अगले पाँच घंटे तक में कमरे में घूम घूम कर तस्वीरे लेता रहा और रमेश और उसके तीन दोस्त मिलकर सोनिया की जम कर चुदाई करते रहे. चार मर्द मिलकर एक औरत का जितनी बुरी तरह से इस्तमाल कर सकते थे करते रहे. मेने करीब एक दर्जन तस्वीरे खींची. एक तस्वीर तो ऐसी थी जिसमे तीन मर्द एक साथ सोनिया के तीनो छेदो की चुदाई कर रहे थे.
बेहोशी सी हालत मे सोनिया भी मज़े लेकर उन सभी से चुद्वा रही थी. जब भी उनके लंड ढीले पड़ते सोनिया उस लंड को चूस कर खड़ा करने की कोशिश करती.
करीब पाँच घंटे के बाद जब रमेश और उसके दोस्त जाने लगे तो रमेश ने मुझसे कहा, "राज मुझे उमीद है कि तुम्हारा काम हो गया. वैसे तुमने बताया था कि तुम ये सब क्यों कर रहे हो, और ये पहली और आखरी बार है. लेकिन अगर फिर भी मेडम को मज़ा आया हो तो मुझे याद कर लेना."
सोनिया अभी भी उत्तेजना मे सिसक रही थी शायद उसकी प्यास बुझी नही थी. वो ज़मीन पर घिसटती हुई मेरे पास आई और मेरी पॅंट की ज़िप खोलने की कोशिश की पर मेने उसे परे धकेल दिया. ऐसा नही था कि में उत्तेजित नही था. पर में सोनिया को प्यार करना चाहता था जैसे एक प्रेमी करता है, पर उसे इस हालत में चोद्ना नही चाहता था. अगर में ऐसा करता तो ये उसके साथ ग़लत होता. मेने उसे अपनी गोद मे उठाया और लेजा कर उसे बिस्तर पर लीटा दिया. फिर उसे अपनी बाहों भर उसे अपने से जोरों से चिपका लिया. थोड़ी ही देर मे सोनिया गहरी नींद मे सो गयी.
नींद मे किसी ने मुझे जोरों से मारा तो दर्द के मारे नींद खुल गयी. मेने आँख खोली तो देखा कि सोनिया साइड के टेबल लॅंप से मुझे फिर एक बार मारने जा रही है, में जल्दी से बिस्तर के नीचे लुढ़क गया. जैसे ही उठ कर खड़ा होने लगा सोनिया एक बार फिर मुझे मारने दौड़ी, पर मेने उसके हाथों को पकड़ टेबल लॅंप छीन कर फैंक दिया.
मेने सोनिया से ये नही पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रही है, क्यों कि में उसके गुस्से का कारण जानता था. और जो मेने उसके साथ किया उसके लिए उसका गुस्सा होना लाज़िम था. मेने उसे कंधों से पकड़ना चाहा तो उसने अपने घूटने को ज़ोर से मेरे लंड पर दे मारा, में दर्द मे बिलखता हुआ बिस्तर पर जा गिरा.
मेने देखा कि सोनिया ने अपने पर्स से कुछ निकाला और मुझ पर चढ़ गयी. उसने अपने आपको 69 की अवस्था मे करते हुए अपनी चूत मेरे मुँह से लगा दी.
"साले कुत्ते हरामी की औलाद आज इसमे जो कुछ भरा है सब तुम्हारी वजह से है. अब तुम ही इसे चूस चूस कर इसमे जो माल भरा है वो बाहर निकालोगे वरना आज में तुम्हारे लंड के टुकड़े टुकड़े कर दूँगी. " इतना कहकर उसने जोरों से मेरे लंड को पकड़ा और एक चाकू उससे लगा दिया.
उसका गुस्सा देख मेरे पास भी कोई चारा या उपाय नही था, उसका जनून देख यही लग रहा था कि अगर मेने उसकी बात नही मानी तो सचमुच मेरे लंड को काट देगी.
अपने लंड की दुर्गति से बचने के लिए मेने उसकी चूत को मुँह मे ले चूसने लगा. अपनी घबराहट में मुझे ये भी पता नही लगा कि कब सोनिया ने अपना हाथ और चाकू मेरे लंड से हटाया और उत्तेजना मे सिसकने लगी. मुझे एहसास तब हुआ जब उसकी चूत पानी पर पानी छोड़ने लगी.
मेने भी सोचा कि जो कुछ मेने उसके साथ किया है, उसकी एवज मे चूत चूसना तो सबसे कम सज़ा है. में और जोरों से उसकी चूत चूस्ता रहा, आख़िर सोनिया थक गयी और निढाल होकर बिस्तर पर गिर पड़ी.
में बिस्तर से उठा और कपड़े पहन तुरंत कमरे से बाहर निकल गया. आज शनिवार था और दो दिन की छुट्टी थी इसलिए मेने होटेल के बाहर एक टॅक्सी पकड़ी और पास ही के होटेल मे दो दिन के लिया कमरा बुक कर लिया. दो दिन तो मुझे सोनिया का सामना नही करना था इसलिए में कमरे मे आ गया.
मेरे पास दो दिन का समय था सोचने के लिए कि जो कुछ भी हुआ उसके बाद में सोनिया का सामना कैसे करूँ. हक़ीकत में उसे बता नही सकता था कि मेने ये सब उसकी भलाई के लिए किया है, और अगर बताता भी तो शायद उसे मेरी बात पर यकीन नही आता. इसलिए मुझे कोई उपाय सोचना था कि बिना हक़ीकत बताए में उसका सामना कैसे करूँ.
किराए का पति compleet
Re: किराए का पति
सोमवार की सुबह में सोनिया का सामना करने से बच गया. सोनिया अभी तक ऑफीस मे आई नही थी. और जब वो आई तो उसने मुझसे बात करने की ज़रूरत महसूस नही की. मेने भी यही सोचा कि फिलहाल में उससे जितना दूर रहूं अच्छा है, इसलिए में अपने होटेल मे गया और दो और दिन के लिए अपने को बुक कर लिया.
अगले दिन सुबह सोनिया ने मुझे फोन किया, "कहाँ हो तुम?"
"एक होटेल मे ठहरा हुआ हूँ." मेने जवाब दिया.
"नही ऐसे चलने वाला नही है. कोर्ट की तारीख पड़ने वाली है, हम इस तरह अलग अलग नही रह सकते. में ऑपोसिशन वालों को बात बनाने का कोई मौका देना नही चाहती. वैसे तो जो तुमने किया उसके बाद में तुम्हारी शक्ल भी देखना नही चाहती, पर आज मुझे तुम्हारी ज़रूरत है. जब तक केस ख़तम नही हो जाता हमे समाज के सामने एक प्यार मे डूबे पति पत्नी की तरह रहना होगा. हां एक बात याद रखना जब भी हम अकेले हो तो मेरे पास भी मत फटकना और अपनी मनहूस सूरत मुझे मत दीखाना." कहकर उसने जोरों से फोन पटक दिया.
हालातों को देखते हुए मेरे पास और कोई चारा नही था. मेने सोनिया की बात मान ली पर में ज़्यादा से ज़्यादा वक्त घर के बाहर बिताता. सिर्फ़ उस दिन खाने के वक़्त दोपहर को घर जाता जिस दिन मीनाक्षी आने वाली होती थी. हम शाम तक जम कर चुदाई करते. में अपने आपको दूसरे कामो मे व्यस्त रखने लगा, मेने क्लब, जिम जाय्न कर लिए जिससे मेरा ज़्यादातर समय घर से बाहर गुज़रे.
एक दिन ऑफीस मे सुबह सोनिया ने मुझे अपने चेंबर मे बुलाया, "राज तुम अपने अग्रीमेंट का वादा पूरा नही कर रहो हो. समाज के फंक्षन मे तुम्हे मेरे साथ होना चाहिए, में वहाँ अकेले नही जा सकती सिर्फ़ इसलिए कि तुम दूसरे कामो मे व्यस्त हो."
"हमारे अग्रीमेंट मे ये नही लीखा सोनिया की में अपनी जिंदगी अपनी मर्ज़ी से नही जी सकता." मेने कहा
"सवाल इस बात का नही कि क्या लीखा है और क्या नही, बस मुझे तुम्हारा साथ चाहिए जिससे लोगों के दिमाग़ मे किसी तरह का प्रश्न ही ना उठे."
"जब हम समाज के सामने अकेले या साथ साथ होते है, तुम्हारा उभरता पेट ही काफ़ी है ये जताने के लिए कि हम एक दूसरे से बहोत प्यार करते है." मेने कहा.
सोनिया थोड़ी देर तक मुझे घूरती रही फिर थोड़ा सा उदास होकर बोली, "राज क्या बात है, हमारे बीच कहाँ ग़लत हुआ. वो कौन है जिसने तुम्हारे दिमाग़ मे मेरे खिलाफ जहर भरा है. ऐसी कौन सी बात है जिसके बदले मे तुमने मेरे साथ मे ऐसा कुछ किया."
"तुम्हे सब कुछ जल्दी ही पता चल जाएगा. पता चलने के बाद तुम्ह अच्छा तो नही लगेगा लेकिन तुम्हे पता चल जाएगा." मेने कहा.
वही हुआ जिसकी मुझे पहले सी ही उम्मीद थी. कोर्ट की तारीख के दिन जब अमित सोनिया के खिलाफ गवाही देने के लिए कटघरे मे खड़ा हुआ तो सोनिया के चेहरे के रंग ही उड़ गया.
"वो हरामी साला कल रात मेरे साथ मेरे ही बिस्तर मे सोया था, और आज मेरे ही खिलाफ खड़ा हो कर गवाही दे रहा है, कुत्ता साला." सोनिया गुस्से मे उसकी तरफ देखते हुए बोली.
"ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है, तुम मुझसे तलाक़ लेने के बाद उससे शादी नही करोगी ये तुम्हे उसे नही कहना चाहिए था." मेने सोनिया से कहा.
"तुम कहना क्या चाहते हो?"
"यही कि अगर तुम उससे शादी नही करोगी तो वो तुम्हारे से मज़ा कैसे कर पाता. इसीलिए उसने राजदीप से 50 लाख मे सौदा कर लिया तुम्हारे खिलाफ गवाही देने का.
"मेरी तो कुछ समझ मे नही आ रहा कि तुम क्या कह रहो हो?" सोनिया ने झल्लाते हुए कहा.
क्रमशः…………………………………..
अगले दिन सुबह सोनिया ने मुझे फोन किया, "कहाँ हो तुम?"
"एक होटेल मे ठहरा हुआ हूँ." मेने जवाब दिया.
"नही ऐसे चलने वाला नही है. कोर्ट की तारीख पड़ने वाली है, हम इस तरह अलग अलग नही रह सकते. में ऑपोसिशन वालों को बात बनाने का कोई मौका देना नही चाहती. वैसे तो जो तुमने किया उसके बाद में तुम्हारी शक्ल भी देखना नही चाहती, पर आज मुझे तुम्हारी ज़रूरत है. जब तक केस ख़तम नही हो जाता हमे समाज के सामने एक प्यार मे डूबे पति पत्नी की तरह रहना होगा. हां एक बात याद रखना जब भी हम अकेले हो तो मेरे पास भी मत फटकना और अपनी मनहूस सूरत मुझे मत दीखाना." कहकर उसने जोरों से फोन पटक दिया.
हालातों को देखते हुए मेरे पास और कोई चारा नही था. मेने सोनिया की बात मान ली पर में ज़्यादा से ज़्यादा वक्त घर के बाहर बिताता. सिर्फ़ उस दिन खाने के वक़्त दोपहर को घर जाता जिस दिन मीनाक्षी आने वाली होती थी. हम शाम तक जम कर चुदाई करते. में अपने आपको दूसरे कामो मे व्यस्त रखने लगा, मेने क्लब, जिम जाय्न कर लिए जिससे मेरा ज़्यादातर समय घर से बाहर गुज़रे.
एक दिन ऑफीस मे सुबह सोनिया ने मुझे अपने चेंबर मे बुलाया, "राज तुम अपने अग्रीमेंट का वादा पूरा नही कर रहो हो. समाज के फंक्षन मे तुम्हे मेरे साथ होना चाहिए, में वहाँ अकेले नही जा सकती सिर्फ़ इसलिए कि तुम दूसरे कामो मे व्यस्त हो."
"हमारे अग्रीमेंट मे ये नही लीखा सोनिया की में अपनी जिंदगी अपनी मर्ज़ी से नही जी सकता." मेने कहा
"सवाल इस बात का नही कि क्या लीखा है और क्या नही, बस मुझे तुम्हारा साथ चाहिए जिससे लोगों के दिमाग़ मे किसी तरह का प्रश्न ही ना उठे."
"जब हम समाज के सामने अकेले या साथ साथ होते है, तुम्हारा उभरता पेट ही काफ़ी है ये जताने के लिए कि हम एक दूसरे से बहोत प्यार करते है." मेने कहा.
सोनिया थोड़ी देर तक मुझे घूरती रही फिर थोड़ा सा उदास होकर बोली, "राज क्या बात है, हमारे बीच कहाँ ग़लत हुआ. वो कौन है जिसने तुम्हारे दिमाग़ मे मेरे खिलाफ जहर भरा है. ऐसी कौन सी बात है जिसके बदले मे तुमने मेरे साथ मे ऐसा कुछ किया."
"तुम्हे सब कुछ जल्दी ही पता चल जाएगा. पता चलने के बाद तुम्ह अच्छा तो नही लगेगा लेकिन तुम्हे पता चल जाएगा." मेने कहा.
वही हुआ जिसकी मुझे पहले सी ही उम्मीद थी. कोर्ट की तारीख के दिन जब अमित सोनिया के खिलाफ गवाही देने के लिए कटघरे मे खड़ा हुआ तो सोनिया के चेहरे के रंग ही उड़ गया.
"वो हरामी साला कल रात मेरे साथ मेरे ही बिस्तर मे सोया था, और आज मेरे ही खिलाफ खड़ा हो कर गवाही दे रहा है, कुत्ता साला." सोनिया गुस्से मे उसकी तरफ देखते हुए बोली.
"ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है, तुम मुझसे तलाक़ लेने के बाद उससे शादी नही करोगी ये तुम्हे उसे नही कहना चाहिए था." मेने सोनिया से कहा.
"तुम कहना क्या चाहते हो?"
"यही कि अगर तुम उससे शादी नही करोगी तो वो तुम्हारे से मज़ा कैसे कर पाता. इसीलिए उसने राजदीप से 50 लाख मे सौदा कर लिया तुम्हारे खिलाफ गवाही देने का.
"मेरी तो कुछ समझ मे नही आ रहा कि तुम क्या कह रहो हो?" सोनिया ने झल्लाते हुए कहा.
क्रमशः…………………………………..
Re: किराए का पति
किराए का पति--8
गतान्क से आगे……………………………..
"सोनी तुम कोई बच्ची नही हो कि इतनी छोटी सी बात भी तुम्हारी समझ मे नही आए. तुम जिससे प्यार करती थी उसने तुम्हारे प्यार का सौदा कर लिया. राजदीप ने उसे 50 लाख का ऑफर दिया तुम्हारे खिल्लाफ गवाही देने का ठीक उसी तरह जिस तरह उसने मुझे दिया था लेकिन वो बेवकूफ़ ये नही जानता कि अगर ट्रस्ट केस नही जीत पाएगा तो उसे एक फूटी कौड़ी भी नही मिलने वाली है." मेने सोनिया को समझाया.
"कैसा सौदा राज ज़रा मुझे खुल कर समझाओ?" सोनिया ने कहा.
"थोड़ा सब्र करो अभी थोड़ी देर मे सब कुछ तुम्हारी समझ मे आ जाएगा." मेने कहा.
सोनिया का वकील अमित के पास जा कर उससे सवाल करने लगा.
"मिस्टर. अमित क्या आज आपको मिस सोनिया के खिलाफ गवाही देने के लिए पैसे दिए जा रहे है."
"नही बिल्कुल भी नही."
"आप झूट बोल रहे मिस्टर. अमित मेरे पास सबूत है कि आपको इस गवाही के 50 लाख दिए जा रहे है. ठीक से और ठंडे दीमग से जवाब देना अगर आपका झूठ पकड़ा गया तो झुटि गवाही के एवज मे आपको साज़ा भी हो सकती है." वकील ने कहा.
अमित के पसीने छूट गये. इस वकील को इतनी सही रकम का पता कैसे चला वो सोचने लगा. उसने अपना सिर उठाकर राजदीप और उसके वकील की ओर देखा.
"ये क्या है मिस्टर. अमित, उस तरफ देख रहे है जैसे वो आपको बताएँगे कि क्या जवाब देना है, आप मेरी बात का जवाब दीजिए आपको 50 लाख मिले है या नही?" वकील ने थोड़ी उँची आवाज़ मे कहा.
राजदीप के वकील ने कई बार ऑब्जेक्षन उठाने की कोशिश करी पर जज ने अमित को जवाब देने के लिए कहा और जैसे वो था उसने दिया, "नही मुझे पैसे नही मिले."
उसके बाद कई लोगों की गवाही हुई. आख़िर लंच के लिए कोर्ट बर्खास्त हो गयी.
खाने के मेज पर सोनिया बिफ़्फ़र रही थी, "राज ऐसे वक़्त मे तुम खाना कैसे खा सकते हो. जो तुमने मेरे साथ किया उतना ही बहोत था और आज ये हरामी मेरे ही खिलाफ गवाह दे रहा है."
"अभी केस ख़तम नही हुआ सोनी आगे आगे देखो क्या होता है." मेने थोड़ा मज़ाक मे कहा.
"अब मज़ाक मत करो राज, मुझे मेरी दुनिया डूबती नज़र आ रही है और तुम मेरी हँसी उड़ा रहे हो." सोनिया ने कहा.
"सोनी अभी जिंदगी ख़तम नही हुई है. अगर ख़तम भी हुई तो तुम्हारा पैसा तुम्हारे पास ही रहेगा." मेने कहा.
"तुम्हारा कहने का क्या मतलब है."
"यही सोनिया कि अमित सिर्फ़ इतना कह सकता है कि वो तुम्हारा प्रेमी था.और इसके लिए वो गवाह भी इकट्ठे कर सकता है. वो ये साबित कर सकता है कि तुम एक बेवफा पत्नी हो. वो तुम्हे बदनाम कर सकता है कि तुमने अपने पति से बेवफ़ाई की है. लेकिन सही बात ये है कि इन सब बातों की चिंता किया बिना तुम अपना सिर उँचा रखो और हालातों का सामना करो." मेने कहा.
गतान्क से आगे……………………………..
"सोनी तुम कोई बच्ची नही हो कि इतनी छोटी सी बात भी तुम्हारी समझ मे नही आए. तुम जिससे प्यार करती थी उसने तुम्हारे प्यार का सौदा कर लिया. राजदीप ने उसे 50 लाख का ऑफर दिया तुम्हारे खिल्लाफ गवाही देने का ठीक उसी तरह जिस तरह उसने मुझे दिया था लेकिन वो बेवकूफ़ ये नही जानता कि अगर ट्रस्ट केस नही जीत पाएगा तो उसे एक फूटी कौड़ी भी नही मिलने वाली है." मेने सोनिया को समझाया.
"कैसा सौदा राज ज़रा मुझे खुल कर समझाओ?" सोनिया ने कहा.
"थोड़ा सब्र करो अभी थोड़ी देर मे सब कुछ तुम्हारी समझ मे आ जाएगा." मेने कहा.
सोनिया का वकील अमित के पास जा कर उससे सवाल करने लगा.
"मिस्टर. अमित क्या आज आपको मिस सोनिया के खिलाफ गवाही देने के लिए पैसे दिए जा रहे है."
"नही बिल्कुल भी नही."
"आप झूट बोल रहे मिस्टर. अमित मेरे पास सबूत है कि आपको इस गवाही के 50 लाख दिए जा रहे है. ठीक से और ठंडे दीमग से जवाब देना अगर आपका झूठ पकड़ा गया तो झुटि गवाही के एवज मे आपको साज़ा भी हो सकती है." वकील ने कहा.
अमित के पसीने छूट गये. इस वकील को इतनी सही रकम का पता कैसे चला वो सोचने लगा. उसने अपना सिर उठाकर राजदीप और उसके वकील की ओर देखा.
"ये क्या है मिस्टर. अमित, उस तरफ देख रहे है जैसे वो आपको बताएँगे कि क्या जवाब देना है, आप मेरी बात का जवाब दीजिए आपको 50 लाख मिले है या नही?" वकील ने थोड़ी उँची आवाज़ मे कहा.
राजदीप के वकील ने कई बार ऑब्जेक्षन उठाने की कोशिश करी पर जज ने अमित को जवाब देने के लिए कहा और जैसे वो था उसने दिया, "नही मुझे पैसे नही मिले."
उसके बाद कई लोगों की गवाही हुई. आख़िर लंच के लिए कोर्ट बर्खास्त हो गयी.
खाने के मेज पर सोनिया बिफ़्फ़र रही थी, "राज ऐसे वक़्त मे तुम खाना कैसे खा सकते हो. जो तुमने मेरे साथ किया उतना ही बहोत था और आज ये हरामी मेरे ही खिलाफ गवाह दे रहा है."
"अभी केस ख़तम नही हुआ सोनी आगे आगे देखो क्या होता है." मेने थोड़ा मज़ाक मे कहा.
"अब मज़ाक मत करो राज, मुझे मेरी दुनिया डूबती नज़र आ रही है और तुम मेरी हँसी उड़ा रहे हो." सोनिया ने कहा.
"सोनी अभी जिंदगी ख़तम नही हुई है. अगर ख़तम भी हुई तो तुम्हारा पैसा तुम्हारे पास ही रहेगा." मेने कहा.
"तुम्हारा कहने का क्या मतलब है."
"यही सोनिया कि अमित सिर्फ़ इतना कह सकता है कि वो तुम्हारा प्रेमी था.और इसके लिए वो गवाह भी इकट्ठे कर सकता है. वो ये साबित कर सकता है कि तुम एक बेवफा पत्नी हो. वो तुम्हे बदनाम कर सकता है कि तुमने अपने पति से बेवफ़ाई की है. लेकिन सही बात ये है कि इन सब बातों की चिंता किया बिना तुम अपना सिर उँचा रखो और हालातों का सामना करो." मेने कहा.