अनोखे परिवार--2
खाना ख़तम करके ललिता भाभी और सरोज सोने अपने
कमरे में चले गये आंटी नें मुझे ड्रॉयिंग रूम में
बुला लिया. मैं सोफे पर बैठ गया आंटी भी वहीं पास में
आकर बैठ गयी उन्होनें बात चीत करनी शुरू की मेरी
नज़रे उनकी चूचियों पर थी.
अचानक ही उन्होने पूछ दिया क्या देख रहे हो पंकज .
मैं सकपका गया उन्होनें कहा अछा है क्या. तेरे अंकल को
भी ये बहुत पसंद है. मैं कुछ समझ नही पाया.
उन्होनें कहा कि बेटा शर्मा मत ये ज़िंदगी बहुत छोटी
इसमे आदमी को हमेशा खुश रहना चाहिए और जितना हो सके
एंजाय करना चाहिए. मैं कुछ बोल नही पाया उन्होनें मेरे
हाथ पर अपना हाथ रख दिया. क्या नरम नरम हाथ थी
उनकी, मैने उनकी तरफ देखा उन्होनें मेरा हाथ उठाकर
अपने चूची पर रख दिया क्या सॉफ्ट चूची थी उनकी.
मैने डरते हुए हल्के से उनकी चूची दबा दी वो
सिहर गयी और उनके मूह से हल्की सी आह निकल गयी. उन्होनें
पूछा " पसंद आया बेटा यही देख रहा था ना" उन्होनें
फिर कहा देखेगा और कह कर उन्होनें अपनी एक चूची
अपने नाइटी से आज़ाद कर दिया. वा क्या मस्त चूची थी मैने
हल्के से उसका स्पर्श किया बड़ा अछा लगा लगा जैसे मैं
जन्नत में आ गया हूँ. ये सब मुझे सपने जैसा लग
रहा था एक सुंदर अधेड़ उमर की औरत मुझसे अपनी चूची
मालवा रही है ये देख कर लंड अपने पूरे औकात में आगेया
था.
मैने आंटी के आँखों में झाँकने की कोशिश की उनकी
आँखे एकदम नशीली हो चली थी. उन्होने धीरे से हाथ
बढाकर मेरे लंड को मेरे शॉर्ट्स के उपर से सहलाना शुरू
कर दिया.
उन्होनें कहा कि बेटा तेरा लंड तो बहुत बड़ा लग रहा है
ज़रा दिखा ना कि कैसा है तेरा लंड और उन्होनें पॅंट नीचे
सरका दी, पॅंट सरकते ही मेरा लंड बाहर आ गया वो फटी
फटी और ललचाई नज़रों से मेरे बड़े और मोटे लंड को देख
रही थी उन्होनें कहा कि बेटा तू इसमे क्या लगाता है इतना तगड़ा
लंड मैने आज तक नही देखा है ये तो किसी को भी तृप्त कर
देगा.
मैने पूछा आंटी अंकल का कैसा है तो उन्होनें कहा कि
बेटा उनका भी बड़ा और खूब मोटा है मगर तेरी तो बात ही
कुछ और है. वो मेरे और नज़दीक आ गयी थी उन्होनें मेरे
लंड को अपनी हथेली में लेकर सहलाना शुरू कर दिया मुझे
बहुत मज़ा रहा था दोस्तों मैं बताऊ मेरी क्या हालत हो रही
थी मैं अब एक दम बेकाबू हो गया था.
मैने कन्प्ति आवाज़ में पूछा आंटी अंकल से आप खुश नही
हैं क्या तो उन्होनें कहा ऐसा नही है बेटा वो तो मुझे रोज़
चोदते हैं और मैं ना झाड़ू वो नही झाड़ते मगर क्या
करू मुझे चुद्वाना बहुत अछा लगता है.
मेरी लंड की भूख बहुत ज़्यादा है, तेरे लंड को देख कर लग
रहा है कि अब मेरे दुख भरे दिन गये बेटा. तू मुझे
चोदेगा बेटा मैं इसी का तो इंतेज़ार कर रहा था मैने कहा
आंटी आपलोग बहुत अच्छे हो जब ज़रूरत होगी बोले देना.
आंटी खुश हो गयी और मेरा लंड अपने होंठो के पास
लाकर चूमने लगी धीरे धीरे उन्होनें मेरे लंड को
अपने मूह में भर लिया.
अनोखे परिवार
Re: अनोखे परिवार
मेरी आँखे बंद हो गयी, अजब अहसास था ये पहली बार किसी
औरत नें मेरा लंड छुआ था मैं अजीब मस्ती में था
मैने आंटी की चुचिओ को अपने हाथ भर कर सहलाने
लगा उनकी रफ़्तार भी तेज हो गयी थी और मेरे लंड को अब और तेज़ी
से चूसे जा रही थी.
मैने उनसे पूछा कि आंटी क्या मैं आपकी चूत देख सकता
हूँ तो उन्होनें मेरी तरफ नज़रें करके कहा कि बेटा ये भी
कोई पूछने की बात है जो करना है कर मैने उन्हें वहीं
लेटा दिया और उनकी नाइटी उपर सरका दी अब उनकी काली पॅंटी से
धकि चूत मेरे आँखो के सामने थी मैने उनकी चूत
को पॅंटी के उपर से ही सहलाना शुरू कर दिया पॅंटी एक गीली हो
चुकी थी आंटी आहह आहह और सी सी की आवाज़ निकाल रही थी.
मैने उनकी पॅंटी उतार दी उनकी चूत पूरी मेरे सामने थी
चूत पर कोई बॉल नही थे बिल्कुल सॉफ लग रही थी मैने उनकी
चूत की पुतलियों को अलग किया उसमे से रस टपक रही थी मैने
धीरे उनके चूत के दाने को भी सहलाना शुरू किया वो
अब पूरी मस्त हो गयी थी और बड़बड़ा रही थी उन्होने कहा
अरे वाह बेटा तेरी उंगली में तो जादू है बड़ा मज़ा आ रहा
है मैने उनकी चूत को चूम लिया आंटी सिहर उठी उन्होनें
अपनी टाँगे और चौड़ी कर दी मैने उनकी चूत पर ज़बान फेरना
शुरू कर दिया एकदम नमकीन टेस्ट थी उनके चूत की
उन्होनें मेरी सर को सहलाना शुरू कर दिया और अपने चूत के
उपर दबाने लगी उन्हे बड़ा मज़ा आ रहा था वो कहे
जा रही थी " अया बेटा बड़ा मज़ा आ रहा है ऐसे ही चाट
तेरे अंकल भी ऐसा नही चाटते हैं मेरी चूत को क्या चाटा है
तू ", उनकी चूत पानी छोड़ने लगी थी और मैं रस ले लेकर
चूत चाट रहा था.
अब मेरा लंड पूरे ताव में था मैने उनकी टाँगे उपर उठा
दी और उनके ऊट की पुतलियों को अपने दाँत में लेकर हल्का
हल्का काटने लगा वो पूरे मस्ती में आ गयी थी वो
बोलने लगी " अर्रे बेटा तू बहुत है मेरी चूत की रस को पी जा
कहाँ था तू अब तक कल रात ही मैं तुझसे चुद्वाने गयी थी
मैं तू मुझे चोद जी भर के इस भोस्डे को चोद मैं
तेरी हूँ बेटा जब मन चाहे चोद लिया कर.
मैं 69 पोज़िशन में आ गया था उन्होनें मेरे बड़े और
मोटे लंड को अपने मूह में भर लिया और ओर से चूसने लगी
थी अचानक उनकी चूत नें मेरे मूह में खूब सारा पानी
छोड़ दिया वो झड़ चुकी थी मगर मेरा लंड अभी तक खड़ा
था और उनके मूह में था मैने अपना लंड उनकी मूह में
पेलना शुरू कर दिया वो रस ले ले कर लॉलीपोप की तरह चूस रही
थी उन्होनें थोड़ी बाद लंड को मूह से बाहर निकला और कहा
कि बता अब नही रहा जाता मुझे चोद डाल मैं भी पोज़िशन
बदलते हुए उनकी टाँगो के बीच आ गया और अपने लंड को
चूत पर रख कर घीसने लगा आंटी बेकाबू हो रही थीं
और मैं पूरे जोश में था.
औरत नें मेरा लंड छुआ था मैं अजीब मस्ती में था
मैने आंटी की चुचिओ को अपने हाथ भर कर सहलाने
लगा उनकी रफ़्तार भी तेज हो गयी थी और मेरे लंड को अब और तेज़ी
से चूसे जा रही थी.
मैने उनसे पूछा कि आंटी क्या मैं आपकी चूत देख सकता
हूँ तो उन्होनें मेरी तरफ नज़रें करके कहा कि बेटा ये भी
कोई पूछने की बात है जो करना है कर मैने उन्हें वहीं
लेटा दिया और उनकी नाइटी उपर सरका दी अब उनकी काली पॅंटी से
धकि चूत मेरे आँखो के सामने थी मैने उनकी चूत
को पॅंटी के उपर से ही सहलाना शुरू कर दिया पॅंटी एक गीली हो
चुकी थी आंटी आहह आहह और सी सी की आवाज़ निकाल रही थी.
मैने उनकी पॅंटी उतार दी उनकी चूत पूरी मेरे सामने थी
चूत पर कोई बॉल नही थे बिल्कुल सॉफ लग रही थी मैने उनकी
चूत की पुतलियों को अलग किया उसमे से रस टपक रही थी मैने
धीरे उनके चूत के दाने को भी सहलाना शुरू किया वो
अब पूरी मस्त हो गयी थी और बड़बड़ा रही थी उन्होने कहा
अरे वाह बेटा तेरी उंगली में तो जादू है बड़ा मज़ा आ रहा
है मैने उनकी चूत को चूम लिया आंटी सिहर उठी उन्होनें
अपनी टाँगे और चौड़ी कर दी मैने उनकी चूत पर ज़बान फेरना
शुरू कर दिया एकदम नमकीन टेस्ट थी उनके चूत की
उन्होनें मेरी सर को सहलाना शुरू कर दिया और अपने चूत के
उपर दबाने लगी उन्हे बड़ा मज़ा आ रहा था वो कहे
जा रही थी " अया बेटा बड़ा मज़ा आ रहा है ऐसे ही चाट
तेरे अंकल भी ऐसा नही चाटते हैं मेरी चूत को क्या चाटा है
तू ", उनकी चूत पानी छोड़ने लगी थी और मैं रस ले लेकर
चूत चाट रहा था.
अब मेरा लंड पूरे ताव में था मैने उनकी टाँगे उपर उठा
दी और उनके ऊट की पुतलियों को अपने दाँत में लेकर हल्का
हल्का काटने लगा वो पूरे मस्ती में आ गयी थी वो
बोलने लगी " अर्रे बेटा तू बहुत है मेरी चूत की रस को पी जा
कहाँ था तू अब तक कल रात ही मैं तुझसे चुद्वाने गयी थी
मैं तू मुझे चोद जी भर के इस भोस्डे को चोद मैं
तेरी हूँ बेटा जब मन चाहे चोद लिया कर.
मैं 69 पोज़िशन में आ गया था उन्होनें मेरे बड़े और
मोटे लंड को अपने मूह में भर लिया और ओर से चूसने लगी
थी अचानक उनकी चूत नें मेरे मूह में खूब सारा पानी
छोड़ दिया वो झड़ चुकी थी मगर मेरा लंड अभी तक खड़ा
था और उनके मूह में था मैने अपना लंड उनकी मूह में
पेलना शुरू कर दिया वो रस ले ले कर लॉलीपोप की तरह चूस रही
थी उन्होनें थोड़ी बाद लंड को मूह से बाहर निकला और कहा
कि बता अब नही रहा जाता मुझे चोद डाल मैं भी पोज़िशन
बदलते हुए उनकी टाँगो के बीच आ गया और अपने लंड को
चूत पर रख कर घीसने लगा आंटी बेकाबू हो रही थीं
और मैं पूरे जोश में था.
Re: अनोखे परिवार
उन्होनें मेरे लंड को पकड़ कर चूत के छेद पर टीकाया और
नीचे से अपनी गंद उचका कर मेरे लंड को अपनी चूत के
भीतेर ले लिया मैने भी अपने लंड का दबाव बनाना शुरू
कर दिया वो छटपटाने लगी और मुझे अपने उपर खींच
लिया अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा चुका था मैं
अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.
वो बड़बड़ाने लगी अर्रे बेटा अपने लंड को धीरे
धीरे क्यों अंदर बाहर कर रहा है ज़रा ताक़त लगा और ओर
से चोद मुझे " मैने अपनी बढ़ा दी " हां बेटा और तेज़
और तेज़ खूब कस के चोदो मुझे आ क्या लंड है तेरा वह
मज़ा आ गया मेरी चूत फाड़ दे बेटा वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने
लगी मुझे डर था कि कहीं भाभी या सरोज ना आ जाए मगर
वो तो अपनी मस्ती में थी मैने खूब ज़ोर उन्हे पेलना शुरू
कर दिया वो छटपटाने लगी.
मैने अपना लंड चूत से निकाला और उन्हे घोड़ी बना दिया अब
उनकी गंद की छेद मेरे सामने थी मैने पीछे से उनकी
चूत में लंड अंदर डाल दिया और अपनी उंगली से गांद को
कुरेदने लगा, वो पूरी मस्ती में आ गयी थी उनके मूह
से आअहह आअहह की आवाज़े आ रही थी और बके जा रही थी
चोद पंकज चोद और ओर ज़ोर से चोद वाह क्या सख़्त लॅंड है तेरा
ऐसा लंड कहाँ से पाया है तूने बहुत अछा लग रहा है
मेरे राजा बेटा तू सही मानों में जवान है गधे जैसा लंड
है तेरा तेरी बीवी तुझसे कितनी खुश रहेगी तू मुझे रोज ऐसे हो
चोदा कर वाह मज़ा आ गया अचानक उनका बदन अकड़ने
लगा
और उन्होनें अपनी चूत को मेरे लंड पर चांप दिया और
झदने लगी इधर मैं भी झदने के कगार पर था कि
अचानक पीछे से आवाज़ आई पंकज माजी ये आपलोग क्या कर
रहे हैं" मैं हड़बड़ा गया आंटी भी हड़बड़ा गयी
मैने झट से अपना लंड निकाला और पीछे मूड कर देखा तो
ललिता भाभी कमर पे हाथ रखे खड़ी थीं मैं अपने
लंड को छुपाने की कोशिश करने लगा मगर वो इतना बड़ा
था कि छुपने का नाम ही नही ले रहा था. भाभी की नज़रें
अचानक मेरे लंड पर गयी और उनका मूह खुला का खुला
रह गया. भौचक होके वो मेरे लंड को देख रही थी माजी
भी ये सब देख रही थी वो भी उसी तरह नगन अवस्था में
अपनी चूत और बड़ी बड़ी चुचिओ पर अपने हाथ रखे खड़ी
थी.
उनके चेहरे पर कातिल मुस्कान आ गयी थी. वो बोली "
बहू इस लंड को देख कर रह गयी ना हैरान मैं भी इसके
के आकार को देख कर अपना होश खो बैठी थी , ये लंड है ही
इतना जानदार कि कोई भी इसको अपने चूत में लिए बिना नही रह
सकता है. बहू इस जीवन में यही एक सुख है इसकी भूख
सभी को होती है तुझे भी है और मुझे. तू भी संजय से रोज़
इसी लिए तो चुद्ति होगी और मैं रोज़ रात को तेरे ससुर से इस
उम्र में भी चुद्ति हूँ." बहू ये भगवान का बनाया हुआ
ऐसा वरदान है इसके लिए क्या क्या हो जाता है और तू नाराज़ हो
रही है."
भाभी की नज़रें मेरे खड़े लंड पर ही टिकी थी. उन्नको
समझ में नही आ रहा था कि वो क्या बोले. ज़ाहिर है मेरा
सख़्त और लंबा लंड उन्हे असचर्यचकित कर रहा था.
उन्होनें अपने आपको संभालते हुए कहा कि पॅकज ये तुम
क्या कर रहे थे और माजी आप इस उम्र ऐसी हरकत छी, मैं
सोच भी नही सकती थी कि आप ऐसा करेंगी वो भी इस अपने बेटे
के उम्र के लड़के के साथ.
सरोज देखेगी तो क्या कहेगी.
नीचे से अपनी गंद उचका कर मेरे लंड को अपनी चूत के
भीतेर ले लिया मैने भी अपने लंड का दबाव बनाना शुरू
कर दिया वो छटपटाने लगी और मुझे अपने उपर खींच
लिया अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा चुका था मैं
अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.
वो बड़बड़ाने लगी अर्रे बेटा अपने लंड को धीरे
धीरे क्यों अंदर बाहर कर रहा है ज़रा ताक़त लगा और ओर
से चोद मुझे " मैने अपनी बढ़ा दी " हां बेटा और तेज़
और तेज़ खूब कस के चोदो मुझे आ क्या लंड है तेरा वह
मज़ा आ गया मेरी चूत फाड़ दे बेटा वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने
लगी मुझे डर था कि कहीं भाभी या सरोज ना आ जाए मगर
वो तो अपनी मस्ती में थी मैने खूब ज़ोर उन्हे पेलना शुरू
कर दिया वो छटपटाने लगी.
मैने अपना लंड चूत से निकाला और उन्हे घोड़ी बना दिया अब
उनकी गंद की छेद मेरे सामने थी मैने पीछे से उनकी
चूत में लंड अंदर डाल दिया और अपनी उंगली से गांद को
कुरेदने लगा, वो पूरी मस्ती में आ गयी थी उनके मूह
से आअहह आअहह की आवाज़े आ रही थी और बके जा रही थी
चोद पंकज चोद और ओर ज़ोर से चोद वाह क्या सख़्त लॅंड है तेरा
ऐसा लंड कहाँ से पाया है तूने बहुत अछा लग रहा है
मेरे राजा बेटा तू सही मानों में जवान है गधे जैसा लंड
है तेरा तेरी बीवी तुझसे कितनी खुश रहेगी तू मुझे रोज ऐसे हो
चोदा कर वाह मज़ा आ गया अचानक उनका बदन अकड़ने
लगा
और उन्होनें अपनी चूत को मेरे लंड पर चांप दिया और
झदने लगी इधर मैं भी झदने के कगार पर था कि
अचानक पीछे से आवाज़ आई पंकज माजी ये आपलोग क्या कर
रहे हैं" मैं हड़बड़ा गया आंटी भी हड़बड़ा गयी
मैने झट से अपना लंड निकाला और पीछे मूड कर देखा तो
ललिता भाभी कमर पे हाथ रखे खड़ी थीं मैं अपने
लंड को छुपाने की कोशिश करने लगा मगर वो इतना बड़ा
था कि छुपने का नाम ही नही ले रहा था. भाभी की नज़रें
अचानक मेरे लंड पर गयी और उनका मूह खुला का खुला
रह गया. भौचक होके वो मेरे लंड को देख रही थी माजी
भी ये सब देख रही थी वो भी उसी तरह नगन अवस्था में
अपनी चूत और बड़ी बड़ी चुचिओ पर अपने हाथ रखे खड़ी
थी.
उनके चेहरे पर कातिल मुस्कान आ गयी थी. वो बोली "
बहू इस लंड को देख कर रह गयी ना हैरान मैं भी इसके
के आकार को देख कर अपना होश खो बैठी थी , ये लंड है ही
इतना जानदार कि कोई भी इसको अपने चूत में लिए बिना नही रह
सकता है. बहू इस जीवन में यही एक सुख है इसकी भूख
सभी को होती है तुझे भी है और मुझे. तू भी संजय से रोज़
इसी लिए तो चुद्ति होगी और मैं रोज़ रात को तेरे ससुर से इस
उम्र में भी चुद्ति हूँ." बहू ये भगवान का बनाया हुआ
ऐसा वरदान है इसके लिए क्या क्या हो जाता है और तू नाराज़ हो
रही है."
भाभी की नज़रें मेरे खड़े लंड पर ही टिकी थी. उन्नको
समझ में नही आ रहा था कि वो क्या बोले. ज़ाहिर है मेरा
सख़्त और लंबा लंड उन्हे असचर्यचकित कर रहा था.
उन्होनें अपने आपको संभालते हुए कहा कि पॅकज ये तुम
क्या कर रहे थे और माजी आप इस उम्र ऐसी हरकत छी, मैं
सोच भी नही सकती थी कि आप ऐसा करेंगी वो भी इस अपने बेटे
के उम्र के लड़के के साथ.
सरोज देखेगी तो क्या कहेगी.