खिलोना compleet

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raj..
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Re: खिलोना

Unread post by raj.. » 22 Oct 2014 08:23

खिलोना पार्ट--2

जब रवि से वो 2 दिन बाद मिली तो ना चाहते हुए भी उसके दिल की बेताबी & उस लड़की से जलन उसकी बातो मे झलने लगी.,"क्या बात है,रीमा?आज इतने खराब मूड मे क्यू हो,सब ठीक तो है?"

"सब ठीक है.तुम्हे मेरे मूड से क्या?तुम तो जब मर्ज़ी हो मिलो जब मर्ज़ी हो मना कर दो."

"अरे मैने कब मना किया मिलने से?"

"परसो नही किया?सेंट्रल मार्केट घूमने का टाइम था पर मुझसे मिलने का नही.10 दीनो से तुम्हारी राह देख रही थी & तुम्हारे पास तो टाइम ही नही था ना!"

"अरे उस दिन तो मैं अपना प्रॉजेक्ट टाइप करवाने वाहा गया था.पूरा दिन प्रॉजेक्ट प्रिपेर कर सब्मिट करने मे लग गया."

"अच्छा!अपनी गर्लफ्रेंड के साथ घूम रहे थे तुम.मुझे बटन नही चाहते तो मत बताओ पर झूठ तो मत बोलो!"

"गर्लफ्रेंड?..",रवि ने हैरत से देखा.फिर जैसे उसे कुच्छ याद आया,"अच्छा!वो...निकी...मेरी गर्लफ्रेंड...हा...हा..हा!"रवि ज़ोर से हँसने लगा.रीमा उसे कुछ गुस्से,कुछ हैरत से देख रही थी.

"वो निकी है मेरी बचपन & मेरी प्रॉजेक्ट पार्ट्नर & उसका ऑलरेडी बाय्फ्रेंड है-विवेक.तुम भी ना,रीमा!",रवि ने अपनी हँसी पे काबू किया.

रीमा को अपनी बेवकूफी पे बड़ी शर्म & गुस्सा आया.,"सॉरी..वो मैं..."

"कोई बात नही?",चलो कोक पीते हैं."

"..तो तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नही है,रवि?",रीमा ने स्ट्रॉ से कोक का घूँट भरा.

नही...पर 1 लड़की है जो मुझे बहुत अच्छी लगती है."

"अच्छा...कौन है?",रीमा का दिल धड़कने लगा.

"है कोई.बताऊँगा तुम्हे जब उस से दिल की बात कहूँगा & मान गयी तो मिलवाऊंगा भी.अब छ्चोड़ो ये बातें चलो कुच्छ खाते हैं."

रवि से अगली मुलाकात 2 दिन बाद हुई & इन 2 दीनो रीमा यही सोचती रही कि रवि किस लड़की के बारे मे बात कर रहा था.उस दिन रवि ने उसे उसके मन मे चल रहे इस सवाल का जवाब भी दे दिया.

उस दिन दोनो उस पार्क मे घूमते हुए 1 थोड़े शांत हिस्से मे आ गये थे.

"रीमा."

"ह्म्म."

"तुम अपने जज़्बात चेहरे पे नही आने देती,सब अपने दिल मे दबा के रखती हो.अभी मैं तुमसे कुच्छ पूच्हूंगा तो उसका जवाब फ़ौरन देना,बात बुरी लगे तो मुझे 1 चांटा रसीद कर देना पर कोई ना कोई रिक्षन तुरंत देना प्लीज़!"

"रवि,क्या कह रहे हो?मुझे कुच्छ समझ नही आ रहा."

"रीमा,आज तक मैं तुम्हारे जैसी लड़की से नही मिला.तुम्हारे साथ बातें करने,वक़्त बिताने मे मुझा कितना सुकून मिलता है,तुम सोच भी नही सकती.अब तो तुम्हारे बिना ज़िंदगी के तो अब मैं सोच भी नही सकता.मैं तुमसे प्यार करने लगा हू,रीमा & अपनी सारी ज़िंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हू.क्या तुम मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बनोगी?,रवि ने उसके दोनो हाथ अपने हाथो मे ले उसकी आँखो मे झाँकते हुए पूचछा.

रीमा के माथे पे पसीना छल्छला आया & दिल ज़ोरो से धड़कने लगा.वो भी तो यही चाहती थी तो अब बोल क्यू नही पा रही थी..."रवि...मैं..."

"बोलो ना,रीमा!"

"तुम...इतने...अच्छे परिवार से हो....तुम्हारे पिता मानेंगे?"

"इसका मतलब तुम हा कह रही हो."

शर्म से रीमा के गाल लाल हो गये.

"1 बार बोलो रीमा.जब तक तुम जवाब नही दोगि मेरे दिल को चैन नही पड़ेगा."

"हा.",रीमा ने सर झुका कर धीरे से कहा.

रवि ने उसका चेहरा अपने हाथो मे भर कर उपर किया तो उसने शर्म से आँखे बंद कर ली.रवि ने उसका माथा चूम उसे बाहों मे भरा तो वो भी उस से लिपट गयी.

पर रीमा का डर सच साबित हुआ,रवि के पिता दोनो की शादी के लिए नही माने.रीमा से प्यार के इज़हार के कोई 6 महीने बाद रवि की नौकरी मेट्रोपोलिटन बॅंक के लोन्स डिविषन मे लग गयी तो उसने अपने पिता को रीमा के बारे मे बताया था पर उन्होने उसे साफ कह दिया कि या तो वो रीमा को चुने या उनको.रवि ने रीमा को चुना.

raj..
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Re: खिलोना

Unread post by raj.. » 22 Oct 2014 08:23

रीमा चाहती तो नही थी की उसके कारण रवि को अपने पिता से दूर होना पड़ा पर रवि नही माना,उसने बॅंगलुर मे अपनी पहली पोस्टिंग जाय्न करने के 1 महीने के अंदर ही रीमा से कोर्ट मे शादी कर ली.शादी मे उनके सभी दोस्त & मौसी शामिल हुए थे.वो रीमा की ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था.

शवर बंद कर तौलिए से अपना बदन पोंच्छ रीमा ने टवल को अपने जिस्म पे लपेटा & बाहर अपने बेडरूम मे आ गयी.कमर तक लहराते काले,घने बालों से घिरा उसका चेहरा जिसपे दो काली-2,बड़ी-2 आँखें चमक रही थी,कुच्छ ज़्यादा ही सुंदर लग रहा था.उसके दिल की खुशी ने उसके रूप को और भी निखार दिया था.

शीशे के सामने खड़ी हो रीमा ने तौलिया हटा दिया & उसमे अपने नंगे जिस्म को निहारने लगी.उसने गौर किया था की शादी के बाद उसमे 2 बड़े बदलाव आए थे.पहला तो ये की वो अब थोड़ा और खुल कर बात करती थी & हँसती थी.अपने दिल मे अपने जज़्बात दबाना तो वो अब भूल सी गयी थी.और दूसरा ये की उसका साइज़ 2 इंच बढ़ गया था.

ये रवि की मेहेरबानी थी,हर रात उसके साथ वो कमसे कम 2 बार उसे चोद्ता था.रीमा का 32-26-34 फिगर अब 34-28-36 हो गया था.वो शुरू से ही 1 भरे शरीर की मलिका थी,और अब तो उसका जिस्म और भी नशीला हो गया था.शीशे मे देखते हुए वो अपने शफ्फाक़ गोरे जिस्म पे हाथ फेरने लगी.

उसकी 34द साइज़ की चूचिया बिल्कुल कसी हुई थी & उनपे 2 गुलाबी रंग के निपल्स चमक रहे थे.जब भी वो ब्रा खरीदने जाती रवि कहता कि उसे ब्रा की ज़रूरत ही नही है,उसकी चुचियाँ तो ऐसे ही इतनी कसी हुई हैं.बिल्कुल सच कहना था रवि का.केवल चुचियाँ ही नही रीमा का पूरा जिस्म एकद्ूम कसा हुआ था.उसके हाथ उसके सीने से नीचे उसके सपाट पेट से फिसलते हुए उसकी गहरी नाभि पे आ गये,और वाहा से उसकी कमर पे.

रीमा ने नीचे का बदन घुमा कर अपनी भारी गंद को शीशे की ओर किया.उसकी गंद रवि को बहुत पसंद थी & चुदाई के अलावा भी वो उसे सहलाने या दबाने का कोई मौका नही छ्चोड़ता था.कभी-2 वो जब मार्केट या किसी और पब्लिक प्लेस मे उसकी गंद को लोगो की नज़र बचा सहला देता तो उसके गाल शर्म से लाल हो जाते.

उसने बदन सीधा कर अपनी भारी जाँघो को देखा & फिर उसकी नज़र गयी उनके बीच उसकी प्यारी,गुलाबी,चिकनी चूत पे जिसपे 1 बॉल भी नही था.1 साल से वो रोज़ रात को रवि से चुदती थी,बस इधर पिच्छाले एक-आध महीने से ये सिलसिला थोड़ा गड़बड़ा गया था & वो रोज़ के बजाय 2-3 दीनो मे 1 बार उसकी चुदाई करने लगा था.पता नही कौन सी बात उसे परेशान कर रही थी.रीमा ने सोच लिया था कि वो रवि से इस बात का कारण पुच्छ के रहेगी.

ख़यालो मे डूबे हुए कब उसका हाथ उसकी चूत को सहलाने लगा,उसे पता ही ना चला.जब होश आया तो उसे खुद की इस हरकत पे शर्म भी आई & हँसी भी.उसे अपनी सुहग्रात याद आ गयी,जब वो पहली बार रवि के साथ हुमबईस्तर हुई थी.वो अब गरम होने लगी थी.

वो वैसी ही नंगी अपने बिस्तर पे लेट गयी,उसका हाथ अभी भी उसकी चूत सहला रहा था & रीमा अपनी सुहग्रात की यादों मे खो गयी.रवि के दोस्तो ने उन दोनो के लिए लोनवाला के 1 होटेल मे 5 दीनो के लिए कमरा बुक करा दिया था & कोर्ट मे शादी करते ही दोनो वाहा के लिए निकल पड़े & शाम ढले पहुँच गये.

रवि तो टॅक्सी मे ही बेसबरा हुआ जा रहा था.पूरे रास्ते उसने रीमा को अपने से सताए रखा & हर थोड़ी देर पे चूम लेता.रीमा को टॅक्सी ड्राइवर की मौजूदगी मे शर्म आ रही थी & वो रवि को रोक रही था पर वो कहा सुनने वाला था.उसकी हर्कतो से वो भी थोड़ा मस्त हो गयी थी.

होटेल के कमरे मे पहुँचते ही रवि ने उसे बाहो मे भर लिया & लगा चूमने.रीमा ने भी उसके गले मे बाहें डाल दी & उसकी किस का जवाब देने लगी.दोनो काफ़ी देर तक 1 दूसरे के होंठो के चूमते हुए 1 दूसरे की जीभ से खेलते रहे.रवि ने उसके होटो को छ्चोड़ उसकी गर्दन का रुख़ किया & पागलो की तरह चूमने लगा.

"ऊओ...रवि....इतने बेसबरा क्यू हो रहे हो?मैं कही भागी थोड़े जा रही हू...आहह...!

"अब मुझ से सब्र नही हो सकता,मेरी जान!",रवि उसे लिए-दिए बिस्तर पे गिर गया.दोनो हंसते हुए बिस्तर पे लेटे फिर एक दूसरे के होटो का रस चखने लगे.रीमा चित लेटी थी & रवि उसके उपर झुका उसे चूम रहा था.

रवि उसके होटो को छ्चोड़ थोड़ी देर तक उसके चेहरे को चूमता रहा,उसने उसके कानो के झुमके हटा उनपे हल्के से काट लिया तो रीमा की मज़े से आह निकल गयी.उसकी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी.अब रवि उसकी गर्दन चूम रहा था & उसके सीने से उसका आँचल हटा रहा था.रीमा की धड़कने तेज़ हो गयी.उसने अभी तक रवि को चूमने से ज़्यादा कुच्छ नही करने दिया था.शादी से पहले 1 बार रवि जोश मे उसकी छाती दबा बैठा था वो बहुत नाराज़ हो गयी थी.ऐसा नही था की उसे अच्छा नही लगा था पर वो इस के लिए तैय्यार नही थी.उसे मनाने मे रवि को 4 दिन लग गये थे.

पर आज की बात और थी,आज तो वो खुद अपने आशिक़ की बाहो मे पिघल कर उसके जिस्म को अपने जिस्म मे खोने देना चाहती थी.रवि उसका आँचल सरका उसके क्लीवेज को चूम रहा था,उसकी पलके मूंद गयी & वो आहें भरने लगी.रवि ने चूमते हुए उसके ब्लाउस के हुक्स खोल दिए,अब उसके सामने लाल रंग के लेस ब्रा मे क़ैद उसकी छातिया उसकी तेज़ सांसो की वजह से उपर नीचे हो रहा था.

रवि ब्रा के उपर से ही उन्हे चूमने लगा & चूमते हुए नीचे उसके पेट पे आ गया.उसकी ज़ुबान उसके चिकने पेट पे से फिसलती उसकी नाभि पे आ गयी & उसकी गहराई नापने लगी.रीमा पागल हो गयी & रवि के बालो को कस के पकड़ लिया & अपनी जांघे रगड़ने लगी.उसकी चूत पानी छ्चोड़ रही थी.आज जैसा उसे पहले कभी भी महसूस नही हुआ था.शादी से पहले जब भी वो रवि से मिलती तो दोनो 1 दूसरे को बाहों मे भर बहुत किस्सिंग करते & हुमेशा उसकी चूत गीली हो जाती थी.पिच्छले कुच्छ महीनो से रात को सोने से पहले वो अपनी चूत को अपनी उंगली से शांत करने लगी थी पर उसे आज जैसा एहसास कभी नही हुआ था.

raj..
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Re: खिलोना

Unread post by raj.. » 22 Oct 2014 08:24

रवि उसकी नाभि चूमते हुए 1 हाथ से सारी के उपर से ही उसकी जांघे सहला रहा था.सहलाते हुए उसका हाथ उसके पैरो तक चला गया & उसकी सारी उठाने की कोशिश करने लगा तो रीमा उठा बैठी & उसका हाथ वाहा से हटाने लगी,"..नही...प्लीज़..रवि.."

रवि ने उठा कर बैठे हुए ही उसे गले से लगा लिया & उसके गालो को चूमने लगा,"ओह्ह...रीमा..मुझे तो यकीन ही नही हो रहा की तुम मेरी हो गयी हो.",रवि ने उसकी कमर पे हाथ फिरते हुए उसके ढीले ब्लाउस मे हाथ घुसा दिया & पीठ पे फेरने लगा.

जवाब मे रीमा उसके होटो को चूमने लगी.रवि ने चूमते हुए ही उसका ब्लाउस उतार दिया & उसे अपने सीने से भींच कर उसके गले को चूमने लगा.रीमा को चूत मे अजीब सा लग रहा था,उसका दिल जैसे भर आया था,वो बेचैनी मे अपनी जाँघो मे अपनी चूत को भींच रही थी.रवि ने उसके ब्रा स्ट्रॅप्स उसके कंधो से सरका दिए और उसके कंधो को चूमने लगा,फिर उसने ब्रा स्ट्रॅप्स को उसके हाथो से भी निकाल दिया. अब ऐसा लग रहा था जैसे रीमा स्ट्रेप्लेस्स ब्रा पहने हो.

दोनो 1 दूसरे से लिपटे हुए पागलो की तरह 1 दूसरे को चूमने लगे,रवि उसकी पीठ पे तेज़ी से हाथ फेर रहा था & फेरते हुए उसने उसके ब्रा के हुक्स खोल दिए.अब ब्रा दोनो के जिस्मो के बीच रीमा की चुचियाँ ढँके बस अटका हुआ था.

"इसे हटा दू?.",रवि ने उसकी थोड़ी चूम ली.

"ना."

"क्यू?"

"बस ऐसे ही."

"मैं तो हताउन्गा."

रीमा ने शर्म से आँखे बंद कर ली,ये पहला मौका था जब वो किसी मर्द के सामने अपनी चूचिया नंगी कर रही थी.रवि ने उसे अपने से थोड़ा दूर किया तो ब्रा नीचे उनकी गोद मे गिर गया,रवि ने उसे उठा कर उच्छाल दिया.

"ओह्ह..रीमा मैने जैसा सोचा था ये तो उस से भी कही ज़्यादा खूबसूरत हैं.",रवि उसके सीने पे झुक गया & 1 चूची को अपने मुँह मे भर लिया.रीमा के बदन मे करेंट दौड़ गया,साथ ही अपनी तारीफ सुन उसे बहुत अच्छा लगा.उसका बदन जैसे टूट रहा था,वो बिस्तर पे लेट गयी तो रवि इतमीनान से उसकी चूचिया चूसने लगा.उसने जी भर कर उन्हे अपने हाथो से सहालाया,दबाया & मसला & अपने होटो से उसके निपल्स को चूसा.

जब उसने उसके 1 निपल को अपनी उंगलियो मे मसलकर दूसरे को मुँह मे भर कर ज़ोर से चूसा तो रीमा की चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.वो अपने हाथो पहले भी झड़ी थी पर आज जैसा उसने कभी महसूस नही किया था.उसने रवि का सर अपने सीने से अलग किया & करवट ले सूबकने लगी.रवि ने अपनी शर्ट उतारी & पीछे से उस से आ लगा & उसकी बाहें सहलाता उसके बाल चूमने लगा.

रीमा शांत हुई तो वो खुद ही घूम कर उसकी बाहों मे आ गयी & उसके सीने पे सर रख दिया.रवि ने 1 बाँह से उसे घेर उसके बालों मे उंगलिया फिराने लगा & दूसरे से उसकी कमर.रीमा उसके सीने पे हल्के-2 चूम रही थी.रवि ने उसके सर को अपने हाथ से अपने निपल की तरफ किया तो वो उसका इशारा समझ गयी.वो उठ कर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराइ & फिर झुक कर उसके सीने पे चूमते हुए उसके निप्प्लेस्को वैसे ही चूसने लगी जैसे थोड़ी देर पहले रवि ने उसके निपल्स को चूसा था.

रवि जोश मे उसके सर को अपने सीने पे दबाने लगा.रीमा थोड़ी देर तक उसके निपल्स से खेलती रही,फिर चूमते हुए नीचे उसके पेट पे आ गयी,थोडा और नीचे हुई तो रवि ने कहा,"मेरी पॅंट खोल दो."

"धात.",रीमा ने शर्मा कर उपर आ उसके सीने पे अपनी भारी चूचिया दबा उसकी गर्दन मे अपना मुँह च्छूपा लिया.

"ना अपने कपड़े खुद खोलती हो ना मेरे,सारे काम मैं ही करूँगा क्या!",वो हाथ नीचे ले जा कर सारी के उपर से ही उसकी मस्त गंद सहलाने लगा.रीमा उसकी इस हरकत से कसमसने लगी.

"हा,ऐसे गंदे काम तुम ही करो."

"ये गंदे काम हैं?तो अभी थोड़ी देर पहले इतना मज़ा किसे आया था,मुझे?",रीमा ने बनावटी गुस्से से उठ कर उसकी छाती पे 1 मुक्का लगाया.ऐसा करने से उसकी चूचिया रवि की नज़रो के सामने आ गयी थी.उसने उसे बाहो मे भर पलट कर अपने नीचे ले लिया & उसकी चूचियाँ चूमने,चूसने लगा.रीमा फिर से मस्ती के सागर मे डूबने लगी.

रवि उठा & उसने अपनी पॅंट उतार दी.रीमा ने अधखुली आँखो से देखा तो पाया कि रवि केवल अंडरवेर मे उसके सामने था & अंडरवेर बहुत फूला हुआ था.उसने शर्म से आँखे बंद कर ली.रवि झुक कर उसके पैरो को चूमने लगा तो रीमा उसका इरादा भाँप गयी,वो फिर खुद उसे रोकने ही वाली थी की रवि ने 1 झटके मे उसकी सारी उसकी कमर तक उठा दी.

"हाई राम!ये क्या कर रहे हो?",रीमा उठा कर अपनी सारी नीचे करने लगी तो रवि ने उसके हाथ पकड़ कर उसे नीचे लिटा दिया & उसके 1 हाथ को अपने होटो से लगा लिया,फिर उसने उसकी कलईओं से चूड़िया उतार दी & 1-1 करके उसकी दोनो बाहो को चूमा.रीमा और मस्त हो गयी.

रवि उठा & उसकी कमर मे हाथ डाल उसकी सारी &पेटिकोट निकालने लगा.रीमा ने उसे रोकने की नाकाम कोशिश की.थोड़ी ही देर मे वो केवल लाल रंग के लेस पॅंटी मे रवि के सामने थी.रवि ने देखा की उसकी पॅंटी पे 1 गोल धब्बा पड़ा हुआ है & वो उसकी चूत से चिपकी हुई सी है.उसने झुक कर हल्के से उस धब्बे पेचुमा तो रीमा सिहर गयी.रवि नीचे गया & उसके पैरो को चूमता,सहलाता उपर आने लगा.

उसके घुटनो तक पहुँचते ही उसकी किस्सस बड़ी गहरी हो गयी & जाँघो तक पहुँचते ही तो वो किस्सस नही रह गयी बल्कि चूसा हो गयी.वो उसकी भारी जाँघो को इतनी ज़ोर से चूम रहा था कि उनपर निशान छूटने लगे.रीमा इस जोश से बेचैन हो उसकी गिरफ़्त से छूटने के लिए करवट लेने लगी तो उसने उसे पेट के बल लिटा दिया & उसकी पीठ चूमते हुए नीचे उसकी कमर पे आ गया.

कमरे मे रीमा की आँहे तेज़ हो गयी.रवि ने अपने अंगूठे उसकी दोनो तरफ पॅंटी के वेस्ट बंद मे फँसाए & उसे नीचे उतार दिया.उसकी मस्त कसी गांद उसके सामने थी.वो उसपे टूट पड़ा.उसने जम के उसकी गंद की फांको चाता & चूमा & फिर रीमा को पलट उसकी चूत को अपने सामने कर लिया.

रीमा की साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी.रवि ने उसकी जांघे फैलाई & अपने होठ उसकी गीली चूत पे रख दिए तो रीमा का बदन सनसना उठा.रवि अपनी जीभ से उसकी चूत से बहता रस चाटने लगा & उसकी चूत की गहराइयाँ नापने लगा.रीमा की कमर अपने-आप हिलने लगी & उसने अपने हाथों से रवि का सर पकड़ उसे अपनी चूत पे और दबा दिया.रवि ने उसकी जंघे अपने कंधो पे चढ़ा दी तो वो उसकेसर को अपनी जाँघो मे भींचने लगी.रवि के हाथ उपर चले गये & उसकी छातियो का मज़ा लेने लगे.

पता नही रीमा कितनी बार झड़ी.जब उसे थोड़ा होश आया तो उसने अपनी पलके खोली तो देखा की रवि अपना अंडरवेर उतार रहा है.वो उसकी टांगे फैला उनके बीच अपने घुटनो पे बैठ गया.उसका 5 1/2 इंच लंबा लंड उसके सामने था.रीमा उस से अपनी नज़रे हटा नही पा रही थी.लंड के मत्थे पे कुच्छ पानी सा चमक रहा था.रवि ने उसकी पॅंटी उठाई & उस से उस पानी को सॉफ कर दिया.फिर उसने 1 पॅकेट खोल 1 कॉंडम निकाला & उसे अपने लंड पे चढ़ा लिया.

रीमा को थोडा डर भी लग रहा था पर उसे इसका इंतेज़ार भी था.आज उसका आशिक़ जिसपे वो जान छिदक्ति थी उसका कुँवारापन ख़त्म कर उसे कली से फूल बनाने वाला था.रवि ने पहले 1 कुशन उसकी गंद के नीचे लगाया,फिर उसके घुटने मोड & अपने घुटनो पे बैठे हुए ही उसकी चूत पे लंड रख धक्का लगाया पर लंड अंदर नही गया.रीमा की चूत बहुत टाइट थी.रवि ने 1 हाथ की उंगलियो से उसकी चूत की दरार को फैलाया & फिर दुसररे हाथ से लंड पकड़ उसे अंदर ठेला,इस बार लंड 1 इंच तक अंदर चला गया.

अब रवि उसके घुटने पकड़ धक्के मार लंड & अंदर डालने की कोशिश करने लगा पर जैसे चूत के अंदर उसके लंड को कुच्छ रोक रहा था.

"आह...रवि...रुक जाओ..इसे बाहर निकाल लो मुझे दर्द हो रहा है."

"अभी ठीक हो जाएगा,रीमा.घबराओ मत.बस थोड़ी देर की बात है.",इस बार रवि ने इतनी ज़ोर का धक्का मारा की लंड जड़ तक उसकी चूत मे समा गया & वो दर्द से चिल्ला पड़ी,"एयेए....अहह.......ना...ह्हियी..!",उसका बदन कमान की तरह मूड गया & चेहरे पे दर्द की लकीरे खींच गयी & आँख से आँसू निकल पड़े.

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