अलूक़ का पता ही पिंडी से वापस आने के बाद चला था. लेकिन में उससे इस हक़ीक़त से क्यों आगाह करता. अगर उसे अपना आप गुनाह-गार लग रहा था तो ये अच्छी बात थी क्योंके में किसी ना किसी तरह बाहरहाल उस की माँ को चोदना चाहता था. मैंने कहा पिछली बातों को छोड़ो राशिद अब आगे का सोचो.

वो कुछ देर खामोश रहा और फिर बोला के शाकिर क्यों ना अम्मी और खाला यासमीन के साथ हम भी वोही करें जो नज़ीर और करामात ने किया. फिर खुद ही कहने लगा के वो कभी नही मानेंगीं. मुझे इसी बात का इंतिज़ार था. मैंने कहा अब ये इतना ना-मुमकिन भी नही है. उस ने मेरी तरफ सवालिया नज़रों से देखा.

मैंने कहा के हमारी माओं ने पिछल दिनों कई दफ़ा बड़ी ज़ोरदार चुदाई करवाई है और उनके साथ वो हुआ है वो इस से पहले यक़ीनन कभी ख्वाब में भी नही हुआ था. ये उनके लिये ज़िंदगी को हर तरह से और हमेशा के लिये बदलने वाला तजर्बा था. अब दुनिया उन्हे पहले के मुक़ाबले में बिल्कुल मुख्तलीफ़ नज़र आ रही होगी. वो अब वैसी नही रही हैं जैसी इन तजरबात से पहले थीं . जब में मर्द हो कर नज़ीर की वजह से कुछ ही दिन में 16 से 26 साल का हो गया तो इन दो औरतों का किया हाल हुआ हो गा? उनके ज़ह्नो में अब चूत देने के हवाले से ज़िल्लत और इज़्ज़त का वो एहसास नही हो सकता जो आम औरतों में होता है. वो दोनो अब बड़ी मुख्तलीफ़ औरतें हैं महज़ दो घरैलू जनानियाँ नही हैं.

रहा हम से चुदवाने का सवाल तो ये ना भूलो के उन्होने हमारे सामने दो गैर मर्दों से अपनी चूतें मरवाई हैं और हम ने उन्हे दो दो लंड अपने अंदर लेते हुए देखा है. इस लिये अब हमारे और उनके दरमियाँ बहुत से पर्दे नही रहे. हम से चुदवाना उनके लिये एक बड़ी बुरी बात तो ज़रूर है मगर कोई बहुत क़यामत नही.

मेरी बात राशिद के दिल को लगी. कहने लगा के शाकिर तुम बहुत बदल गए हो. मुझे बातें सुन कर लगता है जैसे कोई और बोल रहा हो. मै मुस्कुरा दिया. फिर उस ने पूछा के अगर वो दोनो मान गईं तो किया तुम मुझे खाला यासमीन को चोदने दो गे? मैंने हंस कर कहा के तुम इस से पहले किया मुझ से इजाज़त ले कर अम्मी की चूत ले रहे थे? वो बोला ये तो है मगर इस काम के लिये उन दोनो से बात कैसे करें? मैंने कहा के तुम अपनी अम्मी को राज़ी करो और में अपनी अम्मी को मानने की कोशिश करता हूँ फिर देखते हैं किया होता है.

कुछ देर बाद में, अम्मी, राशिद और खाला अम्बरीन बेडरूम में आ गए. खाला अम्बरीन के चेहरे पर खीफफत के आसार थे और राशिद के सामने वो कुछ शर्मिंदा लग रही थीं लेकिन अम्मी बिल्कुल नॉर्मल और हशाश बशाश थीं . मेरे लिये समझना मुश्किल नही था के दोनो के रवाइयों में ये फ़र्क़ क्यों था. मै अम्मी को चोद चुका था और आज के वाकये के बाद भी उन्हे मुझ से किसी क़िसम की शरम या खौफ महसूस करने की ज़रूरत नही थी लेकिन खाला अम्बरीन और राशिद में ऐसा कोई ता’अलूक़ नही था. खाला अम्बरीन को आज उनके बेटे के सामने दो अजनबी मर्दों को अपनी चूत देनी पड़ी थी और ज़ाहिर है ये बात उनके लिये नदामत का बा’आइस थी. और अगरचे वो एक कमज़ोर औरत नही थीं मगर फिर भी उन्हे इन वाकेयात के असर से निकलने के लिये कुछ वक़्त चाहिये था.

मैंने खाला अम्बरीन की दिल-जोई के लिये कहा के हम में से किसी को परेशां होने की ज़रूरत नही है. हम ने जो किया खानदान को एक बहुत बड़ी मुश्किल से निकालने के लिये किया. खाला अम्बरीन बोलीं के ये तो ठीक है मगर मेरी और यासमीन की इज़्ज़त भी तो लूटी है इस सारे मामले में. उन्हे अपनी इज़्ज़त का राग अलापने का बहुत शोक़् था. मै क़सम खा सकता था के अगर उन्हे दोबारा मोक़ा मिलता और उन पर कोई इल्ज़ाम ना आता तो वो ज़रूर नज़ीर और करामात से चूत मरवातीं. राशिद ने कहा के ऐसा बिल्कुल नही हुआ क्योंके किसी को कुछ पता नही है. हमें ऐसी बात सोकछनी भी नही चाहिये. ये सुन कर खाला अम्बरीन वाज़ेह तौर पर रिलॅक्स हो गईं.

तनाओ कुछ कम हुआ तो में बोला के वैसे हमारी तो अभी शादियाँ नही हुई हैं मगर में ये ज़रूर चाहूं गा के औरतों के मामले में नज़ीर और करामात जितना तजर्बा हासिल कर सकूँ. अम्मी और खाला अम्बरीन ने ज़रा हैरत से एक दूसरे की तरफ देखा. राशिद ने कहा के खाला यासमीन आप को और अम्मी को प्रेग्नेंट होने का ख़तरा नही है. अम्मी ने जवाब दिया के नही हम दोनो प्रेग्नेन्सी रोकने वाली गोलियाँ लेतीं हैं.

गुफ्तगू अब काफ़ी खुल कर हो रही थी. मैंने कहा वैसे वो दोनो बड़े खुश-क़िस्मत हैं जो आप जैसी खूबसूरत औरतों को मुफ़्त में चोद लिया कहाँ आप दोनो और कहाँ वो गलियों के आवारा कुत्ते. अम्मी और खाला अम्बरीन ने इस बात का कोई जवाब नही दिया मगर ज़ाहिर है ये बात उन्हे बुरी तो नही लग सकती थी. खाला अम्बरीन ने कहा के तुम दोनो ने कुछ ज़ियादा पर पुर्ज़े नही निकाल लिये. पता नही तुम राशिद को सिखाते हो या ये तुम्हे सिखाता है. मैंने हंस कर कहा के खाला अम्बरीन में राशिद से साल बड़ा हूँ इस लिये में इस का उस्ताद हूँ. अम्मी बोलीं के तुम राशिद से चंद महीने ही बड़े हो लेकिन तुम दोनो की पदैश का साल एक ही हे. माहॉल ज़रा खुश-गवार हुआ तो मैंने सोचा के अब सीधी सीधी बात कर देनी चाहिये. मैंने कहा के किया आप दोनो एक दफ़ा मुझे और राशिद को अपनी चूत दे सकती हैं?

मेरी बात सुन कर अम्मी को तो कम हैरत हुई लेकिन खाला अम्बरीन का मुँह खुला का खुला रह गया. कहने लगीं शाकिर ये तुम किया कह रहे हो? यासमीन तुम्हारी माँ है और में तुम्हारी खाला. इसी तरह में राशिद की माँ हूँ और यासमीन उस की खाला. वो दोनो कमीने अभी अभी मेरी और तुम्हारी माँ की इज़्ज़त तार तार कर के गए हैं और तुम अब ये बात कर रहे हो. कुछ तो ख़याल करो. उन्होने राशिद की तरफ देखा और फिर अम्मी से कहा के यासमीन ये कैसी बातें कर रहा है. मैंने अम्मी को जवाब देने का मोक़ा नही दिया और कहा के खाला अम्बरीन आप जानती हैं के मैंने पिंडी में आप की फुद्दी तक़रीबन मार ही ली थी इस लिये मेरा आप को चोदने की खाहिश करना कोई ऐसी हैरत की बात नही है. रहा अम्मी का मामला तो……..

मैंने बात अधूरी छोड़ कर राशिद और अम्मी की जानिब मानी खैीज़ नज़रों से देखा. दोनो अचानक नर्वस नज़र आने लगे थे. उन्हे खौफ था के कहीं उनके आपस के ता’अलूक़ का राज़ खाला अम्बरीन पर खुल ना जाए. राशिद जल्दी से बोला के अम्मी में खाला यासमीन को चोदना चाहता हूँ. अम्मी ने ज़ोर से साँस ली. उनका राज़ फिलहाल महफूज़ था. अपनी परैशानी में वो ये भूल गईं के उनका भांजा अपनी माँ के सामने उन्हे चोदने की बात कर रहा था.

खाला अम्बरीन ने गुस्से से राशिद को घूरा और कहा के तुम होश में तो हो सूवर के बच्चे. राशिद का चेहरा बे-इज़्ज़ती के एहसास से सुर्ख हो गया. उस ने अपनी माँ की बात का कोई जवाब नही दिया और उठ कर बेडरूम से बाहर निकल गया. मैंने खाला अम्बरीन से कहा के ये आप ने किया गज़ब कर दिया राशिद को नाराज़ कर के हम सब मुसीबत में फँस सकते हैं. अगर उस ने नज़ीर के बारे में खालू को कुछ बता दिया तो किया हो गा? मेरी बात सुन कर खाला अम्बरीन की आँखों में खौफ के साइी लहराने लगे. अम्मी ने मुझे कहा के जेया’ओ उससे वापस ले कर आ’ओ.

में बाहर निकला तो राशिद घर के बड़े दरवाज़े के पास नज़र आया. मै उससे ठंडा कर के वापस बेडरूम में ले आया. हम अंदर पुहँचे तो अम्मी खाला अम्बरीन को दूसरे कमरे में ले गईं. वो यक़ीनन उन्हे समझाना चाह रही थीं . कोई आधे घंटे बाद अम्मी और खाला अम्बरीन वापस आ गईं. खाला अम्बरीन ने राशिद को गले से लगाते हुए कहा के ये सब बातें उनके लिये बड़ी खौफनाक हैं इस लिये वो समझ नही पा रहीं के किया करें. कुछ देर इधर उधर की बातों के बाद राशिद और खाला अम्बरीन अपने घर चले गए.

उनके जाने के बाद मैंने अम्मी से पूछा के उन्होने खाला अम्बरीन से किया बात की. वो कहने लगीं के मैंने उससे यही समझाया के वो अक़ल से काम ले और मामलात को खराब ना होने दे. मैंने कहा के किया खाला अम्बरीन राशिद से और मुझ से चुदवा लेंगीं. अम्मी बोलीं के जब सर पर पड़ती है तो हर ना-राव राव हो जाता है. मैंने फिर सवाल किया के किया खाला अम्बरीन आप के सामने ये सब कुछ कर लेंगीं? अम्मी ने कहा के अम्बरीन ने कल सुबह यहाँ आने का कहा है. अगर वो आ गई तो फिर सब कुछ हो जाए गा और अगर ना आई तो इस का मतलब हो गा के वो राज़ी नही है. उन्होने पूछा के तुम किस तरह राशिद को मेरे साथ देख सको गे. मैंने कहा अम्मी इस के साइवा और कोई चारा नही है क्योंके खाला अम्बरीन पर आप की गैर मोजूदगी में हाथ नही डाला जा सकता. जब तक इस हमाम में सब नंगे नही हूँ गे हालात ठीक नही हो सकते. और फिर राशिद जो कुछ यहाँ आ कर पहले करता रहा है एक बार और कर ले गा तो कौन सी क़यामत टूट पड़े गी.

अम्मी के चेहरे का रंग एक लम्हे के लिये बदला लेकिन फिर कहने लगीं के शाकिर कुछ और हो ना हो तुम अम्बरीन की चूत ज़रूर लाना. मैंने पूछा अम्मी आप ऐसा क्यों चाहती हैं? उन्होने कहा के मैंने राशिद से ता’अलूक़ कायम कर के बहुत बड़ी गलती की थी और अगर इस बात का ईलम अम्बरीन को सो साल बाद भी हो गया तो में कहीं की नही रहूं गी. मैंने कहा आप फिकर ना करें ऐसा कभी नही होगा. फिर मैंने अम्मी से पूछा के किया में आज उन्हे चोद सकता हूँ तो उन्होने कहा के में रात को तुम्हारे पास आ जाऊं गी. आधी रात के बाद वो मेरे पास आ गईं और मुझ से बड़े अच्छे तरीक़े से अपनी फुद्दी मरवाई हालांके वो दिन को दो दो ताक़तवर लंड ले चुकी थीं . जब वो फ़ारिग़ हो कर अपने कमरे में चली गईं तो में बे-सबरी से अगले दिन का इंतिज़ार करने लगा.

दूसरी दिन खाला अम्बरीन और राशिद सुबह 9 ½ बजे आ गए. मै अभी सो कर ही उठा था. अम्मी के कहने पर में अपने दोनो छोटे भाई बहन को हस्ब-ए-साबिक़ नाना के घर छोड़ आया. कोई एक घंटे बाद हम चारों बेडरूम में आ गए और मैंने बेडरूम का दरवाज़ा लॉक कर दिया.

फिजा में आज फिर अजीब क़िसम का खींचाओ महसूस हो रहा था. हम चारों में से कोई भी पहल नही करना चाहता था. अम्मी बेड पर बैठी हुई थीं और खाला अम्बरीन कुर्सी पर. मै अम्मी के साथ बैठ गया और उनकी कमर में हाथ डाल कर उनका गाल चूम लिया. उन्होने मेरी रान पर अपना हाथ रख दिया. राशिद ने ये देखा तो हिम्मत पकड़ी और खाला अम्बरीन को ले कर बेड पर आ गया. मैंने अम्मी को आहिस्ता से धकेल कर बेड पर लिटाया और खुद उनके ऊपर झुक गया. उन्होने अपने मुँह पर मेरे होंठ महसूस किये तो बिला-झीजक अपने होंठ मेरे होठों के साथ चिपका दिये. मै उनके बोसे लेता रहा और वो अपने लिपस्टिक लगे होठों से जवाबन मुझे चूमती रहीं. मेरा लंड तन कर लोहा बन गया. उनके मुँह के बीसियों बोसे लेने के बाद में अम्मी के ऊपर से हटा और जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारने लगा ताके मेरा लंड बाहर आ सके.

राशिद मुझ से पहले ही नंगा हो चुका था और खाला अम्बरीन ने उस का लंड अपने हाथ में पकड़ा हुआ था. मै अम्मी के सामने खड़ा हो गया और अपना लंड उनके मुँह से क़रीब कर दिया. अम्मी ने मेरा लंड हाथ में थाम कर मुँह में ले लिया और उससे चूसने लगीं. बेडरूम में स्प्लिट A C की हल्की आवाज़ के बावजूद मेरा लंड चूसते हुए अम्मी के मुँह से सपड़ सपड़ की आवाजें सुनाई दे रही थीं .

राशिद ने खाला अम्बरीन के कपड़े उतारने शुरू कर दिये. उन्होने अपनी क़मीज़ तो बेड पर बैठे बैठे ही उतार दी लेकिन शलवार उतारने के लिये उन्हे खड़ा होना पड़ा. शलवार उतरी तो खाला अम्बरीन के वज़नी चूतड़ मुझे नज़र आए. राशिद ने मुझे देखा और हाथ पीछे ले जा कर अपनी माँ के मोटे चूतड़ों को कस कस कर दबाने लगा. उस का लंड खाला अम्बरीन के पेट के नीचे टनटना रहा था. उस ने खाला अम्बरीन के दोनो चूतड़ों को अपने दोनो हाथों में ले कर खोला तो मुझे उनकी गांड़ का सुराख नज़र आया. राशिद ने बड़े वबाशाना अंदाज़ में अपनी माँ की गांड़ के सुराख पर उंगली फेरी.

ये देख कर अम्मी के मुँह के अंदर ही मेरे लंड में मज़े की मौजें उठने लगीं. राशिद ने खाला अम्बरीन का ब्रा भी उतारा और उनके मम्मों को दोनो हाथों में ले लिया. खाला अम्बरीन ने अपने होंठ दाँतों में दबा लिये. राशिद ने भी मेरी तरह वहीं खड़े खड़े अपना लंड अपनी माँ के मुँह में डाल दिया. खाला अम्बरीन अपने बेटे का लंड चूसने लगीं मगर उनके चेहरे पर ऐसा ता’असुर था जैसे ये सब कुछ उनके लिये ना-पसंदीदा हो.

मैंने अम्मी की क़मीज़ उनके पेट पर से ऊपर की और उस के अंदर हाथ डाल कर उनके मम्मे पकड़ने चाहे मगर क़मीज़ ब्रा से ऊपर नही गई और उनके मम्मे पूरी तरह मेरे हाथ में नही आ सके. अम्मी ने मेरा लंड मुँह से निकाला और खुद ही अपनी क़मीज़ उतार कर अपने बदन से अलहदा कर दी. फिर उन्होने अपनी शलवार भी उतार दी. मैंने उनका ब्रा खोल कर उनके मम्मों के ऊपर से हटाया और बेड पर लेट गया.

खाला अम्बरीन अब बेड पर दराज़ हो चुकी थीं और राशिद उन पर चढ़ा हुआ था. वो उनके मम्मों को बिल्कुल दीवानों की तरह मुँह में ले ले कर चूस रहा था. खाला अम्बरीन के मुँह से अब आवाजें निकलना शुरू हो गईं थीं और वो आहिस्ता आहिस्ता अपना सीना आगे पीछे कर रही थीं . ये मंज़र भी खून गरमा देने वाला था. राशिद और खाला अम्बरीन मुझ से क़रीब ही थे. जब राशिद खाला अम्बरीन का एक मम्मा चूस रहा था तो मैंने हाथ आगे बढ़ा कर उनके दूसरे मम्मे को दबाना शुरू कर दिया. खाला अम्बरीन के मुँह से निकालने वाली आवाजें एक लम्हे के लिये बंद हुईं और फिर फॉरन ही उन्होने ज़ियादा तेज़ आवाज़ में कराहना शुरू कर दिया. मै भी अपना लंड आहिस्ता आहिस्ता अम्मी के मुँह के अंदर बाहर करने लगा. जब मेरा लंड अम्मी के मुँह में घुसता तो वो अपनी ज़बान नीचे कर लातीं और जब लंड उनके मुँह से बाहर निकलता तो वो उस के टोपे पर ज़बान फेरतीं.


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Re: नंबर वन माल

Unread post by The Romantic » 14 Dec 2014 17:35

नंबर वन माल--9

मैंने खाला अम्बरीन की मम्मे पर हाथ फेरा तो वो खिसक कर मज़ीद मेरे क़रीब आ गईं और में उनके उस मम्मे को मसलता रहा जो राशिद के मुँह में नही था. राशिद ने अपनी माँ में मेरी दिलचस्पी देखी तो उठ कर अम्मी के पास आया और अपना लंड उनके मुँह के आगे कर दिया. अम्मी ने मेरा लंड मुँह से निकाला और राशिद के लंड का टोपा चूसने लगीं. मैंने भी अपना लंड खाला अम्बरीन के मुँह में दाखिल कर दिया. मुझे अंदाज़ा हुआ के जब दो मर्द दो औरतों को एक साथ चोदते हैं तो दोनो एक दूसरे को देख कर एक जैसी हरकतें करने लगते हैं.

फिर राशिद ने अम्मी से कहा के खाला ज़रा अपनी गांड़ मेरी तरफ करें. अम्मी अपना थूक से भरा हुआ मुँह साफ़ करते हुए उठीं और अपने नंगे चूतड़ों को राशिद की तरफ कर दिया. राशिद ने उनके चूतड़ों को अपने हाथों की मदद से खोला और उनकी चूत और गांड़ चाटने लगा. अम्मी ने बेड की चादर पकड़ ली और ऊऊं ऊऊऊःन करने लगीं. मै भी खाला अम्बरीन के पीकछे आ गया और बिल्कुल राशिद की तरह उनके चूतड़ों को खोल कर उनकी चूत पर ज़बान फेरने लगा. खाला अम्बरीन भी अपनी चूत चटवाते हुए खुद पर क़ाबू ना रख सकीं और कराहने लगीं. दोनो एक दूसरे से चंद इंच के फ़ासले पर थीं .

मेरे लंड के टोपे से पानी की बूँदें निकल रही थीं . मैंने ज़रा ज़ोर से खाला अम्बरीन की चूत चाटी तो वो बे-खुदी के आलम में आगे हुईं और अम्मी के ऊपर झुक कर उनकी कमर का निचला हिस्सा चाटने लगीं. उन्होने अपने हाथ की उंगलियाँ राशिद के माथे के पास अम्मी की गांड़ के सुराख पर फैरना शुरू कर दीं. अम्मी ने अपनी कमर पर खाला अम्बरीन की ज़बान महसूस की तो और ज़ोर से अपनी गांड़ राशिद के मुँह में घुसा ने लगीं. वो दोनो अब अपने आप को संबाल नही पा रही थीं .

मैंने खाला अम्बरीन का हाथ पकड़ कर अम्मी के हिलते हुए मम्मों के क़रीब कर दिया. उन्होने अम्मी के मम्मों को पकड़ा और उन्हे दूध दोहने वाले अंदाज़ में नीचे की तरफ खैंचने लगीं. मैंने खाला अम्बरीन की चूत को चूमते हुए उनकी गांड़ के सुराख को देखा जो कभी खुल रहा था और कभी बंद हो रहा था. मैंने अपनी एक उंगली उनके गांड़ के सुराख पर रखी और उससे आहिस्ता से अंदर दबाया. खाला अम्बरीन ने एक तेज़ आवाज़ निकाली और अपना एक हाथ नीचे ला कर अपनी चूत को मसलने लगीं.

राशिद ने जब देखा के उस की माँ खलास हो गई है तो वो अम्मी को छोड़ कर खाला अम्बरीन के पास आ गया. चूँके कुछ देर पहले राशिद ने खाला अम्बरीन को मेरे लिये छोड़ा था इस लिये में भी उससे अम्मी की गांड़ के पीछे से उठते हुए देख कर वहाँ से हट गया. राशिद ने खाला अम्बरीन के चूतड़ों को अपने लंड की तरफ मोड़ा और अपना फूँकारता हुआ लंड अपनी माँ की चूत के अंदर डाल कर घस्से मारने लगा.

मैंने भी अम्मी को घुटनो के बल झुकाया और उनकी चूत में अपना लंड अंदर कर दिया. अम्मी की चूत राशिद ने काफ़ी देर चाटी थी और वो पूरी तरह खुल चुकी थी. मेरा लंड अम्मी की चूत में आसानी से रास्ता बनाता हुआ उस के अंदर घुस गया और मैंने उनके चूतड़ पकड़ कर घस्से मारने शुरू कर दिये. अब में और राशिद अपनी अपनी माओं को पीछे से चोद रहे थे.

हमारे लंड एक तावातूर से अम्मी और खाला अम्बरीन की फुद्दियों में अंदर बाहर हो रहे थे. वो दोनो भी अपने चूतड़ों को हिला हिला कर हमारा साथ दे रही थीं . दोनो के मम्मे हमारे झटकों की वजह से बुरी तरह हिल रहे थे. अम्मी और खाला अम्बरीन वक़फे वक़फे से एक दूसरे की तरफ देख लेतीं थीं . वो अब इस सारे खेल का मज़ा ले रही थीं और दोनो के चेहरों पर इतमीनान और सकूँ नज़र आ रहा था.

में सेक्स में इतना तजर्बकार नही था लेकिन फिर भी एक दम मुझे लगा के अम्मी की फुद्दी पानी छोड़ने वाली है. उन्होने तेज़ रफ़्तारी से मेरे लंड पर अपनी फुद्दी को आगे पीछे किया और छूटने लगीं. उनकी फुद्दी पूरी तरह पानी में भीग गई और वो सर झुका कर मुँह से बे-हंगम आवाजें निकालने लगीं. उन्होने खलास होने के बाद अपनी गांड़ नीचे की और पेट बेड के साथ लगा कर मेरे लंड को अपनी फुद्दी के अंदर ही रखते हुए उल्टी लेट गईं. मैंने बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभाला और इस तरह अम्मी की चूत मारता रहा. लेकिन अब मुझे अपना लंड उनकी फुद्दी के अंदर दूर तक पुहँचाने में मुश्किल हो रही थी. मैंने उनकी चूत से लंड बाहर निकाला और सीधा लेट कर उन्हे अपने लंड पर बिठा लिया. मेरा लंड अम्मी की चूत के अंदर गया और वो उस पर अपने सेहतमंद बदन को आहिस्ता आहिस्ता ऊपर नीचे करने लगीं. मैंने खाला अम्बरीन की तरफ सर घुमाया.

राशिद अब भी खाला अम्बरीन को पीछे से ही चोद रहा था. जब वो अपना लंड उनकी चूत में अंदर करता तो खाला अम्बरीन मुँह से उफफफफ्फ़ की आवाज़ निकलटीं लेकिन जब उस का लंड उनकी चूत से बाहर निकलता तो उनके चेहरे पर तक़लीफ़ के आसार आ जाते. राशिद की पतली रानें खाला अम्बरीन के भारी चूतड़ों से तकररा तकररा कर अजीब क़िसम की आवाजें पैदा कर रही थीं . उस ने खाला अम्बरीन के चूतड़ों पर दोनो हाथ फेरने शुरू कर दिये और अपने घस्सों में थोड़ी तेज़ी ले आया. कुछ देर खाला अम्बरीन को चोदने के बाद वो भी मेरी तरह लेट गया और अपनी माँ को अपने ऊपर ला कर उस की फुद्दी में लंड दे दिया. खाला अम्बरीन भी अब अम्मी की तरह अपने बेटे के लंड पर उछलने लगीं.

अभी तक मैंने अपने ऊपर काफ़ी क़ाबू रखा था और खलास नही हुआ था लेकिन जब अम्मी के मोटे और भारी चूतड़ों ने बार बार मेरे लंड पर वज़न डाला तो मुझे लगा के में खलास हो जाऊं गा. मै राशिद से पहले खलास नही होना चाहता था. मैंने जल्दी से अम्मी को मम्मों से पकड़ कर रोक दिया. वो मेरे चेहरे के ता’असूरात से समझ गईं के में खलास होने वाला हूँ. उन्होने अपने चूतड़ों की हरकत रोक दी और कुछ कहे बगैर मेरे ऊपर से उतर गईं. जैसे ही मेरा अकड़ा हुआ लंड अम्मी की चूत के दबाव से आज़ाद हुआ तो किसी स्प्रिंग की तरह बड़ी तेज़ी से दांयें बांया हरकत करने लगा. अम्मी ने फॉरन उससे अपने हाथ में पकड़ लिया.

वो जान गई थीं के में खलास नही होना चाहता और खामोशी से मेरी मदद कर रही थीं . मैंने अपनी साँसें दरुस्त कीं और एक हाथ से अम्मी का एक मम्मा पकड़ा और दूसरे हाथ में खाला अम्बरीन का उछलता हुआ मम्मा दबोच लिया जो अब भी राशिद के लंड पर बैठी हुई थीं . कुछ मिनिट बाद मेरी हालत ज़रा और बेहतर हुई तो में फिर खाला अम्बरीन की तरफ मुतवजेह हुआ. वो राशिद के लंड पर से उतार कर मेरे साथ लिपट गईं. अम्मी ने मुस्कुराती आँखों से मुझे देखा और चुप चाप राशिद के पास जा कर लेट गईं जो उन से फॉरन लिपट गया.

राशिद ने अम्मी के ऊपर लेट कर उनके होठों को अपने मुँह में लिया और दोनो हाथों से उनके मम्मे मसलने लगा जो अब मेरे और राशिद के चूसने और मसलने से खूब लाल हो चुके थे. अम्मी अपना मुँह खोल खोल कर उस का साथ दे रही थीं . दोनो बुरी तरह एक दूसरे को चूम चाट रहे थे. बेडरूम में चूमा चाटी की आवाजें हर तरफ फैली हुई थीं . मैंने खाला अम्बरीन को अपने नीचे किया और अपना लंड उनकी फुद्दी में डाल कर घस्से लगाने लगा. वो बेड पर अपने बदन को इधर उधर हरकत देती रहीं. वो होश में नही लग रही थीं .मै खाला अम्बरीन की चूत में आहिस्ता आहिस्ता घस्से मारता रहा. तेज़ साँस लेने की वजह से उनका सीना और मम्मे ऊपर नीचे हो रहे थे.

राशिद ने अपनी माँ को एक बार फिर खलास होते देखा तो अम्मी की टांगें उठा कर अपने कंधों पर रख लीं. अम्मी की चूत का मुँह ऊपर उठ कर उस के सामने आ गया. राशिद ने अपना लंड अम्मी की चूत के अंदर डाला और उस के कंधों पर रखी हुई अम्मी की टांगें उनके सीने की तरफ आ गईं. अम्मी ने ज़ोर से उफफफ्फ़ कहा और सर उठा कर अपने हाथों से राशिद को पीछे ढकैलने की कोशिश की. राशिद ने अपना पूरा वज़न डाल कर अम्मी के घुटने उनके पेट से मिला दिये और उनकी उभरी हुई चूत में घस्से मारने लगा. वो इतना ताक़तवर नज़र नही आता था मगर उस ने अम्मी जैसी सेहतमंद औरत को बड़ी अच्छी तरह क़ाबू किया हुआ था. अम्मी उस के हर घस्से पर बड़ी तेज़ आवाज़ में कराहती थीं . मैंने देखा के उनकी चूत से पानी काफ़ी मिक़दार में निकल रहा था.

फिर राशिद के चेहरे के नाक़ूश बिगड़ घैय. उस ने अपना लंड अम्मी की फुद्दी में से बाहर निकाला और तेज़ तेज़ मूठ मारने लगा. फॉरन ही उस की मनी उस के टोपे के सुराख से पिकचकार्यों की सूरत में बाहर निकल कर अम्मी के चूतड़ों पर गिरने लगी. अपनी सारी मनी अम्मी की गांड़ पर डाल कर राशिद बेड से उठ गया और सामने पड़ी हुई कुर्सी पर जा बैठा. अम्मी भी उठीं लेकिन बेड पर ही एक साइड पर नंगी ही बैठ गईं.

राशिद को खलास होते देख कर मुझे दिल ही दिल में खुशी हुई के में उस से पहले नही कछूटा. मैंने एक दफ़ा फिर खाला अम्बरीन की चूत में अपने घस्से तेज़ कर दिये. यों ही चंद मिनिट तक उनकी चूत लेने के बाद मैंने फिर उन्हे घुटनो और हाथों के बल कुतिया बनाया और पीछे से उनकी चूत मारने लगा. अब में उनकी चूत में खलास होने की नियत से घस्से मार रहा था. जल्द ही मुझे अपने लंड के टोपे पर हल्की हल्की गुदगुदी महसूस होने लगी और मैंने खाला अम्बरीन की चूत में जल्दी जल्दी घस्से लगाने शुरू कर दिये. वो अपने बदन की सारी ताक़त इस्तेमाल कर के पीछे की तरफ ज़ोर लगा रही थीं . फिर में खाला अम्बरीन के अंदर खलास होने लगा और मुझे अपनी मनी उनकी पहले से गीली चूत के अंदर जाती महसूस होने लगी. इस के बाद हम सब बारी बारी नहाए और फिर गप शप करने बैठ गए.

इस वक़िये को 6 साल बीत चुके हैं. उस दिन के बाद मैंने और राशिद ने ये फ़ैसला किया था के हम एक दूसरे की माओं को अलहदा अलहदा नही चोदेंगे और हम आज तक इस फ़ैसले पर कायम हैं. अगर मुझे खाला अम्बरीन को चोदना होता है तो राशिद भी उसी दिन या किसी और दिन अम्मी की चूत मारता है और अगर राशिद की खाहिश होती है के अम्मी को चोदे तो में भी खाला अम्बरीन की फुद्दी लेता हूँ. हम सब अपनी अपनी जगह पर खुश हैं और एक अच्छी ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं.

मेरे सर से अपनी अम्मी और खाला को चोदने का भूत आज तक नही उतार सका. लेकिन में अम्मी को उसी वक़्त चोदता हूँ जब मुझे उनकी तरफ से इस बात का कोई इशारा मिलता है के वो चुदवाना चाहती हैं. मुझे खुद इस सिलसिले में उन से बात करने की हिम्मत नही होती. मै उनकी चूत ज़रूर मारता हूँ मगर इस का मतलब ये नही है के वो मेरी माँ नही रहीं. हम अब भी पहले ही की तरह माँ और बेटे ही हैं.

जिन लोगों का ख़याल है के इन्सेस्ट से रिश्तों की नोआयत पूरी तरह बदल जाती है वो गलती पर हैं. ऐसा बिल्कुल नही होता. फ़र्क़ ज़रूर पड़ता है लेकिन अगर बेटा अपनी माँ को चोद ले तो फिर भी माँ माँ ही रहती है बीवी नही बन जाती. मेरे लिये ये आज भी मुमकिन नही है के खाविंद की तरह उन्हे इशारा करूँ और वो अपनी शलवार उतार दें. अगरचे में जानता हूँ के वो मुझे चूत देने से इनकार नही कर सकतीं मगर मुझे ये भी ईलम है के वो ऐसा अपनी रज़ामंदी से ही करती हैं ज़ोर ज़बरदस्ती से नही. अब भी में उनकी कोई बात नही टाल सकता और ना अपनी कोई बात उन से ज़बरदस्ती मनवा सकता हूँ. मै नही जानता के मुस्तक़बिल में किया हो गा मगर मेरी और राशिद की शादियों तक तो शायद सब कुछ ऐसा ही रहे. बाक़ी जो क़िस्मत में लिखा हो वो हो कर रहता है.
THE END

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