Re: hindi nvg sex story - डेस्परेट राशि
Posted: 16 Jan 2017 09:58
चल खाना खा ले.
“आअँ क्या कहा.”राशि एक दम से जैसे नींद से जागी. वो जागते जागते पता नही कहाँ खो गई थी ओर मान के खाना खाने की बात पर वापस धरातल पर आ गई थी. पर ये सब सोचते सोचते उसने महसूस किया की उसे जांघों के बीच फिर एक बार कुच्छ गीला महसूस हो रहा है. “हाए कब तक इस गीली चूत को तरसना पड़ेगा”
——–
अगले दिन उसने एक बार फिर से भीड़ से भारी बस का चुनाव किया शहर जाने के लिए जिसमे आस पास के ज़्यादातर लोग शहर जाते थे ओर किसी तरह वो बस मे अंदर घुसने मे कामयाब हो गई. उसे पता था की सामने से तो कोई च्छेड़ने की हिम्मत करेगा नही. सब उसके पीछे से ही हाथ लगाएँगे तो उन्हे पूरा मौका देने के लिए वो एक सीट पर बैठी लड़की के पास उसकी तरफ मूह करके खड़ी हो गई जिससे उसकी गांद पीछे वालों के लिए एकदम खुल्ला नज़ारा पेशकर रही थी बस मे आस पास खड़े मनचलों का दिल उसकी गांद पर हाथ फिराने को मचलने लगा. एक दो ने उसकी गांद पर हाथ फिराया भी मगर इस तरह जैसे ग़लती से हाथ लग गया हो. उसने किसी तरह की प्रतिकारिया नही दी. पिच्छले दिनो उसने एक लड़के को गांद पर हाथ फिराने के लिए डाँट दिया था तो कई दीनो तक किसी लड़के ने उसकी गांद पर हाथ नही फिराया. वो तरसती ही रह गई. अब कुच्छ दिनो से लड़कों की फिर से हिम्मत हुई थी वो उन्हे दुबारा डाँट कर नुकसान नही उठना चाहती थी. उस लड़के ने फिर से अपना हाथ उसकी गांद पर फिराया जैसे तसल्ली कर लेना चाहता हो की वो दाँटेगी या नही. जब उसने देखा की राशि ने उसे मूड कर भी नही देखा है तो उसकी हिम्मत बढ़ी ओर उसने अब अपना हाथ उसकी गांद पर स्थाई रूप से रख दिया था पर साथ ही वो उससे सॅट कर खड़ा हो गया था जिससे किसी को ये पता ना चले की वो उसकी गांद पर हाथ फिरा रहा है. ओर अगर राशि भी उसे कुच्छ कहना चाहे तो वो भीड़ का बहाना कर सके. कुच्छ देर तक ऐसे ही नितंबों पर हाथ फिरने के बाद उसने अपने हाथो को उसकी अस्स क्रॅक मे फिराना सुरू कर दिया था राशि को उससे इतनी हिम्मत की उम्मीद नही थी. अब उसकी साँस बहुत गहरी हो चली थी उसे लड़के का हाथ ऐसे प्रतीत हो रहा था जैसे उसकी नंगी गांद की दरार मे हो. वो गहरी गहरी साँस लेने लगी. फिर लड़के ने हिम्मत करके उसकी दरार मे उंगली डाल दी ओर सीधा उसकी गांद पर उंगली का दबाव दिया. उसे मज़ा तो बहुत आया पर साथ ही उसके मूह से आवाज़ निकल गई ‘आओउ’ अब ज़्यादातर यात्रियों का ध्यान उसकी तरफ हो गया था तो उसे अब कुच्छ ना कुच्छ करना ही था अपना बचाव करने के लिए तो उसने झट से पीछे घूमते हुए उस लड़के के गालपर एक चांटा रसीद कर दिया. ओर उसे गालियाँ निकलते हुए कहने लगी क्या तुम्हारे घर मे माँ बहने नही है जो इस तरह की हरकत करते हो.
वो लड़का भौंचक्का रहा गया की कहाँ तो वो मज़े ले रही थी ओर कहाँ उसके गाल पर एक छाँटा रसीद कर दिया.
इतने मे एक अंकल ने कहा ऐसे बदमाशों के कारण हमारी बहू बेटियों का बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है. मारो साले को ओर बस की भीड़ ने उसे मारना सुरू कर दिया. राशि चुप चाप उसको पीटते हुए देखती रही. वो इस पचदे मे पड़ना नही चाहती थी. वैसे भी उसे तो अब शहर मे रहना था जहाँ उसके लिए लंड लगभग तय्यार था उसे तो कुच्छ हवा देने की ही आवास्यकता थी.
कुच्छ ही देर मे वो बस स्टॉप पर उतेरी ओर कॉलेज की तरफ चल दी. कॉलेज पहुँच कर उसकी नज़रें जय को ही तलाश कर रही थी
कॉलेज मे बहुत देर तक इधर उधर टहलने के बाद आख़िर उसने सोचा की जय को कॉल ही कर लेना चाहिए वो सोच रही थी की वो कॉल करेगी तो जे पता नही क्या सोचेगा. पर अब जब वो मिल ही नही रहा था तो उसे कॉल करना ही पड़ेगा. कॉल लगाने पर जे का मोबाइल पर रिंग जा रही थी पर वो फोन पिक नही कर रहा था. पतगा नही क्या बात है फोन क्यू नही उठा रहा है. क्या करू क्या ना करू. ये सोचते सोचते उसने सोचा की चल क्लास ही ले लू. वो क्लास की तरफ चल पड़ी. पर फिर उसे फिर से एहसास हुआ की उसकी पॅंटी तो सुबह से ही गीली हो रही है जबसे था उसने सोचा था की वो जय से मिलेगी ओर उसे पटाएगी जिससे वो कुछ आगे बढ़े ओर कुछ करे ओर उसकी चूत की खुजली का इलाज हो सके फिर वो बस की घटना जिसमे उस लड़के ने उसकी गांद के छेद पर उंगली लगा कर उसे ओर हॉर्नी बना दिया था. उसने सोचा क्या करू इसे कैसे शांत करू. चूत को शांत करने का कोई ज़रिया नज़र ना आता देख उसने सोचा की ओर कुछ नही तो लोगों को उसकी चूत के दर्शन ही करवा दे जिससे हो सकता है उसकी चूत कुछ शांत होई जाए. ये सोचते ही उसकी चूत ओर पानी छोड़ने लगी. वो ये सोचने लगी की क्या किया जा सकता है. इतने मु उसे विचार आया की चूत दिखाने का सबसे सूटबल आइडिया पेशाब करना हो सकता है. तो उसने कॅंटीन के पास ही अपनी सलवार का नाडा खोला ओर सलवार के साथ पॅंटी को नीचे खींचते हुए नीचे बैठ गई. कॅंटीन मे इस समय बहुत भीड़ थी ओर जयदातर लोग उसे ही देख रहे थे. उसे क्या उसकी चूत को देख रहे थे. जो पीछे की तरफ थे उनको उसकी मस्तानी गांद के दोनो ग्लोबे बहतेरीन तरीके से दिखाई दे रहे थे. उसने आप को नंगा तो कर दिया लोगों के बीच मे पर अब उसे बहुत ज़्यादा शर्म आने लगी थी. इस क्राण उसने अपना मूह एकदम नीचे झुका लिया. अब वो बीच मे उठ भी तो नही सकती थी वरना उसकी पॅंटी ओर सलवार उसके मूत से भर जाती. पूरी तरह से मूतने मे उसे कोई २ मिनिट लग गये थे क्यूंकी बहुत देर से उसने मूता जो नही था इस कारण उसका ब्लॅडडर पूरा भरा हुआ था. मूतने के बाद वो झट से खड़ी हो गई. तब तक वहाँ पर अच्छी ख़ासी भीड़ लग चुकी थी. उसने झट से अपनी सलवार का नाडा बंद किया ओर वो फटाफट वहाँ से भाग कर क्लास की तरफ चल दी.
क्लास मे अंदर घुसते ही उसे फिज़िक्स के प्रोफेसर नज़र आए.
मे ई कम इन सर.
येस कम इन. क्लास मे टाइम से आया करो.
सॉरी सिर, बस लेट हो गई थी. उसने बहाना बनाया. क्लास मे बैठने के बाद उसने विचार किया की आज तो उससे बहुत बड़ी ग़लती हो गई उसे इस तरह से कॉलेज कॅंपस सभी लड़कों के सामने अपनी चूत की नुमाइश नही करनी चाईए थे. वो तो उसका मूह धूप की वजह से स्कार्फ से ढाका हुआ था वरना सभी लड़के उसे पहचान लेते ओर सुका कॉलेज मे निकलना मुश्किल हो जाता. आगे से उसने ऐसा ना करने की कसम खाई. वो क्लास मे आ तो गई थी पर दिल अभी भी बाहर जे को ही तलाश कर रहा था. अगर उसे जय मिल जाता तो वो क्लास मे झाँकति भी नही. मान मसोस कर वो क्लास मे बैठी रही. ओर हर दो मिनिट मे वो जे का नंबर ट्राइ कर रही थी. पर आज पता नही क्या हो गया था वो फोन ही नही उठा रहा था. इसी तरह क्लास ख़त्म हो गई. क्लास की घंटी बजने पर प्रोफेसर क्लास से चला गया ओर उसी समय जय ने फोन पिक किया.
क्या है ये जय. वो जय पर भड़क गई.”मैं कब्से तुम्हारा नंबर मिला रही हू पर एक तुम हो की फोन उठा ही नही रहे हो
अरे यार क्लास मे था ओर फोन वाइब्रट पर था. तुम्हारी घंटी का पता नही चला अब पीरियड ख़त्म हुआ तो देखा. मैं तुम्हे फोन मिलने ही वाला था की तुम्हारा फोन फिर से आ गया. हन बताओ क्या बात है कैसे फोन कर रही थी.
कहाँ हो तुम इस समय.
“आअँ क्या कहा.”राशि एक दम से जैसे नींद से जागी. वो जागते जागते पता नही कहाँ खो गई थी ओर मान के खाना खाने की बात पर वापस धरातल पर आ गई थी. पर ये सब सोचते सोचते उसने महसूस किया की उसे जांघों के बीच फिर एक बार कुच्छ गीला महसूस हो रहा है. “हाए कब तक इस गीली चूत को तरसना पड़ेगा”
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अगले दिन उसने एक बार फिर से भीड़ से भारी बस का चुनाव किया शहर जाने के लिए जिसमे आस पास के ज़्यादातर लोग शहर जाते थे ओर किसी तरह वो बस मे अंदर घुसने मे कामयाब हो गई. उसे पता था की सामने से तो कोई च्छेड़ने की हिम्मत करेगा नही. सब उसके पीछे से ही हाथ लगाएँगे तो उन्हे पूरा मौका देने के लिए वो एक सीट पर बैठी लड़की के पास उसकी तरफ मूह करके खड़ी हो गई जिससे उसकी गांद पीछे वालों के लिए एकदम खुल्ला नज़ारा पेशकर रही थी बस मे आस पास खड़े मनचलों का दिल उसकी गांद पर हाथ फिराने को मचलने लगा. एक दो ने उसकी गांद पर हाथ फिराया भी मगर इस तरह जैसे ग़लती से हाथ लग गया हो. उसने किसी तरह की प्रतिकारिया नही दी. पिच्छले दिनो उसने एक लड़के को गांद पर हाथ फिराने के लिए डाँट दिया था तो कई दीनो तक किसी लड़के ने उसकी गांद पर हाथ नही फिराया. वो तरसती ही रह गई. अब कुच्छ दिनो से लड़कों की फिर से हिम्मत हुई थी वो उन्हे दुबारा डाँट कर नुकसान नही उठना चाहती थी. उस लड़के ने फिर से अपना हाथ उसकी गांद पर फिराया जैसे तसल्ली कर लेना चाहता हो की वो दाँटेगी या नही. जब उसने देखा की राशि ने उसे मूड कर भी नही देखा है तो उसकी हिम्मत बढ़ी ओर उसने अब अपना हाथ उसकी गांद पर स्थाई रूप से रख दिया था पर साथ ही वो उससे सॅट कर खड़ा हो गया था जिससे किसी को ये पता ना चले की वो उसकी गांद पर हाथ फिरा रहा है. ओर अगर राशि भी उसे कुच्छ कहना चाहे तो वो भीड़ का बहाना कर सके. कुच्छ देर तक ऐसे ही नितंबों पर हाथ फिरने के बाद उसने अपने हाथो को उसकी अस्स क्रॅक मे फिराना सुरू कर दिया था राशि को उससे इतनी हिम्मत की उम्मीद नही थी. अब उसकी साँस बहुत गहरी हो चली थी उसे लड़के का हाथ ऐसे प्रतीत हो रहा था जैसे उसकी नंगी गांद की दरार मे हो. वो गहरी गहरी साँस लेने लगी. फिर लड़के ने हिम्मत करके उसकी दरार मे उंगली डाल दी ओर सीधा उसकी गांद पर उंगली का दबाव दिया. उसे मज़ा तो बहुत आया पर साथ ही उसके मूह से आवाज़ निकल गई ‘आओउ’ अब ज़्यादातर यात्रियों का ध्यान उसकी तरफ हो गया था तो उसे अब कुच्छ ना कुच्छ करना ही था अपना बचाव करने के लिए तो उसने झट से पीछे घूमते हुए उस लड़के के गालपर एक चांटा रसीद कर दिया. ओर उसे गालियाँ निकलते हुए कहने लगी क्या तुम्हारे घर मे माँ बहने नही है जो इस तरह की हरकत करते हो.
वो लड़का भौंचक्का रहा गया की कहाँ तो वो मज़े ले रही थी ओर कहाँ उसके गाल पर एक छाँटा रसीद कर दिया.
इतने मे एक अंकल ने कहा ऐसे बदमाशों के कारण हमारी बहू बेटियों का बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है. मारो साले को ओर बस की भीड़ ने उसे मारना सुरू कर दिया. राशि चुप चाप उसको पीटते हुए देखती रही. वो इस पचदे मे पड़ना नही चाहती थी. वैसे भी उसे तो अब शहर मे रहना था जहाँ उसके लिए लंड लगभग तय्यार था उसे तो कुच्छ हवा देने की ही आवास्यकता थी.
कुच्छ ही देर मे वो बस स्टॉप पर उतेरी ओर कॉलेज की तरफ चल दी. कॉलेज पहुँच कर उसकी नज़रें जय को ही तलाश कर रही थी
कॉलेज मे बहुत देर तक इधर उधर टहलने के बाद आख़िर उसने सोचा की जय को कॉल ही कर लेना चाहिए वो सोच रही थी की वो कॉल करेगी तो जे पता नही क्या सोचेगा. पर अब जब वो मिल ही नही रहा था तो उसे कॉल करना ही पड़ेगा. कॉल लगाने पर जे का मोबाइल पर रिंग जा रही थी पर वो फोन पिक नही कर रहा था. पतगा नही क्या बात है फोन क्यू नही उठा रहा है. क्या करू क्या ना करू. ये सोचते सोचते उसने सोचा की चल क्लास ही ले लू. वो क्लास की तरफ चल पड़ी. पर फिर उसे फिर से एहसास हुआ की उसकी पॅंटी तो सुबह से ही गीली हो रही है जबसे था उसने सोचा था की वो जय से मिलेगी ओर उसे पटाएगी जिससे वो कुछ आगे बढ़े ओर कुछ करे ओर उसकी चूत की खुजली का इलाज हो सके फिर वो बस की घटना जिसमे उस लड़के ने उसकी गांद के छेद पर उंगली लगा कर उसे ओर हॉर्नी बना दिया था. उसने सोचा क्या करू इसे कैसे शांत करू. चूत को शांत करने का कोई ज़रिया नज़र ना आता देख उसने सोचा की ओर कुछ नही तो लोगों को उसकी चूत के दर्शन ही करवा दे जिससे हो सकता है उसकी चूत कुछ शांत होई जाए. ये सोचते ही उसकी चूत ओर पानी छोड़ने लगी. वो ये सोचने लगी की क्या किया जा सकता है. इतने मु उसे विचार आया की चूत दिखाने का सबसे सूटबल आइडिया पेशाब करना हो सकता है. तो उसने कॅंटीन के पास ही अपनी सलवार का नाडा खोला ओर सलवार के साथ पॅंटी को नीचे खींचते हुए नीचे बैठ गई. कॅंटीन मे इस समय बहुत भीड़ थी ओर जयदातर लोग उसे ही देख रहे थे. उसे क्या उसकी चूत को देख रहे थे. जो पीछे की तरफ थे उनको उसकी मस्तानी गांद के दोनो ग्लोबे बहतेरीन तरीके से दिखाई दे रहे थे. उसने आप को नंगा तो कर दिया लोगों के बीच मे पर अब उसे बहुत ज़्यादा शर्म आने लगी थी. इस क्राण उसने अपना मूह एकदम नीचे झुका लिया. अब वो बीच मे उठ भी तो नही सकती थी वरना उसकी पॅंटी ओर सलवार उसके मूत से भर जाती. पूरी तरह से मूतने मे उसे कोई २ मिनिट लग गये थे क्यूंकी बहुत देर से उसने मूता जो नही था इस कारण उसका ब्लॅडडर पूरा भरा हुआ था. मूतने के बाद वो झट से खड़ी हो गई. तब तक वहाँ पर अच्छी ख़ासी भीड़ लग चुकी थी. उसने झट से अपनी सलवार का नाडा बंद किया ओर वो फटाफट वहाँ से भाग कर क्लास की तरफ चल दी.
क्लास मे अंदर घुसते ही उसे फिज़िक्स के प्रोफेसर नज़र आए.
मे ई कम इन सर.
येस कम इन. क्लास मे टाइम से आया करो.
सॉरी सिर, बस लेट हो गई थी. उसने बहाना बनाया. क्लास मे बैठने के बाद उसने विचार किया की आज तो उससे बहुत बड़ी ग़लती हो गई उसे इस तरह से कॉलेज कॅंपस सभी लड़कों के सामने अपनी चूत की नुमाइश नही करनी चाईए थे. वो तो उसका मूह धूप की वजह से स्कार्फ से ढाका हुआ था वरना सभी लड़के उसे पहचान लेते ओर सुका कॉलेज मे निकलना मुश्किल हो जाता. आगे से उसने ऐसा ना करने की कसम खाई. वो क्लास मे आ तो गई थी पर दिल अभी भी बाहर जे को ही तलाश कर रहा था. अगर उसे जय मिल जाता तो वो क्लास मे झाँकति भी नही. मान मसोस कर वो क्लास मे बैठी रही. ओर हर दो मिनिट मे वो जे का नंबर ट्राइ कर रही थी. पर आज पता नही क्या हो गया था वो फोन ही नही उठा रहा था. इसी तरह क्लास ख़त्म हो गई. क्लास की घंटी बजने पर प्रोफेसर क्लास से चला गया ओर उसी समय जय ने फोन पिक किया.
क्या है ये जय. वो जय पर भड़क गई.”मैं कब्से तुम्हारा नंबर मिला रही हू पर एक तुम हो की फोन उठा ही नही रहे हो
अरे यार क्लास मे था ओर फोन वाइब्रट पर था. तुम्हारी घंटी का पता नही चला अब पीरियड ख़त्म हुआ तो देखा. मैं तुम्हे फोन मिलने ही वाला था की तुम्हारा फोन फिर से आ गया. हन बताओ क्या बात है कैसे फोन कर रही थी.
कहाँ हो तुम इस समय.