ईशा की दीदी के कारनामें

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ईशा की दीदी के कारनामें

Unread post by sexy » 01 May 2016 12:00

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम ईशा है और मैं एक छोटे से शहर – उदयपुर की रहने वाली हूँ. ये sex story in hindi मेरी दीदी की कहानी है जिन्होंने अपनी जवानी के भरपूर मज़े लिए, मैं उन सबकी साक्षी थी. शुरुआत होती है एक lesbian sex story से..

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अब मैं, एक मेट्रो सिटी में रहती हूँ.

मेरी उम्र, 22 की है.

फिगर – “32 28 34” है.

रंग गोरा है.

मैंने इसी साल, बी सी ए पूरा किया है.

मेरी कहानी की शुरूवात, 12 वी की क्लास से हुई थी.

सो, मैं वहीं से स्टार्ट करती हूँ.

मेरे डैडी, दुबई में जॉब करते हैं और मेरी मम्मी रेलवे में क्लर्क हैं.

मेरी एक दीदी भी है, जो अब 32 की है और उसके अब 2 किड्स भी हैं.

सो, बात उन दिनों से स्टार्ट हुई, जब मैं 11 वी या 12 वी में थी और मेरी दीदी 21 की.

मेरी दीदी, काफ़ी सुंदर थी और अब भी है और आज भी मेरी रोल-मॉडेल है.

दीदी, जब जवान रही तो काफ़ी लोचे भी रहे.

मैंने सेक्स के बारे में, उससे काफ़ी कुछ जाना.

मम्मी के दफ्तर जाने के बाद, वो फोन पर अपने बॉय फ्रेंड से काफ़ी गंदी-गंदी बातें किया करती थी.

मुझे काफ़ी अजीब फील होता था की मेरी दीदी, ये कैसी कैसी बातें करती है और अब वही बातें, मेरी लाइफ का एक हिस्सा बन चुकी हैं.

आगे हुआ यूँ की हमारे एक न्यू पड़ोसी आए.

वो, एक “कपल” था.

राजन (32) और रुपाली आंटी (27).

दोनों काफ़ी सुंदर थे, किसी फिल्मी कपल की तरह.

दीदी को राजन अंकल, काफ़ी पसंद आ गये.

उन्होंने, रुपाली आंटी से फ्रेंडशिप कर ली.

कुछ ही दिनों में उन दोनों मे काफ़ी अच्छी फ्रेंडशिप हो गई.

दीदी को रुपाली आंटी की संगत ने काफ़ी बिगाड़ा.

रुपाली, दीदी को ब्लू फिल्म्स की सी डी देती थी और दीदी उन्हें, घर पर आकर देखती थी.

अब तो ये रोज का ही शेड्यूल बन गया था.
isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

मेरी दीदी कमाल की है

एक दिन, मैंने वो दीदी को देखते हुए देखा तो दीदी थोड़ी परेशान हुई की कही मैं मम्मी से बता ना दूँ पर उन्होंने मुझे मना लिया और उसके बाद, हम दोनों रोज साथ मे फिल्म देखने लगी.

दीदी ने मुझे चूत में उंगली करने के बारे में बताया.

सो, हम दोनों रोज ब्लू फिल्म देखती थी और साथ में फिंगरिंग करके मज़े लेती थीं.

कुछ दिनों बाद, मम्मी को शादी में गाँव जाना पड़ा.

डैडी तो दुबई में ही थे.

रुपाली आंटी ने कहा की वो हम दोनों का ख़याल रखेगी और साथ ही रहेगी.

सो, मम्मी को चिंता मुक्त होकर जाने मे कोई प्राब्लम नहीं हुई.

रुपाली आंटी “साँवली” थी पर काफ़ी सुंदर थी.

काफ़ी सेक्स अपील था, उनमें.

वो अपने साथ, कुछ कपड़े भी लेकर आ गई.

उन्होंने दीदी से इशारों – इशारों में मेरे बारे में कुछ पूछा तो दीदी ने कहा – ईशा के बारे में चिंता ना करो, रुपाली दीदी…

रात में डिनर के बाद, हम तीनों एक ही रूम मे सोने आए.

रुपाली आंटी, मेरे से कुछ हेज़िटेट कर रही थी.

दीदी ने उनको बाद में मुझसे खोला.

फिर उन्होंने, एक ब्लू मूवी ली और उसे सी डी प्लेयर में लगाकर प्ले किया.

क्या मस्त सी डी थी.

उसमें एक लड़की थी और 6 लड़के.

तीन लड़के, एक साथ उस लड़की के मुँह, गांड और चूत में ज़ोरदार धक्के लगा रहे थे.

दीदी, अपने बूब्स खुद ही मसल रही थी.

मेरा भी बुरा हाल था.

रुपाली आंटी, काफ़ी शांत थी और हम दोनों को देख रही थी.

दीदी ने आंटी की तरफ देखा तो आंटी ने पूछा – ईशा किसी से कह तो नहीं देगी ना… ??

दीदी ने कहा – ईशा की चिंता ना करो… ये 12 वी क्लास की है पर काफ़ी समझदार है… मेरी प्यारी सी छोटी बहन है ये…

ये बोल के दीदी ने मेरी स्कर्ट उतार दी.

मैं छोटी सी स्कर्ट और सैंडो पहनी हुई थी.

अगले दिन शनिवार और रविवार था. नो स्कूल.

उसके बाद, दीदी ने मेरी चड्डी भी उतार फेंकी.

मेरी नंगी, कुँवारी, चिपकी हुई चूत सामने थी.

मुझे दीदी से कोई प्राब्लम नहीं थी पर आंटी से थोड़ी शरम महसूस हुई पर दीदी ने मुझे इसका टाइम नहीं दिया.

दीदी ने मेरा हाथ आंटी की गोद में दे दिया और मेरी चूत में जीभ डाल कर, सक करने लगी.

मेरी चूत पर उस टाइम तो बाल मतलब कहना चाहिए “झांटें” नहीं आए थी.

हल्के हल्के, रुएदार बाल थे.

आंटी ने कहा – ईशा तो एकद्म मस्त आइटम है… जाने कितनो को घायल करेगी…

दीदी ने कहा – हाँ की नहीं, बहना…

अब आंटी ने मेरी सैंडो भी निकाल फेंकी.

आंटी ने दीदी से मेरी न्यूड पिक्चर्स लेने की रिक्वेस्ट की और थोड़ा मनाने के बाद, दीदी भी मान गई.

उन दोनों ने उस रात, मेरी हर तरह से काफ़ी न्यूड पिक्चर्स लिए.

मेरे कलेक्शन में, वही न्यूड पिक्चर्स मेरी लाइफ के बेस्ट न्यूड पिक्चर्स हैं.

एक घंटे तक मेरी न्यूड पिक्चर्स लेने के बाद, आंटी और दीदी दोनों नंगी हुई.

मैं उन दोनों के बदन को निहारती रह गई.

दीदी तो थी ही गोरी 5.5 फीट “34 28 36” की और आंटी साँवली 5.7 फीट “36 30 38” बहुत ही कामुक और लॉट ऑफ सेक्स अपील.

थोड़ी देर तक, उन दोनों ने लेज़्बीयन सेक्स किया.

एक दूसरे को किस्सिंग करते हुए दीदी के मुंह से आवाज़ आई – आज, सहन के बाहर हो गया है… मेरे लिए, लण्ड का इंतज़ाम करवा दो ना, दीदी…

आंटी ने बोला – पगली, उंगली से ही शांत हो जा… पर दीदी ने बोला – आज तो लण्ड चाहिए ही चाहिए…

आंटी ने बोला – ठीक है… कुछ करती हूँ… बुला ले, अपने कॉलेज के दोस्तों को, फोन कर के…

दीदी ने नंबर दिया.

आंटी ने नंबर लिया और अपने मोबाइल से कुछ लड़कों को रिंग किया और उनसे कामुक बातें की और तुरंत मिलने को बुलाया.

2 लड़के, आने को तैयार हो गये.

फिर आंटी ने अपने हसबैंड को बुलाया.

मुझे अंदर रूम में शिफ्ट कर दिया गया और बाहर से मेरा रूम भी लॉक कर दिया गया.

उस रूम से, मैं सब कुछ लगी हुई विंडो से देख सकती थी.

मैं रूम की लाइट बुझा के उन लोगों का वेट करने लगी.

10 मिनिट बाद, राजन अंकल आए.

रुपाली आंटी ने डोर खोला.

राजन ने पूछा – इतनी रात में क्यों बुलाया… ??

आंटी ने आँख मार के, कुछ इशारे से समझाया.

खैर, राजन अंकल रूम में आए और दीदी के साथ सोफे पर बैठ गये.

(उस टाइम तक, हम सबने कपड़े पहन लिए थे.)

10 मिनिट बाद, आंटी ने अंकल और दीदी को बेडरूम में जाकर वेट करने को कहा.

वो दोनों, बेडरूम में आ गये तभी डोर बेल बजी.

आंटी ने डोर ओपन किया तो 2 खूबसूरत लड़के एंटर हुए.

लगभग 6 फीट लंबे, मस्क्युलर..

आंटी ने उनसे बोला – बेडरूम में एक कॉलेज गर्ल, उनका वेट कर रही है… जो उन्हीं के कॉलेज से है और एंट्री फीस सिर्फ 10,000/- है… इतना अमाउंट दो और फुल नाइट, उसको चोदो…

वो दोनों लड़कों को यकीन नहीं हुआ.

वो बोले – हमें उस लड़की को पहले देखना है…

आंटी ने बोला – पैसे हाथ में दो और अंदर जाओ… विश्वास करो, अगर मेरी बात सच ना निकले तो मेरी चूत मार लेना… जैसे भी चोद ना… मैं मना नहीं करूँगी…

दोनों लड़कों ने एक दूसरे को देखा और आंटी से 10 मिनिट का टाइम लिया.

मेरे घर के पास ही ए टी एम है.

वो लोग जल्द ही, ए टी एम से 20000/- लेकर आए और आंटी को दे दिए.

आंटी ने फिर फ्रंट डोर लॉक किया और उन दोनों लड़कों को अंदर ले गई.

जब उन दोनों लड़कों ने दीदी को देखा तो शॉक्ड रह गये!!!

आंटी ने दीदी से बोला – मेरा हसबैंड भी आ गया और तेरे यार, 2 लण्ड भी आ गये… अब हम सब मज़े करेंगे…

राजन अंकल, आंटी का खेल समझ गए.

आंटी अंकल के पास गई और सब की नज़र बचा कर उनकी पैंट मे 20,000/- रुपए डाल दिए.

फिर, राजन अंकल ने सी डी प्लेयर चालू किया और आंटी के कपड़े उतारने लगे.

2 मिनट में ही, रुपाली आंटी पूरी नंगी हो गई.

इसे देख कर, उन दोनों लड़कों का हेसिटेशन टूटा और उन्होंने दीदी के कपड़े उतारने स्टार्ट किया.

दीदी ने थोड़े ना – नुकुर करने के बाद, अपने पूरे कपड़े उतार दिए.

फिर राजन अंकल ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए..

उनके कपड़े उतरते ही, हम सब सन्न रह गये.

बाप रे बाप!!

क्या लण्ड था, 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा..

एकदम काला सा..

आंटी ने आगे आ कर, उन दोनों लड़कों के भी सारे कपड़े निकाल दिए.

उन दोनों का भी लण्ड काफ़ी तना हुआ था.

6-7 इंच का और 1.5 इंच मोटा…

आंटी ने कहा – अब तुम दोनों भी शुरू हो जाओ…

राजन अंकल का लण्ड, रुपाली आंटी मुंह मे लेकर चूसने लगी.

दीदी ने भी एक का लण्ड, मुंह में लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.

कुछ ही देर में वो, उसकी एक्सपर्ट हो गई.

आंटी ने दीदी का गला बेड के नीचे किया और इससे उसका लण्ड दीदी के गले तक जा रहा.

मैंने देखा, दीदी की आँखों में खुशी और कामुकता दोनों थी.

एक लड़का, राजन अंकल के साथ बेड पर चढ़ा और राजन अंकल ने दीदी की दोनों टाँगों को खोल दिया.

अब दीदी की ट्रिम्ड अप चूत, उन दोनों के सामने थी और आंटी दीदी की बॉडी को बेड के नीचे से सपोर्ट कर रही थीं.

फिर दूसरे लड़के ने, अपना लण्ड मुण्ड दीदी की चूत पर 2 मिनट रगड़ा.

2 मिनट में ही, दीदी काफ़ी गरम हो उठी और अपने हिप्स उपर उठाकर लण्ड अंदर लेने की कोशिश करने लगी.

फिर उस लड़के ने उपर से धक्का दिया और 4-5 धक्कों के बाद ही, लण्ड पूरा अंदर चला गया.

फिर उसने तेज़-तेज़ धक्के मारने शुरू किए.

दीदी भी नीचे से हिप्स हिला हिलाकर उन धक्कों के मज़े लेने लगी.

फिर मुंह में लण्ड डाले हुए लड़के ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और दीदी की चूत की चुदाई का प्रोग्राम देखने लगा.

2 मिनट बाद, उसने दीदी को 2 करारे तमाचे मारे.

हम सब सन्न रह गये.

उसने दीदी को काफ़ी गालियाँ दी – रंडी, साली, कुतिया, तेरी मां की चूत, बहन की लौड़ी, वगेरह.

थोड़ी ही देर मे, दीदी की चूत मे पंप करता हुआ वो लड़का स्खलित हुआ.

अब उसकी जगह, इस अब्यूज़िंग लड़के ने ले ली.

वो गालियाँ बकता हुआ गया और दीदी को लगातार 10 मिनट बिना रुके ज़ोर ज़ोर से चोदता रहा.

साथ ही, उसने दीदी को दुबारा गाल पर 10 मिनट तक कई बार तमाचे मारे.

दीदी मार खाते हुए, चुपचाप चूत मरवाती रही पर उसने एक बार भी मना नहीं किया.

इधर आंटी मिशनरी पोज़ मे दीदी के बगल में लेट कर अंकल से चुद रही थी और दीदी को सपोर्ट कर कर रही थी.

रात बार, उन दोनों लड़कों ने दीदी को बस मिशनरी पोज़ मे 1-1 करके चोदा.

सुबह मे 4 बजे, उन दोनों लड़कों को आंटी ने जाने को कहा और वो दोनों चले गये और आंटी न उनसे बोला – बिना इन्वाइट किए, मत आना..

दीदी ने आंटी से बोला – मुझे राजन जीजू का भी लेना है…

राजन अंकल, खुद ही बोल पड़े – इसके लिए मेरी कुछ शर्तो को मानना होगा और दीदी के कान में कुछ बोला.

दीदी ने सिर हिला कर “हाँ” बोल दिया…

राजन अंकल ने दीदी के कानों में कुछ कहा तो दीदी ने मुस्कुरा के हाँ कह दिया और पेट के बल, बिस्तर पर लेट गई.

अंकल ने दीदी के पेट के नीचे 2 पिलो रख दिए तो अब दीदी की गाण्ड उँची हो गई और उसका छेद भी अब क्लियर दिखने लगा.

रुपाली आंटी समझ गई की उनके हसबैंड, अब दीदी की गाण्ड मारना चाहते हैं.

—————क्रमशः—————

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Re: ईशा की दीदी के कारनामें

Unread post by sexy » 01 May 2016 12:01

2 लडको से बेरहम चुदाई के बाद भी दीदी की भूख शांत नही हुई थी. उन्हें राजन अंकल का लंड भी लेना था. पर राजन अंकल का कुछ और ही इरादा था. पढ़िए इस ज़ोरदार sex story hindi का अगला भाग–

Hindi Sex Story के अन्य भाग-

पार्ट 1

पार्ट 2

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राजन अंकल, खुद ही बोल पड़े – इसके लिए मेरी कुछ शर्तो को मानना होगा और दीदी के कान में कुछ बोला.

दीदी ने सिर हिला कर “हाँ” बोल दिया…

राजन अंकल ने दीदी के कानों में कुछ कहा तो दीदी ने मुस्कुरा के हाँ कह दिया और पेट के बल, बिस्तर पर लेट गई.

अंकल ने दीदी के पेट के नीचे 2 पिलो रख दिए तो अब दीदी की गाण्ड उँची हो गई और उसका छेद भी अब क्लियर दिखने लगा.

रुपाली आंटी समझ गई की उनके हसबैंड, अब दीदी की गाण्ड मारना चाहते हैं.
उन्हें तो जैसे, कोई ऐतराज़ ही नहीं था.

मैं ये सोच के भी उस समय हैरान थी.

मतलब बीवी, अपने पति को किसी और लड़की की गाण्ड मारते अपनी आँखों से देखेगी.

यहाँ, अंकल ने दीदी की गाण्ड पर थूक गिराया और उससे दीदी की गाण्ड के छेद पर लगा कर, ऊपर ही ऊपर से दीदी की गाण्ड के छेद की मालिश करने लगे. (इससे गाण्ड का छेद थोड़ा बड़ा हो जाता है और थोड़ा चौड़ा भी, जिससे लण्ड आराम से अंदर चला जाता है.)

अब मुझे ये पता है.

उस टाइम मे ये सब बातें, नहीं समझ सकती थी.

मैं उस समय, केवल 12 वी क्लास में थी.

मैं ये सब बगल के रूम से रात भर देख रही थी.

थोड़ी देर तक, अंकल ने गाण्ड के छेद पर ही थुका और बाहर ही बाहर, छेद पर उस थूक को मलते रहे.

फिर उन्होंने एक बार गाण्ड के छेद पर काफ़ी ज़्यादा थुका और एक उंगली दीदी के गाण्ड के छेद मे सरका दी.

दीदी को थोड़ी परेशानी हुई पर एक मिनट में ही वो नॉर्मल हो गई.

फिर 5 मिनट तक, अंकल ने दीदी की गाण्ड के छेद में एक उंगली से मालिश की और उसके बाद एक बार फिर काफ़ी सारा थूक गिराया और दो उंगलियाँ अंदर डाली.

दीदी को फिर से थोड़ी परेशानी हुई पर 2-3 मिनट मे ही, वो नॉर्मल हो गई.

राजन अंकल ने रुपाली आंटी से बोला की अब इसको कस के पकड़ लो…
isha ki didi ke kaarname sex story hindi

मेरी दीदी की कातिल काया

आख़िर, ये इसका गाण्ड में पहली टाइम जो है.

आंटी बेड पर चड़ी और दीदी की पीठ पर अपना पूरा वेट दे कर बैठ गई.

उसने पीछे से दीदी के दोनों हाथ भी पकड़ लिए.

अब दीदी, हिल भी नहीं सकती थी.

राजन अंकल ने दीदी की दोनों टाँगों को पकड़ कर, पूरा अलग किया और दीदी की गाण्ड के चीक्स को भी दोनों हाथ से पकड़ कर दोनों साइड मे ज़ोर लगा कर अलग करने लगे.

दीदी को ऐसा लगा की उनकी गाण्ड, बीच से अलग हो जाएगी पर अंकल को इसका बहुत तजुर्बा है.

फिर उन्होंने आंटी और खुद के मुंह से अपना थूक अपनी हथेली में लिया और दीदी की गाण्ड के छेद में लगा कर, वहाँ पर मालिश करने लगे.

थोड़ी ही देर मे, दीदी को मज़ा आने लगा और दीदी नीचे से गाण्ड उठा उठा कर ऊपर करने लगी.

अब अंकल समझ गये की दीदी पूरी जोश में है और गाण्ड मरवाने तो तैयार है.

राजन अंकल ने फिर अपने लंबे 8 इंच के काले हिलते हुए लण्ड पर थूक लगाया और दीदी के गाण्ड के छेद पर लगाया और दीदी की गाण्ड में 1 ही धक्के मे 4 इंच अंदर कर दिया.

दीदी बुरी तरह चीखने लगी तो उनकी पीठ पर बैठी, आंटी ने दीदी को शांत कराया.

फिर दीदी की गाण्ड में फँसे लण्ड पर आंटी ने अपना थूक गिराया और दीदी की गाण्ड में धीरे धीरे आगे पीछे करने लगे.

थोड़ी ही देर में, दीदी का गाण्ड के छेद अंकल के लण्ड का आदि हो गया तो दीदी नीचे से अपनी गाण्ड को ऊपर की और धक्का मारने लगी.

अंकल ने ये देख कर, अपना लण्ड थोड़ा और अंदर कर दिया.

6 इंच अंदर जाकर ऐसा लगा की लण्ड और अंदर नहीं जा पाएगा.

दीदी ने अंकल और आंटी से बोला – अब नहीं जाएगा… तो आंटी बोली – ठीक से घुसाया जाए तो गाण्ड में घोड़े का 18 इंच का भी लण्ड घुसाया जा सकता है, मेरी कामिनी…

दीदी ने उसी पोज़ में आंटी को चैलेंज मारते हुए कहा – अगर आप और अंदर घुसा सको, तो जो बोलो वो करूँगी…

आंटी ने बोला – तो फिर देख तमाशा…

आंटी ने दीदी की पीठ पर बैठे हुए ही दीदी की गाण्ड की पोज़ थोड़ी और उँची की और दीदी की चूत और उनकी गाण्ड (माउंटन ऑफ वीनस) को सहलाया और उनका सीधा पैर ऊपर ले जाकर, दीदी के सिर से मिला दिया.

(इस पोज़ में लण्ड और अंदर तक चला जाता है. लड़कों और लड़कियों को ये पता है.)

आंटी ने दीदी को इस पोज़ में किया और अंकल को इशारा किया, तो अंकल ने दीदी की गाण्ड से लण्ड को पूरा बाहर निकाल कर एक ही धक्के में लण्ड पूरा 8 इंच अंदर तक डाल दिया.

दीदी की आँखों के सामने, अंधेरा छा गया.

(ऐसा कभी कभी हो सकता है पर नो प्राब्लम इन इट.)

दीदी को 2-5 मिनट लगे, नॉर्मल होने मे.

आंटी दीदी के छेद की मालिश करती रही.

5 मिनट में, जब सब कुछ नॉर्मल हो गया तो अंकल ने ऊपर से ही धीरे धीरे धक्के मारने स्टार्ट किया.

दीदी की गाण्ड से अब “छीछी” भी अंकल क लण्ड के साथ बाहर आ रहा था.

जब “छीछी” बाहर आने लगा तो दीदी को ज़्यादा मज़ा आने लगा.

दीदी ने चीख के कहा – रुकना मत…

अंकल ने अपनी स्पीड धीरे धीरे तेज़ कर दी और 10 मिनट तक दीदी की गाण्ड को चोदने के बाद, वो दीदी की गाण्ड में ही वीर्य निकाल कर दीदी के ऊपर गिर कर अपनी साँसे दुरुस्त करने लगे.

आंटी ने अब सबको छोड़ दिया था और वो किचन में खाना बनाने चली गई थी.

5 मिनट बाद, अंकल और दीदी दोनों उठे और देखा बिस्तर पर थोड़ा सा ब्लड और छीछी भी थी.

अंकल ने बेडशीट को बाथरूम में फेंका और अपने कपड़े पहने और दीदी और अपनी वाइफ से “बाइ” बोल कर, अपने घर पर फ्रेश होने निकल पड़े.

उनके जाने के बाद, मैं अपने रूम से निकली ओर फ्रेश हुई.

मुझे याद है, उसके अगले दिन से मेरा महीना भी चालू हो गया.

दीदी भी फ्रेश हुई और फिर आंटी भी.

आंटी ने हम सबको खाना बना कर खिलाया.

मैंने देखा, उस दिन दीदी काफ़ी खुश थी.

मुझे तब ज़्यादा कुछ समझ नहीं आया पर आज समझ सकती हूँ.

सेक्स, इस अ मिराकल !!!

इससे ज़्यादा मज़े देने वाली चीज़, इस वक़्त दुनिया में कुछ भी नहीं है.

लोग चाहे इसकी जितनी भी बुराई कर लें पर हम सब, काफ़ी हद तक सेक्स के गुलाम हैं और हमेशा रहेंगे.

ये बात मुझ पर और सभी औरतों पर समान रूप से लागू है.

फिर, खाना खाने के बाद मैं, दीदी और रुपाली आंटी सो गये.

लगभग 3 बजे पर, हम तीनों लोग थोड़ी थोड़ी देर के अंतराल पर उठे.

थोड़ा नाश्ता किया और फिर इसके बाद, मम्मी का फोन आया तो पता चला की वो एक महीने बाद आएँगी, ज़मीन का कुछ काम संभाल कर और वो अपने गाँव ठीक- ठाक पहुँच गई हैं.

हम सबने खास तौर पर दीदी, ने भगवान को धन्यवाद बोला.

आंटी ने दीदी से पूछा – कामिनी, कल रात मज़ा आया था की नहीं… ??

(कामिनी, मेरी दीदी का नाम है.)

दीदी ने बोला – हाँ रुपाली दीदी, काफ़ी मज़ा आया पर मुझे और चाहिए… आज की रात का भी कुछ इंतज़ाम करो ना… ??

आंटी ने बोला – कामिनी, बोल तो तेरे आशिकों को ही…

दीदी ने बोला – नहीं, रुपाली दीदी… मैं उन को टेस्ट कर चुकी हूँ… अब कुछ नया चाहिए…

रुपाली ने बोला – ठीक से सोच लो और बोलो… तुम्हारे राजन जीजू के दफ्तर के दोस्तो को बुला दूँ…

दीदी ने आंटी से बोला – ठीक है… जैसा आप, ठीक समझो…

मैं उस टाइम, वहीं पर थी.

उन दिनों स्कूल में गरमी की छुट्टियाँ चल रही थीं और मैं दीदी के रंडीपने पर शॉक्ड थी.

आंटी ने अपने हसबैंड, राजन अंकल को फोन मिलाया और दीदी की विश के बारे में बताया तो अंकल ने बोला – ठीक है… शाम को देख लेंगे… दफ्तर के बाद…

आंटी ने फोन रख दिया और दीदी को बोला – शाम को फिर से चुदने को तैयार हो जाओ… मैं शाम को यहाँ नहीं रह सकती… उनके दफ्तर के कुछ दोस्त आ रहे हैं, तुम्हें चोदने… कोई प्राब्लम तो नहीं है…

दीदी ने बोला – इसमें प्राब्लम जैसी कोई बात ही नहीं है… आप जाओ और ईशा को भी अपने साथ लेते जाना नहीं तो पता चला की वो लोग, मेरे साथ साथ इसकी भी बजा देंगे… अभी छोटी है, बेचारी…

आंटी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा – ओह हाँ… बिल्कुल… मैं तो ईशा के बारे में भूल ही गई थी…

ये बोल कर, आंटी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया.

उसके बाद, हम सब एक मूवी देखने लगे और शाम का वेट करने लगे.

6.30 पी एम पर रुपाली आंटी, मुझे अपने घर लेकर चली आई और दीदी ने हम लोगों के जाने के बाद, पीछे से बंद कर लिया.

मैं रुपाली आंटी के यहाँ पहुँची तो दीदी को लेकर थोड़ा वरीड थी.

आंटी ने पूछा – क्या हुआ, ईशा… ??

मैंने बोला – कहीं वो लोग, दीदी को मार तो नहीं देंगे ना… ??

आंटी ने बोला – ऐसा कुछ नहीं होगा, देखना… तुम्हारी दीदी आज की रात काफ़ी एंजाय करेगी…

मैं संतुष्ट नहीं हो सकी की आंटी की बात पर यकीन करूँ की नहीं, पर मैं उस टाइम कर भी क्या सकती थी और मुझे भी ये सब ठीक नहीं लग रहा था.

वेट करते करते 8:30 हो गये और मुझे लगा की आज की रात का तो दीदी का प्रोग्राम कैंसिल हो जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं.

ठीक 8:30 बजे पर, हमारे घर पर एक टाटा सफ़ारी आई और उसमें से राजन अंकल के साथ उनके 3 दोस्त भी उतरे.

सफ़ारी लॉक करने के बाद, राजन अंकल उन तीनों को लेकर मेरे घर के डोर पर पहुँचे और डोर नॉक किया.

दीदी ने डोर ओपन किया.

(कॉलोनी के सभी लोग ये देख रहे थे और यहीं से हमारी बदनामी की शुरूवात हुई थी.)

राजन और रुपाली ने हमारे परिवार को पूरा बदनाम कर दिया, कुछ ही दिनों में.

खास तौर पर दीदी को.

राजन अंकल ने अपने तीनों दोस्तों से दीदी को 5 मिनट में ही इंट्रोड्यूस करवा दिया और यहाँ अपने घर, अपनी वाइफ रुपाली के पास चले आए.

उस दिन कॉलोनी वाले अपने अपने छत से, ये सब तमाशा देख रहे थे.

अब अंदर दीदी थी और वो 3 अजनबी, अंकल के दोस्त.

किसी के लिए भी ये तो सॉफ समझ वाली बात थी की वो तीनों अजनबी, रात भर दीदी को राखी तो नहीं बांधेंगे ना !!!

वैसे, मम्मी कॉलोनी में किसी से ज़्यादा रिलेशन्स नहीं रखती थी की कोई मम्मी को उस टाइम फोन करके बता भी सके.

मैं रात भर, दीदी के बारे में सोचती रही.

क्या हो रहा होगा.. ??

दीदी को कुछ प्राब्लम तो नहीं होगी ना.

वो लोग, कहीं दीदी को जान से तो नहीं मार देंगे.

वगेरह वगेरह.

मैं अलग रूम में थी और राजन और रुपाली, अलग रूम में.

मैं उस रात, दीदी की चिंता में सो भी ना सकी.

करीब 4 बजने पर, किसी ने अंकल के डोर पर नॉक किया.

राजन अंकल ने डोर ओपन किया.

उस आदमी ने कहा की वो अब जा रहे हैं… साली, एकदम छीनाल है… कितना भी पैसा ले लो पर एक हफ्ते के लिए भेज दो… लाइफ बना देंगें, तुम्हारी…

अंकल ने बोला – वो सब, बाद में देखेंगे…

उन लोगों के जाने के बाद, अंकल ने रुपाली आंटी को उठाया और बोला – जाओ, कामिनी को देख लो… मर गई या जिंदा है छीनाल… वो सब लोग, अब चले गये हैं…

आंटी ने कुल्ला किया और जाने लगी तो मैं बाहर आ कर उनसे लिपट गई.

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Re: ईशा की दीदी के कारनामें

Unread post by sexy » 01 May 2016 12:03

मैंने बोला – आंटी, मुझे भी साथ ले चलो…

आंटी ने बोला – ठीक है…

आंटी मुझे लेकर, मेरे ही घर पहुँची.

मैं जब पहुँची तो फ्रंट डोर ओपन ही था.

अंदर गये तो, अंदर का नज़ारा देख कर मैं तो शॉक्ड ही रह गई.

अंदर दीदी, बे-सुध की हालत में थीं.

साँसें चल रही थीं पर उन्हें किसी चीज़ का ‘होश’नहीं था.

पीठ के बल, लेटी हुई थी.

दोनों टाँगें, उल्टी तरफ में फैली हुई थी.

चूत सूज कर, लाल हो गई थी.

गाण्ड और चूत दोनों में से, खून रिस रहा था.

बेडशीट पर दीदी का खून लगा हुआ था.

दीदी के बाल, बिखरे हुए थे.

चेहरा सूजा हुआ था.

ऐसा लग रहा था की रात में काफ़ी थपाड़े खाये हैं.

जब मैंने पास जाकर देखा तो दीदी की जाँघ पर, लेदर बेल्ट्स से मार खाने के निशान भी थे.

उनके बदन से बाथरूम (सू सू) की बहुत तेज़ बदबू आ रही थी.

मुँह का एक किनारा, थोड़ा सा फट गया था.

(शायद किसी का लण्ड काफ़ी मोटा रहा होगा.)

मैं दीदी की हालत देखकर रोने लगी तो आंटी मेरे पास आकर मुझे चुप कराने लगी.

तभी दीदी को थोड़ा होश आया.

उसने मेरे को अपने चेहरे के पास बुलाया और बोला – मत रो, मेरी ईशा… सच में मुझे काफ़ी मज़ा आया… तू चिंता मत कर, आज की रात मेरी लाइफ की बेस्ट नाइट थी… मत रो, मेरी बहना…

मैं शॉक्ड रह गई की ये क्या है.

मुझे विश्वास ही नहीं हुआ की मेरे कान क्या सुन रहे हैं और मैं सोचने लगी – क्या सेक्स ने दीदी का दिमाग़ खराब दिया है… या मुझे सिर्फ़ समझाने के लिए, वो ऐसा बोल रही हैं…

————–क्रमशः————-

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