मेरे अब्बू और मेरा भाई

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The Romantic
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Re: मेरे अब्बू और मेरा भाई

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 16:41


में अपने बूब खुद ही रगड़ने लगी और अब्बू से बोली अब्बू मेरे यहाँ भी दर्द हो रहा है
अब्बू मेरी तरफ देखने लगे और बोले = आजा फिर तेरे भी बर्फ रदाग देता हूँ बेबी,
में ने कहा ठीक है अब्बू और में अब्बू के सामने सो गई, अब्बू ने कहा बेबी ये टीशर्ट तो उतर दो ना,
में = अब्बू मुझे शरम लगती है,आपसे .
मुन्नी = अरे बेबी श्र्मोगी तो तेरा दर्द केसे दूर होगा चल आजा और उसने मेरी टीशर्ट उतर दी अब में अब्बू के सामने उपर से नंगी थी,
मुन्नी बिलकुल ही नंगी थी जबकि अब्बू ने तहमद बांध रखा था,
अब्बू मेरी चुन्चियो को गोर से देख रहे थे और अब्बू ने मुन्नी को बोला मुन्नी दो पेग तो बनालो हमारे लिए.
में बोल पड़ी में भी पेग ही पियूंगी अब्बू और अब्बू बोले ठीक है बेबी,और मुन्नी पेग बनाने लगी ,
अब्बू मेरी चुन्चियो पर बर्फ लगाने लगे और दुसरे हाथ से मेरी चुन्ची को हलके हलके सहला रहे थे,
में मस्त होने लगी थी,अब्बू मेरी चुन्चियो को गोर से देख रहे थे उनका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चूका था,और हिल भी रहा था,
मैंने एक हाथ अपनी चूत पर रख लिया और पेंट के उपर से ही अपनी चूत को सहलाने लगी,
टीवी पर सीन चल रहा था जिसमे एक लड़की एक लंड चूस रही थी, मैंने अब्बू से पूछा अब्बू ये क्या कर रही है,
अब्बू बोले = बेबी ये अपने अब्बू को खुश कर रही .
में = क्या ऐसा करने से अब्बू खुश होते है क्या.
अब्बू = हाँ बेबी बहुत खुश होते है.
में = तो क्या में आपको खुश करू क्या ..और मैंने अब्बू का लंड पकड़ लिया.
अब्बू = हाँ बेबी लेकिन यह सब किसी को भी मत बताना .
मैंने कहा ठीक है अब्बू .

और फिर मैंने अब्बू का लंड उनके तहमद से बहार निकाल लिया,
और अपने हाथ से पकड़ लिया में बहुत ही मस्त हो गई अब्बू का फुला हुआ लंड देखकर.
तभी मुन्नी पेग बनाकर ले आई और मुझे लंड पकडे देखकर बोली=क्या बात है बेबी लगता है चूसने का इरादा है,
चूस लो बेबी बड़ा ही मज़ा आएगा पर किसी से बोलना मत रानी, और मुन्नी ने हमें पेग पकड़ा दिए.
अब्बू ने एक ही बार में पेग ले लिया और मेरे को अपनी गोद में बेठा लिया उनका लंड मेरी गांड के छेद से लग रहा था,
और अब्बू ने मुन्नी को कोई इशारा किया और मुन्नी बोली= साहब आज बहुत ही गर्मी है बेबी तुम अपने भी कपडे उतर दो ना.
में समझ गयी और में अब्बू की तरफ देखा, तो अब्बू ने कहा = हाँ बेबी उतार ही दो ना, और ये पेग भी लेलो मेरी बेटी .
में समझ चुकी थी की आज अब्बू मस्ती में है और अपनी ही सगी बेटी को चोदना चाहते है.
में भी तेयार ही थी, मैंने अपनी पेंट उतार दी अब में एकदम मादरजात नंगी थी.और पेग पि रही थी तभी मुन्नी पास आई,
पास आकर मुन्नी ने कहा=साहब एक बात बोलू क्या अगर आप बुरा ना मानो तो,
अब्बू = हाँ बोलो ना मुन्नी .
मुन्नी = बेबी को अपना लंड चूस वाओ ना,
क्यूंकि इसकी गांड बहुत ही पतली है,आप के लंड का पानी पीकर इसकी गांड थोड़ी बड़ी हो
जाएगी जेसी मेरी और आपकी बीबी की है.
अब्बू = (मेरी तरफ देख कर) जरुर मुन्नी पर क्या बेबी इसको अपने मुंह में लेगी क्या.
में = क्यों नहीं अब्बू जब अम्मी और मुन्नी इसको अपने मुंह में ले सकती है तो में क्यों नहीं ..?
अब्बू = पहले किसी का लिया है बेबी ...?
में = नहीं अब्बू कभी नहीं लिया है किसी का क्या ये हर किसी का मुंह में ले सकते है क्या ..?
अब्बू = नहीं बेबी ये तो सिर्फ उनका मुंह में लेते है जिनसे हम प्यार करते है .
और अब्बू ने मुझे अपनी गोद से उतारा और मुझे फ़र्स पर बैठाया और खुद मेरे मुंह के सामने खड़े हो गए.
उनका लंड बिलकुल मेरे मुंह के पास था और हिल रहा था वो करीब 8'' का था और काला काला सा था,
मुन्नी भी पास आ गयी और मुझे बताने लगी की लंड को केसे चूसते है,
और फिर वो वक्त आया जब अब्बू ने अपना लंड मेरे मुंह की तरफ बढाया और में पहली बार किसी लंड को अपने मुंह
में ले रही थी वो भो अपने अब्बू के बड़े से लंड को ,
मैंने अपना मुंह खोला और अब्बू ने अपना लंड झट से मेरे मुंह में डाल दिया.
अहा मेरे गले तक जेक लंड रुक गया और मुझे जोर से खांसी आई,
अब्बू ने लंड वापस निकला, मुन्नी ने कहा = साहब क्या करते हो धीरे धीरे डालो ना बेबी ने पहली बार मुंह में लिया है.
अब्बू=सोरी बेबी अब धीरे धीरे डालूँगा मेरी बेटी.
मैंने कहा = कोई नहीं अब्बू.
और अब्बू ने धीरे से अपना आधा लंड मेरे मुंह में घुसा दिया, क्या मस्त स्वाद था उनके लंड का मेरी बहनों और चाचिओ आपको क्या बताऊँ की
मुझको केसा लग रहा था पहली बार किसी का लंड आपके मुंह में जाए तो कितना मज़ा आता है और यदि वो लंड सगे अब्बू का हो तो मज़ा दुगुना ही हो जाता है.
क्या बताऊ क्या मस्त स्वाद था, हल्का सा नमकीन और खट्टा सा में अपने मुंह में अब्बू का लंड घुमाने लगी और तभी मुन्नी ने मेरे पीछे आकर
मेरे दोनों बूब अपने हाथो से पकड़ लिए और हलके हलके दबाने लगी,
और अब्बू को जोश दिलाने के लिए बोलने लगी= साहब इसके मुंह को छोड़ डालो क्या मस्त माल है आपकी बेबी इसकी कंवारी चुन्चिया देखो साहब,
और इसकी चूत भी देखो ना ऐसा माल कहीं नहीं मिलेगा साहब इसके मुंह को चोदने के बाद इसकी चूत की भी चोदो न साहब.
मुन्नी चिल्ला रही थी और में किसी दूसरी ही दुनिया की सेर में थी.
और अब्बू ने मेरे सर को पीछे से पकड़ लिया और अपने लंड को जोर जोर से मेरे मुंह के अंदर बाहर करने लगे.
मेरे गले तक उनका लंड जा रहा था फिर भी उनका आधा लंड बहार ही था में बहुत ही मस्त हो चुकी थी,
और करीब बीस मिनिट तक अब्बू ने अपना लंड मेरे मुंह में रखने के बाद अब्बू के लंड ने पानी छोड़ दिया सफ़ेद सफ़ेद और नमकीन पानी था,
अब्बू ने अपने लंड का पानी मेरे मुंह के अंदर और मेरे मुंह के उपर गिरा दिया, में उनका पानी अंदर गटक गई और तभी मुन्नी ने मेरे मुंह को
चाटना शुरू किया वो अब्बू के पानी को चाट रही थी, मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.

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Re: मेरे अब्बू और मेरा भाई

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 16:42

अब्बू का लंड फिर से छोटा हो गया था और मुन्नी ने अब्बू से कहा= साहब एक बात बोलू क्या,
अब्बू=हाँ मुन्नी बोल ना क्या बात है,
मुन्नी=साहेब क्या आज आप मुझे नहीं चोदोगे क्या मेरी चूत में बहुत ही खुजली आ रही है,आपने तो मेरी गांड में ही लंड डाला था,
मेरी चूत भी तड़फ रही है ना साहेब आओ ना बुझा दो न मेरी चूत की प्यास भी बुझाओ न आजाओ साहेब.
अब्बू= देखो आज में दो बार झड चूका हूँ मुन्नी समझो ना थोड़ी देर रुको मेरा लंड फिर से खड़ा होते ही में तेरी चूत चोदुंगा, ठीक है ना.
मुन्नी = ठीक है साहेब और बेबी को भी चोदोगे ना,
अब्बू = (मेरी तरफ देख कर) क्या ये ठीक होगा मुन्नी में इसका सगा बाप हूँ अगर किसी को पता लगा तो ....?
मुन्नी= केसे पता लगेगा साहेब, और गलत क्या होगा, अब बेबी की चूत में खुजली होने लगी है,और यदि इसको किसी ने बहार में छोड़ा और
इसको कुछ हो गया तो नहीं इसकी चूत का कुंवारापन आप ही लोगे साहेब.
अब्बू= लेकिन इसकी अम्मी को पता चल गया तो.
मुन्नी=उसकी चिंता मत करो साहेब उसको में मनालुंगी आप तो इसकी मस्त चूत को चोदने की सोचो.
अब्बू=ठीक है मुन्नी आज नहीं तो कल इसकी चूत जरुर चोदुंगा ठीक है ना बेबी,,
में= अब्बू क्या आप आज ही नहीं छोड़ सकते हो मुझको ....?
अब्बू=बेबी क्या जल्दी है आज में तेरी गांड मार देता हूँ तुम बोलो तो ...?
में=गांड क्यों मरोगे जब चूत है ना अब्बू ...?
अब्बू=मुझे चूत से ज्यादा गांड से प्यार है बेबी, आओ में तेरी गांड को चेक करता हूँ.
मुन्नी= साहेब ये बिलकुल ही नई लड़की है, इसकी गांड बहुत ही टाइट है आपका इतना बड़ा लंड केसे अंदर जायेगा.
अब्बू= क्यूँ तेरे गांड में नहीं गया था क्या रंडी,और इसकी गांड को अच्छी तरह क्रीम लगा कर मारूंगा मुन्नी इसको ज्यादा तकलीफ नहीं होने दूंगा.
में= ठीक है अब्बू आप मेरी गांड ही मारलो फिर तो लेकिन कल मुझे चोदोगे ना ...?
अब्बू = हाँ बेबी जरुर ही चोदुंगा कल तुमको,,!
फिर अब्बू ने मुन्नी को पेग बनाने का बोला और मुझे अपनी बांहों में भर कर मुझे सोफे पर ले गए.
सोफे पर ले जा कर अब्बू मेरी चुन्ची दबाने लगे वन्ही में अब्बू का लंड पकड़ कर हिलाने लगी और अब्बू ने मेरी चुन्ची अपने मुंह में भर ली,
अब्बू किसी बच्चे की तरह मेरी चुन्ची चूस रहे थे और में मारे मज़े के सिसकिया भर रही थी,
तभी मुन्नी पेग बनाकर ले आई और वो भी सोफे पर मेरे पास ही बेठ गयी,
और अब्बू मुन्नी से पेग लेने लगे तो मुन्नी बोली=साहेब एक बात बोलती हूँ की आप ये शराब आज पेग से नहीं मेरी चूत में डाल कर पीयो ना,
आपको शराब के साथ-साथ मेरी चूत के पानी का भी मज़ा आएगा और मुन्नी ने सोफे पर सोकर अपनी चूत में थोड़ी सी शराब डाली और
अब्बू को कहा अब पीयो साहेब मज़ा आएगा आप को भी और मुझे भी, और अब्बू मुन्नी की चूत से शराब पिने लगे.
मुझे यह सब बहुत ही अच्छा लग रहा था और मेरी चूत में अजीब सी खुजली आ रही थी,
मेरा मन भी अब्बू को इस तरह शराब पिलाने का हो रहा था.
तभी मेरी नजर घड़ी पर पड़ी रात के दो बज चुके थे और तभी मुन्नी की आवाज आई=बेबी तुम भी पीना चाहोगी क्या मेरी चूत से शराब.
मैंने झट से कहा= हाँ क्यों नहीं मुन्नी पीना भी चाहती हूँ और आप दोनों को पिलाना भी चाहती हूँ,
और मैंने मुन्नी के चूत में अपना मुंह डाल कर जोर से साँस खिंची तो चूत से शराब का एक घूंट मेरे मुंह में आ गया,
क्या टेस्टी शराब थी चूत रस के साथ शराब का मजा ही और था (क्या आप ने कभी इस तरह से शराब पि है दोस्तों )
मैंने पांच छह घूंट पिए और फिर में सो गयी और मुन्ने ने मेरी चूत में ग्लास से शराब डाली,
और मेरी चूत में जाते ही जलन सी हुई लेकिन में सह गयी, अब्बू ने मेरी दोनों टांगे पकड़ी और मेरी चूत तक अपना मुंह ले गए,
और जब उनके होंठो ने मेरी चूत को छुहा तो क्या बताऊ कितना मज़ा आया, और इस तरह हम तीनो ने शराब पि,
शराब ने अपना काम करना चालू कर दिया था मुझे अब नशा हो गया था और में अब चुदना चाहती थी,
वही मुन्नी अब्बू का लंड अपने मुंह में ले चुकी थी और अब्बू अपने हाथ से मुन्नी की गांड सहला रहे थे !
में भी उनके पास गई और अब्बू की गोलिया सहलाने लगी, अब मेरा मन बुरी तरह से चुदवाने का हो रहा था.
में किसी भी तरह से चुदना चाहती थी,मैंने मुन्नी को अब्बू के लंड से हटाया और मैंने अब्बू का लंड चुसना शुरू किया,
में बुरी तरह से चूस रही थी,तभी मुन्नी मेरे पीछे आ गयी और मेरे गांड के छेद को सहलाने लगी और अपनी एक अंगुली
मेरी गांड के छेद में डाली और में दर्द से उछल ही पड़ी, अब्बू बोले कुछ नहीं बेबी ये तो मज़े की शुरुआत है,
आगे आगे देखना बेबी की कितना मज़ा आता है,और अब्बू ने मेरा मुंह अपने लंड पर रख दिया, और में अब्बू का लंड फिर से चूसने लगी.

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Re: मेरे अब्बू और मेरा भाई

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 16:42


मुन्नी ने अब मेरी गांड के छेद पर कोई क्रीम लगाकर फिर से अंगुली डाली,अंगुली शट से अंदर घुस गयी और दर्द भी नहीं हुआ,
मुन्नी अब अपनी अंगुली अन्दर बहार करने लगी मुझे अब ये अच्छा लग रहा था.और अब्बू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चूका था
और लंड से पानी भी चु रहा था में मस्ती से अब्बू का लंड चूस रही थी और तभी मुन्नी ने मेरी गंद में दो अंगुली डाल दी में फिर से दर्द
से कराह उठी, और मेरे मुंह से चीख निकली, अब्बू बोले=बेबी थोडा दर्द तो सहना पड़ेगा ही,वरना केसे चुद्वओगी मुझ से .
में चुप हो गयी और मुन्नी ने दो अंगुलिय अंदर बहार करने लगी थोड़ी देर में ही मेरा गांड का दर्द खत्म हो गया,
और में मज़े से मज़ा लेने लगी, मुंह में अब्बू का लंड था और गांड में मुन्नी की अंगुलिया.
तभी अब्बू बोले= मुन्नी कुछ ढीली हुई क्या बेबी की गांड.
मुन्नी = नहीं साहेब अभी तो दो ही अंगुली गई है,थोड़ी देर रुको तिन अंगुली डालती हूँ, तब आप मरना इसकी मस्त और कंवारी गांड.
अब्बू =ठीक है जल्दी करो अब रहा नहीं जाता है मुन्नी.
में भी यही चाहती थी की जल्दी से जल्दी मेरी चुदाई का प्रोग्राम चालू हो,

मुन्नी ने मेरे गांड के छेद पर फिर स थोड़ी क्रीम लगाई और फिर अपनी तीन अंगुली एक साथ ही मेरे गांड के छेद में घुसा दी,
में मारे दर्द के जोरो से चीखी, पर अब्बू ने मेरा मुंह बंद कर लिया मेरे दर्द से आंसू निकल गए लेकिन मेरा मुंह अब्बू ने बंद कर रखा था,,
मुन्नी अपनी अंगुलिया जोरो से मेरे गुदा में डाल रही थी और में दर्द से अंदर ही अंदर रो रही थी.
मुझे बहुत ही बुरी तरह से दर्द हो रहा था, मुझे लगा की मेरी गुदा फट ही गयी है.लेकिन में मजबूर थी.ये सब जारी रहा,फिर कुछ ही देर में दर्द कम हो गया,
और करीब दस मिनिट में ही मुझे बिलकुल ही दर्द नहीं हो रहा था,अब मुझे अच्चा भी लग रहा था.
मैंने अपना सर जोर जोर से हिलाया तो अब्बू ने मेरा मुंह छोड़ दिया,और अब्बू बोले=क्या हुआ बेबी अब दर्द नहीं हो रहा है ना.
मैंने कहा= हाँ अब्बू अब तो नहीं हो रहा है पर उस वक्त बहुत ही जोर का दर्द हुआ था, मेरी तो जान ही निकल गयी थी.
तभी मुन्नी ने मुझे पकड़ कर कदा किया और हम तीनो अब्बू के कमरे की और चले गए.
वहां पहुँच कर मुन्नी बीएड पल लेट गयी और मुझे अपने उपर आने को कहा वो सीधी लेटी हुई थी में उसके उपर उलटी होकर लेट गयी.
और अब्बू ने मेरी गांड सहलानी चालू कर दी उनका लंड बिलकुल सीधा खड़ा थामेरा मुंह मुन्नी के मुंह के उपर था,
में और मुन्नी एक दूजे को चूम रहे थे हमारी चुन्चिया रगड़ खा रही थी और फिर अब्बू ने अपने लंड पर निरोध लगाया,
और मेरी गांड में थोड़ी क्रीम फिर से डाली और अंगुली से छेद में डाल दी, और अब्बू जोर जोर से उसको मेरी गांड के छेद में चलने लगे,
मुझे अब मज़ा आना शुरू हो चूका था और मुन्नी भ मेरी चुन्चिया दबा रही थी मुझे दोनों ही तरफ से मज़ा मिल रहा था,
तभी मुन्नी ने मुझे जोर से अपनी बांहों में भर लिया, और तभी अब्बू ने मेरी मस्त गांड में अपना आठ इंच का लम्बा और डेढ़ इंच मोटा लंड घुसा दिया,
में जोर से चीख पड़ी, मेरी गांड तो जेसे फट ही गयी, में जोर जोर से चिल्ल्ला रही थी=हा....अन्णन्न्...और ज़ोर ....से..फ...आ...आद्दद्ड....दे...मे...री...गा...आन्न्न्ड्ड...आई..से...ही चूऊऊऊद्द्द्द्द्द्दद्ड,साआआआअ.....ले!"
में=अब्बू मुझे छोड़ दो मुझे नहीं मरवानी है गांड मुझे बहुत ही दर्द हो रहा है हाई अम्मी बचाओ बचो मुझे मुन्नी मुझे छोड़ रंडी,
अब्बू मुझे छोडो,हाआआयय्य्ययय... ऊईईईईईई... अम्मा ....... आआआहहहह... में चिल्लाती रही और अब्बू अपना पूरा लंड मेरी गुदा में डाले रहे
कुछ देर में मेरा दर्द कम हुआ तो अब्बू ने अपना लंड मेरी गुदा में चलाना शुरू कर दिया
मुझे दर्द अभी भी हो रहा था पर कम हो रहा था, मुन्नी मुझे चूम रही थी और अबू ने मेरे बूब पीछे से पकड़ कर हलके हलके दबाने लगे.
_____________________
# अगर आपको थोड़ा बहुत गाँडबाज़ी का शौक और अनुभव हो तो आप ज़रूर जानते होंगे कि सबसे कठिन काम गाँड के छल्ले को पार करना होता है। एक बार अगर सुपाड़ा उस छल्ले को पार कर गया तो समझो क़िला फ़तह हो गया। अन्दर तो बस गुब्बारे की तरह खाली कुँआ होता है। आप को बता दूँ लण्ड चाहे जितना भी बड़ा क्यों ना हो, गाँड में जड़ तक चला जाएगा बस छेद का घेरा एक बार पार होना चाहिए।#
_______________________
अब में दर्द से नहीं बल्कि मज़े से सिसक रही थी और तभी मुन्नी ने अपनी पोजीसन चेंज की वो अबी 69 की पोजीसन में आ गयी और मेरी चूत पर अपना मुंह रखा और
मुझसे अपनी चूत चाटने को बोला,और उसने मेरी चूत को किसी आइसक्रिम की तरह चुसना शुरू कर दिया.

वहीँ अब्बू पीछे से मेरी गांड में अपना तूफानी और मोटा मुसल सा लंड डाल रहे थे .
मेरे मुंह से निकला ="आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह,,,," मुन्नी जरा धिरे धीरे चुसो ना और अब्बू जरा धीरे से,
सी सी आहा अहा उ उ उ उ अब्बू आहाहः ,और अब्बू अब जोश में आ गए,
उनको समझ में आ गया था की मेरी गांड अब उनका लंड सह सकती है वो अपना लंड सरपट मेरी नै और कंवारी गांड में चला रहे थे,
में भी अब मस्ती की नाव में सवार थी और मुन्नी की चूत को चाट रही थी और मुन्नी भी मेरे चूत के पानी को चाट रही थी,
इसी तरह करीब 20-25 मिनिट चला और फिर मुझे अपनी गांड मे कुछ गरमा गरम लगा मेरे अब्बू मेरी गांड के अंदर ही झड गए थे.
और करीब दो मिनिट के बाद ही मुन्नी के मुंह में में भी झड गयी. और मुन्नी भी झड गयी.
मेरी गांड में मीठा मीठा सा दर्द था और और पहले सेक्स की लज्जत भी थी. अब्बू ने अपना लंड मेरी गांड से निकल लिया,
लेकिन निरोध मेरी गांड के अंदर ही था,मुन्नी ने उसे भी निकल लिया और अबू से बोली= साहेब आज तो कितना माल निकला है आपके लंड से.
अब्बू = हाँ मुन्नी आज कई दिन बाद नै गांड मिली है ना.
में = अब्बू अब मेरी चूत कब चोदोगे.
अब्बू = बेबी जल्दी क्या है,अब तो मेरा लंड और तेरी चूत का मिलन हो के ही रहेगा मेरी जान.
रात के चार बज गए थे ओर्र मुन्नी अपने रम की तरफ गयी अब्बू ने अंदर से बंद कर लिया और में और अब्बू नंगे ही बेड पर सो गए.
दुसरे दिन में करीब दिन के 1 बजे नींद से उठी में नंगी ही थी तो देखा की में अकेली ही हूँ,
मुन्नी से अब्बू के बारे में पूछा तो मुन्नी ने कहा की वो किसी जरुरी काम से शहर से बहार गए है और 4-5 दिन बाद लोटेंगे,
मेरा मुद ही खराब हो गया .
अब मेरी चूत कौन मारेगा ......?
आप ही बताओ में क्या करूँ .....?

उस दिन मेरा मुड बहुत ही ख़राब था मैंने मुन्नी को बुलाया और उस पर टूट पड़ी ,
पर चूत से चूत की आग क्या भुझे ...?
मेरी चूत की आग को कोई लंड ही बुझा सकता है ,,,
फिर मुन्नी ने मुझे नहलाया और मेरी चूत को चाट कर पानी निकला ..
और फिर खाना खाकर हम दोनों नंगे ही सो गए .
करीब 6 बजे शाम को अब्बू का फोन आया मैंने अब्बू को बहुत जोर से डाता पर अब्बू ने मुझे मना लिया और वादा किया की आते मुझे जमकर चोदेंगे

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