lesbian sex story - सुनीता के साथ लेस्बियन अनुभव

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sexy
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lesbian sex story - सुनीता के साथ लेस्बियन अनुभव

Unread post by sexy » 03 Mar 2016 19:10

चूत और लंड के प्रेमी दोस्तों को नरगिस का सलाम…आज मैं आप लोगो के लिए पेश कर रही हूँ अपने कोलेज के वक्त टूर के दौरान मैंने किये हुए लेस्बियन सेक्स की एक खास स्टोरी ! यह देसी सेक्स मैंने सुनीता के साथ किया था, सुनीता मेरे क्लास की ही लड़की थी और वह दिखने में बहुत सेक्सी थी | उसकी उम्र तब मेरे जितनी ही 21 के करीब थी और उसके बड़े तगड़े स्तन किसी भी मर्द के लंड को हिला देने की काबेलियत रखते थे | सुनीता हमारे क्लास के हरामी मनीष के साथ सेट थी और मनीष ने दिए धोके के चलते वो लेस्बियन सेक्स की तरफ ढल चुकी थी, यह बात मैंने सुनी थी लेकिन मुझे इसका अहसास तब हुआ जब उसने इस लेस्बियन सेक्स के दाव मेरे साथ किये…!
सेक्सी स्तन देख मेरी चूत गीली होने लगी

हम लोग मुंबई से गोवा और माथेरान के टूर पर निकले थे, स्लीपर बस थी और एक डबल स्लीपर में मेरा और इस सेक्सी स्तन की मालिकिन सुनीता का नंबर आया था, सुनीता ने पूरा दिन मुझ से जरा भी बात नहीं की और वोह पुरे रास्ते खिड़की के बहार ही देखती रही, वैसे मैं भी उससे बात करने के लिए थोड़ी मरी जा रही थी | माथेरान देख कर उस रात हम गोवा जाने के लिए बस में बैठे, रात का माहोल था इस लिए ठंडी भी लग रही थी | मैंने अपनी चद्दर निकाली और मैं उसे मुहं तक खिंच के लेट गई, सुनीता ने स्लाइडर खिंचा और अब इस डबल स्लीपर को बंध कर दियां, अब हम बस से लगभग दूर हो चुके थे, क्यूंकि हम अंदर से दरवाजा बंध कर लें तो फिर बहार वाले अंदर क्या हो रहा है वोह नहीं जान सकते | बस अपनी मंद गति से चल रही थी और मुझे कब नींद लग गई यह पता भी नहीं चला, मैं थोड़ी देर में ही सो गई | रात को लगभग 2 बजे मेरी नींद प्यास लगने से खुल गई, मैंने पानी का बोतल लिया और सोने लगी, तभी मैंने पड़ोस में सोई सुनीता के सेक्सी स्तन देखे, मेरे बदन में इन बड़े बड़े स्तन को देख के आग लगने लगी | वैसे मैं लेस्बियन नहीं हूँ पर उस दिन वह स्तन मेरे चूत का पसीना निकाल रहे थे | मैं सोचने लगी की जगह और वक्त और सुनीता भी अच्छी है, अगर सही टाइमिंग लगाया तो यह स्लीपर बस में लेस्बियन सेक्स हो ही सकता है |

मैं यह सोचते सोचते ही लेट गई और फिर मैंने अपना दाव अजमाना चालू कर दिया, पांच मिनिट तक मैं सोने का नाटक करती रही और फिर उसके बाद मैंने अपना हाथ धीमे से सुनीता की गांड पर अड़ा दिया, उसकी गरम गरम गांड बहुत ही सेक्सी और बड़ी थी जैसे की छोटा सा मटका | सुनीता थोड़ी हिली पर उसने मेरा हाथ हटाया नहीं, उसकी अंदरकी पेंटी का रबर मेरे हाथ को छू रहा था और मैं धीमे से हाथ को गांड के उपर दबाने लगी | 2-3 मिनिट तक मैं हाथ वही गांड के उपर दबाती रही और मुझे यकीन हुआ के सुनीता जाग ही रही है क्यूंकि अगर वोह सो रही होती तो हाथ के दबाने से कम से कम वह एक दो बार हिलती तो जरुर…! सुनीता भी शायद देसी सेक्स एक्शन के लिए तैयार ही थी, मैं अब अपना हाथ धीमे से सुनीता की गांड से निचे सरकाया और उसकी चूत की तरफ कर दिया…! अहेतियात के लिए मैंने हाथ को पहेले थोड़ी देर उपर उपर ही फेरा लेकिन जब सुनीता ने कोई संवेदना नहीं बताई तो मैं अपना हाथ उसकी चूत पर धीमे धीमे मलने लगी…..!

पहेली बार सुनीता हिली और उसने मेरा हाथ के ऊपर अपना हाथ रख के उसे अपनी चूत के ऊपर दबा दिया, मेरा शक सही निकला वह जाग ही रही थी, मैंने भी अब खुल के उसकी चूत पर हाथ मलना शरू कर दिया सुनीता अब मेरा हाथ जोर से अपनी चूत के उपर दबा रही थी और उसका दूसरा हाथ उसके स्तन को मसाज दे रहा था, उसके 38 के स्तन बहुत ही सेक्सी लग रहे थे जब वह उन्हें मल रही थी | मैंने भी इन चुन्चो को मलने के लिए चूत से हाथ हटाया और इन देसी बूब्स पर अपना हाथ फेरने लगी, सुनीता ने धीमे से अपनी टी-शर्ट को ऊँचा किया और उसके हटते ही उसकी गुलाबी ब्रा में तरबुच जैसे लटकते हुए उसके देसी स्तन देखकर मेरी चूत में जैसे की एक सनसनी दौड़ गई, मेरे दोनों हाथ अब उसकी ब्रा उतारने लगे और ब्रा खुलते ही यह भारी स्तन बस के अँधेरे में जैसे की चमक रहे थे | सुनीता ने मेरी टी-शर्ट और ब्रा खिंच ली और इसके बाद हम दोनों ने अपनी पेन्ट्स भी उतार दी, मेरा मन इन सेक्सी स्तन को बस चूसने के लिए उतावला हो रहा था, मैंने सुनीता को लिटा दिया और मैं उसके उपर आ गई, मैंने उसके होंठो से अपने होंठ लगाये और हम दोनों ही एक पेशन भरा कीस करने लगे, उसके होंठ और जीभ को मैं जोर जोर से चूस रही थी, बस कभी कभी खड्डे में गिरती और हमारे सर धीमे से टकरा जाते थे |

सुनीता की साँसे फूलने लगी और वह हल्के हल्के मोन भी कर रही थी, मैंने उसे हाथ से इशारा किया की वोह आवाज ना करे, अब मैं उसकी चूत की तरफ गई और मैंने उसकी दोनों टाँगे फेला दी | एक टांग मैंने बस की खिड़की की रोड पर रखी और दूसरी स्लाइडर दरवाजे के पास | मैंने अपनी बड़ी ऊँगली अब उसके चूत के उपर रगड़ी और धीमे से उसे चूत के अंदर कर दी, सुनीता के मुहं से आह आह निकल रहा था, मैं अब निचे झुकी और मैंने सुनीता के चूत के होंठो से अपने मुहं को लगाया और धीमे से उसको एक चुम्मा दे दिया | सुनीता की चूत पर मेरे होंठ छूते ही वोह जैसे की उछल पड़ी और उसने मेरे मस्तक को पीछे से पकडकर अपने चूत पर दबा दिया, वो अपने दोनों हाथ से अपने स्तन सहलाने लगी और अपने बड़े स्तन की छोटी छोटी निपल्स को मुहं में डालने की नाकाम कोशिश करने लगी | मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में फेरना शरु कर दिया और साथ ही मैं अपने स्तन पर हाथ फेर रही थी | यह मेरा पहेला लेस्बियन सेक्स था और इसका रोमांच किसी भी तरह रेग्युलर सेक्स से कम नहीं था | सुनीता की चूत बहुत ही रस भरी थी और मुझे उसकी चूत चाटने में एक अलग ही मजा आ रहा था | सुनीता की चूत लगभग 3-4 मिनिट चाटने के पश्चात शायद वोह स्खलित हो गई और उसने मुझे ऊँचा किया….!

अब मेरी बारी थी चूत चटवाने की, सुनीता ने मुझे बिलकुल वैसे ही लिटाया और वही अंदाज से वह मेरी चूत चाटने आ पहुंची, मैंने अपनी टाँगे खोल दी और सुनीता अपनी जीभ मेरे चूत के होंठो पर फेरने लगी, ओह माय गॉड यह तो अलग़ ही उत्तेजना थी क्यूंकि उसकी जीभ जब जब मेरे पूस्सी लिप्स को अडती मेरे बदन में जैसे की करंट दौड़ जाता था….मेरे झांग के ऊपर सुनीता के झूलते हुए स्तन का टच होता था और माहोल बहुत ही गर्म था, मैं सुनीता के मुकाबले बहुत जल्दी झड़ गई और सुनीता और मैं दोनों कपडे पहन कर सो गए..यह पूरी टूर में हम दोनों को बाद मैं इस लेस्बियन एक्ट का समय नहीं मिला क्यूंकि इसके बाद हमने नाईट जर्नी नहीं की…लेकिन टूर से आने के बाद मैं और सुनीता अक्सर लेस्बियन एक्ट करती रही है…और कभी कभी किसी लड़के को ला के थ्रीसम भी कर लेते है…नरगिस खान का वादा है की आपको ऐसी एक थ्रीसम कहानी जरुर पेश करेगी…दोस्तों हमारे साईट की लोकप्रियता और उसके रीडर बेज को बढाने में कृपया हमारी मदद करे और इस साईट को अपने दोस्तों को रेकोमेंड करे|

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