आरती की वासना compleet

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rajaarkey
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Re: आरती की वासना

Unread post by rajaarkey » 22 Oct 2014 05:30

जसवंत पूजा के मम्मे मसलते हुए मंगल को नीचे लेटने के लिए बोला तो मंगल पूजा को अपने ऊपर लेके लेट गया। जसवंत ने पूजा की टाँगें फैला के अपने हाथों से पूजा चूत खोली। उसकी गीली गुलाबी चूत देख के जसवंत खुश हुआ और अपना राजपुताना लंड पूजा की कम्सिन चूत पे रख के बेरहमी से पूजा के मम्मे मसलते हुए अपना लंड पूजा की चूत में घुसाने लगा। जसवंत के बड़े लंड से पूजा को थोड़ी तकलीफ हुई लेकिन उसके मम्मों के मसले जाने से और गाँड में लंड के धक्कों की वजह से वो दर्द उसे ज्यादा महसूस नहीं हुआ। जसवंत आधा लंड उसकी चूत में घुसा के बोला, “छिनाल... साली... तेरी माँ की चूत... हरामी राँड... अब कैसे खुल के चुदवा रही है। तेरी माँ की चूत चोदूँ... साली कितना नाटक कर रही थी और अब मज़े ले रही है २-२ मर्दों से... बहनचोद आज तेरी चूत और गाँड फाड़के रख देंगे हम दोनों।”

जसवंत ने पूजा की गरम गीली और टाईट चूत में लंड घुसा के धक्के पे धक्का मारके पूरा लौड़ा अंदर घुसेड़ दिया और पूजा के निप्पल खींचते हुए बोला, “ले साली पूजा रंडी... मेरा लौड़ा ले... कसम से तेरे जैसी कम्सिन माल आज पहली बार चोद रहा हूँ। बहनचोद तेरी जैसी लड़की मिले तो काम छोड़के दिन रात सिर्फ़ तुझे ही चोदता रहूँगा।” दोनों मर्द बड़ी बेरहमी से पूजा के बदन से खेलते हुए उसको चोद रहे थे। मंगल तो ज़ोरदार धक्कों से पूजा की गाँड मार रहा था। पूजा जसवंत के मुँह से अपने लिए और अपनी माँ के लिए गंदी गालियाँ सुनके और उत्तेजित हो गयी। अपनी कमर आगे पीछे करके चुदवाती हुई पूजा बोली, “आओ जसवंत सर... मेरे राजा... मेरे बदन के नए मालिक... आओ अपनी इस नई सैक्सी चुदास राँड की चूत में डालो अपना लौड़ा... उउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्‌फ्फ.... जसवंत... हाँ ऊँऊँऊँऊँ.... और डालो राजाआआआ... फाड़ डालो मेरी चूत और मंगल तू ऐसे ही मार मेरी गाँड... ऐसा मस्त तो राजेश और वैभव भी नहीं चोदते मुझे... सर आप और मंगल मुझे जितनी चाहे उतनी गालियाँ दो लेकिन मेरी माँ को क्यों गालियाँ दे रहे हो?”

अब पूजा की गाँड में मंगल का मोटा लंड और चूत में जसवंत का तगड़ा राजपुताना लौड़ा कयामत ढा रहे थे। दोनों वहशियों की तरह पूजा को अपने बदन के बीच रख के बड़ी बेरहमी से एक रास्ते की रंडी जैसे चोद रहे थे। अब मंगल नीचे से पूजा की गाँड मारते-मारते उसके मम्मे बेरहमी से मसलते हुए बोला, “कुत्तिया राँड... जसवंत सर और मैं जो गालियाँ चाहेंगे वो देंगे... तेरी माँ की भी गाँड मारूँ छिनाल... तेरी माँ को गधे के लंड से चुदवाऊँ... हमें तू मत सिखा कि तुझसे कैसे बर्ताव करना है... ऐसे तगड़े लंड मिले हैं तो हमसे गालियाँ खाके चुदवा। हम तुझे और तेरी माँ को जो दिल में आये वो गालियाँ देंगे समझी रखैल?”

जसवंत अब चोदते-चोदते झड़ने के करीब था। इसलिए उसने अपना लंड पूजा की चूत से निकाला और उसके सीने पे बैठ के पूजा का मुँह खोलके अपना लंड उसमें घुसा के बोला “हाय... सालीईईईईई राँड... तेरीईईई माँ की चूत.... ये ली... चूस मेरा लौड़ा छिनाल और ले पी मेरा पानी।” पूजा जसवंत का लंड अपने हाथ में पकड़ के अपने मुँह में ज़ोर से चूसने लगी। जसवंत भी जोश में आ के पूजा के मम्मे बेरहमी से दबाते हुए पूजा का मुँह चोदने लगा और ८-१० धक्कों में झड़ने लगा। झड़ते-झड़ते जसवंत ने पूरा लंड पूजा के मुँह में घुसा दिया। उसके लंड का पानी पूजा के हलक तक गया और पूजा ने वो पानी आहिस्ता-आहिस्ता पी डाला। अपना पूरा पानी पूजा के मुँह मै छोड़के जसवंत ने लंड पूजा के मुँह से निकाला और सोफ़े पे बैठ के पूजा और मंगल की चुदाई देखने लगा। इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

जसवंत के झड़ने के बाद और उसका पूरा पानी पीने के बाद पूजा पूरी तरह गाँड खोल के मंगल से चुदवानी लगी। हाथ पीछे डाल के वो मंगल की कमर सहलाते हुए बोली, “मंगल चोद साले हरामी... मेरी गाँड... तेरी बहुत दिनों से नज़र थी ना मुझ पे... साले मार मेरी गाँड... जसवंत सर आप प्लीज़ मेरी चुचियों को मसलते हुए उनको चूसो... जब मंगल मेरी गाँड में झड़ेगा तब मुझे अपनी चुचियाँ आपके मुँह में चाहिए... प्लीज़ आओ ना सर...” पूजा ने बेशरम हो के अपने मम्मे उठा के जसवंत की तरफ़ कर दिए। जसवंत भी इस गरम लड़की की हिम्मत देखके खुश हुआ। वो सोफ़े पे बैठ के पूजा को पास आने को बोला तो मंगल पूजा को खड़ी करके कुत्तिया के पोज़ में उसकी गाँड मारने लगा। पूजा सोफ़े को पकड़ के झुक गयी जिससे उसके मम्मे जसवंत के मुँह में अपने आप आ गये और वो पूजा की चूचियाँ बारी-बारी मसलके चूसने लगा।

मंगल अब बड़े ज़ोरों से पूजा की गाँड चोदने लगा। धक्कों पे धक्के मारते-मारते वो तो जैसे पूजा की गाँड को ड्रिल करते हुए बोला, “तेरी माँ की चूत... हरामी राँड... राजेश और वैभव से चुदवाती है और हम से नखरा कर रही थी... साली जब से गाँड और चूत में हमारे लंड लिए तब से बड़ी मस्त हो रही है ना छिनाल...? तेरी माँ को चोदूँ साली... अब देख कैसे गाँड पीछे करके मरवा रही है और जसवंत सर से छिनाल जैसी अपने मम्मे चुसवा रही है... कसम से पूजा आज से मैं तुझे अपनी रंडी बनाके रखुँगा। तू है इतनी मस्त माल कि साली बार-बार तुझे चोदने को दिल करता रहेगा। ये ले... और ले... और ले मेरा लौड़ा अपनी गाँड में मादरचोद... आज तेरी गाँड को बताता हूँ कि राजपुताना लंड कैसे चोदता है तेरी जैसी छिनाल लड़की को।”

जसवंत ने पूजा के मम्मे चूसते हुए उसकी चूत में अँगुली डाल दी और पूजा भी छिनाल जैसी जसवंत का लंड सहलाती हुई बोली, “हाँ साले जैसे कि मुझे मालूम ही नहीं कि राजपुताना लौड़े लड़की की चूत और गाँड कैसे चोदते हैं... अरे मैं ३ साल से राजेश और वैभव से चुदवा रही हूँ समझा? वो दोनों राजपूत भी साले... पूरी बेरहमी से मेरी चूत और गाँड मारते हैं पर मंगल तेरे और जसवंत सर के लंड में जो मज़ा आया वो मज़ा उनमें नहीं... तुम्हारे इन मोटे लम्बे लंडों के लिए मैं हमेशा के लिए तुम्हारी रंडी बनने को तैयार हूँ। तुम दोनों जब... जहाँ और जैसे चाहो... मुझे चोदो... मैं खुशी-खुशी तुमसे चुदवाउँगी मेरे राजा... आज के बाद मैं तुम दोनों की राँड बनके रहूँगी। मंगल तुझे कैसा लगा मेरा यह बदन और मेरी गाँड राजा?”

पूजा की बातें सुनके मंगल उसकी गाँड पे थप्पड़ मारते हुए पूजा को चोदने लगा और जसवंत उसके निप्पल चबाते हुए चूसने लगा। पूजा दर्द और वासना से बेहाल होके चुदवा रही थी। वो दोनों गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए पूजा को छिनाल जैसे चोद रहे थे। जब जसवंत ने ज़रा ज़ोर से पूजा के निप्पल को चबाया तो दर्द से पूजा बोली. “ऊउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ.... जसवंत साले हरामीईईई... आराम से चबा न मेरा निप्पल... बहुत दर्द हो रहा है मुझे...।” पूजा के मुँह से अपने लिए गालियाँ सुनके जसवंत फिर से उसके निप्पल चबाते-चबाते चूसने लगा।


rajaarkey
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Re: आरती की वासना

Unread post by rajaarkey » 22 Oct 2014 05:30

मंगल से गाँड पे हो रहे लगातार हमले और जसवंत से बेरहमी से निप्पल चूसवाने से अब पूजा भी झड़ने के करीब थी। वो सोफ़ा ज़ोर से पकड़के मंगल को और ज़ोर से गाँड मारने के लिए बोली। अब मंगल भी झड़ने के करीब था। वो एक हाथ की अँगुली पूजा की चूत में घुसा के पीछे से पूजा की गाँड में ज़ोरदार धक्के मारते हुए बोला, “ये ले साली... मादरचोद चूत... अब मैं तेरी गाँड में अपना पानी छोड़ुँगा। तेरी माँ को चोदूँ राँड... तू एकदम लाजवाब छिनाल है साली... मुझे पता है तू चुदवाती है मगर तेरा बदन अभी भी बहुत टाईट है... बड़ी गज़ब की चीज़ है तू पूजा... ले मैं आयाआआआआ..... पूजाआआआआआ....।”

मंगल अपना पूरा लंड पूजा की गाँड में जड़ तक घुसा के झड़ने लगा और साथ ही अँगुली से अपनी चूत चुदवाती हुई पूजा भी झड़ने लगी। जसवंत आगे से पूजा को कसके पकड़ के उसके मम्मे चूस रहा था और पीछे से मंगल पूजा की गाँड में लंड घुसेड़े झड़ रहा था। पूजा की चूत ने भी झड़ते हुए अपना पानी छोड़ दिया जिससे मंगल का पूरा हाथ गीला हो गया।

जब सबकी साँसें सामान्य हुईं तो मंगल ने पूजा की गाँड से अपना लंड निकाला और उसके लंड का पानी पूजा की गाँड से निकल के पूजा की जाँघों से नीचे बहने लगा। पूजा ने खड़ी होके एक अँगड़ाई ली और जा के एक टॉवल लायी और बड़े प्यार से मंगल का लंड साफ़ किया। फिर मंगल ने भी उसी टॉवल से पूजा की चूत और गाँड भी पोंछी। तीनों ने ठंडा पानी पीया और फिर नंगे ही हॉल में ज़मीन पे बैठ गये। इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

पूजा के साथ पूरी मस्ती करने के बाद जसवंत ने पेशाब करने के बहाने से बाथरूम में जाके मोबाइल से आरती को फोन करके घर आने को कहा। उन दोनों में यही तय हुआ था कि आरती अपनी बेटी को इन दोनों मर्दों से चुदवाती देख गुस्सा हो के उनको और अपनी बेटी को भला बुरा कहेगी और फिर जसवंत आरती के सामने पूजा को मसल के आरती को सब बतायेगा। पूजा के कम्सिन जिस्म को जी भर के चोदने के बाद भी जसवंत ने पूजा को बीच में बिठाया और दोनों मर्द बार-बार पूजा के बदन से खेलते- खेलते बातें करने लगे और पूजा के मम्मे और जाँघें सहलाने लगे। पूजा बेशरम हो के जसवंत और मंगल के साथ सिर्फ काले हाई हील के सैंडल पहने नंगी ही बैठी थी। उसे अब ज़रा भी शरम नहीं लग रही थी। मंगल का सिर अपने सीने पे दबाती हुई और जसवंत को किस करती हुई वो बोली, “जसवंत सर, आज पहली बार किसी मर्द से चुदाई का मज़ा मिला है। मैं राजेश और वैभव से चुदवाती थी लेकिन तुम दोनों के लंड के सामने उनके लंड कुछ भी नहीं। आप दोनों ने तो मेरा बदन झँझोड़ के रख दिया। सर अब तो मैंने आपका हर कहा माना... जैसे आपने कहा वैसे चुदवाया... और आगे चलके जैसे आप कहेंगे मैं करूँगी... लेकिन अब तो आप मुझे पास करेंगे ना?”

मंगल हल्के से पूजा का निप्पल चबाते हुए बोला, “तेरी माँ की चूत... साली... सौदा करती है क्या? अरे साली अब तुझे पास नहीं किया तो क्या झाँट उखाड़ेगी हमारी...? बहनचोद साली... कॉलेज में मेरे सामने जितने नाटक किए... उनका पूरा हिसाब लेने के बाद ही तुझे पास करने की सोचेंगे समझी? कॉलेज में तेरी गाँड बहुत बार सहलाने के बाद मुठ मारी थी मैंने... सोचा था एक दिन तेरा रेप करूँगा, पर आज हमसे चुदवा के तूने खुद को बचा लिया राँड।” पूजा ने इस बात पे झुक के मंगल का मुर्झाया लंड पकड़ के उसे एक बार पूरा चूसा और फिर बोली, “उफ्फ मंगल... कितना चाहता है तू मुझे। अगर मुझे पता होता कि तेरे और जसवंत सर के साथ चुदाई करके इतना मज़ा मिलेगा तो मैं उन दोनों को कब का छोड़ देती और तुम से ही चुदवाती। पर कोई बात नहीं... अब तो मैं तुम्हारी रंडी बन ही गयी हूँ... अब चाहे तुम मुझे प्यार से चोदो या बेरहमी से गंदी गालियाँ देके... मैं कोई शिकायत का मौका नहीं दूँगी तुमको। अब मैं पास हो जाऊँ या फेल... उसकी भी परवाह नहीं है मुझे।”

rajaarkey
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Re: आरती की वासना

Unread post by rajaarkey » 22 Oct 2014 05:31

जसवंत उठ के सोफे पे बैठ गया और उसने पूजा को अपनी गोद में खींच लिया। पूजा को जसवंत का लंड अपनी गाँड पे महसूस हुआ। जब जसवंत ने उसकी चूचियों से खेलना शुरू किया तो मंगल ने भी पूजा के सामने खड़े हो कर उसे अपना लंड पेश किया। पूजा ने भी बड़ी लालसा से उसका लंड पकड़ लिया और उसे सहलाते हुए उसका सुपाड़ा चूमने के बाद अपने मुँह में डाल के चूसने लगी। तीनों का एक और चुदाई का सफर शुरू हो गया और उसी क्षण आरती ने दरवाजा खोल के हॉल में प्रवेश किया। पूजा को उन दोनों मर्दों के साथ बिल्कुल नंगी देख के वो बहुत खुश हुई। पूजा पूरे जोश के साथ मंगल का लंड चूसते हुए अपनी गाँड जसवंत के लंड पे रगड़ रही थी और जसवंत के हाथ पूजा के मम्मे मसल रहे थे। यह देख कर आरती को दो दिन पहले की इन दोनों मर्दों की साथ की गयी महा-चुदाई याद आ गयी और आरती का हाथ खुद-ब-खुद साड़ी के ऊपर से चूत सहलाने लगा। आरती ने काले रंग की नेट की साड़ी, स्लीव-लेस ब्लाउज़ और सढ़े चार इन्च ऊँची हील के सैंडल पहने हुए थी। आरती ने ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि उसे अपने नंगी चूचियों पे ब्लाउज़ के कपड़े का कोमल स्पर्श बहुत अच्छा लगता था। जैसा कि पूजा ने सोचा था... आरती ने क्लब में अपनी सहेलियों के साथ ताश खेलते हुए शराब पी थी और वो थोड़ी नशे में थी पर आज उतने नशे में भी नहीं थी कि खुद को सम्भाल न सके।

वापस होश में आते हुए उसने अपनी चूत पे से अपना हाथ हटाया और उनके पास जा के मंगल को पूजा सी दूर हटाते हुए चिल्लाई, “पूजा यह क्या कर रही हो तुम...? बेशरम लड़की... मैं घर से क्या गयी... तू यह सब करने लगी? तुझे शरम नहीं आती है पढ़ाई-लिखाई की उम्र में यह सब करती है और वो भी एक साथ दो-दो मर्दों के साथ...? कौन हो तुम दोनों...?” पूजा आरती के गुस्से को देख के बहुत डर गयी। आरती के मुँह से व्हिस्की की गन्ध आ रही थी। पूजा इन दो मर्दों के साथ ऐसी अवस्था में पकड़े जाने से बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रही थी। पूजा खड़ी हुई और घबराती हुई बोली, “मम्मी यह... यह मेरे कॉलेज के सर हैं और यह चपड़ासी। वो बात ऐसी है ना कि.......।” अब पूजा नंगी ही जसवंत और मंगल के बीच में खड़ी थी। आरती और गुस्सा में दहाड़ी, “यह साले दोनों भड़वे कोई भी होंगे... मुझे उससे क्या...? लेकिन नालायक तू क्यों इनके सामने नंगी होके दोनों से एक साथ चुदवा रही है?”

अपनी माँ के मुँह से यह गंदी बात सुनके पूजा और भी शरमा गयी। इधर आरती की चूत जसवंत और मंगल के लंड देख के मचल रही थी और आरती मन कर रहा था कि अभी नंगी हो के फिर उनसे चुदवा लूँ। लेकिन उसने अपने दिल पे काबू रखा और झूठे गुस्से से सबको देखने लगी। पूजा के पीछे से जसवंत ने हाथ के इशारे से उसे कहा कि वो अच्छा नाटक कर रही है। अब जसवंत पूजा के पीछे से नंगा ही आरती के पास आके बोला, “आप इसकी माँ हो ना? देखिए आपकी बेटी क्लास में पढ़ाई ठीक से नहीं कर रही है... इसलिए हम उसे समझाने आये हैं... आपकी बेटी इस साल भी फेल होने जा रही है... ये पढ़ाई में कमज़ोर है... आप चाहें तो मैं इसको रोज़ एक घँटा पढ़ा सकता हूँ... आप इसकी माँ हैं... आप सोच लीजिए।” आरती जसवंत का नंगा लंड देख के और बेहाल हो गयी। जसवंत ऐसे खड़ा था कि पूजा को आरती दिख नहीं रही थी। तब आरती हल्के से जसवंत को आँख मारते हुए बोली, “उम्र में इतने बड़े हो के एक कमसिन लड़की के साथ यह सब करने में शरम नहीं आयी तुमको...? उसे इस तरह से पढ़ा के पास करेंगे आप...? अब मैं आपकी शिकायत करूँगी कॉलेज बोर्ड से... समझे?”इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

जसवंत वैसे ही आरती के सामने अपने नंगे लंड को हाथ में ले के दूसरा हाथ आरती के कँधे पे रख कर बोला, “सुनो मैडम... आपकी बेटी के मार्क्स और चाल-चलन अच्छा नहीं है... इसलिए वैसे भी कॉलेज बोर्ड ने उसे निकालने का फ़ैसला किया था। फैसला लेने के पहले आखिरी बार मैं इसे समझाने आया और फिर इसकी जवानी देखके इसे चोदने का दिल हुआ और कॉलेज से ना निकालने के बदले इसे चोद दिया। अब आप कॉलेज बोर्ड से शिकायत भी करोगी तो कोई आपकी बात नहीं मानने वाला... इसलिए आप सब भूल जाओ।” आरती जसवंत की इस बात पे कुछ नहीं बोली लेकिन दिल ही दिल में वो जसवंत का लंड मसलना चाह रही थी। लंड सहलाते जसवंत को अपनी माँ के कँधे पे हाथ रखे देख पूजा को आश्चर्य हुआ। उसने झुक के वहाँ पड़ी टॉवेल उठाके अपना जिस्म ढक लिया।

जब पूजा झुकी तो मंगल पूजा की गाँड सहलाने लगा और दूसरे हाथ से अब वो भी जसवंत की तरह अपना लंड आरती के सामने मसलने लगा। इन दो मर्दों को अपने सामने अपने नंगे लंड सहलाते और मंगल को उसकी बेटी की गाँड मसलते देख आरती की चूत भी गीली हो गयी और उसके निप्पल खड़े हो गये। वो अनजाने में अपने हाथ से अपनी एक चूंची सहलाने लगी लेकिन फिर हाथ नीचे कर के मंगल को गुस्से से बोली, “साले हरामी... मेरे सामने अपने आप से खेलते और मेरी बेटी को छूते हुए तुझे शरम नहीं आती...? बड़ा नालायक आदमी है तू... घर में माँ बहन है कि नहीं?”

पूजा हैरानी से देखने लगी कि इतना होने के बाद भी उसकी माँ इन दो मर्दों को घर से निकल जाने के लिए नहीं बोल रही है बल्कि उनका नंगापन देखती हुई बात कर रही है उनसे। पूजा अब आरती के पास आके उसको हल्के से बोली, “मम्मी प्लीज़ आप ऐसा कुछ मत करना नहीं तो जसवंत सर मुझे कॉलेज से निकाल देंगे... वैसे भी अगर मेरी यह बात सबको मालूम हो गयी तो हमारी कितनी बदनामी होगी... प्लीज़ अब यह बात ज्यादा मत बढ़ाओ नहीं तो मैं बर्बाद हो जाऊँगी... अब तो ऐसा करने के बाद सर ने मुझे पास भी करने का वादा किया है... है ना जसवंत सर...?” जसवंत ने भी आरती की मस्त गाँड देखते हुए हाँ कहा। आरती ने साड़ी बहुत टाईट बाँधी थी और साथ ही इतनी ऊँची हील के सैंडलों के कारण उसकी गाँड बहुत ही स्पष्ट तरह से बाहर को उघड़ रही थी। तब मंगल ने आगे आके पूजा की कमर में हाथ डाला और दूसरे हाथ से आरती के सामने बिंदास आपना लंड मसलते हुए बोला, “सुन मैडम... तेरी बेटी हमसे फ्री में नहीं चुदवा रही है... इसकी जवनी चोदने के बदले हम इसे पास करने वाले हैं और इसका कॉलेज से निकलना भी रुकवा रहे हैं... वैसे भी तेरी बेटी कॉलेज के दो लड़कों से साथ चुदवाती है... समझी? तेरी पूजा उन दो लड़कों की रंडी थी और अब हम दोनों की रंडी बन गयी है... हमसे चुदवाके इसने अपनी तरक्की करवा ली है... अब मुझे या जसवंत सर को गाली दी या कुछ उल्टा-सीधा बोली तो साली तुझे भी तेरी बेटी जैसे चोदेंगे। बहन कि चूत तेरी... कुत्तिया... साली दारू पे के आयी है... अब नशे में ज्यादा नाटक मत कर तू हमारे सामने... तुझे हम तेरी बेटी जैसी छिनाल बनायेंगे और साली बेवड़ी... कुत्तों से चुदवायेंगे तुझे... याद रख।”

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