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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Posted: 16 Dec 2014 15:46
by The Romantic
में अम्मी और मेरी बहिन-16

नजमा ने मुझे भी अपनी चूत चाटने का इशारा किया में भी मदीना के साथ नजमा की चूत को आइसक्रीम लगा लगाकर चाटने लगा,
मुझे आइस क्रीम और चूत के पानी का मिलाजुला स्वाद आ रहा था,
वाह क्या मस्त स्वाद था ...आप भी कभी try करना दोस्तों ...
नजमा गरम हो रही थी,और सिसकिय भर रही थी,
पर मुझे मदीना की कसी हुई और गोल मटोल गांड दिख रही थी...
तभी नजमा ने हरकत की और मदीना की ब्रा को उतार दिया,
मदीना के 34 साइज़ के बड़े बड़े और सांवले रंग के बूब खुली हवा में मचलने लगे थे
नजमा खड़ी थी और मदीना घुटनों के बल उसकी चूत में अपना मुंह लगाकर,
मेरी बहना की चूत को किसी रसमलाई की तरह चाट रही थी,
जबकि मेरी प्यारी बहना किसी सेक्सी फिल्म की हिरोइन की तरह सिसकिय भर रही थी,
और,
अपनी कमर हिला हिला कर अपनी चूत चटवा रही थी,
मदीना भी दोनों हाथो से नजमा की कमर पकड कर कास कास कर उसकी चूत को चाट रही थी....!
तभी नजमा बोली = क्या भाईजान देखते ही रहोगे या मदीना की गांड के छेद को भी चाटोगे,
बड़ा ही मस्त छेद है इसका और हाँ इसकी पेंटी उतरना मत फाड़ ही दो,
आज तो और गांड चाट चाट कर माँरो इस कुतिया की आज...
जेसे मेरी मारी थी उस दिन हाई रे मेरे भाई आओ ना इसकी गांड के निचे ...!
में तुरन्त ही मदीना के पीछे गया और उसकी पेंटी फाड़ने ही लगा सच में ,
मदीना मुझे रोक रही थी पर अब नजमा भि मेरी मदद कर रही थी,
हम दोनों ने उसकी पेंटी फाड़ कर उसे बेड पर उल्टा लिटा दिया...
मदीना हल्का हल्का विरोध कर रही थी पर वो उसका नाटक ही था,
मुझे मदीना की गांड का छेद दिखा,गोल गोल और हलके भूरे रंग का छेद था,
उसपर एक भी बाल नहीं था, बिलकुल चिकना और मस्त छेद था मदीना की गांड का.....
में झुक कर अपनी जीभ को उसकी गांड के छेद पर लगाया,
आहा आहा क्या टेस्ट था मदीना की गांड का, हल्का नमकीन वाह मज़ा ही आगया,
अब में किसी कुते की तरह सुपड़ सूपड़ कर उसकी गांड चाटने लगा,
तभी नजमा ने मुझे अपनी कोल्ड क्रीम लाकर दी और बोली = भाई थूक नहीं लगाओ ना ये लगाओ प्लीज़.
में अब देर नहीं करके मदीना की गांड में अपनी ऊँगली से क्रीम छेद में लगाने लगा और अपने लंड में भी,
तभी नजमा बोली भाई लाओ में आपका लंड चूस चूस कर खड़ा करती हूँ ,
तब तक आप इसकी गांड की ऊँगली से ढीला कीजिये न मेरे भाईजान ,
नजमा अब मेरा लंड चूस रही थी और में अपनी ऊँगली से मदीना की गांड चोद रहा था,
अब हम तीनो ही सिसकिया भर रहे थे और उटपटांग बोल रहे थे तीनो ही सेक्स के नशे में चूर होगये थे,
तभी नजमा ने मेरी गोलिया अपने मुंह में लेली,
उफ्फ्फफ्फ्फ़ क्या मास्स्स्स मस्त मज़ा था ,
नजमा मेरी गोलिया बारी बारी से चूस रही थी और में अपनी ऊँगली से जोर जोर से मदीना की गांड मार रहा था,
तभी नजमा मेरी गोलिया छोड़ कर बोली = क्या भाई मेरे मुंह को खराब करोगे,
मदीना की गांड को नहीं चोदोगे अपने इस मस्त और मोटे लंड से,
ये कहकर नजमा ने मेरा लंड पकड कर मदीना की गांड के छेद पर रख दिया,
में भी अपने खड़े लंड को मदीना की गांड के छेद में धकेल दिया,
मेरा आगे से बिना चमड़ी का लंड सीधा मदीना की गांड में घुस गया,
मेरे मोटे लंड के इस तरह अंडर जाने से मदीना चीख पड़ी पर नजमा ने उसके मुंह पर अपनी चूत लगा दी,
मदीना की आवाज दब गयी,
मैंने लंड बहार निकाला हलकी सी आवाज सी आई, फिर थोड़ी सी क्रीम लगे और
में अपने मोटे लंड का दबाव मदीना की गांड के होल पर डालने लगा,
एक दो प्रयासों के बाद मुझे सफलता मिली और इस बार मेरे लंड का पूरा सुपारा उसकी गांड में घुस गया,
मैं थोड़ा सा और झुका और दबाव बढ़ाया,मदीना के मुंह से फिर से चीख निकली पर नजमा ने उसे सभाल लिया,
चूंकि मदीना की गांड का होल पहले से ही बहुत ज्यादा गीला था , सो मेरा पूरा लंड घुस ही गया,
मदीना बिलबिला उठी पर नजमा ने उसे थम कर रखा हुआ था...
बिना किसी परेशानी के मेरा लंड लगातार सरकते हुए मदीना की गांड में जड़ तक घुस गया,
मीठे दर्द से मदीना कसमसा गई और उसने नजमा की गांड को अपने दोनों हाथो से जोर से पकड़ लिया.................
उह उह्ह्ह्ह अहाआआआ अम्मी मर गयी, साहिल इसको बहार निकालो ना बहुत बड़ा लंड है तेरा ==मदीना चिल्लाई,
लेकिन अब में और मेरा लंड दोनों ही नहीं मानने वाले थे,
मैंने कोई तरस न दिखाकर मदीना की गांड में पूरा लंड पेल दिया,
सही में मस्त कसी हुई गांड थी मदीना की तो दोस्तों......!
नजमा की चूत अब मदीना के मुंह में थी और मेरा लंड मदीना की गांड में ,
मदीना की आँखों में आंसू आ गए थे, पर होंठो पर मुस्कान सी थी...
हम दोनों भाई बहिन को एक ही लड़की हर मज़ा दे रही थी,
मेरे लंड को गांड मिली हुई थी और मेरी बहिन की चूत चुसी जा रही थी,
फिर मदीना हम दोनों को हवस की दुनिया दिखाने लगी,
और ,
फिर में धक्को की रेलगाड़ी को दोड़ाने लगा मदीना की गांड में..
हम दोनों भाई बहिन करीब 20 मिनिट बाद एक ही साथ छड गये,
मेरे लंड ने मदीना की गांड में अपना फुव्हारा छोड़ा और नजमा ने उसके मुंह में ....
इस तरह हम भाई बहिन ने अपना माल छोड़ दिया,
कुछ देर बाद मदीना चली गई,
में और नजमा थके हुए थे सो हम दोनों ही वहीँ पर सो गए,
नंगे ही क्यूंकि अब हम दोनों को शर्माने के लिए कुछ बाकि नहीं था.
अब्बू आज रात आने वाले नहीं थे.
नजमा की चूत खुल चुकी थी और गांड भी, वो अब मेरे लंड से खुल कर खेलना चाहती थी.
रात को करीब दस बजे नजमा नींद से जाग गयी और मुझसे लिपट गयी,
में भी जाग गया,हम दोनों अब भी नंगे ही थे,
नजमा ने मेरा सोया हुआ लंड अपने कोमल और मुलायम हाथो में पकड़ लिया,
और बोली = भाईजान क्या सोते ही रहोगे या कुछ खाना भी खाओगे आज तुम ..
उसके इस तरह लंड पकड़ने से मेरा लंड फिर से उठने लगा था,
मैंने सोते सोते ही नजमा को थाम लिया और चूमने लगा .....
नजमा = छोडो भाईजान में यहीं तो हूँ आपके ही पास,
मुझे जब चाहे चोद लेना पर पहले कुछ खाओ तो सही ना ...
और सुबह से इतनी मेहनत की है तो कुछ खा भी लो ना,
में = ठीक है मेरी बहिन ला खिलादे अपनी चूत का पानी,
या अपने बूब का दुध ही पिलादो न ...
नजमा = आप पागल हो गये हो क्या,चलो उठो और कुछ खाओ मुझे भी बहुत भूख लगी है,
फिर रात को भी तो आपके लंड का मज़ा लेना हिया मुझको मेरे भाई ..
नजमा ने मुझे खिंच कर उठाया.
हम दोनों नंगे ही थे,
फिर हम दोनों ही रसोई की तरफ गए,
वहां से नजमा ने सेंडविच लिए और कुछ स्नेक्स भी .

फिर हमने थोडा सा खाना खाया और फिर नंगे ही टीवी देखने लगे,
टीवी पर एक हिंदी फिल्म आ रही थी,
फिल्म का नाम था "टोर्जन" उसमे थोड़े सेक्सी सीन भी थे,
नजमा वो फिल्म देख कर मुझसे बोल पड़ी-> भाईजान जंगले में कितना मज़ा होता है इन लोगो को,
कपडे भी नहीं पहनने होते है और कहीं भी सेक्स कर सकते है ये लोग तो,सजा तो हमें मिली है,
शहरी होने की..की सेक्स भी छुप कर करना पड़ता है,
पर आपके तो मज़ा है भाईजान,आपको तो घर में ही सब कुछ मिल जाता है,
पहले अम्मी मिली, और अब में,और बुआ की तो ले ही चुके हो आप साहिल भाईजान....!
में अवाक् था,
नजमा ये सब केसे जानती है....?
मेरे और अम्मी के बारे में नजमा के मुंह से सुन कर में थोडा शर्मिंदा भी था,
नजमा का हाथ मेरे सोये हुए लंड को सहला रहा था,
तभी नजमा बोली = भाईजान आपको मेरी और अम्मी की चूत में से किसकी चूत चोदने में ज्यादा मज़ा आया बताओ ना ..?
मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था,
की क्या जवाब दूँ बहना को...?
तभी नजमा ने मेरा लंड चुसना चालू कर दिया...
उसने मेरा सोया लंड अपने मुंह में भर लिया और बुरी तरह से चुसने लगी,
तभी फोन बजा......?
नजमा ने अपने मुह से मेरा लंड निकाला और फोन की तरफ गयी.
में पीछे से नजमा को निहार रहा था,
वो अपनी गांड मटकती हुई फोन की तरफ जा रही थी,उसकी कमसिन जवानी हिलोरे ले रही थी,
नजमा की गांड पर और चूत पर एक भी बाल नहीं था,
मुझे लग रहा था की नजमा जानबूझ कर मटक मटक कर चल रही थी,
फोन अब्बू का था उनको कोई काम हो गया था,
वो शहर से बाहर जा रहे थे वो अब 3 दिन बाद ही आयेंगे,
नजमा ये बताते हुए खुश हो रही थी,
आखिर उसकी चूत अब आराम से जो चुद सकती थी ना,
तभी नजमा मेरे पास आई और मेरे मुंह में अपनी एक चुन्ची डाल दी और ..
बोली= भाईजान अब सब्र नहीं होता हिया आप मुझे चोदो ना,
बहुत दिन इस दुनिया की शर्म भरी है,
लेकिन अब रहा नहीं जाता है,
अब किसी का डर नहीं है भाईजान,आप मुझे आराम से चोदो ना,
आप मुझे अपनी बीबी ही समझो न,
नजमा ये सब कहकर मुझसे लिपटने लगी,
में समझ गया की उसकी चूत लंड के लिए झटपटा रही है,
अब देर करना ठीक नहीं है,
फिर में उसे अपनी गोद में उठाकर अपने रूम में ले गया,
बेड पर लिटा कर उसे मैंने घोड़ी की तरह बना दिया और पीछे से चोदने लगा..
करीब 20 - 25 मिनिट किसी कुतिया की तरह मैंने मेरी सगी बहिन को चोदा ,
फिर उसकी चूत में ही झड़ गया...!
फिर हम दोनों नींद के आगोश में चले गये.....
====*=
आगे आएगी मस्त कहानी ..
में नजमा ओर जमीला ,
आप भूले तो नहीं है न दोस्तों "जमीला' को
वोही जमीला जिसने मेरी गांड मारी थी...

सुबह करीब दस बजे आँख खुली,में और नजमा दोनों ही एक ही बिस्तर पर थे,
मेरी प्यारी बहिन मेरे बिलकुल ही करीब एक गाउन पहने सो रही थी,
सुबह सुबह वो बहुत ही हसीं लग रही थी ,
मुझसे रहा नहीं गया और मैं नजमा के पैरों को सहलाने लगा और उनके हाथ पर चुम्बन करने लगा,
नजमा भी जग गयी और मुस्कराने लगी ,
मैंने देखा नजमा अब गर्म हो रही ही हैं, तो उनकी आँखों में देखता रहा और धीरे से उनको गले लगा लिया,
नजमा ने भी मुझे बाहों में कस कर दबा लिया,
बस फिर क्या था जैसे भूखे को खाना मिल गया हो,
मैंने नजमा को गले से लगाए रखा और हाथ उनकी पीठ पर फेरता रहा ..
मैंने देखा कि नजमा कुछ नहीं कह रही हैं, तो धीरे से उनके गले पर चुम्बन कर दिया,
फिर उनकी गर्दन से होते हुए उनके होंठों को चूम लिया, नजमा भी मेरा साथ देने लगीं,
मेरी जीभ उनके मुँह में घूम रही थी, हम एक-दूसरे के होंठों को चूसते हुए बिस्तर पर लेट गए.
फिर अपने आप मेरा हाथ उनके बदन पर घूमता हुआ उरोजों पर चला गया,
हाय क्या बड़े-बड़े मस्त वक्ष-उभार थे..! मैंने मेरी सगी छोटी बहिन के उरोजो को दबाना चालू किया,
तो नजमा तेज-तेज साँसें लेने लगीं,उनके मुँह से ‘आह्ह्ह्ह’ निकली, तो मुझे मजा आ गया,
फिर हाथ घुमाते हुए नजमा का गाउन ऊपर किया और उनकी नंगी टांगों को देखा तो मस्त हो गया,
एकदम गोरी, चिकनी, धीरे-धीरे गाउन को ऊपर करके निकाल दिया.
अब नजमा मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में थीं, मैं तो जैसे पागल हो रहा था.
मेरा लंड खड़ा होकर बाहर आने को बेताब था,
फिर मैंने नजमा को उल्टा कर दिया और उनके ऊपर लेट कर पीठ को चाटने चूमने लगा.
चूमते हुए नजमा के पैरों तक चला गया, फिर जल्दी से अपने कपड़े उतारे और नजमा के ऊपर लेट गया.
उनकी ब्रा का हुक खोल दिया,
फिर नजमा को सीधा किया और उनके होंठों से होंठों चिपका लिए और स्तन दबाने लगा तो वो ‘सीईई ईईईईई’ करने लगीं,
मैंने नजमा के बोबे चूसते हुए बहुत ही मादक और कामुक महसूस किया,
तभी नजमा का हाथ मेरे लंड पर आ गया, मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया,
में उसके बोबे चूसते हुए उनके पेट तक आ गया,
फिर पेट को चूमा, फिर नाभि में जीभ घुमाई, अब नजमा भी बहुत गर्म हो चुकी थीं.
वो तड़प रही थीं और मैं भी, नजमा की साँसे तेज और उनकी ‘सीईईई सीईई आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह’ की आवाजें मुझे पागल कर रही थीं,
मैंने जल्दी से नजमा की चड्डी उतारी और पैर फैला कर उनकी चूत चाटने लगा,
गीली-गीली चूत का रस पहली बार होंठों पर लगा, तो सारा चाट कर साफ़ कर दिया और जीभ नुकीली करके उनकी चूत में घुसाने लगा,
जैसे ही जीभ डाली, नजमा की ‘सीईईई’ ‘आह्ह्ह्ह’ में बदल गई.
तभी नजमा बोलीं- अब मत तड़पाओ, रात के बाद भी चुदाई की प्यास लग रही है, जल्दी करो.
पर मुझे तो चाटने में मजा आ रहा था, छोटे-छोटे बाल वाली, गोरी सी चूत..!
नजमा मेरी जीभ को सहन नहीं कर पाईं और उन्होंने पानी छोड़ दिया और मैं सारा पानी चाट गया,
क्या मस्त लगा.. थोड़ा खट्टा अजीब सी खुशबू वाला पानी..!
फिर नजमा ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और होंठों को चूसने लगी,
मेरा लंड चूत में जाने को बेताब हो रहा था, होंठों से हटा और नजमा के पैरों के बीच बैठ गया,
में चूत में लंड डालने की कोशिश कर रहा था कि नजमा ने लंड पकड़ा छेद पर सैट किया और कहा- अब डालो भाईजान ..!
मैंने थोड़ा जोर लगाया और लंड बिना किसी दिक्कत के अन्दर चला गया,
नजमा ने जोर से सीईईई-आह्हह्ह की, लौड़ा अन्दर जाते ही मुझे जो आनन्द मिला, वो शब्दों में नहीं बता सकता.
फिर मैं नजमा के ऊपर लेट कर लंड अन्दर-बाहर करने लगा,
जोश मैं होश खो दिया और 5-10 झटकों के बाद ही झड़ गया,
में फिर नजमा के ऊपर लेट गया और उनके होंठों को चूसने लगा.
फिर नजमा का हाथ मेरे लंड पर चला गया,
नजमा उसे फिर खड़ा कर रही थीं, हिला-हिला कर 5 मिनट में फिर खड़ा हो गया,
मैंने नजमा को लण्ड चूसने का इशारा किया,
नजमा ने तुरंत ही मेरा लंड अपने सुन्दर से मुंह में भर लिया और चूसने लगी मेरा लंड फिर जोश में आ गया,
फिर जोश में आते ही नजमा ने कहा- अब करो.. जोर से.. और जल्दी मत झड़ना..
मैं फिर नजमा के पैरों के बीच में आया और एक ही झटके में पूरा लंड घुसा दिया तो “आह्ह्हह्ह” करके चिहुंक गईं,
बोलीं- थोड़ा धीरे मेरेभाईजान ..!
मैं फिर नजमा की चुदाई करने लगा,
नजमा भी ‘अह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह्ह्ह सीईई’ की आवाज निकाल कर मेरा साथ दे रही थीं.
उनकी आवाजों से मेरा जोश और बढ़ रहा था, हर झटके के साथ भाभी “आह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह” कर रही थीं,
फिर मैं नजमा के ऊपर लेट गया और झटके लगाना चालू कर दिए, उनके होंठों को चूसते हुए, तो कभी बोबे दबाते हुए.
नजमा अकड़ने लगीं, मुझे अपनी बांहों में दबा लिया और एकदम से बहुत सारा पानी छोड़ दिया.
आहहह.. गर्म-गर्म…! क्या लग रहा था मेरे लंड पे..!
मैं झटके लगाए जा रहा था, बीच-बीच में लंड निकाल कर चूत भी चाट लिया करता,
फिर डाल कर झटके लगाने लगता.
अब लंड जोर-जोर से अन्दर-बाहर चल रहा था. मैं भी झड़ने वाला ही था,
तो जोर-जोर से झटके लगाने शुरू किए, 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं नजमा की चूत में ही झड़ गया,
अपने माल से उनकी पूरी चूत भर दी और नजमा के ऊपर लेट गया.
फिर नजमा ने मुझे चुम्बन किया और जोर से अपनी बाँहों में कस लिया.
ये थी हमारी सूबह सुबह की चुदाई ....

Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Posted: 16 Dec 2014 15:46
by The Romantic
में अम्मी और मेरी बहिन-17

फिर क्या हुआ दोस्तों ..
हम दोनों ने थोड़ी सी और नींद ली,फिर मदीना आ गयी, और हम दोनों के लिए चाय बनायीं,
फिर हम दोनों ने एक साथ ही स्नान किया और फिर कपडे पहने,
तभी मदीना बोली = साहिल आज मैंने आप दोनों के लिए एक मस्त माल का बंदोबस्त किया है,
बिलकुल ही कमसिन और कच्चा माल है,सिर्फ 17 साल की लड़की है,
उसकी अम्मी ने मुझे उसको चुदवाने का बोला है,बस थोडा खर्चा करना होगा,
और नजमा आपको भी मज़ा आएगा नाइ चूत चाटने में,
में = कितना देना होगा मदीना..?
मदीना = साहिल बस 2000 दे देना न उसकी अम्मी को ..!
नजमा बोली = हाँ भाईजान दे दो ना प्लीज़ ...!
मैंने उसको 2000 दे दिए ..मदीना ने फोन पर बात की और करीं 20-25 मिनिट बाद ही एक 17-18 साल की पतली सी लड़की आई,
देखने में ठीक ही थी पर उसके मम्मे एकदम छोटे थे,
वो थोड़ी घबराई सी थी,पर नजमा ने उसे ठंडा पिलाया और थोड़ी बातचीत की तो वो थोड़ी खुल गई,
तभी मदीना ने नजमा की चुन्चिया मसली,नजमा ने भी मदीना के मम्मे पकड लिए और लिप किस करने लगी,
वो लड़की ये सब देख रही थी की मैंने उसे थम लिया और किस किया,
वो थोड़ी डर गई,पर मदीना ने उससे कहा -आमना तुम दरो मत ये बाबु तुम्हे नए कपडे देंगे और प्यार भी करेंगे,
तब आमना थोड़ी ठीक हुई और में उसकी कमसिन जवानी से खेलने लगा,


फिर मैंने उसको फिर से किस किया और बांहों में भर लिया,
फिर धीरे से मैंने एक हाथ उसके मम्मे पर रख दिए और धीरे-धीरे दबाने लगा...
फिर मैंने थोड़ा और कस के दबाया,

मेरा लण्ड तो एकदम से खड़ा हो गया। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया और ज़ोर-ज़ोर से उसके मम्मों को मसलने लगा।

तो वो चिल्लाई- दर्द हो रहा है..!

मैंने कुछ नहीं सुना और ज़ोर-ज़ोर से उसके स्तनों को मसलता रहा और उसे चूमता रहा। फिर वो भी धीरे-धीरे उत्तेजित हो गई और मेरा साथ देने लगी। मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया। उसके बाद तो मैं पागल हो गया।

क्या मस्त मम्मे थे.. उसके !

वो गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुए थी। मैं ऊपर से ही उससे कस कर दबाने लगा और चूसने लगा। मैंने उसकी ब्रा को कस कर खींचा और ब्रा का हुक तोड़ दिया। उसके दोनों कबूतर उछल कर बाहर की हवा में उड़ने लगे। मैं तो बाबला सा ही हो गया।

उसके गोरे-गोरे मम्मे और पिंक चूचुक.. ओह मैं तो पागलों की तरह उसके मम्मों पर टूट पड़ा और चूसने लगा। वो भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी और ‘आहें’ भर रही थी।

मैंने करीब 10 मिनट तक उसके मम्मे को चूसा, फिर एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया और धीरे-धीरे सहलाने लगा। वो भी पागलों की तरह ‘आहें’ भर रही थी और पूरी तरह गर्म और वासना युक्त हो चुकी थी। फिर मैंने उसके स्कर्ट के बटनों को खोल कर अलग कर दिया।

मैंने देखा कि वो काले रंग की पैन्टी पहने हुई थी। जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा, तो मुझे गीलापन महसूस हुआ। उसकी पैन्टी पूरी तरह भीग चुकी थी और वो पागलों की तरह उत्तेजनावश हरकतें कर रही थी। फिर मैंने एक ही झटके में उसकी पैन्टी को अलग कर दिया।

क्या चूत थी.. उसकी.. पूरी क्लीन शेव..! फूली हुई.. एकदम लाल-गुलाबी..!

मैं तो पागल ही हो गया और उसके चूत को मसलने लगा। वो लगातार ‘आहें’ भर रही थी। फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया।

तो उसने कहा- ये आप क्या कर रहे हो?

मैं कहा- मस्ती कर रहा हूँ, तुम्हें भी मज़ा आएगा।

फिर मैंने 5 मिनट तक उसकी चूत को चाटा.. बाप क्या मस्त गदीली चूत थी उसकी !

फिर मैं खड़ा हो गया और अपने कपड़े भी उतार दिए।

वो मेरा लंड देख कर डर गई और बोली- इतना बड़ा !

मैंने उससे कहा- इसे अपने हाथ में लो।

पर उसने मना कर दिया, फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो वो एकदम टाइट थी, जैसे ही मेरी उंगली अन्दर घुसी वो उछल पड़ी

उईइ अम्मी साहिल मुझे दर्द हो रहा है ...आहा अह अह अह ..सी सी उह उह ..
वो ऐसे ही चिल्लाने लगी ..
मैंने बोला- चुप रहो कुछ नहीं होगा।

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और दबाब डाला तो लौड़ा उसमें घुस ही नहीं रहा था। फिर मैंने थोड़ा सी क्रीम अपने लंड पे लगाई और फिर उसकी चूत पर भी लगाई। फिर मैंने अपने लंड को चूत पर रख के हल्का सा धक्का दिया।

तो वो चिल्ला उठी और रोने लगी- बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ मुझे छोड़ दो।

मैंने बोला- कुछ नहीं होगा जानेमन, अभी तुम्हें भी बहुत मज़ा आएगा।

और फिर मैं उसे किस करने लगा और कुछ देर के बाद एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड आधा उसकी चूत में चला गया और उसकी चूत से खून निकलने लगा।

वो चिल्ला रही थी- “प्लीज़ छोड़ दो…! मैं मर जाऊँगी।

मैंने उसके मुँह पर अपने मुँह को लगाया और ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगा ताकि उसके मुँह से आवाज़ नहीं निकले। फिर कस कर एक धक्का दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। वो दर्द से छटपटा रही थी। मैं कुछ देर के लिए उसी तरह शान्त रहा और उसे चूमता रहा।

कुछ देर बाद जब वो शांत हुई, तो मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू कर दिए और उसके मम्मे को सहलाता रहा। उसे अब भी दर्द हो रहा था, पर उससे अब मज़ा व आ रहा था। कुछ देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने फिर अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और वो भी अपने चूतड़ों को हिलाने लगी और मादक सीत्कार करने लगी।

फिर मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?

तो उसने कहा- हाँ।

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली- और ज़ोर से करो नो !

मैंने फिर अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी और करीब 5 मिनट के बाद झड़ने वाला था।

मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।

तो उसने बोला- मैं भी अब होने ही वाली हूँ।

और कुछ देर के बाद शांत हो गई, वो झड़ चुकी थी। मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके पेट पर सारा माल गिरा दिया, वो बहुत खुश दिख रही थी।

तो मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?

उसने बोला- बहुत मज़ा आया।

पर जैसे ही वो बेड से उठी और बेड पर ढेर सारा खून देख कर डर गई।

“हय, अब क्या होगा…!”

वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।

तभी ये सुन कर नजमा और मदीना हमरे करीब आ गयी ..?
नजमा बोली =भाईजान आप अपना पानी हम तीनो के मुंह पर डालो ना ,,
मैं भी झड़ने वाला था,
मेरा पानी अब निकल ही रहा था..
सो मैंने अपना लंड आमना की चूत से निकाला,
और अपने लंड का पानी उन तीनो के मुंह और शरीर पर छोड़ दिया ...
फिर तीनो कुछ देर के बाद शांत हो गई,
आमना अब बहुत खुश दिख रही थी,
तो मैंने पूछा- कैसा लग रहा है ...?
उसने बोला- बहुत मज़ा आया साहिल सच्च में,
पर उसने बेडकी तरफ देखा और बेड पर ढेर सारा खून देख कर डर गई..
“हय, अब क्या होगा…!”
वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी..
तभी मदीना और नजमा उसे समझाने लगी ...
फिर आमना भी समझ गयी ,,,,
मेरे अब्बू आज नहीं आने वाले थे ..
पर कल अम्मी भाईजान और अब्बू सब आने वाले थे,
सो आज में पूरी मस्ती के मुड में था..

फिर मदीना आमना को लेकर चली गई,
नजमा भी बाथरूम में चली गई,
में सोचने लगा की इन दिनों जिन्दगी ने केसे केसे रंग दिखाए है मुझको ,
सलीम की गांड से शुरू हुआ मेरा सेक्स का सफ़र , बुआ की चूत से लेकर अम्मी की चूत तक ,
और आज मेरी सगी बहिन भी मेरे लिए रंडी बन चुकी थी ..
अब मेरी जिन्दगी मुझे और क्या क्या दिखाने वाली थी,
यही में सोच रहा था .कि मेरे सेल की घंटी बजी देखा तो ''जमीला'' का फोन था ...
''जमीला''
उसकी याद ने ही मानो मेरे दिल ओर लड में हलचल मचा दी थी,
इतना सेक्स करने के बाद भी मेरे दिल से जमीला की यादें नह्ही गई थी,
उसके साथ सेक्स का मज़ा ही और था...
खेर ये सब बाद में,
मैंने फोन उठाया,''जमीला''= हेल्लो साहिल बोल रहे हो क्या ...?
में =हाँ जमीला बहुत दिन बाद याद आई मेरी ...?
जमीला = आपने भी तो फोंन नाही किया साहिल ..?
मैंने सोरी बोला तो जमीला हंस पड़ी और बोली =और बताओ साहिल केसी है,
आपकी गांड, मेरे लंड की याद आती है की नहीं आपको ../
में = बहुत याद आती है जमीला, काश आप रात भर मेरे साथ होती ,,,,
आपकी याद मुझे हमेशा आती है,काश आप मेरे साथ रहती..!
जमीला = साहिल आपकी भी मुझे बहुत ही याद आती है, मेरे जानू ..
में भी आपके साथ रहना चाहती हूँ पर ज़माने के सामने में मजबूर हूँ साहिल,
क्यूंकि ये दुनिया हमें हिंजड़ा या शी मेल कहती है..?
में = तो क्या हुआ जमीला में तुम्हे अपनाऊंगा अपनी बनाकर रखूँगा ..!
तभी नजमा बाथ रूम से बहार आ गयी,
में चुप हो गया तो नजमा ने पुछा = भाईजान किसका फोन है अम्मी का है क्या मुझे दो ना...?
नजमा ने अचंक ही मुझसे फोन छीन लिया,
और बात करने लगी = अम्मी आप कब आ रही हो,
तभी सामने से जमीला की आवाज आई तो नजमा मेरी तरफ देखने लगी ..?
मैंने जल्दी से नजमा से फोन छीन लिया,
पर नजमा मेरे कान से अपना कान लगा कर मेरी और जमीला की बातचीत सुनने लगी....!
जमीला = हेल्लो , हेल्लोसहिल क्या हुआ ये कौन बोल रही थी फोन पर ...?
मैंने कहा = जमीला ये मेरी कजिन है,(मैंने नजमा को आँख मार दी )
पाकिस्तान से आई है, ताज़ा ताज़ा कली है इसलिए ये सबके फोन सुनती रहती है,
आज में और ये घर पर अकेले है क्या तुम आयोगी मेरी जानेमन ..?
जमीला= हम्म तो ये बात है साहिल अपनी कजिन की जवानी लुट रहे हो फिर तो मेरी याद केसे आएगी तुमको ..?
में = जमीला वो जवान तो है पर जो आपके पास है वो उसके पास कहाँ है ..?
(नजमा गुस्सा हो रही थी ये सुन कर ..!
में नजमा को और जलाना चाहता था)
जमीला आपके बूब तो जेसे पत्थर के है इतने कठोर और नुकीले बूब मैंने किसी के नहीं देखे है,
और जब आप मेरा लंड चुसती हो तो मानो मुझे जन्नत ही दिखा देती हो,
हाँ और सबसे खास तो आपकी गांड है में जब भी आपकी गांड मरता हूँ,
तो मुझे किसी लकड़ी की चूत से भी ज्यादा मज़ा आता है आपकी गांड में ...?
नजमा ये सब सुन कर जल रही थी.
में = जमीला क्या तुम किसी लड़की की चूत चाटना चाहोगी ..?
जमीला = क्यों नहीं साहिल ...!
तुम कहोगे तो में उसकी गांड का छेद भी अपने मुलायम जीभ से चाट लुंगी ..
नजमा अब मुस्कुराने लगी थी,
में = जमिला पर अगर मेरी कजिन मेरा लंड अपनी चूत में नहीं लेगी तो क्या करोगी फिर तुम ...
जमीला = तो में आपका लंड अपनी गांड में डलवा लुंगी मेरे राजा ....!
में (नजमा की तरफ देख कर) = मतलब तुम अपनी गांड प्यार से मरवाओगी मुझ से जमीला मेरी रानी ...
जमीला= हाँ मेरे राजा बिलकुल ...
में = एक बात और जमीला क्या तुम मेरी कजिन की गांड भी चाट लोगी क्या ...?
जमीला = क्यूँ नहीं दिलबर जरुर ओर्तुम कहोगे तो उसका पेशाब भी पि लुंगी में तो ...
में= चलो जमीला में उससे पूछ कर बताता हूँ तुमको और शायद आज रात तुम्हे मेरे घर आना पड़े तुम आओगी ना ..?
जमीला = हाँ जरुर साहिल ..!

जमीला = हाँ जरुर साहिल ..!
में = लेकिन मेरी कजिन को अगर में तेरे सामने चोदु तो तुमको बुरा नहीं लगेगा ना।
जमीला = नहीं साहिल बिलकुल नहीं