marwari sex story - मारवाड़ की मस्त मलाई

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: marwari sex story - मारवाड़ की मस्त मलाई

Unread post by sexy » 02 Mar 2017 09:41

सुबह 10 बजे के करीब फोन की बेल से आँख खुली. आंटी बड़ी धीमी आवाज़ मे बोली के अभी तक सो रहे हो क्या मेरी जान, मैं तुम्हारा इंतेज़ार कर रही हू जल्दी से आजओ मेरे राजा रात का मज़ा अभी तक मेरे बदन मे है और फिर बोली
कल रात का थॅंक्स तो मैं ने बोला के अरे आंटी जान थॅंक्स बोलने की कोई ज़रूरत नही , यू आर मोस्ट वेलकम आप किसी भी टाइम बोलो मैं आपके लिए हमेशा रेडी हू तो उन्हो ने फोन पे ही एक किस दिया और बोली के जल्दी से आ जाओ पूजा की जान और फिर फोन काट दिया.
मैं नहा धो के फ्रेश हो के उनके घर चला गया. टेबल लगी हुई थी. सब गेस्ट्स वापस जा चुके थे अब सिर्फ़ घर वाले ही रह गये थे. शांति और पायल भी नीचे आ गये थे. सब ने नाश्ता किया और फिर कॉफी पीते पीते इधर उधर की बातें करने लगे. शांति और पायल को हनिमून के लिए उनके शमीरपेट वाले बॅंगलो पे भेजने की तय्यरी चल रही थी. आंटी बोली के शांति और पायल चले जाए. लक्ष्मी साथ चली जाएगी जो खाना पका देगी और दूसरे काम कर देगी. कंतिलाल सेठ को तो इन्न बातो की परवाह नही थी. उनकी दुकान पिछले 4 – 5 दीनो से बंद थी उनको तो बस दुकान खोलने की जल्दी पड़ी थी और वो बोले के मैं तो दुकान को जा रहा हू तुम लोग डिसाइड कर्लो और अगर पिंकी भी जाना चाहे तो उसको भेज दो साथ मे तो पिंकी बोली के नही मैं नही जा सकती मुझे आजकल उल्टी कुछ ज़ियादा ही हो रही है और मेरा डॉक्टर के पास अपायंटमेंट भी है और अगर किसी को कोई ऑब्जेक्षन नही हो तो राजा को भेज दो उनके साथ तो कांतिलाल सेठ बोले के हा यह ठीक रहेगा, पूछ लो राजा से, शांति और पायल से अगर उनको कोई प्राब्लम नही है तो राजा को ले जाएँ उन दोनो को कुछ कंपनी भी मिल जाएगी. मे ने ऊपरी दिल से बोला के आंटी यह इनका हनिमून है और मैं उनकी प्राइवसी के चलते कबाब मे हड्डी नही बनना चाहता तो शांति ने बोला के अरे यार ऐसी क्या बात है तुम हमारी फॅमिली से अलग थोड़ा ही हो और अगर तुम साथ रहोगे तो कुछ कंपनी भी रहेगी फिर शांति ने पायल से पूछा तो पायल धीमी से मुस्कान के साथ आहिस्ता से बोली के राजा साथ चले तो मुझे तो कोई प्राब्लम नही है चल सकते है हमारे साथ हमे भी कंपनी मिल जयगी. जब शांति और पायल ने दोनो ने राजा के नाम को आक्सेप्ट कर लिया तो यही डिसाइड किया गया के शांति, पायल, लक्ष्मी और मैं हम चारो वाहा रहेंगे थोड़े दीनो तक और फिर यह सब डिसाइड होने के बाद इतमीनान की साँस लेते हुए कांतिलाल सेठ दुकान चले गये. शाम 5 बजे तक निकलने का प्रोग्राम बना था. मैं भी तय्यारी करने के लिए अपने घर आ गया और उधर आंटी, पिंकी और लक्ष्मी मिल के शांति और पायल का समान पॅक करने लगे.
प्रोग्राम के मुताबिक शाम के 5 बजे के आस पास हम चारो नयी चमकती इंनोवा मे बैठ के बंगलो की तरफ चल दिए. बंगलो पहुँचने तक रात के तकरीबन 7:30 – 8:00 बज गये थे. बंगलो को देखते ही हम सब के मूह से वाउ निकला. बड़ा ज़बरदस्त बंगला था जिस के ऊपेर छोटे छोटे
रंगीन बल्ब्स का डिज़ाइन बना हुआ था और सारे बल्ब रोशन थे अंधेरे मे दुल्हन बहा हुआ था बांग्ला. गेट से अंदर आने के बाद भी तकरीबन 250 मीटर के बाद बंगला शुरू होता था. 2 फ्लोर का बोहोत बड़ा मकान था जिस के कमरे भी बोहोत बड़े बड़े थे. बहुत ज़ियादा ज़मीन होने की वजह से कमरे, सीट आउट्स, किचन, बाथरूमस वाघहैरा सब ही बोहोत बड़े बड़े बनाए गये थे. एक दम से इनडिपेंडेंट यूनिट था यह. बंगलो के पीछे बोहोत दूर तक गार्डेन फैला हुआ था और एक बोहोत ही बड़ा एग शेप्ड स्विम्मिंग पूल भी था. आक्च्युयली यह बंगला मैन रोड से 1 किलोमेटेर अंदर की तरफ था जहा जाने के लिए इन के फार्महाउस जैसी एक प्राइवेट रोड बनी हुई थी. गेट के साथ ही आउटहाउस जहा एक चौकीदार शेम्यू रहता था. बूढ़ा था अकेला ही रहता था. अंदर आने के बाद बोहोत बड़ा सा सिट्टिंग पोर्षन जहा पे 3 सोफा सेट पड़े हुए थे जिनके बीच ग्लास टॉप वाली 3 सेंटर टेबल्स भी पड़ी हुई थी. बड़ा सा किचन जिस्मै सारी सुवेधाएँ मौजूद थी, फ्रिड्ज, ओवेन, माइक्रोवेव एट्सेटरा. एस्पेशली प्रेआप्रेड हनिमून रूम बोहोत ही बड़ा था और सब से लास्ट वाला जहा से बंगलो का पीछे वाला हिस्सा था जहा से स्विम्मिंग पूल और गार्डेन नज़र आता था. यह रूम बोहोत खुसबुदार फूलो से अछी तरह से सज़ा हुआ था. क्वीन साइज़ डबल बेड जिसपे गुलाबी रंग की फ्लवर वाली रेशमी चदडार बिछी हुई थी. पायल को डॅन्स का बोहोत शोक था, वो बड़ी अछी ट्रेंड डॅन्सर थी और उसको वेस्टर्न स्लो डॅन्स भी बोहोत ही पसंद था इसी लिए अंदर की तरफ बेडरूम के करीब एक अलग से बना हुआ डॅन्सिंग रूम था जहा कंप्लीट लेटेस्ट म्यूज़िक सिस्टम और लाइटिंग सिस्टम लगा हुआ था जैसा के किसी फिल्म स्टूडियो मे होता है वैसे कंप्लीट सिस्टम्स लगे हुए थे और वाहा एक फर्स्ट क्लास फुल राउंड डॅन्स फ्लोर बना हुआ था. घर को हम एक घंटे तक घूम के देखते और एक एक चीज़ की तारीफ करते रहे. शांति और पायल का हनिमून रूम तो नीचे ही था पर मेरे लिए फर्स्ट फ्लोर पे एक रूम सेट किया हुआ था और लक्ष्मी के लिए भी ग्राउंड फ्लोर पे ही एक रूम था लैकिन शांति और पायल की प्राइवसी के चलते लक्ष्मी को भी फर्स्ट फ्लोर पे बने हुए मैड’स रूम मे से एक रूम दे दिया गया. ग्राउंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर तक जाने के लिए जो स्टेरकेस बना हुआ था वाहा पे एक डोर भी लगा हुआ था जिसे बंद करने से ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर एक दम से अलग हो जाते थे. और वही स्टेरकेस पे एक डोर बेल भी लगी हुई थी जिसे बजा के फर्स्ट फ्लोर पे किसी को भी किसी ज़रूरत के लिए पुकारा जा सकता था. रात के खाने के बाद हम तीनो घूमने के लिए गार्डेन मे निकल गये और लक्ष्मी खाना खा के बर्तन वाघहैरा धो के ऊपेर अपने कमरे मे सोने के लिए चली गयी. पायल और शांति किसी लवर्स की तरह एक दूसरे के हाथो मे हाथ डाले चल रहे थे कभी कभी कोई रोमॅंटिक बात एक दूसरे के कान मे कर के मुस्कुराने लगते. काफ़ी देर
तक बाहर गार्डेन और स्विम्मिंग पूल के पास घूमने के बाद मैं ने बोला के तुम लोग यही गार्डेन मैं बैठ जाओ और चाँदनी रात के फुल मून को एंजाय करो और मुस्कुराते हुए बोला के और हा रोमॅन्स भी करो मैं अब तुम दोनो के बीच मे कबाब मे हड्डी नही बनना चाहता, मैं जा रहा हू सोने के लिए. यह कह कर मैं चला आया और ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर के बीच के डोर को अंदर से लॉक कर दिया ता के कोई बिना बताए के ऊपेर ना आ सके और अपने कमरे मे आ गया. अपने कमरे की लाइट खोली, देखा तो मेरे बेड पे लक्ष्मी नंगी लेटी मेरा इंतेज़ार कर रही थी. मैं पायल की खूबसूरती देख के वैसे ही पागल हो चुका था और अब लक्ष्मी को अपने बेड पे नंगी लेट देख के तो मेरा लंड एक दम से अटेन्षन मे आ गया. मैं ने पूछा के अगर शांति कमरे मे आ जाता तो क्या करती, क्या ऐसे ही नंगे लेटे रहती तो उसने मुस्कुराते हुए मुझे विंडो से बाहर देखने के लिए बोला, विंडो से बाहर देखा तो शांति और पायल एक झाड़ के नीचे खड़े एक दूसरे से लिपटे किस्सिंग कर रहे थे इसे देख के लक्ष्मी ने बोला के मैं ने देख लिया था के आप अकेले ही आ रहे हो इसी लिए मैं आपके लिए रेडी हो गयी मेरी चुदाई भी बोहोत दीनो से नही हुई ना और मेरी चूत बोहोत ही प्यासी हो गयी है इसे अपने लंड का पानी पीला कर इसकी प्यास को बुझा दो और यह बोहोत भूकि है इसे अपने लंड की मलाई खिला दो और मेरा हाथ पकड़ के बिस्तर मे खेच लिया. उसके पास से फ्रेश साबुन की खुश्बू आ रही थी. लगता था के किचन के काम कर के वो भी नहा धो के मेरे पास चुदवाने आई है ता के पसीने की स्मेल ना आए.
यह 5 – 6 महीनो मैं लक्ष्मी कुछ ज़ियादा ही जवान लगने लगी थी. उसके बूब्स भी थोड़े बड़े हो गये थे. चूत का पेडू भी कुछ उठ गया था. ळैकिन अभी भी उसकी कमसिन चूत बोहोत प्यारी लग रही थी. उसने मुझे लिटाया और पागलो की तरह से चूमने लगी और बोल रही थी के कितना तड़पाया है आपने मुझे मैं शब्दो मे बता नही सकती अब मेरे से और सहन नही होता बस अब पेल दो अपना मूसल मेरी गरम प्यासी चूत के अंदर और बड़ी तेज़ी से मेरे कपड़े निकालने लगी. थोड़ी ही देर के अंदर हम दोनो नंगे बिस्तर मे एक दूसरे से लिपटे पड़े हुए थे.

दूल्हा दुल्हन जिनका हनिमून था वो तो गार्डेन मे रोमॅन्स कर रहे थे और जो साथ आए हुए थे वो हनिमून का मज़ा चुदाई कर के ले रहे थे. लक्ष्मी ने मुझे चित लिटा दिया और फॉरन ही मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगी. उसका गरम मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके मस्त बूब्स को दबा रहा था. शाएद उसके बूब्स अब 30 या 32 के हो गये होंगे जिनपे छोटी सी निपल बोहोत अछी लग रही थी बोह्त कड़क थे उसके चुचियाँ.
फिर मैं ने उसके चूतदो को ठप थपाया जिस के चलते वो पलट गयी और मेरे ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ गयी. उसने शवर के टाइम पे चूत को भी अंदर से अछी तरह से धोया था इसी लिए उसकी चूत मे से भी साबुन की स्मेल आ रही थी. मेरी जीभ उसकी चूत से लगते ही वो पागल होगयी और मेरे मूह पे अपनी चूत पटाकने लगी. मेरे दाँत उसकी चूत से लग रहे थे और एक ही मिनिट के अंदर वो काँपने और झड़ने लगी. मेरा लंड उसके थ्रोट के अंदर तक चला गया था जिस के चलते उसके मूह से ग्ग्गह ग्ग्गह जैसे आवाज़ें निकल रही थी और इतना रोमॅंटिक सीन था के मेरे लंड से मलाई की पिचकारियाँ निकल के डाइरेक्ट उसके थ्रोट मे गिरने लगी. इतने दीनो से लंड को चूस्ते चूस्ते लक्ष्मी अब लंड चूसने मे एक्सपर्ट हो गई थी. वो मेरे ऊपेर पड़ी कांपति रही और झड़ती रही साथ मे मेरी मलाई खाती रही. थोड़ी देर का बाद जब उसका झड़ना ख़तम हुआ तो फिर भी वो मेरे ऊपेर वैसे ही लेटी रही और अब उसने मेरा लंड अपने मूह से निकाल दिया था और अपने हाथ मे पकड़ के मुथि मार के बोल रही थी के ऐसा मस्त लंड मुझे कहा मिलेगा बाबू तो मैं ने बोला के तू क्यों फिकर करती है तुझे जब मोका मिले मेरे से चुदवा लेना मैं तेरी छोटी सी टाइट चूत को कभी भी चोदने को तय्यार हू. वो इसी तरह से मेरे लंड से खेलती रही चूस्ति रही. मेरा लंड एक बार फिर से पूरी तरह से अकड़ चुका था. वो मेरे ऊपेर पलट गयी और मेरे लंड के सूपदे को अपनी चूत के सुराख मे टीका के एक ही झटके से लंड पे बैठ गयी और उसके मूह से ऊऊहह की आवाज़ आई और लंड उसकी चूत की गहराईओं मे गुम्म हो गया. वो मेरे ऊपेर झुकी हुई थी, मैं उसके बूब्स को चूस रहा था और अपनी गंद उठा उठा के अपने मूसल लंड से उसकी छोटी प्यारी चूत को चोद रहा था.

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: marwari sex story - मारवाड़ की मस्त मलाई

Unread post by sexy » 02 Mar 2017 09:42

वो जब मेरे लंड पे उछलती तो उसकी चुचियाँ डॅन्स करने लगती. थोड़ी देर तक वो मेरे ऊपेर ही उछलती रही और मेरे लंड को चोद ती रही. अब मेरी बारी थी, मैं ने उसको पलटा के नीचे पीठ के बल लिटा दिया और उसको टाइट पकड़ लिया उसकी टाँगें मेरे बॅक पे लपेटी हुई थी और मैं पूरी ताक़त से लक्ष्मी की टाइट चूत को चोद रहा था. वो फुल मस्ती मे आवाज़ें निकाल निकाल के चुदवा रही थी और बोल रही थी चोद डालो मेरी चूत को यह साली मुझे बोहोत सता ती है फाड़ डालो यह मदरचोड़ रंडी की चूत को आअहह ऊऊईईई म्*म्माआअ आओउर्र ज़्ज़ूओरर ससीए आहह आऐईइसससी हहिईिइ म्*म्मार्ररूव ब्बबाआबबुउउउ. मैं पूरे आधे घंटे तक उसको फुल स्पीड से चोदता रहा और वो शाएद 5 या 6 बार झाड़ चुकी थी जिस की वजह से उसकी चूत एक दम से गीली हो गयी थी और अब मेरा इतना बड़ा और मोटा मूसल लंड उसकी चूत मे बोहोत आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. लंड को पूरा सूपदे तक बाहर खेच के निकाल निकाल के चोद रहा था और फिर एक बोहोत ही ज़ोर से झटका मारा तो लक्ष्मी के मूह से ज़ोर से ऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईई म्*म्म्ममाआआअ निककला और मैं उसकी
बचे दानी के अंदर अपने लंड को घुसेड के गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी पिचकारियाँ चोदने लगा. उस रात मैं ने लक्ष्मी को 3 बार और चोदा. उसके बाद हम दोनो एक ही बेड पे नंगे सो गये.
सुबह जब मैं तकरीबन 10 बजे उठा तो मुझे अपने आप को नंगा देख कर अचानक रात लक्ष्मी की चुदाई याद आई. देखा तो लक्ष्मी जा चुकी थी. मैं फ्रेश हो कर नीचे आया और डाइरेक्ट किचन मे चला गया जहा लक्ष्मी ब्रेकफास्ट को रेडी कर चुकी थी और टेबल पे लगाने की तय्यरी कर रही थी. मैं ने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके कड़क बूब्स को दबाने लगा और उसके नेक पे किस किया तो वो मस्त हो गयी और फिर हाथ नीचे डाल के उसकी चूत का मसाज किया तो उसकी टाँगें ऑटोमॅटिकली खुल गयी और अपना हाथ पीछे कर के मेरे आकड़े हुए लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. बाहर से पायल और शांति की बातो की आवाज़ आई तो मैं ने लक्ष्मी को छोड़ दिया और बाहर आ गया और वो दोनो को देख के गुड मॉर्निंग हनिमून कपल बोला तो दोनो मुस्कुरा दिए और हम टेबल पे बैठ के नाश्ता करने लगे. नाश्ते के दोरान मैं ने उनको पूछा के तुम लोग रातो को सोते भी हो या जागते ही रहते हो तो शांति और पायल दोनो मुस्कुरा दिए पर पायल की खामोश और खोई खोई सी मुस्कुराहट बोहोत कुछ बयान कर रही थी मैं ने दोनो को चियर अप किया कुछ जोक्स सुनाए कुछ अपने और शांति के स्कूल और कॉलेज की नट खाट बातें बताई और उस दिन पायल बोहोत हसी तो मैं ने कहा के देखो हस्ती हुई पायल कितनी अछी लगती है तो इस टाइम जब पायल मुस्कुराइ तो मैं समझ गया के यह रियल वाली खुशी की हँसी है और अब पायल सच मे एंजाय कर रही है. मे नाश्ता करते करते दोनो को अपने जोक्स और इधर उधर के क़िस्सो से एंटरटेन करता रहा. दोनो बिंदास हस्ते रहे. . नाश्ता करके हम कॉफी पी रहे थे उसके बाद कुछ गेम्स खेलने का प्रोग्राम बना. घर मे एक अछा ख़ासा बड़ा जिम भी था जहा एक कोने मे टेबल टेन्निस की टेबल भी पड़ी हुई थी, 6 – 8 बॅट्स और बॉल्स के 2 डिब्बे साइड की अलमारी मे रखे हुए थे. कॅरोम बोर्ड भी एक टेबल पे रखा हुआ था और भी बोहोत सारे इनडोर गेम्स थे, शटली कॉक का कोर्ट भी बना हुआ था. मैं टेबल टेन्निस बोहोत अछा खेलता था और कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन तो था ही साथ मे टेबल टेन्निस को भी अपने इंटर कोलीजिट मे रेप्रेज़ेंट कर चुका था और यह मेरा वन ऑफ दा फॅवुरेट गेम्स मे से एक था.

Post Reply