में अम्मी और मेरी बहिन

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The Romantic
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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 15:41

में अम्मी और मेरी बहिन-10

में सच में सोचने लगा की गांड मरवाने में भी तो कुछ तो मज़ा आता ही होगा,
तभी साहिल मुझसे गांड मरवाकर खुस था उस दिन..!
तभी जमीला ने मुझे बेड पर उल्टा लिटा दिया और मेरी गांड सहलाने लगी.
जमीला= साहिल बहुत ही मस्त गांड है तुम्हारी तो बहुत ही खुशनसीब होगा जो इसको मारेगा...
ये कहकर फिर से वो मेरी गांड चाटने लगी बीच बीच में वो अपनी अंगुली भी डाल रही थी,
अब गांड को अंगुली से दर्द नहीं हो रहा था उलटे मुझे मज़ा आ रहा था ये करवाने का..
तभी जमीला खड़ी हुई और अपना पर्स ली और उससे एक रबर का लंड निकाला और मुझसे बोली,
जमीला=साहिल क्या ये डाल दू आपकी मस्त गांड में ,,
मैंने वो लंड अपने हाथ में लिया, करीब 5 इंच का था और मेरे लंड से पतला भी था,
मैंने जमीला को कहा=दर्द हुआ तो जमीला...?
जमीला=साहिल में क्रीम लगाकर डालूंगी तुम्हे बहुत ही मज़ा आयेगा यकींन करो मुझ पर मेरे जानू.
मैंने हामी भरी तो जमीला खुश हो गयी और जमीला ने अपनी कुर्ती उतार दी,
उसके बूब अब ब्रा में केद थे और बहुत ही प्यारे बूब थे उसके..
फिर उसने अपनी ब्रा भी उतार दी.
उफ़ क्या बूब थे जमीला के बड़े बड़े बूब और काली काली टिट थी उसकी ..
फिर जमीला ने मुझे अपनी चुन्ची पिने को कहा ,
में जेसे बचपन में अम्मी का दूध पीता था वेसे ही जमीला की चुन्ची पिने लगा,
जमीला मेरा लंड हिला रही थी और मुझे उकसा रही थी,
मैंने जमीला को उसकी सलवार उतरने को कहा तो वो बोली= रुको ना जानू क्या जल्दी है,
में रुक गया,

जमीला ने फिर मेरी गांड में कोई क्रीम लगाई,
मुझे ठंडा ठंडा महसूस हुआ,
फिर जमीला ने मुझे उल्टा लेटने को कहा,
में उल्टा लेट गया,
फिर जमीला ने बड़े ही प्यार से मेरी गांड सहलाई,
फिर उसने धीरे से रबर का लंड मेरी गांड के छेद पर लगा दिया,
जमीला= साहिल आप गांड को बिलकुल ही ढीली छोड़ दो ना,
मैंने हामी भरी और अपनी गांड को अकदम ढीला छोड़ दिया,
जमीला ने धीरे से वो लंड मेरी गांड के छेद में फसा दिया,
थोडा सा दर्द हुआ पर ज्यादा नहीं.
जमीला ने मुझे टीवी देखने को कहा,
टीवी में एक मिंया बीबी मिलकर उर शिमेल का लंड चूस रहे थे,
और वो शिमेल बीबी के बूब दबा रहा था,
तभी जमीला ने झटके से वो लंड मेरी गांड में घुसेड दिया.
मेरे मुंह से चीख निकली =अह्ह्ह्हह्ह्हा उई उई अम्मी आहा,,, जमीला निकालो ना इसको प्लीज़.
जमीला=साहिल डरो मत आपकी गांड अब खुल गयी है, थोड़ी देर ही दर्द होगा फिर मज़े का शेलाब आएगा मेरे जानू,
और जमीला उस लंड को आगे पीछे करने लगी,
मुझे दर्द हो रहा था,
पर करीब 5-7 मिनिट में ही मुझे चैन आ गया,
अब जमीला जोर जोर से वो लंड आगे पीछे कर रही थी,
मुझे सचमुच मज़ा आ रहा था.
खां मेरी गांड में एक अंगुली से भी दर्द हो रहा था और अब मेरी गांड लंड भी आराम से ले रही थी,
तभी जमीला ने वो लंड बहार निकल लिया,
में जेसे मस्ती की नींद से जागा,
में बोला = क्या हुआ जमीला,लंड क्यों बाहर निकाला तुमने,
जमीला= साहिल तुम्हे मज़ा आ रहा था ना सच्च बोलो जानू..
मैंने हामी भरी,
जमीला मेरे सामने खड़ी हो गयी में बेड पर लेता हुआ था,
वो मेरे सामने आकर मेरे सर के सामने खड़ी हो गयी,
जमीला मेरे बालो से खेलने लगी और बोली=साहिल क्या तुमको सचमुच का लंड लेना है अपनी गांड में,

मुझे मज़ा आया था और अब में सच का लंड लेना चाहता था अपनी गांड में,
मैंने कहा = हाँ जमीला पर कीसका लंड लूँ में,
जमीला= तुमने कभी शिमेल को देखा है,
असलियत में साहिल,,

में = नहीं कभी नहीं जमीला, पर सुना बहुत है,काश कोई शिमेल होता और मेरी गांड को अपने बड़े से लंड से भर देता,

जमीला= मान लो अगर मेरे पास बड़ा सा लंड होता तुमसे भी बड़ा, तो क्या साहिल तुम भी चूसते,
और अपनी गांड में लेते क्या,

में = हाँ क्यों नहीं जमीला में तो मज़े से गांड मरवाता तुमसे और मज़े करता,
जमीला मेरे सामने ही थी उसने फिर अपनी सलवार उतारी,
बाप रीईईईईई अल्लाह क्या देख रहा हूँ में,
जमीला सही में ही शिमेल ही थी,
अल्लाह क्या मस्त लंड था उसका,
मुझसे भी बड़ा और एकदम गोरा गोरा...

में तो पागल ही हो गया जमीला का लंड देख कर,
क्या लंड था बहुत ही प्यारा,
बड़ा करीब 9'' इंच का था वो ,
झटके खा खा कर हिल रहा था जमीला का लंड.
लंड के टोपे पर एक बूंद पानी की थी,
लंड बिलकुल मेरे मुंह के पास था.
ये देख कर मेरी गांड में खुजली होने लगी,
मैं मौका गँवाए बिना उसके लौड़े को पकड़ सहलाने लगा,
जमीला के मुंह पे एक मुस्कराहट आ गयी थी,
उसका बड़ा लौड़ा लटक रहा था, वो मेरे सर को अपने लंड की तरफ खिंच सी रही थी,
मैंने उसके मस्त लंड को हलके से चूमा,
ये मेरा किसी लंड को चूमने का पहला ही मोका था,
अच्छा टेस्ट था लंड के पानी कानमकीन सा सोल्टी ,
फिर में बेड से उतर गया ,
मैं कुतिया की तरह घुटनों के बल चलता हुआ उसके करीब पहुँचा,
उसका लटकता हुआ लौड़ा मुझे पागल कर रहा था,
मैंने भैंस के बच्चे की तरह उसका लंड पकड़ मुँह में ले लिया,
मैं उसका लंड पूरा टोपे से लेकर आँड तक चूस रहा था ,
मैं उसका लंड पूरे जोश क साथ चूस रहा था कि तभी मुझे एक आइडिया आया,
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके कूल्हे पकड़ लिए,
और उसके लंड को अपने मुँह में घुसाने लगा और साथ ही धीरे धीरे उसकी गाण्ड में अपनी उंगली डाल रहा था,
जैसे ही मैंने उंगली डाली, वो और जोर से मुँह में धक्के मारने लगी , उ
सको मज़ा आ रहा था, मैं अब और जोर से उंगली डाल रहा था,
मैंने जम कर उसका लंड चूसा और फिर उसने मुझे पकड़ा,
मेरी मस्त गांड पूरी नंगी की, उसने मुझे बेड पर बिठाया और मेरे पेट पर ही अपना लंड रगड़ने लगी ,
उसने मेरी टांगें उठवा ली और मुझसे कंडोम का पूछा ,
बिलाल मुझे कंडोम देकर ही गया था,
मैंने जमीला को वो पेकेट दे दिया,
जमीला ने अपने बड़े लंड पर कंडोम चढाया और फिर कंडोम पहन कर चढ़ गयी मुझ पर,
करीब 10 मिनट बाद मैंने पूछा- कैसा लग रहा है..?
उसका लंड लोहे की तरह सख्त और उसका टोपा लाल हो गया था,
इतनी देर तक जमीला का लंड चूसने क बाद मेरा लंड भी अपनी चमड़ी फाड़ कर बाहर आना चाहता था।
मैंने पूछा- तुम्हारी गाण्ड को अच्छा लग रहा है या नहीं?
वो बोला- आज तक इतना मज़ा कभी नहीं आया, बहुत ही प्यारी गांड है तेरी और मस्त लंड चूसा है तुमने,
पहले में मारू साहिल अआपकी गांड या आप मेरी मारोगे,

मैंने कहा=ओके, तो पहले मैं तेरी मारता हूँ फिर तू मेरी मारना,

जमीला = हाँ ठीक है.

मैं सर हिला कर बेड पर डॉगी स्टाइल में चढ़ गया,
जमीला अंदर से क्रीम की बोतल लाई और खूब सारा क्रीम अपनी गाण्ड की छेद पर लगाने लगी,
मैंने उसकी गांड का छेद देखा एकदम लाल लाल बिलकुल मेरी अम्मी की चूत की तरह ही था ,
फिर मैंने पहले एक उंगली घुसाई, उसे अच्छा लगा, फिर दो उंगलियाँ, उसे थोड़ा दर्द हुआ,
फिर मैंने उसे पूछा- तुम तैयार हो जमीला ?
जमीला बेड पर लेट गई और मैंने उसके मुंह में अपना लंड दाल दिया ..

वो हाँ बोल कर चुप हो गयी और मैं उसकी गाण्ड में उंगली करते हुए अपने लंड परक्रीम लगाकर कंडोम लगाने लगा.
फिर मैंने उसको पीठ को चूमना शुरू किया और धीरे से अपने लंड का टोपा उसकी गाण्ड के छेद पर लगाया,
उसके कान में कहा= जमीला तुम्हें भी मेरे लंड से बहुत मज़ा आएगा,
और उसकी गाण्ड में धीरे से टोपा घुसा दिया,
वो थोड़ा सा चिल्लायी=उई ऊईईई आहा धीरे साहिल धीरे डालो ,, पर मैंने उसका मुँह बंद का रख,
फिर मैंने दूसरा धक्का दिया और मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गाण्ड में घुस गया,
उसकी आँखें दर्द के मारे बंद हो चुकी थी,
मैंने धीरे से पूरा लंड अंदर घुसा दिया और धक्के देने लगा ,
धीरे धीरे उसकी गाण्ड का छेद खुल गया और आराम से अंदर बाहर होने लगा.
अब उसकी सिससकारियाँ तेज़ हो रही थी और साथ ही मेरे धक्के भी, बीच बीच में मैं उसका लंड भी हिला रहा था.
फिर मैंने उससे पीठ के बल लेटा दिया और उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधे पे रख ली और सामने से उसकी गाण्ड मारने लगा,
अब मैं पूरी गति से धक्के मार रहा था और वो गाण्ड उठा उठा कर मेरा लंड अपनी गाण्ड में ले रही थी,
मैंने चोदते हुए उससे पूछा- मेरा लंड कैसा है?
जमीला =तुम्हारा लंड काफ़ी लम्बा है, मज़ा आ रहा है, प्लीज़ क्या तुम मेरी गाण्ड रोज़ मार सकते हो जानू ?
मैंने कहा- हाँ !
इतना सुनते ही वो और ज़ोर से गाण्ड उछाल उछाल कर अपनी मरवाने लगी ,
वो बीच बीच में कहती =चोद दे मुझे साहिल , रंडी की तरह चोद, इस ब्लू फिल्म की तरह चुदाई कर दे आज मेरी गाण्ड की !
यह सुन कर मैं अपना पूरा लंड पूरे जोश क साथ उसकी गाण्ड में घुसा रहा था ..
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उसकी गाण्ड की गहराई में भर दिया.
उसके बाद हम 10 मिनट तक एक दूसरे से चिपक कर सो गये.

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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 15:41

में अम्मी और मेरी बहिन-11

फिर जमीला ने मेरे होंठ अपने होंठो में दबा लिए और चूसने लगी मेरा लंड भी ठुमके लेने लगा,
जमीला का लंड मेरे लंड से रगड कहा रहा था बहुत ही गरम ठ जमीला का लंड ,,
तभी जमीला बोली=मेरे लंड का क्या होगा साहिल ये भी मचल रहा है आपकी गांड के लिए..
में अब अपनी गांड जमीला से मरवाने को तेयार था ,
साला इतना मोटा और कमसिन था जमीला का लंड कि मैं पागल ही हो गया उसे देखकर,
करीब 9'' इंच का तो होगा ही,

अब मैं उसके ऊपर लेट गया और कस कर उनके चुचूक चूसने लगा,
मेरे हाथ उनकी गोटियों से खेल रहे थे, मैंने उनके मम्मों में कस कर काटा,
फिर नीचे को उसका बदन चूसते हुए उसके लंड की ओर अपना मुंह ले गया,
कुछ देर तक उसके हथोड़े के साथ खेलने के बाद मैंने उसे मुँह में ले लिया,
जीभ से गोलाई में घुमा घुमा कर उस फौलादी लंड की पूजा करने लगा,
तभी उसने मेरा सिर पकड़ के ज़ोर का धक्का लगा दिया और पूरा का पूरा मेरे गले तक उतार दीया,
'उम्फ !' मेरे मुँह से आवाज़ आई,
पहली बार था लेकिन फिर भी बड़े प्यार से डलवाए रहा,
अब जमीला भी पूरे जोश में थी और ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार के लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर कर रही थी ,
पाँच मिनट तक मुँह की चुदाई करने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला ,
फिर मुझे उल्टा कर मेरी चिकनी गांड सहलाने लगी और अपनी जीभ अन्दर बाहर करनेलगी,
'म्म्ह जमीला , आह ! यह क्या कर रही हो?' मैं मस्ती में चिल्लाया,
'आइ लव यू साहिल , आह... बस इस चिकनी गांड को अपने लंड के लिएढीली कर रही हूँ,
'क्या? ओह यस , प्लीज़ जल्दी से डालो !' मैं चिल्लाया पर वो थी कि मेरी गांड चाट ती ही जारही थी,
मैंने बोला= जमीला 'आह प्लीज़ जानू अब डालो ना लेट मत करो ना ...
जमीला ने अपना सिर मेरी गुलाब जैसी गांड से निकाला और प्यार से मुस्कराकर कहा='आपका हुकुम सर आँखों पर साहिल !'
यह सुनकर मेर हँसी छूट पड़ी ..
वो फिर एक बार मेरे ऊपर लेट कर मेरे रसीले होंठों का रस पीने लगी,
जमीला एक हाथ से वो मेरी मुट्ठी भी मारटी जा रही थी .
अब मेरे अन्दर भी हवस का तूफ़ान भर चुका था
मैं नशे में बोला=>'मेरा निकलने वाला है जानू आह !' ,,
तभी जमीला ने मुझे उल्टा लिटाया और मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगाई
मैंने उसके लंड को हाथ में ले लिया और हिलाने लगा,
जमीला अपने लंड को मेरे होंटों पर घुमाने लगी ,
वासना से मेरी आँखे बंद होने लगी, फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में फिर से दे दिया,
अब मैं धीरे धीरे उसके लंड पर जीभ घुमाने लगा और मुँह में डाल कर चूसने लगा.
मैं बड़ी मुश्किल से उसके लंड को चूस पा रहा था क्योंकि वो बहुत मोटा था।
कभी कभी तो जमीला का लंड मेरे गले तक चला जाता,
मेरे गांड में भयंकर आग लग चुकी थी पर मैं सलीम के मोटे लौड़े से डर भी रहा था,
पर मैंने हिम्मत करके जमीला के लंड के आगे अपनी गांड कर दी,
जमीला ने बहुत सारी क्रीम मेरी गांड पर लगा दी और कुछ क्रीम अपने लंड पर भी लगा दी.
तभी मैंने जमीलासे कहा कि वो पहले अपनी उंगली मेरी गांड में घुसाए क्योंकि उससे गांड मारने में आसानी होगी.
फिर जमीला ने मेरी गांड में उंगली करनी शुरू कर दी, मुझे बड़ा मजा आ रहा था,
फिर उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी गांड में घुसा दी.
अब मेरे बदन में आग लग चुकी थी.

मैंने जमीला से कहा= अब गांड मारनी शुरू करो मेरी जान ..

जमीला ने अपना मोटा लंड मेरी गांड पर रख कर दबाव बनाना शुरू किया,
परउसका लंड बहुत मोटा था, वो मेरे गांड में जा ही नहीं रहा था.
फिर मैं पेट के बल बिस्तर पर लेट गया और अपने चूतड़ अपने हाथों से खोलने लगा.
अब जमीला ने अपना लंड मेरे गांड में डालना शुरू किया, मैंने जोर से अपना मुँह भीच लिया, और तभी जमीला ने जोर से धक्का मारा,
उसका पूरा सुपारा मेरी गांड में घुस गया था और मुँह से घुटी घुटी चीखें निकल गई.
फिर जमीला ने मेरे चूतड़ों को दबाना शुरू किया, वो करीब पांच मिनट तक मेरे चूतड़ों से खेलता रहा.
अब मेरा दर्द कम हो चुका था, फिर जमीला ने मेरे चूतड़ों को सहलाते हुए अपना लंड मेरी गांड में आगे पीछे करना शुरू किया,
अब मुझे भी मजा आने लगा था, मैं भी अपनी गांड उचका कर उसका पूरा लंड खाने को तैयार था,
करीब पांच मिनट बाद जमीला का पूरा लंड मेरी गांड में घुस चुका था पर हम दोनों के बदन पसीने में नहा चुके थे,
अब जमीला ने धक्के मारने शुरू कर दिए थे, वो कई साल का प्यासी थी , लगता था कि आज मेरी गांड की खैर नहीं,
मुझे भी मजा आ रहा था,
करीब सात मिनट बाद जमीलाझड़ गयी ,
उसके वीर्य ने मेरी गांड में कंडोम के अंदर ही पानी कटोरी लबालब भर दी थी,
वो करीब एक मिनट तक झाड़ता रही , उसके वीर्य की गर्म गरम पिचकारी ने मेरी आग को ठंडा कर दिया था,
फिर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लुढ़क गए..
बहुत ही थक गए थे हम दोनों इस गांड मरवाई से ..
करीब आधा घंटा बाद मैंने फिर अपनी गांड को जमीला के लंड पर घिसना शुरू कर दिया,
दो मिनट बाद जमीला का लंड चोदने के लिए फिर तैयार थी .
इस बार मैं जमीला के सामने घोड़ी बन गया और अपनी गांड जमीला के मुँह के सामने कर दी.
जमीला ने मेरी गांड को चाटना शुरू कर दिया, वो अपनी जीभ को मेरी गांड पर गोल गोल घुमाने लगी.
वो मेरी गांड को करीब पांच मिनट तक चाटती रही फिर मैंने कहा- अब चुदाई फिर से शुरू करो जमीला .
उसने फिर मेरी गांड और अपने लंड पर क्रीम लगाई और मेरी मस्त गांड में अपना बड़ा सा लंड डालना शुरू कर दिया,
इस बार लंड आराम से अन्दर जा रहा था,
मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैंने जमीलासे कहा=अब मैं तुम्हारी गुलाम हूँ, मुझे जी भर कर चोदो जमीला ...
जमीला ने मेरी गांड को बजाना शुरू कर दिया। साथ ही वो मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी बजाने लगा।

मैं जन्नत की सैर कर रहा था,
मैंने जमीला से कहा- मेरी रानी , बजा दे मेरी गांड का बाजा..
फिर उसने अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और साथ ही मेरे चूतड़ों पर अपने थप्पड़ों की बरसात भी..
मेरी गांड फच फच बोलने लगी।
मैंने उत्तेजना में कहा=जमीला, आज मेरी गांड को फाड़ दे,
करीब बीस मिनट तक जमीला मेरी गांड को फाड़ती रही ..
बीस मिनट बाद जमीला मेरी गांड में झड़ गयी इस बार कंडोम नहीं लगाया था जमीला ने,
मेरी गांड की प्यास भी बुझ चुकी थी..
फिर में जमीला को अपनी बांहों में लेकर भर कर चूमने लगा और बोला=आज तुमने मुझे बहुत बड़ी ख़ुशी दी है,
जमीला मैं इसे जिंदगी भर नहीं भूल सकता,उसकी आँखों में आँसू आ गये..
जमीला बोली =साहिल आप बहुत ही अच्छे हो कोई हमारे को प्यार नहीं करता है ,
बस खली हमारी गांड मारते है, पैसा देकर ..कोई मेरे लंड की प्रवाह नहीं करता है,
साहिल आपने मेरे दिल को जीत लिया है..
अब जमीला आपकी गुलाम है साहिल आप कभी भी मुझे बुला सकते हो...

मुज्झे भी इस सेक्स में बहुत ही मज़ा आया था खासतौर से जमीला से अपनी गांड मरवा कर..


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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 15:42

में अम्मी और मेरी बहिन-12

हाँ तो दोस्तों फिर में घर चला गया,अम्मी और भाईजान बेकोग जा चुके थे,
घर पर नजमा और में ही अब्बू रात को कब आये कोई पता नहीं था,

घर पर समझिये में और नजमा ही थे या मदीना थी,
मेरे लंड के मज़े हो गए थे,,
जमीला का लंड अपनी गांड में लेने के बाद मेरी गांड में कुछ कुछ हो रहा था.
खुजली जेइसा...पता नहीं क्यों मुझे दर्द में भी मज़ा आया जमीला से अपनी गांड मरवाके .
खेर ये आगे अभी घर पर पहुँच गया.
अंदर हॉल में नजमा tv देख रही थी,
मुझे देख कर वो मुस्करा गयी में भी मुसकुराया.
फिर मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया,
पर नजमा मेरी बांहों से निकल गयी..
मैंने दोड़ कर पीछे से पकड़ लिय, मेरा लंड उसकी गांड पर लग गया और मेरे दोनों हाथ उसके बूब दबाने लगे,
तभी नजमा बोली=भाई प्लीज छोडो ना'''''
मैंने कहा- नजमा अपनी चूत मुझे दो ना ,,
नजमा बोली- भाई जान मुझे छोडो ना ,अम्मी कहकर गई है कि तुम्हें में अपने हाथ की चाय पिलाउ,
मैं बोला- नहीं मैं पहले नहाऊँगा, फिर चाय पिऊँगा,
वो बोली- ठीक है, मैं आपको नहाने के बाद चाय बना कर दे दूँगी,
मैंने कहा- ठीक है,
मेरे मन में अभी तक कुछ भी गलत ना था, मैं नहा कर निकला और थोड़ी देर में नजमा मेरे रूम में आ गयी ,
मैं उसे देखता रह गया क्योंकि वो अब एक मैक्सी पहन कर आई थी ,
जबकि थोड़ी देर पहले वोसलवार सूट में थी ,उसके इस बदले रूप से मुझे लगा कि नजमा भी वही चाहती है ,
जो मैं चाहता हूँ,
नजमा बोली- चाय बना दूँ?
मैं जैसे सपने से जागा और कहा- हाँ, अब बना दो, मैं नहा चुका हूँ,
नजमा रसोई में चाय बनाने चली गई,
मैं अब अपने ही काबू में नहीं था, मैंने सोच लिया अगर उसको बुरा लगे तो लगे और मैं किचन की तरफ चल दिया,
मैं आपको बता दूँ ,की नजमा का फिगर 32-28-24 होगा,
मैंने पीछे से उसको देखा उसके चूतड़ मस्त लग रहे थे,
मैंने आगे बढ़ कर उसकी कमर पकड़ ली और उसके मम्मों पर हाथ रख दिया,
‘उफ्फ्फ्फ़’... इतने बड़े और नर्म और गर्म मम्मों की मैंने कल्पना तक नहीं की थी..
नजमा चिल्लाई- ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- जानेमन, मैं आज रुकने वाला नहीं हूँ, मुझे करने दो जो मैं चाहता हूँ,
वो बोली- साहिल भाई, तुम गलत कर रहे हो,मेरी गांड में अभी भी दर्द हो रहा है भाईजान ..
पर मुझे अब मेरी सगी बहिन की चूत चोडनी ही थी ,
मैंने फिर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, वो चीखना चाहती थी ,
पर मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया,
मैं उसके उरोजों को सहलाने लगा,वो मना करती रही पर मैं अपना काम करता रहा,
मैंने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया,
हुक खुलते ही उसके बड़े और सेक्सी मम्मे मेरे हाथों में थे..
‘या अल्लाह !!!’ मैं अपनी किस्मत पर नाज़ कर उठा कि इतने सेक्सी,
सुन्दर मुखड़े और सेक्सी बदन की मलिका अब मेरी लंड की गुलाम है..
शुरू से ही मुझे बड़े-बड़े और नर्म मुलायम मम्मे बहुत अच्छे लगते हैं..
उसके ऊपर चढ़ कर उसके मम्मे चूसने लगा..
वो “अह्ह्ह...ओह्हह्ह...सीईईए...”करने लगी..
इतनी धीरे कि सिर्फ मेरे कानों तक ही पहुँच रही थी..
मैंने दुबारा उसके होठों से शुरुआत की, थोड़ी देर तक उसके शहद से भरे होठों को चूसा..
उसकी जीभ, फिर नीचे आ कर उसकी गर्दन को चाटा,
फिर उसके अंगूर के दाने के आकार के चुचूकों को होठों में लेकर कम से कम 15 मिनट तक चूसता रहा...।
मुझे आज बहुत ख़ुशी हो रही थी कि जिस लड़की को मैं इतना पसंद करता हूँ आज वो मेरी बाँहों में है,
वो दबी जुबान से कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो..
मैंने कहा- देख कभी किसी से चुदना तो तुझे है ही,
इससे तो अच्छा है कि तू मेरा साथ दे और खुद भी मजे ले और मुझे भी दे,
मैंने उसकी मैक्सी ऊपर कर दी और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बोबे सहलाने लगा,
अब उसका विरोध कुछ धीमा पढ़ रहा था, वो सिसकारियाँ ले रही थी,
मैंने फिर उसकी मैक्सी को हटा दिया, अब वो भी मेरा थोड़ा-थोड़ा साथ दे रही थी.

वो अब मेरा मुँह अपने बोबे पर दबा रही थी, कुछ देर बाद वो ज्यादा गरम हो गई,
मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और जबरदस्त तरीके से चूसने लगी,
और एक हाथ से मेरे लण्ड को जोर-जोर से हिला रही थी..
मैंने उसकी ब्रा उतारकर उसके बदन से अलग कर दी और उसके नंगे संतरों को मसलने लगा,
वो आनन्द भरी सिसकारियाँ ले रही थी..
मैंने अपने होंठों से उसके एक मम्मे के चुचूक चुभलाना शुरू किये और दूसरे हाथ से मैं उसके दूसरे मम्मे को दबा रहा था,
मुझे बोबे चूसने में बहुत मजा आया।,
वो भी गर्म होकर मेरा मुँह अपनी चूचियों में दबाने लगी, उसको गर्म होते देख मैंने उसकी पेंटी हटानी चाही..
लेकिन उसने मना कर दिया और बोली- शादी के बाद मेरा पति क्या सोचेगा भाईजान ?
प्लीज मुझे चोदना मत, आपने मेरी गांड मारी तो भी मैंने किसी को नहीं बोला था .
पर चूत नहीं चोदना मेरे भाई जान..
मैंने उसकी बात मानते हुए कहा- मैं तुझे चोदूँगा नहीं बस तेरी चूत चाटूँगा...बहिन ..
फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी निकाल दी और मेरी छाती पर काटने लगी..उसने जगह-जगह अपने दांत गड़ा दिए,
हम दोनों एक-दूसरे को बुरी तरह से चूम रहे थे,,
मैंने भी उसकी कमीज निकाल दी और फिर उसका नाड़ा भी खोल दिया,
अब वो केवल ब्रा और पैन्टी में रह गई थी, गुलाबी ब्रा और पैन्टी में, वो बिल्कुल कटरीना लग रही थी..

मैंने उसे पकड़ कर नीचे लेटा दिया और उसके शरीर को बुरी तरह से चूमने लगा..
वो मान गई और फिर मैंने उसकी पेंटी उसके बदन से अलग कर दी.
उसकी चूत देखकर मैं होश में नहीं रहा,
मैं भी अपना कण्ट्रोल खो बैठा और उसे जोर-जोर से चूमने लगा, हम दोनों के मुँह से ‘आह-आह’ की आवाज आ रही थी..
अपना आपा खो कर मैं टूट उसकी चूत पर पड़ा और उसकी बुर को चाटने लगा..
मैंने भी कई जगह अपने दांत गड़ा दिए थे..
मेरी बहन के मुँह से एक आनन्द भी चीख निकल गई और उसने मुझे जानवर कहा..
नजमा बोली- देखो भाई, तुम एक जानवर की तरह से हरकत कर रहे हो,
देखो तुमने कैसे मेरी चूत को चाट कर गुदगुदा दिया और काट लिया, मुझे दर्द हो रहा है..

जैसे उसने अंडरवीयर खींचा, मेरा बड़ा मोटा सांवला लण्ड देख उसका मुँह खुला रह गया,
मेरे लण्ड को मसलने के लिए पकड़ा तो पागल हो गई,
"क्या हुआ?" नजमा मेरी प्यारी बहिन ..
"इतना बड़ा औज़ार? कैसे पाला है इस शेर को?" कह कर वो चूमने लगी..
में ="क्यूँ पहले कभी कोई लण्ड नहीं देखा?" नजमा ..
नजमा हंसी और बोली
"नहीं पहली बार है, ऐसा लण्ड ब्लू फिल्मों में ही देखा है" वो सुपारे को चूसने लगी
में = "चल एक साथ दोनों एक दूसरे को चूमते हैं !"


वो तब तक बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी,
मुझे अपने से लिपटाये मेरे सर को अपने मम्मों से सटा रही थी,
और अचानक मैंने उसके हाथ को अपने लण्ड पर महसूस किया...
मैं समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है, जो सही भी था..
मैंने भी अब मम्मों को छोड़ा और उसका पेट चूमते हुए उसकी जांघों तक आ गया..
पहले तो मैंने उसकी जांघें चाटी और जानबूझ कर उसकी चूत की तरफ ध्यान नहीं दिया ''
ताकि वो खुद तड़प कर मुझे चूत चाटने के लिए बोले..
मेरी उंगलियाँ अब उसकी कुँवारी चूत की फांकों को अलग-अलग करने लगीं थी..

मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के अंदर घुमा कर जायजा लेना चाहा पर उसकी चूत इतनी कसी हुई थी..
कि मेरी उंगली उसके अन्दर जा ही नहीं सकी.

उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था और एकदम गुलाबी थी, अगर कोई बुड्ढा भी देख ले तो उसका भी खड़ा हो जाये.
एसी थी मेरी बहिन नजमा की चूत ...
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर तक डालकर उसे चोदा और उसके दाने को चूसा,
खैर मैंने उसको धीरे-धीरे सहलाना चालू रखा,
जल्दी ही मुझे लगा कि मेरी उंगली में कुछ गीला और चिपचिपा सा लगा ..
मेरी प्यारी बहना का शरीर कुछ अकड़ने लगा..
मैं समझ गया कि इसकी चूत को पहली बार किसी मर्द की उंगलियों ने छुआ है,
जिसे यह बर्दाश्त नहीं कर सकी और इसका योनि-रस निकल आया है..
मैं तुरंत अपनी उँगलियों को अपने मुँह के पास ले गया, क्या खुशबू थी उसकी कुँवारी चूत की !

अब उसकी सिसकारियाँ तेज़ होने लगी थी, बदन कांपने लगा था..
ज़ाहिर था कि वो झड़ने वाली थी और अचानक उसने मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया.
बिना बोले उसने मुझे कह दिया कि मेरी चूत चाटो !
और बारी थी दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की की सबसे सुन्दर चूत की,
जो मेरी सगी बहिन नजमा की ही थी जिसको मैं बड़े प्यार से और धैर्य के साथ चाटना चाहता था.
जैसे ही मैंने उसकी प्यारी और फूली हुई चूत पर चुम्बन लिया,
उसके मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली, “आह...!”
मुझे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था और नजमा भी अपनी पिछाड़ी को मटकाते हुए सिसकारियाँ ले रही थी,
"ओह भाई, तुम बहुत सता रहे हो डार्लिंग ब्रदर !
इसी प्रकार से अपनी बहन की गरमाई हुई बुर को चाटते रहो चूसो,
मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और मेरी चूत पानी छोड़ने ही वाली है..
ओह भाई तुम कितना मजा दे रहे हो, ओहहह... चाटो... मेरी जान मेरे कुत्ते मेरे प्यारे भाई !"
उसके मुँह से अनाप-शनाप बड़बड़ाना यह साबित कर रहा था कि मेरी चिकनी बहन अब अपनी चुदाई लीला की रौ में बहने लगी थी..
उसकी चूत इतनी रसीली हो गई थी कि मुझे लग रहा था कि इसका फव्वारा किसी भी क्षण छूट सकता है..
उसके मुख से लगातार सीत्कारें निकल रहीं थीं,
मुझे उसकी सीत्कारों को सुन कर बहुत ही मजा आ रहा था.. वो और गर्म हो गई और मेरे मुँह को अपनी चूत में दबाने लगी,
नजमा ने जोर से मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया और कांपते हुए अपनी प्यारी चूत से रस छोड़ दिया,
मुझे भी उसका ऐसा करने से बहुत मजा आया..
आखिरकार नजमा से भी रहा नहीं गया और उसने मुझे कहा- चोद दे मेरे भाई राजा, फाड़ दे मेरी चूत को..
तोड़ दे अपनी बहन की चूत की सील को..
यह सुन कर मेरा लंड फड़फड़ाने लगा और मैंने फिर देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया,
लंड थोड़ा सा अन्दर जाते ही वो चीख पड़ी क्योंकि उसकी चूत अभी तक कुँवारी थी,
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और एक और धक्का दिया और लंड पूरा अन्दर सरक गया..
मैं थोड़ी देर रुका और जब मैंने देखा अब उसका दर्द कम हो गया है, तो मैंने धक्के मारने शुरू किये,
कुछ ही धक्कों के बाद उसको भी अब मजा आने लगा,
वो भी नीचे से अपने चूतड़ों को उठा कर मेरा साथ देने लगी,
थोड़ी देर बाद उसने मेरी कमर को जोर से पकड़ा और झड़ गई...
मैंने धक्के लगाना जारी रखा और थोड़ी देर बाद में भी झड़ गया,
उसने मुझे कहा- ये क्या कर दिया तूने? अब मैं किसी को क्या मुँह दिखाऊँगी..भाईजान
मैंने कहा- देख नजमा , तू मुझे बहुत अच्छी लगती है.
इसलिए मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और तुझे भी तो मजा आया न?
वो बोली- मजा तो आया लेकिन दुनिया वाले क्या कहेंगे?
मैंने उसको समझाया- जब दुनिया को पता ही नहीं चलेगा तो कोई क्या बोलेगा?
रही अम्मी और भाईजान की बात तो उनकी टेंसन मत करो ..
उसने पास आकर मुझे चूम लिया और मुस्कुराने लगी..
इस तरह में पहली बार किसी कमसिन और कच्ची कली की चूत का मज़ा लिया..!
अपनी सगी बहिन का ......
फिर मैंने और नजमा ने साथ में ही खाना खाया और अपने अपने रूम में जाकर सो गए..!
आगे सब कुछ नया ....

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