मैं तेरा आशिक़

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 27 Dec 2014 08:24

डॉली के चेहरे पर ऑक्सिजन मास्क लगा था और अब हॉस्पिटल में थी उसके पास चल रहे लोगो में उसकी मा का वो दुखी चेहरा और उनके साथ दो और आदमी थे डॉली की आँखें नही खुल पा रही थी और दिमाग़ भी सुन्न होने लगा था डॉली की आँखें ये देखते ही देखते फिर बंद हो गयी

डॉली डॉली आर यू ऑल राइट ? बेटा मैं हू तेरी मा बेटी आँखें खोल देख हम सब है तेरे पास डॉली ने अपनी आँखें धुधलि खोली डॉली को अपनी मा का चेहरा देखते ही उसकी आँखो से आँसू बहाने लगी डॉली ने उठने की कोशिश की पर तभी डॉक्टर ने पास आकर उसे लेटा दिया उसके ज़ख़्म अभी भरे नही थे

डॉक्टर – डॉली रिलॅक्स तुम अभी ज़ख़्मो से उभरी नही हो तुम्हारा ऑपरेशन हुए कुछ घंटे ही हुए है अभी तुम्हे सिर्फ़ सोना है सोना है बस

डॉली को वो आवाज़ें धुंधली ढूढ़ली सुनाई दे रही थी डॉली ने रोते हुए चेहरे से अपनी मा को मुस्कुराते हुए देखा और सिर्फ़ बोला मा

डॉली की मा अपने जज़्बातो को कंट्रोल नही कर पाई और उसके सिरहाने में रहकर रोने लगी – बेटा पता है मेरा कलेजा कभी इतना नही धक्का खाया अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो मैं क्या कर पाती एक तो तुमसे तुम्हारे पिता का साया हट गया और अब तुम मुझसे अलग हो जाती

डॉली की नज़रें अपनी मा को देखकर ना जाने उस वक़्त क्या क्या ब्यान नही करना चाहती थी वो आँखें मानो कितना कुछ बताना चाहती थी डॉली ने कुछ कहने की कोशिश की पर कम्बख़्त मुँह से एक लफ्ज़ नही निकल पा रहा था वो चाहती थी कि वो अपनी मा को उसपर हुए ऊन रातो के ज़ख़्म जो इस ज़ख़्म से भी घातक थे वो बताना चाहती थी ना जाने क्यू उसकी ज़िंदगी ने यू करवट ली और उसको अपनी ज़िंदगी का सबसे खौफनाक वक़्त काटना पड़ा

डॉक्टर ने कहा बेटा डॉली अभी तुम कुछ नही कह सकती तुम्हारे गले में भी काफ़ी चोट है ज़्यादा बात मत करो

डॉली के रूम में वो शक्स घुसा और उसने एक ही झटके में माहौल एकदम गरम कर दिया

एक्सक्यूस मी सर.

डॉली की मा ने पीछे मूड के उस शक्स पर अपनी नज़र दौड़ाई

शॅक्स ने एक वर्दी पहेन रखी थी और वो ए सी पी था अरे आप यहाँ

डॉली की मा – अच्छा हुआ आप यहाँ आ गये मेरी बेटी का एक आक्सिडेंट हुआ था

शॅक्स ने कहा हां मैं जानता हू तभी तो मैं तफ़तीश के लिए आया हू आपकी बेटी से मुझे बात करनी है

डॉली अपनी मा को देखते हुए फिर उसकी तरफ देखती है

डॉली की मा – देखिए डॉक्टर ने अभी डॉली को बोलने से मना किया है वो इस वक़्त बहुत बुरे हालातो से गुज़र रही है और मैं नही चाहती कि उसपर अब और दबाव पड़े

शख्स ने डॉली के चेहरे को गौर से देखा और बेटा डरो मत मेरा नाम धरम है मैं ए सी पी हू …………डॉली की आँखें ख़ौफ़ से डर गयी और उसकी आँखें मानो बाहर सी आने लगी……..अर्रे डॉक्टर प्लीज़ चेक वॉट’स हॅपनिंग वित हर ?? इनस्पेक्टर ने कड़कते हुए कहा

डॉली की मा – डॉली बेटा क्या हुआ क्या डॉक्टर प्लीज़ जल्दी इसे देखिए

डॉक्टर ने उसकी नब्ज़ को चेक किया और फिर उसके ब्लड में एक इंजेक्षन चढ़ाया………..बस बस आप लोग बाहर चलिए

डॉली की मा धरम के साथ बाहर आई

धरम ने हैरानी से कहा – क्या बात है यह ऐसे क्यू बिहेव कर रही थी मेरे इनस्पेक्टर बोलने से ये सहम गयी ईज़ एनितिंग रॉंग ??

डॉली की मा – पता नही एक तो ये परसो से लापता थी और मुझे इसने कॉल भी करके कहा कि मैं अपने दोस्त के यहाँ हू और बीमार हू

धरम – ये वक़ीया कब का है

डॉली की मा – करीब परसो परसो से……..इसके बाद आज सुबह ही मेरी एक लड़के से बात हुई जो अपने आपको डॉली का दोस्त बता रहा था उसने कहा कि डॉली उसके पास है और आज डॉली घर आ रही है

धरम – स्ट्रेंज बल्कि आक्सिडेंट के वक़्त तो कोई नही था हम ने ट्रक ड्राइवर से पूछताछ की वो पीया हुया था उसने ट्रक ढंग से नही चलाई और ये हादसा हो गया चलो शूकर है कि आपकी बेटी सही सलामत है पर वो लड़का तो जीप पर बैठा नही था डॉली अकेली ड्राइव कर रही थी और जीप तो ऐसे खाक बन गयी कि मालवा चेक भी नही किया जा सकता ठीक है मैं उस लड़के की छानबीन करता हू जो डॉली को अपना दोस्त बता रहा था मुझे तो लगता है कि ये सारी गड़बड़ उसी लड़के ने शुरू की है तब तलक के लिए मुझे जाने दे

क्रमशः…………………………….


rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 28 Dec 2014 09:14

मैं तेरा आशिक़--10

गतान्क से आगे………………………..

धरम माथे पर शिकन लाते हुए वहाँ से निकल गया एसीपी ने हवलदार से कहा अच्छा वो सुभास शर्मा की मौत का कुछ पता चला

हवलदार – नही साहेब साँप ने तो उसके पूरे शरीर को गला सा दिया था

धरम – स्ट्रेंज और वहाँ पड़े शर्ट और उस मीट चाकू से कुछ पता चला

हवलदार – नही साहब उस पर तो कोई हाथ के निशान भी नही मिले खून ही हुआ है सर पक्का प्लानिंग किया गया था

धरम ने सोचते हुए कहा – खून जंगल की साइड हुआ है एक अबॅंडंड कॉटेज में स्ट्रेंज केस किसके हाथ में है

हवलदार – कोई राज है सर इनस्पेक्टर है उसे ही उस एरिया की रेस्पॉन्सिबिलिटी दी गयी है

धरम ने कहा स्ट्रेंज अब तो इस इनस्पेक्टर राज से ही केस के बारे में बात करनी पड़ेगी वो रहता कहाँ है ????

आआआआआअहह आआआआअहह……….तेज़ तेज़ चीखो से दहाड़ रहा था राज आआआअहह डॉल्ली डॉल्ली नहिंन्नणणन् तुम मुझे छोड़के कहीं नही जा सकती हो तुम मेरी हो सिर्फ़ मेरी आआआअहह तुम आज तो भाग गयी पर कल तुम्हे मैं फिर दबोच लूँगा

राज की आँखें एक दम लाल थी और अपने आपको वो चाबुक से मार रहा था हर तरफ मोमबत्तिया जल रही थी जो माहौल को और भी डरावना बना रही थी राज पागल सा अपने आपको ज़ोर ज़ोर से मार रहा था उसके पूरे शरीर पर खून के निशान बन चुके थे

राज मारते मारते थक गया उसका शरीर लहू लुहान हो गया और वो फर्श पर ही लेट गया

तभी सामने रखा फोन बज उठा

राज ने फोन को देखा और लन्गडाते हुए उठा डॉली के दिए हुए वो ज़ख़्म अब भी उसके पास थे राज लंगड़ाता हुया फोन के पास गया और फोन उठाया

हेलो

अरे साहिब आपका हवलदार बोल रहा हू ?

बोलो क्या खबर है ??

साहेब आपसे ए सी पी धरम सुभास शर्मा के केस के लिए मिलना चाहते है

क्या ??? अब ये मादर्चोद कौन है ???

साहेब दिल्ली के टॉप पोलीस मेन में से है

आइ डॉन’ट केर वो जो भी है केस मैं हॅंडल कर रहा हू उसे क्या चाहिए ??

वोई तो साहेब वो सोच रहे है कि आप केस में ढील दे रहे है

क्या ??? ठीक है कब मिलना चाहते है मुझसे ??

सर वो कल सुबह ही पोलीस स्टेशन आ रहे है

आने दो उसे मैं कल पहुच जाउन्गा ठीक है डॉन’ट कॉल मी अगेन आइ आम टाइयर्ड

सर सर एक बात और जंगल के कुछ ही दूर शहेर के रास्ते एक जीप का आक्सिडेंट हुया है हम वेरिफाइ नही कर पा रहे वो जीप है किसकी सर पता चला है शर्मा इंडस्ट्री के मलिक की बेटी डॉली हां डॉली वो है सर वो इस वक़्त सिटी केर हॉस्पिटल में भरती है आप चाहे तो मिल लीजिए

rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 28 Dec 2014 09:15

राज की आँखें एक दम से हैरान हो गयी और सब बाते अपने आप दिखने लगी

राज – अच्छा अच्छा तो खबर पक्की है

बिल्कुल पक्की सर कभी झूठ नही कहा सर वैसे आप इतने हैरान क्यू है

राज – वो जानने वाली है और जानने वाले को कोई कैसे भूल सकता है कल मैं पोलीस स्टेशन पहुचता हू

राज की वो कातिल मुस्कुराहट फिर छा गयी और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा हाहहहहहहहहहा आहाहहहहहहहा

देखा मेरी जान तुम मुझसे जितना दूर जाओगी मुझे उतने करीब पओगि शायद ये ऊपर वाले का मुझपर रहम है कि मैं तुम्हे फिर पा सकता हू मेरी जान अब मैं तुमसे दूर नही तुम नही मरी हाहहहहहा मेरी तो साँसें अटक गयी थी और मेरे बगैर तुम मुझसे दूर थोड़ी ही ना जा पओगि मेरी जान हाहहहहहाहा ह्म्‍म्म्मममममम म्‍म्म्ममममममम ह्म्‍म्म्ममममममम

प्यार माँगा है तुम्ही से ना इनकार करो प्यार माँगा है तुम्ही से हाहहहा ना इनकार कारूव हाहहहहहाहा खुद को मेरे कर्रेब लाकर दूर ना करूऊ हाहहहहाहाः मुझे प्यार कारू मुझे प्यार कारू

राज अपने गुनगुनाते हुए वापिस रूम से बाहर निकल गया

सुबह हो चुकी थी एक नयी सुबह की रोशनी डॉली के चेहरे पर पीछे से आ रही खिड़कियो से पड़ी डॉली ने अपनी आँखें खोली जिसमे मौत के अंधेरे से दूर एक नयी ज़िंदगी की रोशनी थी डॉली ने अपने सिरहाने के पास अपनी मा को देखा जो उसके जागने के लिए वही पर सो चुकी थी डॉली ऊन्हे जगाना चाहती थी पर शायद ऑक्सिजन मास्क की वजह से वो बात नही कर सकती थी

राज तेज़ी से दौड़ता हुआ पोलीस स्टेशन पहुचा और सीधे अंदर घुसा जहाँ हवलदार ने कहा सर आपकी जीप कहाँ है ?

राज – वो दरअसल खराब हो गयी थी गॅरेज में दी है हां वो हरामी आया क्या??

हवलदार – आपके कॅबिन में वेट कर रहे है

राज झट से अंदर घुसा – हेलो सर ?

ए सी पी धरम एक दम पीछे मुड़ा और कहा तो आप आ गये जनाब पोलीस स्टेशन 24 घंटे खुला रहता है और आप जैसे लोग यहाँ ना होकर जुर्म को और बढ़ने की दस्तक देते है जानते है आप ?

राज चुप हो गया था – नो नो सर वो आज मेरी जीप खराब हो गयी दट’स वाइ मुझे इतना वक़्त लग गया

ए सी पी धरम – ह्म्‍म्म्म अच्छा तो कुछ पता चला कातिल कौन है ??

राज – सर कातिल कैसा कातिल सर ?

ए सी पी – ओह अब आप केस भी भूलने लगे है

राज – नो सर ऐसा नही है

ए सी पी – तो फिर क्या है राज आइ आम टॉकिंग अबौट दा मर्डर केस ऑफ सुभास शर्मा ध्यान कहाँ है आपका ?........ए सी पी ने चिल्लाते हुए कहा

राज – सॉरी सॉरी सर वो कातिल का अब तक सबूत मिला तो है लेकिन एक मीट चाकू से ना तो उस पर वार किया गया है और ना ही उस शर्ट से कोई उसका सुराग मिला है सर हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे है

ए सी पी धरम – ह्म्‍म्म्ममम पूरी कोशिश राज अगर आपको अपना नाम उन पोलिसेवालो की लिस्ट में नही डालना जिन्होने अपनी वर्दी का ग़लत फायेदा उठाया और कितने मुज़रिमो को भागने का मौका दिया तो फिर आप इस पोलीस और इस वर्दी से रेजिग्नेशन दे सकते हो

राज – नो सर कभी नही ये वर्दी मैने जुर्म को रोकने के लिए पहनी है आंड आइ आम सॉरी कि मैं पर्सनल प्रॉब्लम्स को फेस कर रहा हू मैं इस केस में खूनी का पता लगाके रहूँगा

ए सी पी ने उसे घूर कर देखा और कहा ह्म्‍म्म स्ट्रेंज कैसा पर्सनल प्रॉब्लम बीवी से झगड़ा या बाहरवाली के साथ कोई चक्कर और या रिश्वत

राज अब अपने गुस्से को कंट्रोल नही कर पा रहा था – सर आप मुझे ग़लत समझ रहे है आइ आम नोट आ करप्ट ऑफीसर और वैसे भी मेरी अब तक शादी नही हुई

ए सी पी – ठीक है मैं आपसे सिर्फ़ इतना चाहता हू कि खूनी तक पहुचने की कोशिश करो ना कि पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बीच में लाओ और हां उस जीप के मलवे का कुछ पता चला

क्या नाम है उस लड़की का हां डॉली डॉली शर्मा ये उसकी जीप नही है वो अभी भी सिटी केर हॉस्पिटल में भरती है उसकी जान जाते बची है और मैं चाहता हू इन हो रही वारदाटो का किस्सा तुम्हे ही ख़तम करना है अंडरस्टॅंड नाउ यू कॅन वर्क आंड आइ हॅव टू गो फॉर आ केस

राज ने धरम को अपने बगल से गुज़रते हुए देखा और राज गुस्से में अपनी मुट्ठी कस्के टेबल पे मारा

राज – डॉली डॉली ये तुमने क्या किया ?? मुझे मौत के मुँह में घसीटने का बड़ा शौक था ना अब तुम जानोगी कि मुसीबत का दूसरा नाम राज है मैं तुम्हे पाकर ही रहूँगा

Post Reply