ठाकुर की हवेली compleet

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raj..
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Re: ठाकुर की हवेली

Unread post by raj.. » 13 Oct 2014 23:05

अचानक दोनो की भावनाओं के बादल उमड़ने लगे. आलिंगान कस गये, होंठों से चूँबनो की बरसात शुरू हो गयी, रफ़्तार बढ़ गयी, और मधुलिका की प्यासी धरती आग मे तपती धरती पहली बरसात के पानी के लिए तरस रही थी. अचानक बादल फॅट पड़े और प्यासी धरती की तेज धार से प्यास बुझाने लगा.

"श रणबीर सी ह दो मुझे तुम बिल्कुल चिंता मत करो... में टॅबलेट ले लूँगी... ओह इस प्यासी चूत को भर दो." मधुलिका ने रणबीर को कस कर भींच लिया और दोनो सुस्त पड़ गये.

फिर दोनो उठे अपने कपड़े पहने, कमरे मे वापस सब पहले जैसा ही कर दिया और कमरे के दरवाजे वापस बंद करने लगे. तभी रणबीर ने देखा की दूर से जीप इधर ही पोलो मैदान के तरफ आ रही है दोनो दरवाजे बंद कर के जल्दी से डाक बंग्लॉ के नीचे आ गये जहाँ घोड़े बारिस से बचने के लिए खड़े थे.

तभी जीप उनके सामने आके रुकी और मधुलिका जीप मे सवार हो रणबीर के आँखों से धीरे धीरे ओझल हो गयी. जब एक बार यह चुदाई का खेल शुरू हो गया तो इसके चलने मे आगे कोई बाधा नही थी.

मधुलिका अब कुछ समय पहले ही आने लगी. कुछ देर वह घुड़सवारी और राइफल चलाना सीखती और फिर रणवीर को अपनी सवारी करवाती और रणबीर के लंड को अपनी चूत और गंद मे चल्वाति.

रणबीर मधुलिका जैसीफूली गांद वाली लड़की की गांद मारे बिना कहाँ छोड़ने वाला था. दूसरे ही दिन एक चुदाई के बाद उसने उसकी गंद भी मार दी.

इधर मधुलिका रणबीर की पक्की दीवानी हो चुकी थी. वह उसे अपने सपनो का राजकुमार के रूप मे देखने लगी. ( दोस्तो ये मधुलिका का राज कुमार रणवीर था आपका राज शर्मा नही ) इसी तरह एक महीना बीत गया. अब मधुलका घुड़सवारी और राइफल पिस्टल चलाने मे निपूर्ण हो चुकी थी. साथ ही एक नंबर की चुड़क्कड़ और गंदू भी बन चुकी थी. जब तक रणबीर से कस के चुदवा या गंद नही मरवा लेती थी

वह बात बात मे बिगड़ उठती.

फिर एक दिन ठाकुर ने उससे कहा की दूसरे दिन ही वह ठाकुर और उसका लड़का हवेली मे आने वाले है. लड़का लड़की के मिलने के रस्म हवेली मे ही पूरी कर दी जाएगी और साथ ही मँगनी की रस्म भी.

मधुलिका को एक धक्का सा लगा, तो लड़का लड़की दीखाना महज एक दीखावा ही होना था होना वही था जो उसके बाप ने पहले से सोच रखा है. उसे अपना संसार बसने से पहले ही उजड़ता नज़र आया.

खैर दूसरे दिन ठाकुर और मधुलिका का होने वाला पति हवेली मे पहुँच गये. सारी हवेली उनके आदर सत्कार मे जुट गयी. फिर मधुलिका और उसके होने वाले पति को कुछ समय के लिए एकांत मे छोड़ दिया गया. देखने और एक दूसरे को समझने की रस्म मात्र दस मिनिट मे ही पूरी हो गयी. कहाँ मधुलिका एमबीबीएस की परीक्षा देकर

आई हुई लड़की और कहाँ वह ठाकुरों की झूटी आन बान मे जीने वाला वह ठाकुर का लड़का.

मधुलिका एक दम गोरी चिटी विलायेति मेम सी और एक अप्सरा सी सुन्दर और वह ठाकुर का लड़का सांवला सा और कुछ मोटा और भद्दा सा. हूर के बगल मे लंगूर वाली कहावत ऐसी ही जोड़ी को ध्यान मे रख कर मनाई गई थी.

खैर मधुलिका की ज़िद की वजह से माँगनी वाली रस्म पूरी नही हो सकी. उनके चले जाने के बाद मधुलिका ने शादी से साफ इनकार कर दिया. एक बार तो ठाकुर के रजपूती खून ने उबाल खाया पर एक लौटी बेटी के सामने वह ज़्यादा कुछ नही बोल पाया. पर ठाकुर को दाल मे कुछ काला नज़र आया और भानु को रणबीर और मधुलिका पर नज़र

रखने के काम पर लगा दिया.

मधुलिका और रणबीर पहले जैसे ही पोलो मैदान मे फिर से जाने लगे. मधुलिका फिर चुदने लगी. रणबीर उसे कुछ ही दिन की मेहमान बता रहा था, जिसे सुनकर मधुलिका चीढ़ उठती और कह देती की उस ठाकुर के लंड का उसके सामने नाम ना ले.

बातों ही बातों मे मधुलिका ने रणबीर को साफ कह दिया की वो विवाह करेगी तो सिर्फ़ रणबीर से या फिर कुँवारी रहेगी या आत्मा हत्या कर लेगी. रणबीर यह सुनकर ही भाव विहल हो गया और उस उसने मधुलिका को बहोत जम के चोदा.

उसके दूसरे दिन ही भानु के द्वारा ठाकुर के पास रणबीर और उसकी बेटी की कारगुजारियों की दास्तान का काला चिट्ठा पहुँच गया.

ठाकुर ने जब ये सुना तो रह रह कर फदक उठा. उसका बस चलता तो दोनो के सर कलम कर देता. पर किसी तरह उसने अपने आप पर काबू किया. भानु को तगड़ा इनाम दिया और हिदायत दी की किसी के सामने इस बात का ज़िकरा ना कारे.

दूसरे ही दिन ठाकुर ने शाम 4 बजे रणबीर को किसी दूसरे काम मे फँसा दिया और उस दिन मधुलिका मी मसोस के रह गयी.

उधर भानु गाँव से रणबीर के बाप और मा को लेके हवेली मे आ गया. उनका आना बिल्कुल गुप्त रखा गया और किसी को भनक नही लगे दी गयी. ठाकुर ने रणबीर के बाप को 50,000/- दिए और कहा की वह अपने गाँव वाईगरह सब को भूल रणबीर को ले रातों रात कहीं दूर चला जाए. यह जो रकम उसे ठाकुर दे रहा है वह उसकी गाँव की

संपाति से कहीं ज़्यादा है. इस रकम से वो कहीं दूर खेत खरीद सकता है, छोटा मोटा कारोबार कर सकता है.

ठाकुर ने उसके बाप को यह भी समझा दिया की वह जो कुछ कर रहा है केवल इसलिए की उसके बेटे रणबीर ने एक बार उसकी जान बचाई थी. नही तो रणबीर ने जो हवेली की इज़्ज़त पर हाथ डाला था उस अपराध मे उसकी बोटी बोटी काट दी जाती.

ये मौका ठाकुर उन्हे जो दे रहा है जिसका पूरा फयडा वे लोग उठाए और रातों रात कहीं दूर चले जाए और आइन्दा कभी उनका साया भी हवेली पर नही पड़ना चाहिए.

बुड्ढे बाप ने रोते हुए ठाकुर के पावं छुए और वचन दिया की वे कभी भी जिंदगी मे इधर का रुख़ नही करेंगे.

अपने वचन के अनुसार रणबीर, का बाप और उसकी मा रात के अंधेरे मे ना जाने कहाँ चले गए. उनके बारे मे किसी को कुछ पता नही चला.

सुबह उठते ही ठाकुर ने हवेली मे चोरी की खबर उड़ा दी. फ़ौरन पहरेदार रणबीर की तलाश हुई और नुमैइदों ने खबर दी की रणबीर गायब है. फ़ौरन रनबेर के गॅव मे आदमी दौड़ाए गये, वहाँ भी कुछ नही था. सारे रणबीर को कोसते हुए यह सोचते रहे की रणबीर हवेली का माल लेकर कहीं चंपत हो गया है.

मधुलिका को इस पर विस्वास तो नहीं हुवा पर वह अकेली इस प्रत्यक्ष प्रमाण के आगे क्या कर सक'ती थी.बेचारि मन मसोस कर रह गई

दोस्तो इस तरह ये कहानी यहीं ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा

दोस्तो कहानी कैसी लगी बताना मत भूलना
आपका दोस्त
राज शर्मा

समाप्त


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