मेरे अब्बू और मेरा भाई

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The Romantic
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मेरे अब्बू और मेरा भाई

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 16:35

मेरे अब्बू और मेरा भाई-1

मेरा नाम शबाना है, और मेरी उम्र करीब 24 साल है,
ये कहानी 8 साल पुरानी है,
हम हेदराबाद के रहने वाले है,
मेरे अब्बू का बड़ा बिजनेस है कालीन का, और हम मजे से जिन्दगी जी रहे थे,
मेरे भाईजान मुझसे करीब 2 साल बड़े है, उनकी शक्ल कोई खाश नहीं है और थोड़े मोटे भी है,
वो दिल्ली में पढ़ते है.दिल्ली में मेरी खाला यानि मौसी रहती है .
♥♥
मेरी ये कहानी तब शुरू होती है ,जब में 18 साल की थी और स्कुल में पढ़ती थी,
में दिखने में बिलकुल हिरोइन जेसी थी,
करिश्मा कपूर की तरह लगती थी पतला मुंह छोटे बोबे और बड़ी गांड मेरा स्कुल हाई क्लास का था और वहां बड़े बड़े घरानों की ओलादे ही आती थी,
हमारा स्कुल बहुत ही हाई फाई था बड़े बड़े बाथरूम थे , पार्क था और एक रेस्तरा भी था ,
यहाँ सब मोर्डेन लोग ही आते थे।

में पढने में ठीक ठाक थी, मेरी कुछ सहेलियi भी थी जिसमे मेरी खासम खास थी आलिया,
हंसी मजाक और हलकी फुलकी बाते चलती ही रहती थी,
में सायंस में थोड़ी कमजोर थी, और हमारी सायंस टीचर थी सोनिया मेडम वो बहुत ही सुन्दर और स्लीम थी ,
और बहुत ही सजी धजी रहती थी,
ये बात है हमारे हाफ ईयर एग्जाम की में सायंस में फ़ैल हो गयी तो सोनिया में ने अब्बू को बुलाया और मेरे बारे में बताया,
पापा ने उनसे पूछा की क्या करना चाहिए, तो सोनिया में ने कहा की शबाना को ट्यूटर की जरुरत है,
आप इसके कोई ट्यूटर लगवा दो, अब्बू ने कहा आप ही पढ़ा दो ना इसको , मेम ने कहा में किसी के घर पढ़ने नहीं जाती हूँ,

यदि आपको इसको पढ़ाना है तो इसे मेरे घर पर भेजना होगा।
अब्बू राजी हो गए और मेम से फ़ीस का पूछा में ने कहा की वो महीने का 4000 लेगी अब्बू राजी हो गए।
और मेम ने मुझे अपना एड्रेस दे दिया वो हमारे घर से 2 किमी दूर था और में स्कूटर से आराम से जा सकती थी।
सब कुछ तय हो गया।
में खुश थी की में अब सायंस में भी ठीक हो जाउंगी।
______________
☺☺ मेरा घर ☺☺
______________
अब बात मेरे घर की मेरे घर में मेरे अब्बू = असलम खान उम्र 52 साल
(ये सब 2005 के है) अम्मी = गोहर खान उम्र 42 साल
भाई = माजिद उम्र 20 साल

इसके अलावा हमारे घर में एक नोकरानी थी उसका नाम था मुन्नी उम्र 40 साल दिखने में ठीक ठाक थी।
और पापा का ड्रावर था मुरुगन उम्र 40 साल और अक दम काला कलूटा।
हमारे घर में करीब 8 कमरे थे सबका अलग रूम था अब्बू अम्मी साथ में सोते थे
में और भाई अलग अलग।

◘ ◘ अब में कहानी पर आती हूँ ◘◘
मैंने दुसरे दिन से ही सोनिया मेम के यहाँ जाना चालू कर दिया, में अकेली ही रहती थी दो रूम का फ्लेट था, ठीक ठाक डेकोरेट था,
मेम ने एक नाइटी पहन राखी थी, वो लगभग मेम के घुटनों से उपर ही थी,
मेम ने मुझे अपने बेडरूम में पलंग पर बैठाया, और वो सामने बेठ गई और मुझे पढ़ाने लगी,
करीब एक घंटे पढने के बाद में घर की तरफ निकल गयी,
इस तरह पहला दिन निकल गया,
दुसरे दिन स्कुल में में आलिया से मिली और आलिया को मेम के बारे में बताया,
तो आलिया बोली => यार शबाना एक बात बोलू बुरा मत मानना, ये सोनिया मेम कुछ सही नहीं है,
में-- कैसे आलिया ,
आलिया => मैंने उनके बारें में बहुत गलत गलत सुन रखा है.
में -- क्या आलिया मुझे तो कुछ गलत नहीं लगा.
आलिया => नहीं यार में सही कह रही हूँ, मेरी कजिन नहीं है वोही रेहाना वोही बता रही थी की मेम बहुत ही अजीब है और ख़राब भी,
में -- ख़राब क्या ख़राब आलिया।
आलिया => वो होमो है ,
में - क्या, ये क्या होता है आलिया।
आलिया => शबाना तुम पागल हो क्या ये भी नहीं जानती हो, या नाटक कर रही है।
में -- अल्लाह कसम आलिया सच्ची नहीं जानती हूँ यार,
आलिया => हूँ तो मेरी रानी तू अभी तक कच्ची कलि ही है फिर तो (और वो हंसने लगी )
में -- बता ना आलिया।
आलिया बोली = बाद में हम बात करेंगे क्लास के बाद जब घर जायेंगे तब (हम बस से घर जाती थी और बस में हम पास पास ही बैठती थी )
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क्लास ख़त्म होने पर हम निकले और बस में बेठ गए,मैंने वही बात छेड़ दी।
आलिया बोली = क्या तुम्हे जरा भी नहीं पता है इन सब के बारे में,
में-- नहीं आलिया नहीं पता है.
आलिया = चल ठीक है कल सन्डे है तुम मेरे घर आ जाना वही सब बाते करेंगे कल में घर पर अकेली भी हूँ.
में -- ठीक है आलिया।

घर पहुँच कर मैंने कपडे बदले और में टयुसन के लिए निकल गयी. मेंने बेल बजाई तो मेम ने दरवाजा खोला,
मेम ने एक हाफपेंट और एक छोटी सी वी-कट टीशर्ट पहिन राखी थी जिसमे उनकी टांगे और बूब साफ साफ दिख रहे थे.
सोनिया मेम इसाई थी और तलाकशुदा थी, हम आमने सामने बेठ गए और वो मुझे पढ़ाने लगी,
सायंस में एक सब्जेक्ट था जिसमे योनि लिंग आदि के बारे में बताया गया था.आज वोही सब्जेक्ट चल रहा था.
मेम समझा रही थी योनि और लिंग के बारे में और में समझने का नाटक कर रही थी जबकि मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था.
(क्युकी में अभी तक लंड चूत के बारे में नहीं जानती थी )
मेम ने फिर मुझसे पूछा बच्चेदानी कहाँ होती है,
में हड़बड़ा गई मुझे जवाब नहीं सूझ रहा था.तभी मेम ने मेरा गाल पकड़ लिया और बोली= शर्मा रही हो या हो ही नादाँन।
में कुछ नहीं बोली, मेम ने मुझे अपने पास खिंच लिया और मुझको अपनी गोद में गिरा लिया।
में हेरान थी की मेम ये क्या कर रही थी, लेकिन में न कुछ बोल नहीं रही थी,और न हीं कोई विरोध कर पा रही थी,मुझे जाने क्या हो गया था सब रहा था पर लज्जत भी आ रही थी पता नहीं क्यों दिल चाहता था की ये सब चलता ही रहे,
फिर मेम बोली= शबाना तुम बहुत खुबसूरत हो यार, और मेम ने मेरे होंठो को चूम लिया(मेरा दिल जोर जोर से धडकने लगा )
मेरे होंठो को किसी ने पहली बार चूमा था, और मेम ने कहा आ तुझे एक मस्त फिल्म दिखाती हूँ फोरेंन वाली जिसमे लड़की ही लड़की का मज़ा लेती है.
में अवाक् थी और कुछ भी कह नहीं पा रही थी, मेम ने टीवि चला दिया और सिडी प्लेयर चालू कर दिया।
फिल्म चालू हो गई दो लडकिय थी और वो दोनों ही नंगी थी और वो एक दुसरे के अंगो से खेल रही थी चूम रही थी और पता नहीं क्या क्या कर रही थी,
में एकटक टीवी की तरफ ही देख रही थी, तभी मेम ने मेरी कुर्ती (मैंने सलवार और कुर्ती पहिन राखी थी ) में हाथ डाल कर मेरे बोबे पकड़ लिए. मुझे न जाने क्या हो गया था.
में कोई विरोध नहीं कर रही थी न हीं कुछ बोल रही थी. मेम ने मुझे अपने उपर लिटा लिया और बोली शबाना मेरी जान मुझे चूमो ना प्लीज।
में पता नहीं केसे नशे में थी की मेम के कहते ही में मेम के गाल चूमने लगी.अब मेम मेरी गोल गोल गांड सहला रही थी.
में पता नहीं केसे नशे की गिरफ्त में थी में मेम को बुरी तरह चूम रही थी मेम मेरे बूब और गांड दबा रही थी.
तभी मेम ने मुझे हटाया और बोली= शबाना एक काम कर अपने कपडे उतार ले नहीं तो ये ख़राब हो जायेंगे।
और मेम ने अपने कपडे उतार दिए वो बील्कुल नंगी हो गयी बिलकुल फिल्म जेसी ही मेम नंगी होकर भी खुबसूरत लग रही थी मैंने आज पहली बार किसी और
लड़की को नंगी देखा था, मेम ने कहा जल्दी करो ना, पर मुझे शरम आ रही थी, तो मेम ने मेरी सलवार खोल दी और कुर्ती भी निकाल दी,
में अब ब्रा पेंटी में ही थी मेरी आँखे शर्म से निचे हो रही थी. मेम ने कहा की आ अब तुझे सब शिखाती हूँ की योनि क्या होती है और बच्चे दानी क्या होती है.
और मेम मुझे समझाने लगी. मेम की योनि (चूत) बिलकुल साफ़ थी कोई बाल नहीं था जबकि मेरी चूत पर बाल थे. मेम ने कहा अब ब्रा उतार ले न,
मैंने उतर दी और मेम मेरे बोबे चूमने लगी आज पहली बार कोई मेरे बोबे चूम रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और में जॆसे जन्नत की शेर कर रही थी.
तभी मेम ने अपना हाथ मेरी चूत पर रहा और हलके हलके मेरी चूत को मसलने लगी. तभी बेल बजी कोई आया था. मैं तो जेसे किसी नशे से बहार आई.
मेम और मैंने जल्दी से कपडे पहने और मेम ने दरवाजा खोल दिया दूधवाली थी. उसके जाने के बाद मेंने मेम से कहा में जाऊ मेम,
तो मेम ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझे चूमने लगी, और बोली = शबाना तुम्हे मज़ा आया ना, सच बताना मेरी जान और मेम ने मेरे बूब जोर से दबा दिए मेरे मुंह से करह निकली- आह आह मेम।
और मेम मेरे होंठो और गालो को चूमने लगी और अपने हाथ से मेरी चूत रगड़ने लगी मुझे मज़ा आ रहा था और मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था. मेरे मुंह में मेम का थूक था जिसका स्वाद मुझे अजीब लग रहा था,
फिर मेम बोली आज इतना ही बाकि कल करेंगे शबाना लेकिन किसी को बोलना मत क्यूंकि यहाँ इंडिया में ये सब अच्छा नहीं माना जाता है.
और में मेम के यहाँ से निकल गयी घर की तरफ। ।
ये था मेरा पहला अनुभव (ख़त्म)


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Re: मेरे अब्बू और मेरा भाई

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 16:36

दुसरे दिन सन्डे था में तैयार हो गयी और अम्मी को बोला की में आलिया के घर जा रही हूँ,
अम्मी ने हामी भरदी ओ में स्कूटर लेकर आलिया के घर चलदी,आलिया के घर पहुँच कर मेंने जब दरवाजा खुलवाया तो एक नयी सूरत का दीदार हुआ, वो एक 20 साल का लड़का था, उसने बरमूडा पहन रखा था,
और टीसर्ट पहनी हुई थी शक्ल मासूम थी और शारीर जोरदार मैंने उसको पहले कभी आलिया के यहाँ नहीं देखा था
मैंने आलिया में पूछा तो वो बोली मेरा कजिन है, आज ही शहर से आया है।
और कुछ दिन यहीं रहेगा और फिर हम दोनों आलिया के कमरे में चले गए।

और फिर आलिया बोली= शबाना बता न की मेंम ने तेरे साथ क्या क्या किया और आलिया ने मेरे बूब पकड़ कर मुझे किस किया
में तो सन्न ही रह गयी की ये क्या हुआ और आलिया मेरे बूब को बेदर्दी से दबाने लगी।
में फिर से वासना के नशे में डूबने लगी और मस्ती का अहसास मुझे मस्ताने लगा।
और फिर आलिया ने वो किया जो मैंने सोचा भी नहीं था आलिया ने मेरे मुंह में अपनी जीभ दल दी मुझे बहुत ही अजीब लगा,
लेकिन में भी उसका साथ देने लगी और हम दोनों हवस की अंधी गलियों में खोने लगे और एक दूजे को चूमने चाटने लगे.
आलिया ने मेरे कपडे उतर दिए और अपनी जीभ से मेरा शारीर चाटने लगी.
◘ ◘
में मज़े से लबरेज थी और तभी आलिया ने वो किया जो मैंने कभी सोचा नहीं था।
उसने मेरी चुत पर अपना मुंह रखा और चाटने लगी वोही चुत जिससे में पेशाब करती थी.
दोस्तों में तो जेइसे जन्नत में ही पहुन्च गयी और जोर जोर से कराहने लगी मेरी चुत में जेसे बिजली दोड रही थी

में पता नहीं कोंसी दुनिया में पहुँच गयी थी तभी दरवाजा बजा और आलिया ने कहा की कपडे पहनो शबाना मैंने जल्दी से कपडे पहने और
आलिया ने दरवाजा खोला,
बहार आलिया का कजिन खड़ा था,
कजिन का नाम कासिम था, वो गोरा रंग का मस्त और हसीं लड़का था
वो मेरी तरफ देख रहा था और में उसकी तरफ,
तभी आलिया बोली-->कासिम ये शबाना है मेरी खास सहेली.क्या तुम इससे दोस्ती करोगे मेरे भाई .
कासिम बोला = हां आपाक्यूँ नहीं .○○
आलिया बोली = शबाना क्या तुम इससे दोस्तीकरोगी !
में तो तैयार ही थी, मैंने हामी भर दी !
और आलिया ने कहा = अब तुम दोनों दोस्त हो तो चलो गले तो मिल लो ना शबाना कासिम के गले लगो ना .
कासिम आगे बढ़ाऔर मुझे अपनी तरफ खिंच कर अपने गले से लगा लिया और मेरे पिछवाड़े को *अपने हाथो से सहलाने लगा .
मुझे अजीब सा लगा तभी आलिया ने मेरे बूब दबा दिए में चोंक ही गई.
आलिया अपने ही भाई के सामने मेरे बूब दबा रही थी,
तभी कासिम बोला आपाक्या में शबाना की चूत चाटू मुझे बहुत ही इन्छा हो रही है
में तो उछल ही पड़ी.

अभी तक मेमऔर आलिया ने ही मेरी चूत चाटी थी,
अब एक मस्त और हसीं लड़का मेरी चूत चाटना चाहता है .
और मुझे क्या चाहिए .

तभी आलिया बोली = कासिम मेरे भाई आज नहीं कल हम इसकी चूत मिल के चाटेंगे,
क्यूंकि अम्मी अब आने ही वाली है और हाँ तुम चाहो तो मेरे मुंह से इसकी चूत का स्वाद ले सकते हो*
क्यूंकि तेरे आने से पहले में इसकी चूत ही चाट रही थी .
♥ ♥ ♥ ♥
कासिम बोला = सच आपा आप कितनी अच्छी हो मेरी बहिन और कासिम आलिया पर टूट ही पड़ा!
वो आलिया को लिप लोक किस कर रहा था कासिम आलिया के मुंह में ऐसे जीभ दाल रहा था की*
जैसे कोई चूत में लंडदाल रहा हो*
♥♥♥♥
और कासिम अपने हाथो से आलिया के बूब दबा रहा था*
आलिया भी उसको पूरा सहयोग कर रही थी*
और तभी कासिम ने अपना बरमूडा खोल कर अपना लंड बहार निकल कर आलिया को पकड़ा दिया*
क्या मस्त लंड था गोरा गोरा*

करीब सात इंच का था मोटा सा और उसका लाल लाल सुपाडा चमक रहा था*
आलिया उसका लंड हिलाने लगी थी में पास ही में खड़ीथी*
तभी कासिम बोला = शबाना मेरी जान इसको चुसो ना*
मैंने कभी इतने पास से किसी का भी लंड नहीं देखा था .

खाली किताबो में ही देखा था और सुना था मुझे वो बहुत ही प्यारा लग रहा था
तभी बहार घंटी बजी आलिया की अम्मी आ गयी थी .
सब फिर से सही हो गए और हम पढने लगी
आलिया की अम्मी से मैंने दुआ सालाम की और अपने घर को लौट पड़ी

में घर पहुंची तो अम्मी परेशां सी लग रही थी और उनकी आँखे भी लाल थी.
मैंने अम्मी से पूछा की क्या हुआ तो अम्मी ने बताया की उनके भाईजान
यानि की मेरे मामाजानकी तबियत अचानक ख़राब हो गयी थी
और उनको रात में ही मेरे मामाजान के यहाँ जाना होगा .

अब्बू अभी घर आये नहीं थे और अम्मी ने जाने की तेयारी कर ली थी,
*अम्मी ने मुझे अपने पास बुलाया और बोली= शबाना बेटी तुम यही रहना में अकेली ही जा रही हूँ,
तुम अब्बू का ख्याल रखना और अपनी पढाई का भी में तिन - चार दिन में आ जाउंगी .
मेंने हा बोला*
अम्मी चली गयी, अब में घर पर अकेली ही थी,
भाईजान दिल्ली में थे.

में टी वि देखने लगी टीवी पर एक फिल्म आ रही थी
फिल्म का नाम था ○ चांदनी बार○ उस फिल्म में हिरोइन के साथ उसका मामा सेक्स करता है*
फिर उसके लड़के के साथ जेल में कुछ लड़के उसकी गांड मारते है और उसकी लड़की भी बियर बार में डांस करने लगती है *

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Re: मेरे अब्बू और मेरा भाई

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 16:37


में फिर से गरम होने लगी थी मेरा हाथ मेरी चूतपर चल रहा था ,
मुझे मेमकी याद आ रही थी और आलिया की भी फिर कासिम की याद आने लगी.
कितना मस्त लड़का था काश वो मेरी चूत में अपना मस्त लंड डालता.
मेरे हाथ की अंगुली मेरी चूत के अंदर जाने लगी में गरम हो रही थी*
और मुझे सेक्स की जरुरत महसूस होने लगी थी.
तभी फोन की घंटी बजी अब्बू का फोन था.
अब्बू = शबाना बेटा अम्मी गयी क्या.
में = हाँ अब्बू वो तो निकल गयी .
अब्बू = ठीक है बेटा में घर करीब दस बजे आऊंगा और *
मुन्नी को खाने के लिए मना कर देना में बाहर से पिज़्ज़ा ले आऊंगा !
में = ठीक है अब्बू और मैंने फोन काट दिया,
मुझे पिज़्ज़ा बहुत पसंद है अब्बू ये जानते है . *
में फिर से टीवी देखने लगी मैंने समाचार लगाये वहां पर वारदात के नाम से एक प्रोग्राम आ रहा था,
उसमे दिखाया जा रहा था की एक बाप ने अपनी ही बेटी से बलात्कार किया और उसको दो साल तक*
चोदता रहा .
मुझे अजीब सा महसूस हो रहा था एक बाप और बेटी का रिश्ता ?
फिर में अब्बू के बारे में सोचने लगी मेरे अब्बू साल 52 के थे,
लेकिन दिखने में ठीक ठाक ही थे और वो बात चित में भी ठीक थे,
क्या सोच रही थी में अपने ही अब्बू के बारे में छि अपने ही अब्बू के साथ सेक्स करने के बारे में सोच रही थी में,
मुझे सेक्स की भूख ने दीवाना कर दिया था
हवस की आग मेरे दिलो दिमाग पर छारही थी मुझे लंड लेना ही था अपनी चूत में.
मेरी अंगुलियामेरी चूत को रगड़ रही थी और मेरी चूत गीली हो चुकी थी.
में आज अपनी चूत को खोलना चाहती थी.

तभी मुन्नी ( मेरी नोकरानी ) अंदर आई.
मेरा हाथ मेरी चूत पर ही था!
मुन्नी थोड़ी बातूनी थी और कुछ मेरे मुंह भी लगी हुई थी,
अंदर आते ही उसने मेरा सीन देख लिया और बोली = उइ अम्मा बेबी अब जवान हो गई है,
लेकिन ये क्या बेबी जवानी की आग ऐसे ठंडी नहीं होती है,कोई दोस्त नहीं है बेबी का
जो चूत की आग को बुझा दे बी की.
में रंगे हाथो पकड़ी गई थी अपनी चूत सहलाते,
में सकपका गई थी तभी मुन्नी मेरे पास आई और मेरे साथ सोफे पर बेठ गई,
और बोली = बेबी कभी कभी इस नोकरानी को भी मोका दिया करो ना में इसका इलाज कर सकती हूँ बेबी.
में चोंक गई, मेरी नोकरानी मुझसे सेक्स करना चाहती है ये सोच कर में हेरान थी,
पर हवस मुझ पर चढ़ी हुई थी सेक्स का नशा भी था.
मेरा खुद पर काबू नहीं था और में बोली = मुन्नी ये सब किसी से कहोगी तो नहीं ना.
मुन्नी = नहीं बेबी पागल हो क्या देखो ना तेरी अम्मी भी मेरी सेवा लेती ही रहती है,
जब तुम्हारे अब्बू बहार होते है ना तो तेरी अम्मी को भी में ही मज़ा देती हूँ पगली ये मज़ा पाने को वो बेताब रहती है.

फिर मुन्नी ने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों में लिया और मुझे चूमने लगी,
में पागल ही हो गई थी में भी उसे सहयोग करने लगी, और चुम्मा छाती के इस खेल में उसने कब मेरे बूब दबाने सुरु किये पता ही नहीं था.

वो मेरे बूब कपड़ो के उपर ही से दबा रही थी और मेरे होंठो और गालो को चूम रही थी में भी उसका साथ दे रही थी.
फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डालदी और हम अक दुसरे के मुंह में जीभ डालरहे थे.
और फिर मुन्नी बोली= बेबी क्या हम दोनों अपने कपडे उतार ले तुम्हे बहुत मज़ा आएगा बेबी.
में तो ये ही चाहती थी, लेकिन मैंने सरमाने की एक्टिंग करते हुए कहा= मुन्नी मुझे शर्म लगती है,
अगर कोई आ गया या किसी ने देख लिया तो क्या होगा, और अब्बू को पता चला तो ...?

मुन्नी => कुछ नहीं बेबी तेरे अब्बू भी कोई कम नहीं है, वो तो पुरे शहंशाह है, पता है क्या उन्होंने तो एक रखेल भी पाल राखी है,
जो करीब 27 साल की है, और तो और उनको नवाबी शौक भी है.

में= नवाबी शौक ये क्या होता है मुन्नी और मैंने भी मुन्नी के बूब पकड़ लिए मस्त बूब थे मुन्नी के करीब 40 size के थे.
थोड़े ढीले थे लेकिन मस्त थे में उन्हें दबाने लगी .
मुन्नी सिसकिया भरने लगी थी.
मुन्नी= नवाबी शौक यानि लडको की *गांड मारना बेबी समझी क्या तुम.

में हेरान थी अपने अब्बू के बारें में ये सब सुन कर क्यूंकि मेरे अब्बू दिखने में बहुत ही शरीफ है.
में मुन्नी से बोली= लेकिन ये सब तुम केसे जानती हो..?
मुन्नी= तेरे यहाँ पिछले दस साल से हूँ, ये सब तो पता चल ही जाता है,
बेबी तेरी अम्मी मुझसे बहुत प्यार करती है, और वो हर राज की बात मुझको बता देती है.
ये सच भी था मुन्नी अम्मी की बहुत ही खास थी और अम्मी के कमरे में अक्सर आती जाती रहती थी,
और जब भी अब्बू बहार या विदेश जाते थे तो वो अम्मी के ही साथ ही सोती थी.
1 बार तो मैंने उसको अम्मी के साथ सोते हुए भी देखा था.

में फिर से बोली = लेकिन अब्बू के बारे में यह सब केसे जानती हो तुम मुन्नी.
मुन्नी=देख बेबी ये तुम भी किसी से मत कहना, तुझे मेरी कसम है,
में=हाँ मुन्नी कभी किसी से नहीं कहूँगी कसम से.
मुन्नी= तेरे अब्बू जब तेरी अम्मी यहाँ नहीं होते है और उनका मन होता है तो वो मुझे भी चोद लेते है,
और नशे की हालत में वो यह सब बता देते है और तो और उन्होंने मेरे सामने ही एक लड़के की गांड मारी थी
वो भी पैसे देकर वो लड़का तो सिर्फ 16 साल का ही था.
और तेरे अब्बू जब भी विदेश जाते है तो वहां नई नई चूत छोड़ते है.
और जब तेरे अब्बू किसी ओरत की चूत चाटते है तो वो ओरत उनकी दीवानी हो जाती है.
और तेरे अब्बू का लंड भी करीब 8'' का है,
जब वो मरदाना लंड चूत मैं घुसता है तो इतना मज़ा आता है की बस जी करता है की बहार ही ना निकले,
तेरे अब्बू रात भर चोदते है, क्या मज़ा आता है बेबी काश वो मेरे शोहर होते तो सारा दिन साडी रात चुद्वाती उनसे

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