हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

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raj..
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Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by raj.. » 12 Dec 2014 19:33

पापा ने चोद दिया--2

गतान्क से आगे...........
अच्छा सीमा बेटी , तुम ऐसे करो पैट के बल लेट जाओ मैं तुम्हारी पीठ पर भी
मालिश कर दूँगा तो आर्राम मिल जाएगा… (जब पापा ने ऐसे कहा तो, मैने
महसूस किया की उनकी आवाज़ मैं कंपन था)

मैने कहा, जी पापा में उल्टी लेट जाती हू, ताकि आपको मेरी पीठ पर भी
मालिश करने मैं कोई परेशानी ना हो.

यह कहकर मैं पेट के बल लेट गयी. पापा ने आराम से मेरी मेक्शी को मेरे
चूतरो (हिप्स) से थोरा सा उपर कर दिया. मेरे बेदाग चूतरो को देख कर पापा
का लंड बिल्कुल टाइट हो गया. मैने अपनी बाहों में अपने सिर को दे रखा था.
लेकिन चोर-नज़रों से में उनको हरकतों को ही देख रही थी, क्योंकि मेरे सामने
एक शीशा (मिर्रोरो) था जिस में मैं पापा की सारी हरकतें देख रही थी.
पापा मेरी दोनो टाँगें खोल कर मेरी टाँगों के बीच में बैठ गये और तेल
हथेली पर लगा कर मेरे चूतरो पर मालिश करने लगे और धीरे -2 से अपने
हाथों को मेरी कमर पर ले जाने लगे… पापा बोले… सीमा बेटी… कैसे लग रहा
है… कुच्छ आराम मिल रहा है…

मैं : हाअ पापाआ. बहुत आराअम $$@$$$$ मिल रहा है, दिल करता है कि बस
आप ऐसे ही मालिश करते रहो, पापा आपके हाथों में तो जादू है, मुझे पता
ही नही था..

पापा : हाअ बेटी, मैं तुम्हारे पूरे बदन पर मालिश कर देता हू, ताकि तुम्हारा
दर्द बिल्कुल दूर कर दू.

जब पापा ने यह कहा तो उनका लंड ठुमका मारने लगा, जो कि मैं मिरर में
से देख रही थी. जब पापा मेरी कमर की मालिश कर रहे थे तो मैने अपने
चूतरो को और थोड़ा सा उभार दिया ताकि पापा का लंड महसूस कर सकू. पापा का
लंड का सुपरा धीरे से मेरे चूतरो से टच कर रहा था और पापा के लंड का
कंपॅन मुझे साफ महसूस हो रहा हा.. पापा ने फिर से पूछा… सीमा, अब कैसे लग रहा है.. (यह कहकर पापा ने अपने लंड थोरा सा ज़ोर से मेरे चूतरो पर दबा दिया)

मैं उनका मतलब समझ गयी और बोली : आआहह पापा बहुत मज़ा आ रहा है.. बस ऐसे ही करते रहे हो…

पापा ने थोरा सा तेल और लिया और मेरी कमर से थोरा और उपर की तरफ मालिश
करने लगे, जिस से उनके लंड का दबाव मेरे चूतरो पर ज़्यादा पड़ने लगा था..
उन्होने अपने दोनो पैर मेरे चूतरो के दोनो तरफ फैला रखे थे और अपने लंड
को मेरे चूतरो की दरार में फसा रखा था. उनका हाथ अब बिल्कुल मेरी पीठ
पर था, जहाँ किसी ब्रा की स्ट्रीप होती है. मुझे अपने अंदर आग जलती हुई
महसूस होने लगी थी.

पापा ने मालिश करते-2 अपने दोनो हाथों को मेरे मम्मे की साइड में भी टच करना शुरू कर दिया था. बीच बीच में वो हाथों को मेरी गर्देन पर भी ले जाते थे और , जो कि बहुत ही सेक्सी लगता था.. फिर थोरी देर बाद उनका हाथ
नीचे आता और मेरे मम्मे के साइड पर मालिश करने लगते थे. अब पापा मेरे मम्मो के साइड से हाथ डालकर मेरे उभरे हुए दोनो मम्मो को अपने हाथो में लेकर सक़ीज़े (दबाने) भी लगे थे, में जानबूझ कर अपने होंठो से
आआअहह…..ऊओह की आवाज़ें निकालने लगी, मुझे पता था ऐसी आवाज़ें से
सेक्स ज़्यादा बढ़ता है.

पापा ने कहा, बेटी इस मेक्शी (गाउन) को उतार दो, यह मालिश में अटक रहा है..
मैने आँखें बंद किए हुए ही कहा … ठीक है पापा, आप ही उतार दो. पापा ने
जल्दी से मेक्शी (गाउन) को उतार दिया. जब वो मेक्शी उतार रहे थी तो मेने
जानबूत कर ऐसे अपनी बाहों को फसाया कि पापा का ध्यान मेरे मम्मो (बूओबस) पर जाए …मेरे 32 साइज़ के मम्मे एकदम से टाइट हो रहे थे और छोटी छोटी सी निपल तन कर अंगूर जैसे टाइट हो चुके थे.

क्योंकि मेरी पीठ पापा की तरफ थी पापा ने अपने दोनो हाथों को मेरे मम्मे पर दबा कर फिर मेरी मेक्शी (गाउन) को उतार दिया, उनका लंड बिल्कुल पत्थर जैसे टाइट हो चुक्का था. जो कि मेरी हिप्स में फिक्स हो चुक्का था. में मेक्शी उतरवा कर फिर से लेट गयी. पापा बोले बेटी अब इस तरफ से (पीठ के बल)
लेट जाओ. .. मैने कहा …पापा मुझे शरम आती है… पापा बोले… बेटी शरम
कैसी… मैं तुम्हारा पापा हू. … मुझसे कैसी शरम .. मैने तुम्हे तो कई बार अपनी गोद में उठाया है और.. कई कई बार तुमने अपने साथ नंगे नहलाया है… तुम हो कि शर्मा रही हू… छोड़ो शरम… लाओ तुम्हारी मालिश थोरी सी रह गयी है, वो भी कर देता हू.

मैने भी हिम्मत करके कहा.. ठीक है पापा, जैसे आप कहते हो.. मैं बिल्कुल
वैसे ही करूँगी.. फिर यहाँ पर देखने वाला भी कौन है? पापा खुश हो कर
बोले हाअ बेटी यह ठीक कहा तुमने, यहाँ हम दोनो के इलावा कौन है?

पापा ने थोरा सा तेल दोनो हाथो में लिया और मेरे दोनो 36 साइज़ मम्मो को अपने हाथों में भर लिया और प्यार से दबाने लगे.. मैने शरमाते हुए कहा पापा यह आप क्या कर रहे हू..पापा बोले बेटे मैं तुम्हारी मालिश कर रहा हू…. अगर पूरी तरह से मालिश नही करेंगे तो थोरा सा दर्द रह जाएगा ..जो की तुम्हे रात को परेशान करेगा… मैं तुम्हारी पूरी मालिश ऐसे करूँगा की फिर से चोट या मोच का दर्द नही होगा…

मैने शरमाते हुए कहा.. ठीक है पापा, आप कर दो मेरी मालिश. मैं आँख
बंद कर के लेटी रही.. पापा ने मेरे दोनो बूब्स को फिर से अपने हाथों में
लिया और प्यार से दबाने लगे और दबा दबा कर ऐसे मालिश करने लगे जैसे
किसी आम से रस निकाल रहे हो. मेरे मूह से आअहह ….ओह की आवाज़ निकल
गयी.. पापा ने पूछा, क्या बात है बेटे.. दर्द हो रहा है… मेने कहा.. नही
पापा …आराम मिल रहा है.. दिल करता है बस आप ऐसे ही करते रहो…

पापा : हा बेटी , तभी तो मैं ऐसी मालिश कर रहा हू कि तुम्हे दर्द ना हो
और आराम के साथ मज़ा भी मिले… क्यों ठीक है ना?

मैं : हा पापा ठीक है… ऐसे ही करते रहो…

पापा ने कहा… बेटी तूमे बुरा ना लगे तो में एक और तरीके से तुम्हारा दर्द
ठीक कर दू… हाअ..हाअ पापा (मैने कहा) अगर मेरा दर्द ऐसे ठीक होता
है तो उस तरीके से भी कर दो..

पापा ने कहा बेटी अपनी आँख मत खोलना.. मैने कहा ठीक है पापा मैं अपनी
आँख नही खोलूँगी.

पापा ने अपने हाथों मैं मेरे मम्मे को भर कर एक दम से दबा कर मेरे एक मम्मे (बूब)_ को अपने मूह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे… मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.. मैने कहा पापा यह आप क्या कर रहे हो.. यह तो छ्होटे बच्चे (चाइल्ड) ऐसे चूस्ते है… पापा ने कहाँ… हाअ बेटे… ऐसा करने से तुम्हारा पूरा दर्द इस रास्ते से भाग जाएगा…

में : ठीक है पापा, जैसे आपका दिल करे… ऐसे भी ठीक लग रहा है.

पापा ने ज़ोर ज़ोर से मेरी चूंचियाँ अपने मूह में डालकर चूसना शुरू कर
दिया, कभी एक चूंची को चूस्ते तो कभी एक को निकाल कर दूसरी चूंची को
अपने मूह में डाल कर चूस्ते.. उनका लंड एक दम से पूरी तरह से टाइट हो
चुक्का था जो की पत्थर जैसे लग रहा था. मेरी दोनो लेग्स फैली हुई थी,
पापा मेरी फैली हुई लेग्स के बीच में बैठे हुए थे. उनका लंड मेरी चूत
को ज़ोर ज़ोर से टच कर रहा था.

मैने पापा का लंड अपने हाथ में ले लिया और पापा को कहा पापा ये क्या है,
मुझे ज़ोर से चुभ रहा हा.. पापा बोले बेटी.. यह … आदमी का हथियार होता
है, जिस_से यह दूसरा दर्द भी दूर कर देते है..

मैं अंजान बनते हुए और हैरान होते हुए कहा: पापा दूसरा दर्द कौन सा होता
है जो यह आपका हथियार दूर कर देता है?

पापा ने मेरी चूत ओपर हाथ फेरते हुए कहा… बेटी जब इसमे दर्द होता है तो
यह हथियार उस दर्द को दूर करता है…
मैने अपने चेहरे पर दर्द लाते हुए कहा… पापा मुझे यहाँ भी दर्द महसूस हो रहा है.. आप अपने इस औजार से मेरा यहाँ का दर्द भी दूर कर दो ना…प्ल्ज़ पापा… कुछ करो नाअ.
क्रमशः..............

raj..
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Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by raj.. » 12 Dec 2014 19:34

पापा ने चोद दिया--3

गतान्क से आगे...........
पापा बोले : अच्छा यहाँ भी दर्द हो रहा है…ठीक है सीमा, अगर तुम्हे यहाँ भी दर्द हो रहा है तो मैं तुम्हारा यह दर्द अभी दूर कर देता हू. पर इस औजार से तुम्हे कुछ दर्द होगा, लेकिन फिर बहुत मज़ा आएगा.

में : कोई बात नही पापा, में अपना दर्द दूर करने के लिए कुछ भी करूँगी..

पापा: ठीक है सीमा, तुम तैय्यार हो जाओ, मैं तुम्हारा इस औजार से यहाँ का
दर्द दूर करता हू. लेकिन पहले कुछ तैय्यारि करनी पड़ेगी.

वो क्या पापा: मैं बोली

पापा ने कहा: बताता हू, ज़रा रूको तो, यह जल्दबाज़ी का काम नही होता है.

यह कहकर पापा ने अपने लंड को अपने हाथों में ले लिया और मेरे मूह के
पास कर के बोले.. लो सीमा बेटी..पहले इससे कुछ देर चूसो… जब यह पूरी
तरह से सख़्त (टाइट) जो जाएगा तो में इस पर तेल लगा कर तुम्हारा वो दर्द
भी दूर कर दूँगा. जैसे तुम्हारी टांगो कर दर्द दूर कर दिया. है.में तुम्हारे
इस छेद (होल) को चूस्ता हू ताकि दर्द से पहले कुछ आराम मिल सके. मेरी
जीब का जो लार्वा होगा ना, वो तुम्हारी चूत में जाकर मलम का काम करेगा.
जब में तुम्हारी इस मोरी में अपना हथियार डालूँगा तो तुम्हे दर्द बहुत कम होता. सीमा… तुम्हे पता है तुम्हारी इस मोरी (छेद/होल) को और मेरे इस
हथियार को क्या कहते है..

मैं : नही पापा.. बताओ ना, प्लीज़, क्या कहते है:

पापा : सीमा, तुम्हारी जो यहाँ (पापा ने हाथ फेरते हुए कहा) होल है ना,
उसे चूत, फुददी, बुर कहते है और इंग्लीश में उससे पुसी कहते है.

मैं : (शरमाते हुए) अच्छा पापा , और, आपके, इस (मेने पापा के लंड को
हाथों में लेकर कर कहा) हथियार को क्या कहते हैं.

पापा : बेटे मेरे इस (पापा ने अपना लंड उँचा करते हुए कहा) हथियार को लंड,
लन, लॉडा, लॉरा कहते है.

मैं : और पापा इंग्लीश में इसे क्या कहते है?

पापा : सीमा – इंग्लीश में इसे पेनिस कहते है.

मैं : अच्छा पापा.

पापा : अच्छा बेटी, अब में तुम्हारी चूत चूस्ता हू और तुम मेरे लंड को
चूसो.

मैं : ठीक है पापा, अभी चूस्ति हू.

यह कहकर, मैने पापा के लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया. पापा का लंड
बहुत लंबा मोटा और एकदम काला था. मुझे फिर से गधे और घोरे का लंड
याद आ गया, जो कि तांगा-स्टॅंड पर खरे हुए घोरे को मैने कयी बार देखा
था जब वो पैशाब करते थे तो उनका पूरा लंड बाहर निकल आता था और
वो उपर नीचे करते थे और फिर पैशाब करते थे. उनके पैशाब की धार भी
बहुत मोटी होती थी.

मैं पापा से कहा…पापा यह तो बहुत मोटा और लंबा है, मेरे मूह मैं कैसे जाएगा.. पापा ने कहा …सीमा तुम कोशिश करो, यह फ्लेक्सिबल होता है, तुम प्यार से चूसोगी तो ये तुम्हारे मूह मैं जाकर फिट हो जाएगा… तुम्हारी यह जो
नीचे वाली जगह में डालना है उसमे भी तो यह देखना बिल्कुल फिट हो जाएगा.

मैने कहा: ठीक है पापा, कोशिश करती हू. मैं पापा के लंबे मोटे लंड
को अपने दोनो हाथो में ले कर पापा के लंड का सुपरा अपने मूह में डालने की
कोशिश करने लगी.पहले तो वो अंदर ही नही गया. फिर मैने अपने मूह को
ज़ोर लगा कर चौड़ा किया और लंड का लाल-लाल सुपरा मेरे मूह में जाकर फस
गया.. मेरी साँस रुकने लगी..मैने इशारे से पापा को कहा कि यह मेरे मूह
में फस रहा है… पापा बोले

सीमा बेटी..डॉन'ट वरी, अभी थोरी देर में ठीक हो जाएगा तुम, मूह थोरा
और खोल कर कोशिश करो, कोशिश करो बेटी…तभी तो तुम्हारा दर्द ठीक होगा.

मैने इशारे से कहा… ओके पापा मैं कोशिश करती हू.

मैं अपना मूह अपना पूरा ज़ोर लगा कर चौड़ा किया. अब तक जो पापा का
लंबा-चौड़ा लंड मेरे मूह में फसा हुया था, कुछ ढीला हो गया..पापा बोले > बेटी थोड़ा हाथ से और तोड़ा मूह से इसे आगे पीच्छे करो… तभी यह टाइट होगा ना..

मैं पापा के लंड को मूह में आगे-पीछे करना चालू किया.. सचमुच पापा का लंड बहुत ही टाइट होने लगा था. मेरे हाथो को महसूस हो रहा था कि उनके लंड की नस्से टाइट होने लगी थी.

पापा ने भी मेरी दोनो टाँगों को और खोल कर मेरी चूत के मूह को फैला दिया और
पहले मेरी चूत की फांको को मूह में भर कर चूसने लगे जैसे कोई बच्चा
दूध चूस्ता है. फिर पापा दोनो फांको को खोल कर अपनी जीब अंदर डालकर
अंदर-बाहर करने लगे.. मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी. मुझे ऐसे लग रहा
था, जैसे कोई बिजली का कॅरेंट मेरी चूत से शुरू हो कर पूरे बदन मैं फैल
रहा हो. मुझे पापा के चूत चूसने मैं बहुत मज़ा मिल रहा था.

ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही मिला था. पापा ने कुछ देर चूत को चूसने के
बाद, अपनी एक बड़ी उंगली मेरी चूत में डाल दी… आआहह आआअहह. … मेरे मूह से एक प्यारी सी आअहह निकल गयी जो की दर्द के कारण नही मज़े के कारण थी.

पापा: क्या हुया, सीमा, दर्द हुया.. मैं : नही पापा दर्द नही, बहुत मज़ा आया, आप तेज तेज उंगली अंदर कीजिए बहुत मज़ा आ रहा है.

पापा ने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने लंड के नीच लटकते हुए गोल गोल बड़े
बड़े बाअल्स पर फैरने के लिए कहा. मैं उनके बॉल्स पर अपने दोनो हाथों को
फेरने लगी. मुझे भी मज़ा आ रहा था और मेरी चूत नीचे से गीली हो रही
थी.

थोरी देर बाद पापा ने अपने लंड मेरे मूह से निकाल दिया. और बोले सीमा… अब
तुम ऐसे करो.. बिस्तर पर लेट जाओ. और अपनी दोनो टाँगों को अच्छी तरह से
फैला दो.

मैं: ठीक है पापा (यह कहकर मैं अपनी दोनो टाँगों को फैला दिया और मेरी
चूत का मूह खुल कर पापा के सामने आ गया)

पापा ने अपनने टाइट लंबे-चौरे लंड पर अच्छी तरह से तेल लगा कर मेरी
चूत पर फिट कर दिया और धीरे -2 से रगड़ने लगे.. मुझे उस रॅगडन से
बहुत मज़ा मिल रहा था. मैने कहा पापा .जल्दी करो ना … कुछ कुछ हो रहा
है…प्ल्लीईईज अंदर डाअल कर इस खुजली को शांत करो दो नाअ… हइई… आआआहह…पल्ल्ल्लीईएससस्स पपपाआ…. अंदर करूऊ नाआआअ…आआहह$$$ $$$$.

पापा ने कहा… मैं डालने जा रहा हू, सीमा बेटी… ज़रा संभाल कर…
थोडा-बहुत दर्द होगा… अगर तुम इससे सहन कर गयी तो सारी जिंदगी किसी भी
तरह का कोई भी दर्द नही होगा… और मज़ा जब भी लेना चाहो तभी ले सकती हो.

मैं : ठीक है पापा..जैसे करना हो कर लो, पर ज़रा जल्दी करो ना… अब तो
सहन नही हो रहा है….

पापा ने पहले अपने सुपरे को थोड़ा सा धक्का मारा जो मेरी चूत मैं जाकर फिट
हो गया. मुझे ऐसे लगा जैसे किसी गरम लोहे की छड़ (हॉट आइरन रोड) मेरी
चूत में घुस्सा दी हो.. पापा ने थोड़ा सा रुक कर, अपने लंड पर ज़ोर डाला और
अंदर करने की कोशिश की. लेकिन उनका लंड था कि अंदर जाने का नाम नही ले
रहा था और चूत के मूह पर फस चुक्का था.

पापा ने उतना लंड ही अंदर रहने दिया और थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर धीरे
-2 से अंदर डाला लेकिन सुपरे से आगे लंड जा ही नही रहा था. पापा ने मेरे
दोनो मम्मे अपने हाथों में लिए और प्यार से सहलाने लगे. और अपने होंठो को मेरे होंठो से ज़ोर दिया. मुझे मज़ा आने लगा. और मेरी चूत को कुच्छ
रिलॅक्सेशन मिला. जिस)से चूत कुच्छ ढीली हो गयी. पापा ने यही एक अच्छा
मोका समझ कर एक अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक जोरदार शॉट मारा…
आआहह मॅर गइईए…हाययए…पपपाआअ… में मरररर गइई….. बहुत दर्द्दद्ड हो रहाा है… प्लीईएसए निकाआअल लो नाआ… यह दर्द मुझहह से सहन नहीए हो रहा है… आआआः… ओह…

और सचमुच मुझे बहुत दर्द हो रहा था… जो कि मेरी सहन-शक्ति से बाहर
था… मैं पापा का फसा हुया लंड अपनी चूत से निकालने की बहुत कोशिश की.
लेकिन पापा को पता था कि अब अगर मैने लंड को निकाल लिया तो फिर नही
डालवौनगी.

पापा ने जल्दी से थोरा सा लंड निकाल कर दूसरा शॉट मारा की पापा का आधा लंड
मेरी चूत मैं चला गया. पापा ने फिर रुकना ठीक नही समझा और मेरे दर्द
की परवाह किया बिना ही तबार-तोड़ धक्के पे धक्के मारना शुरू किया. पहले तो
मुझे ऐसा दर्द हुया कि ऐसे लगा कोई मेरी चूत मैं सुईयँ (नीडल्स) चुबा
रहा हो, लेकिन 10-12 धक्कों के बाद ऐसा लगने लगा जैसे मेरी चूत ने
लंड महाराज के स्वागत के लिए लार टपकाना शुरू कर दिया हो और लंड मेरी
चूत के अंदर बाहर आराम से फिसलने लगा.

अब मुझे दर्द नही स्वर्ग के झूले मिल रहे थे. ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही
मिल सका था. पापा ने पहले बिल्कुल सही कहा था की … इस दर्द के बाद बहुत
मज़ा होता है… मैं नीचे से चूतर उच्छलने लगी.. ताकि पापा का लंबा-चौड़ा और मोटा लंड अपनी चूत में पूरी तरह से ले सकूँ.

पापा भी बिना रुके… धक्के-पे-धक्का मार रहे थे और कमरे मैं
ढ़च्छ…ढ़च..ढपर. .ढपर…फुच्च…फुच… की आवाज़ें आ रही थी….

मैं: (मज़े लेते हुए बोली) : आआहह पपपा पूरा डालो अपना लंड… आआहह
पपप… मेरे राजा…. अपना पूरा लंबा लंड डाल दो मेरी चूत मैं… फ़ाआद डालो मेरी चूत को …आअहह …मेरे राअज़ा… डालो और डालो… हाअययएए… ऐसा मज्जा तो मुझे आआज तक नही मिला था. मेरे राआज्जा…. प्प्पाअपोपपाआ आपने बिलिकुल ठीक कहा था की दर्द के बाद बहुत मज़ा आता है… पाआप्पा आप सही थे…

डालो मेरी चूत में अपनी घोड़े और गधे जैसे लंड को आआहह …. मारो अपनी
बेटी को चूत,… फाड़ डालो..आआहह… ऊऊहह्ी..

पापा : (मेरे मम्मो को दोनो हाथो से ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए) ले मेरी रानी… मेरी
रंडी बेटी…. अपने पापाआ का लंबा मोटा लंड ले अपनी छूत मैं… ऐसा मज्जा
आजतक नही मिला होगा …तुम्हे… और मुझे भी ऐसा मज्जा नही मिल सका है… तुम्हारी चूत तो बिल्कुल कोरी है… मेरी रानी बेटी… आआअहह…हाअययएए… अब तो मैं रोज़ ही तुम्हारी चूत को चोदुन्गा… ऐसा माज्जा तो तुम्हारी माआ से भी नही मिला था…

यह कह कर पापा ज़ोर ज़ोर से धक्के-पे-धक्का मारने लगे और पूरा का पूरा लंड
ही बाहर निकाल कर अंदर कर देते थे… मैं अपना मूह नीचे कर के देख
रही थी. उनका लंबा मोटा लंड मेरी चूत मैं ऐसे जा रहा था जैसे
वो मम्मी को चोद्ते थे.. शायद मम्मी को भी इतनी बुरी तरह से नही चोद्ते
होंगे.

पापा ने मेरे मम्मो को ज़ोर ज़ोर से दबा दबा कर लाल कर दिया था बीच बीच
में उन्होने मेरी चूंचियों की निपल्स को भी अपने मूह में भर लिया और दांतो से काटने लगे… मुझे इस_से और भी मज़ा मिल रहा था. मैं चाहती थी कि पापा मेरे पूरे बदन पर नाख़ून मार मार कर लाल कर दे, मुझे उनके दर्द में भी मज़ा मिल रहा था…

में नीचे से चूतर उच्छाल कर और पापा उपर से धक्के मार रहे थे ….
मुझे लगा कि हमारी चुदाई लगभग 30 मिनिट तक चली होगी… मेरी टाँगे थक
कर चूर हो गई थी.

थोरी देर बाद पापा ने स्पीड से धक्के मार कर झटके से अपना लंड बाहर निकाल
कर मेरी चूंचियों पर अपना वीर्य निकाल दिया और अपने वीर्य का शवर मेरे
दोनो मम्मो (चुन्चिओ) पर फैला दिया… मेरे दोनो चूंचियाँ पापा के वीर्य से भर गयी.. .. पापा ने उंगलियों से अपना वीर्य उठाकर मेरे मूह में डाल दिया मैं पूरे मज़े ले ले कर उनका वीर्य पी गयी. फिर पापा का लंड भी अपने मूह मैं डाल कर चूसने लगी.

सचमुच मेरा प्लान आज कामयाब हो गया था.

पापा ने पूछा.. क्यों सीमा …मज़ा आआया…

मैं : हाअ पापा.. बहुत मज़ा आया…

पापा : तुम चाहती हो कि तुम्हे ऐसा मज़ा रोज़ मिले

मैं : हा पापा, मैं तो चाहती हू कि ऐसा मज़ा रोज़ मिले

पापा : ठीक है तुम अपनी मम्मी को कुछ मत बताना

मैं : ठीक है पापा, मैं मम्मी को कुछ नही बताउन्गि

पापा : अगर मम्मी पूच्छे कि तुम्हारी यह हालत कैसे है तो

मैं : पापा में कह दूँगी कि, फिसल कर गिर गयी थी, चोट लग गयी है

पापा : (मेरे मम्मे दबा कर और किस करते हुए) वाआह मेरी बेटी तो बहुत
समझदार हो गयी है.

मैं : सब आप की सोहबत का असर है पापा… मेरे ग्रेट पापा…आइ लव यू पापा.

पापा : अच्छा बेटी, अब तुम कपड़े पहन लो, कल फिर मैं तुम्हे और किसी तरह
से (और आसन में) चोदुन्गा, फिर देखना कैसे मज़ा मिलता है.

मैं : ठीक है माइ डियर पापा.

अब में अगली चुदाई का इंतेज़ार कर रही थी, कि पापा कैसे और किस स्टाइल में
मेरी चुदाई करेंगे जैसे वो मम्मी को हुमच-हुमच कर चोद्ते हैं…. या किसी और तरह
समाप्त




raj..
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Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by raj.. » 25 Dec 2014 18:08

आयशा आँटी की चुदाई

लेखक:- राजू राय

मेरा नाम राजू है। उस वक्त की बात है जब मैं उन्नीस वर्ष का था। दिखने में ठीक ठाक था। मेरी एक गर्ल फ्रेंड हुआ करती थी... उसका नाम सानिया था। वो बहुत खूबसूरत थी। जहाँ हमलोग रहते थे, वहाँ से सानिया का घर थोड़ी ही दूरी पर था। उसकी मम्मी को मैं आँटी कह कर बुलाता था। वास्तव में वो लोग कश्मिरी मुसलमान थे, और आप लोग तो जानते ही हैं कि कश्मिरी मुसलमान औरतें कितनी हॉट और सैक्सी लगती हैं। सानिया से ज्यादा अच्छी उसकी मम्मी लगती थी। उनका नाम आयशा था। आँटी की उम्र लगभग चालीस- बयालीस के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी चालीस-बयालीस की नहीं लगती थीं। गोरी लंबी और बहुत खूबसूरत थी। वो अपने सैक्सी चाल-चलन और नाजायज़ संबंधों के लिए काफी मशहूर थीं। कईं लोगों के साथ उनके नाजायज़ संबंध थे, शायद इसलिए कि उनके शौहर काफी व्यस्त रहते थे और शायद आँटी की शारिरिक जरूरतें भी पूरी ना कर पाते होंगे।



जुलाई का महीना था और एक दिन मैंने और मेरे एक दोस्त ने ड्रिंक करने का प्रोग्राम दिन में ही बनाया। पहले हम लोगों ने ड्रिंक की और उसके बाद हमलोगों ने ब्लू फ़िल्म देखने का प्रोग्राम बनाया। थोड़ी देर बाद हम लोग ब्लू फ़िल्म देखने लगे और फ़िल्म देखने के बाद हम लोग बहुत उत्तेजित हो गये थे।



“यार! काश हमें भी कोई चूत मिल जाती चोदने के लिये!” मैंने आह भरते हुए कहा।



“तेरी तो गर्ल फ्रेंड है… सानिया… तू तो उसके साथ मज़े कर सकता है!” मेरे दोस्त ने कहा!



“कहाँ यार… कईं बार कोशिश कर चुका हूँ… लेकिन सानिया तो किसिंग और स्मूचिंग के आगे बढ़ने ही नहीं देती!” मैं बोला।



“लेकिन उसकी मम्मी तो एक नंबर की चालू छिनाल औरत है!” वो हंसते हुए बोला तो अचानक मेरे दिमाग में आया कि क्यों ना आयशा आँटी को ही पटाया जाय और उनके साथ चुदाई की जाये। दर‍असल आयशा आँटी मेरे साथ काफी फ्रेंडली थीं और मज़ाक वगैरह भी कर लेती थीं और उनकी रेप्यूटेशन भी खराब थी! इसलिये मुझे लगा कि शायद वो मान जायें और अगर नहीं भी मानी तो बात का बतंगड़ तो नहीं बनायेंगी। कहानी का शीर्षक 'आयेशा आँटी की चुदाई’ है!



मैंने वहीं से उन्हें फोन किया और कहा कि, “आँटी! मैं राजू बोल रहा हूँ और आप से कुछ बात करना चाहता हूँ!”



उन्होंने कहा, “बोलो?”



मैंने कहा, “आँटी ये बात फोन पर नहीं हो सकती... मैं आपके घर आ जाऊँ?”



आँटी ने कहा, “मैं तो अभी मर्किट में आयी हुई हूँ... तुम कहाँ हो इस वक्त?”



“मैं तो अपने दोस्त के घर पे हूँ... जो मार्केट के नज़दीक ही है और आपके रास्ते में ही है... अगर आपको ऐतराज़ ना हो तो आप यहाँ मेरे दोस्त के घर पर आ जाइए!” मैंने कहा।



उन्होंने कहा, “कोई बात नहीं...अभी थोड़ी देर में आती हूँ।”



मैंने उन्हें पता बता दिया। उसके बाद हम लोग फिर से फ़िल्म देखने लग गये और घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया। उस समय दरवाजे पर बेल बजी तो मेरा दोस्त दूसरे रूम में थोड़ी देर के लिए चला गया। मैंने कहा, “आँटी दरवाजा खुला है... आप अंदर आ जाइए।” वो अंदर आ गयी और अंदर मैं बैठा ब्लू फ़िल्म देख रहा था। आँटी फिरोज़ी रंग की सलवार कमीज और काले हाई हील के सैंडल में बहुत सैक्सी लग रही थीं। उन्होंने हल्का सा मेक-अप भी किया हुआ था। वो आते ही मुस्कुराते हुए बोलीं, “तो कॉलेज जाने की बजाय ये सब देख रहे हो…?”



“बस आँटी आज ऐसे ही मूड हो गया!" मैंने जवाब दिया।



“कोई बात नहीं... मैं समझती हूँ... तुम्हारी उम्र के लड़के तो ये सब करते ही हैं लेकिन अपनी आँटी के सामने कुछ तो लिहाज करो... अब बंद करो इसे...।” उन्होंने फिर मुस्कुराते हुए कहा मैंने सी.डी प्लेयर बंद कर दिया और वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली, “क्या बात करनी है... बोलो।”



इतनी देर में मेरा दोस्त भी वहाँ आ गया। आयशा आँटी का अच्छा मूड देख कर मेरा हौंसला बढ़ा और मैंने हिम्मत करके बोल दिया, “आयशा आँटी आप बहुत खूबसूरत लगती हो और मैं आप के साथ चुदाई करना चाहता हूँ।”



मेरे बात सुनकर वो चौंक गयी और बोली, “तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या… मेरे लिए तू अभी बहुत छोटा है।” वास्तव में वो मेरे दोस्त के सामने कोई बात नहीं करना चहा रही थी।



जब उन्होंने कहा कि उनके लिये मैं बहुत छोटा हूँ तो ये सुनकर नशे की खुमारी में मैंने कहा, “आयशा आँटी! मैं तो आपके लिए शायद छोटा हूँ लेकिन मेरा लंड आपके लिये छोटा नहीं है।”



यह सुनकर वो गुस्से से बोली, “तूने मुझे समझ क्या रखा है… तुझसे हंस-बोल कर मज़ाक वगैरह कर लेती हूँ तो इसका मतलब तू… नशे में अभी तुझे होश नहीं है कि तू क्या कह रहा है…!” और आयशा आँटी वहाँ से चली गयी। मैंने रोकने की कोशिश भी नहीं की।



जब वो चली गयीं तो हम लोगों का मूड खराब हो गया और उसके बाद हमलोग फिर से ड्रिंक करने लगे। थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त बाथरूम चला गया और उस समय आयशा आँटी ने मुझे फोन किया और कहा, “तू अभी कहाँ है... वहीं है क्या अभी भी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है... क्या तू अभी मेरे घर आ सकता है… लेकिन किसी को बता कर मत आना!”



मैंने कहा, “ठीक है मैं थोड़ी देर में आपके पास आता हूँ!”



थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त भी बाथरूम से आ गया। हम लोगों का ड्रिंक भी खतम हो चुका था और उसको नशा भी चढ़ चुका था। तभी मैंने कहा कि “यार इसमें मज़ा नहीं आया... मैं अभी एक बोतल और लेकर आता हूँ”, तो उसने कहा, “नहीं यार! बहुत हो गयी है।”



लेकिन मुझे तो आयशा आँटी के घर जाना था, इसलिए मैंने उसके मना करने के बाद भी कहा, “नहीं यार मुझे मज़ा नहीं आया... मैं एक बोतल और लेने जा रहा हूँ!” और मैं वहाँ से चला गया और उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया।



उस समय करीब तीन बज रहे थे। मैं आयशा आँटी के घर गया। वो घर पर अकेली थीं। उनकी बेटी (यानी मेरी गर्ल फ्रेंड) उस समय कॉलेज गयी थी और वो साढ़े चार बजे कॉलेज से आती थी। आयशा आँटी ने अभी भी वही कपड़े पहने हुए थे। मैंने उनसे पूछा, “घर में कोई है नहीं क्या?” तो वोह बोली, “नहीं इसलिए तो तुझे बुलाया है!”



ये सुनकर मैं थोड़ा हैरान हो गया। “वो आँटी सॉरी आपसे बदतमीज़ी करने के लिये… मैं पता नहीं… बस कैसे बहक गया था!” मैंने माफी माँगते हुए कहा।



तब उन्होंने कहा कि “कोई बात नहीं... मैं समझती हूँ... तेरी उम्र ही ऐसी है... अगर तू मुझे चोदना ही चाहता था तो ये बात तुझे अकेले में कहनी चाहिए थी... तूने तो अपने दोस्त के सामने ही कह दिया!” ये कहते हुए वोह मेरे गाल पर हाथ रख कर सहलाने लगी। मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। मैं थोड़ा नशे में भी था, इसलिए कुछ अलग ही लग रहा था। उसके बाद उन्होंने कहा, “मैं तुझे अच्छी लगती हूँ क्या?”



मैंने कहा, “हाँ आँटी... आप बहुत खूबसूरत और सैक्सी हो।”



तब आयशा आँटी कहा, “लेकिन तू तो मेरे बेटी को पसंद करता है!” कहानी का शीर्षक 'आयेशा आँटी की चुदाई’ है!



मैंने कहा, “आँटी आपको कैसे पता?”



तब वो बोलीं, “बेटा मुझे सब कुछ पता है।” उसके बाद मुझसे पूछा कि “कोल्ड ड्रिंक पीयोगे?”



मैंने कहा, “हाँ! प्यास तो लग रही है!”



आयशा आँटी अंदर चली गयी और लगभग दस मिनट बाद बाहर आयी। मैं उनको देख कर हैरान रह गया। मेरा सारा नशा जैसे गायब हो गया हो। वो एक सफ़ेद रंग की पतली सी पारदर्शी ड्रेस पहने हुए थी और अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था, जिससे उनकी चूंची और चूत साफ़-साफ़ दिख रहे थे। साथ में ऊँची पेन्सिल हील के काले सैंडल पहने हुए उनका उनका हुस्न क्या कहूँ… बस पटाखा लग रही थी आयेशा आँटी। मैं उनको बहुत ध्यान से देखने लगा तो वो बोली, “क्या देख रहा है... कभी किसी को इस तरह देखा नहीं है क्या?”



मैंने कहा, “नहीं आयशा आँटी, आप बहुत अच्छी लग रही हो... दिल कर रहा है कि मैं आपको अपनी बाँहों में लेकर खूब चुदाई करूँ।”



तो उन्होंने कहा, “कर ना! किसने रोका है?”



मैंने कहा, “लेकिन आपने ही तो मना कर दिया था!”



वोह बोली कि “क्या तेरे दोस्त के सामने चुदवाती तुझसे!” और ये कहते हुए वो मेरे पास आ गयी और मेरे गले में अपनी बाँहें डाल दीं। मैं उनके चेहरे को हाथ में लेकर उनके होठों को किस करने लगा। पहले तो धीरे-धीरे किस कर रहा था, लेकिन जब मैंने देखा कि आयशा आँटी भी किस करने में मेरा साथ दे रही हैं तो मैं और जोर से उनके होठों पर किस करने लगा। उसके बाद उन्होंने कहा कि “अपना लंड तो दिखा... जरा मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेटी की पसंद कैसी है!”



तब मैंने उनसे कहा कि मैंने सानिया के साथ आज तक कुछ नहीं किया तो वोह बोली कि “क्यों नहीं किया?” यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड को मेरी जीन्स से बाहर निकाल कर अपने हाथ में ले लिया और बोली, “हाय अल्लाह... ये तो हकीकत में काफी बड़ा है।”



फिर वो मेरे लंड को धीरे-धीरे अपने हाथों से सहलाने लगी। फिर मैं धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स पर ले गया और उन्हें दबाने लगा तो वो बोली, “ज़रा जोर से दबाओ... मैंने तीन चार दिनों से चुदाई नहीं करवायी है।” मैं उनकी चूंची को जोर से दबाने लगा और वो “ऊँऊँहह ऊँऊँहहह” की आवाज़ निकालने लगी। ये देखकर मुझे अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उनकी सफेद ड्रेस को उतार दिया। अब वो बिल्कुल नम्गी थीं और काले रंग के ऊँची पेंसिल हिळ वाले सैंडल में उनका गोरा बदन कयामत लग रहा था। मैं उनके बूब्स के निप्पल को अपने होठों के बीच में रख कर उन्हें चूसने लगा। वो “आआहह आआहहह” करने लगी। एक हाथ से मैं उनकी दूसरी चूंची को दबा रहा था और दूसरा हाथ उनकी जाँघों पर था और मैं उनकी जाँघों को सहला रहा था। उसके बाद उन्होंने मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर सहलने लगी। मेरा लंड एकदम टाईट हो चुका था। आँटी बोली कि “बहुत दिनों के बाद जवान लड़के का लंड नसीब हुआ है... आज चुदाई का मज़ा आयेगा!”



मैंने कहा, “हाँ आँटी, लेकिन आज तक मैंने कभी किसी के साथ चुदाई नहीं की है…!”



तो वो बोली, “तू चिंता मत कर... मैं सिखा दूँगी।”



मैंने कहा, “ठीक है!” और उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और अपने मुँह के अंदर बाहर करने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं आँटी के सिर को पकड़ कर अपने लंड पर जोर से दबाने लगा। ये देखकर आँटी बोली, “तू झूठ बोल बोल रहा है कि तूने किसी के साथ चुदाई नहीं की है।”



मैंने कहा, “नहीं आँटी! मैं सच कह रहा हूँ। ये सब तो मैंने ब्लू फ़िल्मों में देखा था।”



वोह बोली, “और क्या देखा था... बता…।”



मैंने कहा कि “मैं बताऊँगा नहीं... करके दिखाऊँगा।”



वो बोली, “ठीक है!” और वो और जोर से मेरे लंड को अंदर बाहर करने लगी। करीब दस मिनट तक वो लगातार मेरे लंड को अपने मुँह में लिये चूसती रही। चूँकि मेरा पहली बार था, इसलिए मैं उनके मुँह में ही हल्का हो गया। आँटी बोली, “कोई बात नहीं... पहली बार में ऐसा होता है”, और वोह अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ़ चाटने लगी और मेरा लंड धीरे-धीरे फिर से खड़ा होने लगा। इस सब में समय का पता ही नहीं चला और देखते-देखते सानिया के आने का समय हो गया। लेकिन वो अभी तक आयी नहीं थी और हम दोनों अपने आप में मस्त थे। दुनिया की कोई चिंता नहीं थी।कहानी का शीर्षक 'आयेशा आँटी की चुदाई’ है!



आयशा आँटी ने अपनी वो पारदर्सी ड्रेस उतार कर फेंक दी और ऊँची हील वाले सैंडलों के अलावा बिल्कुल नंगी हो गयी। अब मैं आयशा आँटी की चूत को सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूंची को दबा रहा था। उसके बाद आँटी ने कहा, “मेरी चूत को चूस” और मैं उनकी चूत को जोर-जोर से चूसने लगा। उनकी चूत गीली हो चुकी थी और उसमें से कुछ पानी जैसा निकल रहा था। मैं उसे चूसने लगा और वो जोर-जोर से “आआआआआहहहहह” कर रही थी और फिर बोली, “अब मुझे चोद... अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है।” मैंने भी बिना समय बर्बाद किये अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक हल्का सा झटका दिया तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में बहुत आसानी से चला गया।



फिर मैंने एक जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो हल्की आवाज़ में चिल्लाने लगी, “आआहह आआहहहह आआआआआ और कर.... बहुत मज़ा आ रहा है मेरे जानू... मुझे ऐसे ही चोदते रह.... ऊऊऊऊ ओहहहह आआआआहहहह।” मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा और करीब सात मिनट तक मैं लगातार झटके लेता रहा। उसके बाद उन्होंने कहा कि, “अब मैं तेर ऊपर आती हूँ।” कहानी का शीर्षक 'अयेशा आँटी की चुदा‌ई’ है!



मैंने कहा “ठीक है”, और मैं लेट गया। वो मेरे ऊपर आ गयी और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत से मिलाया और मेरे लंड पर अपनी चूत को दबाती चली गयी। मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस चुका था। अब वो जोर-जोर सी झटके मारने लगी और मैं उनकी गाँड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। फिर मैंने अपना हाथ उनकी चूंची पर रखा और उसे दबाने लगा।



वो और जोर-जोर से आवाज़ निकालने लगी, “ऊँऊँऊँऊँहहहह आआआआआहहहह ओहहह आँआँआँ” और बोलने लगी, “आज बहुत दिनों बाद ऐसा कोरा जवान लंड मिला है!” हम लोग अपने आप में इस तरह खोये हुए थे कि कब सानिया आ गयी पता ही नहीं चला। जब सानिया आयी थी तो आयशा आँटी मेरे ऊपर थी और जोर-जोर से झटके मारते हुए कह रही थी कि. “आज बहुत मज़ा आ रहा है... तू रोज आकर मुझे चोदा कर!”



सानिया ये सब अपनी आँखों से देख रही थी और फिर सानिया चुपचाप अंदर चली गयी। अपने मम्मी को किसी गैर-मर्द से चुदते देखना सानिया के लिए कोई नयी बात नहीं थी क्योंकि आयशा आँटी तो हमेशा किसी नये लंड की तलाश में ही रहती थी। करीब पंद्रह मिनट के बाद आयशा आँटी मेरे ऊपर से हटी और बोली, “आज बहुत मज़ा आया!”



तब मैंने कहा, “आपको तो मज़ा आ गया लेकिन मेरा तो अभी बाकी है!” और ये कहते हुए मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वो सिसकते हुए बोली, “बस कर... अब और नहीं... तुम जवान लड़कों को तो तसल्ली ही नहीं होती…!” तब मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और जोर से उनके होंठों को चूसने लगा। अब वो आवाज़ नहीं कर पा रही थी और मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा। तभी मैंने देखा कि सानिया कमरे के दरवाजे के पीछे से सब कुछ देख रही है और अपने चूंची को अपने हाथों से दबा रहे है। ये देख कर मैं और जोश में आ गया और आयशा आँटी को जोर-जोर से चोदने लग।



करीब पंद्रह मिनट के बाद मैं भी हल्का हो गया और हल्का होकर आयशा आँटी की बगल में ही लेट गया। वो अपने लिपस्टिक वाले होठों से मेरे होठों को चूमते हुए बोली, “आज बहुत मज़ा आया... तेरा दिल जब भी चोदने को करे तो तू मेरे पास आ जाया कर!”



मैंने कहा, “ठीक है!” फिर मैंने आँटी से कहा कि “क्या लड़की को चोदने में और ज्यादा मज़ा आता है?” तो वो बोली कि “तू चिंता मत कर... तेरा इशारा मैं समझ रही हूँ... तू ईद की रात में करीब बारह बजे के आस पास घर आना। उस समय तेरे अंकल भी घर पर नहीं रहेंगे क्योंकि वो दस बजे की ट्रेन से कुछ दिनों के लिये टूर पे जा रहे हैं और मैं तुम और सानिया… तीनों एक साथ चुदाई करेंगे!”



ये सुनकर मैं चौंक गया और उनसे कहा कि “क्या आप को खराब नहीं लगेगा जब मैं आपके सामने ही सानिया को चोदूँगा?”



आयेशा आँटी बोली, “खराब क्यों लगेगा…? सैक्स के मामले में मैं बेहद ओपन हूँ... और आखिर मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेती की चूत चोदने में तुझे ज्यादा मज़ा आता है या मेरी चूत चोदने में!”



तब मैंने कहा, “ठीक है आँटी... मैं बारह बजे आ जाऊँगा!”



ईद की रात को मैं जल्दी से बारह बजने का इंतज़ार करने लगा। मन में उत्तेजना थी कि आज सानिया को भी चोदूँगा। सानिया की चूत कैसी होगी, यही सोच कर उत्तेजित हो रहा था मैं। बड़ी मुश्किल से रात के बारह बजे। मैं किसी तरह से चुपचाप सानिया के घर गया। मैं घर के पीछे वाले दरवाज़े से गया था जिससे कोई देख ना सके। जब मैं घर में गया तो देखा कि ड्राइंग रूम में आयशा आँटी मैरून रंग का बहुत ही सैक्सी गाऊन और मैरून रंग के ही हाई पैंसिल हील के सैंडल पहन कर बैठी थी और एक हाथ में शराब का ग्लास पकड़े किसी से फोन पर बातें कर रहे थी। मुझे देख कर बोली, “आ गये तुम!”



मैंने कहा, “हाँ! बहुत मुश्किल से तो रात के १२ बजे हैं... मैं बहुत बेचैनी से रात के बारह बजने का इंतज़ार कर रहा था!”



मैंने पूछा, “आँटी! सानिया कहाँ है?”



आयशा आँटी बोली, “इतने बेचैन क्यों हो रहे हो, आज की रात तुम्हें जो कुछ भी करना है, सब कुछ कर लेना, आज सानिया को ऐसे चोदो कि उसे भी मज़ा आ जाये!”



मैंने कहा, “हाँ आँटी! आप ही का शागिर्द हूँ.. आज सानिया को मैं ऐसे ही चोदूँगा!”



उसके बाद आँटी बोली कि, “शराब तो तू पीता ही है... है ना?” और एक ग्लास में थोड़ी शराब निकाल कर मेरी तरफ़ बढ़ा दिया। मैं चुपचाप उसे पीने लगा। मैंने उनका ग्लास खाली देखा तो मैंने कहा, “आँटी आप भी पियो ना…” तो आयेशा आँटी बोली, “ठीक है एक पैग और पी लेती हूँ... वैसे मैं व्हिस्की के चार पैग तो पी चुकी हूँ और नशा भी हो रहा है… कहीं टुन्न होके लुढ़क ना जाऊँ!”



मैंने कहा, “कुछ नहीं होगा आँटी... वैसे भी शराब की पूरी बोतल से ज्यादा नशा तो आपके हुस्न में है...!”



“इसमें तो कोई शक नहीं... तो ले फिर हो जाये!” आयेशा आँटी अपना ग्लास भरके हंसते हुए बोली और हम दोनों चीयर्स करके पीने लगे।



तभी मैंने दरवाज़े के पास देखा कि सानिया वहाँ खड़ी है और मुझे बहुत ध्यान से देख रही है। मुझ पर शराब का हल्का सा नशा हो गया था। मैं वहाँ से उठा और सानिया के पास गया और उसे ईद की मुबारक बोल कर उसके होठों पर किस कर लिया। वोह कुछ नहीं बोली। मैंने कहा की, “कम से कम सानिया तुम मुझे ईद की बधाई ही दे दो जैसे मैंने तुम्हें दी है…!” वो शरमा गयी और वहाँ से जाने लगी। तभी आयशा आँटी ने उसे रोक और कहा, “सानिया बेटा! राजू को ईद मुबारक तो बोल दो, जैसे वो कह रहा है!”



तब सानिया ने कहा कि “मम्मी मुझे आपके सामने शरम आती है... मैं किस नहीं करूँगी!”



तो आयशा आँटी ने कहा, “बेटा मुझसे कैसी शरम? मैं तो तुम्हारी अम्मी हूँ और हम दोनों को सहेलियों की तरह रहना चाहिए… कभी मैंने तुमसे शरम की है क्या?”



ये सुनकर सानिया थोड़ी सी मेरी तरफ़ बढ़ी और बोली, “यहाँ नहीं। अंदर के रूम में चलो!”



आयशा आँटी ने भी कहा, “ठीक है तुम लोग अंदर चले जाओ, मैं अभी थोड़ी देर में आती हूँ।”



उसके बाद सानिया मुझे अंदर के रूम में ले गयी। सानिया ने उस समय सिर्फ़ स्कर्ट और एक हल्के रंग की शर्ट पहन रखी थी। उसकी स्कर्ट उसके घुटनों तक ही थी जिससे उसकी गोरी-गोरी टाँगें दिख रही थी। आयेशा आँटी की तरह सानिया ने भी आज हाई हील के बेहद सैक्सी सैंडल पहन रखे थे। मैंने सानिया को पकड़ कर उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसे किस करने लगा। मैं उसके होठों को चूसता रहा और वो भी मेरा साथ दे रही थी। वैसे हम पहले भी कईं दफा किस कर चुके थे। फिर मैं धीरे से अपने हाथ से उसकी शर्ट के बटन खोल कर उसकी एक चूंची अपने हाथ से दबाने लगा। जब मैं उसकी चूंची को दबा रहा था तो उसका चेहरा बहुत ही उत्तेजित लग रहा था। उसके बाद मैंने उसकी शर्ट खोल दी। अब उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सामने थीं क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैं देख कर हैरान रह गया कि सानिया की चूचियाँ कितनी अच्छी हैं। मैं यही सोचने लगा कि सानिया के कपड़ों के ऊफर से मैंने इन्हें मसला था लेकिन कभी नंगी नहीं देखी थीं।



उसके बाद मैंने सानिया को उसी तरह से बेड पेर लिटा दिया और मैं उसकी बगल में लेट कर उसकी एक चूंची को चूसने लगा और दूसरी चूंची को अपने एक हाथ से दबाने लग। वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी थी। धीरे-धीरे मैंने उसकी स्कर्ट भी खोल दी। अब सानिया सिर्फ़ पैंटी और हाई हील सैंडलों में थी। मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लग। वो उत्तेजित होकर मुझसे लिपट गयी और मैं उसके होठों को जोर से चूसने लग गया, और फिर मैंने उसके पैंटी भी खोल दी। उसके चूत क्लीन शेव्ड थी। उसकी क्लीन शेव्ड चूत देखकर तो मेरा लंड रॉड के तरह टाईट हो गया। मैं उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाता रहा और फिर उसकी चूत पर अपना मुँह लगाकर उसकी चूत को चूसने लगा। कहानी का शीर्षक 'आयेशा आँटी की चुदाई’ है!



मैं उसकी चूत को चूसता जा रहा था और वो सिसक रही थी, “जोर से... आआआहहह आआहहह और जोर से चूसो मेरे राजू... और जोर से!” तभी मेरा ध्यान दरवाज़े के तरफ़ गया तो मैंने देखा कि वहाँ सिर्फ मैरून रंग के हाई-हील सैंडल पहने बिल्कुल नंगी, आयशा आँटी दरवाजे के सहारे खड़ी होकर सब कुछ देख रही है और अपने हाथों से अपनी चूत में अँगुली कर रही है। फिर वो नशे में लड़खड़ाती- सी बेड के पास आ गयी और गाँड पर हाथ फेरने लगी और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।



सानिया उन्हें देख कर चौंक गयी और बोली, “मम्मी मुझे आपके समने शरम आ रही है... मैं आपके सामने कुछ नहीं करूँगी!” तब आयशा आँटी मेरे लंड पर से अपना हाथ हटाकर बोली, “तू मुझे अपनी अम्मी नहीं... अपनी सहेली समझ... मुझे भी तो तूने ऐं मर्तबा ये सब करते हुए देखा है...!” फिर आयेशा आँटी सानिया की तरफ़ चली गयी और उसके होठों को चूसने लगी। पहले तो सानिया कुछ नहीं बोली। फिर वो भी अपने मम्मी का साथ देने लगी। मैं सानिया की चूत को चूस रहा था। तभी सानिया ने मेरे चेहरे को अपनी चूत के पास जोर से सटा दिया और कहने लगी, “राजू आज पूरा चूस लो मेरी चूत को... पूरा निचोड़ लो…” और मैं उसकी चूत को चूसता रहा।



फिर आयशा आँटी ने कहा, “अब तू सानिया की चूत चोद!” कहानी का शीर्षक 'अयेशा आँटी की चुदा‌ई’ है!



मैंने अपना लंड अपने हाथ में लेकर सानिया की चूत के छेद पर जैसे ही रखा, सानिया डर गयी और कहने लगी “धीरे-धीरे करना... नहीं तो बहुत दर्द होगा!”



मैंने कहा, “ठीक है”, और मैंने धीरे से एक धक्का लगाया। मेरा आधा लंड सानिया की चूत में घुस चुका था और वो जोर से चिल्लायी, “ईईईईईईईईईईईई आआआआहहहह ऊऊऊऊऊऊऊहहहह... बस करो... अब नहीं आआआआआआआहहहहहह ओहह ओहहह मैं मर जाऊँगी... बस करो!”



तभी आयशा आँटी मेरे पास आयी और बोली, “अपना पूरा लंड सानिया की चूत में डाल दे... मैं देखना चाहती हूँ कि सानिया कि चूत में जब तेरा लंड जाता है तो उसे कैसा लगता है!”



मैंने तुरंत ही अपना पूरा लंड सानिया की चूत में डाल दिया और सानिया चिल्ला उठी “ऊँऊँऊँऊँम्म्म्म अल्लाहहऽऽऽ मैं मर गयी... बस छोड़ दो… अब नहीं!”



लेकिन तब तक तो मैं जोश में आ चुका था और मैं जोर-जोर से झटके मारने लगा। तब तक सानिया को भी अच्छा लगने लगा था। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। जब मैं और सानिया चुदाई कर रहे थे तब आयशा आँटी भी मेरे पास आकर मेरे होठों को चूसने लगी और अपनी चूत को सानिया के तरफ़ कर दिया और सानिया से कहा, “सानिया! मेरी चूत को चूसो!”



सानिया उनकी चूत को चूसने लगी और तब तक सानिया छूट चुकी थी और हल्की पड़ गयी थी। इतने में मेरा वीर्य भी सानिया की चूत में छूत गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। ये देख कर आयशा आँटी सानिया की चूत पे मुँह लगाकर अपनी बेटी की चूत को चूसने लगी और चूसते हुए बोली कि “सानिया तेरी चूत तो बेहद लज़ीज़ है, मैं तेरी चूत रोज़ चूसा करूँगी!”



"मम्मी आपकी चूत भी बेहद रसीली है... ऑय लव इट!" सानिया ने कहा। दोनों माँ-बेटी इस वक्त ६९ की पोज़िशन में एक दूसरे की चूत चाट रही थीं।



थोड़ी देर बाद सानिया बाथरूम में चली गयी। मैंने आँटी से कहा कि, “आँटी मैं तो सानिया की चूत में ही हल्का हो गया कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाये!”



आयेशा आँटी बोली, “तू फिक्र ना कर मुझे बहुत तजुर्बा है इस मामले में मैंने उस दिन से ही सानिया को बर्थ-कंट्रोल पिल्स देनी शुरू कर दी थी!” उसके बाद आयशा आँटी मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी जीभ से चाटने लगी। जब वो मेरे लंड को चाट रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मेरा लंड फिर से उनके मुँह में सख्त हो गया। थोड़ी देर बाद मेरा वीर्य उनके मुँह में छूट गया और मैं हल्का पड़ गया। आयशा आँटी ने मेरे लंड को अपनी जीभ से ही साफ़ किया और कहा कि “आज सानिया को अपने सामने चुदते हुए देख कर अच्छा लग रहा था और खुशी इस बात की है कि तूने मेरी सानिया और मुझे दोनों को एक साथ चोदा!”



तब मैंने आयशा आँटी से कहा कि “अभी तो मैंने सिर्फ़ सानिया को चोदा है... अभी आपको कहाँ चोदा है?”



यह सुनकर आयशा आँटी बोली, “चोद ले आज जितना चोद स सकता है। आज की पूरी रात तेरी है... तुझे जैसे-जैसे चोदना है, वैसे चोद ले!” आयशा आँटी की आवाज़ नशे में थोड़ी सी बहक रही थी।



मैंने आयशा आँटी से कहा कि “मैंने सुना है कि गाँड मारने में बहुत मज़ा आता है... मैं आपकी गाँड मारना चाहता हूँ... आप मुझसे अपनी गाँड मरवाओगी?”



आयशा आँटी ने कहा कि “कुछ साल पहले दो अफ्रीकी लड़के हमारे पड़ोस में रहते थे जिनके साथ मैं ऐश करती थी। उन दोनों नीग्रो से पहली बार मैंने गाँड मरवायी थी और उन नामकुलों ने अपने हब्शी लौड़ों से इतनी बेरहमी से मेरी गाँड कि मैं बता नहीं सकती… तब से मैंने कभी अपनी गाँड नहीं मरवायी। लेकिन तुझे मैं मन नहीं कर सकती... इसलिए आज मैं तुझसे अपनी गाँड भी मरवा लूँगी!”



फिर वो वहाँ से उठकर हाई हील सैंडलों में खटखट करती हुई नशे में लड़खड़ाती हुई दूसरे कमरे में चली गयी, और जब वो लौट कर आयी तो उनके हाथ में एक क्रीम की ट्यूब थी। वो मेरी तरफ़ ट्यूब बढ़ाते हुए बोली कि “सूखी गाँड मरवाने में दर्द होता है... इसलिए ये के-वॉय जैली मेरी गाँड के छेद पर लगा देना और उसके बाद तू मेरी गाँड मारना!”



मैंने कहा, “ठीक है... लेकिन पहले मेरे लंड को एक बार आप चूस लो जिससे मेरा लंड और टाइट हो जाये।” कहानी का शीर्षक 'आयेशा आँटी की चुदाई’ है!



आयशा आँटी झुक कर अपने मुँह से मेरे लंड को चूसने लगी। वो बहुत अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस रही थी। उनके होंठों और ज़ुबान में जादू था! एक मिनट में ही मेरा लंड पूरा टाइट होकर खड़ा हो गया। उसके बाद आयशा आँटी उल्टी होकर लेट गयी और अपने दोनों हाथों से अपनी गाँड के छेद को फ़ैलाने लगी। मैंने के-वॉय जैली निकाली और उनकी गाँड के छेद में भर दी। उसके बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा स थूक लगाया और गाँड के छेद पर अपना लंड रखकर हल्का सा धक्का दिया। मैंने जैसे ही धक्का दिया तो वो चिल्ला उठी, “नाआआआआईईईईईईईईईईई... बस कर... हाय अल्लाहहह…. बहुत दर्द हो रहा है।”



लेकिन तब मैं कहाँ रुकने वाला था, और मैंने एक धक्का और लगाया और मेरे लंड का तीन-चौथाई भाग उनकी गाँड के अंदर चला गया और वो जोर से चिलायी, “आआआआआहहहहह… मैं मर जाऊँगी।”



तभी मैंने पूरे जोर से झटका मारा और मेरा पूरा लंड उनकी गाँड में घुस गया। थोड़ी देर तक तो वो दर्द से चिल्लाती रही लेकिन बाद में कहने लगी, “बहुत अच्छा लग रहा है... मुझे नहीं पता था कि इसमें भी इतना मज़ा आता है... तो मैं तुझसे रोज़ अपनी गाँड मरवाऊँगी!”



तब तक सानिया भी बाथरूम से आ चुकी थी और वो ये सब देख रही थी कि मैं उसकी मम्मी की गाँड मार रहा हूँ। वो हमारे पास आ गयी। आयशा आँटी ने उसको अपने पास बुलाया और उसे अपने आगे लेटने के लिए बोली। सानिया लेट गयी और आयशा आँटी सानिया की चूत चाटने लगी। मैं उनकी गाँड मार रहा था और मेरा लंड तेजी से उनकी गाँड में अंदर-बाहर हो रहा था।कहानी का शीर्षक 'अयेशा आँटी की चुदा‌ई’ है!



सानिया की चूत चूसते-चूसते आयशा आँटी बीच में चिल्ला उठी, “ननाआआआआआहहहहह ऊईईईईईईईईईई धीरे कर... दर्द हो रहा है।”



लेकिन मैं तो अपने पूरे जोश में उनकी गाँड में अपना लंड अंदर-बाहर कर रहा था। उसके बाद मैंने आयशा आँटी से कहा कि सानिया से कहो कि मेरे लंड को वो चूसे। ये सुनते ही सानिया वहाँ से उठकर मेरी तरफ़ आ गयी और मैंने अपना लंड आयशा आँटी की गाँड से निकाल लिया और मैं लेट गया।



सानिया मेरी बगल में आकर मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर बोलने लगी, “इतना बड़ा लंड कैसे मेरी चूत में घुस गया?” और फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी। पहले सानिया लंड को ठीक से नहीं चूस पा रही थी। तब आयशा आँटी ने कहा, “अरे ऐसे नहीं चूसते हैं... मैं तुझे बताती हूँ कि कैसे लंड चूसते हैं!” फिर वो सानिया को वहाँ से हटाकर खुद आकर मेरे लंड को चूसने लगी।



सानिया उन्हें बहुत ध्यान से देख रही थी। फिर वो मेरी बगल में आयी तो मैं उसके होठों को चूसने लगा और वो वहाँ से उठकर मेरे लंड के पास आयी और मेरे लंड को चूसने लगी। इस बार वो मेरे लंड को बहुत अच्छे से चूस रही थी। दस मिनट के बाद मैं सानिया के मुँह में ही झड़ गया। वो जल्दी से उठकर बाथरूम में गयी और अपना मुँह धोने लगी। तब आयशा आँटी ने अपनी जीभ से मेरे लंड को पूरा साफ़ किया और मैं हल्का होकर वहीं बेड पर लेटा रहा। उसके बाद सानिया भी मेरी एक तरफ़ आकर लेट गयी और दूसरी तरफ़ आयशा आँटी लेट गयी। आयशा आँटी कहने लगी कि ईद की ये मुबारक रात उन्हें हमेशा याद रहेगी। सानिया ये सुनकर हँसने लगी तो मैंने अपने एक हाथ से जोर से उसकी चूंची को दबा दिया और वो मुझसे लिपट गयी। मैंने रात में सानिया को तीन बार चोदा और सुबह होते ही पीछे के ही दरवाज़े से मैं अपने घर चला गया।



!!! समाप्त !!!

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