मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

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The Romantic
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Re: मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

Unread post by The Romantic » 28 Dec 2014 17:47


"भारती , " मैंने उसे अपनी ओर खींचते हुए कहा " आज तक मैं सिर्फ चोदने को ही मज़ा और सेक्स समझता था ..पर वह चुसाई का मज़ा भी कुछ और ही है ..."

वो मुस्कुराने लगी और कहा .." मेरे राजा ये तो आज मैंने ट्रेलर दिखाई ..असली फिल्म तो बाकि है ...."

"अच्छा ..?? ." मैंने उसकी चूची को हलके से मसलते हुए कहा " फिर तो मैं फिल्म का मज़ा जल्दी ही लेना चाहूँगा.."

"हाँ राजा ..मेरी चूत तो तुम्हारे लिए हमेशा मुंह खोले खड़ी है .जब चाहो घूसा लो जानू ... तुम ने भी मेरा पूरा साथ दिया ...वरना कोई शाला मादरचोद इतनी देर टिकता ही नहीं .मेरे मुंह में लेते ही शाले पानी छोड़ देते .. लौड़ा ढीला हो जाता .लटक जाता ... और मैं तड़पती रह जाती ..." उस ने मेरे लौड़े को सहलाते हुए कहा ... बड़े प्यार से सहला रही थी और बातें भी कर रही थी ..." मेरे राजा , और एक बात ..भारती का भरपूर मज़ा लेना है न जानू ..तो भारती को बीअर की दो बोतल पिलाओ , फिर देखो भारती कैसे उछल उछल कर चुदवाती हैं .. "

" अरे मुझे पहले किसी ने बताया नहीं ..ठीक है अगली बार से बिना बीअर के हमारी मुलाक़ात होगी ही नहीं ..दोनों साथ साथ बैठ कर पियेंगे ...आह क्या मज़ा आयेगा ..रानी ..." मैंने कहा और उसके होंठों को चूम लिया l
"हाँ मेरे राजा तुम्हारे साथ पीने का मज़ा कुछ और ही होगा .."" उस ने ऐसा कहते हुए मेरे लौड़े को हलके से दबाया और सहलाने लगी ..

"रानी देखो न मेरा लौड़ा तुम्हारे हाथ लगते ही कितना मस्त हो जाता है .. तुम्हारे हाथों में जादू है मेरी रानी .."

"हाँ वो तो मैं देख रही हूँ , देखो न कैसे फुंफकार रहा है ,,बिल में घुसने को .. लो घूसा लो न जानू ..मेरी चूत भी तो कितनी पनिया गई है ... "

फिर उसने अपनी टांग ऊपर उठाई और मेरे कमर पर रख दिया . और मैं भी उसकी ओर करवट लिया .उस ने मेरे लौड़े को अपनी चूत में हलके हलके घिसना शुरू कर दिया ...उसकी चूत अब तक पूरी तरह गीली हो चुकी थी .. सुपाडे को चूत का स्पर्श मिलते ही मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गयी ..मैं सिहर उठा , भारती भी मस्त हो गयी ...दो चार घिसाई के बाद मुझे ऐसा लगा मेरा लौड़ा फूल के पंचर हो जायेगा ...मैंने भारती को अपने हाथों से जकड़ते हुए उसे अपने नीचे कर लिया .. और उसके होंठ चूसने लगा , अपने से बुरी तरेह चिपका लिया ..भारती कराह उठी .उसकी चूचियां मेरे सीने में चिपक कर फ्लैट हो गयी . इतनी जोरों से मैंने दबाया " आह राजा..जरा धीरे धीरे ..मैं यहीं हूँ न ..कहीं भागी नहीं जा रही ..."
"भारती मुझे मन करता है हम दोनों एक दूसरे में समां जायें , तू मेरे अन्दर और मैं तेरे अन्दर ... " और मैंने उसे फिर से चिपका लिया ... मेरा लौड़ा भी उसकी चूत पर जोरदार दबाव डाल रहा था , जैसे उसके अन्दर जाने को जोर से दस्तक दे रहा हो ...
"हाँ ..हाँ आओ न मेरे राजा मेरे अन्दर ..आः देर मत करो .आओ ...आओ ." और उस ने अपनी टांगें फैला दीं ... मेरे ट्टण लौड़े को ..मोटे लौड़े को अपनी मूठी में भर लिया और अपनी चूत के मुंह पे रख लिया .मेरा सुपाडा उसकी चूत की छेद पर था ..उस ने फिर से हलके से घिसाई की अपने चूत की और अपनी कमर और चूतड ऊपर उठाते हुए मेरे लौड़े को चूत के अन्दर गप्प से ले लिया ..उसकी चूत तो एक दम गीली थी और मेरा लौड़ा एक दम बुरी तरेह tight , फक से आधा लंड अन्दर घूस गया .."आआआआआह ..ऊओह्ह .." मैं चिल्ला उठा ... और बाकि का लंड मैंने भारती की कमर और चूतड को अपने हाथों से ऊपर लेते हुए पेल दिया ... एक झटके में पूरे का पूरा लौड़ा भारती की चूत में था ...पूरे जड़ तक ..मेरा अंड तक ..भारती का रोम रोम सिहर उठा ..वो चीख पड़ी ..."ऊऊऊऊऊओह ..आआः ..हाँ ...हाँ ..अब चोदो.."

उस ने अपनी टांगों को पूरा ऊपर कर दिया .चूत का दरवाजा अच्छे से खुला था ..मैंने भी उसकी टांगों को अपने हाथों से जकड कर जम के धक्के लगाने शुरू कर दिए .. थप ..थप फच फच ...हर धक्के में .... उसकी कमर उचल पड़ती ..वो चीख पड़ती ... "हाँ हाँ राजा..आज तो मेरी चूत का भूरता बना दो ..चोद लो ..फाड़ दो इसे ..भर तो इसको अपने मोटे लौड़े से ...आआआआअह उईईइ .ऊऊऊऊऊऊह्ह ..पेलो ... "
और मैं धक्के पे धक्का लगाता जा रहा था ... उसकी चूत की गर्मी , उसका गीलापन ..उसकी अन्दर की मुलायम पकड़ ....ये सब मेरे लौड़े को मस्ती दे रहे थे ..मैं भी मस्ती में झूम झूम के चोद रहा था ... लौड़े को अन्दर बाहर कर रहा था ... उसकी जांघें अपने हाथों से भींच लेता ..सीने से चिपका लेता ... फिर उस ने अपनी टांगें मेरे कमर के गिर्द कर लिया और कमर को जोरों से जकड लिया और अपनी चूत की ओर खींचने लगी ..मैं उसकी ओर झुक गया धक्का लगाते और उसकी चूचियां मसलने लगा ..उसके होठों को चूसने लगा ..उसकी मुंह से लार टपक रही थी ,मैं उसे चूसे जा रहा था ...उसकी जीभ चूस रहा था और कमर उठा उठा कर लौड़े से चूत का रस भी महसूस करा रहा था... ''ऊह्ह्ह .मां ..उईईई क्या चोद रहे हो राजा ...मुंह ..चूत चूची सब एक साथ ..हाय .हाय मेरे राजा ...मेरे बालम ...चोदे जाओ ..मजा आ रहा है ..इतना मजा कभी नहीं आया ...राजा तुम्हारा लौड़ा और मेरी चूत ... ऊऊऊऊओह ..."
भारती की चूत से पानी लगातार बहता जा रहा था... मस्ती का दरिया ... फच फच की आवाज़ और उसकी सेक्सी आवाजों , सिस्कारियों और कराहटों से रूम गूंज रहा था ... मैं अब उसके पीछे गांड की तरफ आ गया और एक पैर अपने हाथों से ऊपर कर लिया , उसकी चूत का मुंह खुला और मैंने पीछे से चोदना चालू कर दिया .इस position में मेरा लौड़ा उसकी पूरी चूत को उसकी घुंडी के साथ छूता हुआ अन्दर जाता ..और वोह मस्ती में कराह उठती ..मुझे भी मज़ा आ रहा था , मेरी जांघें उसकी भरी भरी चूतडों को थप थप झटके मारता जाता ...और दूसरा हाथ .उसके पीठ के नीचे से जा कर चूचियां मसल रहा था ..ऐसी चूदाई ... भारती चीखती ..चिल्लाती और अपने को बिलकुल ढीला छोड़ दिया था उस ने ,,उसने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया था ... मैं उसके शरीर , उसकी चूत , उसकी चूचियों से मन मुताबिक खेल रहा था ,, चोद रहा था ..चूस रहा था ..चाट रहा था ..उसके गालों..पर मेरे थूक लगे थे .. उसकी चूचियों पर मेरा लार टपका था ... और वोह आंखें बंद किये आः ऊऊह , मां ...मां किये जा रही थी ... सिस्कारियां ले रही थी ...
मैं भी अपनी मस्ती की चरम सीमा की और अग्रसर हो रहा था ..पूरी मस्ती मेरे लौड़े पर आ गयी थी .. भारती का कराहना . सिसकना बढ़ने लगा ... मैं अब फिर से उसके ऊपर आ गया ....और उसको जकड लिया ''चिपका लिया और जोर दार धक्के लगाना शुरू कर दिया ... स्पीड बढती गयी ....धक्के का दबाव बढ़ता गया ...भारती की चीख भी बढती गयी " ..बस बस माआआआआन मैं गयीईईईईईईए ...मेरा पानी छूट रहा है ..आआआआआअह .." और भारती की चूतड उछलने लगी चूत झटके खाने लगी ..और जबरदस्त पानी छोड़ दिया उस ने , जैसे पिचकारी से ठंडा पानी निकल रहा हो मेरा लौड़ा , मेरी जांघें उसकी चूत के पानी से भीगता जा रहा था ..अब मुझ से भी रहा नहीं गया ..मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत में धंसा दिया ..एक दम जड़ तक और उस से चिपक गया .झटके के साथ मैं भी उसकी चूत में झड़ने लगा ..मेरे वीर्य की गर्मी से भारती मस्त हो गयी ..आंखें बंद कर मुस्कुरा रही थी .." उईईईईई माँ... आआआह .. उम्म्म्मम्म्म्मम्म .ऊँऊँ ऊँ ..." की सिस्कारियां ले रही थी ..और मैं झड़ता जा रहा था , उसकी चूत में ,,मेरा लौड़ा झटके पे झटका खा रहा था ...पूरा माल उसकी चूत में ख़ाली हो गया ..मैं हांफता हुआ उसकी चूचियों पर अपना सर रख कर पड़ गया ..वोह भी हांफ रही थी .. कांप रही थी ,,उसकी चूत अभी भी थरथरा रही थी .. क्या आलम था ...

काफी देर तक दोनों ऐसे ही पड़े रहे ..मेरा लौड़ा सिकुड़ कर बाहर आ गया था , उसकी चूत से उसका रस और मेरा वीर्य रिसते जा रहे थे ,,बह रहे थे ,,उस ने टांगें फैला रखी थी ..

फिर मैं उठा ...घडी देखा तो सुबह के 5 बज चुके थे ...मैं उठा , बाथरूम गया ..हाथ मुंह धो कर कपडे पहने , भारती वैसे ही लेटी थी ..उसे मैंने अपनी बाँहों में जकड कर उठा लिया और चूमने लगा ..
"भारती अब मैं जाऊँगा ..पर सच बताऊँ ..तुम्हें छोड़ने का मन नहीं करता .. " उसने मुझे अपने बाँहों में जकड लिया , अपने हाथ मेरे गर्दन के गिर्द ले कर "हाँ राजा ..मुझे भी ऐसा ही लग रहा है.."

पर मजबूरी थी ..मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया ..और उसकी चूत को एक बार चूम लिया .और फिर बाहर आ गया ..तब तक गोपाल भी जग गया था ... उस ने अपनी बाइक निकाली..और मुझे मेरे घर छोड़ दिया ..

यह थी मेरी और भारती की चूदाई की पहली कहानी ... जिसने मेरी जिंदगी में हलचल मचा दी .. मैं पागल हो उठा था .. मेरे रोम रोम में उसकी सांसें .. उसकी सिस्कारियां , उसकी मस्ती भरे चीख थे.. भूले न भूलते ..

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