मेरा अमर प्यार--1
मेरा नाम करुणा है. मैं एक वेल एजुकेटेड आंड रिप्यूटेड ओर बहोत ही अमीर
फॅमिली से हूँ. एज 22 साल. मेरा रंग दूध की तरह सॉफ ऑर गोरा है. फिगर -
34सी''-29''-34'' लोकेशन मैं नहीं बताउन्गि. आइ आम ऑल्सो वेल एजुकेटेड
गर्ल . आइ नो इंग्लीश वेरी वेल आंड फ्लूयेंट्ली . मैं हिन्दी सिर्फ़ इस
लिए यूज़ कर रही हूँ ताकि पढ़ने वाले सभी पढ़ सके ऑर समझ सके.
मेरी फॅमिली बहोत रिच ऑर रिप्यूटेड फॅमिली है. मेरी फॅमिली मे मेरे मोम ,
मेरे डॅड आंड मेरे बड़े भैया हैं. मैं घर मे सबसे छ्होटी हूँ. हमारे घर
मे नौकर-चाकर गाड़ियाँ ओर सभी सुविधाएँ हैं ऑर किसी भी चीज़ की कोई कमी
नहीं है.
सबसे छ्होटी होने के कारण मैं घर मे सबकी लाडली हूँ. कोई मुझे कोई भी
तकलीफ़ नहीं होने देता.
मेरे आगे पिछे नौकरों की लाइन लगी रहती है..
मेरे मोम डॅड अक्सर बिजनेस की सिलसिले मे ज़्यादातर घर से बाहर ही रहते
है. कभी बिजनेस पार्टीस मे तो कभी कहीं...
कभी लंडन जा रहे हैं तो कभी कहीं जा रहे है....मैं मोम डॅड के साथ कम ओर
भैया के साथ ज़्यादा रही हूँ.
जब मैं 11 साल की थी तब मुझे पहली बार पीरियड्स शुरू हुए. उस वक़्त मुझे
इसके बारे मे कुच्छ नहीं पता था मोम डॅड आउट ऑफ स्टेशन थे . जब मुझे
ब्लीडिंग शुरू हुई उस वक़्त मुझे याद है मैं वाइट स्कर्ट आंड टॉप पहना
था. जब मैने स्कर्ट पे ब्लड देखा ऑर वो भी ज़्यादा तो मैं रोने लगी. तब
भैया ही मुझे हॉस्पिटल ले कर गये तब लेडी डॉक्टर ने बताया कि ये नॉर्मल
है ओर अब हर महीने मुझे ऐसे ही होगा.
मेरी ऑर भैया की एज मे नियर अबौट 9 साल का अंतर हैं.
मैं ऑर दीपक(मेरे भैया) घर मे अक्सर अकेले रहते हैं. सभी नौकर घर के बाहर
सेरवेंट हाउस मे रहते हैं. जिसमे दो ड्राइवर एक तो मोम डॅड की गाड़ी के
लिए ऑर एक मेरे लिए.एक खाना बनाने के लिए सविता..जिन्हे हम काकी बोलते
है. ऑर उनकी बेटी ओर दामाद रहते हैं.
मेरे बचपन मे मुझे मेरे भैया बहोत खिलाया है. वो मुझे हमेशा या गुड़िया
या कारून बेबी बुलाते थे.
अब मैं तुम्हे बताने जा रही हूँ कि कैसे दीपक भैया करूँ बेबी ( गुड़िया )
कैसे उनकी वाइफ बन गयी.
बात उस समय की है जब मेरी बी.स्क 2न्ड एअर मे पढ़ती थी. घर मे मोम डॅड भी
थे. घर मे हम सबके रूम्स अलग-2 हैं.
एक रात को मैं जब पानी पीने के लिए किचन मे जा रही थी तो मुझे मोम डॅड के
रूम मे कुच्छ आवाज़े सुनाई दी.. मैं पानी पी कर किचन से निकली तो फिर
मुझे वो आवाज़ सुनाई दी. आवाज़ें सुन कर उनके रूम की तरफ बढ़ी तो मोम की
आवाज़े ओर तेज़ हो गयी. मेरे मन मे ये जानने की ज़िगयासा बढ़ती गयी कि
मोम इस तरह से क्यों कर रही है..
मैं मोम डॅड के रूम के दरवाजे पर खड़ी थी ओर मोम की सेक्सी सिसकारियाँ
सुन रही थी. जब मैने की होल से रूम मे झाँका तो देख कर मेरा गला सूख गया
ओर आँखें फटी की फटी रह गयी. लाइट जली हुई थी. मेरे मोम डॅड बिल्कुल नंगे
थे मोम बेड पे लेटी हुई थी ऑर डॅड मेरी मोम के पैर फैला कर उनकी चूत को
ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ से चाट रहे थे . मेरी मम्मी मज़े से अपने अपने
कूल्हे ऑर चूत उच्छल कर ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया ले रही थी.
मैं तुरंत वहाँ से खड़ी हो गयी. मुझे फिर से प्यास लग आई तो मैं फिर
कीचीन मे गयी ओर आधी बॉटल पानी पी गयी. ऑर अपने कमरे मे जाने लगी. फिर
अचानक मेरे दिमाग़ मे ख्याल आया कि मैं देखूँगी कि मोम डॅड कर क्या रहे
हैं ऑर वापस उनके रूम के गेट पे गयी ऑर की होल से देखने लगी. डॅड मम्मी
को बुरी तरह से मसल ऑर भींच रहे थे दबा रहे थे ममी पागलों की तरह मचल रही
थी. थोड़ी देर मे डॅडी ममी के उप्पर से हटे ऑर बेड पे लेट गये फिर ममी
उठी ऑर डॅडी का लंड हाथ मे पकड़ कर हिलाने लगी मैने देखा कि लंड हिलाते
हिलाते बढ़ने लगा तन कर के लग-भाग 11 इंच का हो गया ममी ने लंड को किस
किया ओर मुँह मे लेकर चूसने लगी जैसे कोई लोल्य्पोप चूस रही. ये सब बड़ी
उत्सुकता से एक नज़र देखे जा रही थी. फिर डॅडी ने ममी को बेड पा नीचे
लिटाया ओर ममी के पैरो को चौड़ा कर अपने 11 इंच लंबे ऑर मोटे लंड को ममी
की चूत के मुँह पर रखा ऑर ज़ोर से धक्का मारा एक बार तो ममी के मुँह से
ज़ोर की चीख निकली हाईईईईईईईईईईईई.......माआआआ माआआआअर गइईईईई......ओर
ममी की साँस अटक गयी.. मैं मोम की चीख सुन कर एक बार तो डर गयी कि ये
क्या हुआ...
फिर डेडी थोड़ा रुके ऑर मम्मी को किस करने लगे ओर उनकी चुचियाँ दबाने
लगे..मम्मी का दर्द कुछ कम हुआ तो वो बोली करो ना रुक क्यों गये मुझे ओर
मत तड़पाव..
तब डॅडी ने एक ऑर जोरदार धक्का मारा ओर अपना पूरा का पूरा लंड ममी की चूत
मे डाल दिया उईईईई माआआ... आआहह रूको... मम्मी फिर चीखी.....
डॅडी रुके ओर मम्मी को सहलाने लगे किस करने लगे मम्मी की एक चूची को मुँह
मे ले के कर चूसने लगे जैसे मम्मी का दूध पी रहे हो ओर दूसरी चूची को हाथ
से दबाने लगे ....
मेरा अमर प्यार
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Re: मेरा अमर प्यार
5 मिनूट बाद जब मम्मी का दर्द कुच्छ कम हुआ तब पापा ने ममी की चुदाई शुरू
की वो लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. इसमे शायद मम्मी को बहोत
मज़ा आरहा था ऑर वो बहुत ही कामुक आवाज़े अपने मुँह से निकाल रही थी...
ये सब देख कर मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ मेरी पॅंटी के अंदर
चला गया...ओर मेरी उंगलियाँ मेरी छ्होटी सी कुँवारी चूत के साथ खेलने
लगी.
पापा ममी को जोरो से चोदे रहे थे मुम्मी अपने मुँह से तरह तरह की कामुक
आवाज़ें निकाल रही थी ऑर मैं बाहर खड़ी आपनी चूत को हाथ से रगड़ रही
थी....
मुझसे वहाँ पर ज़यादा देर ना रुका गया ओर मैं अपने बेड रूम मे आकर अपने
बेड लेट गयी. मैने अपनी स्कर्ट पॅंटी निकाल अपनी चूत रगड़े जा रही थी.
थोड़ी देर मे ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी चूत ने बहोत सारा पानी छ्चोड़
दिया. ऑर मेरा सारा शरीर अकड़ गया. उस वक़्त मुझे इतना मीठा मज़ा आया जो
कभी नही आया था.
मेरा सारा बदन पसीने मे भीग गया था. थोड़े देर बाद मुझे कब नींद आ गयी
मुझे पता नहीं चला. सुभह मुझे उठने मे देर हो गयी तो दीपक भैया सीधे मेरे
कमरे मे आए ओर बोलने लगे गुड़िया चल जल्दी उठ जा ओर मेरे उपर से चादर
खींच दी.रात मास्टब्रेट करने के बाद मैं ऐसे ही सो गयी थी मैने ना तो
पॅंटी पहनी ओर ना ही स्कर्ट. मैं नीचे से बिल्कुल नंगी भैया के सामने
पड़ी थी. दीपक भैया बस देखते ही रह गये. मेरी छोटी सी कुँवारी गुल्लाबी
चूत ऑर उस पर छ्होटे-2 गोल्डन प्यूबिक हेर्स. तभी मेरी नींद खुल गयी ओर
मैने चादर वापस खेंच कर अपने उपर ली.
भैया मेरे रूम से निकल गये. मैने जल्दी से उठ कर अपनी पॅंटी ओर स्कर्ट
पहनी ओर शरमाते हुए नज़रें नीचे करके बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए गयी जब
मैं फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट टेबल पर पहुँची तो वहाँ पर ममी डॅडी ऑर दीपक
भैया पहले ही बैठे थे ओर ब्रेक फास्ट कर रहे थे. मुझे देख भैया बोले
गुड़िया क्या हुआ आज इतनी देर से तेरी तबीयत तो ठीक है.
कुच्छ नहीं भैया बस थोड़ा सर दुख रहा है ऑर थोड़ा सा फीवर है.. ( क्यों
कि मेरे बदन मे कुच्छ ज़यादा ही गर्मी है जो बुखार के रूप मे बाहर निकलती
है. ऑर रात वाली बात के बाद ऐसा होना स्वाभाविक था.)
इधर आओ मेरे गाल पर हाथ लगाते हुए मोम गुड़िया को तो तेज़ बुखार है ऑर ये
थोड़ा सा बोल रही है..
ममी बोली गुड़िया बेटा कितनी बार कहा है अपना ख़याल रखा करो. पर बेटा आप
तो मानती ही नहीं हो. दीपक बेटा आप डॉक्टर को बुलाओ ऑर अपनी बहन को
दवाइयाँ दिलवाओ. डॅडी ओर मैं तो आज बाहर जा रहे हैं ऑर बेटा हमारा जाना
ज़रूरी भी है...एक हफ्ते मे हम वापस आजाएँगे.
मोम डॅडी नाश्ता ख़तम कर चुके थे. ऑर उठते हुए बोले कारून बेबी गुड़िया
टेक केर बेटा.. तभी डेडी ने ड्राइवर को गाड़ी निकालने के लिए बोला..
फिर कुच्छ ही देर मे ममी डॅडी एरपोर्ट चले गये ऑर दीपक भैया ऑर मैं टेबल
पर बैठे नाश्ता करने लगे ...
मैं भैया से आँख नहीं मिला पा रही थी. ओर जल्दी नाश्ता करके अपने रूम मे चली गयी.
थोड़ी देर बाद भैया मेरे रूम मे आ कर बोले गुड़िया तयार हो जाओ तुम्हे
डॉक्टर के पास चलना है... पर मुझे कुच्छ सुनाई नहीं दिया... मेरे दिमाग़
मे तो बस रात वाले सीन चल रहे थे तभी दीपक भैया ने मुझे हिल्लाया तो उठी
..गुड़िया तुम्हे क्या हुआ...
कुच्छ नहीं भैया..
दीपक भैया उस समय बहोत बड़ी कंपनी मे सी.ए.ओ की पोस्ट पर थे पर उन्होने
शादी नहीं की थी ऑर नही उनकी कोई गर्ल फ्रेंड थी.... एक थी पर वो भैया से
रुपये पैसे के लिए जुड़ी थी उसका संबंध किसी ऑर के साथ भी था ऑर ये बात
भैया जान चुके थे इसलिए दीपक भैया ने उस को छ्चोड़ दिया था ओर इसीलिए
उन्होने शादी नहीं की थी ओर फिर कोई गिल्फ्रेंड नहीं बनाई... दीपक भैया
6.3 फीट लंबे स्ट्रॉंग मॅन है. ओर मेरे दिमाग़ मे उनको लेकर ही ख़याल आने
लगे कि भैया मेरे साथ सेक्स कर रहे हैं .
मैने भैया से हिम्मत कर के पुच्छ लिया कि उन्होने सुबह वाली बात मोम दाद
को तो नहीं बताई तो वो बोले पागल है क्या ये बात बताने की होती हैं..
फिर मैं समझ गयी कि हां भैया के मन मे भी कुच्छ है... फिर बोले पर
गुड़िया तू मुझे ये बता कि रात तू ऐसे क्यों सोई थी ऑर तू तो कभी भी ऐसे
नही सोती मैं तुझे रोज जगाता हूँ.
मैने उन्हे सब सच बता दिया. वो भैया मैं रात को मेरी नींद खुल गयी थी तो
मैं पानी पीने के लिए किचन मे जा रही थी. तो तभी मैने मोम डॅड के कमरे से
कुच्छ आवाज़ सुनी तो मैने उनके कमरे मे झाँका तब मैने जो देखा..
तभी भैया बोले गुड़िया मैं समझ गया कि ये बुखार कैसे उतरेगा
बॅड मॅनर्स ऐसे किसी के कमरे मे नहीं झाँकते.
सॉरी भैया
ओके
की वो लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. इसमे शायद मम्मी को बहोत
मज़ा आरहा था ऑर वो बहुत ही कामुक आवाज़े अपने मुँह से निकाल रही थी...
ये सब देख कर मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ मेरी पॅंटी के अंदर
चला गया...ओर मेरी उंगलियाँ मेरी छ्होटी सी कुँवारी चूत के साथ खेलने
लगी.
पापा ममी को जोरो से चोदे रहे थे मुम्मी अपने मुँह से तरह तरह की कामुक
आवाज़ें निकाल रही थी ऑर मैं बाहर खड़ी आपनी चूत को हाथ से रगड़ रही
थी....
मुझसे वहाँ पर ज़यादा देर ना रुका गया ओर मैं अपने बेड रूम मे आकर अपने
बेड लेट गयी. मैने अपनी स्कर्ट पॅंटी निकाल अपनी चूत रगड़े जा रही थी.
थोड़ी देर मे ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी चूत ने बहोत सारा पानी छ्चोड़
दिया. ऑर मेरा सारा शरीर अकड़ गया. उस वक़्त मुझे इतना मीठा मज़ा आया जो
कभी नही आया था.
मेरा सारा बदन पसीने मे भीग गया था. थोड़े देर बाद मुझे कब नींद आ गयी
मुझे पता नहीं चला. सुभह मुझे उठने मे देर हो गयी तो दीपक भैया सीधे मेरे
कमरे मे आए ओर बोलने लगे गुड़िया चल जल्दी उठ जा ओर मेरे उपर से चादर
खींच दी.रात मास्टब्रेट करने के बाद मैं ऐसे ही सो गयी थी मैने ना तो
पॅंटी पहनी ओर ना ही स्कर्ट. मैं नीचे से बिल्कुल नंगी भैया के सामने
पड़ी थी. दीपक भैया बस देखते ही रह गये. मेरी छोटी सी कुँवारी गुल्लाबी
चूत ऑर उस पर छ्होटे-2 गोल्डन प्यूबिक हेर्स. तभी मेरी नींद खुल गयी ओर
मैने चादर वापस खेंच कर अपने उपर ली.
भैया मेरे रूम से निकल गये. मैने जल्दी से उठ कर अपनी पॅंटी ओर स्कर्ट
पहनी ओर शरमाते हुए नज़रें नीचे करके बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए गयी जब
मैं फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट टेबल पर पहुँची तो वहाँ पर ममी डॅडी ऑर दीपक
भैया पहले ही बैठे थे ओर ब्रेक फास्ट कर रहे थे. मुझे देख भैया बोले
गुड़िया क्या हुआ आज इतनी देर से तेरी तबीयत तो ठीक है.
कुच्छ नहीं भैया बस थोड़ा सर दुख रहा है ऑर थोड़ा सा फीवर है.. ( क्यों
कि मेरे बदन मे कुच्छ ज़यादा ही गर्मी है जो बुखार के रूप मे बाहर निकलती
है. ऑर रात वाली बात के बाद ऐसा होना स्वाभाविक था.)
इधर आओ मेरे गाल पर हाथ लगाते हुए मोम गुड़िया को तो तेज़ बुखार है ऑर ये
थोड़ा सा बोल रही है..
ममी बोली गुड़िया बेटा कितनी बार कहा है अपना ख़याल रखा करो. पर बेटा आप
तो मानती ही नहीं हो. दीपक बेटा आप डॉक्टर को बुलाओ ऑर अपनी बहन को
दवाइयाँ दिलवाओ. डॅडी ओर मैं तो आज बाहर जा रहे हैं ऑर बेटा हमारा जाना
ज़रूरी भी है...एक हफ्ते मे हम वापस आजाएँगे.
मोम डॅडी नाश्ता ख़तम कर चुके थे. ऑर उठते हुए बोले कारून बेबी गुड़िया
टेक केर बेटा.. तभी डेडी ने ड्राइवर को गाड़ी निकालने के लिए बोला..
फिर कुच्छ ही देर मे ममी डॅडी एरपोर्ट चले गये ऑर दीपक भैया ऑर मैं टेबल
पर बैठे नाश्ता करने लगे ...
मैं भैया से आँख नहीं मिला पा रही थी. ओर जल्दी नाश्ता करके अपने रूम मे चली गयी.
थोड़ी देर बाद भैया मेरे रूम मे आ कर बोले गुड़िया तयार हो जाओ तुम्हे
डॉक्टर के पास चलना है... पर मुझे कुच्छ सुनाई नहीं दिया... मेरे दिमाग़
मे तो बस रात वाले सीन चल रहे थे तभी दीपक भैया ने मुझे हिल्लाया तो उठी
..गुड़िया तुम्हे क्या हुआ...
कुच्छ नहीं भैया..
दीपक भैया उस समय बहोत बड़ी कंपनी मे सी.ए.ओ की पोस्ट पर थे पर उन्होने
शादी नहीं की थी ऑर नही उनकी कोई गर्ल फ्रेंड थी.... एक थी पर वो भैया से
रुपये पैसे के लिए जुड़ी थी उसका संबंध किसी ऑर के साथ भी था ऑर ये बात
भैया जान चुके थे इसलिए दीपक भैया ने उस को छ्चोड़ दिया था ओर इसीलिए
उन्होने शादी नहीं की थी ओर फिर कोई गिल्फ्रेंड नहीं बनाई... दीपक भैया
6.3 फीट लंबे स्ट्रॉंग मॅन है. ओर मेरे दिमाग़ मे उनको लेकर ही ख़याल आने
लगे कि भैया मेरे साथ सेक्स कर रहे हैं .
मैने भैया से हिम्मत कर के पुच्छ लिया कि उन्होने सुबह वाली बात मोम दाद
को तो नहीं बताई तो वो बोले पागल है क्या ये बात बताने की होती हैं..
फिर मैं समझ गयी कि हां भैया के मन मे भी कुच्छ है... फिर बोले पर
गुड़िया तू मुझे ये बता कि रात तू ऐसे क्यों सोई थी ऑर तू तो कभी भी ऐसे
नही सोती मैं तुझे रोज जगाता हूँ.
मैने उन्हे सब सच बता दिया. वो भैया मैं रात को मेरी नींद खुल गयी थी तो
मैं पानी पीने के लिए किचन मे जा रही थी. तो तभी मैने मोम डॅड के कमरे से
कुच्छ आवाज़ सुनी तो मैने उनके कमरे मे झाँका तब मैने जो देखा..
तभी भैया बोले गुड़िया मैं समझ गया कि ये बुखार कैसे उतरेगा
बॅड मॅनर्स ऐसे किसी के कमरे मे नहीं झाँकते.
सॉरी भैया
ओके
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Re: मेरा अमर प्यार
फिर मैं बोली भैया मैं नहाने जा रही हूँ. फिर डॉक्टर के पास चलेंगे.
मैने जो कुच्छ देखा ये जानने के बाद भैया के भी अरमान जाग उठे..
मैं अपने रूम मे जाकर बाथरूम मे नहाने चली गयी. वो भी थोड़ी देर मे मेरे
रूम मे आगाये . मेरे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़े सुन कर
दरवाजे के की होल से अंदर देखने लगे. मुझे नंगा देख कर वो भी मेरे बारे
मे सोचने लगे मेरा गोरा रंग गोल गहरी नाभि ऑर सेब के बराबर मेरी
चुचिया..बस ये सब देख कर उनका मन मचल उठा...ऑर उनका लंड खड़ा होने लगा.
मैने जब शवर बंद किया तो वो समझ गये कि मैं अब बाहर आउन्गि ऑर वो वहाँ से
हट गये..ओर बाहर चले गये...
मैने बाहर आकर अपनी ड्रेस निकाली जीन्स ऑर टॉप पहन ली . तयार हो कर बाहर आगयी.
मेरा टॉप थोडा शॉर्ट था इसलिए इधर उधर होते हुए मेरी गोल गहरी नाभि दिख जाती.
भैया से बोली चलें भैया...
दीपक भैया की नज़र बार बार मेरे पेट पे आकर रुक जाती ऑर मेरी नाभि के
दर्शन करना चाहती... मैं ये बात समझ गयी थी.
भैया गाड़ी आप चलाओगे या ड्राइवर से गाड़ी निकालने को बोलूं..
नहीं गुड़िया गाड़ी मैं ही चलाउँगा .
भैया ऑर घर से बाहर निकले . भैया गाड़ी ले कर आ गये हम दोनो फ्रंट सीट पर
बैठ गये..ऑर डॉक्टर के पास चल पड़े. गाड़ी मे भी दीपक भैया की नज़र बार
बार मेरे पेट पर आती. मैंने उनकी तड़प को समझते हुए अपनी सीट को लंबा
करके बेड बना दिया हाथ उपर कर लिए ऑर आँखें बंद करके लेट गयी हाथ उपर
करने के कारण मेरा टॉप काफ़ी उपर चला गया ऑर आधे से ज़यादा मेरा पेट नंगा
हो गया. अब मेरी नाभि खुल कर दीपक भैया के सामने आगयी. मेरे भैया के तो
जैसे होश ही उड़ गये ओर उन पर क़यामत टूट पड़ी. पूरे रास्ते उनकी नज़र
मेरे पेट ओर मेरी नाभि से नहीं हटी...ऑर मैं भी यही तो चाहती थी.
हॉस्पिटल आया मुझे दवाई दिलवाई ऑर फिर गाड़ी मे . मैं गाड़ी मे वैसे ही
लेट गयी ऑर भैया के उप्पर क़यामत गिराती हुई वापस घर आ गयी.
घर आते हम 12 बज गये थे . ऑर लंच करते करते हम को 1 बज गया. फिर भैया ने
मुझे दवा खाने के लिए बोला . दवा लेने के बाद मुझे नींद आने लगी. ऑर मैं
सो गयी.
सभी नौकर काम कर के अपने कमरो मे जा चुके थे. अब दीपक भैया ऑर मैं घर मे
अकेले ही थे. मैं अपने रूम मे सो रही थी.. ऑर भैया अपने रूम मे मुझे पाने
के लिए तड़प रहे थे. जब उनका खुद पर कंट्रोल नहीं रहा तो बेअर की बॉटल पी
कर मेरे रूम मे आ गये. उन्हे बेअर का नशा हो चुका था.
मैं बेड पे सो रही थी. मेरा पूरा टॉप उपर था ऑर मेरी जीन्स मेरे प्यूबिक
एरिया से नीचे आ गयी थी.. भैया कुच्छ तो नशे मे थे ओर मुझे इस हालत मे
देख कर उनका नाश दुगना हो गया था..ऑर वो मुझे चोदने का पूरा मन बना चुके
थे. वो बेड पे मेरे पास बैठ गये ऑर धीरे से मेरे पेट पर हाथ फेरने लगे ओर
मेरी नाभि छेड़ने लगे. किसी मर्द ने मुझे पहली बार इस तरह से छेड़ा था
थोड़ी देर बाद ही मेरी आँख खुल गयी उपर भैया को देख कर मैं सोने का नाटक
करने लगी ऑर आँखें बंद रखी.
दीपक भैया मुझे छेड़े जा रहे थे, उनके हाथ धीरे-2 मेरी चूचियों पर गये .
उनका ऐसे प्यार से मेरा बदन सहलाने ऑर उनकी इस छुअन से उठी सिरहन मुझसे
बर्दास्त नहीं हो रही थी पर फिर भी मैं खुद को रोके पड़ी रही धीरे -2 वो
मेरी चूत वाली जगह पर पहुँचे. फिर वापस मेरी चुचि पर उनके हाथ आ गये.
क्रमशः..........
मैने जो कुच्छ देखा ये जानने के बाद भैया के भी अरमान जाग उठे..
मैं अपने रूम मे जाकर बाथरूम मे नहाने चली गयी. वो भी थोड़ी देर मे मेरे
रूम मे आगाये . मेरे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़े सुन कर
दरवाजे के की होल से अंदर देखने लगे. मुझे नंगा देख कर वो भी मेरे बारे
मे सोचने लगे मेरा गोरा रंग गोल गहरी नाभि ऑर सेब के बराबर मेरी
चुचिया..बस ये सब देख कर उनका मन मचल उठा...ऑर उनका लंड खड़ा होने लगा.
मैने जब शवर बंद किया तो वो समझ गये कि मैं अब बाहर आउन्गि ऑर वो वहाँ से
हट गये..ओर बाहर चले गये...
मैने बाहर आकर अपनी ड्रेस निकाली जीन्स ऑर टॉप पहन ली . तयार हो कर बाहर आगयी.
मेरा टॉप थोडा शॉर्ट था इसलिए इधर उधर होते हुए मेरी गोल गहरी नाभि दिख जाती.
भैया से बोली चलें भैया...
दीपक भैया की नज़र बार बार मेरे पेट पे आकर रुक जाती ऑर मेरी नाभि के
दर्शन करना चाहती... मैं ये बात समझ गयी थी.
भैया गाड़ी आप चलाओगे या ड्राइवर से गाड़ी निकालने को बोलूं..
नहीं गुड़िया गाड़ी मैं ही चलाउँगा .
भैया ऑर घर से बाहर निकले . भैया गाड़ी ले कर आ गये हम दोनो फ्रंट सीट पर
बैठ गये..ऑर डॉक्टर के पास चल पड़े. गाड़ी मे भी दीपक भैया की नज़र बार
बार मेरे पेट पर आती. मैंने उनकी तड़प को समझते हुए अपनी सीट को लंबा
करके बेड बना दिया हाथ उपर कर लिए ऑर आँखें बंद करके लेट गयी हाथ उपर
करने के कारण मेरा टॉप काफ़ी उपर चला गया ऑर आधे से ज़यादा मेरा पेट नंगा
हो गया. अब मेरी नाभि खुल कर दीपक भैया के सामने आगयी. मेरे भैया के तो
जैसे होश ही उड़ गये ओर उन पर क़यामत टूट पड़ी. पूरे रास्ते उनकी नज़र
मेरे पेट ओर मेरी नाभि से नहीं हटी...ऑर मैं भी यही तो चाहती थी.
हॉस्पिटल आया मुझे दवाई दिलवाई ऑर फिर गाड़ी मे . मैं गाड़ी मे वैसे ही
लेट गयी ऑर भैया के उप्पर क़यामत गिराती हुई वापस घर आ गयी.
घर आते हम 12 बज गये थे . ऑर लंच करते करते हम को 1 बज गया. फिर भैया ने
मुझे दवा खाने के लिए बोला . दवा लेने के बाद मुझे नींद आने लगी. ऑर मैं
सो गयी.
सभी नौकर काम कर के अपने कमरो मे जा चुके थे. अब दीपक भैया ऑर मैं घर मे
अकेले ही थे. मैं अपने रूम मे सो रही थी.. ऑर भैया अपने रूम मे मुझे पाने
के लिए तड़प रहे थे. जब उनका खुद पर कंट्रोल नहीं रहा तो बेअर की बॉटल पी
कर मेरे रूम मे आ गये. उन्हे बेअर का नशा हो चुका था.
मैं बेड पे सो रही थी. मेरा पूरा टॉप उपर था ऑर मेरी जीन्स मेरे प्यूबिक
एरिया से नीचे आ गयी थी.. भैया कुच्छ तो नशे मे थे ओर मुझे इस हालत मे
देख कर उनका नाश दुगना हो गया था..ऑर वो मुझे चोदने का पूरा मन बना चुके
थे. वो बेड पे मेरे पास बैठ गये ऑर धीरे से मेरे पेट पर हाथ फेरने लगे ओर
मेरी नाभि छेड़ने लगे. किसी मर्द ने मुझे पहली बार इस तरह से छेड़ा था
थोड़ी देर बाद ही मेरी आँख खुल गयी उपर भैया को देख कर मैं सोने का नाटक
करने लगी ऑर आँखें बंद रखी.
दीपक भैया मुझे छेड़े जा रहे थे, उनके हाथ धीरे-2 मेरी चूचियों पर गये .
उनका ऐसे प्यार से मेरा बदन सहलाने ऑर उनकी इस छुअन से उठी सिरहन मुझसे
बर्दास्त नहीं हो रही थी पर फिर भी मैं खुद को रोके पड़ी रही धीरे -2 वो
मेरी चूत वाली जगह पर पहुँचे. फिर वापस मेरी चुचि पर उनके हाथ आ गये.
क्रमशः..........