हम दोनो कुछ नही बोल रहे थे बॅस हमारी वासना बोल रही
थी और मेरी चूत मे तो जैसे फ्लड आ गया था. मैं ने सर का लंड मुट्ठी मे
पकड़ के मूठ
मारना स्टार्ट कर दिया तो सर ने कहा आआआहह किट्टू तुम्हारे हाथ का स्पर्श
मुझे दीवाना बना रहा है तो मैं ने कहा सर आप लेटे रहिए और मुझे कुछ करने
दीजिए तो उन्हो ने कहा के ऐसे करोगी तो ब्लंकेट और मेरे कपड़े दोनो खराब
हो जाएगे तो मैं ने कहा तो निकाल दो ना सर अपने कपड़े और यह ब्लंकेट तो
सर ने कहा अच्छा नही लगता ना के मैं तुम्हारे सामने नंगा हो जाउ तो मैं
ने कहा सर कमरा तो अंधेरा ही है आप कपड़े पहनो या निकाल के नंगे हो जाओ
मुझे तो कुछ नज़र ही नही आ रहा है तो उन्हो ने कहा ठीक है और अपनी शर्ट
निकाल दी और मैं ने उनकी लूँगी की नाट को खोल दिया और ब्लंकेट हटा दिया.
अब सर मेरे सामने नंगे लेटे थे और उनका रॉकेट जैसा लंड छत की तरफ मूह किए
किसी अग्नि मिज़ाइल की तरह फाइरिंग के लिए रेडी था. मैं ने अब डाइरेक्ट
सर के लंड की मालिश शुरू कर दी. उनका लंड इतना बड़ा था के मेरे दोनो हाथो
मे भी नही आ रहा था. मैं अपने दोनो हाथो से मूठ मार रही थी.
मैं ने कहा के सर इस ने मुझे पागल बना दिया है तो सर ने कहा अर्रे वो
कैसे किट्टू; तो मैं ने बोला के सर एक टाइम जब आप स्नान कर रहे थे तो मैं
ने इस को देख लिया था तब से ही मैं इसकी दीवानी हो गयी हू और कितने टाइम
आपको सिग्नल दिया कभी अपनी टाँगें खोल के आप को सब कुछ दिखाया और कभी
खुज़ाया पर आपने ध्यान ही नही दिया तो सर ने कहा के हा किट्टू मुझे कुछ
डाउट तो हुआ था के तुम ऐसा कर रही हो पर मुझे मालूम था के तुम इतनी छोटी
उमर मे मेरा इतना बड़ा और मोटा अपने अंदर नही ले पओगि इसी लिए मैं अंजान
सा ही हो गया था क्यॉंके मुझे पता था के अगर मैं ने कुछ किया तो तुम चलने
के काबिल नही रहोगी और तुम्है हॉस्पिटल से स्टिचस डलवाने पड़ेंगे तो मैं
हँस के बोली के सर आज आपको मैं बता दुगी के मैं इस से कितना प्यार करती
हू और झुक के उनके लंड के सूपदे को एक किस किया और मैं ज़ोर ज़ोर से लंड
की मालिश करने लगी सर की गंद अब बेड से उठना शुरू हो गयी थी. सर इतनी
मस्ती मे आ गये थे के उन्हो ने मेरे थाइस पे हाथ रख दिया. मेरी नाइटी
सामने से खुली हुई थी और मैं घुटने मोड़ के बैठे थी इसी लिए उनका हाथ
डाइरेक्ट मेरे नंगे थाइस पे पड़ा तो मैं ने थाइस को खोल दिया और सर का
हाथ स्लिप हो के मेरी चूत से टकरा गया और उनका हाथ मेरी चूत से लगते ही
मैं काँपने लगी और झड़ने लगी और मेरा हाथ बड़ी तेज़ी से सर के लंड का मूठ
मारने लगा. सर के मूह से आआआआअहह
क्क्क्क्क्क्क्कीईईइत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्तुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ
यययययययईईईहह क्क्क्क्क्क्क्क्क्कीईईईईइआआआआआअ कककककककककाआअरर्र्र्ररर
र्र्र्र्रररहीईईईईईई हाआआआऐईईईईईईई त्त्तुउउउउउउउउउउउउउउ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ और
उनका हाथ भी बड़ी तेज़ी से मेरी चूत की मालिश करने लगा सर ने बोला
कीईईत्त्त्त्त्त्तुउउउउउउउउउउउउ म्म्म्ममममममीईईररर्र्र्र्ररराआआआआआ
न्न्नीईक्काआअल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्न्न्नीईईईईईईई व्व्वाआआआल्ल्ल्ल्लाआआआआआ
हहाआआऐययईईईईईईईईईई तो मुझे सडन्ली इंटरनेट पे देखा हुआ एक वीडियो क्लिप
याद आ गया जिस्मै ऐसे ही एक लड़की किसी लड़के का लंड पकड़ के मूठ मारते
मारते जब उसकी मलाई निकलने लगती है तो अपना मूह लंड को अपने मूह मे ले के
चूसने लगी और उसकी सारी मलाई बड़े मज़े से खा लेट है तो मैं ने भी आओ
देखा ना ताओ और सीधा सर के लंड के सूपदे को अपने मूह मे घुसा लिया और
उनके लंड को चूसने लगी तो सर का हाथ मेरे सर के ऊपेर आ गया और उन्हो ने
मेरे सर को पकड़ के अपनी गंद को बिस्तर से 1 फुट उठा के अपना लंड मेरे
मूह मे घुसेड दिया और मेरे मूह को चोदने लगे उनका लंड बोहोत मोटा भी था
जो मेरे मूह मे कंप्लीट नही घुस रहा था पर सर मस्ती मे घुसाते ही चले गये
और लंड का सूपड़ा जैसे ही मेरे हलक से लगा मेरे मूह से
आआग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क आवाज़े निकली मेरी गले की नसें
फूल गयी और आँखें अपने सॉकेट से बाहर आने लगी और उसी टाइम पे सर के लंड
मे से उनकी गरम मलाई की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकल के मेरे पेट मे
डाइरेक्ट चली गयी. सर मेरे मूह को चोद्ते रहे और मेरा पेट अपनी मलाई से
भरते रहे और मैं उनकी मीठी मीठी मलाई मज़े ले ले के खाती रही. सर ने बोला
के हाईए किट्ट्यूयुयूवयू यह क्या कर दिया तुम ने ऐसा मज़ा तो मुझी कभी
नही मिला था. थॅंक्स कितटुउउ थॅंक्स..
गुरु दक्षिणा compleet
Re: गुरु दक्षिणा compleet
पीके सर अब गहरी गहरी साँसें ले रहे थे, मेरी चूत मे जैसे वबाल आया हुआ
था और मैं वासना की आग मे जलते जलते पागल हो रही थी जी चाह रहा था के बस
अभी चढ़ के सर के लंड की सवारी शुरू कर्दु पर डर भी लग रहा था के इतना
बड़ा और मोटा गधे जैसा लंड मेरी छोटी सी कुँवारी चूत मे घुस पाएगा भी या
नही. मैं आज इस हाथ लगे चान्स को खोना भी नही चाहती थी और बॅस मेरे
दिमाग़ मे तो चुदने का भूत सवार था और मैं डाइरेक्ट सर के ऊपेर चढ़ के
बैठ गयी.
सर के पैर सीधे रखे हुए थे और उनका लंड थोड़ा सा नरम हो गया था और उनके
नेवेल पे किसी साँप की तरह पड़ा हुआ था. मैं अपन्नी दोनो टाँगें सर के
हिप्स के इधर उधर रख के उनके लंड के डंडे पे अपनी चूत की फाँकें रख के
आगे पीछे फिसलने लगी मेरी चूत तो समंदर जैसी गीली हो रही थी. सर ने बोला
के किट्टू यह क्या कर रही हो अभी तुम्हारी उमर ही क्या है और फिर यह देख
रही हो मेरा क़ुतुब मीनार तुम इसे झेल नही पावगी तो मैं ने कहा के सर मैं
ने जब से आपका यह क़ुतुब
मीनार देखा है मैं तो इस की दीवानी हो गयी हू आज चाहे कुछ भी हो जाए मुझे
यह चाहिए तो बॅस चाहिए मैं अब और बर्दाश्त नही कर सकती तो उन्हो ने कहा
के तुम्हारी मर्ज़ी किट्टू मैं तुम पे ही छोड़ता हू तुम खुद ही इसको
जितना मर्ज़ी आए अंदर ले लेना तो मैं ने कहा के सर आज तो मैं इसको पूरे
का पूरा अपनी चूत के अंदर लेलुँगी मैं अब इसके बिना नही रह सकती तो सर ने
कहा के मेरी पत्नी इसे अब तक मेरा पूरे का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर तक
नही ले पाई है तो तुम कैसे झेल पओगि तुम तो अभी कुँवारी हो तो मैं ने कहा
के मुझे कुछ नही मालूम सर अगर बाइ अन्य चान्स मैं इसको अपने अंदर नही ले
पाई तो आप कुछ भी कीजिए और चाहे मेरी चूत फॅट जाए इसको पूरे का पूरा मेरी
चूत के अंदर पेल दीजिए. मैं ने इंटरनेट पे लंड देखे तो है पैर ऐसे नही
देखे तो वो हस्ने लगे और बोले के किट्टू मेरी बीवी सुनीता भी इसे अभी तक
सही तरीके से ना अपने मूह मे ले पाई है और ना ही चूत के अंदर और मुझे
डाउट है के तुम इसको अपनी इतनी छोटी सी चूत के अंदर ले पओगि तो मैं ने
कहा के मुझे कुछ नही मालूम सर के आप मेरे साथ क्या करते है और कैसे करते
है लैकिन यह आज मुझे पूरे का पूरा चाहिए तो उन्हो ने कहा के प्लेषर ईज़
माइन. हेल्प युवरसेल्फ. आइ आम ऑल युवर्ज़.
पीके सर मुझे नीचे झुका के मेरी चुचिओ को चूसने लगे उफ्फ क्या बताउ कितना
मज़ा आया आज पहली बार मेरी चुचियाँ किसी के मूह मे गयी थी और आज कोई पहली
बार मेरी चुचिओ को चूस रहा था मेरे बदन मे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ने लगी. रूम
भी अंधेरा ही था और बारिश बड़े ज़ोरो की पड़ रही थी कभी जब बिजली कड़क के
चमक जाती तो उसकी रोशनी मे हम एक दूसरे को देख पाते बड़ा रोमॅंटिक महॉल
था. सर का लंड मे एक बार फिर से सख्ती आ गयी थी और वो लोहे जैसा सख़्त हो
गया था और मैं उस के डंडे पे फिसल रही थी और सर मुझे झुका के मेरी चुचिओ
को चूस रहे थे और बोल रहे थे के किट्टू आज तक मेरी वाइफ ने कभी भी मेरे
लंड को नही चूसा था आज तुम ने मेरी वो इच्छा भी पूरी कर दी और मुझे वो
मज़ा दिया है जिसके मैं सिर्फ़ ख्वाब ही देखा करता था यू आर ग्रेट तो मैं
ने कहा के सर आपका पहला ही लंड है जिसे मैं ने अपना हाथ लगाया है और आज
ही फर्स्ट टाइम लंड को चूसने का और मलाई खाने का मज़ा लिया है.
अब हम दोनो लंड और चूत जैसे शब्दो का उपयोग बिंदास कर रहे थे.
अब मेरा शोक और एग्ज़ाइट्मेंट बढ़ता ही चला जा रहा था और अब मेरी चूत सर
के गधे जैसे लंड को अपने अंदर लेने के लिए
बेताब हो रही थी तो मैं घुटनो के बल हो थोड़ा झुक गयी और अपने हाथ से
पकड़ के लंड को अपनी गीली चूत के सुराख मे सेट किया. सर के लंड मे से अब
प्री कम निकलना चालू हो गया था और मेरी गीली चूत के सुराख मे लग रहा था
और सुराख को स्लिपरी बना रहा था. एक बार फिर सर ने मुझ से पूछा किट्टू
तुम्है मालूम है तुम क्या करने जा रही हो तो मैं ने झुक के सर के कान मे
बड़े रोमॅंटिक स्टाइल मे कहा सर मुझे आपके यह मस्त लंड के सिवा कुछ नही
चाहिए आज मेरी चूत को फाड़ ही डालो सर, चोद डालो मुझे और मुझे लड़की से
औरत बना डालो मैं ऐसे लंड पे आपको अपनी चूत की गुरु दक्षिणा देती हू और
धीरे से उनका कान काट लिया और उनके नेक पे किस कर दिया और अपनी ज़ुबान
उनके मूह मे घुसेड दी. मुझे तजुब इस बात का हो रहा था के मैं एक सीधी
साधारण सी लड़की जिसको कभी सेक्स की ऐसी इच्छा कभी नही हुई थी पर पता नही
आज क्या हो गया है मुझे यह मेरी समझ से बाहर था. मैं ने अपना ध्यान पूरा
सर के लंड और अपनी कुँवारी चूत पे लगा दिया. मैं थोड़ा सा अपनी जगह से उठ
गयी और सर के लंड को अपनी चूत के सुराख पे सटा दिया और जोश मे एक दम से
अपना पूरा वज़न उनके लंड पे डाल दिया.
Re: गुरु दक्षिणा compleet
लंड का टेबल टेन्निस बॉल से भी
थोड़ा मोटा सूपड़ा मेरी गीली चूत मे एक झटके से घुस्स गया तो मुझे लगा
जैसे मेरी चूत के अंदर कोई बॉम्ब घुस्स गया हो और चूत के अंदर जलन होने
लगी और मैं चिल्ला पड़ी ऊऊऊऊऊओईईईईईईइ म्म्म्मममममाआआआअ और एक दम से
उनके लंड से उछल गयी तो एक "प्लॉप" की आवाज़ से लंड का मोटा लाल सूपड़ा
चूत से बाहर निकल गया. सर ने कहा किट्टू आराम से अंदर लो जल्दी मत करो तो
मे ने कहा ठीक है सर और एक बार फिर से उनके लंड के डंडे को पकड़ के सूपदे
को अपनी चूत के सुराख मे रख दिया. सूपदे के अंदर घुसने से मेरी चूत का
सुराख अब तक खुल बंद हो रहा था. मैं अब धीरे धीरे लंड पे बैठने लगी और
अपना प्रेशर बढ़ाती रही और लंड का सूपड़ा जो प्री कम के निकलने से और
मेरी गीली चूत के जूस से चिकना हो रहा था एक बार फिर से धीरे धीरे अंदर
घुसने लगा. मेरी आँखें तकलीफ़ से बंद हो गयी थी आँख मे से आँसू निकल रहे
थे और दाँत एक दूसरे से मज़बूती से टाइट हो गये थे और मैं अपना प्रेशर और
बढ़ाती चली गयी तो मुझे लग रहा था जैसे कोई गरम लोहे का डंडा मेरी चूत मे
घुस्स रहा हो और मेरी छोटी सी चूत को काट रहा हो. सर ने मुझे झुका लिया
और बोले के अब आहिस्ता आहिस्ता इतना ही अंदर बाहर करती रहो और थोड़ा
थोड़ा प्रेशर बढ़ाती रहो तो मैने हा मे अपना सिर हिला दिया जो अंधेरे की
वजह से सर को नही दिखा.
सर मुझे झुका के चुचियाँ चूसने लगे और मेरी गंद और पीठ को सहलाते रहे और
मैं 2 इंच अंदर घुसे लंड को ही अंदर बाहर करने लगी. लंड अब मेरी गीली चूत
मे आराम से उतना ही अंदर बाहर हो रहा था पर जितना लंड अंदर घुसा हुआ था
पर मुझे तो आज अपनी चूत सर के कॉम्प्लेट लंड को भेंट करनी थी इसी लिए जोश
मे ज़ोर ज़ोर से एक बार फिर से आगे पीछे स्लिप होती रही और अपना प्रेशर
बढ़ाती रही. जब सर ने देखा के मैं अब कुछ रिलॅक्स हो रही हू और मस्ती मे
आ गयी हू तो उन्हो ने मेरे चूतदो को पकड़ के अपनी गंद उठा के एक ज़ोर का
धक्का मारा तो लंड मेरी चूत मे एक इंच और अंदर घुस्स गया और मैं फिर से
चिल्ला पड़ी ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईईईईईईइ
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और अगर
सर मुझे नही पकड़े होते तो शाएद मैं किसी स्प्रिंग की तरह बाहर उछल पड़ती
लैकिन उन्हो ने मुझे कस्स के पकड़ा हुआ था. सर का लंड तकरीबन तीन इंच
मेरी चूत मे घुस्स चुका था और मुझे लग रहा था जैसे वो पूरा जड़ तक अंदर
घुस्स चुका है तकलीफ़ के मारे मेरी जान ही निकली जा रही थी मेरे माथे पे
पसीने की बूँदें निकल आई थी आँखों से आँसू भी निकल रहे थे लैकिन मैं अपनी
तरफ से बराबर कोशिश कर रही थी पर सर का इतना बड़ा और मोटा खंबे जैसा लंड
अंदर घुस ही नही रहा था. सर धीरे धीरे अपनी गंद उठा उठा के चोदने लगे
मेरा बदन रिलॅक्स होने लगा और मुझे भी थोड़ा थोड़ा मज़ा आने लगा और मैने
जोश मे एक बार फिर से पूरी ताक़त से पीछे धक्का मारा तो लंड कुछ और अंदर
घुस गया और मैं स्प्रिंग की तरह से उछल पड़ी और लंड बाहर निकल गया और एक
दम से मेरी चूत खुल बंद खुल बंद होने लगी. मैं सर के बदन पे गिर पड़ी तो
सर ने मुझे किस करना शुरू किया और मेरी पीठ पे प्यार से हाथ फेरने लगे और
मैं धीरे धीरे शांत होने लगी और एक बार फिर से अपने हाथ को पीछे कर के
लंड को चूत के खुले सुराख से सटा दिया और 4 इंच तक लंड ऐसे ही अंदर चला
गया और सर एक बार फिर से मुझे झुका के किस करने लगे और चुचिओ को चूसने
लगे और मैं लंड पे फिसलने लगी.
क्रमशः...............
थोड़ा मोटा सूपड़ा मेरी गीली चूत मे एक झटके से घुस्स गया तो मुझे लगा
जैसे मेरी चूत के अंदर कोई बॉम्ब घुस्स गया हो और चूत के अंदर जलन होने
लगी और मैं चिल्ला पड़ी ऊऊऊऊऊओईईईईईईइ म्म्म्मममममाआआआअ और एक दम से
उनके लंड से उछल गयी तो एक "प्लॉप" की आवाज़ से लंड का मोटा लाल सूपड़ा
चूत से बाहर निकल गया. सर ने कहा किट्टू आराम से अंदर लो जल्दी मत करो तो
मे ने कहा ठीक है सर और एक बार फिर से उनके लंड के डंडे को पकड़ के सूपदे
को अपनी चूत के सुराख मे रख दिया. सूपदे के अंदर घुसने से मेरी चूत का
सुराख अब तक खुल बंद हो रहा था. मैं अब धीरे धीरे लंड पे बैठने लगी और
अपना प्रेशर बढ़ाती रही और लंड का सूपड़ा जो प्री कम के निकलने से और
मेरी गीली चूत के जूस से चिकना हो रहा था एक बार फिर से धीरे धीरे अंदर
घुसने लगा. मेरी आँखें तकलीफ़ से बंद हो गयी थी आँख मे से आँसू निकल रहे
थे और दाँत एक दूसरे से मज़बूती से टाइट हो गये थे और मैं अपना प्रेशर और
बढ़ाती चली गयी तो मुझे लग रहा था जैसे कोई गरम लोहे का डंडा मेरी चूत मे
घुस्स रहा हो और मेरी छोटी सी चूत को काट रहा हो. सर ने मुझे झुका लिया
और बोले के अब आहिस्ता आहिस्ता इतना ही अंदर बाहर करती रहो और थोड़ा
थोड़ा प्रेशर बढ़ाती रहो तो मैने हा मे अपना सिर हिला दिया जो अंधेरे की
वजह से सर को नही दिखा.
सर मुझे झुका के चुचियाँ चूसने लगे और मेरी गंद और पीठ को सहलाते रहे और
मैं 2 इंच अंदर घुसे लंड को ही अंदर बाहर करने लगी. लंड अब मेरी गीली चूत
मे आराम से उतना ही अंदर बाहर हो रहा था पर जितना लंड अंदर घुसा हुआ था
पर मुझे तो आज अपनी चूत सर के कॉम्प्लेट लंड को भेंट करनी थी इसी लिए जोश
मे ज़ोर ज़ोर से एक बार फिर से आगे पीछे स्लिप होती रही और अपना प्रेशर
बढ़ाती रही. जब सर ने देखा के मैं अब कुछ रिलॅक्स हो रही हू और मस्ती मे
आ गयी हू तो उन्हो ने मेरे चूतदो को पकड़ के अपनी गंद उठा के एक ज़ोर का
धक्का मारा तो लंड मेरी चूत मे एक इंच और अंदर घुस्स गया और मैं फिर से
चिल्ला पड़ी ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईईईईईईइ
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और अगर
सर मुझे नही पकड़े होते तो शाएद मैं किसी स्प्रिंग की तरह बाहर उछल पड़ती
लैकिन उन्हो ने मुझे कस्स के पकड़ा हुआ था. सर का लंड तकरीबन तीन इंच
मेरी चूत मे घुस्स चुका था और मुझे लग रहा था जैसे वो पूरा जड़ तक अंदर
घुस्स चुका है तकलीफ़ के मारे मेरी जान ही निकली जा रही थी मेरे माथे पे
पसीने की बूँदें निकल आई थी आँखों से आँसू भी निकल रहे थे लैकिन मैं अपनी
तरफ से बराबर कोशिश कर रही थी पर सर का इतना बड़ा और मोटा खंबे जैसा लंड
अंदर घुस ही नही रहा था. सर धीरे धीरे अपनी गंद उठा उठा के चोदने लगे
मेरा बदन रिलॅक्स होने लगा और मुझे भी थोड़ा थोड़ा मज़ा आने लगा और मैने
जोश मे एक बार फिर से पूरी ताक़त से पीछे धक्का मारा तो लंड कुछ और अंदर
घुस गया और मैं स्प्रिंग की तरह से उछल पड़ी और लंड बाहर निकल गया और एक
दम से मेरी चूत खुल बंद खुल बंद होने लगी. मैं सर के बदन पे गिर पड़ी तो
सर ने मुझे किस करना शुरू किया और मेरी पीठ पे प्यार से हाथ फेरने लगे और
मैं धीरे धीरे शांत होने लगी और एक बार फिर से अपने हाथ को पीछे कर के
लंड को चूत के खुले सुराख से सटा दिया और 4 इंच तक लंड ऐसे ही अंदर चला
गया और सर एक बार फिर से मुझे झुका के किस करने लगे और चुचिओ को चूसने
लगे और मैं लंड पे फिसलने लगी.
क्रमशः...............