बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई

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The Romantic
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Re: बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 15:26

उधर, लंड के मुहन मे जाते ही रोमा धड़ा-धड़ चूसने लगी. इसछूसा से अतुल का लंड एक दूं से बेकूबू हो गया. उसने रोमा केबालों को ज़ोर से पकड़ लिया और बड़बड़ाने लगा, "एस्स... मेरी रानी... अबजाकर मेरी मन की मुराद पूरी हुई है.... चूसो ... इसे ... ज़ोर से ... हां... ज़ोर से .... क्लब से ही तड़फ़ रहा था लंड मेरा... अभी इसे तुम्हारेहोतो और जीभ की ज़रूरत है.... इसे चूसो ... रग़ाद रग़ाद कर चूसोमेरे लंड को."

इधर, देवी ने अब पोज़िशन बदलते हुए बंशी को फर्श पर लेता दियाऔर उपर सवार हो गयी. बंशी के लंड पर अपनी चूत को रख कर एकबड़ा धक्का मार दिया. लंड मसके के माफिक उसकी चूत मे पूरा कापूरा घुस गया. अब देवी उसपर उच्छल उच्छल कर अपनी चूत को छुड़वारही थी. रवि सोफे से खड़े होकर देवी के होठों को अपने होतो कीगिरफ़्त मे लेलिया और अपनी जीभ उसके मुहन मे डालकर उसके मुहन मे गोल-गोल घूमने लगा.

लंड चूसैई से अतुल एक दूं गरम हो चुका था. उसने रोमा को सोफे परउल्टा लेटाकार उसके चूतड़ को अपने हाथ मे थामकर अपना लंड उसकीरसीली चूत मे पेल दिया. बाहर निकल कर वापस एक करारा झटकादिया जिससे लंड उसकी चूत के एक दूं अंदर तक जाकर समा गया. इसझटके से रोमा की चूत अंदर तक हिल गयी और वो आनंद से चीखपड़ी, "एस्स... उफ़फ्फ़ .... आह ... क्या डाला है लंड तूमे.... उफफफफफ्फ़... बड़ा हीमजेदार धक्का लगा है मेरी प्यासी चूत को .... ऐसे ही धक्के मरोमुझे.... हिलाडो मेरी चूत को आज .... मरो ज़ोर ज़ोर के धक्के ... वाकई मेऐसी ही चुदाई होनी चाहिए.... छोड़ो मुझे ... चोदो .... ज़ोर सेछोड़ूऊव "

दूसरी और चुड़ते चुड़ते देवी की मस्ती और बढ़ गयी. रवि भीउसके गोल-गोल चूतड़ पर हाथ फेर रहा था. चूतड़ पर हाथ फेरतेहुए अपनी एक अंगूली उसकी गांद पर फेरने लगा. गांद पर अंगूली केपहुँचते ही देवी ने कहा, "रवि, अंगूली नही. तुम्हारा लंड रखोवहाँ. मेरे गांद मरो. अपने मुस्टंडे लंड को गांद मे डालो दो."

रवि ने देर ना करते हुए खूब सारा थूक अपने लंड पर लगाया औरउसकी गांद के च्छेद पर रख दिया. अपने लंड को देवी की गांद केच्छेद मे फँसा दिया. हल्का दर्द हुवा देवी को. लेकिन चूत उसकी बंशीके लंड पर उकचल कूद कर रही थी इसीलिए लंड बहार निकल गया.तब रवि ने तोड़ा थूक अपने लंड पर और लगाया और देवी की गर्दनपकड़कर उसको झुकते हुए अपने लंड को उसकी गांद मे तेल दिया.

गांद मे लंड के जाते ही देवी चिल्लई, "अरे मदारचोड़ ... फाड़ दिया ....मेरी गांद को ... तेल भी नही लगाया .... और मेरी गांद मे अपने मूसललंड को पेल दिया .... आबे सेयेल .... मार गयी मैं ... कभी गांद मारीनही क्या? सासले .. मदारचोड़ ... चिकना तो करना था अपने लंड को ....सेयेल आइसे ही पेल दिया, भेंचोड़."

लेकिन रवि ने कुच्छ भी नही सुनते हुए अपने लंड को उसकी गांद मेपेलना जारी रखा. थोड़ी ही देर मे देवी को मज़ा आने लगा. अब नीचेसे बंशी का लंड उसकी चूत मे आग लगा था वहीं उपर से रवि कालंड उसकी गांद मे तूफान पैदा कर रहा था.

उधर, करार झाटके ने रोमा की तबीयत खुस कर दी. उसने धक्को केसाथ सिसकारियाँ बढ़नी शुरू हो गयी. पुर हॉल मे सभी चोद्तेलंड और चुड़वति चूत की सिसकारियाँ गूँज रही थी. धक्के परधक्का, झटके पर झटका. लंड अंदर तक पेल रहा था अतुल. रोमा कीचूत ऐसी चुदाई से बड़े मज़े ले रहीथी. "आह" "उूउउफफफफफ्फ़" "ओओह्ह्ह्ह्ह" की आवाज़ से दोनो एक दूसरे को जोशदिला रहे थे.

चूत और गांद मरवाते हुए देवी के कस-बाल ढीले होते दिखाई पड़नेलगे. उसकी चूत अब पानी छ्चोड़ने की त्यारी करने लगी. देवीबड़बड़ाने लगी, "हां ... मरो मेरी गांद और चूत ... साले लगा धक्केमेरी चूत मे ... टू भी ... साले मदारचोड़ ... बगैर तेल लगाए मेरीगांद मार रहा है .... मार अब धक्के मेरी गांद मे ... मरो ... चोदोमुझे ... मेरी चूत का रूस पीला दो अपने लंड को ... चोदो ... और ज़ोर से ...आह ... मेरा ... पानी ... आह ... उफ़फ्फ़ .... निकालने ... वाला है. . निकलगया .... निकल गया.."

तभी प्यासी चूत की प्यास एक बार मिटाने लगी. एक करार झटके केसाथ ही रोमा भी चीखने लगी, "एस .... अतुल.... एस्स... मैं झाड़ रहीहून.... मेरी चूत पानी छ्चोड़ रही है.... मरो एक दो बड़े ज़ोर ज़ोर केझटके .... हाआंन्न... ऐसे ही झटके .... आह ... मेरा पानी निकला... निकला..... निकलाआाआ" इतना कहकर रोमा सोफे पर ढीली हो कर लेट गयी.अतुल का लंड अभी तक अपना माल छ्चोड़ा नही था. वो वैसे ही टंकारखड़ा चूत को सलामी दे रा था.

देवी और रोमा छुड़वा कर मस्त हो कर फर्श पर लेट गयी. क्लब सेचुदाई को देखकर उनकी चूत गरम होना शुरू हुई अब जाकर झड़ी.दोनो बड़ी शांति महसूष कर रही थी. देवी की चूत और गांद दोनोमारे जाने के कारण कुच्छ ज़्यादा ही शॅंटी महसूष कर रही थी. रोमाकी चूत अभी भी खलबली मचा रही थी. उसे अभी एक चुदाई का दौरऔर चाहिए था. देवी ने कहा, "ना बाबा... अभी नही ... अभी रुक जाअ... "

लेकिन तीनो के लंड का पानी नही निकला था. तीनो हालाँकि रुकने कोत्यार थे लेकिन तभी रोमा ने सबको éलाँ कर जोश दिला दिया. रोमा नेएलान किया, "अब मैं तीनो लंड को एक साथ खाऊंगी. मेरे तीनोहोल्स को अपने लंड से भर दो."

यह सुनकर देवी ने कहा, "चलो, मैं भी देखती हून. कितनी देरटिकेगी यह. चलो तीनो, आज इसकी चूत, गांद और मुहन को मार-मारकर अपने रूस से भर दो. फिर जल्दी से इसकी हिम्मत नही हो ऐसा मरोइसकी गांद और चूत को." इतना कहकर देवी सोफे पर पालती मार करबैठ गयी.

बंशी उठकर बाथरूम मे गया और एक तेल की शीशी उठाकर लाया.हाथ से तेल को अपने लंड पर लगा कर कहा, "मैं इसकी गांदमारूँगा."

अतुल बोला, "मेने अभी इसकी चूत की धज्जियाँ उड़ाई है. रवि अबतुम्हारी बारी है इसको छोड़ने की. मेरे लंड को चूसेगी अब यह."

तीनो खड़े हो कर रोमा के मुहन, चूत और गांद से युध करने कोत्यार हो गये. अपने अपने हथियार को हाथ मे लेकर हिलने लगे मानोमोर्चे पे सिपाही अपनी बंदूक की नाल सॉफ कर रहे हो. तभी देवी नेकहा, "तुम लोग मोर्चा लो मैं कॉमेंटरी करूँगी. इसका "लिवटेलएकास्ट" मैं करूँगी."

रोमा की गांद को बंशी नीचे लेट कर अपने उपर रख लिया. पूरा तेलचूपदा होने से उसके लंड को गांद के होल मे फँसने मे देर नहीलगी. रोमा ने कमर उचका कर और तोड़ा उपर हो कर उसके लंड को अपनीगांद की गिरफ़्त मे ले लिया. गांद मे लंड के घुसते ही देवी कीकॉमेंटरी भी चालू हो गयी.

देवी ने कॉमेंटरी चालू की, "अब बंशी का लंड रोमा की गांद मे घुसचुका है. रवि तुम अब अपने लंड को हिलना बंद करो. अपने लंड कोइसकी चूत के दाने पर रागडो. हां ऐसे ही रागडो. इस तरह रगड़ने सेऔरत को बहुत ज़्यादा मज़ा आता है. अब इसकी चूत का रूस अपनी अंगूलीमे लो और इसको अपने लंड पर लगाओ. अब अपनी गांद उचककर अपने लंडको रोमा की चूत मे पेल दो."

देवी बड़े मज़े से रोमा की गांद और चूत की रागड़ाई और चुदाई देखरही थी. अपने मुममे पर वो हाथ से हिला रही थी. साथ ही उसकीकॉमेंटरी चालू थी, "एस.. बंशी तुम नीचे से अपने लवदे को उसकीगांद मे हिलाते रहो. तुम रवि, इसकी चूत मे ज़ोर ज़ोर से अपना लंडपेलो. अतुल, मेरे सरटाज़, अब अपना लंड इसके मुहन मे ठूँश दो. मैंभी देखती हून आज रोमा की चुदाई. अतुल, पीछे से आओ और अपने लंडको इसके मुहन मे डालो और इसके मुममे को मसलना शुरू कर दो."

देवी ऐसी चुदाई की कॉमेंटरी करते करते खुद भी अब भूखी होरही थी. वो सोफे पर से उठकर रोमा के पास आकर बैठ गयी. रविका लंड रोमा की चूत मे अंदर बहार स्पीड से आ-जा रहा था. अपनेबदन को रवि के पीछे से सताते हुए देवी रोमा की चूत के दाने कोसहलाने लगी. साथ ही कॉमेंटरी करती जेया रही थी. "हां अब ज़ोर ज़ोरसे पेलो लंड तुम सब इसमे. इसकी गांद को ज़ोर से मरो बंशी तुम."

थोड़ी देर मे तीनो लंड एक दूं बेकाबू हो गये. एक रोमा की हिम्मतदेखकर टीन लंड खाने की, दूसरा शाम से ही चुदाई क्लब मे देखतेहुए और तीसरा देवी की कॉमेंटरी.

अतुल और रवि ने अपना लंड झटके से बहार निकल लिया. मुहन खालीहोने से रोमा को बोलने का अब जाकर मोका मिला. उसने कहा, "अर्रे मेरेचूत चार बार पानी छ्चोड़ चुकी है इतनी देर मे. बड़ा ही मज़ा आया.और देवी, तुम्हे तो धन्यवाद. तुम्हारी वजह से ही मुझे इतना आनंदमिला."

बंशी ने भी अपना लंड रोमा की गांद से बहार निकल लिया. अब तीनोने रोमा और देवी को नीचे फर्श पर लेता कर उनके उपर अपने लंड कोहिलने लगे. अपने अपने लंड की चाँदी हिलाकर दोनो के पुर बदन परअब उन्हे अपने पीपे से बरसात करनी थी. तभी बंशी का पानी जोरदारझटके से निकला. उसके लंड का पानी रोमा के मुममे को भिगाता हुवादेवी के मुहन पर जाकर गिर रहा था. उसका आधा ही पानी निकला कीअतुल ने सामने से बारिश करते हुए दोनो की चूत को अपने वीर्या सेभिगाना चालू कर दिया. बंशी और अतुल ने अपने लंड को झाड़ कर दोनोके मुहन से अपने लंड को रगड़ने लगे. जितना माल भी अंदर था वोबूँद-बूँद कर बहार आ गया.

तभी रवि ने दोनो को हटते हुए अपना मखखां दोनो के बूब्स परछ्चोड़ना शुरू किया. उसने आधा ही मखखां बहार निकाला और बारीबाअरी से रोमा और देवी के गालो के नज़दीक आकर अपनी बाकी मलाई झाड़दी. पाँचो के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे. और वही लेट कर सोगये.

सुबह गाओं से फोन आया जिसकी वजह से रोमा और लीना को वापस जानापड़ा. लेकिन यह दिन दोनो को जिंदगी भर याद रहने वाले थे.

एंड ऑफ दा पार्ट --5


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