चुदाई का सिलसिला पार्ट-१
दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए आज एक ऐसी स्टोरी लेकर आया हूँ आप भी पढ़ कर मस्त हो जाएँगे ....दोस्तों ये स्टोरी उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी...कोई ग़लती हो जाए तो मूवाफी चाहता हूँ...फिर शायद आपके मार्गदर्शन, सजेशन्स से उन कमियों को दूर कर सकू.. .मैं जिस सखश की स्टोरी लिखने जा रहा हूँ.....उनका नामे शशांक है ....और वो बड़े हे मधुर स्वभाव के है ....मैं उनको हमेशा “शास” कह कर ही बुलाता हूँ.....उनकी लाइफ मैं चुदाई का सिलसिला एक बार सुरू क्या हुआ की वो आज तक चल रहा है.......मैं भी करीब 24 साल से उनसे जुड़ा हूँ......मैं राज शर्मा उमर करीब 36 यियर्ज़ ...गोरा-चिटा रंग ... ...हाइट अबौट 5.6” है ... आज .भी नॉवजवान लगता हूँ ...पर जो शशांक की सरण मैं एक बार आ जाए... उसे फिर चैन कहाँ .... आज तक शास ने कितनी चूत चोदी या फाडी इसका तो उन्हे भी पता नही होगा..........उनकी पहेली चुदाई शुरू हुई शिरफ़ 1५ साल की उम्र मैं उसके गाँव की संतोष बुआ के साथ . संतोष एक बहुत ही मस्त और शानदार जिस्म की मालिक थी ऐसा लगता था जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरी हो .... चाल मैं लचक भारी- भारी बूब्स, .... पतली कमर के साथ .....उभार लिए हुवे चूतड़(बटक) ....मन करता कि उसे बाहों मैं भरकर...... उमर भर चोदता ही रहे.........हर कदम पर उपर नीचे होते चूतर......गजब ढा जाते थे.....मगर अभी शास को इन सभी बातो की कोई खबर नही थी.....अल्हड़ मदमस्त......उभरता हुवा सूरज.....कोई भी लड़की उसके गुलाबी गुलाबी होटो और गालो पर किस करने के लिए तय्यार रहती थी....या बहाने ढूँढती रहती थी....एक दिन सुभह करीब 9 बजे शश के घर आई...... और शश की मोम्मी से बोली की भाभी ...... मुझे ज़रा खेत तक जाना है..... क्या मैं शश को साथ ले जाऊ.....शश की मम्मी ने कहा दिया की लेजाओ....किशी को क्या मालूम था.....कि संतोष का मन अंदर ही अंदर मानो उछाल भर रहा था.....शतोष बूवा ने शश का नाज़ुक मुलायम हाथ मैं लिया और लेकर खेतो की और चल दी.... संतोष का दिले ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और अपने प्लान के बारे मैं....सोच सोच कर उसकी चूत पानी छोड़ रही थी......कभी कभी मस्ती मैं बूवा शश का हाथ दबा भी देती थी.....पेर बेचारे शश को क्या मालूम था कि क्या होने वाला है.... चुदाई के सिलसिले की शुरुआत आज ही होने जा रही है.....चलते-चलते कभी कभी बूवा शश के अंडरवेर पर आगे पीछे से ठप थापा कर भी मज़ा ले रही थी......धीरे धीरे जब वे दोनो खेत पर पहुँचे....तो बूवा ने चारो तरफ नज़र दोड़ाई......अक्टोबर का महीना था और चारो और गन्ना ही गन्ना ( सुगुर केन प्लांट) खड़ा हुवा था......अब बूवा ने अपने प्लान के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया..... आओ शश इधर चले ........ दो गन्ने के खेतो के बीच छोटी सी पट्टी पर चलते हुए बूवा ने शश के अंडरवेर पर आगे एक हाथ लगाया और शश के छोटे लंड को छेड़ते हुवे पूछा...शश ये क्या है.......
शश. थोड़ा शर्मकार नूनी.....
बूवा. ये किस काम आती है...?
शश. सूशू करने के लिए.....
बूवा. बस शिरफ़ सूशू करने के लिए ही...?
शश. हा .फिर शरमाते हुवे बूवा का हाथ हटाते हुवे, कयौन्कि नूनी थोड़ा टाइट होने लगी थी और शश डरता था कि कही बूवा को पता ना चल जाए.
बूवा..जब ये शिरफ़ सूशू करने के काम आती है तो इतनी बड़ी क्यो है...? हमारे तो इतनी बड़ी नही है.................
शश.. आपकी छोटी है बूवा..?
बूवा.. हमारे तो है ही नही.....
शश. फिर बूवा आप सूशू केसे करती है...?
बूवा. तुम ही देख लो हाथ लगा कर....और बूवा ने शश का हाथ आपनी चूत पर फेर दिया, शनतोष के पैर कपकपाने लगे थे...चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी तभी वे दोनो खेत के बीच मैं आम(मंगोत्री) के नीचे पहुँच चुके थे....
शश. सच बूवा आपके नूनी नही है...?
बूवा. नही शश............................................. .......
शश...बूवा आपके नूनी कायों नही है फिर आप सूसू कैसे करती है...?
बूवा..हम लड़कीयो के नूनी की जगह और खास चीज़े होती है जिससे स्वर्ग की सैर करवाते है .
शश..वो कैसे बूवा....????
अभी तक वो आम के पेड़ के नीचे पड़ी चारपाई पर बैठ चुके थे....और बूवा आगे का प्लान मन ही मन बना रही थी...वासना का सरूर उस पर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था.....फिर भी उसके मन मैं द्वंद चल रहा था क्या ये बच्चा उसकी एच्छा पूरी कर पाएगा भी की नही......इसी उधेड़बुन मैं से उसने शश की और देखा और शश के गुलाबी हॉट चूम लिए..
बूवा..अक्च्छा तुम अपना अंडरवेर उतारो....तब बताती हूँ.......
शश.. अंडरवेर नही बूवा..मुझे शरम आती है....................
बूवा.. आरे नही शरम कैसी फिर मैं भी तुझे स्वर्ग का वो रास्ता दिखाउन्गी जो तूने कभी नही देखा...और लौट कर आने का मन भी नही करता है...बड़ा ही मज़ा आता है...उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म.....
शश.. आपने स्वर्ग का मज़ा देखा है...?
बूवा.. हाई एक बार सपने मैं (ड्रीम).. बड़ा ही मज़ा आया था आज तक उसे ही याद कर कर के मेरी गीली हो जाती है............
शश..बूवा काया गीली हो जाती है....???????????
बूवा..अर्रे अंडरवेर तो उतार सब दिखाती हूँ....और...स्वर्ग मैं भी ले चलूंगी....फिर देखना रोज़ (डेली) कहा करोगे बूवा स्वर्ग की सैर करा दो.....बस मज़ा ही मज़ा है..और बूवा ने आपने हाथो से ही शश का अंडरवेर खोल कर नीचे कर दिया.....
शश.. मुझे शरम आ रही है बूवा...........( और बूवा ने शश का लंड आपने हाथ मे पकड़ लिया और उसे निहारने लगी शिरफ़ 10 साल के शश का लंड , लंड का गुलाबी-गुलाबी सूपड़ा बूवा से नही रुका गया और उसे होंठो मैं ले लिया जैसे जनम जनम की प्यासी हो.......सब शरम हया से दूर चूमना शुरू कर दिया ....ये देखा कर बूवा हैरान हो गयी कि 10 साल के शश का लंड धीरे धीरे 6-7” का करीब 1 ½” मोटा हो गया था........... )
बूवा..अर्रे शश तेरा लंड तो बहुत बड़ा है.....?
शश..क्या इस नूनी को लंड कहते है बूवा फिर आप इसे चूम और चूस क्यों रही हो इतना बड़ा तो ये कभी कभी ही होता है...........
बूवा..शश इसे चूषने मैं जो मज़ा आ रहा था तुम्हें नही मालूम....बूवा ने शश के लंड को एक हाथ मे पकड़ लिया और दूसरे से आपनी सलवार का नाडा खोलने लगी.... नाडा खोलकर सलवार थोड़ी नीचे की.....देखा शश ये है आनंद द्वारा या मज़ा द्वार............शश ने देखा के घने काले बालो के बीच कुछ गुलाबी- गुलाबी सा नज़र आया....
बूवा... शश हाथ फेर कर देख..इसे चूत कहते है...ये जो तुमहरा लंड है ना ये इस घर मैं घुस जाता है तब स्वर्ग की सैर होती है.......शश ने दोनो हाथों से बूवा की चूत को छुआ बालों मैं हाथ फेरा और गुलाबी..गुलाबी जगह को भी छुआ...धीरे धीरे ......
शश.. बूवा इस चूत पर इतने घने काले बॉल क्यो है मेरे तो नही है......???? आ जाएगे अभी तुम छोटे हो ना....
बूवा....शश तुम नीचे मेरी टाँगो के बीच बैठ जाओ इस गुलाबी..गुलाबी चूत को ज़ोर ज़ोर से जीभ से चॅटो तो तुम्हे भी बड़ा मज़ा आयगा.....शश एक आगयाकारी बालक की तरह बूवा की टॅंगो के बीच बैठ गया और दोनो हाथो से चूत के दोनो के दरवाजे खोलकर बूवा की चूत को चाटने और चूसने लगा.......बूवा आcछि खुसबू आ रही है ....और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा, ....नयी चूत को पी रहा था और चूत के पानी को नारियल (कोकनट) के पानी की तरह पीने लगा.....................................बूवा की हल्की हल्की सिसकारी निकलने लगी...उऊहह........आआआआअ.......आहह और ज़ोर से शश............आआआआहह.......बूवा ने शश का शिर पकड़ कर अपनी जाँघो के बीच ज़ोर से दबा रही थी........आआआआआआयययययययययययययययईईई हहााययययययययययययी..........जान्न्न्न्न....शाष्ह हहस्स्स्स्स्सस्स मज़ा आआ रहा है ज़रा और ज़ोर सीईईईई............उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म....एयाया हह.............फिर कुछ ही देर बाद बूवा ने शश का शिर ज़ोर से आपनी चूत पर दबा दिया............चट..ले..शश..........आअहह हह शश...............आआहह हह...और बूवा ने ज़ोर से मेडॅनियल (चूत का पानी) की पिचकारी शश के मुँह में छोड़ दी जिसे शश पता नही किस मज़े मैं गाटा गट पी गया...............और चूत को चाटता जा रहा था.......कुछ देर बाद बूवा कुछ ढीली पॅड गयी......
बूवा............शश कैसा लगा....
शश..अक्च्छा लगा बूवा...बड़ा ही खुश्बू दार स्वादिष्ट टेस्ट था.....
बूवा..अच्छा अब मेरे ऊपेर आ जाओ.....तब तक दोनो ने पूरे कपड़े उतार दिए थे.........देख शश ये चुचि (बूब्स) है...इन्हे धीरे धीरे दबा कर तो चूसो......देखो कैसा लगेगा??????? अब शश बूवा की दोनो चुचियाँ दबा..दबा कर चूस रहा था....बूवा सातवे आसमान मैं तैर्र रही थी ...चूत फिर पानी छोड़ने लगी थी, पहली बार जो किसी ने छुवा था उसके शरीर को.............शश एक माझे हुवे खिलाड़ी के तरह बूवा के दोनो बूब्स दबा दबा कर पी रहा था...........................
बूवा.........ने शश के लंड को हाथ से पकड़ा और चूत के मुह पर रख दिया...........शश मस्ती मैं चुचियाँ पी रहा था और हिलने के कारण उसके लंड का गुलाबी सूपड़ा चिपचपी चूत मैं दाखिल हो चुक्का था.........
बूवा..शश ज़रा धीरे धीरे इसे भी अंदर तो करो.......शश ने थोड़ी कोशिस की पर लंड आगे नही जा रहा था.....शश बूवा ये और अंदर नही, जाएगा.....................
बूवा.......जाएगा बेटे शश थोड़ा ज़ोर से धक्का तो मारो....शश ने थोड़ा ज़ोर से धक्का मारा पर लंड अंदर नही गया....शश मेरी दोनो चुचि पकड़ कर चूतड़ पीछे करके एक ज़ोर से जानदार धक्का मार कर देखो...शश ने एसा ही किया तो एस बार कोई चौथाई लंड बूवा की चूत मैं घुस गया......आआआआआआआआआआययययययययययययययययययययए ईईई बूवा की हल्की सी चीखा निकल गयी.....क्या हुआ बूवा शश कुछ डर कर बोला...........बूवा ने कहा कुछ नही धीरे धीरे धक्के मारते रहो................ ना जाने शश को क्या सूझी उसने अपना लंड बाहर खिचा और एक और ज़ोर से दमधार धक्का लगा दिया...इससे पहले कि बूवा संभाल पाती शश ने लंड थोडा बाहर निकाल कर एक और ज़ोर का धक्का मार .....
दिया.............बूवा की एक ज़ोर दार चीख निकल गयी............उउउह्ह्ह्हीईईइ म्माआअ आआआआआआआअहह आआआआआआअ....
बूवा...शश प्लीज़ ज़रा रुक जाओ तुमने तो मेरी फाड़ ही डाली वो दर्द से कराह रही थी...शश एक बार फिर चुचियाँ पीने मैं मस्त हो गया.........
शास..धीरे धीरे बूवा संतोष की चुचिया(बूब्स) दबाते चूस्ते हुवे बूवा के होंठो तक चला गया......अब शास बूवा के होंठ बड़ी ही तन्मयता से चूस रहा था....बूवा के होटो को चुमेते हुवे उसे बड़ा ही आक्च्छा लग रहा था......संतोष (बूवा) शास के इस अंदाज से और मस्त होती जा रही थी वह नही समझ पा रही थी कि एक 1५ साल का लड़का इतनी मस्त चुदाई कैसे कर रहा है......बूवा अब दर्द भूलकर मस्त होने लगी थी....
बूवा...शास ज़रा धीरे धीरे अंदर बाहर करो...शास ने तुरंत बूवा की अग्या का पालन करते हुवे बूवा की चूत मैं धंसा लंड अंदर-बाहर करना सुरू कर दिया.....अब बूवा का दर्द बिल्कुल ख़तम हो गया था और वो चुदाई का पूरा अन्नंद ले रही थी...अब तो बूवा भी चूतड़ उछाल उछाल कर पूरा लंड चूत मैं ले रही थी...
बूवा..शास अब ज़रा तेज तेज कर ना.....शास एक चुदाई मशीन की तरह लगा रहा और शास के धक्को की स्पीड बढ़ती जा रही थी....लगभग 10-15 मिनिट के बाद एक तूफान सा आया और बूवा उछाल उछाल कर पूरा लंड अंदर ले रही थी.....बूवा के हाथ शास के चूटर पर थे और वो अपने हाथो से शास के धक्कू को और ज़यादा स्पीड दे रही थी....फिर तूफान अपने चरम पर आया और बूवा ने शास को अपनी बाँहो मैं भरकर पूरी तरह से जाकड़ लिया..................उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवुयीईयेयीक छ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ के साथ बूवा के आँखे बंद होती चली गयी.............................................. ....................................फिर एक शांति सी छा गई.......शास भी इशारा समझ कर...लंड अंदर डाले ही बूवा के उप्पेर लेटा रहा............फिर बूवा ने शश को अप्पर से अपनी बराबर मैं चारपाई पर आने को कहा....शश का लंड अभी भी लोहे की छड़ की तरह टाइट था ....और सूपड़ा और लाल हो गया था.......शास का लंड बूवा की चूत से निकलते ही कुछ बूँद खून की चूत से निकल आई.......बूवा ने शास के होंठ चूम लिए.... शास आज तुमने जो मज़ा दिया है ये जनम जनम तक याद रहेगा.......
शास...बूवा आपने तो कहा था कि आप मुझे स्वर्ग की सैर कराएँगी......
बूवा...शास तुम्हे मज़ा नही आया..????????????????
शास....नही बूवा मज़ा तो नही. आया...स्वर्ग मैं भी नही गया.....
बूवा...तुम्हे आक्च्छा नही लगा?????????????
शास..अक्च्छा तो लगा.,.. पर मज़ा नही आया मेरी नूनी भी अकड़ कर दूख कर रही है....
बूवा..बूवा ने शास के लंड को देखा वो अभी भी खड़ा था और पहले से भी गुलाबी हो गया था....बूवा ने शास का लंड अपने मूह मे भर लिया......और धीरे धीरे चूसने लगी...तभी शास की नज़र बूवा की खुली हुई चूत पर पड़ी...और खून निकलता देखा कर घबरा गया...
शास...बूवा आपकी चूत मैं से खून निकल रहा है.............
बूवा...कई बात नही...आज तुमने मेरी सील तोड़ दी है इसी लिए ये खून निकल रहा है....
शास..अब क्या होगा बूवा..???????????????????
बूवा...कुछ नही होगा...चिंता मत कर , जब कोई कुँवारी लड़की पहेली बार चुदति है तो खून निकलता है.....इसे सील टूटना कहते है..............
शास ..बूवा सील टूटने से खून क्यो निकलता है..???????????? क्या डॉक्टर को दिखना पड़ेगा अब..???????
बूवा.. नही शास डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत नही है, ये तो सभी लड़कियों के साथ होता है.. पहली बार जब लंड चूत मैं जाता है तो सील टूट ही जाती है.........
शास. फिर अब कैसे जुड़ेगी सील बूवा.?????????
बूवा.. चिंता मत करो शास, कुछ नही होगा.
शास. अगर किसी को पता चल गया तो फिर क्या होगा.???????
बूवा. हम किसी से नही कहेंगे.....तुम भी किसी से नही कहना, ठीक है ना??
शास..ठीक है बूवा.. पर आपको दर्द नही होगा ??????
बूवा.. नही शास सील टूटने से बस एक बार ही दर्द होता है उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा है....( बूवा की आँखों मैं संतुष्टि और खुशी के भावे थे, उन्होने आज अपनी प्लान मैं कामयाबी जो हासिल कर ली थी...)
शनतोष ने रुमाल से आपनी चूत सॉफ की और शास से कहा “शास एक बार और करें” ?
शास. बूवा नूनी अब बहुत दुख रही है, मज़ा तो कुछ भी नही आया??
बूवा. चिंता मत कर अभी तुम छोटे हो , कुछ समय बाद जब तुम्हे मज़ा आयगा तब सब कुछ भूल जाओगे बस ये बूवा की चूत ही हर समय याद रहेगी.......आच्छा चल अब घर चलते है कल फिर आएँगे तब तक तुम्हारा लंड भी आराम कर लेगा....इसी तरह एक दिन तुम भी स्वर्ग लोक की सैर करोगे......
और दोनो ने कपड़े पहने और घर के लिए चल दिए.........
rajsharma story चुदाई का सिलसिला
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चुदाई का सिलसिला पार्ट-२
जब शास घर पहुँचा तो दोपेहर हो चुकी थी और शास को पता चला कि शास के मामा घर आए हुवे है....शास ने दौड़कर जाकर मामा के पैर छुए तो मामा ने बताया कि कल सुभह उन्हे मामा के साथ जाना है कायोँकि उसके ममेरी बेहन सीमा की शादी है....शास बहुत खुश हुआ और सुबह मामा और मोम के साथ मामा के घर चला गया.....
लॅकिन शास मैं संतोष की चुदाई के बाद कुछ परिवर्तन आ गया था.. अब लड़कियों को देखकर उसे बूवा संतोष के साथ की गयी चुदाई की याद आ जाती और उसके लंड मैं कुछ सुरसूरहट सी होने लगती थी......शास दिन भर चहल पहल मैं मस्त रहा, घर मैं बहुत से मेहमान आए हुए थे कुछ औरते और लड़कियाँ भी थी....खेलते मस्ती करते रात (नाइट) आ गयी.. खाना खाने के बाद... अब महिला संगीत सुरू हुवा....तो सीमा दीदी उसे अपने साथ उपेरवाले रूम मैं ले गयी....और दोनो आपस मैं बाते करने लगे.....
सीमा. शास तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है??
शास. ठीक है सीमा दीदी...दीदी मुझे तो नींद आ रही है.....
सीमा. तो काया हुवा तुम यही मेरे पास ही सो जाओ.....
शास ने पेंट शर्ट उतारी और कच्छा- बनियान मैं एक चादर लेकर लेट गया और सोने की तय्यरी करने लगा.........
सीमा अब रूम मैं सोए हुए शास के पास बैठी शादी..पति, उसके बाद होने वाले मिलन, सुहाग रात मैं होने वाली सेक्षुयल आक्टिविटीस के बारे मैं सोच सोच कर मंद मंद मुस्करा रही थी....तभी सीमा की मोम आई और बोली कि सीमा कल पूरे दिन तुम बीज़ी रहोगी और आराम नही मिलेगा फिर ससुराल मैं जाकर भी एक दो दिन तो आराम नही मिलेगा एसलिए तुम अंदर से दरवाजा बंद करके यही शास के पास ही सो जाओ...इतना कहकर सीमा की मोम चली गयी......सीमा ने दरवाजा अंदर से बंद किया और शास के पास ही लेट गयी.....लॅकिन नींद उसकी आँखो से कोषो(माइल्स) दूर थी....
सीमा काफ़ी देर तक करवटें बदलती रही, तभी शास ने करवेट ली और एक पैर सीमा के उप्पेर रख दिया और एक हाथ सीमा की बूब्स पेर रखा गया......सीमा के सरीर मैं हल्की शिहरन सी दौड़ गई.....सीमा शास का हाथ बूब्स से उठाने की सोच ही रही थी की उसेआ आपनी जाँघो पर कुछ चुभता सा महसूस हुवा.....सीमा ने हाथ धीरे से नीचे किया तो उसके हाथ मैं शास का लंड आ गया जो उसकी जांघों पर चुभ रहा था......सीमा चोंक गयी हाथ मैं इतना बड़ा गरम-गरम लंड पकड़ कर.....दरअसल शास का लंड सोते हुवे अंडरवेर(कच्चे) से बाहर निकल आया था......सीमा बिना कुछ सोचे स्मझे ही शास के लंड को हाथ मैं ही थामे रही.......सीमा सोचने लगी कि इस छोटे से शास का लंड कितना बड़ा और मोटा है उसे अपने टशन वाले सर राज शर्मा की याद आई.....
जिन भावनाओ को उसने बड़े मुश्किल से काबू मे रखा, था वोही भावनाएँ अब उस पर हावी होनी लगी थी, अपनी पहली चुदाई की यादे ताज़ा होने लगी थी...........अपने आप उसका एक हाथ उसकी कमसिन,मगर टाइट चुचियो पर रकखे शास के हाथ के उप्पेर से ही आपनी टाइट चुचियों को सहलाने लगा.......और दूसरा हाथ शास के लंड को पकड़े हुवे कुछ तलाश करने की कोशिस कर रहा था....
सीमा अब कुवारि नही थी....! वो पहले ही चुद चुकी थी....! उसकी सील टूट चुकी थी......और यही वजह थी कि सेक्स, रोमॅन्स की बात निकलते ही वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो जाती थी........उसने वो वर्जित फल खाया था, जिसे खाने की उसे मनाही थी,शादी होने तक......
सीमा 9थ की स्टेंडरेड की स्टूडेंट थी...क्लास ओवर होने के बाद अपनी सहेली पूजा के साथ जब सीमा स्कूल से बाहर निकली....क्या बात है पूजा आज बड़ी चुप चुप सी है??? कोई बात नही है पूजा ने जबाब दिया....नही कोई तो बात है..आज अपनी सहेली से छुपा रही हो..........नही सीमा कोई बात नही , है..तो फिर आज चुप-चुप सी खोई-खोई से कायों हो?????मैं जान गई पूजा अब तुम मुझसे भी कुछ छिपाने लगी हो सीमा ने आखरी आस्त्रा छोड़ दिया......नही सीमा मैने आज तक तुमसे कोई बात छुपाई है....तो फिर क्या बात है बताओ ना....पूजा ने सीमा को बताया .....
..सीमा जानती हो कल रात को जब मैं टाय्लेट के लिए उठी तो मैने मम्मी पापा के कमरे से आवाज़ सुनी.....मम्मी कह रही थी कि........
सीमा...है बताओ ना पूजा मम्मी क्या कह रही थी.............??????????????
पूजा...मम्मी कह रही थी की ये तुम्हारा गधे जैसा भारी लंड मैं ही किसी तरह झेल रही हूँ, कोई और होती तो कब का काम हो जाता.........
...सीमा...क्या तुमने मम्मी पापा को करती हुवे देखा है?????
पूजा...नही, बस आवाज़े ही सुनी है....अंदर से बड़ी ही कामुक आवाज़े आ रही थी...और दिन मैं जब मैने सीडी प्लेयर मैं एक सीडी लगाई शायद कोई पिक्चर या गाने होंगे तो जानती हो उस्मन क्या था???????
सीमा...हाई बताओ ना पूजा क्या था उस्मै..............??????
पूजा...वो एक ब्लू फिल्म थी...मैं तो घबरा गई...और उसे जल्दी मैने किताबो मैं ही छुपा दिया......सीमा... क्या तुमने वो ब्लू फिल्म पूरी देखी है....????????
पूजा...हा जब घर मैं कोई नही था तब....शाम को....एक लड़की एक लड़के के उसको चूस रही थी और लड़का लड़की की चूत को चाट रहा था..................
सीमा...फिर क्या हुवा.................?????????????????
पूजा... फिर दोनो चुदाई मैं लग गये, बाड़ा मज़ा आया यार..............तभी बाते करते करते....सीमा का घर आ गया और पूजा का घर कुछ आगे था.......सीमा की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी कि उसकी पॅंटी पूरी तरह से गीली हो गयी थी............घर मैं घुसते ही सीमा अपने रूम मैं गयी और पहले ड्रेस बदली और बाथरूम मैं चली गई...वहाँ पर उसने आपनी पॅंटी उतारी और चूत को ठंडे पानी से धोया.....आकर अपने रूम मैं लेट गयी................
सीमा शाम को 6पीएम पर टशन के लिए राज शर्मा सर के घर चली गई.....राज शर्मासर के सीमा के घरवालो से घरेलू संभंध थे और उनको अपने परिवार का मेंबर ही मानती थी....जब सीमा राज शर्मा सर के घर पहुँची तो राज सर गिलास मैं कुछ हल्के लाल रंग का कुछ पी रहे थे....सीमा हमेशा की तरह बराबर मैं सोफे पर बैठ गई.......
सीमा...आंटी कहाँ है सर..??????????
सर... हमेशा की तरह झगड़ा करके अपने माएके चली गई.....
सीमा को सर राज शर्मा पर बड़ा रहम आया बेचारे कितने अच्छे थे और हॅंडसम भी थे, पर उनकी पत्नी हमेसा ही झगड़ा करती रहती थी....सीमा ने बड़े ही प्यार से सर को देखा..कितने अच्छे है सर...तभी..राज सर ने सीमा का हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया, सीमा अगर तुम बुरा ना मानो तो एक बात काहु??????????
सीमा... कहो ना सर मैं बुरा क्यो मानूँगी?????????
राज... आइ लव यू सीमा, मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और सर ने एक हाथ सीमा के कमर पर कस दिया तथा दूसरा हाथ सीमा की मांसल सुडोल जाँघो पर फिराने लगे...धीरे धीरे सर का हाथ सीमा की स्कर्ट के अंदर सीमा की पॅंटी को छूने लगा....
सीमा...ये क्या कर रहे है सर......?????
पर राज शर्मा का दबाव सीमा पर बढ़ता ही जा रहा था, सर के होंठ सीमा के गुलाबी गालो को चूम रहे थे और हाथ पॅंटी के अंदर तक पहुँच चुक्का था...धीरे धीरे सीमा का शरीर ढीला पड़ने लगा था... राज शर्मा ने धीरे धीरे सीमा के सभी कपड़े उतार दिए...सीमा इतनी ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि उस्मै अब विरोध की एच्छा समाप्त हो चुकी थी....सीमा के दोनो टाइट, सुडोल और छोटे छोटे बूब्स सर के हाथों मैं थे और गुलाबी निप्पेल्स मुह मैं...सर पड़े ही प्रेम से बूब्स पी रहे थे और नाज़ुक टाइट बूब्स से खेल भी रहे थे.. अब सीमा के होंठो से हल्की सिसकारिया निकल रही थी...अचानक सीमा ने सर का चेहरा अपनी और किया और अपने गुलाबी,मुलायम रसीले होंठ सर के होंठो पर रखा दिए.......
सीमा...सर आप कितने अच्छे है..........आआआआहह्ा......
सर..... तुम भी तो कितने प्यारी, लव्ली-लव्ली सी हो..अगर तुम्हारी उमर20-21 साल होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता..................
अब सर धीरे धीरे सीमा के सारे जिश्म को चूम रहे थे....और अब दोनो टांगो के बीच सीमा की चूत पर उनका मूह पहुच चुक्का था.....सीमा की चूत पर मुलायम रोए दार झाँटे देखकर सर और अधिक उतेज़ित हो चुके थे....वे सीमा की चूत को चाटने चूमने लगे......सीमा उत्तेजना की चरम पर थी ( शी वाज़ इन हेवेन नाउ) सर की जीभ सीमा की चूत के अंदर बाहर हो रही थी और बीच बीच मई सिर क्लिट पेर जीभ का दबाव बनाकर छत रहे रहे थे.....सीमा की कामुक सिसकारिया अब तेज होने लगी थी.....
सीमा... सर...अहह हहाआआआआआईईईईईई सस्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्ररर और सर का सिर ज़ोर से अपनी चूत पर दबा रही थी...... आआअईईईएउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म एम्म्म........सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओीईईईईईईईईई सस्स्स्स्सस्स..........अब सर ने सीमा की दोनो टाँगे फैलाई और अप्पर उठाकर टॅंगो के बीच पोज़िशन लेली.....चूत से पानी बह रहा था और फुल्ली लूब्रिकेटेड हो चुकी थी.....सर ने अपने 7” के थिक लंड को सीमा की चूत के मूह पर सेट किया......सीमा को लगा जैसी कोई गरम रोड उसकी चूत को छू गई .......
पोवर्ड बाइ आद्टोल्ल अड्वरटाइज़ हियर
हो....उउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईस्स्स्स्स्स्सीईइर्र्र र्र्र्र्र्ररर...........और सर ने धीरे से ईक हल्का धक्का ठोक दिया............आआआआआआयययययययययययययययययईई ईईए...सीमा दर्द से कराह उठी....सर के लंड का सूपड़ा चूत मैं समा चुक्का था.....
सीमा...प्लीज़ सर और नही..आआआआआआईईईईईई बहुत दर्द हो रहा है....बस सर आआआअहह.....तभी सर ने मौके की नज़ाकत को समझ कर दो तीन जबरदस्त धक्के मार दिए और पूर का पूरा लंड सीमा की चूत मई समा चुक्का था....सीमा की जोरदार चीखे निकल रही थी, अओर सर ने सीमा को कस कर बाहों मैं दबा रक्खा था......ऊवूऊवुयूयियैआइयैआइयैआइयैआइयैयीयिम्यूयूवम्मियीयीयैयीई ईयीई ह्हियैआइयियीयेययाया सस्सिईइइर्ररर म्म्म्माआर्ररर ददाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआआआआआआआआआआआ आआआआअहह...सीमा की आँखो मैं आँसू बह रहे थे.....सर ने लंड को हिलाना बिल्कुल बंद कर दिया था...और सीमा के होंठ चूमे जा रहे थे और दोनो हाथो से सीमा के बूब्स को सहला रहे थे.......अब सर सीमा के गले,,छाती,,,बूब्स,,कानो (यियर्ज़) के पीछे चूमे जा रहे थे....सीमा अब भी दर्द से कर्राह रही थी...धीरे धीरे सीमा का विरोध कम होता जा रहा था.....अब फिर सर ने धीरे धीरे लंड को थोड़ा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था.......सीमा अब कोई विरोध नही कर रही थी.....अब सर का लंड पिस्टन की तरह अंदर बाहर होने लगा था.....और सीमा भी अब आनंद का अनुभव करने लगी थी....
और अब चुदाई अपना पूरी स्पीड पकड़ चुकी थी...सीमा भी अब चूतड़ उछाल उछाल कर सहयोग कर रही थी..आआआआहह सर और ज़ोर सएआआाआआआअ..........आआआआआहह ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवम्म्म्म्म्म्म्मायायाययाया फाड़ दो सर आआहह.......चुदाई के स्पीड अपने चरम पर थी......दोनो की बाँहो का दबाव बढ़ता जा रहा था.........
सीमा...सर.......मुझे....कुछ....आहह...सर.. ........आआईईए....आहह ........सस्स्स्स्स्सिईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर आआआआआआआआआ और सीमा के हाथो का कसाव सर की पीठ पर बढ़ता गया............तभी सर भी....कुछ बुबदाने लगे.....सीएमममाआ म्म्मईएरररिइ ज्ज्जाआन्न्न्न्न ल्ल्ल्ल्ल्लीईईए आआओउउउर्र्ररर ल्ल्ल्लीई...............................
सीमा को लगा कि गरम गरम लावा उसकी चूत मैं फूट पड़ा हो....उसकी चूत की आग को शांत करने के लिए.....फिर दोनो ने एक साथ एक दूसरे को कस कर भींच लिया............................. और कुछ देर बाद ये तूफान शांत हो गया. राज शर्मा ने एक कुवारि चूत को चोद कर मज़ा ले लिया था तभी शाश के हिलने से सीमा ध्यान भंग हुआ और वा अपने वर्तमान मैं लौट आई एक हाथ से उसने शाश का लंड पकड़ा हुआ था दूसरे हाथ से सीमा .धीरे धीरे अपने बूब्स को सहला रही थी....सीमा की चूत पानी छोड़ रही थी और तेज तेज साँसे चल रही थी...
सीमा की साँसे तेज तेज चल रही थी और चूत मैं आग लग चुकी थी.....चूत पानी छोड़-छोड़ कर पूरी तरह से गीली हो चुकी थी......अब सीमा से एक एक पल बिन चुदाई के भारी पड़ रहा था...... वह नही समझ पा रही थी की कैसे सुरू करे.....बाहर मेहमानो का शोर, और सीमा के अंदर वासना का ज़ोर ......कभी सीमा सोचती कि ये छोटा भाई.....इसके साथ क्या सेक्स ठीक होगा....क्या ये सेक्स कर पाएगा पर वासना चेतना पर भारी पड़ रही थी....एक सस्मसहेट एक द्वन्ध से घिरी सीमा .....चूत को अब लंड की इच्छा चरम को छू रही थी.....चूत के होंठ खुल बंद हो रहे थे......सीमा की साँसे गरम और तेज हो रही थी......आँखे लाल हो चली थी........आख़िर सीमा पर वासना ने काबू कर ही लिया....सीमा शास के हाथो से चुचीयो को ज़ोर ज़ोर दबाने लगी थी.....कभी एक हाथ शास के लंड पर कभी...खुलती-बंद होती चूत पर घूम रहा था.....आँखें वासना के सरूर मैं भारी हो चली थी......आख़िर मर्यादा का बाँध टूट गया..... सीमा सोते हुवे शास के गुलाबी होंठ चूमने लगी.....शास ने आँखे खोल ली......दीदी????????????....शास प्लीज़ कुछ मत बोलो.......प्लीज़ शास.......आपनी दीदी को बचा लो....ये आग मुझे मार डालेगी?????????????...शास आश्चर्या से सीमा को देखा रहा था......
सीमा...शास प्लीज़ कुछ करो......मेरे होंठो की, मेरी चूत की प्यास बुझा दो शास......शास प्लीज़,.....तुम्हारा लंड बहुत बड़ा लूंबा और मोटा है.....
शास...दीदी..................??????????????
सीमा... तुम्हे तुम्हारी दीदी की कसम....कुछ करो.....सीमा बैठ गई....और शास के लंड को हाथ मे लेकर.....देखो शास, ये तुम्हारा लंड मेरी प्यास ज़रूर बुझा सकता है......अऔर उसी भाववेश मैं लंड के सूपदे को चूमने लगी.......
शास से दीदी की बचैनि देखी नही जा रही थी.....वो समझ नही पा रहा था कि वो क्या करे...?????...तभी शास को संतोष बूवा की याद आई......वो कुछ- कुछ समझने लगा कि अब उसे क्या करना.....है......लॅकिन ये तो दीदी हैं ????????????
शास...बताओ दीदी मैं क्या कारू????जिससे आपको चैन मिले.......???????????
जब शास घर पहुँचा तो दोपेहर हो चुकी थी और शास को पता चला कि शास के मामा घर आए हुवे है....शास ने दौड़कर जाकर मामा के पैर छुए तो मामा ने बताया कि कल सुभह उन्हे मामा के साथ जाना है कायोँकि उसके ममेरी बेहन सीमा की शादी है....शास बहुत खुश हुआ और सुबह मामा और मोम के साथ मामा के घर चला गया.....
लॅकिन शास मैं संतोष की चुदाई के बाद कुछ परिवर्तन आ गया था.. अब लड़कियों को देखकर उसे बूवा संतोष के साथ की गयी चुदाई की याद आ जाती और उसके लंड मैं कुछ सुरसूरहट सी होने लगती थी......शास दिन भर चहल पहल मैं मस्त रहा, घर मैं बहुत से मेहमान आए हुए थे कुछ औरते और लड़कियाँ भी थी....खेलते मस्ती करते रात (नाइट) आ गयी.. खाना खाने के बाद... अब महिला संगीत सुरू हुवा....तो सीमा दीदी उसे अपने साथ उपेरवाले रूम मैं ले गयी....और दोनो आपस मैं बाते करने लगे.....
सीमा. शास तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है??
शास. ठीक है सीमा दीदी...दीदी मुझे तो नींद आ रही है.....
सीमा. तो काया हुवा तुम यही मेरे पास ही सो जाओ.....
शास ने पेंट शर्ट उतारी और कच्छा- बनियान मैं एक चादर लेकर लेट गया और सोने की तय्यरी करने लगा.........
सीमा अब रूम मैं सोए हुए शास के पास बैठी शादी..पति, उसके बाद होने वाले मिलन, सुहाग रात मैं होने वाली सेक्षुयल आक्टिविटीस के बारे मैं सोच सोच कर मंद मंद मुस्करा रही थी....तभी सीमा की मोम आई और बोली कि सीमा कल पूरे दिन तुम बीज़ी रहोगी और आराम नही मिलेगा फिर ससुराल मैं जाकर भी एक दो दिन तो आराम नही मिलेगा एसलिए तुम अंदर से दरवाजा बंद करके यही शास के पास ही सो जाओ...इतना कहकर सीमा की मोम चली गयी......सीमा ने दरवाजा अंदर से बंद किया और शास के पास ही लेट गयी.....लॅकिन नींद उसकी आँखो से कोषो(माइल्स) दूर थी....
सीमा काफ़ी देर तक करवटें बदलती रही, तभी शास ने करवेट ली और एक पैर सीमा के उप्पेर रख दिया और एक हाथ सीमा की बूब्स पेर रखा गया......सीमा के सरीर मैं हल्की शिहरन सी दौड़ गई.....सीमा शास का हाथ बूब्स से उठाने की सोच ही रही थी की उसेआ आपनी जाँघो पर कुछ चुभता सा महसूस हुवा.....सीमा ने हाथ धीरे से नीचे किया तो उसके हाथ मैं शास का लंड आ गया जो उसकी जांघों पर चुभ रहा था......सीमा चोंक गयी हाथ मैं इतना बड़ा गरम-गरम लंड पकड़ कर.....दरअसल शास का लंड सोते हुवे अंडरवेर(कच्चे) से बाहर निकल आया था......सीमा बिना कुछ सोचे स्मझे ही शास के लंड को हाथ मैं ही थामे रही.......सीमा सोचने लगी कि इस छोटे से शास का लंड कितना बड़ा और मोटा है उसे अपने टशन वाले सर राज शर्मा की याद आई.....
जिन भावनाओ को उसने बड़े मुश्किल से काबू मे रखा, था वोही भावनाएँ अब उस पर हावी होनी लगी थी, अपनी पहली चुदाई की यादे ताज़ा होने लगी थी...........अपने आप उसका एक हाथ उसकी कमसिन,मगर टाइट चुचियो पर रकखे शास के हाथ के उप्पेर से ही आपनी टाइट चुचियों को सहलाने लगा.......और दूसरा हाथ शास के लंड को पकड़े हुवे कुछ तलाश करने की कोशिस कर रहा था....
सीमा अब कुवारि नही थी....! वो पहले ही चुद चुकी थी....! उसकी सील टूट चुकी थी......और यही वजह थी कि सेक्स, रोमॅन्स की बात निकलते ही वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो जाती थी........उसने वो वर्जित फल खाया था, जिसे खाने की उसे मनाही थी,शादी होने तक......
सीमा 9थ की स्टेंडरेड की स्टूडेंट थी...क्लास ओवर होने के बाद अपनी सहेली पूजा के साथ जब सीमा स्कूल से बाहर निकली....क्या बात है पूजा आज बड़ी चुप चुप सी है??? कोई बात नही है पूजा ने जबाब दिया....नही कोई तो बात है..आज अपनी सहेली से छुपा रही हो..........नही सीमा कोई बात नही , है..तो फिर आज चुप-चुप सी खोई-खोई से कायों हो?????मैं जान गई पूजा अब तुम मुझसे भी कुछ छिपाने लगी हो सीमा ने आखरी आस्त्रा छोड़ दिया......नही सीमा मैने आज तक तुमसे कोई बात छुपाई है....तो फिर क्या बात है बताओ ना....पूजा ने सीमा को बताया .....
..सीमा जानती हो कल रात को जब मैं टाय्लेट के लिए उठी तो मैने मम्मी पापा के कमरे से आवाज़ सुनी.....मम्मी कह रही थी कि........
सीमा...है बताओ ना पूजा मम्मी क्या कह रही थी.............??????????????
पूजा...मम्मी कह रही थी की ये तुम्हारा गधे जैसा भारी लंड मैं ही किसी तरह झेल रही हूँ, कोई और होती तो कब का काम हो जाता.........
...सीमा...क्या तुमने मम्मी पापा को करती हुवे देखा है?????
पूजा...नही, बस आवाज़े ही सुनी है....अंदर से बड़ी ही कामुक आवाज़े आ रही थी...और दिन मैं जब मैने सीडी प्लेयर मैं एक सीडी लगाई शायद कोई पिक्चर या गाने होंगे तो जानती हो उस्मन क्या था???????
सीमा...हाई बताओ ना पूजा क्या था उस्मै..............??????
पूजा...वो एक ब्लू फिल्म थी...मैं तो घबरा गई...और उसे जल्दी मैने किताबो मैं ही छुपा दिया......सीमा... क्या तुमने वो ब्लू फिल्म पूरी देखी है....????????
पूजा...हा जब घर मैं कोई नही था तब....शाम को....एक लड़की एक लड़के के उसको चूस रही थी और लड़का लड़की की चूत को चाट रहा था..................
सीमा...फिर क्या हुवा.................?????????????????
पूजा... फिर दोनो चुदाई मैं लग गये, बाड़ा मज़ा आया यार..............तभी बाते करते करते....सीमा का घर आ गया और पूजा का घर कुछ आगे था.......सीमा की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी कि उसकी पॅंटी पूरी तरह से गीली हो गयी थी............घर मैं घुसते ही सीमा अपने रूम मैं गयी और पहले ड्रेस बदली और बाथरूम मैं चली गई...वहाँ पर उसने आपनी पॅंटी उतारी और चूत को ठंडे पानी से धोया.....आकर अपने रूम मैं लेट गयी................
सीमा शाम को 6पीएम पर टशन के लिए राज शर्मा सर के घर चली गई.....राज शर्मासर के सीमा के घरवालो से घरेलू संभंध थे और उनको अपने परिवार का मेंबर ही मानती थी....जब सीमा राज शर्मा सर के घर पहुँची तो राज सर गिलास मैं कुछ हल्के लाल रंग का कुछ पी रहे थे....सीमा हमेशा की तरह बराबर मैं सोफे पर बैठ गई.......
सीमा...आंटी कहाँ है सर..??????????
सर... हमेशा की तरह झगड़ा करके अपने माएके चली गई.....
सीमा को सर राज शर्मा पर बड़ा रहम आया बेचारे कितने अच्छे थे और हॅंडसम भी थे, पर उनकी पत्नी हमेसा ही झगड़ा करती रहती थी....सीमा ने बड़े ही प्यार से सर को देखा..कितने अच्छे है सर...तभी..राज सर ने सीमा का हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया, सीमा अगर तुम बुरा ना मानो तो एक बात काहु??????????
सीमा... कहो ना सर मैं बुरा क्यो मानूँगी?????????
राज... आइ लव यू सीमा, मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और सर ने एक हाथ सीमा के कमर पर कस दिया तथा दूसरा हाथ सीमा की मांसल सुडोल जाँघो पर फिराने लगे...धीरे धीरे सर का हाथ सीमा की स्कर्ट के अंदर सीमा की पॅंटी को छूने लगा....
सीमा...ये क्या कर रहे है सर......?????
पर राज शर्मा का दबाव सीमा पर बढ़ता ही जा रहा था, सर के होंठ सीमा के गुलाबी गालो को चूम रहे थे और हाथ पॅंटी के अंदर तक पहुँच चुक्का था...धीरे धीरे सीमा का शरीर ढीला पड़ने लगा था... राज शर्मा ने धीरे धीरे सीमा के सभी कपड़े उतार दिए...सीमा इतनी ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि उस्मै अब विरोध की एच्छा समाप्त हो चुकी थी....सीमा के दोनो टाइट, सुडोल और छोटे छोटे बूब्स सर के हाथों मैं थे और गुलाबी निप्पेल्स मुह मैं...सर पड़े ही प्रेम से बूब्स पी रहे थे और नाज़ुक टाइट बूब्स से खेल भी रहे थे.. अब सीमा के होंठो से हल्की सिसकारिया निकल रही थी...अचानक सीमा ने सर का चेहरा अपनी और किया और अपने गुलाबी,मुलायम रसीले होंठ सर के होंठो पर रखा दिए.......
सीमा...सर आप कितने अच्छे है..........आआआआहह्ा......
सर..... तुम भी तो कितने प्यारी, लव्ली-लव्ली सी हो..अगर तुम्हारी उमर20-21 साल होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता..................
अब सर धीरे धीरे सीमा के सारे जिश्म को चूम रहे थे....और अब दोनो टांगो के बीच सीमा की चूत पर उनका मूह पहुच चुक्का था.....सीमा की चूत पर मुलायम रोए दार झाँटे देखकर सर और अधिक उतेज़ित हो चुके थे....वे सीमा की चूत को चाटने चूमने लगे......सीमा उत्तेजना की चरम पर थी ( शी वाज़ इन हेवेन नाउ) सर की जीभ सीमा की चूत के अंदर बाहर हो रही थी और बीच बीच मई सिर क्लिट पेर जीभ का दबाव बनाकर छत रहे रहे थे.....सीमा की कामुक सिसकारिया अब तेज होने लगी थी.....
सीमा... सर...अहह हहाआआआआआईईईईईई सस्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्ररर और सर का सिर ज़ोर से अपनी चूत पर दबा रही थी...... आआअईईईएउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म एम्म्म........सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओीईईईईईईईईई सस्स्स्स्सस्स..........अब सर ने सीमा की दोनो टाँगे फैलाई और अप्पर उठाकर टॅंगो के बीच पोज़िशन लेली.....चूत से पानी बह रहा था और फुल्ली लूब्रिकेटेड हो चुकी थी.....सर ने अपने 7” के थिक लंड को सीमा की चूत के मूह पर सेट किया......सीमा को लगा जैसी कोई गरम रोड उसकी चूत को छू गई .......
पोवर्ड बाइ आद्टोल्ल अड्वरटाइज़ हियर
हो....उउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईस्स्स्स्स्स्सीईइर्र्र र्र्र्र्र्ररर...........और सर ने धीरे से ईक हल्का धक्का ठोक दिया............आआआआआआयययययययययययययययययईई ईईए...सीमा दर्द से कराह उठी....सर के लंड का सूपड़ा चूत मैं समा चुक्का था.....
सीमा...प्लीज़ सर और नही..आआआआआआईईईईईई बहुत दर्द हो रहा है....बस सर आआआअहह.....तभी सर ने मौके की नज़ाकत को समझ कर दो तीन जबरदस्त धक्के मार दिए और पूर का पूरा लंड सीमा की चूत मई समा चुक्का था....सीमा की जोरदार चीखे निकल रही थी, अओर सर ने सीमा को कस कर बाहों मैं दबा रक्खा था......ऊवूऊवुयूयियैआइयैआइयैआइयैआइयैयीयिम्यूयूवम्मियीयीयैयीई ईयीई ह्हियैआइयियीयेययाया सस्सिईइइर्ररर म्म्म्माआर्ररर ददाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआआआआआआआआआआआ आआआआअहह...सीमा की आँखो मैं आँसू बह रहे थे.....सर ने लंड को हिलाना बिल्कुल बंद कर दिया था...और सीमा के होंठ चूमे जा रहे थे और दोनो हाथो से सीमा के बूब्स को सहला रहे थे.......अब सर सीमा के गले,,छाती,,,बूब्स,,कानो (यियर्ज़) के पीछे चूमे जा रहे थे....सीमा अब भी दर्द से कर्राह रही थी...धीरे धीरे सीमा का विरोध कम होता जा रहा था.....अब फिर सर ने धीरे धीरे लंड को थोड़ा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था.......सीमा अब कोई विरोध नही कर रही थी.....अब सर का लंड पिस्टन की तरह अंदर बाहर होने लगा था.....और सीमा भी अब आनंद का अनुभव करने लगी थी....
और अब चुदाई अपना पूरी स्पीड पकड़ चुकी थी...सीमा भी अब चूतड़ उछाल उछाल कर सहयोग कर रही थी..आआआआहह सर और ज़ोर सएआआाआआआअ..........आआआआआहह ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवम्म्म्म्म्म्म्मायायाययाया फाड़ दो सर आआहह.......चुदाई के स्पीड अपने चरम पर थी......दोनो की बाँहो का दबाव बढ़ता जा रहा था.........
सीमा...सर.......मुझे....कुछ....आहह...सर.. ........आआईईए....आहह ........सस्स्स्स्स्सिईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर आआआआआआआआआ और सीमा के हाथो का कसाव सर की पीठ पर बढ़ता गया............तभी सर भी....कुछ बुबदाने लगे.....सीएमममाआ म्म्मईएरररिइ ज्ज्जाआन्न्न्न्न ल्ल्ल्ल्ल्लीईईए आआओउउउर्र्ररर ल्ल्ल्लीई...............................
सीमा को लगा कि गरम गरम लावा उसकी चूत मैं फूट पड़ा हो....उसकी चूत की आग को शांत करने के लिए.....फिर दोनो ने एक साथ एक दूसरे को कस कर भींच लिया............................. और कुछ देर बाद ये तूफान शांत हो गया. राज शर्मा ने एक कुवारि चूत को चोद कर मज़ा ले लिया था तभी शाश के हिलने से सीमा ध्यान भंग हुआ और वा अपने वर्तमान मैं लौट आई एक हाथ से उसने शाश का लंड पकड़ा हुआ था दूसरे हाथ से सीमा .धीरे धीरे अपने बूब्स को सहला रही थी....सीमा की चूत पानी छोड़ रही थी और तेज तेज साँसे चल रही थी...
सीमा की साँसे तेज तेज चल रही थी और चूत मैं आग लग चुकी थी.....चूत पानी छोड़-छोड़ कर पूरी तरह से गीली हो चुकी थी......अब सीमा से एक एक पल बिन चुदाई के भारी पड़ रहा था...... वह नही समझ पा रही थी की कैसे सुरू करे.....बाहर मेहमानो का शोर, और सीमा के अंदर वासना का ज़ोर ......कभी सीमा सोचती कि ये छोटा भाई.....इसके साथ क्या सेक्स ठीक होगा....क्या ये सेक्स कर पाएगा पर वासना चेतना पर भारी पड़ रही थी....एक सस्मसहेट एक द्वन्ध से घिरी सीमा .....चूत को अब लंड की इच्छा चरम को छू रही थी.....चूत के होंठ खुल बंद हो रहे थे......सीमा की साँसे गरम और तेज हो रही थी......आँखे लाल हो चली थी........आख़िर सीमा पर वासना ने काबू कर ही लिया....सीमा शास के हाथो से चुचीयो को ज़ोर ज़ोर दबाने लगी थी.....कभी एक हाथ शास के लंड पर कभी...खुलती-बंद होती चूत पर घूम रहा था.....आँखें वासना के सरूर मैं भारी हो चली थी......आख़िर मर्यादा का बाँध टूट गया..... सीमा सोते हुवे शास के गुलाबी होंठ चूमने लगी.....शास ने आँखे खोल ली......दीदी????????????....शास प्लीज़ कुछ मत बोलो.......प्लीज़ शास.......आपनी दीदी को बचा लो....ये आग मुझे मार डालेगी?????????????...शास आश्चर्या से सीमा को देखा रहा था......
सीमा...शास प्लीज़ कुछ करो......मेरे होंठो की, मेरी चूत की प्यास बुझा दो शास......शास प्लीज़,.....तुम्हारा लंड बहुत बड़ा लूंबा और मोटा है.....
शास...दीदी..................??????????????
सीमा... तुम्हे तुम्हारी दीदी की कसम....कुछ करो.....सीमा बैठ गई....और शास के लंड को हाथ मे लेकर.....देखो शास, ये तुम्हारा लंड मेरी प्यास ज़रूर बुझा सकता है......अऔर उसी भाववेश मैं लंड के सूपदे को चूमने लगी.......
शास से दीदी की बचैनि देखी नही जा रही थी.....वो समझ नही पा रहा था कि वो क्या करे...?????...तभी शास को संतोष बूवा की याद आई......वो कुछ- कुछ समझने लगा कि अब उसे क्या करना.....है......लॅकिन ये तो दीदी हैं ????????????
शास...बताओ दीदी मैं क्या कारू????जिससे आपको चैन मिले.......???????????
Re: rajsharma story चुदाई का सिलसिला
सीमा...शास....मेरे भाई...चोद डाल...अपनी इस पयासी बेहन को......शास अब कुछ मत बोलना....बस चोद डालो...इस चूत को....फाड़ डालो इसको...बुझा दो इसकी आग....उउउउउउउउउआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह शास............प्लीज़.......
शास...शास के दिमाग़ मैं संतोष बूवा का चेहरा घूम गया...वो सब याद आने लगा...जिससे संतोष बूवा को सुख मिला था.....सीमा शास के लंड के सूपदे...को चूम-चाट..रही थी...सीमा का एक हाथ उसकी आपनी चूत पर मालिश कर रहा था...
शास ने सीमा की दोनो चुचिया अपने हाथों मैं पकड़ ली और उन्हे सहलाना और मसलना.....शुरू कर दिया.....सीमा ने चेहरा उप्पेर उठा कर शास के ओर देखा....शास ने दीदी की तरफ देखा...और दोनो मंद-मूंद मुस्कुरा दिए......शास ने एक हाथ से सीमा का चेहरा उप्पेर किया...और गुलाबी-गुलाबी होंठो पर अपने...गुलाबी..होंठ रख दिए.....अब दोनो एक दुसरे के होंठो का रस मस्ती मैं पी रहे थे...और शास का एक हाथ सीमा की चुचियों पर घूम रहा था........कुछ देर होंठो का रस पीने के बाद शास ने एक चुचि के गुलाबी नाज़ुक निपल को अपने होंठो मैं ले लिया...शास एक हाथ से सीमा की चुचियाँ मसल रहा था....और दूसरे हाथ से दूसरे चुचि को दबा –दबा कर मस्त होकर पीने लगा...........सीमा...मस्ती मैं डूबती जा रही थी....आखे बोझल हो रही थी...मस्ती और कामुकता की दबी दबी सिसकारी निकलने लगी......अब शास दोनो हाथो से चुचि को दबा कर मसल कर पीने लगा..कभी..कभी...वह अपनी जीभ से पूरी चुचि को चाट लेता कभी चुचि को इधर उधर होंठ और दाँत मैं दबा कर चूम रहा था..........सीमा दोनो हाथो से शास की कमर और सिर से पकड़कर आपनी चुचियों पर दबाव बढ़ा रही थी.....अब शास ने सीमा...के सभी कपड़े उतारने शुरू कर दिए...धीरे धीरे सीमा बिल्कुल नंगी...शास की बाहों मैं थी....सीमा ने शास का अंडरवेर खोल कर नीचे कर दिया, और बनियान भी उतार दी........शास अब एक मझे हुवे खिलाड़ी की तरह......सीमा के बदन को चूम-और-चाट जा रहा था...............अब शास सीमा के बूब्स गला.....पेट,,नाभि को चूमते हुवे चूत की और बढ़ रहा था....काले घने बालों के बीच छुपी हुई सुर्ख लाल चूत.....शास ने पहले चूत के दोनो दरवाजो को खोल कर सीमा की क्लिट पर हमला कर दिया,, शास जीभ डाल.डाल कर क्लिट को चूम.चाट ने लगा......मद-होश सीमा की सिसकारियों की आवाज़े बाहर मेहमआनो के शोर मैं दब कर रह जाती थी....फिर एकाएक शास ने अपनी जीभ सीमा की चूत मैं पूरी घुसा दी और घुमाने लगा... सीमा के हाथ शास के सर पर आ गये.....
सीमा...के शरीर मैं सरसरहट बढ़ती जा रही थी...चूत पर शास के मूह का दबाव,,कभी क्लिट और कभी चूत के अंदर जीभ, एक ऐसे तूफान मैं.....सीमा जा चुकी थी...जहा पर बस कुछ ही दूर एक जन्नत की मंज़िल....थी...बादल फट कर पूरा पानी एक ही छलक के साथ शास के मूह मैं बरस जाने के लिए तय्यार हो चुके थे......सीमा के पूरे शरीर मैं हज़ारो बिजलियाँ एक साथ दौड़ गये आँखे बंद हो गयी....हाथो का दबाव शास के सर(हेड) पर एकाएक काफ़ी बढ़ा गया था....और एक लंबी सिसकारी ....... आआआईईईईईई.......उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ अयू......आआआआआ....आआआआआअहह ....सस्स्स्शहाआआसस्स्स्सस्स.....आआआआअ के साथ....ज्वार-भाटे से उठी लहर का सारा जाल शास के मुहा मैं भर गया....शास..नारियल..पानी..के स्वाद के साथ उसे गाटा गट पी रहा था......क्या सुगंधित था ये चूत का पानी????????????? सीमा का शरीर कुछ देर तक यू ही...आकड़ा....रहा...पिचकारी...छूटती रही.....शास पी...पी...कर मस्ती मैं भरता गया.............................................. .
शास...ने चूत चाट..चाट कर सूखा दी थी.......लकिन अभी भी सीमा की चूत से एक लेशदार (लूब्रिकेटेड) पानी निकल रहा था......सीमा के हाथों का दबाव ढीला पड़ गया.....शास...अगली मंज़िल की और....क्लिट की पूनह: जीभ का दबाव डालकर मालिश करने लगा.....शास के दोनो हाथ सीमा के मांसल जाँघो पर मालिश कर रहे थे.....सीमा के पूरे बदन मैं फिर शिहरन सी होने लगी थी.....शास...सीमा की चूत की क्लिट चाट चाट कर पहाड़ की चोटी की तरह बना रहा था......
शास...फिर से सीमा की नाभि, पैट, औट छाती को चूमने लगा...दोनो चुचियो का ताज़ा दूध पीकर मस्त हो रहा था....सीमा के बदन मैं लहरे बढ़ने लगी...और शास बारी बारी दोनो चुचियो को पीता...गया..मसलता गया....दबाता और सहलाता गया........कुछ देर बाद शास ने सीमा के रसीले होंठ अपने होंठो मैं लिए और चूसना शुरू कर दिया.....सीमा..और शास की जिभे टकराई....चूसा....मस्ती..और जोश....
शास... का मोटा और लंबा लंड...लोहे की रोड की तरह टाइट....गुलाबी सूपड़ा.... ये बात अलग थी कि अभी तक शास का गम फॉल नही हुवा था.....शास...सीमा के होंठ...गाल और गर्देन पर जिभा फेर-फेर कर सीमा की चूत की आग को और भड़का रहा था......अब सीमा...की सिसकारी फिर फूटने लगी....उउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म....आआआआआआअहह हह ........सस्शहाआअसस्स्स्स्स्स्स्सस्स............ईईईईईईई इईईईईईईईई............सीमा की टाँगे खुलने लगी....और चौड़ी...और चौड़ी......अब शास का लंड सीमा की चूत से टकराने लगा था...जिससे सीमा की उत्तजना और....और...और बढ़ती जा रही थी.....चूत..खुलने..बंद होने लगी...लंड खाने के लिए बैचेन.....
शास..ने पहली बार अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर....सीमा के चूतद्वार....पर उसे पोज़िशन दी.....टाइट,मोटा,लंबा तना हुवा लंड......चूत के दरवाजे पर रखा लंड का सूपड़ा...चूत की गर्मी को महसूस कर और चौड़ा हो रहा...था....और सीमा की चूत को खुला निमंत्रण दे रहा था..... चूत तो पहले ही लंड को खाने की फिराक मैं थी......
सीमा...शास अब अपने लंड को अंदर करो ना????? अब और सहन नही हो रहा...है....
शास ने इशारा मिलते ही लंड का दबाव सीमा की चूत पर बढ़ा दिया......लूब्रिकेटेड चूत....नशे मैं मस्त चूत....शास ने हल्का सा एक धक्का लगाया....लंड का सूपड़ा चूत मैं समा गया.....सीमा की चूत अब कुँवारी नही थी...पर चुदाई को काफ़ी दिन बीतने और शास के भारी लंड ने सीमा की एक हल्की चीखा निकलवा दी.....उउउउउउईईईम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआअ ........सस्स्स्स्स्स्शहाआआअसस्स्स्स्सस्स ....द्द्द्ध्ह्ह्हीईर्र्र्र्रीईए....सस्स्सीईए.........श आस अपने मैं मस्त....चूमता चाटता...चुचियो को मसलता....होंठो को चूमता.....शास ने थोडा पीछे होकर एक जबरदस्त धक्का....मार ही दिया.......शायद आज लंड भी बेकरार था चूत मैं घुसने के लिए......
शीमा की जूरदार चीख......ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवुउवुयियैआइयैआइयैआइयैआइयीयीयियी ईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्मममममममममममाआआआआआआमम्म्मममम एम्म्म...........सस्स्स्स्स्शहाआआआअसस्स्स्सस्स ससस्स.....आआआआआआईईईईईईहह प्पफाआद्दद्ड ह्ह्ही द्दाल्ली....आआअहह......अगर बाहर मेहमआनो...का शोर और महिला संगीत नही चल रहा होता तो सभी वही पर इक्ठ्ठा हो गये होते.....मगर शास को इतनी परवाह कहाँ.............वो तो नया खिलाड़ी था चोदने का.....उसे तो बस चोदना था........दूसरे ही पल शास का एक और जोरदार धक्का...और पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत मैं समा गया..........सीमा की की कयी चीखा एक शाथ निकल गैई
पोवर्ड बाइ आड्टल अड्वरटाइज़ हियर
शास...ने चूत को चाट..चाट कर सूखा दी थी.......लकिन अभी भी सीमा की चूत से एक लेशदार (लूब्रिकेटेड) पानी निकल रहा था......सीमा के हाथों का दबाव ढीला पड़ गया.....शास...अगली मंज़िल की ओर....क्लिट की पूनह: जीभ का दबाव डालकर मालिश करने लगा.....शास के दोनो हाथ सीमा के मांसल जाँघो पर मालिश कर रहे थे.....सीमा के पूरे बदन मैं फिर शिहरन सी होने लगी थी.....शास...सीमा की चूत की क्लिट चाट चाट कर पहाड़ की चोटी की तरह बना रहा था......
शास...फिर से सीमा की नाभि, पेट, आउट छाती को चूमने लगा...दोनो चुचियो का ताज़ा दूध पीकर मस्त हो रहा था....सीमा के बदन मैं लहरे बहने लगी...और शास बारी बारी दोनो चुचियो को पीता...गया..मसलता गया....दबाता और सहलाता गया........कुछ देर बाद शास ने सीमा के रसीले होंठ अपने होंठो मैं लिए और चूसना शुरू कर दिया.....सीमा..और शास की जिभे टकराई....चूसा....मस्ती..और जोश....
शास... का मोटा और लंबा लंड...लोहे की रोड की तरह टाइट....गुलाबी सूपड़ा.... ये बात अलग थी कि अभी तक शास का गुम फॉल नही हुवा था.....शास...सीमा के होंठ...गाल और गर्देन पर जीभ फेर-फेर कर सीमा की चूत की आग को और भड़का रहा था......अब सीमा...की सिसकारी फिर फूटने लगी....उउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म....आआआआआआअहह हह ........सस्शहाआअसस्स्स्स्स्स्स्सस्स............ईईईईईईई इईईईईईईईई............सीमा की टाँगे खुलने लगी....और चौड़ी...और चौड़ी......अब शास का लंड सीमा की चूत से टकराने लगा था...जिससे सीमा की उत्तजना और....और...और बढ़ती जा रही थी.....चूत..खुलने..बंद होने लगी...लंड खाने के लिए बैचेन.....
शास..ने पहली बार अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर....सीमा के चूतद्वार....पर उसे पोज़िशन दी.....टाइट,मोटा,लंबा तना हुवा लंड......चूत के दरवाजे पर रखा लंड का सूपड़ा...चूत की गर्मी को महसूस कर और चौड़ा हो रहा...था....और सीमा की चूत को खुला निमंत्रण दे रहा था..... चूत तो पहले ही लंड को खाने की फिराक मैं थी......
सीमा...शास अब अपने लंड को अंदर करो ना????? अब और सहन नही हो रहा...है....
शास ने इशारा मिलते ही लंड का दबाव सीमा की चूत पर बढ़ा दिया......लूब्रिकेटेड चूत....नशे मैं मस्त चूत....शास ने हल्का सा एक धक्का लगाया....लंड का सूपड़ा चूत मैं समा गया.....सीमा की चूत अब कुँवारी नही थी...पर चुदाई को काफ़ी दिन बीतने और शास के भारी लंड ने सीमा की एक हल्की चीखा निकलवा दी.....उउउउउउईईईम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआअ ........सस्स्स्स्स्स्शहाआआअसस्स्स्स्सस्स ....द्दद्धीईरररररीईए....सस्स्सीईए.........श आस अपने मैं मस्त....चूमता चाटता...चुचियो को मसलता....होंठो को चूमता.....शास ने तोड़ा पीछे होकर एक जबरदस्त धक्का....मार ही दिया.......सायेड आज लंड भी बेकरार था छूट मैं घुसने के लिए......
शीमा की जूरदार चीखा......उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउइईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्मममममममममममाआआआआआआमम्म्मममम एम्म्म...........सस्स्स्स्स्शहाआआआअसस्स्स्सस्स ससस्स.....आआआआआआईईईईईईहह प्पफाआद्दद्ड ह्ह्ही द्दाल्ली....आआअहह......अगर बाहर मेहमानो...का शोर और महिला संगीत नही चल रहा होता तो सभी वही पर इकठ्ठा हो गये होते.....मगर शास को इतनी परवाह कहाँ.............वो तो नया खिलाड़ी था चोदने का.....उसे तो बस चोदना था........दूसरे ही पल शास का एक और जोरदार धक्का...और पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत मैं समा गया..........सीमा की कई चीख एक शाथ.निकल गैई............
सीमा की चीखूं की आवाज़ ढोल.भांगदे की आवाज़ मैं दब कर रह गई......उउउउउउउउउईईईईईईईईईईईए......... ................आआआआआआआआऐईईईईईई आआआआआआआआअहहीए ईईईंमम्ममममममममममाआआआआआआआअम्म्म्मममममीईए ईईईई...............सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शहााआअ आआसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.............फाड़...........ह ई...द्दाल्लीइीईईईईईई.............ईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईकककककककककचह............मगर शास अपनी चुचिया पीने मैं मस्त.......और सीमा की आँखों से पानी निकल आया था.....सीमा धीरे धीरे कुछ सामान्य हूई तो शास को चुचियाँ पीने मैं मस्त देखकर दर्द को भूलकर मन्दिम सी मुस्कुरा दी...........सीमा ने शास का चेहरा अपनी और किया और शास के होंठ चूम लिए...........बड़े ही मस्त चोदू हो....शास.........सीमा बुदबुदाई.......मगर शास फीर अपनी चुचियाँ पीने मैं मस्त हो गया...............
सीमा.....शास चुचियाँ ही पीते रहोगे या कुछ और भी करोगे????????????
शास... बोलो दीदी क्या करना है.??????????? क्या धक्के मारना शुरू कर दूँ...??????
सीमा...शास क्या तुम्हे चुदाई करने मैं मज़ा नही आता है........????????????
शास...अच्छा तो लगता है पर मज़ा तो अभी नही आया.................
सीमा...तुमने पहले भी किशी की चुदाई की है.............?????????
शास...हा दीदी एक बार....तभी..तो तुम्हे...चोद रहा हूँ.....?????????
सीमा...किसे चोदा था .....????????
शास...नही दीदी संतोष बूवा ने किसी को बताने से मना किया था...
सीमा...मुस्कुरा दी...अच्छा तो तूने पहेले संतोष बूवा को चोदा है...????????
शास...आपको कैसे पता चला दीदी...........???????????
सीमा...बुद्धू कही का.......और शास के होंठ चूम लिए......शास के दोनो हाथ अभी भी सीमा की दोनो चुचियों से सहला और मसल कर खेल रहे थे.....सीमा की साँसे अभी भी तेज तेज चल रही थी...........सीमा के हाथ शास की कमर पर कस गये....शास समझ गया की चुदाई शुरू करनी है....और उसने धक्के मारने शुरू कर दिए.............सीमा के हाथ धीरे.धीरे शास के चूटरों पर आ गये थे....और वे शास के धक्को को स्पीड देने मैं सहयोग कर रहे थे.....स्पीड बढ़ती जा रही थी....लगभग 20-25 मिनूत्स की चुदाई के बाद .. शीमा सातेवे आसमान पर शोर कर रही थे......सीमा के सरीर मैं खिचाव सा आने लगा था....
शास...दीदी मुझे कुछ हो रहा है......आआआआहह दीदी.....मेरे अंदर कुछ हो रहा है....मेरे लंड मैं कुछ खिच सा रहा है.....
सीमा....और तेज शास.....और ज़ोर से चोदो.......मैं जा रही हूँ चोदो...और चोदो........और सीमा..की आँखे बंद हो गई उसके हाथ.......शास की केमर पर ज़ोर से बँध गये.....चोदो..शास चोदो और ज़ोर से.....मैं गयी शास........ऊवूऊवूयूवूवम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मायायायीययाया आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईउउउउउउउउउ उूऊउईईईईईईईईईई........
और सीमा की चूत मैं पानी का फ़ौवारा छूट गया......उसने शास को और ज़ोर से भींच लिया...... तभी........
शास...दीदी मेरी आँखे बंद हो रही है....मुझे कुछ हो रहा है मेरे सरीर मैं से कुछ निकल रहा है.......उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआअ अहछद्द्द्द्द्ददडिईईईईईईईईईईईईईईईययड्डी ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआआआआअहीईई ईईई.........और शास का पहली बार वीर्य (गुम) की बस एक दो बूँद ही सीमा की चूत मैं गिरी थी......शास ने सीमा को और ज़ोर से अपनी बाहो मैं जाकड़ लिया था...........आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउ उम्म्म्मममममममममके साथ शास सीमा के बदन से चिपक गया...............दोस्तो अभी कहानी बाकी है आगे शाश ने किस किस की चुदाई की ये जानने के लिए अगले भाग का इंतजार करें
शास...शास के दिमाग़ मैं संतोष बूवा का चेहरा घूम गया...वो सब याद आने लगा...जिससे संतोष बूवा को सुख मिला था.....सीमा शास के लंड के सूपदे...को चूम-चाट..रही थी...सीमा का एक हाथ उसकी आपनी चूत पर मालिश कर रहा था...
शास ने सीमा की दोनो चुचिया अपने हाथों मैं पकड़ ली और उन्हे सहलाना और मसलना.....शुरू कर दिया.....सीमा ने चेहरा उप्पेर उठा कर शास के ओर देखा....शास ने दीदी की तरफ देखा...और दोनो मंद-मूंद मुस्कुरा दिए......शास ने एक हाथ से सीमा का चेहरा उप्पेर किया...और गुलाबी-गुलाबी होंठो पर अपने...गुलाबी..होंठ रख दिए.....अब दोनो एक दुसरे के होंठो का रस मस्ती मैं पी रहे थे...और शास का एक हाथ सीमा की चुचियों पर घूम रहा था........कुछ देर होंठो का रस पीने के बाद शास ने एक चुचि के गुलाबी नाज़ुक निपल को अपने होंठो मैं ले लिया...शास एक हाथ से सीमा की चुचियाँ मसल रहा था....और दूसरे हाथ से दूसरे चुचि को दबा –दबा कर मस्त होकर पीने लगा...........सीमा...मस्ती मैं डूबती जा रही थी....आखे बोझल हो रही थी...मस्ती और कामुकता की दबी दबी सिसकारी निकलने लगी......अब शास दोनो हाथो से चुचि को दबा कर मसल कर पीने लगा..कभी..कभी...वह अपनी जीभ से पूरी चुचि को चाट लेता कभी चुचि को इधर उधर होंठ और दाँत मैं दबा कर चूम रहा था..........सीमा दोनो हाथो से शास की कमर और सिर से पकड़कर आपनी चुचियों पर दबाव बढ़ा रही थी.....अब शास ने सीमा...के सभी कपड़े उतारने शुरू कर दिए...धीरे धीरे सीमा बिल्कुल नंगी...शास की बाहों मैं थी....सीमा ने शास का अंडरवेर खोल कर नीचे कर दिया, और बनियान भी उतार दी........शास अब एक मझे हुवे खिलाड़ी की तरह......सीमा के बदन को चूम-और-चाट जा रहा था...............अब शास सीमा के बूब्स गला.....पेट,,नाभि को चूमते हुवे चूत की और बढ़ रहा था....काले घने बालों के बीच छुपी हुई सुर्ख लाल चूत.....शास ने पहले चूत के दोनो दरवाजो को खोल कर सीमा की क्लिट पर हमला कर दिया,, शास जीभ डाल.डाल कर क्लिट को चूम.चाट ने लगा......मद-होश सीमा की सिसकारियों की आवाज़े बाहर मेहमआनो के शोर मैं दब कर रह जाती थी....फिर एकाएक शास ने अपनी जीभ सीमा की चूत मैं पूरी घुसा दी और घुमाने लगा... सीमा के हाथ शास के सर पर आ गये.....
सीमा...के शरीर मैं सरसरहट बढ़ती जा रही थी...चूत पर शास के मूह का दबाव,,कभी क्लिट और कभी चूत के अंदर जीभ, एक ऐसे तूफान मैं.....सीमा जा चुकी थी...जहा पर बस कुछ ही दूर एक जन्नत की मंज़िल....थी...बादल फट कर पूरा पानी एक ही छलक के साथ शास के मूह मैं बरस जाने के लिए तय्यार हो चुके थे......सीमा के पूरे शरीर मैं हज़ारो बिजलियाँ एक साथ दौड़ गये आँखे बंद हो गयी....हाथो का दबाव शास के सर(हेड) पर एकाएक काफ़ी बढ़ा गया था....और एक लंबी सिसकारी ....... आआआईईईईईई.......उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ अयू......आआआआआ....आआआआआअहह ....सस्स्स्शहाआआसस्स्स्सस्स.....आआआआअ के साथ....ज्वार-भाटे से उठी लहर का सारा जाल शास के मुहा मैं भर गया....शास..नारियल..पानी..के स्वाद के साथ उसे गाटा गट पी रहा था......क्या सुगंधित था ये चूत का पानी????????????? सीमा का शरीर कुछ देर तक यू ही...आकड़ा....रहा...पिचकारी...छूटती रही.....शास पी...पी...कर मस्ती मैं भरता गया.............................................. .
शास...ने चूत चाट..चाट कर सूखा दी थी.......लकिन अभी भी सीमा की चूत से एक लेशदार (लूब्रिकेटेड) पानी निकल रहा था......सीमा के हाथों का दबाव ढीला पड़ गया.....शास...अगली मंज़िल की और....क्लिट की पूनह: जीभ का दबाव डालकर मालिश करने लगा.....शास के दोनो हाथ सीमा के मांसल जाँघो पर मालिश कर रहे थे.....सीमा के पूरे बदन मैं फिर शिहरन सी होने लगी थी.....शास...सीमा की चूत की क्लिट चाट चाट कर पहाड़ की चोटी की तरह बना रहा था......
शास...फिर से सीमा की नाभि, पैट, औट छाती को चूमने लगा...दोनो चुचियो का ताज़ा दूध पीकर मस्त हो रहा था....सीमा के बदन मैं लहरे बढ़ने लगी...और शास बारी बारी दोनो चुचियो को पीता...गया..मसलता गया....दबाता और सहलाता गया........कुछ देर बाद शास ने सीमा के रसीले होंठ अपने होंठो मैं लिए और चूसना शुरू कर दिया.....सीमा..और शास की जिभे टकराई....चूसा....मस्ती..और जोश....
शास... का मोटा और लंबा लंड...लोहे की रोड की तरह टाइट....गुलाबी सूपड़ा.... ये बात अलग थी कि अभी तक शास का गम फॉल नही हुवा था.....शास...सीमा के होंठ...गाल और गर्देन पर जिभा फेर-फेर कर सीमा की चूत की आग को और भड़का रहा था......अब सीमा...की सिसकारी फिर फूटने लगी....उउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म....आआआआआआअहह हह ........सस्शहाआअसस्स्स्स्स्स्स्सस्स............ईईईईईईई इईईईईईईईई............सीमा की टाँगे खुलने लगी....और चौड़ी...और चौड़ी......अब शास का लंड सीमा की चूत से टकराने लगा था...जिससे सीमा की उत्तजना और....और...और बढ़ती जा रही थी.....चूत..खुलने..बंद होने लगी...लंड खाने के लिए बैचेन.....
शास..ने पहली बार अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर....सीमा के चूतद्वार....पर उसे पोज़िशन दी.....टाइट,मोटा,लंबा तना हुवा लंड......चूत के दरवाजे पर रखा लंड का सूपड़ा...चूत की गर्मी को महसूस कर और चौड़ा हो रहा...था....और सीमा की चूत को खुला निमंत्रण दे रहा था..... चूत तो पहले ही लंड को खाने की फिराक मैं थी......
सीमा...शास अब अपने लंड को अंदर करो ना????? अब और सहन नही हो रहा...है....
शास ने इशारा मिलते ही लंड का दबाव सीमा की चूत पर बढ़ा दिया......लूब्रिकेटेड चूत....नशे मैं मस्त चूत....शास ने हल्का सा एक धक्का लगाया....लंड का सूपड़ा चूत मैं समा गया.....सीमा की चूत अब कुँवारी नही थी...पर चुदाई को काफ़ी दिन बीतने और शास के भारी लंड ने सीमा की एक हल्की चीखा निकलवा दी.....उउउउउउईईईम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआअ ........सस्स्स्स्स्स्शहाआआअसस्स्स्स्सस्स ....द्द्द्ध्ह्ह्हीईर्र्र्र्रीईए....सस्स्सीईए.........श आस अपने मैं मस्त....चूमता चाटता...चुचियो को मसलता....होंठो को चूमता.....शास ने थोडा पीछे होकर एक जबरदस्त धक्का....मार ही दिया.......शायद आज लंड भी बेकरार था चूत मैं घुसने के लिए......
शीमा की जूरदार चीख......ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवुउवुयियैआइयैआइयैआइयैआइयीयीयियी ईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्मममममममममममाआआआआआआमम्म्मममम एम्म्म...........सस्स्स्स्स्शहाआआआअसस्स्स्सस्स ससस्स.....आआआआआआईईईईईईहह प्पफाआद्दद्ड ह्ह्ही द्दाल्ली....आआअहह......अगर बाहर मेहमआनो...का शोर और महिला संगीत नही चल रहा होता तो सभी वही पर इक्ठ्ठा हो गये होते.....मगर शास को इतनी परवाह कहाँ.............वो तो नया खिलाड़ी था चोदने का.....उसे तो बस चोदना था........दूसरे ही पल शास का एक और जोरदार धक्का...और पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत मैं समा गया..........सीमा की की कयी चीखा एक शाथ निकल गैई
पोवर्ड बाइ आड्टल अड्वरटाइज़ हियर
शास...ने चूत को चाट..चाट कर सूखा दी थी.......लकिन अभी भी सीमा की चूत से एक लेशदार (लूब्रिकेटेड) पानी निकल रहा था......सीमा के हाथों का दबाव ढीला पड़ गया.....शास...अगली मंज़िल की ओर....क्लिट की पूनह: जीभ का दबाव डालकर मालिश करने लगा.....शास के दोनो हाथ सीमा के मांसल जाँघो पर मालिश कर रहे थे.....सीमा के पूरे बदन मैं फिर शिहरन सी होने लगी थी.....शास...सीमा की चूत की क्लिट चाट चाट कर पहाड़ की चोटी की तरह बना रहा था......
शास...फिर से सीमा की नाभि, पेट, आउट छाती को चूमने लगा...दोनो चुचियो का ताज़ा दूध पीकर मस्त हो रहा था....सीमा के बदन मैं लहरे बहने लगी...और शास बारी बारी दोनो चुचियो को पीता...गया..मसलता गया....दबाता और सहलाता गया........कुछ देर बाद शास ने सीमा के रसीले होंठ अपने होंठो मैं लिए और चूसना शुरू कर दिया.....सीमा..और शास की जिभे टकराई....चूसा....मस्ती..और जोश....
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शास..ने पहली बार अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर....सीमा के चूतद्वार....पर उसे पोज़िशन दी.....टाइट,मोटा,लंबा तना हुवा लंड......चूत के दरवाजे पर रखा लंड का सूपड़ा...चूत की गर्मी को महसूस कर और चौड़ा हो रहा...था....और सीमा की चूत को खुला निमंत्रण दे रहा था..... चूत तो पहले ही लंड को खाने की फिराक मैं थी......
सीमा...शास अब अपने लंड को अंदर करो ना????? अब और सहन नही हो रहा...है....
शास ने इशारा मिलते ही लंड का दबाव सीमा की चूत पर बढ़ा दिया......लूब्रिकेटेड चूत....नशे मैं मस्त चूत....शास ने हल्का सा एक धक्का लगाया....लंड का सूपड़ा चूत मैं समा गया.....सीमा की चूत अब कुँवारी नही थी...पर चुदाई को काफ़ी दिन बीतने और शास के भारी लंड ने सीमा की एक हल्की चीखा निकलवा दी.....उउउउउउईईईम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआअ ........सस्स्स्स्स्स्शहाआआअसस्स्स्स्सस्स ....द्दद्धीईरररररीईए....सस्स्सीईए.........श आस अपने मैं मस्त....चूमता चाटता...चुचियो को मसलता....होंठो को चूमता.....शास ने तोड़ा पीछे होकर एक जबरदस्त धक्का....मार ही दिया.......सायेड आज लंड भी बेकरार था छूट मैं घुसने के लिए......
शीमा की जूरदार चीखा......उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउइईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्मममममममममममाआआआआआआमम्म्मममम एम्म्म...........सस्स्स्स्स्शहाआआआअसस्स्स्सस्स ससस्स.....आआआआआआईईईईईईहह प्पफाआद्दद्ड ह्ह्ही द्दाल्ली....आआअहह......अगर बाहर मेहमानो...का शोर और महिला संगीत नही चल रहा होता तो सभी वही पर इकठ्ठा हो गये होते.....मगर शास को इतनी परवाह कहाँ.............वो तो नया खिलाड़ी था चोदने का.....उसे तो बस चोदना था........दूसरे ही पल शास का एक और जोरदार धक्का...और पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत मैं समा गया..........सीमा की कई चीख एक शाथ.निकल गैई............
सीमा की चीखूं की आवाज़ ढोल.भांगदे की आवाज़ मैं दब कर रह गई......उउउउउउउउउईईईईईईईईईईईए......... ................आआआआआआआआऐईईईईईई आआआआआआआआअहहीए ईईईंमम्ममममममममममाआआआआआआआअम्म्म्मममममीईए ईईईई...............सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शहााआअ आआसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.............फाड़...........ह ई...द्दाल्लीइीईईईईईई.............ईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईकककककककककचह............मगर शास अपनी चुचिया पीने मैं मस्त.......और सीमा की आँखों से पानी निकल आया था.....सीमा धीरे धीरे कुछ सामान्य हूई तो शास को चुचियाँ पीने मैं मस्त देखकर दर्द को भूलकर मन्दिम सी मुस्कुरा दी...........सीमा ने शास का चेहरा अपनी और किया और शास के होंठ चूम लिए...........बड़े ही मस्त चोदू हो....शास.........सीमा बुदबुदाई.......मगर शास फीर अपनी चुचियाँ पीने मैं मस्त हो गया...............
सीमा.....शास चुचियाँ ही पीते रहोगे या कुछ और भी करोगे????????????
शास... बोलो दीदी क्या करना है.??????????? क्या धक्के मारना शुरू कर दूँ...??????
सीमा...शास क्या तुम्हे चुदाई करने मैं मज़ा नही आता है........????????????
शास...अच्छा तो लगता है पर मज़ा तो अभी नही आया.................
सीमा...तुमने पहले भी किशी की चुदाई की है.............?????????
शास...हा दीदी एक बार....तभी..तो तुम्हे...चोद रहा हूँ.....?????????
सीमा...किसे चोदा था .....????????
शास...नही दीदी संतोष बूवा ने किसी को बताने से मना किया था...
सीमा...मुस्कुरा दी...अच्छा तो तूने पहेले संतोष बूवा को चोदा है...????????
शास...आपको कैसे पता चला दीदी...........???????????
सीमा...बुद्धू कही का.......और शास के होंठ चूम लिए......शास के दोनो हाथ अभी भी सीमा की दोनो चुचियों से सहला और मसल कर खेल रहे थे.....सीमा की साँसे अभी भी तेज तेज चल रही थी...........सीमा के हाथ शास की कमर पर कस गये....शास समझ गया की चुदाई शुरू करनी है....और उसने धक्के मारने शुरू कर दिए.............सीमा के हाथ धीरे.धीरे शास के चूटरों पर आ गये थे....और वे शास के धक्को को स्पीड देने मैं सहयोग कर रहे थे.....स्पीड बढ़ती जा रही थी....लगभग 20-25 मिनूत्स की चुदाई के बाद .. शीमा सातेवे आसमान पर शोर कर रही थे......सीमा के सरीर मैं खिचाव सा आने लगा था....
शास...दीदी मुझे कुछ हो रहा है......आआआआहह दीदी.....मेरे अंदर कुछ हो रहा है....मेरे लंड मैं कुछ खिच सा रहा है.....
सीमा....और तेज शास.....और ज़ोर से चोदो.......मैं जा रही हूँ चोदो...और चोदो........और सीमा..की आँखे बंद हो गई उसके हाथ.......शास की केमर पर ज़ोर से बँध गये.....चोदो..शास चोदो और ज़ोर से.....मैं गयी शास........ऊवूऊवूयूवूवम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मायायायीययाया आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईउउउउउउउउउ उूऊउईईईईईईईईईई........
और सीमा की चूत मैं पानी का फ़ौवारा छूट गया......उसने शास को और ज़ोर से भींच लिया...... तभी........
शास...दीदी मेरी आँखे बंद हो रही है....मुझे कुछ हो रहा है मेरे सरीर मैं से कुछ निकल रहा है.......उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआअ अहछद्द्द्द्द्ददडिईईईईईईईईईईईईईईईययड्डी ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआआआआअहीईई ईईई.........और शास का पहली बार वीर्य (गुम) की बस एक दो बूँद ही सीमा की चूत मैं गिरी थी......शास ने सीमा को और ज़ोर से अपनी बाहो मैं जाकड़ लिया था...........आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउ उम्म्म्मममममममममके साथ शास सीमा के बदन से चिपक गया...............दोस्तो अभी कहानी बाकी है आगे शाश ने किस किस की चुदाई की ये जानने के लिए अगले भाग का इंतजार करें