hindi thriller sex story - दोनों की लुगाई
Re: hindi thriller sex story - दोनों की लुगाई
5 मिनट बाद रंगा ने रानी के दोनो नितंब थाम्के उसे थोड़ा उपर उठाया और उसके च्छेद पर अपना 10” लंबा लंड का सूपड़ा टीका दिया.
रानी ने उसे महसूस कर आने वाले हमले के लिए खुद को अंदर से तैयार कर लिया.
उसने धीरे से रानी के चूतडो को अपने लंड पे दबाया तो रानी उचक कर उपर उठ गयी.
अंजानी नर्वुसनेस की वजह से वो हर बार खुद को लंड पर से खीच ले रही थी.
3 बार ऐसा होने पर रंगा रानी के डर को महसूस किया और फिर उसने एक हाथ रानी के इर्द-गिर्द लपेटकर खुद से च्चिपका लिया और दूसरे से अपने लंड को पकड़ कर उसके च्छेद पर रखकर हल्का सा दबा दिया. इस बार सूपड़ा अंदर समा गया. फ्रिक्षन अच्छा होने की वजह से रानी को कुच्छ महसूस ना हुआ. दूसरी बार रंगा ने रानी को दोनो बाजुओं से जाकड़ कर ज़ोर से नीचे दबाया और साथ ही अपनी कमर को भी उपर उच्छाल दिया. ऐसा करते ही 5” लॉडा गुफा में सरसरता हुआ प्रवेश कर गया. रानी की आँखें उबल पड़ी. उसके कंठ से एक दबी-घुटि चीख निकल गयी जिसे रंगा ने अपने होठों से दबा दिया. उसके होठ रानी हो बेतहाशा चूम-चाट-चूस रहे थे.
जब भी रानी के लब आज़ाद होते तो उसकी आहें निकल जाती.
आआआआआआआआआआआआआआआआह……………..ओओओओओओओओओओओओओह………बस……..फॅट गआय्ाआअ…..आआआअननह.
रंगा को ये आवाज़ें और उत्तेजित कर रही थी. उसने 5” लंड को ही धीरे-धीरे पेलना चालू कर दिया.
दूर से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे उस नन्ही सी जान की गांद में किसी लड़के ने अपना हाथ ही घुसा दिया हो इतना मोटा था रंगा का लंड.
2 मिनट बाद रंगा ने फिर से रानी को उपर से पकड़ा और ज़ोर से नीचे की ओर दबा दिया. इस बार तीर सारी रुकावट चीरता हुआ 10” रानी की गांद में प्रविष्ट कर गया.
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ……………………….माआआआआआऐययईईईईईईईईईईई……………..बचाई ले हमको………………………ऊऊऊओ………..माआआआआआआईयईईईईईईईई……….बस करिए मालिक…………….सब फॅट गया……….आआआआआआआहह.
रानी की दर्दभरी चीखें बंद बाथरूम में गूंजने लगी पर भला इस बियाबान में कौन उस दुखियारी की सुन ने आता.
उसकी चीखें दर्दभरी सिसकियों में तब्दील हो गयी और आँसू आँखों का साथ नही छ्चोड़ पा रहे थे.
सही मायने में गांद फटना क्या होता है ये आज रानी ने जान लिया था. और इस प्रकार के संभोग में कोई मज़ा नही होता यह भी उसके समझ में आ गया था. फिर भी वो अपने देवता की उपासना में कोई खलल नही डालना चाहती थी इसलिए ये क्रूरता झेल रही थी.
रंगा ने उसका दर्द कम करने के लिए उसकी चूची मूह में भर के चूसने-चाटने लगा. इससे कुच्छ मिनटों बाद रानी का दर्द थोड़ा कम हुआ और वो अपनी छाती पर फैली मस्ती का आनंद उठाने लगी.
रंगा ने धक्के की रफ़्तार बहा दी.
जब उसका लंबा-मोटा लंड रानी की नन्ही गांद को चीरता हुआ पेले जा रहा था तो पूरे बाथरूम में च्चप्प-च्चप्प टब के पानी की आवाज़ आ रही थी और साथ ही बेसूध और मस्तायि रानी के मूह से उउउउउउउउउउउउन्न्न्न……..उउउउउन्न्न्न्न्न्न्न्न………..ऊवूऊवूयूवूयूयुवयन्न्न की सिसकारी. रानी ने इस हमले को झेलने के लिए रंगा के पीछे टब के किनारों को अपने दोनो हाथों से मजबूती से पकड़ रखा था और अपने गांद को उसके धक्कों से मॅच करते हुए उपर-नीचे कर रही थी.
रंगा इस तरह उस अनछुई कमसिन कुँवारी लड़की को अपने दूसरे च्छेद का ऐसे मज़ा लेते देख मस्ती से बौरा गया और 9-10 मिनट एक लंबी आहह भर वीरगति को प्राप्त हो गया.
अपना गाढ़ा वीर्या करीब एक मीं तक उसने रानी के गांद में छ्चोड़ा और रानी के चेहरे को हथेलियों में भरके उसके होठ चूसने लगा. रानी को अब तक तो ऐसा लग रहा था जैसे किसीने उसकी गांद में जलता हुआ लोहे की छड़ पायबस्त कर दी हो पर वीर्य के छ्छूटने पर ऐसा लगा जैसे वो छड़ गल कर उसकी ही गांद में बह गया.
रंगा का लंड सिकुड़कर 6” का होगआया करीब 2 मिनट में. उसने धीरे से रानी के गांद को अपने लॉड से आज़ाद किया तो देखा कुच्छ वीर्या रानी के फूलती-पिचकति गांद से बहता हुआ पानी में गिर रहा था. उसने जल्दी से अपनी हथेली को च्छेद के नीचे रख सारा वीर्या कलेक्ट किया और रानी के होठों के करीब लाता हुआ बोला – लो गुड़िया रानी, अपनी पूजा का प्रसाद!!
रानी ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी जीभ से रंगा की हथेली चाट ते हुए सारा वीर्य पी लिया.
रंगा ये देख कर बहुत प्रसन्न हुआ की रानी एक बहुत ही अच्छी लंड-चूसक बनती जा रही थी.
दोनो फिर टब से निकलकर झरने के नीचे नहाए और टॉवेल लपेटकर बाहर आ गये.
रंगा ने रानी को अपने जांघों पर बैठाके खाना खिलाया और बिस्तर पे लाकर लिटा दिया.
12 घंटे के अंदर 3 बार रंगा-जग्गा के मूसलों से पस्त रानी को 15 मिनट में ही फिर से नींद आ गयी.
रानी ने उसे महसूस कर आने वाले हमले के लिए खुद को अंदर से तैयार कर लिया.
उसने धीरे से रानी के चूतडो को अपने लंड पे दबाया तो रानी उचक कर उपर उठ गयी.
अंजानी नर्वुसनेस की वजह से वो हर बार खुद को लंड पर से खीच ले रही थी.
3 बार ऐसा होने पर रंगा रानी के डर को महसूस किया और फिर उसने एक हाथ रानी के इर्द-गिर्द लपेटकर खुद से च्चिपका लिया और दूसरे से अपने लंड को पकड़ कर उसके च्छेद पर रखकर हल्का सा दबा दिया. इस बार सूपड़ा अंदर समा गया. फ्रिक्षन अच्छा होने की वजह से रानी को कुच्छ महसूस ना हुआ. दूसरी बार रंगा ने रानी को दोनो बाजुओं से जाकड़ कर ज़ोर से नीचे दबाया और साथ ही अपनी कमर को भी उपर उच्छाल दिया. ऐसा करते ही 5” लॉडा गुफा में सरसरता हुआ प्रवेश कर गया. रानी की आँखें उबल पड़ी. उसके कंठ से एक दबी-घुटि चीख निकल गयी जिसे रंगा ने अपने होठों से दबा दिया. उसके होठ रानी हो बेतहाशा चूम-चाट-चूस रहे थे.
जब भी रानी के लब आज़ाद होते तो उसकी आहें निकल जाती.
आआआआआआआआआआआआआआआआह……………..ओओओओओओओओओओओओओह………बस……..फॅट गआय्ाआअ…..आआआअननह.
रंगा को ये आवाज़ें और उत्तेजित कर रही थी. उसने 5” लंड को ही धीरे-धीरे पेलना चालू कर दिया.
दूर से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे उस नन्ही सी जान की गांद में किसी लड़के ने अपना हाथ ही घुसा दिया हो इतना मोटा था रंगा का लंड.
2 मिनट बाद रंगा ने फिर से रानी को उपर से पकड़ा और ज़ोर से नीचे की ओर दबा दिया. इस बार तीर सारी रुकावट चीरता हुआ 10” रानी की गांद में प्रविष्ट कर गया.
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ……………………….माआआआआआऐययईईईईईईईईईईई……………..बचाई ले हमको………………………ऊऊऊओ………..माआआआआआआईयईईईईईईईई……….बस करिए मालिक…………….सब फॅट गया……….आआआआआआआहह.
रानी की दर्दभरी चीखें बंद बाथरूम में गूंजने लगी पर भला इस बियाबान में कौन उस दुखियारी की सुन ने आता.
उसकी चीखें दर्दभरी सिसकियों में तब्दील हो गयी और आँसू आँखों का साथ नही छ्चोड़ पा रहे थे.
सही मायने में गांद फटना क्या होता है ये आज रानी ने जान लिया था. और इस प्रकार के संभोग में कोई मज़ा नही होता यह भी उसके समझ में आ गया था. फिर भी वो अपने देवता की उपासना में कोई खलल नही डालना चाहती थी इसलिए ये क्रूरता झेल रही थी.
रंगा ने उसका दर्द कम करने के लिए उसकी चूची मूह में भर के चूसने-चाटने लगा. इससे कुच्छ मिनटों बाद रानी का दर्द थोड़ा कम हुआ और वो अपनी छाती पर फैली मस्ती का आनंद उठाने लगी.
रंगा ने धक्के की रफ़्तार बहा दी.
जब उसका लंबा-मोटा लंड रानी की नन्ही गांद को चीरता हुआ पेले जा रहा था तो पूरे बाथरूम में च्चप्प-च्चप्प टब के पानी की आवाज़ आ रही थी और साथ ही बेसूध और मस्तायि रानी के मूह से उउउउउउउउउउउउन्न्न्न……..उउउउउन्न्न्न्न्न्न्न्न………..ऊवूऊवूयूवूयूयुवयन्न्न की सिसकारी. रानी ने इस हमले को झेलने के लिए रंगा के पीछे टब के किनारों को अपने दोनो हाथों से मजबूती से पकड़ रखा था और अपने गांद को उसके धक्कों से मॅच करते हुए उपर-नीचे कर रही थी.
रंगा इस तरह उस अनछुई कमसिन कुँवारी लड़की को अपने दूसरे च्छेद का ऐसे मज़ा लेते देख मस्ती से बौरा गया और 9-10 मिनट एक लंबी आहह भर वीरगति को प्राप्त हो गया.
अपना गाढ़ा वीर्या करीब एक मीं तक उसने रानी के गांद में छ्चोड़ा और रानी के चेहरे को हथेलियों में भरके उसके होठ चूसने लगा. रानी को अब तक तो ऐसा लग रहा था जैसे किसीने उसकी गांद में जलता हुआ लोहे की छड़ पायबस्त कर दी हो पर वीर्य के छ्छूटने पर ऐसा लगा जैसे वो छड़ गल कर उसकी ही गांद में बह गया.
रंगा का लंड सिकुड़कर 6” का होगआया करीब 2 मिनट में. उसने धीरे से रानी के गांद को अपने लॉड से आज़ाद किया तो देखा कुच्छ वीर्या रानी के फूलती-पिचकति गांद से बहता हुआ पानी में गिर रहा था. उसने जल्दी से अपनी हथेली को च्छेद के नीचे रख सारा वीर्या कलेक्ट किया और रानी के होठों के करीब लाता हुआ बोला – लो गुड़िया रानी, अपनी पूजा का प्रसाद!!
रानी ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी जीभ से रंगा की हथेली चाट ते हुए सारा वीर्य पी लिया.
रंगा ये देख कर बहुत प्रसन्न हुआ की रानी एक बहुत ही अच्छी लंड-चूसक बनती जा रही थी.
दोनो फिर टब से निकलकर झरने के नीचे नहाए और टॉवेल लपेटकर बाहर आ गये.
रंगा ने रानी को अपने जांघों पर बैठाके खाना खिलाया और बिस्तर पे लाकर लिटा दिया.
12 घंटे के अंदर 3 बार रंगा-जग्गा के मूसलों से पस्त रानी को 15 मिनट में ही फिर से नींद आ गयी.
- MotherOfDragons
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- Joined: 13 Jul 2016 13:36
Re: hindi thriller sex story - दोनों की लुगाई
Finally proper story ki tarah buildup hua
Re: hindi thriller sex story - दोनों की लुगाई
Yupp its really hot story rajkumari as like you....