गुरु दक्षिणा पार्ट--5
गतान्क से आगे.................
मेरे नीचे गिरने के बावजूद भी उनका लंड मेरी चूत से बाहर नही निकला था.
वो थोड़ी देर मेरे ऊपेर लेटे लेटे ही वेट करते रहे और जब मेरी चूत उनके
मूसल लंड से अड्जस्ट हो गयी तो उन्हो ने अपनी गंद ऊपेर नीचे कर के मुझे
चोदना शुरू कर दिया. मेरी गंद थोड़ी सी ऊपेर उठ गयी थी और वो पीछे से चूत
मे लंड घुसाए चोदने लगे. पानी लगने की वजह से मेरी झांतें भी गुच्छा बन
चुकी थी और उनके लंड के साथ ही मेरी झातें भी मेरी चूत मे घुस गयी थी जो
एक अनोखा मज़ा दे रही थी जैसे जैसे उनका लंड मेरी चूत के अंदर जाता मेरी
झातें भी उनके लंड के साथ अंदर जाती और लंड के साथ ही वापस बाहर आ जाती.
मुझे लगा के आज सर को
पहली बार इतना आनंद आया है इसी लिए वो मुझे चोदने के लिए इतने उतावले हो
रहे है और साथ मे ही मुझे वो कहावत याद आई "फोकट की चूत मिली तो भिकारीओं
की तरह से टूट पड़े" कुछ यही हाल पीके सर का भी हो गया था उनको भी आज एक
ऐसी ही फोकट की चूत मिल गयी थी और वो किसी भिकारी की तरह से मेरी चूत पे
टूट पड़े थे. सर धना धन्न ऐसे मुझे चोद रहे थे जैसे कोई लेबर किसी दीवार
को तोड़ने के लिए उसपे हथोडे बरसाता है वैसे ही हथोदे जैसे झटके मार रहे
थे. मेरी चुचियाँ इतनी बड़ी भी नही थी जो लटक के झूलने लगती तो वो झूल
नही रही थी बॅस वही मेरे सीने से लगी हुई हिल रही थी तो सर ने उन्है पकड़
लिया और मसल्ने लगे और मुझे घचा घच चोदने लगे. मैं भी कुछ इतनी गरम हो
चुकी थी के मेरे बदन पे लगा सारा पानी सूख गया था. सर बोहोत ज़ोरो से
मेरी चुदाई कर रहे थे और मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. उनका लंड मेरी
बच्चे दानी से कंटिन्यू टकरा रहा था और एक ही मिनिट के अंदर मेरी चूत मे
हल चल मचने लगी और मैं उनके लंड के ऊपेर ही झड़ने लगी. मेरी चूत मे से
निकले जूस की वजह से उनका इतना बड़ा गधे जैसा लंड भी अब आराम से मेरी चूत
के अंदर बाहर घुस रहा था और मैं मस्ती मे आँखें बंद किए चुदवा रही थी और
ऐसी वंडरफुल चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी और सोच रही थी के मैं कितनी
खुश किस्मेत हू के ऐसा लंड मिला है मेरी चूत के द्वार खोलने के लिए.
थोड़ी देर मे ही उन्हो ने मेरी कमर को पकड़ के आपने ऊपेर कुछ लिया और ऐसे
पोज़िशन चेंज कि के वो नीचे पीठ के बल लेट गये और मैं उनके लंड पे बैठी
हुई थी मेरा मूह उनके पैरो की तरफ था और मेरी पीठ उनके मूह की तरफ. कुछ
देर ऐसे ही चोदने के बाद उन्हो ने मुझे अपने ऊपेर झुका लिया और मेरी
चुचिओ को मसल्ने लगे और अपनी गंद उठा उठा के मुझे चोदने लगे ऐसी पोज़िशन
मे उनका इतना लंबा लंड भी मेरी चूत के अंदर कंप्लीट नही घुस्स पा रहा था
और वो बॅस आधे ही लंड से मुझे चोदे जा रहे थे. यह पोज़िशन कुछ ज़ियादा
ठीक नही लग रही थी तो सर ने अपना लंड मेरी चूत मे से बाहर खेच के निकाल
लिया और एक बार फिर मुझे लगा के मेरी चूत खाली खाली हो गयी हो. अब सर
फ्लोर पे खड़े हो गये और मुझे पलटा के अपने सामने खड़ा कर लिया. उनका लंड
जोश मे हिल रहा था ऊपेर नीचे हो रहा था और उनके पेट तक लग के जैसे मेरी
कुँवारी चूत की दक्षिणा से खुश हो के सल्यूट कर रहा था.
गुरु दक्षिणा compleet
Re: गुरु दक्षिणा compleet
मैं ने एक बार
फिर से सर के लंड को अपने हाथ मे पकड़ के दबाया और तीन चार टाइम मूठ जैसा
मारा. सर ने मुझे मेरी बगल मे हाथ डाल के उठा लिया और ऑटोमॅटिकली मेरी
टाँगें खुल गयी और उनके बॅक पे
लिपट गयी और सर ने अपने हाथ मेरे चूतदो के नीच रख के सपोर्ट दिया और मैं
उनके गले मे अपनी बाहें डाल के झूलने लगी. लंड का सूपड़ा ऑटोमॅटिकली मेरी
खुली हुई चूत के सुराख से लग गया ऐसा लग रहा था जैसे लंड के हेड मे आँखें
हो और वो अपना रास्ता खुद ही तलाश कर रहा हो. सर का लंड मेरी चूत के
सुराख के अंदर घुसते ही सर ने अपने हाथो की ग्रिप मेरे ऊपेर चूतदो पर
थोड़ी सी लूस कर दी और जैसे ही मे थोड़ा सा नीचे स्लिप हुई तो सर का लंड
एक ही झटके मे मेरी चूत के अंदर पूरे का पूरा घुस्स गया और सर मेरी चूतदो
को पकड़ के मुझे उछाल उछाल के मुझे खड़े खड़े चोदने लगे ऐसी पोज़िशन मे
लंड मेरी चूत के बोहोत अंदर तक घुस्स रहा था और मैं एक ही धक्के मे
काँपते हुए उनके लंड पे झड़ने लगी.
मेरी चुचियाँ सर के मूह के सामने डॅन्स कर रही थी तो उन्हो ने मेरी चुचिओ
को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगे निपल्स को अपने दांतो से काटने लगे.
मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और सर के इतने मस्त लंड से चुदवाने मे बोहोत
ही मज़ा आ रहा था. सर मेरी चूतदो को पकड़ के मुझे उछाल रहे थे जिस से मैं
उनके लंड पे ऊपेर नीचे हो रही थी. थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद सर ने
मुझे दीवार से लगा दिया. मैं सर के गले मे बाहें डाले उनसे किसी बेल की
तरह लिपटी हुई थी मेरे पैर सर के बॅक से लिपटे हुए थे और मेरी कमर दीवार
से लगी हुई थी. अब सर ने लंड को पूरा बाहर तक निकाल निकाल के चोदना शुरू
किया वो बोहोत ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहे थे ऐसा लगता था जैसे उनका
क़ुतुब मीनार जैसा लंबा और लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ
पीछे दीवार मे घुस्स जाएगा. उनका लंड किसी जॅक हॅमर की तरह से मेरी चूत
को चोदे जा रहा था. एक ही पवरफुल धक्के मे मेरा मूह खुल गया और मेरी चूत
मे फ्लड आ गया और जूस रिलीस होने लगा. अब सर को बड़ी अछी पोज़िशन मिल गयी
थी उनके पैर पीछे बाथ टब मे टीके हुए थे और मैं दीवार से टिकी हुई थी और
सर बोहोत ही पवरफुल धक्के मार रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे आज ही सारी उमर
की चुदाई करने का इरादा हो. सर ने अपने हथोदे जैसे लंड से चोद चोद कर
मेरी चूत की हालत ही बिगाड़ दी थी. बिगिनिंग मे तो मुझे थोड़ी सी तकलीफ़
हो रही थी पर जब से उनका लंड पूरी तरह से मेरी चूत के अंदर घुस गया था और
उनके पवरफुल और डीप स्ट्रोक्स की वजह से उनका लंड मेरी बच्चे दानी से
ज़ोर ज़ोर से टकरा रहा था तो मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और मैं उनसे
लिपटी हुई थी और वो मेरी चुचिओ को चूस रहे थे तो मैं अपनी चुदाई के पॅशन
मे बे इंतेहा डूब चुकी थी और पता नही कितने टाइम झाड़ चुकी थी. सर के
धक्के तेज़ होने लगे और हर धक्के से मेरे मूह से
हप्प्प्प्प हप्प्प्प्प और उूउउन्न्ञणणनह उूउउन्न्नह जैसी आवाज़ें निकल
रही थी. और फिर सर ने एक इतनी ज़ोर का धक्का मारा और लंड को मेरी आज ही
की फटी हुई चूत मे इतनी अंदर तक बेदर्दी से घुसेड दिया के मैं चीख पड़ी
ऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममममममममममाआआआआआआआअ
हहााआआयययययययययययययईईईईई
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और
मैं बड़ी ज़ोर से उनसे लिपट गयी और उसी टाइम पे सर के लंड मे से उनकी
मलाइ की मोटी धार ज़ोर से उछल के मेरी बच्चे दानी से टकराई के मुझे लगा
जैसे राइफल मे से गोली निकली हो और मेरी बच्चे दानी पे निशाना लगा के मार
रही हो और मैं काँपने लगी और मेरी चूत मे एक बार फिर से बाढ़ आ गयी और
जूस किसी टूटी नदी से बाढ़ की तरह निकलने लगा और हम दोनो गहरी गहरी
साँसें लेने लगे और दोनो ऑलमोस्ट बेदम्म हो गये और कुछ देर तक बाथ टब के
अंदर ही बैठे रहे.
फिर से सर के लंड को अपने हाथ मे पकड़ के दबाया और तीन चार टाइम मूठ जैसा
मारा. सर ने मुझे मेरी बगल मे हाथ डाल के उठा लिया और ऑटोमॅटिकली मेरी
टाँगें खुल गयी और उनके बॅक पे
लिपट गयी और सर ने अपने हाथ मेरे चूतदो के नीच रख के सपोर्ट दिया और मैं
उनके गले मे अपनी बाहें डाल के झूलने लगी. लंड का सूपड़ा ऑटोमॅटिकली मेरी
खुली हुई चूत के सुराख से लग गया ऐसा लग रहा था जैसे लंड के हेड मे आँखें
हो और वो अपना रास्ता खुद ही तलाश कर रहा हो. सर का लंड मेरी चूत के
सुराख के अंदर घुसते ही सर ने अपने हाथो की ग्रिप मेरे ऊपेर चूतदो पर
थोड़ी सी लूस कर दी और जैसे ही मे थोड़ा सा नीचे स्लिप हुई तो सर का लंड
एक ही झटके मे मेरी चूत के अंदर पूरे का पूरा घुस्स गया और सर मेरी चूतदो
को पकड़ के मुझे उछाल उछाल के मुझे खड़े खड़े चोदने लगे ऐसी पोज़िशन मे
लंड मेरी चूत के बोहोत अंदर तक घुस्स रहा था और मैं एक ही धक्के मे
काँपते हुए उनके लंड पे झड़ने लगी.
मेरी चुचियाँ सर के मूह के सामने डॅन्स कर रही थी तो उन्हो ने मेरी चुचिओ
को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगे निपल्स को अपने दांतो से काटने लगे.
मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और सर के इतने मस्त लंड से चुदवाने मे बोहोत
ही मज़ा आ रहा था. सर मेरी चूतदो को पकड़ के मुझे उछाल रहे थे जिस से मैं
उनके लंड पे ऊपेर नीचे हो रही थी. थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद सर ने
मुझे दीवार से लगा दिया. मैं सर के गले मे बाहें डाले उनसे किसी बेल की
तरह लिपटी हुई थी मेरे पैर सर के बॅक से लिपटे हुए थे और मेरी कमर दीवार
से लगी हुई थी. अब सर ने लंड को पूरा बाहर तक निकाल निकाल के चोदना शुरू
किया वो बोहोत ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहे थे ऐसा लगता था जैसे उनका
क़ुतुब मीनार जैसा लंबा और लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ
पीछे दीवार मे घुस्स जाएगा. उनका लंड किसी जॅक हॅमर की तरह से मेरी चूत
को चोदे जा रहा था. एक ही पवरफुल धक्के मे मेरा मूह खुल गया और मेरी चूत
मे फ्लड आ गया और जूस रिलीस होने लगा. अब सर को बड़ी अछी पोज़िशन मिल गयी
थी उनके पैर पीछे बाथ टब मे टीके हुए थे और मैं दीवार से टिकी हुई थी और
सर बोहोत ही पवरफुल धक्के मार रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे आज ही सारी उमर
की चुदाई करने का इरादा हो. सर ने अपने हथोदे जैसे लंड से चोद चोद कर
मेरी चूत की हालत ही बिगाड़ दी थी. बिगिनिंग मे तो मुझे थोड़ी सी तकलीफ़
हो रही थी पर जब से उनका लंड पूरी तरह से मेरी चूत के अंदर घुस गया था और
उनके पवरफुल और डीप स्ट्रोक्स की वजह से उनका लंड मेरी बच्चे दानी से
ज़ोर ज़ोर से टकरा रहा था तो मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और मैं उनसे
लिपटी हुई थी और वो मेरी चुचिओ को चूस रहे थे तो मैं अपनी चुदाई के पॅशन
मे बे इंतेहा डूब चुकी थी और पता नही कितने टाइम झाड़ चुकी थी. सर के
धक्के तेज़ होने लगे और हर धक्के से मेरे मूह से
हप्प्प्प्प हप्प्प्प्प और उूउउन्न्ञणणनह उूउउन्न्नह जैसी आवाज़ें निकल
रही थी. और फिर सर ने एक इतनी ज़ोर का धक्का मारा और लंड को मेरी आज ही
की फटी हुई चूत मे इतनी अंदर तक बेदर्दी से घुसेड दिया के मैं चीख पड़ी
ऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममममममममममाआआआआआआआअ
हहााआआयययययययययययययईईईईई
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और
मैं बड़ी ज़ोर से उनसे लिपट गयी और उसी टाइम पे सर के लंड मे से उनकी
मलाइ की मोटी धार ज़ोर से उछल के मेरी बच्चे दानी से टकराई के मुझे लगा
जैसे राइफल मे से गोली निकली हो और मेरी बच्चे दानी पे निशाना लगा के मार
रही हो और मैं काँपने लगी और मेरी चूत मे एक बार फिर से बाढ़ आ गयी और
जूस किसी टूटी नदी से बाढ़ की तरह निकलने लगा और हम दोनो गहरी गहरी
साँसें लेने लगे और दोनो ऑलमोस्ट बेदम्म हो गये और कुछ देर तक बाथ टब के
अंदर ही बैठे रहे.
Re: गुरु दक्षिणा compleet
मेरी चूत मे से हम दोनो का मिला जुला जूस नीचे बहने
लगा. मैं ने अपनी दुखती हुई चूत पे हाथ लगाया और चूत से निकलते जूस को
उंगलिओ मे लगा के देखा तो मैं हैरान रह गयी एक बार फिर से मेरी चूत से
खून निकला था तो मैं समझ गयी के यह सर के पागलो की तरह से चोदने के नतीजे
मे मेरी चूत की यह हालत हो गयी थी अब मेरी चूत कुँवारी चूत नही भोसड़ा बन
चुकी थी और मेरी छोटी सी चूत का छोटा सा सुराख अब इतना बड़ा घार ( केव )
जैसा जैसा सुराख बन गया था जिस्मै से चूत के अंदर के सॉफ्ट मसल्स दिखाई
दे रहे थे.
थोड़ी देर के बाद जब थोड़ा होश आया तो सिर ने मुझे किस किया और बोले के
किट्टू सच कह रहा हू के आज से पहले मैं ने कभी किसी की चुदाई नही की
क्यॉंके किसी लड़की की चूत मे मेरा लंड घुसता ही नही था. आज तुम ने मुझे
ज़िंदगी का वो सुख दिया है जिसकी तमन्ना मैं ना जाने कितने सालो से कर
रहा था यू आर रियली ग्रेट किट्टू मैं तुम्हारा यह एहसान ज़िंदगी भर नही
भूलुगा तो मैं मुस्कुराने लगी और अपने इस सक्सेस्फुल पर्फॉर्मेन्स पे खुश
होगयी. मैं बाथटब मे दोनो पैर फैलाए बैठी थी मेरी चूत खुली हुई थी मैं ने
झुक के देखा तो वो एक दम से लाल हो गयी थी और ऐसी घमासान चुदाई के बाद
ऐसे खुल गयी थी जैसे चूत का भोसड़ा बन गया हो और शाएद किसी प्रॉस्टिट्यूट
की चूत भी एक महीने की कंटिन्यू चुदाई के बाद भी इतनी चौड़ी नही हुई होगी
जितनी मेरी चूत हो गयी थी. अब सर ने अपने पैर लंबे कर के फैला लिए और
मुझे अपने पैरो पे बिठा लिया और मैं भी अपने पैर उनकी पीठ से लपेट के
उनके थाइस के ऊपेर बैठ गयी.
इस पोज़िशन मे एक बार फिर से मेरी चूत सर के मुरझाए हुए लंड के सामने थी.
उनका मरझाया लंड मेरी चूत के सामने
किसी सोए हुए साँप की तरह पड़ा हुआ था और मुरझाया हुआ भी इतना बड़ा था के
मुझे देख के डर लग रहा था मैं एक बार सोचने पे मजबूर हो गयी के मैं ने
इतना बड़ा और मोटा मूसल जैसा लंड अपनी कुँवारी चूत के अंदर कैसे ले लिया
और वो भी एक ही टाइम मे यह सोच के मुझे हैरत होने लगी.
सर बड़े गौर से मेरे राइट बूब के काले तिल को देखते रहे फिर उसे चूमते
हुए कहा के किट्टू यह तुम्हारा ब्यूटी स्पॉट ऐसी वंडरफुल जगह पे है जिसे
मेरे जैसे किस्मेत वाले ही देख सकते है उसके बाद सर मुझे बे तहाशा चूमने
लगे और बार बार सिर्फ़ एक ही बात बोले जा रहे थे किट्टू यू आर ग्रेट,
किट्टू यू आर ग्रेट और मैं भी उनके मूह को चूमने लगी और बोली के सर मुझे
भी तो बोहोत ही मज़ा आया है और मैं जब तक भी आपके इस वंडरफुल लंड से
चुदवाउगि जब तक मोका मिलता रहेगा और मैं ऐसे मस्त मूसल लंड को खोना नही
चाहती तो सर ने एक बार फिर से मुझे चूम लिया और मेरा शुक्रिया अदा करने
लगे.
सर ने अपना हाथ बढ़ा के शवर खोल दिया और हमारे ऊपेर एक बार फिर से हल्के
गरम पानी की फुवार् पड़ने लगी. एक बार फिर से हम दोनो ने एक दूसरे को
बैठे ही बैठे साबुन लगाया और रगड़ रगड़ के नहाए. बाथरूम से बाहर निकले तो
मुझे चलना नही आ रहा था. सर ने सहारा दे के मुझे बाथरूम से बाहर निकाला
और मेरे कपड़े ला के दिए जो अब सूख गये थे. बारिश भी अब रुक चुकी थी रात
के ऑलमोस्ट 10 बज रहे थे तो मुझे होश आया के मेरी चुदाई तो तकरीबन 4 – 5
घंटे तक चलती रही. सर ने अपनी बाइक निकली और मुझे पीछे बिठा के घर की तरफ
चलने लगे. रोड पे पानी भरा हुआ था और बाइक चलना मुश्किल हो रहा था रोड पे
हम दोनो के सिवा कोई और नही था और स्ट्रीट लाइट्स भी पूरी नही जल रही थी
इक्का दुक्का ही जल रही थी. सर ने लोंग जॅकेट पहेन लिया था और मैं बाइक
पे पीछे बैठ के अपने दोनो हाथ उनकी जॅकेट के अंदर रख लिए और सर के लंड को
उनकी पॅंट से बाहर निकाल के अपने दोनो हाथो से पकड़ के मूठ मारने लगी और
मस्ती मे दबाने लगी.
लगा. मैं ने अपनी दुखती हुई चूत पे हाथ लगाया और चूत से निकलते जूस को
उंगलिओ मे लगा के देखा तो मैं हैरान रह गयी एक बार फिर से मेरी चूत से
खून निकला था तो मैं समझ गयी के यह सर के पागलो की तरह से चोदने के नतीजे
मे मेरी चूत की यह हालत हो गयी थी अब मेरी चूत कुँवारी चूत नही भोसड़ा बन
चुकी थी और मेरी छोटी सी चूत का छोटा सा सुराख अब इतना बड़ा घार ( केव )
जैसा जैसा सुराख बन गया था जिस्मै से चूत के अंदर के सॉफ्ट मसल्स दिखाई
दे रहे थे.
थोड़ी देर के बाद जब थोड़ा होश आया तो सिर ने मुझे किस किया और बोले के
किट्टू सच कह रहा हू के आज से पहले मैं ने कभी किसी की चुदाई नही की
क्यॉंके किसी लड़की की चूत मे मेरा लंड घुसता ही नही था. आज तुम ने मुझे
ज़िंदगी का वो सुख दिया है जिसकी तमन्ना मैं ना जाने कितने सालो से कर
रहा था यू आर रियली ग्रेट किट्टू मैं तुम्हारा यह एहसान ज़िंदगी भर नही
भूलुगा तो मैं मुस्कुराने लगी और अपने इस सक्सेस्फुल पर्फॉर्मेन्स पे खुश
होगयी. मैं बाथटब मे दोनो पैर फैलाए बैठी थी मेरी चूत खुली हुई थी मैं ने
झुक के देखा तो वो एक दम से लाल हो गयी थी और ऐसी घमासान चुदाई के बाद
ऐसे खुल गयी थी जैसे चूत का भोसड़ा बन गया हो और शाएद किसी प्रॉस्टिट्यूट
की चूत भी एक महीने की कंटिन्यू चुदाई के बाद भी इतनी चौड़ी नही हुई होगी
जितनी मेरी चूत हो गयी थी. अब सर ने अपने पैर लंबे कर के फैला लिए और
मुझे अपने पैरो पे बिठा लिया और मैं भी अपने पैर उनकी पीठ से लपेट के
उनके थाइस के ऊपेर बैठ गयी.
इस पोज़िशन मे एक बार फिर से मेरी चूत सर के मुरझाए हुए लंड के सामने थी.
उनका मरझाया लंड मेरी चूत के सामने
किसी सोए हुए साँप की तरह पड़ा हुआ था और मुरझाया हुआ भी इतना बड़ा था के
मुझे देख के डर लग रहा था मैं एक बार सोचने पे मजबूर हो गयी के मैं ने
इतना बड़ा और मोटा मूसल जैसा लंड अपनी कुँवारी चूत के अंदर कैसे ले लिया
और वो भी एक ही टाइम मे यह सोच के मुझे हैरत होने लगी.
सर बड़े गौर से मेरे राइट बूब के काले तिल को देखते रहे फिर उसे चूमते
हुए कहा के किट्टू यह तुम्हारा ब्यूटी स्पॉट ऐसी वंडरफुल जगह पे है जिसे
मेरे जैसे किस्मेत वाले ही देख सकते है उसके बाद सर मुझे बे तहाशा चूमने
लगे और बार बार सिर्फ़ एक ही बात बोले जा रहे थे किट्टू यू आर ग्रेट,
किट्टू यू आर ग्रेट और मैं भी उनके मूह को चूमने लगी और बोली के सर मुझे
भी तो बोहोत ही मज़ा आया है और मैं जब तक भी आपके इस वंडरफुल लंड से
चुदवाउगि जब तक मोका मिलता रहेगा और मैं ऐसे मस्त मूसल लंड को खोना नही
चाहती तो सर ने एक बार फिर से मुझे चूम लिया और मेरा शुक्रिया अदा करने
लगे.
सर ने अपना हाथ बढ़ा के शवर खोल दिया और हमारे ऊपेर एक बार फिर से हल्के
गरम पानी की फुवार् पड़ने लगी. एक बार फिर से हम दोनो ने एक दूसरे को
बैठे ही बैठे साबुन लगाया और रगड़ रगड़ के नहाए. बाथरूम से बाहर निकले तो
मुझे चलना नही आ रहा था. सर ने सहारा दे के मुझे बाथरूम से बाहर निकाला
और मेरे कपड़े ला के दिए जो अब सूख गये थे. बारिश भी अब रुक चुकी थी रात
के ऑलमोस्ट 10 बज रहे थे तो मुझे होश आया के मेरी चुदाई तो तकरीबन 4 – 5
घंटे तक चलती रही. सर ने अपनी बाइक निकली और मुझे पीछे बिठा के घर की तरफ
चलने लगे. रोड पे पानी भरा हुआ था और बाइक चलना मुश्किल हो रहा था रोड पे
हम दोनो के सिवा कोई और नही था और स्ट्रीट लाइट्स भी पूरी नही जल रही थी
इक्का दुक्का ही जल रही थी. सर ने लोंग जॅकेट पहेन लिया था और मैं बाइक
पे पीछे बैठ के अपने दोनो हाथ उनकी जॅकेट के अंदर रख लिए और सर के लंड को
उनकी पॅंट से बाहर निकाल के अपने दोनो हाथो से पकड़ के मूठ मारने लगी और
मस्ती मे दबाने लगी.