हिंदी सेक्सी कहानियाँ
क्या ये धोखा है ?--2
गतान्क से आगे............
पर कुच्छ नहीं…बस अपने आपको पूरी तरह उनके हवाले कर दिया था…उन्होने धीरे से मुझे लिटा दिया और फिर खुद बगल में लेट कर फिर मेरे होंठो को चूमने लगे…इस बार मैं भी हिम्मत कर उनके होंठो को धीरे से अपने होठों के बीच दबाने लगी…उफ़फ्फ़ क्या मस्ती थी उनके होठों को चूसने में,,,,वो मुझे किस करता देख पूरी तरह उतेज़ित हो गये..मेरे हाथ उनकी पीठ पर फिर से कस गये थे.और उनके होठ मेरे होंठो में..
बहुत देर तह हम यूँ ही किस करते रहे फिर उन्होने धीरे धीरे होठों से नीचे किस करना शुरू कर दिया…मेरी गर्दन फिर उसके नीचे उनके हाथ उपर से ही मेरे गोलाईयो पर पड़े,मैं अंदर तक हिल गयी …आख़िर मेरे इस अंग पर पहली बार किसी का हाथ पड़ा था….उनके हाथ धीरे धीरे वहीं चोली के उपर ही घूमने लगे..मेरा गला सूखा जा रहा था…वैसे तो अब मैं अपने आपको उन्हे पूरी तरह सौप चुकी थी.वो क्या कर रहे थे ये सिर्फ़ मुझे एहसास हो रहा था…उन्होने चोली धीरे से खोल दी थी और उनके हाथ मेरी ब्रा से बाहर निकले हुए दूधिया गोलाइयों को सहला रहे थे और अपने होंठो से किस भी करना शुरू कर दिया था,मेरे हाथ उनके सरीरपर बस इधर उधर फिसल रहे थे..मेरी आँखें बंद हो चुकी थी….
तभी उन्होने ब्रा का भी हुक खोल दिया और धीरे से हाथ पेट को सहलाते हुए ब्रा के अंदर घुसा दिया…उफफफ्फ़ क्या एहसास था मेरे होंठो से एक सिसकारी निकल गयी..उन्होने ब्रा हटाकर नीचे फेक दिया ..अब मेरी दोनो अनचुई कुँवारी चुचियाँ जो की उनका हाथ लगते ही बिलकूल तन गयी थी ,निपल टाइट होकर खड़े हो गये थे…वो गोरी चुचियाँ देखकर अमित भी पागल हो उठे थे,…कोई भीपागल हो जाता इन गोरी तनी हुई कुँवारी चुचियों को देखकर….वो एक निपल हाथों के बीच लेकर मसल्ने लगे और दूसरे के पास अपना चेहरा ले गये…उनकी गरम साँसे मेरी चुचियों को च्छुने लगी….एक हाथ की उनकी उंगली धीरे धीरे मेरे निपल के चारो तरफ घेरा सा बना कर सहला रही थी…मुझमे अभी तक सिर्फ़ प्यार था…पर उनकी साँसों का अहसास अपने चुचियों के पास पाकर एक दम मेरे अंदर वासना का तूफान अंगड़ाई लेने लगा…
मेरे हाथ अपने आप उनके सर के बालों पर चले गये और धीरे धीरे उनके सर को अपनी चुचियों की तरफ दबाने लगे…अमित मेरे हाथ का इशारा समझ कर मेरे निपल को अपने होंठो के बीच दबा लिया…
अहह उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरे मूँह से ज़ोर की सिसकारी निकल गयी…मैने उनका सर ज़ोर से अपनी चुचियों पर दबा दिया…वो मेरे निपल को अब चूसने लगे…..मैं उनके सर को चुचियों पर दबा कर रखी हुई थी और वो एक एक कर दोनो चुचियाँ बारी बारी से चूसने लगे बच्चे के जैसे…उनके हाथ रेंगते हुए मेरे पेट और नाभि को सहला रहे थे..बहुत देर तक वो मेरे चुचियों को पीते और सहलाते रहे….मेरा तो जी चाह रहा था की वो यूँ ही पूरी रात पीते रहे…..सच कहूँ तो उस समय नहीं लगा पर आज़ याद आता हैं कि उतने देर में मैं दो बार झाड़ चुकी थी……
अब वो चुचियों पर किस करते पेट पर और मेरे नाभि पर अपनी जीभ घुमा कर चाटने लगे….जब उनकी जीभ मेरे लहंगे के नाडे पर पाहूंची तो वो उसे अपने दांतो से खोलने का प्रयास करने लगे…मैं चिहुक उठी..वो मेरे उस अंग को छूने जा रहे थे जिसे मैने 21 साल से उनके लिए ही बचा कर रखा था…एक पल को तो मेरे सामने देखी हुई गंदी फिल्म याद आ गयी …कि क्या वो भी मेरे साथ ऐसा ही करने जा रहे हैं…मेरे हाथ उनके अपने लहंगे के नाडे पर चले गये थे ताकि वो खोल ना सके…उनका एक हाथ पहले ही मेरे पैरो को सहलाते हुए घुटनो तक लहंगे को उपर कर चुका था…..वो दांतो से अब भी नाडे को खोलने में लगे हुए थे…मैने सोचा आख़िर ये सब उन्ही का तो हैं ..जब वो ये सब करना चाह रहे हैं तो मैं क्यों रोकू….ये ख्याल मन में आते ही मेरे हाथ नाडे पर ढीले पड़ गये और डोर खुल गयी…वो दांतो से धीरे धीरे खिचते हुए नीचे तक ले गये…पर जैसे ही मैने कमर उठा कर उसे निकालने में सहयोग दिया ….वो भौचके रह गये….दरअसल मैने नीचे कुच्छ भी नहीं पहना था..मैं कभी पहनती भी नहीं थी…लह्न्गा घुटनो से नीचे जा चुका था…..मैं पहली बार क़िस्सी के सामने नंगी हो चुकी थी….सरं से मैने अपना चेहरा तकिये में च्छूपा लिया था…अमित तो मेरी गोरी जंघे और उनके बीच में मेरे छ्होटे से उस अंग को देखकर पागल हो उठे…और अचानक मेरी जांघों को घुटनो से लेकर चूमते हुए कमर की तरफ बढ़ने लगे …..
क्या ये धोखा है ? compleet
Re: क्या ये धोखा है ?
मैं मदहोश होकर सिसकारियाँ ले रही थी….वो कमर के पास आकर रूके और अपना एक हाथ मेरे सटे हुए जाँघो के बीच डाल दिया…..मैने उनका हाथ जांघों के बीच भींच लिया ताकि उनका हाथ मेरी बुर तक पहुँच ना सके….पर वो धीरे मेरे चुचियों को सहलाते हुए उन्हे पीने लगे ..मैं मदहोश हो गयी और मेरी जंघे अपने आप ढीली पड़ गयी..
और उनकी उंगलियाँ मेरी पूरी तरह भीग चुकी बुर के चारो तरफ घूमने लगी और फिर जब छेद को टच किया तो मेरी कमर उपर उठी और मेरे मूँह से ओह आमित्तत्त की सिसकारी निकल गयी…अब पता चला कि क़िस्सी दूसरे की उंगली में कितना मज़ा हैं…मैं तो अपनी उंगली से कई बार च्छुई थी पर ऐसा एहसास पहली बार हुवा था…उन्होने धीरे अपनी उंगली अंदर घुसाइ…मुझे दर्द हुवा क्योंकि उनकी उनकी उंगली मुझसे मोटी थी…पर जब उसे अंदर बाहर करने लगे तो मज़ा आने लगा….साथ ही वो मेरी चुचियों को चूस्ते जा रहे थे और अपनी उंगली तेज़ी से अंदर बाहर करते जा रहे थे…बहुत देर तक यूँ ही करते रहे जब तक कि मेरी कमरने झटके खाकर पानी नहीछोड़ दिया….फिर वो नीचे की तरफ गये और मेरी जांघों को फैलाकर नाइट बल्ब की रोशनी में मेरी चूत को ध्यान से देखा…मैं तो निढाल पड़ गयी थी…इतनी देर में मैं तीन बार झाड़ चुकी थी…..
कुच्छ देर बाद वो मेरी जाँघो को दोनो तरफ फैलाकर बीच में अपने होंठो को घुमाने लगे…अपनी बर पर उनके होंठो के स्पर्श ने मुझे फिर उतेज़ित करना शुरू कर दिया….ये सब मैने बीएफ में देखा था पर ये नहीं सोचा था की मेरा पति भी ऐसा करेगा….मैने तो मदहोश होकर उनके सर को अपनी जांघों के बीच दबा लिया….वो अब मेरी बुर पर जीभ घूमाकर उसे चाटने लगे थे…मैने सोचा मेरा निकला हुआ पानी क्या उनको गंदा नहीं लग रहा हैं…..पर वो तो उसे चूम चूम कर चाटते जा रहे थे…यूँ ही वो आधे घंटे तक चाटते रहे…मैं सेक्स में अब पूरी तरह घुस चुकी थी…कमर धीरे धीरे उच्छल रही थी ….और फिर एक ऐसा पॉइंट आया जब मैं पूरी तरह थक कर शांत हो गयी ..मेरी बुर ने एक बार फिर पानी छोड़ा था…..मैं बूरी तरह थक चुकी थी….पर अमित तो मेरी बुर को अपने होंठो से बिलकूल साफ कर चमका रहे थे…फिर वो उपर आ कर मेरे पास लेट गये…और धीरे धीरे अपनी उंगली मेरे निपल के चारो ओर सहलाने लगे…
और उनकी उंगलियाँ मेरी पूरी तरह भीग चुकी बुर के चारो तरफ घूमने लगी और फिर जब छेद को टच किया तो मेरी कमर उपर उठी और मेरे मूँह से ओह आमित्तत्त की सिसकारी निकल गयी…अब पता चला कि क़िस्सी दूसरे की उंगली में कितना मज़ा हैं…मैं तो अपनी उंगली से कई बार च्छुई थी पर ऐसा एहसास पहली बार हुवा था…उन्होने धीरे अपनी उंगली अंदर घुसाइ…मुझे दर्द हुवा क्योंकि उनकी उनकी उंगली मुझसे मोटी थी…पर जब उसे अंदर बाहर करने लगे तो मज़ा आने लगा….साथ ही वो मेरी चुचियों को चूस्ते जा रहे थे और अपनी उंगली तेज़ी से अंदर बाहर करते जा रहे थे…बहुत देर तक यूँ ही करते रहे जब तक कि मेरी कमरने झटके खाकर पानी नहीछोड़ दिया….फिर वो नीचे की तरफ गये और मेरी जांघों को फैलाकर नाइट बल्ब की रोशनी में मेरी चूत को ध्यान से देखा…मैं तो निढाल पड़ गयी थी…इतनी देर में मैं तीन बार झाड़ चुकी थी…..
कुच्छ देर बाद वो मेरी जाँघो को दोनो तरफ फैलाकर बीच में अपने होंठो को घुमाने लगे…अपनी बर पर उनके होंठो के स्पर्श ने मुझे फिर उतेज़ित करना शुरू कर दिया….ये सब मैने बीएफ में देखा था पर ये नहीं सोचा था की मेरा पति भी ऐसा करेगा….मैने तो मदहोश होकर उनके सर को अपनी जांघों के बीच दबा लिया….वो अब मेरी बुर पर जीभ घूमाकर उसे चाटने लगे थे…मैने सोचा मेरा निकला हुआ पानी क्या उनको गंदा नहीं लग रहा हैं…..पर वो तो उसे चूम चूम कर चाटते जा रहे थे…यूँ ही वो आधे घंटे तक चाटते रहे…मैं सेक्स में अब पूरी तरह घुस चुकी थी…कमर धीरे धीरे उच्छल रही थी ….और फिर एक ऐसा पॉइंट आया जब मैं पूरी तरह थक कर शांत हो गयी ..मेरी बुर ने एक बार फिर पानी छोड़ा था…..मैं बूरी तरह थक चुकी थी….पर अमित तो मेरी बुर को अपने होंठो से बिलकूल साफ कर चमका रहे थे…फिर वो उपर आ कर मेरे पास लेट गये…और धीरे धीरे अपनी उंगली मेरे निपल के चारो ओर सहलाने लगे…
Re: क्या ये धोखा है ?
मैने भी साइड में मुँह कर उनके शर्ट के बटनो को खोल दिया ..उन्होने शर्ट उतार दी…उनका चौड़ा सीना देख कर मॉडेल्स की याद आ गयी…बिलकूल हार्ड चौड़ा सीना था…मैं उसपे अपने होठ से किस करने लगी और अपना चेहरा उनके सीने पर रगड़ने लगी…फिर उनके पेट पर नाभि पर किस करने लगी…तभी उन्होने अपना बेल्ट खोला…..मैने उनका इशारा समझ कर धीरे से उनके पैंट का हूंक खोल दिया …मेरे हाथ काँप रहे थे….उन्होने अपनी पैंट उतार फेंकी…..अब मेरी जंघे उनकी नंगी जांघों से और मेरी चुचियाँ उनके सीने से सॅट गये पूरा नंगा बदन दोनो का चिपक गया…दोनो का बदन बिलकूल गरम….अचानक मुझे अपनी जांघों के बीच कुच्छ चूबता हुआ महसूवस हुआ…मैं सिहर गयी…शायद उनका अंग था जो कि खड़ा हो गया थाअंडरवेर में और उपर से ही चुभ रहा था..मैने एक पल सोचा आख़िर कैसा होगा इनका अंग….
हम एक दूसरे से चिपके हुए थे की अमित ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने अंडरवेर पर रख दिया…उफ़फ्फ़ वहाँ तो उनका अंग खड़ा होकर बाहर निकलने को मचल रहा था…उपर से ही वो बड़ा लग रहा था…मैने पहले उपर से टटोला उनके अंग को …शायद बहुत बड़ा था….मैने झट से उनका अंडरवेर नीचे खिच्छ दिया..
उफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरे हाथ में एक जैसे मोटा डंडा आ गया हो…बिलकूल डंडे की तरह हार्ड और इतना मोटा की हाथ में नहीं आ रहा था…मुझसे रहा नहीं गया..मैने धीरे से चेहरा नीचे से उपर उठा कर देखी तो जैसे साँप सूंघ गया….पर सोचा की मेरा जीवन धन्य हो गया…मुझे सब कुच्छ के साथ साथ वो मिल गया जो शायद क़िस्सी इंडियन औरत को नहीं मिलता होगा…कोई 1फुट लंबा और बहुत ही मोटा लंड था ,बिलकूल डंडे की तरह खड़ा लाल क्लर का ,मैने हाथ से धीरे से उसका उपरी मूँह खोला तो अंग्रेज़ो के लंड जैसा बिलकूल गुलाबी बड़ा सा सूपड़ा….उफफफफ्फ़ मैं तो देख कर अंदर अंदर ही खुश होकर पागल हो गयी…..शायद क़िस्सी बीएफ में भी इतना मस्त लंड नहीं देखा होगा…अब मैं पूरी तरह सेक्स के आगोश में समा चुकी थी…
मैं पूरा सरीर सहलाते हुए धीरे धीरे उनके कमर और फिर जेंघो को किस करते हुए हाथ में पकड़े लंड को जो की अब मैं धीरे धीरे सहलाते हुए बहुत बड़ा कर चुकी थी…उसपर अपने होठ रख दिए और फिर अपने होंठो के बीच लेने की कोशिश करने लगी….पर वो बहुत मोटा था बड़ी मुश्किल से सूपड़ा मूँह में आया तो उसे चूसने लगी और फिर लंड को जीभ से चाटने लगी,उनके अंडकोष पर भी जीभ फिराने लगी….मैने देखा लंड तो हार्ड होता जा रहा था पर अमित के चेहरे पर कोई खास असर नहीं पड़ा था, वो मेरी चूत में उंगली किए जा रहे थे….कुच्छ देर यूँ ही दोनो चूस्ते चाटते रहे एक दूसरे का अंग फिर अमित मेरी जाँघो के बीच आ गये…..मेरी तो साँस रुक गयी थी जब पहली बार क़िस्सी लंड का मेरी चूत के साथ टच हुआ…मैं मस्ती में भर गयी….वो अपना सूपड़ा मेरे चूत में घुसाने लगे….अहह बहुत तेज़ असहनीय दर्द हुआ….मेरे मूँह से चीख निकल गयी….मैने उनका लंड झटक दिया…
सारा सेक्स का नशा काफूर हो गया..मैने इसके बारे में तो सोचा ही नहीं था कि ये लंड घुसेगा कैसे मेरी चूत में….फिर अमित मेरे पास आकर मेरी चुचियों पर किस करते हुए समझाने लगे कि पहले पहल.
दर्द होता हैं….कुच्छ देर यूँ ही लेट कर वो फिर घुसाने की कोशिस करने लगे. पर उतना बड़ा गधे के जैसा लंड अंदर घुसे कैसे,मेरी तो दर्द के मारे जान निकली जा रही….उन्होने थूक लगाकर लंड पर एक झटका मारा,मेरी जान निकल गयी और थोड़ा लंड अंदर गया…मैं चीखती रही और वो धीरे 2 घंटे तक घुसाते रहे…क़िस्सी तरह लगभग आधा घुसा और मेरी जाँघो बीच लगा कि क़िस्सी ने चीर दिया हो..मैं दर्द में चीखती रही और वो धीरे धीरे धक्का मारते रहे.मैं यही सोच रही थी कुच्छ देर की बात हैं फिर मुझे भी अच्छा लगने लगेगा….पर वो मारते जा रहे थे…मेरा दर्द और बढ़ता ही जा रहा था…जबकि मेरी चूत में उनका आधा ही लंड जा रहा था….मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा था,जी चाह रहा था की उन्हे धक्का दे दूँ..तभी वो गहरी सांस छोड़ते हुए मुझपे ढेर हो गये….मेरे अंदर एक ठंडा ठंडा कुकछ निकला..मेरे जान में जान तब आई जब उनका लंड सिकुड गया और उन्होने बाहर निकाल लिया….मेरी चूत पर फोड़े जैसा दर्द हो रहा था,…मुझपर से शादी और सेक्स का सारा नशा उतर गया था और मैं दर्द में तड़प रही थी….उठकर देखा पूरी चादर ब्लड से लाल हो गयी….मैं क़िस्सी तरह लंगड़ाते हुए उठी और बाथरूम में जाकर उसे धोया…वहाँ मेरे आँखों से आँसू निकल गये..क्या यही सुहागरात होती हैं..कुच्छ देर रोकर फिर समझाया अपने आपको कि सबके साथ पहली बार ऐसा होता हैं..बाद में मुझे भी मज़ा आने लगेगा..वापस आई तो पति महराज़ नींद में सो रहे थे…मैं भी सो गयी…