आंटी नें कहा बहू तूने देख
लिया है तू ही बता मैं क्या करती इसके लंड को देखकर कोई भी
अपना आपा खो सकता देख तो कितना मस्त लॉडा है इसका और ये
कहते हुए उन्होनें मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया.
बहू मैं तो कहती हूँ एक बार तू इसे छू कर तो देख तेरा
क्या हाल होता है. बहू संजय तेरे को रोज़ चोद्ता है ये मैं
जानती हूँ और तू चुदाई के समय क्या क्या बड़बड़ाती है ना
सिर्फ़ मैं बल्कि तेरे ससुर भी जानते है.
हम लोग तेरी बाते सुन चुके हैं. अभी कल ही रात की तो बात
है तू चुदाई के समय कह रही थी कि तू अपनी चूत में साथ
ही साथ गंद में भी लंड चाहती है क्यों बहू मैं क्या
ग़लत कह रही हो बता तू मुझे. भाभी शॉक में थी उनका
मूह खुला का खुला रह गया था उन्होनें कहा " माजी आपलोग
रात को हमारी बातें सुनती हो. आंटी बोली नही बेटा तू इतने ज़ोर
ज़ोर से चिल्ला रही थी कि हमे डर था कि नीचे सिंग साहब
का परिवार तेरी आवाज़ ना सुन लें और शायद ऐसा हुआ भी हो कौन
जाने.
तू चुदाई के समय कंट्रोल रखा कर इतने ज़ोर से चिल्लाति है तू.
आंटी बोली और तू यहाँ जो ये सब कह रही है तो तुझे बता
दूँ आजकल के दौरमे ऐसा कहाँ नही होता तू बता ज़रा दिल और
दिमाग़ खुला रखा कर और मज़े ले ज़िंदगी के और मुझे भी
लेने दे, देख तो इस लंड को कैसे सलामी दे रहा है इस लंड को
कौन मना कर सकता है भला तू बता उन्होनें मेरे लंड
अपनी मुति में जाकड़ लिया था मेरा लंड उनकी बातों को सुन
कर और फनफना गया था, भाभी वहीं सोफे पर लुढ़क गयी
थीं.
मैने आंटी की तरफ देखा उन्होनें मुझे चुप रहने का
इशारा कर दिया मैं चुप चाप तमाशा देखने लगा. आंटी
उसी अवस्था में ललिता भाभी की तरफ बढ़ी और उनके बालों
पर हाथ फेरने लगीं. बोली बहू देख क्या मैं तुम लोगों की
वजह से अपने मन की नही कर सकती, क्या मेरी इतनी भी इस घर
में औकात नही है भाभी नें अपना सर उठाया और कहा ऐसी
बात नही है माजी मुझे इसकी उम्मीद नही थी बस इतनी सी बात
है आप जो चाहें करें मगर बाबूजी
संजय या सरोज को पता चलेगा तो क्या होगा आप बताइए. आंटी
भाभी के बगल में बैठ गयी और सोचने लगी, उन्होने
कहा कि देख बहू इस लंड मेरा पीछा छुड़ाना तो अब मुश्किल
है लेकिन मैं तुम लोगों को भी नाराज़ नही करना चाहती इस लिए
इसका रास्ता ढूँढना होगा कि साँप भी मर जाए और लाठी भी
ना टूटे समझी बेटी. अब तूने देख लिया है तो मिलकर कोई रास्ता
ढूंदेगे अभी तू जा अपने कमरे में मैं झदने वाली
थी जब आ गयी थी यहाँ मेरे चूत में आग लगी है और इसका
लंड भी उल्टी करने को उतावला है.
जा बहू जा आराम शाम को बात करेंगे अभी ज़रा अपनी चूत
को शांत कर लेती हूँ. भाभी उठी और जाने लगी, आंटी नें
कहा कि बेटा ज़रा दरवाज़ा लगा देना जाते जाते भाभी नें
ठीक वैसे ही किया और भाभी चली गयी. आंटी नें मुझे
फिर से अपने उपर खींच लिया और लंड अपने मूह में लिया
और उसे चूसने लगी. उन्होनें कहा कि बेटा मेरी चूत की
आग को शांत कर्दे बेटा जल्दी कर इन सारी बातों को सुनने के
बाद मेरा जोश और भी बढ़ गया था मैने
आंटी लेटया और उनके चूत में लंड पेल दिया आंटी की आह निकल
गयी और मैं उनको चोद्ने लगा मेरी रफ़्तार बढ़ती जा रही
आंटी नें टाँगों को मेरी कमर में फँसा लिया था और वो
झदने के कगार पर पहुँच गयी थीं थोड़ी ही देर में
उनकी चूत नें पानी छोड़ दिया. मैं भी अपने रफ़्तार में था
लंड किसी पिस्टन की तरह चल रहा था थोड़ी देर में मेरे लंड
नें आंटी की चूत में पिचकारी छोड़ दी आंटी आँखे बंद
किए मेरे लंड का पानी अपनी चूत के अंदर लेती रही मैं निढाल
होकर उनके उपर पसर गया.
थोड़ी देर बाद मैने अपना लंड निकाला और आंटी नें उसे
अपने मूह में भर लिया उसे चाट कर सॉफ किया. मैं वहीं
बैठ गया, आंटी उठी और उन्होनें अपने बदन पर नाइटी
डाल ली और मुझे शॉर्ट्स हाथ में देते हुए कहा बेटा अभी
तू जा मुझे बहू को भी समझाना है और आगे के चुदाई का
रास्ता भी ढूँढना है और थोड़ी देर में तेरे अंकल और
संजय भी आ ज्एंगे. मैने पॅंट पहना और आंटी नें
मुझे किस किया और मैं उपर अपने कमरे में आ कर सो
गया.
kramashah.................
अनोखे परिवार
Re: अनोखे परिवार
अनोखे परिवार--3
इधर आंटी सीधे ललिता भाभी के कमरे में पहुँची.
भाभी पेट के बल लेती कुछ सोंच रही थी , उनकी नाइटी उनके
घुटनों तक उठ गयी थी. आंटी कमरे के भाभी पास
जाकर बेड पर बैठ गयी और भाभी के बालों में हाथ
फेरने लगी. आंटी नें पूछा " बहू एक बात बता कि तुझे कोई
तकलीफ़ है, किस का व्यवहार तेरे साथ खराब है संजू तुज़से
ठीक पेश आता है ना इतने सारे सवालों का बौछार आंटी
नें ललिता भाबी से कर दिया था. भाभी नें आंटी की तरफ
नम आँखों से देखा और उनके गले लग गई.
भाबी नें भावुक होते हुए जवाब दिया माजी कैसी बातें
कर रही है आप यहाँ मुझे आप सबसे इतना प्यार मिला जिसकी
मैं कल्पना भी नही कर सकती हूँ. आंटी नें कहा तो फिर
बेटा तू मुझ पर इतना नाराज़ क्यों हो रही थी बता भाभी नें
कहा माजी आपको ऐसी अवस्था में देखकर मुझे समझ
नही आया कि मैं क्या करूँ इसी लिए मैं ऐसा बोले बैठी. आंटी
नें कहा बहू देख मेरी उम्र अब तेरी तरह नही है तेरे
बाबूजी भी बूढ़े हो गये हैं ऐसा नही है
उन में कोई कमी है इस उम्र में भो वो मुझे उतना ही
प्यार करते हैं और चुदाई तो पूछो ही मत उनके लंड मेअब भी
बहुत ताक़त है फिर भी वो जवान तो हैं नही और ना मैं
लेकिन मेरी चुदाई की भूख शांत नही हुई है. मेरी सेक्स की
भूख थोड़ी ज़्यादा है और तेरे ससुर अच्छी तरह से जानते हैं.
और अगर आज मैने अपनी सेक्स की भूख शांत करने की कोशिश
की तो इसमे बुराई क्या है मेरा प्यार उनके लिए कम तो नही हो
गया ना सिर्फ़ चुदाई ही तो की है कोई शादी तो
नही की और ना ही उसके साथ कही भागी हूँ अपने घर के
अंदर ही सब कुछ किया बोल बहू. ललिता अपनी सास के गले लग
गयी और रोने लगी. आंटी नें उसे शांत किया और उसे
पूचकारा. आंटी नें भाभी से कहा कि "बहू मैं तुम से एक
सवाल पूछना चाहती हूँ बुरा तो नही मनोगी ना" भाभी
नें कहा की "नही मैं माजी जो चाहे पूछ सकती है" आंटी
नें पूछा " बहू तू ये बता तेरी संजू के साथ सेक्स लाइफ कैसी
चल रही कोई परेशानी तो नही वो तुझे सही ढंग से चोद्ता
तो है ना" भाभी नें आंटी की तरफ देखा और कहा कि माजी
संजू चुदाई में
बहुत अच्छे हैं और मेरी अच्छी तरह से चुदाई भी करते हैं
मगर ये कह कर वो चुप हो गयी.
इधर आंटी सीधे ललिता भाभी के कमरे में पहुँची.
भाभी पेट के बल लेती कुछ सोंच रही थी , उनकी नाइटी उनके
घुटनों तक उठ गयी थी. आंटी कमरे के भाभी पास
जाकर बेड पर बैठ गयी और भाभी के बालों में हाथ
फेरने लगी. आंटी नें पूछा " बहू एक बात बता कि तुझे कोई
तकलीफ़ है, किस का व्यवहार तेरे साथ खराब है संजू तुज़से
ठीक पेश आता है ना इतने सारे सवालों का बौछार आंटी
नें ललिता भाबी से कर दिया था. भाभी नें आंटी की तरफ
नम आँखों से देखा और उनके गले लग गई.
भाबी नें भावुक होते हुए जवाब दिया माजी कैसी बातें
कर रही है आप यहाँ मुझे आप सबसे इतना प्यार मिला जिसकी
मैं कल्पना भी नही कर सकती हूँ. आंटी नें कहा तो फिर
बेटा तू मुझ पर इतना नाराज़ क्यों हो रही थी बता भाभी नें
कहा माजी आपको ऐसी अवस्था में देखकर मुझे समझ
नही आया कि मैं क्या करूँ इसी लिए मैं ऐसा बोले बैठी. आंटी
नें कहा बहू देख मेरी उम्र अब तेरी तरह नही है तेरे
बाबूजी भी बूढ़े हो गये हैं ऐसा नही है
उन में कोई कमी है इस उम्र में भो वो मुझे उतना ही
प्यार करते हैं और चुदाई तो पूछो ही मत उनके लंड मेअब भी
बहुत ताक़त है फिर भी वो जवान तो हैं नही और ना मैं
लेकिन मेरी चुदाई की भूख शांत नही हुई है. मेरी सेक्स की
भूख थोड़ी ज़्यादा है और तेरे ससुर अच्छी तरह से जानते हैं.
और अगर आज मैने अपनी सेक्स की भूख शांत करने की कोशिश
की तो इसमे बुराई क्या है मेरा प्यार उनके लिए कम तो नही हो
गया ना सिर्फ़ चुदाई ही तो की है कोई शादी तो
नही की और ना ही उसके साथ कही भागी हूँ अपने घर के
अंदर ही सब कुछ किया बोल बहू. ललिता अपनी सास के गले लग
गयी और रोने लगी. आंटी नें उसे शांत किया और उसे
पूचकारा. आंटी नें भाभी से कहा कि "बहू मैं तुम से एक
सवाल पूछना चाहती हूँ बुरा तो नही मनोगी ना" भाभी
नें कहा की "नही मैं माजी जो चाहे पूछ सकती है" आंटी
नें पूछा " बहू तू ये बता तेरी संजू के साथ सेक्स लाइफ कैसी
चल रही कोई परेशानी तो नही वो तुझे सही ढंग से चोद्ता
तो है ना" भाभी नें आंटी की तरफ देखा और कहा कि माजी
संजू चुदाई में
बहुत अच्छे हैं और मेरी अच्छी तरह से चुदाई भी करते हैं
मगर ये कह कर वो चुप हो गयी.
Re: अनोखे परिवार
श्याम अंकल थोड़े रंगीन मिज़ाज़ के थे और राधिका आंटी
भी वैसे ही थी इस उम्र में भी पति पत्नी दोनो में बहुत
प्यार था और चुदाई तो बस जब मौका मिले तब हो जाता था.
रंजन भी श्वेता पर जान छिड़कता था. वो भी हमेशा
अपनी बीवी की चुदाई के चक्कर में ही रहता था. इधर श्याम
अंकल का लंड टाइट होने लगा था. राधिका आंटी ये सब देख
रही थीं उन्होने अपने पति के प्यज़ामे को टेंट बनते देख
लिया और हँसने लगी और बोली क्यों जी मौका मिला
नही कि सलामी देने लगे अपने लंड महाराज को देखो उससे
कहो अभी थोड़ा शांत रहे उसे पानी मिलेगा लेकिन अभी थोड़ा
इंतेज़ार करना पड़ेगा और कहते हुए उसने श्याम अंकल के
लंड को धीरे और बड़े ही प्यार से सहला दिया, दूर खड़ी उनकी
बहू किचन से ये सारा तमाशा देख रही थी और मुस्कुरा
रही थी. राधिका आंटी नें सोफे पर से उठते हुए कहा कि
देखो जी मैं ज़रा कोमल दीदी के पास उपर जा रही हूँ कोई
ज़रूरत पड़े तो बुला लेना और हां इसे
शांत करो उन्होनें अपने पति के लंड की तरफ इशारा करते
हुए कहा. श्याम अंकल नें कहा कि अरे कहाँ जा रही हो
डिस्टर्ब करने अभी अभी सूरज आया होगा कहीं वो चुदाई का
प्रोग्राम बना रहे हो और तुम उन्हे डिस्टर्ब कर दोगि अर्रे
नही अगर ऐसा हो रहा होगा तो मैं भी श्याम भाई साहब से
थोड़ा मज़ा ले लूँगी" राधिका आंटी नें मज़किये ढंग से
अपने पति को जलाने के लिए कहा और चली गयी और श्याम
अंकल फिर टीवी देखने लगे.
उनकी ये सारी बाते श्वेता भाभी सुन रही थी. राधिका
आंटी उपर चली गयी और कोमल आंटी अपने पूरे परिवार
के साथ ड्रॉयिंग रूम मे बैठी थीं. कोमल आंटी नें
राधिका आंटी को देखते ही कहा अर्रे राधिका आओ आओ मैं
तुम्हे अभी बुलाने ही वाली थी अछा हुआ तुम खुद ही यहाँ आ
गयी राधिका आंटी क्यों कोमल ऐसी क्या बात हो गयी कुछ
खास तो नही राधिका नें सूरज अंकल को देखते हुए बड़े
अदा से कहा और भाई साहब कैसे है आप
कहीं मेरी सहेली को ज़्यादा सताया तो नही आपने कि यह
मुझसे शिकायत करने के लिए मुझे यहाँ बुलाने वाली
थी", वो ये कह हँसने लगीं और बाद में सब हँसने
लगे. " सोरोज बेटी कैसी है", रधिका आंटी नें सरोज को देखते
हुए प्यार से पुच्कार्ते हुए पूछा. सरोज नें भी उसी अंदाज़
में जवाब दिया " ठीक ही है आंटी". तभी कोमल आंटी नें
राधिका आंटी को कहा कि "चलो मेरे कमरे में चल के
बैठते हैं और वहीं बातचीत करते हैं"
राधिका नें उनके साथ चलते पूछा कि क्या बात है कोमल
बता तो ऐसी क्या बात है जो तू मुझे बताना चाहती है. इधर
ललिता वहाँ बैठे ये सब कुछ देख रही थी. राधिका
कोमला के साथ साथ उसके कमरे में पहुँच गयी कोमल
आंटी नें अपने पीछे दरवाज़ा हल्का सा बंद कर दिया और
राधिका को बेड पर बिठाया
क्या बात है कोमल " राधिका नें पूछा
बहू खुश नही है" अचानक ही कोमल नें कह दिया
मतलब" राधिका नें चौंकते हुए पूछा फिर कोमल नें
उसे ललिता भाभी से हुई बात चीत का पूरा बेओरा दे दिया.
राधिका आंटी नें मुस्कराते हुए कहा बस इतनी सी बात, लेकिन
वो सब तो ठीक है उसने तुझे ये सब बताया कैसे
कोमल थोड़ा सोच में पड़ गयी उन्होने राधिका आंटी को
देखते हुए मेरे साथ सारी कहानी बयान कर दी. राधिका
आंटी थोड़ी देर के लिए चुप चाप वहीं खड़ी रही उन्हे चुप
चाप खड़ा देख कोमल आंटी नें कहा राधिका क्या तू भी
मुझे ग़लत समझती है. राधिका आंटी नें उन्हे गौर से
देखा फिर मुस्कुराई और कहा कामिनी मुझे पता है कि तेरी
चूत में खुजली कुछ ज़्यादा ही मचती है क्या उस लड़के का लंड
वाकई इतना शानदार है
भी वैसे ही थी इस उम्र में भी पति पत्नी दोनो में बहुत
प्यार था और चुदाई तो बस जब मौका मिले तब हो जाता था.
रंजन भी श्वेता पर जान छिड़कता था. वो भी हमेशा
अपनी बीवी की चुदाई के चक्कर में ही रहता था. इधर श्याम
अंकल का लंड टाइट होने लगा था. राधिका आंटी ये सब देख
रही थीं उन्होने अपने पति के प्यज़ामे को टेंट बनते देख
लिया और हँसने लगी और बोली क्यों जी मौका मिला
नही कि सलामी देने लगे अपने लंड महाराज को देखो उससे
कहो अभी थोड़ा शांत रहे उसे पानी मिलेगा लेकिन अभी थोड़ा
इंतेज़ार करना पड़ेगा और कहते हुए उसने श्याम अंकल के
लंड को धीरे और बड़े ही प्यार से सहला दिया, दूर खड़ी उनकी
बहू किचन से ये सारा तमाशा देख रही थी और मुस्कुरा
रही थी. राधिका आंटी नें सोफे पर से उठते हुए कहा कि
देखो जी मैं ज़रा कोमल दीदी के पास उपर जा रही हूँ कोई
ज़रूरत पड़े तो बुला लेना और हां इसे
शांत करो उन्होनें अपने पति के लंड की तरफ इशारा करते
हुए कहा. श्याम अंकल नें कहा कि अरे कहाँ जा रही हो
डिस्टर्ब करने अभी अभी सूरज आया होगा कहीं वो चुदाई का
प्रोग्राम बना रहे हो और तुम उन्हे डिस्टर्ब कर दोगि अर्रे
नही अगर ऐसा हो रहा होगा तो मैं भी श्याम भाई साहब से
थोड़ा मज़ा ले लूँगी" राधिका आंटी नें मज़किये ढंग से
अपने पति को जलाने के लिए कहा और चली गयी और श्याम
अंकल फिर टीवी देखने लगे.
उनकी ये सारी बाते श्वेता भाभी सुन रही थी. राधिका
आंटी उपर चली गयी और कोमल आंटी अपने पूरे परिवार
के साथ ड्रॉयिंग रूम मे बैठी थीं. कोमल आंटी नें
राधिका आंटी को देखते ही कहा अर्रे राधिका आओ आओ मैं
तुम्हे अभी बुलाने ही वाली थी अछा हुआ तुम खुद ही यहाँ आ
गयी राधिका आंटी क्यों कोमल ऐसी क्या बात हो गयी कुछ
खास तो नही राधिका नें सूरज अंकल को देखते हुए बड़े
अदा से कहा और भाई साहब कैसे है आप
कहीं मेरी सहेली को ज़्यादा सताया तो नही आपने कि यह
मुझसे शिकायत करने के लिए मुझे यहाँ बुलाने वाली
थी", वो ये कह हँसने लगीं और बाद में सब हँसने
लगे. " सोरोज बेटी कैसी है", रधिका आंटी नें सरोज को देखते
हुए प्यार से पुच्कार्ते हुए पूछा. सरोज नें भी उसी अंदाज़
में जवाब दिया " ठीक ही है आंटी". तभी कोमल आंटी नें
राधिका आंटी को कहा कि "चलो मेरे कमरे में चल के
बैठते हैं और वहीं बातचीत करते हैं"
राधिका नें उनके साथ चलते पूछा कि क्या बात है कोमल
बता तो ऐसी क्या बात है जो तू मुझे बताना चाहती है. इधर
ललिता वहाँ बैठे ये सब कुछ देख रही थी. राधिका
कोमला के साथ साथ उसके कमरे में पहुँच गयी कोमल
आंटी नें अपने पीछे दरवाज़ा हल्का सा बंद कर दिया और
राधिका को बेड पर बिठाया
क्या बात है कोमल " राधिका नें पूछा
बहू खुश नही है" अचानक ही कोमल नें कह दिया
मतलब" राधिका नें चौंकते हुए पूछा फिर कोमल नें
उसे ललिता भाभी से हुई बात चीत का पूरा बेओरा दे दिया.
राधिका आंटी नें मुस्कराते हुए कहा बस इतनी सी बात, लेकिन
वो सब तो ठीक है उसने तुझे ये सब बताया कैसे
कोमल थोड़ा सोच में पड़ गयी उन्होने राधिका आंटी को
देखते हुए मेरे साथ सारी कहानी बयान कर दी. राधिका
आंटी थोड़ी देर के लिए चुप चाप वहीं खड़ी रही उन्हे चुप
चाप खड़ा देख कोमल आंटी नें कहा राधिका क्या तू भी
मुझे ग़लत समझती है. राधिका आंटी नें उन्हे गौर से
देखा फिर मुस्कुराई और कहा कामिनी मुझे पता है कि तेरी
चूत में खुजली कुछ ज़्यादा ही मचती है क्या उस लड़के का लंड
वाकई इतना शानदार है