hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!

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zainu98
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Re: hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!

Unread post by zainu98 » 13 Sep 2016 17:15

kha gaye.. Where is update sexy.. :arrow: :?: :roll:

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sexy
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Re: hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!

Unread post by sexy » 14 Sep 2016 10:35

भाग 19
पुरे घर में अब शांति छा गयी थी। जो घर थोड़ी देर पहले अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ स्स्स्स की सिसकियो से गूंज रहा था वो अब खत्म हो चुकी थी। सागर और प्रभा भी अब थोड़े नार्मल हो चुके थे। कुछ देर पहले जो बेशर्मी से एक दूसरे के साथ मजे कर रहे थे वो अब शर्माने लगे थे। एक अजीब सी हिचकिचाहट सी आ गयी थी दोनों के बिच। वो दोनों अलग हुए। अपने अपने कपडे ठीक किये। लेकिन वो एकदूसरे से नजर नहीं मिला पा रहे थे। प्रभा ने देखा घडी में 12 बज रहे थे। वो उठी और बिना कुछ बोले अपने कमरे में चली गयी। सागर वही सोफे पे बैठा टीवी देखने की कोशिस कर रहा था। इस घटना के बाद प्रभा और उसका रिश्ता एकदम से बदल गया था। वो दोनों भी इस बदलाव को कैसे हैंडल करे उन्हें समझ नहीं आ रहा था। सागर के दिमाग में बार बार प्रभा के साथ की चुदाई के पल दौड़ रहे थे।

सागर:-उफ्फ्फ्फ़ सच में आज मजा आ गया। पर पता नहीं क्यू अजीब सा लग रहा है। मैं उनके साथ और भी मस्ती करना चाहता हु पर अब उनके सामने जाने की हिम्मत नहीं हो पा रही है। क्या करू?? ऐसा तो तब भी नहीं लग रहा था जब ये सब हुआ नहीं था। जाऊ क्या अंदर?? या अभी के लिए रुक जाऊ?? समझ नहीं आ रहा यार??

उतने में प्रियंका का फ़ोन आने लगा। सागर ने उसे ये कह के टाल दिया की उसकी तबियत ठीक नहीं है।

इधर प्रभा भी बेड पे लेटे लेटे वही सोच रही थी।

प्रभा:- उम्म्म्म सच में क्या मस्त लंड है सागर का....उफ्फ्फ मजा आ गया...10 मीनट की चुदाई में इतना मजा कभी नहीं आया। लेकिन अब आगे क्या?? बड़ा अजीब सा लग रहा है। जो चाहिए था वो तो मिल गया पर अब और *की चाहत हो रही है। जाऊ बाहर?? नहीं नहीं बड़ा अजीब लग रहा है। वो क्यू नहीं आ रहा ?? शायद वो भी ऐसी ही कश्मकश में है। थोडा रुक जाती हु।


वो दोनों भी ऐसेही एक घंटे तक अकेले अकेले सोचते रहे। नींद तो उनकी आखो से कोसो दूर थी।

सागर बहोत बेचैन हो रहा था। जवान और गरम।खून था उसका। रह रह के उबाल आ रहा था। वो हॉल में इधर से उधर चक्कर कांट रहा था। उसे एक बार फिर वासना के भूत ने जकड लिया था। आखिर उसने फैसला ले ही लिया। वो धीरे धीरे प्रभा के कमरे की तरफ बढ़ने लगा। वो दरवाजे के पास आके एक पल के लिए रुका। अंदर का लाइट जल रहा था।मतलब प्रभा सोयी नहीं थी। प्रभा कबसे दरवाजे पे अपनी आखे टिका के बैठी थी। जैसे ही उसने दरवाजे पे कुछ हलचल देखि वो झट से उठी और बाथरूम में चली गयी। सागर अभी भी दरवाजे के बाहर ही खड़ा था। आखिर उसने हिम्मत बटोरी और दरवाजा ढकेला। उसने कमरे में कदम रखा तो देखा कोई नहीं था। तभी प्रभा बाथरूम से बाहर आयी। वो सिर्फ टॉवल में थी। उसने वो ड्रेस जानबुज के निकाल दी थी। उन दोनों की नजरे आपस में मिली। कुछ सेकेण्ड के लिए वो दोनों ऐसेही खड़े रहे। कोई कुछ बोल ही नहीं पाया। प्रभा ने निचे देखते हुए अपने बेड के पास जाके तभी निकाले हुए कपडे देखने लगी।

प्रभा:- तू सोया नहीं अब तक...प्रभा ने उस लंबी ख़ामोशी को तोडा।

सागर ने कुछ जवाब नहीं दिया। वो चलते चलते प्रभा के पास आया। और उसने बिना सोचे उसे पीछे से हग कर लिया।

सागर:- माँ आपको ये सब बुरा तो नहीं लगा ना??

प्रभा:-ऐसा क्यू पूछ रहा है??

सागर:- बताओ ना प्लीज....

प्रभा:- अगर मैं कहु की हा बुरा लगा तो क्या करेगा??

सागर:- मैं दुबारा आपके सामने कभी नहींआउंगा।

प्रभा पलट के उसके गालो पे हाथ लगाती हुई बड़ी ही मादकता के साथ...

प्रभा:- और अगर मैं कह की मुझे अच्छा लगा तो....

प्रभा के मुह से ये सुनके सागर ने प्रभा को कमर से पकड़ा और जोर से अपनी और खीचा...

सागर:- तो मैं ये अभी दुबारा करुंगा....ताकि आप अगली बार पूछने पे कहो की मुझे ये बहोत बहोत अच्छा लगा....

प्रभा:- सागर के गले हाथ डालते गए उसके होठो के करीब अपने होठ ले गयी....अच्छा?? खुद पे इतना यकीं है??

सागर:-हा बिलकुल है.....सागर भी अपने होठ प्रभा के होठो के और भी करीब ले जाते हुए उसकी आँखों में देखते हुए कहा। और थोड़ी देर वो दोनों ऐसेही देखते रहे...फिर सागर ने आगे बढ़ के प्रभा के होठो को अपने होठो में कैद कर लिया। और धीरे धीरे किस करने लगा प्रभा भी उसका साथ दे रही थी। सागर ने जब प्रभा के होठो को छोड़ा तो देखा प्रभा वैसेही साँसे लेते हुए अपनी आखे बंद किये खाड़ी थी। सागर ने धीरे से प्रभा का टॉवल खोला...प्रभा को जबतक ये समज आता तब तक उसके टॉवल की कोना सागर निकाल चूका था। वो उससे छुटने के लिए पलटी तो सागर ने टॉवल को झटके के साथ खीच लिया। जिससे प्रभा ने एक गोल चक्कर लिया और पूरी तरह से नंगी सागर के सामने खड़ी हो गयी। सागर प्रभा को स्माइल करते हुए ऊपर से निचे तक देखने लगा। प्रभा ने शरमा के अपनी चुचिया हाथो के पीछे छुपा ली और वो निचे देखने लगी।

प्रभा:- सागर...क्या कर रहा है टॉवल दे...मुझे शरम आ रही है।

सागर:- अह्ह्ह वाओ...कोई टॉवल नहीं मिलने वाला आपको आज....मुझे देखने तो दीजिये आपकी सुन्दर जिस्म को....

सागर के मुह से ऐसी बाते सुन के प्रभा रोमांचित हो उठी थी। वो पलट के कड़ी हो जाती है।

सागर धीरे धीरे उसके पास जाता है....उसको ऊपर से निचे तक देखता है। प्रभा की नंगी चिकनी गांड देख के *उसका लंड अपने असली अवतार में आने लगा था। वो धीरे से अपनी उंगलिया प्रभा के पीठ पे फेरने लगता है। प्रभा सागरके ऐसे स्पर्श से सिहर उठी थी। उसकी आखे अपने आप ही बंद हो गयी और मुह से अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स ऐसी आवाज निकल गयी।

सागर:-उफ्फ्फ्फ़ माँ सच क्या खूबसूरत जिस्म। है आपका....बहोत ही सेक्सी अह्ह्ह्ह ...सागर ने प्रभा के बालो को हटाया और अपने होठ प्रभा की पीठ पे रखे और अपना निचे ले जाके उसकी गांड की गोलाईयां सहलाने लगा।

प्रभा:-अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स *उम्म्म्म्म्म्म्म

सागर प्रभा की पीठ को हर जगह चूम रहा था और गांड को सहलाते हुए उसकी गांड के दोनों फाको के बिच धीरे धीरे अपनी बिच की उंगली थोड़ी से दाल के ऊपर से निचे तक ले जाने लगा। फिर पीठ को चूमते हुए उसकी गांड को भी चूमने लगा।

सागर:-स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह्ह्ह माँ बड़ा खुश नसीब हु मैं की आपके इस मादक जिस्म को ऐसे छूने का मौका मिल।रहा है....अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़

प्रभा को सागर का इसतरह से छूना अब सहन नहीं हो रहा था। उसकी धड़कने बहोत तेज चल रही थी।

प्रभा:-उफ्फ्फ्फ्फ़ स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म करते हुए वो पलट गयी और सागर को कस के गले लगा लिया। सागर ने भी उसे अपनी बाहो में भर लिया। प्रभा आँखे बंद किये उसके पीठ पे अपने हाथ घुमा रही थी। उसे अपनी तरफ भींच रही थी। सागर भी उसे गर्दन को किस करते हुए जहा तक उसका हाथ पहोचत है वहा तक उसका नंगा बदन सहला रहा था। कुछ देर तक ये सिलसिला युही चलता रहा। फिर वो अलग हुए और एकदूसरे की आँखों देखने लगे।फिर अपने आप ही उनके होठ एकदूसरे में खो गए। वो बड़े ही नजाकत से किस किये जा रहे थे।
किस करते हुए सागर ने प्रभा को बेड पे गिरा दिया।और खुद भी उसके ऊपर गिर गया। थोडा एडजस्ट होके वो दोनों पूरी तरह से बेड पे लेट गए लेकिन उनके होठ एकदूसरे से अलग नहीं हुए। प्रभा ने सागर को ऊपर गले से और निचे पैरों में जकड लिया था।सागर भी अपना लंड प्रभा की चूत पे रगड़ता हुआ उसके होठो को चूसे जा रहा था। जब उनका चूमने का सिलसिला खत्म हुआ तब सागर थोडा साइड में हुआ और प्रभा की चुचिया एक एक करके दबाने लगा।

सागर:-स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह माँ कितनी मस्त है आपकी चुचिया अह्ह्हआआ उम्म्म्म्म बहोत मजा आता है दबाने में अह्ह्ह्ह्ह

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स धीरे अह्ह्ह इफ़्फ़्फ़्फ़्

सागर:- स्सस्सस्स कल आप इसी के दूध को पिने की बात कर रही थी ना?? अह्ह्ह

प्रभा:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह हा...तुझे समझ आ गया था??

सागर:- अह्ह्ह उम्म्म हा...

प्रभा:- तो फिर पिया क्यू नहीं उम्म्म्म्म्म

सागर:-तो अभी पि लेता हु अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् वैसे भी आपके ये निपल्स ने तो मुझे कबका दीवाना बना रखा अहै अह्ह्ह्ह इनको तो आज चूस चूस के लाल कर दूंगा अह्ह्ह्ह्ह्ह

प्रभा:-स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म चूस ले उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आऔछ्ह्ह्ह्*

सागर एक हाथ से प्रभा का एक स्तन दबा रहा था और दूसरे को दबा के उसका निप्पल चूस रहा था। प्रभा की चुचिया बहोत बड़ी थी। फिर भी जितना वो मुह में ले सकता उतना ले रहा था और जूबाण से निप्पल के साथ खेल रहा था। वो बारी बारी उसकी दोनों चुचिया चूस रहा था और मसल रहा था। प्रभा को बहोत मजा आ रहा था। वो उसके बालो में से हाथ घुमा रही थी उसका सर अपनी चुचियो पे दबा रही थी।

प्रभा:- उम्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स अह्ह्ह्ह सागर उफ्फ्फ्फ़ ऐसेही उफ्फ्फ बहोत अच्छा लग रहा है अह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स

सागर:-उम्म्म माँ कितनी मस्त है आपकी चुचिया अह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म

सागर ने जी भर के प्रभा की चुचियो को मसला और चूसा। सच में उसने प्रभा निप्प्ल्स को चूस चूस के लाल कर दिए थे। वो अब धीरे धीरे प्रभा के पेट को चूम रहा था। उसके चूमने में एक अलग ही अदा थी। जब भी वो अपने भीगे होठ प्रभा के पेट पे लगता प्रभा को हर बार करण्ट सा लग रहा था।सागर प्रभा की नाभि को देख रहा था। प्रभा की चिकने सपाट पेट पे वो नाभि बहोत सुन्दर लग रही थी। उसने उसे एक बार चूमा और फिर उसमे जुबान डाल के चाटने लगा। प्रभा उसके ऐसे करने से और भी उत्तेजित हो रही थी।

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह सागर उम्म्म्म्म्म स्स्स्स्स् आज तू मुझे पागल करके ही छोड़ेगा।

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स पागल तो मैं हो गया हु माँ आपका हुस्न देख के उफ्फ्फ्फ्फ़

सागर वापस प्रभा का के पेट को चूमते चाटते ऊपर आके उसके होठो को चूमने लगा।

सागर ने प्रभा के होठो को आजाद किया। एकदम धीमी और मादक आवाज में बोला....

सागर:- माँ...आपको याद है ना मैंने दूध और जूस दोनों पिने की बात की थी।

प्रभा उसकी आँखों में देखते हुए लंबी लंबी साँसे लेते हुए उसीके अंदाज में बोल पड़ी...

प्रभा:- हा ...ययाद है..तो पियो ना मैंने मना किया है क्या??

सागर:- लेकिन आपको मुझसे ये कहना पड़ेगा...

प्रभा:- स्स्स्स्स् कह तो दिया ना...

सागर:-ऐसे नहीं....सही से...जो करना है वो सही शब्दों में कहो...

प्रभा:- स्स्स्स्स् उम्म्म्म अपनी गर्दन दूसरी और करते हुए...मुझे शर्म आती है अह्ह्ह

सागर:- प्रभा के चीन को पकड़ के वापस सीधा करते हुए....अब कैसी शर्म?? प्लीज कहो ना...

प्रभा:- बहोत हो सेक्सी अदा से उसकी आँखों में देखती है....सागर स्स्स्स्स् उम्म्म्म मेरी..अहह मेरी ..चु..चूत का जूस पियो ना.....अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्

सागर:- उफ्फ्फ्फ्फ़ स्सस्सस्स माँ उफ्फ्फ्फ्फ़ कितना मस्त लग रहा है आपके मुह से उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह्ह एक बार फिर कहो ना अह्ह्ह्ह

प्रभा:- स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह सागर प्लीज मेरी चूत को चाटो ना अह्ह्ह्ह्ह बहोत गीली हो चुकी है अह्ह्ह्ह्ह्ह

प्रभा और सागर दोनों अब बहोत खुल गए थे। वासना के उस तूफ़ान में अब बस उड़ते हुए जाना चाहते थे।

सागर:-स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म वाओ माँ उफ्फ्फ्फ्फ्फ मजा आ गया....हा माँ अब मैं आपकी चूत को चाटूंगा उफ्फ्फ्फ्फ़ उस का स्वादिस्ट रस को पिऊंगा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

प्रभा :-अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उम्म्म्म हा...तेरे लिए ही तो कब से मेरी चूत से टपक रहा है अह्ह्ह्ह्ह

प्रभा और सागर एकदूसरे से बहोत ही मादक अंदाज में बाते कर रहे थे।*

सागर उठ के प्रभा के पैरो के बिच जाके बैठ गया।प्रभा ने पहले ही घुटने मोड़ के पैर को थोडा खोल दिया था। सागर ने प्रभा के दोनों जांघो को सहलाया और प्रभा की चूत को गौर से देखने लगा।गोरी गोरी जांघो के बिच में हलके सावले रंग की चूत को देख सागर पागल सा होंगया। उसपे हलके बाल दिख रहे थे। गीली चूत बल्ब की रोशनी में चमक।रही थी। सागर धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपने अंगूठे से चूत की दरार में से घुमाया और चूत को थोडा सा फैलाया। सागर ने जैसेही प्रभा की चूत को अंदर से देखा तो स्तब्ध रह गया।*

प्रभा उसके ऐसे चुने से तड़प उठी। वो अपनी चूत को थोडा ऊपर ऊपर उठाने लगी। सागर प्रभा की चूत को और थोडा सहलाने लगा....

सागर:- उफ्फ्फ्फ्फ़ माँ कितनी प्यारी है आपकी चूत स्स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म इतनी सुन्दर चूत मैंने आजतक नहीं देखि स्स्सस्सस्सस्सस्स जी करता है बस इसे ऐसेहिंदेखते रहु अह्ह्ह्ह्ह्ह

प्रभा:-उम्म्म्म्म्म्म्म सागर स्सस्सस्सस उफ्फ्फ्फ्फ्फ *बहोत अच्छा लग रहा है तुम्हारा ऐसे छूना आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सागर ने सहलाते हुए अपनी बिच की उंगली प्रभा के चूत में डालि और बाहर निकाली। उसे लेके वो प्रभा के पास गया....

सागर:- अह्ह्ह्ह ये देखो आपकी चूत का रस .....और फिर उसे प्रभा के होठोंके पास ले गया और खुद के होठ भी निचे ले गया और उसे जुबान से चाटने लगा।

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् उम्म्म्म बहोत ही स्वादिष्ट है अह्ह्ह्ह्ह्ह

प्रभा उसकी ये हरकत देख पागल सी होने लगी थी।

प्रभा:- उम्म्म्म्म्म स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह्ह्ह

सागर वापस प्रभा के पैरो के बिच आके बैठ गया। और और धीरे धीरे अपना मुह चूत के पास लेके जाने लगा। प्रभा को जैसे ही उसकी साँसे अपनी चूत पे महसूस हुई वो निचे से अपनी गांड थोड़ी ऊपर करने लगी। आखिर में सागर ने प्रभा चूत को चूम ही लिया। सागर बहोत ही नजाकत से प्रभा की चूत चाट रहा था। निचे से ऊपर तक वो प्रभा की चूत जुबान से चाटने लगा। उसकी खुरदुरी जुबान का स्पर्श प्रभा बहोत एन्जॉय कर रही थी। सागर अपने अंगूठे से प्रभा की चूत दाना राग रहा था और चूत के अंदर जुबान डालने की कोशिस कर रहा था।

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईईई माँ मर गयी अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ सागर्र्रर्रर्रर्रर्रर्र अह्ह्ह्ह्ह हा ऐसेही चाटो उफ्फ्फ्फ्फ़ बहोत अच्छा लग रहा है अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्। उम्म्म्म्म्म्म्म

सागर अब धीरे धीरे प्रभा के चूत के दाने को मुह में भर के चूस रहा था। धीरे धीरे अपने दांत गड़ा रहा था।

प्रभा:- उफ्फ्फ्फ्फ़ स्सस्सस्स हाआआआआअ ऐसेही अह्ह्ह्ह्ह काटो मत ना। अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म्म्म्म

सागर जी भर के प्रभा की चूत का रस चाट रहा था। प्रभा सागर के ऐसे चाटनेसे एक बार झड़ भी गयी थी। उसके चूत में पानी की बाढ़ सी आ गयी थी।

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह वाओ माँ बहोत मजा आ रहा है उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़

प्रभा:- मुझे भी अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म सागर अह्ह्ह्ह्ह मैं तेरे सामने ऐसे नंगी हु और तू कपडे पहने हुए है।

सागर :- तो आप ही निकाल दो ना....

सागर बेड पे लेट गया। प्रभा उठी और अपने घुटनो पे गयी और एक हाथ बेड पे टिका दिया। दूसरे हाथ से सागर का लंड पकड़ा और दबाने लगि और सागर को किस करने लगी।

प्रभा ने सागर के शर्ट के बटन खोल दिए और उसे बड़ी ही सेक्सी अदा से उसके छाती को चूमने लगी।वो चूमते हुए निचे उसके पेट तक गयी और अपना निचला होठ उसके पेट से लगाया और वैसेही ऊपर तक उसके बदन से रगड़ता हुआ ले गयी।सागर ने अपना एक हाथ प्रभा की गांड पे रखा और उसे सहलाने दबाने लगा।प्रभा फिरसे उसे चूमती हुई निचे गयी। उसने अपना हाथ हटाया और देखा सागर का लंड सीधा खड़ा था। वो उसे *पल भर के लिए देखा और उसने सागर की पैंट के ऊपर से ही उसे चूम लिया।

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्सस्सम ऐसे नहीं निकाल के करो ना...

प्रभा :- उसके लंड को पकड़ा और मुह में भरा फिर उसे अपने गालो पे लगा के...नहीं सीधा शब्दों में कहो...जैसे मुझसे करने को कहा था ...

सागर:- उम्म्म्म्म वो तो मैं बिल दूंगा लेकिन मुझे आपके ही मुह से सुनना है अह्ह्ह्ह

प्रभा:- उम्म्म नहीं तुम कहो...

सागर:- ठीक है लेकिन मेरे कहने के बाद आपको भी कहना पड़ेगा।

प्रभा:- ठीक है...

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स माँ *मेरा लंड बाहर निकल के चूसो ना अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म एक बार और....

सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स माँ मेरा लंड को अपने इन गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठो से चूमो ना...अपनि जुबान से चाटो अह्ह्ह्ह्ह मुह में भरकर चूसो अह्ह्ह्ह्ह

प्रभा:- सागर अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उम्म्म हा मैं। तेरे इस बड़े से लंड को चूमूंगी चाटूंगी चूसूंगी अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् सागर अह्ह्ह मैं तुम्हारे लंड का पानी अपने मुह में गिरना चाहती हु...गिराओगे ना??

सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स हा माँ मैं अपने लंड का पानी आपके मुह में छोड़ूंगा अह्ह्ह्ह्ह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्*

प्रभा ने ये सुनते ही सागर की पैंट अंडरवियर के साथ निचे कर दी और निकाल फेकी। अब वो दोनों। पूरी तरह से नंगे थे।*

प्रभा ने सागर का लंड पकड़ा और उसे देखने लगी। इतने करीब से वो पहली बार सागर का लंड देख रही थी।प्रभा ने सागर के लंड की ऊपर की स्किन निचे की और थोडा दबाया....उसके गुलाबी सुपाड़े कोंदेख प्रभा के होश उड़ गए...लंड के ओपनिंग पे थोडासा प्रीकम आ रहा था। उस गुलबिं सुपाड़े पे वो प्रीकम की बून्द किसी मोती की तरह चमक रही थी।

प्रभा ने झट से निचे हुई और सागर की आखो में देखते हुए उस बून्द को जुबान से धीरे से चाट लिया।

सागर प्रभा को ऐसे मादक और मदमस्त तरीके से अपना लंड चाटते हुए देख पागल सा हो गया।

सागर:- उफ्फ्फ्फ्फ्फ स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म वाओ माँ सच में आप बहोत ही सेक्सी हो उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़

प्रभा सागर के लंड को ऊपर से निचे तक जुबान से धीरे धीरे चाट रही थी। उसके लंड को अपने गालो पे आखो पे होठो पे लगा रही थी। प्रभा का उन्माद अब उफान पर था। वो उसे मुह में भरकर चूसने लगी।

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् कितना मस्त है सगार तुम्हारा लंड अह्ह्ह्ह्ह कितना मोटा है स्सस्सस्स पूरी तरीके से मुह में भी नहीं समां रहा अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स और तुम्हारे लंड का स्वाद भी बहोत अच्छा है अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उम्म्म्म्म्म*

सागर:-उम्म्म्म्म अब ये आपका ही है अह्ह्ह्ह

प्रभा:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् कबसे तड़प रही थी इस लंड को चूमने के लिए....

सागर:-सिर्फ चूमने के लिए ?? या और भी कुछ??

प्रभा सागर के इस सवाल का मतलब समझ गयी। अब दोनों के बिच हिचकिचाहट की कोई गुंजाईश नहीं थी।

प्रभा:- हा सागर और भी उम्म्म्म्म

सागर:-क्या माँ?? सागर धीरे से पूछा।

प्रभा:- अह्ह्ह सागर उम्म्म कब से तड़प रही थी मैं इस लंड से चुदवाने के लिए स्सस्सस्स कब से तड़प रही थी इसे अपनी चूत में लेने के लिए अह्ह्ह्ह्ह

सागर:-उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् स्सस्सस्सस कितना अच्छा लग रहा ये सारी बाते आपके मुह से सुनके उम्म्म्म्म माँ मैं भी आपको कबसे चोदने के लिए बेताब था। आपकी प्यारी सी चूत में लंड डाल के आपको कबसे चोदना चाहता था उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़

प्रभा :-उम्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् तो चोद न मुझे अह्ह्ह्ह्ह*

सागर:-अह्ह्ह्ह्ह आप मेरा लंड चूसना बंद करोगी तभी आपकी चूत में डालूँगा ना स्स्स्स्स्

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह क्या करू उफ्फ्फ्फ्फ़ कितना भी चूसो मन ही नहीं भर रहा स्सस्सस्स

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह बस करो ना स्स्स्स लेलो उसे अपनी चूत में अह्ह्ह्ह

प्रभा :- अह्ह्ह्ह ठीक है उम्म्म्म

प्रभा उठी और सागर के लंड को अपनी चूत के छेद पे एडजस्ट किया और धीरे धीरे उसे अपनी चूत में लेने लगी।सागर अपना लंड प्रभा की चूत जाते देख रहा था।

सागर:-उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह्ह कितना मस्त लग रही है आपकी चूत अह्ह्ह्ह्ह*

प्रभा ने पूरा लंड अपनी चूत की गहराई में उतार लिया था। वो आँखे बंद करके सागर के लंड का मजा ले रही थी। सागर ने हाथ बढ़ा के प्रभा की चुचिया मसलने लगा। निप्प्ल्स को चुटकी में पकड़ के दबाने लगा। जैसेही सागर ने प्रभा के निपल्स पकडे वैसेही प्रभा की गांड अपने आप ऊपर निचे होने लगी। प्रभा धीरे धीरे अपनी गांड ऊपर निचे करके सागर का लंड अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी।

प्रभा थोड़ी आखे खोलके अपना निचला ओठ दातो में दबाके बड़े मादक अंदाज में सागर की तरफ देख रही थी।सागर भी निचे से प्रभा की चूत में धक्के लगा रहा था।

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् कितना लंबा मोटा लंड है रे तेरा स्स्सस्सस्समेरि चूत का कोना कोना रगड़ रहा है अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्स्स्स उम्मम्मम्मबहोत मजा आ रहा है उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस माँ स्स्स्स्स् उम्म्म कितनी गरम है अंदर से आपकी चूत उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़*

प्रभा सागर की और थोड़ी झुक गयी सागर ने आगे बढ़ के प्रभा के होठ अपने होठो में कैद कर लिए और अपना लंड खच खच प्रभा की चूत में डालने लगा।

प्रभा सागर के ऐसे करने से अत्यानंदित हो उठी।

प्रभा:-आआआआआआआआअ उम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्म उईईईईई माआआआआआआआ उम्म्म्म्म्म्म्म स्सस्सस्सस्सस्स

प्रभा सागर के छाती पे सर रख के जोर जोर से सिस्कारिया ले रही थी। सागर ने प्रभा की गांड पकड़ के खाप खप खप चोदने लगा। प्रभा झड़ चुकी थी। प्रभा ने सागर को रोका और बाजु में लेट गयी।

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सागर आज मैं ये तीसरी बार झड़ी हु उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़

सागर:-उम्म्म्म पर मेरा बाकि है अह्ह्ह

प्रभा:- उम्म्म्म्म तो डाल ना लंड चूत में अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्*

सागर ने प्रभा को उल्टा किया और उसकी कमर पकड़ के उसे अपनी और खीचा...अपना लंड प्रभा की चूत पे रखा और धीरे से अंदर डाल दिया।

सागर प्रभा की चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा...प्रभा की चिकनी मांसल गांड देख के सागर का जोश और भी बढ़ रहा था।

प्रभा:- उफ्फ्फ्फ्फ़ स्सस्सस्स कैसा लग रहा है सागर उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़मजा आ रहा है ना??अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सागर:- बहोत अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्स्स्स माँ उफ्फ्फ्फ्फ़ अब रोज चुदोगी ना मुझसे?

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह हा रे स्स्स्स इसीलिए तो गाँव से आयी हु यहाँ अह्ह्ह्ह तेरे इस लंड से रोज चुदने के लिए अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स धीरे चोद अह्ह्ह्ह्ह्ह फाड़ेगा क्या आज ही स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स उम्म्म्म्म आपकी चूत है ही कमाल की अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्स्स्स*

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह्ह कमाल का लंड तो तेरा है अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस आज जैसा मजा मुझे कभी नहीं आया अह्ह्ह्ह चोद रे अह्ह्ह और तेज चोद मुझे स्स्सस्सस्सस्सस्स

ऐसेही वो अपनी बातो से एकदूसरे को उत्तेजित करते रहे। सागर भी प्रभा को पोजीशन बदल बदल के 20 मिनट तक चोदता रहा।

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस उम्म्म मेरा होने वाला है उफ्फ्फ्फ्फ्फ

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सम्म्मम्मम्म हा निकाल दे अपना पानी अह्ह्ह्ह्ह*

सागर:-अह्ह्ह्ह स्स्स्स आपको पीना था ना अह्ह्ह्ह्ह्ह

प्रभा:- हाआआआआ स्सस्सस्स दे मेरे मुह में दे अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह

सागर ने अपना लंड प्रभा की चूत से निकाल के उसके मुह में दे दिया। प्रभा ने लेटे लेटे ही उसे मुह में भर लिया और चूसने लगी....अगले ही पल फच फच करके सागर प्रभा के मुह में झड़ने लगा। प्रभा बड़े ही चाव से सारा वीर्य पि गयी। सागर निढाल हो के निचे लेट गया। प्रभा उठी और उसका पूरा लंड चाट चाट के साफ़ कर दिया।

फिर वो उसकी छाती पे सर रख के सो गयी।

प्रभा:- उफ्फ्फ्फ्फ़ सागर सच में कहु...मेरी ऐसी चुदाई पहले कभी नहीं हुई....स्सस्सस्स उम्म्म्म

सागर:- उम्म्म्म मुझे भी आपकी चूत चोद के बहोत मजा आया।

सागर और प्रभा ने एक दूसरे को देखा और किस करने लगे..........

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Re: hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!

Unread post by sexy » 14 Sep 2016 10:36

भाग 20
उस रात जो सिलसिला सुरु हुआ था वो अब ख़त्म नहीं होने वाला था। रात को तो वो साथ होते ही थे मगर दिन में जब भी मौका मिलता तब भी वो दोनों एक दूसरे में खो जाते।

सागर ने प्रभा को प्रियंका के बारे में भी बता दिया था। प्रभा ने सागर को कहा की दीवाली के बाद वो माधवी और प्रियंका को कुछ दिनों के लिए शहर ले आएंगे तब सागर प्रियंका की चुदाई कर सकता है।


इस दौरान यहाँ गाँव में बहोत कुछ बदल गया था। सुमन और चंदू के बिच जो चल रहा था वो खत्म हो चूका था। सुमन चंदू को बता चुकी थी की माधवी को उसके और चंदू के बारे में पता चल चूका है लेकिन वो उसका साथ दे रही है। सुमन चंदू को माधवी और उसके बिच होने वाली हँसी मजाक के बारे में बताते रहती थी। चंदू बहोत शातिर था। वो सुमन से सारी बाते निकलवा लेता था। जब उसे लगा की माधवी भी चुदाई के लिए बेकरार है तो एक दिन जब वो टिफिन लेने आया और सुमन को एक जल्दी से चुदाई का एक राउंड लिया। जब दोनों रिलैक्स हुए तो उसने माधवी वाली बात सुमन से कही।

चंदू:- सुमन...मुझे लगता है की माधवी भी अब लंड के लिए उतावली हो रही है....उसकी चूत में भी चुलबुलाहट हो रही है।

सुमन:- हा अब जवान होती लड़कियो में ये तो होता ही है।

चंदू:- तो एक काम करो ना....उससे बात करो और अगर वो तैयार है तो मैं उसे चोद देता हु....तीनो मिलके मजे करेंगे....


इसके आगे चंदू कुछ बोल पाता सुमन ने एक जोरदार चाटा चंदू के गाल पे धर दिया। चंदू कुछ समझ ही नहीं पाया।

सुमन:- कमीने...ख़बरदार जो माधवी पे अपनी बुरी नजर डाली तो...जान से मार दूंगी...भले ही मैं अपने जिस्म के हाथो मजबूर होके तेरे निचे सो गयी मगर माधवी के बारे में कुछ मत कहना।*

चंदू:- साली तूने मुझे मरा...चंदू उसे मारने के लिए आगे बढ़ा। लेकिन सुमन ने उसका हाथ पकड़ लिया।

सुमन:- ये मत सोच के मैं तुझसे डर जाउंगी। मेरी ही गलती है की मैं तेरे साथ ये सब किया। अगर मुझे पता होता की तू हमारे घर की बेटी पे नजर गड़ाये बैठा है तो कभी तेरे साथ ऐसा नहीं करती।

चंदू:- तू जादा होशियार मत बन...अगर मैंने तेरे बारे में गाव में बता दिया तो तेरी कितनी बदनामी होगी तू सोच भी नहीं सकती।

सुमन:- तेरी ऐसी धमकियों से मैं नहीं डरती...अगर मैंने ये कह दिया ना की तूने मेरे साथ जबरदास्ति करने की कोशिस की तो तू जनता है जसवंत भैया तेरा क्या हाल करेंगे..तुझे सिर्फ काम से ही नहीं तो गाँव से भी निकाल।देंगे। तेरी भलाई इसिमि है की तू अपना मुह बंद रखेगा।

चंदू जसवंत के रुतबे और गुस्से से वाकिफ था। वो सुमन से माफ़ी मागने लगा। उसके हाथ पाँव जोड़ने लगा। लेकिन सुमन ने उसकी एक बात नहीं मानी। और अपना रिश्ता वाही खत्म कर दिया। सुमन ने जसवंत से कह के चंदू का घर पे आना जाना बंद करवा दिया। अब टिफिन लेने के लिये जसवंत खुद आता था।*

चंदू के पास चुप रहने के अलावा कोई चारा नहीं था। सुमन ने जब माधवी को ये बात बताई तो माधवी ने उसका साथ दिया। लेकिन सुमन ने माधवी को ये नहीं बताया की चंदू माधवी को चोदना चाहता था।


धीरे धीरे सुमन नार्मल हो गयी। लेकिन कभी कभी रात को उसे चुदने का मन जरूर करता। लेकिन वो खुद को संभाल लेती।*


दीवाली आने वाली थी। सागर को कॉलेज की छुट्टियां सुरु हो गयी थी। प्रभा और सागर गाँव जाना ही नहीं चाहते थे क्यू की वहा उन्हें मौका नहीं मिलने वाला था। जाने के दिन से पहली वाली रात को सागर ने प्रभा को खूब चोदा क्यू की अब 20 दिन तक वो गाँव में रहने वाले थे। और दोनों ने ये तय किया था की वो दोनों बिलकुल भी एकदूसरे के करीब नहीं आएंगे।


दूसरे दिन सुबह करीब 11 बजे वो दोनों गाँव के लिए निकले।
**********प्रभा*********×*



दोनों बाइक से ही जा रहे थे। 20 km तक पक्की सड़क और फिर आगे 20 km तक कच्ची सड़क थी। लगबघ एक घंटे का रास्ता था। उनके पास एक बैग थी जो सागर ने बाइक के पीछे बाँध दी थी। प्रभा के पास एक हैण्ड बैग था जो वो पकड़ के सागर के पीछे बैठी थी।*

जैसेही शहर खत्म हुआ सागर ने प्रभा का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया।

प्रभा:- क्या कर रहा है सागर....आने जाने वाला कोई पहचान का निकला तो क्या कहेगा...

सागर:- कुछ नहीं होता...आपको याद है एक बार आप ऐसेही बैठी थी...

प्रभा:-हा याद है...तेरा लंड खड़ा हो गया था...और तू नालायक गड्ढे से गाड़ी जानबुज के ले जा रहा था।

सागर:-उम्म्म हा...आप भी तो गड्ढे के बहाने से मेरा लंड दबा देती थी।

प्रभा:- हा..क्या करती तेरे लंड को पकड़ने के लिए बेताब जो थी।

सागर:-हा...अब तो रोज ही पकड़ती हो चूसती हो...और अपने चूत में लेके देर तक चुदवाती रहती हो...

प्रभा:- स्स्स्स्स् हा ...क्या करू तेरा लंड है ही ऐसा...मेरा बस चले तो 24 घंटे इसे चूत में लेके पडी रहू।

सागर:- उम्म्म लेकिन अब तो 20 दिन इस लंड के लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा।

प्रभा:- हा ना...क्या कर सकते है...


इस दौरान सागर का लंड खड़ा हो चूका था। प्रभा उसे सागर के पैंट के ऊपर से ही दबा रही थी।*

सागर:- स्स्स्स वो बाते याद आने से मेरा लंड तो एकदम खड़ा हो गया है। माँ चैन खोल के अंदर हाथ डालो ना...

प्रभा:- पागल है क्या??कुछ भी बोलता है।

सागर:- एक काम करो अपना हैण्ड बैग दे दो मैं उसे आपका हाथ ढक लेता हु।

प्रभा:- तू नहीं मानेगा ना...

प्रभा को ऐसे चलती बाइक पे ये सब करने में बड़ा मजा आ रहा था।

सागर ने प्रभा का हैण्ड बैग से प्रभा के हाथ को ढक लिया। प्रभा ने उसकी चैन खोली और अंडरवियर के इलास्टिक में से हाथ डाल के उसका लंड मुट्ठी में पकड़ लिया।

सागर:- अह्ह्ह्ह अब अच्छा लग रहा है ...

प्रभा:- हा लेकिन मेरी हालात ख़राब हो रही है उसका क्या??

सागर:- क्या हो रहा है??

प्रभा:- जैसे तुझे पता ही नहीं क्या होता है मुझे जब मैं ये तेरा मुस्टंडा लंड पकड़ती हु।

सागर:- हा पता है लेकिन आपके मुह से सुनके अच्छा लगता है।

प्रभा:- उम्म्म बदमास..

सागर:- बताओ ना क्या होता है?

प्रभा:- मेरी चूत फड़फड़ाने लगती है...चुदने को बेताब हो जाती है...तेरा क्या है घर तक पहोचने तक तेरा तो पानी निकाल दूंगी हाथ से लेकिन मुझे तो ये लंड अपनी चूत में ना लू तब तक चैन नहीं मिलता।

सागर:- उम्म्म्म्म आपकी चूत की प्यास बढाती ही जा रही है दिन ब दिन....कल रात को ही तो जमके चुदी है फिर भी आज फिरसे फड़फड़ाने लगी है।

प्रभा:-हा ना...ऐसा लंड मिले तो कोण चुदना ना चाहे....

सागर:- तो चलो अभी आपकी इच्छा पूरी कर देता हु...

प्रभा:- चुप कर ऐसे रास्तेमें कहा ?? कुछ भी बोलता है।

सागर:- कुछ भी नहीं सच में कह रहा हु...देखो अब अपने गाव की तरफ जाने वाली कच्ची सड़क आने वाली है...बाजु में कितनी झाड़िया है...खेत है...फटाफट एक बार की चुदाई तो हो ही सकती है।

*प्रभा की चूत तो वैसे भी गीली हो रही थी। और चुदने का मन तो उसका कर ही रहा था। उसे एक बार जसवंत ने खेतो में की चुदाई याद आने लगी। जब उसकी नयी नयी शादी हुई थी और वो जसवंत के साथ खेतो में गयी थी वहा खुले आसमान के निचे जसवंत ने खूब चुदाई की थी उसकी।

प्रभा:- अगर किसीने देख लिया तो...

सागर:- अरे माँ आप फ़िक्र मत करो मैं हु ना...

प्रभा:- फिर भी...

सागर समझ गया था की प्रभा का मन है चुदने का...

सागर:- देखो ना मेरा लंड कैसे फनफना रहा है आपकी चूत में जाने को बेताब है...

प्रभा:- हा मुझे पता है...मेरे ही हाथो में है ना...

सागर:-तो फिर *क्या ख्याल है??

प्रभा:-जैसा तू बोले...

तब उनके गाव की तरफ मुड़ने वाली कच्ची सड़क आ गयी थी। सागर ने बाइक मोड़ ली थोडा आगे जा के एक छोटा रास्ता था उस रस्ते से थोडा अंदर लेजा के एक खेत के बाजु में पेड़ के निचे बाइक खड़ी कर दी। सागर ने इधर उधर देखा दूर दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। उसने देखा एक बड़ा सा पेड़ था उसके बाजु में बहोत झाड़िया थी।*

सागर:- वहा चलते है...कोई आ भी गया तो आसानी से हमें देख नहीं पायेगा।

प्रभा:- सागर मुझे बहोत डर लग रहा है...

सागर:- कोई डरने की बात नहीं है...यहाँ इस जंगल में कोण आएगा? और आप फ़िक्र मत करो मैं बराबर नजर रखूँगा.

प्रभा का दिल जोर जोर से धड़क रहा था। वो दोनों उस पेड़ के पास झाड़ियो में चले गए। प्रभा ने देखा की सच में कोई उन्हें आसानी से देख नहीं पायेगा तो वो थोडा रिलैक्स हुई।

प्रभा:-चल जल्दी से निपटा लेते है...

सागर:- इतनी भी क्या जल्दी है ....आपको भी पता है जब तक आपकी चूत का रस न चाट लू मैं आपकी चूत नहीं चोदता....सागर उसे अपनी तरफ खीच के उसकी चुचिया दबाते हुए बोला।

प्रभा:- उम्म्म्म हा पता है....मुझे भी तो तेरा लंड चूसे बगैर चैन नहीं मिलता...लेकिन जो भी करना है जल्दी से कर लेते है।

सागर :-एक बात कहूँ ....आप को अब तक कितनी बार चोद चूका हु....लेकिन हर बार ऐसे लगता है पहली बार है...

प्रभा:- हा सच में मुझे भी ऐसा ही लगता है...तुझसे चुदने का ख्याल आते ही वही पहले जैसे मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगता है चूत में अजीब सी हलचल होने लगती है।

सागर:-उम्म्म्म स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह्ह्ह आपकी ऐसी बाते ही तो मुझे बहोत पसंद है....

प्रभा:-चल अब बाते बंद कर और काम सुरु कर...प्रभा वहा पेड़ के निचे पड़े एक बड़े पत्थर पे बैठ के अपनी पीठ *पेड़ से टिका के अपनी साडी ऊपर खिचके अनपे पैर फैला के *अपनी नंगी चूत सागर को दिखाती हुई बोली।

सागर प्रभा की इस अदा को पलभर देखता ही रहा।

सागर:-स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह्ह वाओ माँ क्या लग रहे हो आप इस पोज में स्सस्सस्स घर पे क्यू नहीं दिखाई ऐसी अदा...

प्रभा:-तू मौका कहा देता था...खुद ही मेरे सारे कपडे निकाल के फेक देता था...और छुट्टी के दिन तो पूरा दिन पूरी रात नंगा ही घुमाता था...

सागर प्रभा के पास निचे बैठ के उसकी चूत में उंगली डाल के हिलाने लगा...

सागर:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह वो तो सहूलियत के लिए था ...जब मन किया तब चोदना सुरु...उम्म्म्म्म

प्रभा:- हा स्सस्सस्स सागर उम्म्म्म सच में पिछले एक महीने में बहोत सुख दिया है तूने अह्ह्ह्ह्ह्ह

सागर अब प्रभा की चूत चाटने लगा था।प्रभा उसकी सहूलियत के हिसाब से खुद को एडजस्ट कर रही थी।



सागर आज पहली बार खुले में प्रभा के साथ चुदाई कर रहा था। आज उसके उत्तेजना का लेवल कुछ और ही था। वो अपनी जुबान प्रभा के चूत में अंदर तक डालने की कोशिस कर रहा था।वो लगातार अपनी जुबान ऊपर। निचे आगे पीछे हिला रहा था।

प्रभा:-स्सस्सस्सस सागर अह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म आज तो तू बहोत ही मुड़ में लग रहा है स्स्स्स्स् आज तेरे चाटने से बहोत मजा आ रहा है स्स्स्स्स्

सागर:-उम्म्म्म्म स्स्स्स्स् आज आप भी तो बहोत मस्ती में हो स्सस्सस्स कितना पानी छोड़ *रही है आपकी चूत स्सस्सस्सस

सागर ने प्रभा की चूत को दोनों अंगूठे से थोडा फैलाया और अंदर के पिंक हिस्से पे जुबान रख के उसे गोल गोल घुमाने लगा।

प्रभा:- उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स् सागर अह्ह्ह्ह ऐसेही कर अह्ह्ह्ह्ह म्म्मम्म्म्मम्म बहोत मजा आ रहा है स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्ह्ह

सागर:- स्सस्सस्स माँ मैंने ये कितनी बार कहा होगा लेकिन फिर से कहता हु स्सस्सस्स आपकी ये अंदर की गुलाबी चूत स्सस्सस्स बहोतही खूब सूरत है स्सस्सस्स

प्रभा:- स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह चाट ना उसे स्सस्सस्स खा ले स्स्स्स्स् इतनी *ही अछि लग रही है तो स्सस्सस्स

सागर अब प्रभा की चूत में एक उंगली घुसा दी और चूत के दाने को मुह में लेके चूसने लगा। प्रभा सागर का दो तरफ़ा हमला जादा देर तक सह नहीं पायी।*

प्रभा:- स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्ह्ह सागर उफ्फ्फ्फ्फ्फ हा...आ..हां...ऐसेही मेरे राजा स्स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ स्सस्सस्सस्सस्स थोडा और अह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्

प्रभा अपनी मंजिल तक पहोच चुकी थी। उसका जिस्म थोडा ढीला पड़ गया था।

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् माँ आज तो बहोत पानी छोड़ा आपकी चूत ने स्सस्सस्सस्सस्स

प्रभा:- उम्म्म्म्म हा तूने जिस तरह से चाटी है मेरी चूत....उसका इनाम तो देना बनता है ना....

सागर:- उम्म्म्म्म स्स्स्स मजा आ गया उफ्फ्फ्फ्फ़....मुझे तो ऐसे खुले में बहोत मजा आ रहा है स्स्स्स इसलिए शायद ....लेकिन मैं भी तो देखु की आप क्या नया कमाल दिखाती हो....

प्रभा:- अह्ह्ह आजा ना अभी पता चल जायेगा....

सागर खड़ा हुआ और अपना लंड बाहर निकाल लिया। उसने एक बार इधर उधर देखा। उसे दूर दूर तक कोई नजर नहीं आया।

सागर:- उम्म्म्म माँ कोई नहीं है आप बिनधास्त रहो*

प्रभा:- उम्म्म्म अब मुझे परवा नहीं है स्सस्सस्स....प्रभा सागर का लंड पकड़ के अपने होठ और गालो से रगड़ती हुई बोली।...अब अगर कोई आ भी गया तो उससे कहूँगी तू भी चोदले आके।

सागर:- स्स्स्स्स् उम्म्म्म मैं ऐसा होने नहीं दूंगा लेकिन....

प्रभा:- क्यू??*

सागर:- आप पे सिर्फ मेरा हक़ है स्स्स्स्स्

प्रभा ने सागर का लंड ऊपर से लेके निचे तक चाटा और मुह में लेके चूसने लगी। थोड़ी देर जुबान से लंड के सुपाड़े के साथ खेलती रही।


प्रभा:- उम्म्म्म्म स्स्स्स्स्। अह्ह्ह्ह क्यू तेरे बाबा भी तो चोदते है ना मुझे स्स्स्स्स्

सागर:-उनकी बात अलग है....उसके बाद सिर्फ मैं स्सस्सस्स

प्रभा:- फिर भी अगर मैं कहु की मुझे एकसाथ दो लंड से चुदने की इच्छा है तो??

सागर को प्रभा का ऐसी बाते करना अच्छा नह लग रहा था।

सागर:- स्स्स्स्स् बंद करो ऐसी बाते...आप पहले मेरे लंड पे ध्यान दो....जल्दी करो देर हो रही है।

प्रभा:- स्स्स्स हा रे मैं तो मजाक कर रही थी।

प्रभा फिर से सागर का लंड मुह में लेके चूसने लगी। सागर प्रभा के बाल पकड़ के धीरे धीरे प्रभा के मुह में अपना लंड आगे पीछे कर रहा था।प्रभा ने उसके लंड के बॉल्स को एक एक करके मुह में लेके चूसने लगी।

सागर:-अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स उम्म्म्म्म आपके होठ और जुबान में जादू है स्सस्सस्सस बहोत मजा आ रहा है।

प्रभा सागरकि आखो में देखने लगी। उसके लंड से निकलता हुआ प्रीकम अपने होठो पे लगाने लगी। और फिर बड़ी ही सेक्सी अदा से वो जुबान से चाटने लगी।*

सागर:- स्सस्सस्स उम्म्म्म माँ क्या सेक्सी लग रही हो आप ऐसा करते हुए स्सस्सस्सस

प्रभा ने एक उंगली पे सागर के लंड से निकलता प्रीकम *लिया और उसको ऊपर उठाया वो चिपचिपा होने की वजह से उसका एक धागा सा बन गया। उसे प्रभा ने सागर की आँखों में देखते हुए जबान पे लिया और धीरे से उसे पि गयी। सागर प्रभा को ऐसे करते देख पागल सा हो उठा।

सागर:-हाय रे स्स्स्स्स् कहा छुपा रखी टी ऐसी अदाएं आपने आजतक स्स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म्म*

प्रभा:-स्सस्सस्स सागर उफ्फ्फ्फ्फ्फ स्स्स्स्स् अब बस हो गया अह्ह्ह्ह्ह मेरी चूत तेरा लंड मांग रही है स्स्स्स्स्स्स्स....प्रभा अपनी चूत को सहलाती हुई बोली।

सागर ने उसे उठाया और उसे किस करने लगा।*

सागर:- आप ये पेड़ को पकड़के अपनी गांड पीछे करके झुक जाओ।

प्रभा ने उसके कहे नुसार खड़ी हो गयी। सागर ने प्रभा को ऐसे कई बार चोदा था मगर आज प्रभा अपनी साडी ऊपर करके उसे अपनी गांड दिखा रही थी। उसे देख सागर को अलग ही मजा आ रहा था।


:-स्सस्सस्स आज पता नहीं क्यू आप बहोत ही अलग लग रही हो स्सस्सद् आपकी ये चिकनी गांड स्सस्सस्स उम्म्म्म्म बहोत ही सुन्दर लग रही है।

प्रभा:- स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह आ ना जल्दी डाल दे लंड मेरी चूत में स्सस्सस्सस्सस्सस्स क्या मेरी गांड देखते हुए खड़ा है।

सागर आगे बढ़ के निचे बैठ गया और प्रभा की चिकनी गोरी गांड को चूमने लगा।

प्रभा:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह सागर क्या कर रहा है?? चल।जल्दी कर स्स्स्स

सागर:- कुछ नहीं थोडा प्यार कर रहा था आपकी गांड से स्स्स्स्स्स्स्स बहोत मस्त लग रही अह्ह्ह्ह्ह

सागर फिर उठा और अपना लंड प्रभा की चूत पे लगाया और धीरे धीरे अंदर डाल दिया। प्रभा की चूत अब सागर के लंड की आदि हो गयी थी। फिर भी प्रभा को थोडा दर्द होता ही था जब सागर पहली बार अपना लंड डालता था।

सागर प्रभा की कमर पकड़ के उसे चोदने लगा।*

सागर:-उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स माँ लगता है आज कुछ जादा ही उत्तेजित हो स्सस्सस्स बड़ी चिकनी लग रही है आपकी चूत अंदर से स्सस्सस्सस मेरा लंड अंदर आराम से फिसलता चला जा रहा है....

प्रभा:- स्स्स्स्स् हा शायद....या फिर तूने स्स्स्स इतने दिन से चोद चोद के चौड़ी कर दी मेरी चूत अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म

सागर:- अह्ह्ह्ह्हज स्सस्सस्सस आपको ही तो चाहिए था स्स्स्स्स् न मेरा लंड अह्ह्ह्ह

प्रभा:- स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म जैसे तुझे नहीं चाहिए थी मेरी चूत स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म हा मुझे भी चाहिए थी स्स्स्स्स्स्स्स

सागर अब थोडा तेज तेज प्रभा को चोद रहा था।

प्रभा:-उफ्फ्फ्फ्फ्फ धीरे चोद रे अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म्म बहोत अह्ह्ह मस्त उम्म्म्म्म चोदता है तू स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ़

सागर:-आपकी चूत है ही ऐसी स्सस्सस्सस कण्ट्रोल नहीं होता अह्ह्ह्ह

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म अह्ह्ह्ह हा ऐसेही स्स्स्स्स्स्स्स बड़ा दमदार है रे तेरा लंड अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म

सागर अब प्रभा को बहोत तेजीसे चोद रहा था।सागर की नजर प्रभा के गांड के छेद पे पड़ी। उसने *उसकी गांड को थोडा फैलाया और गांड के छेद को सहला

सागर:-उम्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ *उम्म्म माँ आपकी गांड का छेद कितना छोटा है स्सस्सस्सस आज तक ध्यान नहीं दिया मैंने स्सस्सस्स

प्रभा:-अह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म हा क्यू की मैंने कभी गांड नहीं चुदवाई स्सस्सस्स

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस ह्म्म्म्म हा न उस दिन कहा था मैंने की आपकी गांड मारना है तो आपने मना किया था स्स्स्स्स्

प्रभा:- स्सस्सस्सस नहीं बहोत दर्द होता है स्सस्सस्स

सागर:-माँ उम्म्म स्स्स्स्स् अब दीवाली के बाद वापस जायेंगे ना तो प्लीज मुझे गांड चोदने देना।

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह नहीं स्सस्सस्सस*

सागर:-मैं अब आपकी एक भी नहीं सुनाने वाला आआआअ कितनी प्यारी है अह्ह्ह्ह्ह्ह

सागर ने प्रभा के गांड के छेद में अपनी एक उंगली गीली करके डाल दी और आगे पीछे करने लगा। प्रभा को सागर की ये हरकत बहोत अछि लगी।चूत में सागर का बड़ा सा लंड और गांड में उंगली उससे उसकी उत्तेजना और भी बढ़ गयी थी।

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह और अंदर डाल न उंगली स्स्स्स्स् बहोत मजा आ रहा है स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म्म

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् देखा माँ सिर्फ ऊँगली से इतना मजा आ रहा है तो लंड से कितना आएगा।

प्रभा:- हा रे स्सस्सस्सस उम्म्म्म जरूर लुंगी तेरा लंड अपनी गांड में अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस*

प्रभा के गांड चोदने के ख्याल।से सागर भी मस्ती में आ गया। वो जोर जोर से प्रभा को चोदने लगा।

सागर:-अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स माँ उफ्फ्फ्फ़ आपकी गांड मारने के ख्याल से ही बड़ा मस्त लग रहा है अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् लग रहा है अभी आपकी गांड चोद दू स्सस्सस्सस

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उम्म्म्म्म्म *अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मन तो मेरा भी होने लगा है पर अभी नहीं अह्ह्ह्ह

सागर:- ठीक है माँ स्सस्सस्स लंड नहीं तो आज सिर्फ उंगली के ही मजे ले लो....

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म सागर अह्ह्ह्ह्ह्ह थोड़ी गीली करके डाल ना अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म

सागर:-अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् ठीक है स्स्स्स्स्

सागर ने अपना लंड बाहर निकाला और अपनी ऊँगली प्रभा चूत में डाली और गीली करके उसके गांड में डालने लगा। अछि तरह से गीली करने के बाद फिरसे अपना लंड प्रभा की चूत में डाल दिया और उसे चोदने लगा। और गांड भी उंगली से चोदने लगा।

सागर:- अब कैसा लग रहा है माँ??

प्रभा:- अह्ह्ह्ह्ह्हआआआ बहोत अच्छा स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म चोद ना जोर से अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ मेरा होने को है अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्स

सागर:-स्स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म्म हाय रे मेरी चुद्दकड़ माँ स्स्स्स कितना चुदवाओगी अपने बेटे के लंड से अघ्ह्हह्ह्ह्ह्ह्

प्रभा:-उम्म्म्म्म्म जब तक चुदवा सकती हु तब तक अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म

सागर:-स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ ऐसे खुले में बहोत मजा आ रहा है स्स्स्स्स्स्स्स हम फिरसे करेंगे अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

प्रभा:-हा जरूर अह्ह्ह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म्म मार न जोर से धक्के मेरी चूत में स्स्स्स्स् डाल अंदर तक अपना लंबा मोटा लंड अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ मेरा हो रहा है स्स्स्स्स्स्स्स

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्स्स्स हा उम्म्म्म्म्म्म्म

सागर प्रभा की चूत खप खप चोद रहा था। उसके दिमाग में प्रभा की गांड मारने का ख्याल था जिसके वजह से वो बहोत उत्तेजित हो गया था।

सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् माँ उफ्फ्फ्फ्फ्फ ले ले मेरा पानी निकल रहा है स्स्स्स्स्स्स्स

प्रभा पलट के निचे बैठ गयी और सागर अपने वीर्य का छिड़काव प्रभा के मुह पे और मुह के अंदर करने लगा। प्रभा ने हमेशा की तरह उसका सारा वीर्य चाट गयी। उसका लंड चूस चूस के चाट चाट के साफ़ कर दिया।

फिर दोनों ने अपने कपडे ठीक किये और बाइक पे बैठ के गाँव की तरफ निकल पड़े।

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